जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम संपन्न: राष्ट्र निर्माण में आदिवासी युवाओं की भूमिका पर जोर
डीआईजी नरेंद्र सिंह का युवाओं से संवाद: विकसित भारत के निर्माण में आदिवासी युवाओं की भूमिका पर जोर
गौतमबुद्धनगर। आदिवासी युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदार बनाने के उद्देश्य से आयोजित सात दिवसीय जनजातीय युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का समापन शनिवार को नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन में हुआ। यह कार्यक्रम युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में नेहरू युवा केंद्र, गौतमबुद्धनगर द्वारा गृह मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से आयोजित किया गया था।
समापन समारोह में आईटीबीपी के डीआईजी नरेंद्र सिंह ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी युवा भारत के विकास में एक नई क्रांति ला सकते हैं यदि वे शिक्षा, तकनीकी दक्षता और नेतृत्व कौशल को अपनाएं। उन्होंने महिला सशक्तिकरण के महत्व को समझाते हुए कहा कि सावित्री बाई फुले जैसी महान विभूतियों ने समाज में बदलाव की नींव रखी और आज के युवाओं को उसी विचारधारा के साथ आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए बताया कि उन्होंने महिला नेतृत्व और समाज सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसे आज के युवाओं को प्रेरणा के रूप में अपनाना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान जनजातीय समाज के नायकों की विरासत पर गर्व करने का संदेश भी दिया गया। बिरसा मुंडा के संघर्षों का उदाहरण देते हुए डीआईजी नरेंद्र सिंह ने कहा कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को पहचानकर ही हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ सकते हैं। उन्होंने युवाओं से निरंतर सीखने और व्यक्तिगत विकास पर ध्यान देने का आग्रह किया। इसके अलावा, उन्होंने आईटीबीपी द्वारा छत्तीसगढ़ और अन्य आदिवासी क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्यों का उदाहरण देते हुए युवाओं से मुख्यधारा में शामिल होने और शिक्षा को प्राथमिकता देने की अपील की।
इस अवसर पर नेहरू युवा केंद्र, गौतमबुद्धनगर की जिला युवा अधिकारी स्निग्धा सिंह ने भारत सरकार द्वारा युवाओं के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने माय भारत पोर्टल, विकसित भारत यूथ पार्लियामेंट, डिजिटल कृषि मिशन जैसे अभियानों में युवाओं की भूमिका और उनके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि युवा न केवल इन अभियानों में भाग लें, बल्कि अपने समुदायों में इन पहल को आगे भी बढ़ाएं।
कार्यक्रम में द्रोणाचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन की एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. ममता भारद्वाज ने राष्ट्र निर्माण में युवाओं की सहभागिता पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि देश के विकास में जनजातीय युवाओं की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है और उन्हें अपनी नेतृत्व क्षमताओं को पहचानकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आगे आना चाहिए। युवाओं के साथ संवाद में उन्होंने सवाल-जवाब सत्र के माध्यम से उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया और उन्हें नए अवसरों और संभावनाओं की जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड से सम्मानित अमन कुमार ने अपने सामाजिक कार्यों के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि युवा शक्ति किस प्रकार समाज में बदलाव लाने की क्षमता रखती है और किस तरह से छोटे-छोटे प्रयासों से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं। उन्होंने युवाओं को अपने क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए आगे बढ़ने और नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान युवाओं ने स्वच्छ भारत अभियान की शपथ ली और स्वच्छता अभियान का संचालन किया। इस अभियान का उद्देश्य न केवल पर्यावरण की सफाई, बल्कि विचारों और कार्यों की शुद्धता पर भी बल देना था। इसके साथ ही, युवाओं ने माय भारत पोर्टल की जागरूकता बढ़ाने के लिए मानव श्रृंखला का आयोजन किया, जिससे डिजिटल सहभागिता को बढ़ावा मिला।
समापन समारोह में प्रतिभागी युवाओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही, तालिब, प्रकाश तिवारी, लक्ष्मी और रुकसार जैसे सक्रिय स्वयंसेवकों को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर नोएडा कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन के अध्यक्ष सुशील राजपूत, प्रधानाचार्य आशुतोष राय सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एसीटी फरमूद अख्तर ने किया।
इस पूरे आयोजन ने जनजातीय युवाओं को नई दिशा देने, उन्हें सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम केवल एक आयोजन नहीं था, बल्कि युवाओं के जीवन में एक नई ऊर्जा, नए अवसर और नए दृष्टिकोण का संचार करने का मंच बना।
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