Wednesday, 26 June 2024

आज प्रौद्योगिक हमारे जीवन एक अभिन्न अंग; तकनीक और नवाचार जीवन को बदलने का प्रभावी मार्ग - उपराष्ट्रपति



उपराष्ट्रपति ने ग्रीन उर्जा के के क्षेत्र में बैटरी और चार्जिंग तकनीक पर शोध पर बल दिया

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद, गाज़ियाबाद में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के स्वर्ण जयंती समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, अतिविशिष्ट अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.जितेन्द्र सिंह, विशिष्ट अतिथि श्री सुनील कुमार शर्मा कैबिनेट मंत्री, उत्तर प्रदेश, सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ.कलाइसेल्वी रहे। 

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड का सीईएल के सीएमडी श्री चेतन प्रकाश जैन एवं उनके मुख्य सहयोगी, अतिथियों सहित पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद श्री अजय कुमार मिश्र, जिलाधिकारी श्री इन्द्र विक्रम सिंह द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम के दौरान माननीय मुख्य अतिथि द्वारा सीईएल की स्वर्ण जयंती समारोह पर प्रतीक चिन्ह एवं स्वर्ण मंडपम् उद्घाटन, अशोक के पौधे का रोपण व स्वागत समूह चित्र खिचवाया गया। स्वर्ण मंडपम् में पहुंचने के उपरान्त राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ और सभी अतिथियों को सीईएल के सीएमडी श्री चेतन प्रकाश जैन द्वारा सम्मानित करते हुए प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया।

सीईएल के सीएमडी श्री चेतन प्रकाश जैन ने सभी आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए आभार प्रकट किया। इसके उपरान्त उन्होने सीईएल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

केन्द्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.जितेन्द्र सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि सीईएल ने श्री चेतन प्रकाश की अगुवाई में अपने कुछ ही वर्षों में बेहतरीन प्रदर्शन किया हैं, जिसके लिए वे तारीफ के पात्र हैं। कार्यक्रम के दौरान जुबली हॉल का भी उद्घाटन माननीय उपराष्ट्रपति द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान माननीय राष्ट्रपति के नाम 11,86,70,720 रूपये का चैक भी दिया गया।  सीईल के स्वर्ण जयंती समारोह कार्यक्रम का प्रतीक चिन्ह का उद्घाटन ​भी किया गया।

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अपने सम्बोधन में कहा कि 1975 में आपातकाल लागू होने के कारण दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अंधेरे में डूब गया था। आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि वे दिन फिर कभी नहीं देखने को मिलेंगे क्योंकि भारत में लोकतंत्र बहुत मजबूत है और अब गाँव, राज्य और केंद्रीय स्तर पर संवैधानिक रूप से लोकतंत्र सुदृढ़ है।

श्री धनखड़ ने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों की भूमिका की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्हें नए भारत का निर्माता बताया।

सरकार द्वारा कुछ वर्ष पहले घाटे में चलने वाले उपक्रम सीईएल का विनिवेश करने की दिशा में कदम उठाये गये थे। लेकिन हाल ही में सीईएल ने बहुत उत्साहजनक प्रदर्शन करके लाभ अर्जित करने वाली ‘मिनीरत्न’ कंपनी बन गयी। सीईएल को 'मिनीरत्न' का दर्जा दिए जाने की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सीईएल अन्य सभी संस्थानों के लिए एक रोल मॉडल है और इसकी सफलता से प्रेरणा लेकर उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक, आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, सर्वेलांस और निगरानी जैसी तकनीक से बदलते सुरक्षा परिदृश्य को रेखांकित करते हुए, श्री धनखड़ ने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा में सीईएल के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, “सम्पूर्ण प्रौद्योगिकि और तकनीकी उन्नति के केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक्स है। इलेक्ट्रॉनिक्स किसी भी भविष्य के तकनीकी विकास और विस्तार का मूल,आधार बनता है" 

देश मे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए, श्री धनखड़ ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' हासिल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विनिर्माण के लिए स्वदेशी क्षमता निर्माण काफी महत्वपूर्ण है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सीईएल द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा ही भविष्य है। उन्होंने कहा कि, सीईएल के नवाचारों ने स्थायी ऊर्जा समाधानों को आम आदमी के करीब ला दिया है।

जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा माननीयों की सुरक्षा व सुविधानुसार पूर्ण तैयारियां रही, कार्यक्रम सुरक्षित, शांतिपूर्ण, सकुशलता से सम्पन्न हुआ।




































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