विवेक जैन—समीक्षा न्यूज
- चर्च में ईसाई समुदाय द्वारा विश्व कल्याण के साथ-साथ देश की समृद्धि, उन्नति और देशवासियों के अच्छे जीवन के लिए की गयी प्रार्थना
- हर्ष, निशांत, विनीत, एकता, वंदना, एलिन, एलन, अर्पण द्वारा ईसा मसीह के जीवन पर आधारित नाटक का किया गया सुन्दर मंचन
बागपत। बागपत के प्रसिद्ध चर्चो में शुमार सेंट जोसफ चर्च ललियाना में गुड़ फ्राइडे पर विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। फादर जेवियर ने चर्च में विशेष प्रार्थना करायी और विश्व कल्याण के साथ-साथ देश की समृद्धि, उन्नति और देशवासियों के अच्छे जीवन के लिए प्रार्थना की। गुड़ फ्राइडे पर हर्ष, निशांत, विनीत, एकता, वंदना, एलिन, एलन, अर्पण आदि बच्चों द्वारा यीशु मसीह के जीवन पर आधारित प्रेरणादायी नाटक का सुन्दर मंचन किया गया। गुड़ फ्राइडे पर प्रकाश डालते हुए ईसाई अनुयायी बिजेन्द्र ने बताया कि गुड़ फ्राइडे ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है। बताया कि यहूदी शासकों ने बेगुनाह प्रभु ईसा मसीह पर झूठे आरोप लगाकर उनको दिल दहला देने वाली तमाम शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी। जब इन यातनाओं से भी वे प्रभु यीशु मसीह को नही डिगा पाये तब उन्होने उनको क्रास सूली पर चढ़ा दिया। बताया कि क्रास सूली उस समय प्रचलित एक ऐसी व्यवस्था थी, जिसमें अपराध करने वाले व्यक्ति को एक क्रास के आकार के बने लकड़ी के तख्ते पर लटकाया जाता था और लकड़ी के उस क्रास पर अपराध करने वाले व्यक्ति के शरीर को रोकने के लिए अपराध करने वाले व्यक्ति की दोनो हथेलियों व पैरो के बीच से बड़ी कीलों को ठोका जाता था, जिसकी पीड़ा असहनीय होती थी और उस सूली पर बिना भोजन व पानी के अपराध करने वाला व्यक्ति उस समय तक लटका रहता था जब तक कि उसके प्राण ना निकल जाये। बताया कि जिस दिन प्रभु ईसा मसीह को क्रास पर चढाया गया था, उस दिन शुक्रवार था। इसी कारण ईसाई समुदाय द्वारा इस दिन को गुड़ फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है। कहा कि यह दिन ईसाईयों के लिए इस कारण बहुत महत्वपूर्ण है कि ईसा मसीह ने मानव जाति के उद्धार के लिए अपना जीवन हंसते-हंसते कुर्बान कर दिया था। सूली पर लटकाने के बाद जिस समय उनके प्राण निकल रहे थे, उस समय भी उन्होने किसी के लिए कुछ बुरा नही कहा और परमपिता परमेश्वर से सूली पर लटकाने वालो को भी माफ करने की प्रार्थना की, जो उनकी दिव्यता, महानता और महान व्यक्तित्व को बताने के लिए पर्याप्त है। बताया कि गुड़ फ्राईडे के दिन हम प्रभु ईसा मसीह को याद करते है, उनके द्वारा विश्वकल्याण के लिए दी गयी शिक्षा का प्रचार-प्रसार करते है और उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए लोगो को जागरूक करते है। इस अवसर पर सिस्टर गीतांजली, सिस्टर लता, सिस्टर दिव्या, विनोद, बिजेन्द्र, प्रदीप सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।
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