जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन)" योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय खरीफ (तिलहन) मेला आयोजित




गाजियाबाद। "प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाईजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ काप रेज्ड्यू" योजनान्तर्गत फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से जनपद स्तरीय कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं "राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन)" योजनान्तर्गत जनपद स्तरीय खरीफ (तिलहन) मेला का आयोजन श्री राजीव त्यागी, ब्लॉक प्रमुख की अध्यक्षता में कार्यालय खण्ड विकास अधिकारी, मुरादनगर के परिसर में किया गया।


सर्वप्रथम श्री राम जतन मिश्र, उप कृषि निदेशक, गाजियाबाद द्वारा फसल अवशेष को जलाने से होने वाले दुष्परिणामों एवं फसल अवशेष को नवीनतम कृषि यन्त्रों के माध्यम से मिट्टी में मिलाने से होने वाले लाभों के प्रति कृषकों को विस्तृत जानकारी दी, साथ ही खरीफ सत्र में तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए जागरूक किया। अवगत कराया कि तिलहनी फसलें कम लागत में उगाई जा सकती है, जिससे कृषकों को अधिक लाभ प्राप्त हो सकता है।


श्री एस०पी० पाण्डेय, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी द्वारा पशुपलान विभाग में चलायी जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी कृषकों को दी गयी। अवगत कराया गया कि इस समय खुरपका एवं मुँहपका के टीकाकरण का कार्य चल रहा है, तथा 1 दिसम्बर 2024 से पशु गणना का कार्य किया जायेगा। विभाग में मुर्गी पालन, बकरी पालन एवं सूकर पालन की योजनाएं संचालित है। जिन पर कृषकों को अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। कृषक अधिक जानकारी के लिये कार्यालय में सम्पर्क कर सकते है।


डा० सी०पी० गुप्ता, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरादनगर द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन पर कृषकों को जानकारी दी गयी तथा कहा गया कि फसल अवशेष जहां से पैदा हो रहे है वहीं पर इनको कृषि यंत्रों के माध्यम से मिट्टी में मिला दिया जाये जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढती है। जहां पर फसल अवशेष को जलाया जाता है वहां कि मिट्टी लाल पड़ जाती है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। कृषकों से अपील की गयी कि वे फसल अवशेष को नवीनतम कृषि यन्त्रों के माध्यम से मिट्टी में मिलाये।


डा० पल्लवी चौधरी, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरादनगर तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी कृषकों को दी। डा० प्रमोद कुमार, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, मुरादनगर द्वारा कृषकों को जैविका खेती के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा की गयी।


श्री राजीव त्यागी, ब्लॉक प्रमुख द्वारा कृषकों से कहा गया कि इस तरह की गोष्ठियों का आयोजन कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से किया जाता है ताकि शासन की मंशा के अनुरूप कृषकों की आय में वृद्धि हो सके। कृषकों को इस तरह के मेले/गोष्ठियों में बढ़चढ़कर प्रतिभाग कर शासन की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर लाभ उठाना चाहिये।


उपरोक्त मेले / जागरूकता कार्यक्रम में जिला अग्रणी प्रबन्धक, केनरा बैंक, खण्ड विकास अधिकारी मुरादनगर, जिला कृषि अधिकारी, गाजियाबाद आदि अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मेले में विभिन्न विभागों द्वारा 14 स्टॉल भी लगाये गये। मेले में लगभग 260 कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। अन्त में जिला कृषि अधिकारी द्वारा सभी अधिकारियों, कर्मचारियों एवं किसानों का धन्यवाद करते हुये गोष्ठी समापन की घोषणा की गयी।

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