गाजियाबाद। आर्य समाज मन्दिर,नया गंज, गाजियाबाद के तत्वाधान में आयोजित वेद प्रचार सप्ताह के पांचवें दिवस का कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।आज के यज्ञ के ब्रह्मा वेद मनीषी सरल सौम्यता की प्रतिमूर्ति आचार्य विवेक शास्त्री जी रहे,वेद पाठ उदयवीर आर्य एवं गौरव शास्त्री ने किया और यज्ञमान के पद को श्रीमती एवं श्री राहुल गर्ग जी ने सुशोभित किया।
समारोह का शुभारंभ योगी प्रवीण आर्य ने ईश्वर भक्ति के गीत को सुनाकर किया।
हरियाणा से पधारी सुप्रसिद्ध भजनोपदेशिका कुमारी अंजलि आर्या ने हमारी प्रार्थना कैसे हो पर विचार रखते हुए मनोरम गीत "तेरा जीवन सारा बीत गया, तुझसे मनाया नहीं मीत गया" आदि साज बाज पर सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।
आचार्य विवेक आर्य ने गायत्री मंत्र बोल कर अपने उद्बोधन में कहा की शरीर कर्म करने का साधन है इसके बिना मुक्ति नहीं हो सकती,यह शरीर रूपी नोका ही भवसागर से पार कर सकती है,छीद्र वाली अर्थात बुराइयों युक्त शरीर वाली नोका डुबो देती है।वेद का ज्ञान देकर प्रभु ने मानव पर कृपा की है जिसमे पृथ्वी से लेकर परमात्मा को जानने पर व्यक्ति ऋषि कहलाता है,यम नियम के पालन का अभ्यास आपके जीवन में आ जाये तो वैर भाव नहीं रहता तो वह योगी की श्रेणी में आ जाता है। विद्वान आचार्य ने बताया की वाणी ज्ञान से बड़ी है,वाणी सुख का आधार है,इसकी शोभा अच्छा बोलने से है,वाणी अमूल्य है इसलिये वाणी की कठोरता को त्याग दो,इस पर नियंत्रण जिसने कर लिया योगी की श्रेणी में वह भी आ गया 'तुलसी मीठे वचन से सुख उपजत चहुं ओर' सत्य बोलने, झूठ छोड़ने,मीठा बोलने से आप आनंदित रह सकते हैं।मैत्री, करुणा,मुदिता व उपेक्षा पर विस्तृत चर्चा करते हुये कहा सज्जनों का संग सत्संग है।
मंच का कुशल संचालन यशस्वी मंन्त्री तेजपाल आर्य ने किया।उन्होंने दूर दूर से पधारे आगंतुकों का हृदय से आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री सेवा राम त्यागी, बबली कसाना, रवि दत्त शास्त्री भदोली, सुभाष चन्द आर्य हाथरस, महाशय कर्म सिंह सिरोड़ा, राजेश्वर शास्त्री, भुवनेश्वर दत्त शर्मा, श्रीपाल आर्य एवं श्रीमती सीमा आर्या रोजड़, वंदना चौधरी आदि उपस्थित रहे। शांति पाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
Comments
Post a Comment