अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान ने किया सामूहिक योग,मनाया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव




श्रीकृष्ण के योग को अपना कर आप स्वस्थ रह सकते हैं-दयानंद शर्मा

श्रीकृष्ण ने अन्याय कारियों का दमन कर-कराकर साधुओं व सज्जनों की रक्षा की-गीता गर्ग

जातिवाद के बंधनों को तोड़कर सर्व समाज को एकता के सूत्र में पिरो कर देश हित के कार्य करने की आवश्यकता- केके अरोड़ा

गाज़ियाबाद। अखिल भारतीय ध्यान योग संस्थान एवं श्रीराम वाटिका, द्वितीय एफ बलॉक,नेहरू नगर की योग कक्षा के संयुक्त तत्वावधान में सामूहिक योग एवं श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।

संस्थान के महामंत्री दयानन्द शर्मा ने ओ३म् की ध्वनि व गायत्री मंत्र से तथा ट्रस्टियों ने दीप प्रज्वलित कर सत्र को प्रारंभ किया।दयानंद शर्मा ने बताया कि महाभारत के समय कुरुक्षेत्र के युद्ध में अर्जुन का मोह दूर करने हेतु श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया जिसके 18 अध्यायों में 700 श्लोक हैं,उन्होंने कहा श्रीकृष्ण के योग को अपना कर आप स्वस्थ रह सकते हैं।आत्मा परमात्मा का मिलन योग है,जो गृहस्थी अपने कर्तव्य कर्मों को बिना आसक्ति के करता है वह भी योगी और सन्यासी की तरह हो जाता है।उन्होंने गीता अध्यन की प्रेरणा की।

योगी हरिओम ने साधकों को हाथों पैरों के सूक्ष्म व्यायाम, विरेचन क्रिया,आर्ट ऑफ लिविंग भस्रिका का अभ्यास कराया।

योग शिक्षक प्रदीप त्यागी ने ज्ञान मुद्रा में बैठाकर प्राणायाम,कपाल शोधन,अनुलोम विलोम एवं भ्रामरी का अभ्यास लाभों की चर्चा करते हुए कराया।

उपाध्यक्ष अशोक शास्त्री ने ट्रैक्टर चालन एवं बंबइया हंसी का अभ्यास करा कर माहोल खुशनुमा कर दिया।

गायक वयोवृद्ध योगी मदन किशोर गोयल,ललित अरोड़ा, प्रदीप गुप्ता,कृष्णा गर्ग ने श्रीकृष्ण गौरव गाथा को गीतों के माध्यम से योगी राज के गुणों का वर्णन करते हुए श्रद्धालुओं का मार्ग दर्शन किया।

श्रीमती जिया मित्तल आदि ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत की।दीपा, मीनू ग्रुप ने एक भजन पर किया नृत्य एवं वीना निश्चल ग्रुप के डांडिया प्रोग्राम का प्रस्तुति करण आकर्षण का केन्द्र रहे।

संयोजिका गीता गर्ग ने कहा कि श्री कृष्ण योगेश्वर थे,महावीर, सुदर्शनचक्रधारी थे।वह ऋषियो व योगियों के अनुगामी थे। पूज्यों की पूजा व अपूज्यों की अवहेलना व उपेक्षा के साथ उनको दण्डित करते थे। अन्यायकारियों के लिए वह साक्षात काल थे।उन्होंने अपना सारा जीवन वेद धर्म का पालन करके व्यतीत किया।आज से लगभाग पांच हजार से कुछ अधिक वर्ष पूर्व उनका जन्म भारत की मथुरा नगरी में पिता वसुदेव व माता देवकी की कोख से हुआ था।महाभारत युद्ध में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। अनेक धर्म विरोधी व अन्याय कारियों का दमन कर-कराकर उन्होंने साधुओं व सज्जनों की रक्षा की।उनके बताये मार्ग पर चलने से ही देश की सनातन धर्मी जनता दुःख-दरिद्रता से राहत पा सकती है।

संस्थान के अध्यक्ष केके अरोड़ा ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज समाज को श्रीकृष्ण जी के जीवन चरित्र को जानकर उनके गुण, कर्म,स्वभाव को अपनी जीवन शैली में उतारने की आवश्यकता है।उन्होंने श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन करते हुए समाज से आह्वान किया कि हमें भी ऊंच-नीच,छूत-अछूत,अमीरी - गरीबी व जाति वाद के बंधनों को तोड़कर सर्व समाज को एकता के सूत्र में पिरो कर देश हित के कार्य करने की आवश्यकता है।

मुख्य अतिथि के रूप में पधारे बीएलजे हाई स्कूल के प्रबंध निदेशक डा प्रमोद सक्सेना ने श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की एवं सुन्दर आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी।

विशेष आमंत्रित योगी प्रवीण आर्य ने कहा कि श्रीकृष्ण गोपालक थे अतः हमें भी गौसंवर्धन करना चाहिए उन्होंने गौ दुग्ध गौ घृत के लाभों की जानकारी देते हुए दैनिक जीवन में उपयोग में लाने पर बल दिया, इससे भी गौसंवर्धन होगा।

इस अवसर पर मुख्य रूप से श्रीमती वीना वोहरा,अनिता गोयल,नेहा वर्मा,रेखा गुलाटी,नर्मदा गर्ग ,संगीता शर्मा,अनीता अग्रवाल, शिवानी गोयल,मंजू गोयल एवं मनमोहन वोहरा,सतीश गर्ग, चरण कुमार जी आदि अपनी टीम के साथ मौजूद रहे।

योग शिक्षिका पूजा निश्चल एवं साथियों ने आरती एवं प्रसाद वितरणकर सत्र को सम्पन्न किया।

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