चिकित्सक ना रहे अपने कार्यों के प्रति असंवेदनशील, सरकार की मंशानुरूप करें कार्य: जिलाधिकारी श्री इन्द्र विक्रम सिंह
सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भर्ती में कमी, जिलाधिकारी ने की नाराजगी व्यक्त, कहा—
मरीजों की भर्ती, उपचार एवं योजनाओं का लाभ दिये जाने पर दें विशेष ध्यान
गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी महोदय श्री इन्द्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय की बैठक संपन्न हुई, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इसी क्रम में विगत वर्ष की भांति इस वर्ष ओपीडी में संयुक्त चिकित्सालय, लोनी एवं जिला महिला चिकित्सालय की उपलब्धि ऋणात्मक पाई गई। साथ ही जिला महिला चिकित्सालय में पिछले विगत वर्ष के सापेक्ष इस वर्ष 127 आईपीडी कम पाया गया तत्पश्चात औसत ओपीडी प्रति डॉक्टर प्रति दिवस निकालने पर जिला संयुक्त चिकित्सालय की उपलब्धि जनपद में सबसे कम है, जिस पर खेद व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को इसमें आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया। आभा आईडी के संदर्भ में यह देखा गया कि प्राप्त लक्ष्य के सापेक्ष जनपद में 268727 लोगों की आभा आईडी अब तक नहीं बनाई गई है। उक्त के सम्बन्ध में चर्चा की गई तथा आशा के लेवल से पेंडिंग पड़े हुए लाभार्थियों की आभा आईडी बनाने हेतु निर्देशित किया गया। ई संजीवनी की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि इस कार्य में प्रगति कम हुई है जनपद में सरकारी राजकीय चिकित्सालय में लक्ष्य के सापेक्ष सिर्फ 84% संस्थागत प्रसव किए गए। तत्पश्चात नोडल अधिकारी के द्वारा या अवगत कराया गया कि निजी चिकित्सालयों के द्वारा उक्त में रिपोर्टिंग कम की जा रही है। उक्त के संबंध में जिलाधिकारी महोदय द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आदेशित किया गया कि तत्काल समस्त निजी चिकित्सालयों को नोटिस जारी करें और उन्हें प्रतिमाह अपने अस्पताल में हुए संस्थागत प्रसवों का सम्पूर्ण विवरण कार्यालय को उपलब्ध करने हेतु आदेशित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सक अपने कार्यों के प्रति असंवेदनशील ना रहे, सरकार की मंशानुरूप कार्य करें और जन सेवा में भागीदारी निभायें। मातृ मृत्यु समीक्षा के क्रम में यह पाया गया कि अप्रैल से लेकर अब तक 13 मातृ मृत्यु जनपद में संपन्न हुई है इसकी विस्तृत समीक्षा की गई तथा यह आदेश दिए गए इन समस्त मातृ मृत्यु हुई महिला के क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग अपनी सेवाएं देना सुनिश्चित करें।
इसी क्रम में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार नियोजन कार्यक्रम, राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम, टीवी उन्मूलन अभियान, अन्धता निवारण अभियान, कुष्ठ उन्मूलन अभियान, एन.एच.एम से सम्बंधित वितीय व्यय की भी समीक्षा की गयी।
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