Tuesday, 25 June 2024

जीवांश का प्रतिशत गिरने से बचाने हेतू ढैंचा फसल को फसल चक्र में समायोजित करना आवश्यक



मेरठ/गाजियाबाद। चौधरी चरण सिंह विश्वविधालय, मेरठ के नेताजी सुभाषचन्द्र बोस सभागार में आयोजित मण्डल स्तरीय गोष्ठी के शुभ अवसर पर माननीय कृषि मंत्री श्री सूर्यप्रताप शाही एवं कृषि उत्पादन आयुक्त महोदय द्वारा की गयी घोषणा की जानकारी के आधार पर ढैंचा बीज उत्पादन कार्यक्रम की योजना का सम्पादन उ०प्र०बीज विकास निगम द्वारा प्रदेश स्तर पर प्रत्येक जनपद में किया जायेगा, जिसके लिये कृषक हित में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। कृषि उत्पादन आयुक्त महोदय द्वारा ढैंचा फसल की महत्ता पर विस्तार से तकनीकी जानकारी देते हुये बताया कि लम्बे समय से लगातार भूमि में फसलों के उत्पादन से मृदा में उपलब्ध कार्बनिक एवं अकार्बनिक तत्वों की कमी होती जा रही है, जिससे प्रदेश में कृषि भूमि में जीवांश का प्रतिशत तेज गति से गिरता जा रहा है जिसकी क्षति पूर्ति हेतू ढैंचा फसल को फसल चक्र में समायोजित करते हुये ढैंचा की बुवाई करना अति आवश्यक है। कम्पोस्ट एवं जैविक खाद की उपलब्धता सीमित होने के कारण हरी खाद का प्रयोग मृदा में वृहद स्तर पर किया जा सकता है। हरी खाद की महत्ता को दृष्टिगत रखते हुऐ प्रदेश में योजना संचालित की जा रही है ढैंचा फसल बीज उत्पादन हेतु 12-15 कि०ग्रा० बीज की बुवाई हेतू आवश्यकता होगी तथा बीज की व्यवस्था सम्बन्धित द्वारा स्वयं की जायेगी। इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिये बीज विकास निगम के परियोजना कार्यालय, मेरठ में 15 जुलाई तक निःशुल्क पंजीयन कराना आवश्यक है, खरीफ 2024 में उत्पादित होने वाले ढैंचा असंसाधित बीज की क्रय दर निगम द्वारा रु० 4500.00 प्रति कु० निर्धारित की गई है। सम्बन्धित बीज उत्पादक, उ०प्र०बीज विकास निगम के निकटतम बीज विधायन संयंत्र बुलन्दशहर / मुजफ्फरनगर / मेरठ पर अपने उत्पादित ढैंचा बीज का अन्तःग्रहण (इन्टेक) करा सकते हैं।

कृषक उत्पादक संगठन, एग्री जंक्शन, कृषि विश्वविधालय, के०वी० के० आदि से सत्यापित ढैंचा बीज उत्पादन कर एम०ओ०यू० उ०प्र० बीज विकास निगम से कराया जायेगा। कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले कृषक/ संस्था अधिक जानकारी हेतु परियोजना अधिकारी उ०प्र०बीज विकास निगम मेरठ, मो० 6392751275 पर सम्पर्क कर सकते है।

(के पी एस गहलौत) परियोजना अधिकारी मेरठ

No comments:

Post a Comment