धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। जनपद कृषि विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई जिसमें जिला कृषि रक्षा अधिकारी विकास कुमार ने किसान भाइयों से कहा कि धान में बकैनी रोग यह रोग मुख्यता बीज तथा भूमि के माध्यम से फैलता है जिसके लिये पूर्व में ही नर्सरी में इसका उपचार किया जाता है नर्सरी में कार्बन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू०पी० का 2 प्रतिशत का घोल बनाकर नर्सरी में छिड़काव किया जाना चाहिए पोध रोपण करते समय भी कार्बन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू०पी० का 2 प्रतिशत के घोल में पौधे की जड़ो को 20-25 मिनट डुबोना चाहिए उसके बाद सफाई करनी चाहिए यदि खड़ी फसल में बकैनी रोग के लक्ष्ण दिखाई दे तो उस पौधे को उखाड़कर खेत से बाहर जमीन में गढडा बनाकर दबा देना इस रोग से मुक्ति का मात्र उपाय है। धान में तना छेदक एवं पत्ती लपेटक कीट का प्रकोप वर्तमान में तना छेदक कीट की सून्डी धान के पौधे की मुख्य गोम के तने में छिद्र कर उसमें घुस जाती है तथा तने को खाकर नष्ट कर देती है, जिससे मुख्य गोम सुख जाता है इस अवस्था को डैड हर्ट कहा जाता है इसके अलावा एक कीट पत्ती लपेटक भी देखा जा रहा है जिसकी सुडी पत्ती के दोनो किनारों के अन्दर घुस जाती है तथा एक आवरण सा बना देती है जिसमें रहकर सुडीं पत्ती को नष्ट कर देती है। उपरोक्त दोनो कीटों के उपचार हेतु निम्नलिखित रसायन में से किसी एक का प्रयोग प्रति० है० बुरूकाव अथवा 500-600 लीटर पानी में घोल कर छिडकाव करें इसके अतिरिक्त किसान भाई 9452247111 अथवा 9452257111 वाटसएप पर भी अपनी समस्या को लिखकर भेजे देगे तो समाधान हो जायेगा।
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