Friday 30 August 2019

नोएडा अपनी मांगों को लेकर सड़क पर उतरी रेहड़ी पटरी वालों ने किया चक्का जाम


गौतमबुध नगर। नोएडा अथॉरिटी की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों की संख्या में रेहड़ी पटरी वालो ने अथॉरिटी पर हल्ला बोला है. प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है.
नोएडा में सेक्टर 6 अथॉरिटी के कार्यालय में शहर के रेहड़ी-पटरीवालो ने चक्का जाम कर दिया. सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रदर्शनकारियों ने न्याय की गुहार लगाई है. रेहड़ी पटरी वालो का अथॉरिटी पर हल्ला बोलनोएडा अथॉरिटी की कार्रवाई के विरोध में सैकड़ों की संख्या में रेहड़ी पटरी वालो ने अथॉरिटी पर हल्ला बोला है.प्रदर्शनकारियों की मांग
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी रेहड़ी पटरी वालो को लगातार उजाड़ रही है. उनके रोजगार पर हमला बोला जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि अथॉरिटी जब तक वेंडिंग जोन की व्यवस्था न कर ले तब तक रेहड़ी पटरी वालो को उजाड़ने का काम बंद किया जाए.कांग्रेस का मिला साथ
रेहड़ी पटरी एसोसिएशन को कई निजी संगठन और कांग्रेस पार्टी का साथ मिला है. शहर की कांग्रेस इकाई की तरफ से कांग्रेस नेता शाहबुद्दीन ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी के तानाशाही रवैये के खिलाफ कांग्रेस रेहड़ी पटरी वालो के साथ खड़ी है.'BJP के सांसद और MLA ने नहीं दिया साथ'
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर के सांसद और नोएडा के विधायक से दर्जन भर से ज्यादा बार गुहार लगाई लेकिन उन्होंने साफ कह दिया कि प्राधिकरण को बाधित नहीं कर सकते हैं. जनप्रतिनिधियों ने वादा किया था उनका हक दिलाएंगे लेकिन चुनाव जीतने के बाद वो सारे वादे भूल गए है ।


100 नम्बर पर दी गलत सूचना, गिरफ्तार


नोएडा। नोएडा होशियारपुर गांव से बच्चा चोरी की झूठी सूचना 100 नंबर देना भारी पड़ा। आरोपी युवक ने महिला द्वारा बच्चा चोरी की पुलिस को सूचना की थी। मौके पर पहुंची पुलिस ने झूठी सूचना पर युवक को किया गिरफ्तार, थाना 49 क्षेत्र का मामला है।


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने हटवाया अवैध रूप से अतिक्रमण


राजेश भास्कर—
गाजियाबाद। एसएसपी सुधीर कुमार आरडीसी के देविका टावर बिल्डिंग की तरफ कार सेल परचेस पेंट करने वालों के द्वारा किए गए अवैध अतिक्रमण को हटवाने के लिए आज अचानक  पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह  साथ ही साथ  यातायात पुलिस का  दस्ता और कई गाड़ियों का चालान किया गया और कई गाड़ियों को उठाकर पुलिस लाइन में पहुंचाया गया  देविका टावर के ऑफिस दुकानदार इन गाड़ियों के अतिक्रमण होने से काफी परेशान थे लेकिन दुर्गा टावर और देविका टावर के बिल्डिंग के अन्य लोग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मिले और अपनी समस्या बताएं जिसके चलते गाजियाबाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह के आदेश पर  अवैध रूप से आरडीसी में अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की गई।


पूर्व चेयरमैन के खिलाफ पुलिस में दी तहरीर


साजिद खान—
गाजियाबाद। थाना लोनी के ट्रॉनिका सिटी में लोनी के पूर्व चेयरमैन मनोज धामा वह साथियों के खिलाफ जान से मारने की धमकी की लिखित शिकायत दी गई है, पीड़िता भगवती तौमर निवासी रामपार्क एक्सटेंशन लोनी का आरोप है की देर रात उनके घर पर कुछ लोग पहुंचे और मनोज धामा के खिलाफ बोलने पर जान से मारने की धमकी देकर चले गए जिसकी पीड़िता ने थाना ट्रॉनिका सिटी में शिकायत देकर अपनी जान माल की सुरक्षा की गुहार लगाई।


पुलिस आलाधिकारियों के आश्वासन के बाद चैयरमैन ने किया धरना समाप्त



साजिद खान—
लोनी। रामपार्क कॉलोनी वॉर्ड-46 में बुधवार शाम लोनी नगरपालिका अध्यक्ष विकास कार्यों का उद्घाटन करने गईं थीं। आरोप है कि कॉलोनी के कुछ लोगों ने जमकर नारेबाजी करते पत्थरबाजी की थी। इस घटना के बाद चेयरमैन रंजीता धामा ने ट्रॉनिका सिटी थाने में पथराव करने और नारेबाजी करने वालों के खिलाफ तहरीर दी थी। प्रतिनिधिमंडल में सभासद इसरार बेग, बबलू शर्मा, अमित तोमर, कमल शर्मा, बिल्लू अल्वी, निशांत धामा, देवेंद्र पाल, मुकेश पाल, मनीष ठाकुर, प्रेमशंकर दुबे आदि मौजूद रहे। ज्ञापन में मांग की गयी थी कि उक्त व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाहीं की जायें। 



उसी के मद्देनजर चैयरमैन पर हुए हमले के खिलाफ लोनी चैयरमैन अपने समर्थकों एवं पार्षदों के साथ धरने पर बैठ गयी हैं। जिसके बाद पुलिस के आलाधिकारी ने हमलावरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया और उचित कार्यवाही का आश्वासन भी दिया है। जिसके बाद लोनी चैयरमैन श्रीमति रंजीता धामा ने धरना समाप्त कर दिया।
वहीं आज लोनी में ममता के समर्थकों ने ममता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर खबरे आ रही थी। किन्तु ममता के समर्थन में वहां कुछ ही लोग पहुंचे। 


लूटेरे गैंग का सरगना संदीप वर्मा गिरफ्तार


राजेश भास्कर—
गाजियाबाद। थाना इंदिरापुरम जनपद गाजियाबाद लूटेरे गैंग का सरगना / गैंगस्टर एक्ट में वांछित अभियुक्त संदीप वर्मा गिरफ्तार सामान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक नगर व क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय महोदय द्वारा गैंगस्टर एक्ट के वाछित अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान मे प्रभारी निरक्षक इंदिरापुरम के  नेतृत्व में थाना इंदिरापरम पुलिस टीम द्वारा का गैंगस्टर एक्ट में फरार चले रहे एक शातिर अभियुक्त को मैट्रो स्टेशन वैशाली से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है। गिरफ्तार किये गये गिरफ्तार अभियुक्त का नाम व पता में संदीप वर्मा पुत्र राजपाल वर्मा निवासी मकान-न-241 गली न0-1 गाँव जीतपुर रावली रोड थाना मुरादनगर जनपद गाजियावाद। अभियुक्तगण एक शातिर लूटपाट करने वाले गंग का सरगना है जो कि पेशे से मुरादनगर मे सुनार का काम करता है जो प्रायोजित तरीके से लूटपाट / स्नैचिंग करवाता है तथा लुटपाट करने वाले अपराधियों का गैंग बनाकर उनको संसाधन मुहैया कराकर लूटपाट करने के लिए एनसीआर क्षेत्र में भेजता है तथा लूट गये सामान को अपने पास मंगवा लेता है तथा उन लोगों को लूटे गये समान के बदले में उनको खर्चा पानी के नाम पर कुछ रुपये दे देता हैं । अगर लूटपाट के दौरान सोना / चादी / हीरा आदि का सामान मिलता है तो उक्त शातिर अभियुक्त अपनी दुकान पर लूटे गये सामान को गलाकर नया आभूषण तैयार कर बेच देता है इसी क्रम में 15 मई 2019 को चैकिंग के दौरान वैशाली क्षेत्र से दो शातिर लूटेरों किशोर व मुन्ना निवासी मुरादनगर गाजियाबाद को  माल व एफजेड मोटर साईकिल के साथ गिरफ्तार किया गया था। उक्त लूटेरों से पूछताछ के दौरान पता चला था कि मुरादनगर निवासी संदीप वर्मा नाम का व्यक्ति जो कि मुरादनगर में ही सुनार का काम करता है हम लोगों को लूटपाट करने के लिए मोटर साईकिल व अन्य संसाधन उपलब्ध कराकर लूटपाट करने के लिए भेजता है तथा हमारे द्वारा लूटे गये सामान को उसके द्वारा ही खपाया जाता है । इसी क्रम में जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि उक्त एफजेड मोटर साइकिल भी संदीप वर्मा की पत्नी के नाम से पंजीकृत थी । पूर्व में अभियुक्त संदीप वर्मा की गिरफ्तारी के दौरान लुटी गयी एक सोने की चैन भी बरामद हुई थी अभियुक्त संदीप द्वारा पूर्व में जनपद गाजियाबाद में कई घटनाओं को अपने साथियों द्वारा कारित कराने व माल खपाने के जुर्म का इकवाल किया गया था । अभियुक्त का अपराधिक इतिहास क०स०अ०स० धारा थाना जनपद 766 / 19 392 / 411 भादवि इंदिरापुरम गाजियाबाद 817 / 19 392 / 411 / 120बी भादवि इंदिरापुरम गाजियाबाद 983 / 19 392 / 411 / 120बी भादवि इदिरापुरम गाजियावाद 1433 / 19 2 / 3 गैगस्टर एक्ट इंदिरापुरम । गाजियाबाद गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक दीपक शर्मा, उ0नि0 इजहार अली चौकी प्रभारी रामप्रसाद, हे0का0 कृष्णवीर सिंह,  0का0 राजकुमार सिंह, का0 योगेन्द्र सिंह, का0 अशोक कुमार थे।


इंदिरापुरम थाना: गुमशुदा चार लड़कियो का सकुशल बरामद


राजेश भास्कर—
गाजियाबाद। थाना इंदिरापुरम जनपद गाजियाबाद इंदिरापुरम क्षेत्र से अचानक एक साथ गायब हुई 04 लडकियां मात्र 05 दिन में सकुशल बरामद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक नगर च क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय महोदय द्वारा वर्तमान परिपेक्ष्य में नाबालिक बच्चों के अपहरण की घटनाओं की गम्भीरता तथा दिन दहाड़े हुए नाबालिक बच्चे के अपहरण से समाज में व्याप्त रोष को दृष्टिगत रखते हुए चौकी क्षेत्र प्रहलाद गढी से 23 अगस्त को अचानक सनसनीखेज तरीके से 04 लडकियां गायब हो गयी थी प्रकरण की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए थाना इंदिरापुरम पर अ0स ) - 1856 / 19 धारा 385 भादवि पंजीकृत कर प्रभारी निरीक्षक इंदिरापुरम के नेतृत्व में चौकी प्रभारी प्रहलाद गढी व थाना इंदिरापुरम की एसओजी टीम को उक्त घटना का सफल अनावरण हेतु लगाया गया था । उक्त टीम द्वारा तत्परता से कड़ी मेहनत व लगन से कार्यवाही करते हुए सोशल मीडिया ( फेसबुक , ट्वीटर , व्हाट्सएप, सर्विलांस ) व अन्य माध्यमों से आपसपास के जनपदों के भीड भाड वाले इलाके माल एवं औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापक प्रचार प्रसार कराकर कडी मेहनत के बाद 29 अगस्त को प्रभारा निरीक्षक के कुशल नेतृत्व में मोहननगर गाजियाबाद से गुमशुदा  04 लडकियो का सकुशल बरामद किया गया । बरामद लडकियों से पूछताछ व जानकारी की गयी तो बताया कि हम लोग एक साथ डांस सीखते थे उसी दौरान टिक - टोक पर वीडियो बनाने का शौक हुआ तथा अपने डांस गाने की वीडियो क्लीप बनाकर यूट्यूब सोशल मीडिया के जरिए अपने आप को प्रसिद्ध करके टेलीफिल्मों व टीवी सीरियलों में काम करने के उदेश्य से घर से भागने का प्लान बनाया और 23 अगस्त को घर से भागकर काम की तलाश में आसपास के जनपदों में घूम रहे थे । आज भी हम लोग किसी कार्य से मोहननगर आये थे कि तभी अचानक आप लोगों ने पकड़ लिया । बरामद लडकियो के नाम पते में चित्रा शर्मा पुत्री तुलसीदास निवासी प्रहलादगढी थाना इंदिरापुरम गाजियाबाद। उम्र - 10 वर्ष, साक्षी पुत्री सुरेश कुमार निवासी प्रहलादगढी थाना इंदिरापुरम गा०बाद । उम्र - 12 वर्ष,  माही शर्मा पुत्री तुलसीदास निवासी प्रहलादगढी थाना इंदिरापुरम गाबाद । उम्र - 14 वर्ष, दीक्षा पुत्री महेन्द्र सिंह निवासी प्रहलादगढी थाना इंदिरापुरम गाबाद। उम्र - 21 ।वर्ष गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक दीपक शर्मा, उ0नि0 नरपाल सिंह, चौकी प्रभारी प्रहलाद गढी, हे0का0 कृष्णवीर सिंह, हे0का0 राजकुमार सिंह, का0 योगेन्द्र सिंह, का0 सतेन्द्र सिंह, का0 सोनिया उपरोक्त सनसनीखेज घटना की अलपसमय में अनावरण करने वाली पुलिस टीम को श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा नगद पुरस्कृत करने की घोषणा की गयी हैं


विधायक नन्द किशोर गुज्जर ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ.आर.के. सक्सेना से की मुलाकात


साजिद खान—
लोनी। अखिल भारतीय अमन कमेटी के प्रदेश कार्यालय इन्द्रापुरी पर लोनी के विधायक नन्द किशोर गुज्जर ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आर. के. सक्सेना से मुलाकात की जिसमे विधायक के साथ विधायक प्रतिनिधि ललित शर्मा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता सर्वेश पंडित, किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सचिन शर्मा, और अखिल भारतीय अमन कमेटी के प्रदेश मुख्य महासचिव दीपांशु सक्सेना, प्रदेश महासचिव राजेंद्र सक्सेना, प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश कन्नोजिया, जिला गाजियाबाद के सहसचिव महिपाल शर्मा, एवं इंद्रापुरी के लोग उपस्थित रहे।


जेवीएस कोचिंग इंस्टिट्यूट के छात्र ने पास की आरआईएमसी परीक्षा 


एसपी चौहान—
साहिबाबाद। शालीमार गार्डन कॉलोनी के रहने वाले एक छात्र ने जेवीएस कोचिंग इंस्टिट्यूट पंचशील पार्क साहिबाबाद से कोचिंग लेकर भारत की एकमात्र सेना की कॉलेज आरआईएमसी में प्रवेश के लिए परीक्षा पास करली है। इंस्टीट्यूट के निदेशक सुंदर सिंह तोमर ने बताया कि आरआईएमसी कॉलेज भारतीय सशस्त्र बलों की एकमात्र कॉलेज है जिसमें भारतवर्ष के छात्र प्रवेश परीक्षा देकर कक्षा आठ में प्रवेश पाते हैं और बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण कर सीधे भारतीय सशस्त्र बलों में ऑफिसर , आईआईटी या मेडिकल कोर में अपना भविष्य चुनते हैं। राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून में आठवीं कक्षा में प्रवेश पाने वाले छात्र नील ने बताया कि उसने आरआईएमसी कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए जेबीएस कोचिंग इंस्टीट्यूट पंचशील पार्क साहिबाबाद में कोचिंग ली थी और पहले ही प्रयास में वह इस परीक्षा को पास करने में कामयाब रहा। क्योंकि उसका सपना था कि वह भारतीय सेना में अपना भविष्य देखे और इस तरह उसका भविष्य अव भारतीय सेना में  होगा।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज(आर आईएमसी) देहरादून देश में अकेला ऐसा कॉलेज है जहां छात्र आठवीं कक्षा के लिए प्रतियोगी परीक्षा देकर प्रवेश पाते हैं। यहां से12वीं कक्षा पास कर सेना में अधिकारी डॉक्टर तथा इंजीनियर बनते हैं।



 


फोटो कैप्शन- छात्र नील को पुस्तक भेंट करते इंस्टीट्यूट के निदेशक सुंदर सिंह तोमर।


संजय गोयल द्वारा श्रीकृष्ण जी की छठी का आयोजन


गाजियाबाद। संयुक्त व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष संजय गोयल के द्वारा अपने निवास स्थान गुलमोहर एंक्लेव नेहरू नगर में कृष्ण जी की छठी का आयोजन किया गया जिसमें भजन कीर्तन आदि कर कर बाद में प्रसाद का वितरण किया गया इसमें मुख्य रूप से प्रसिद्ध वरिष्ठ समाजसेवी दिनेश गोयल जी की उपस्थिति रही साथ ही संयुक्त व्यापार मंडल की समस्त टीम के साथ उपस्थित रहे जिसमें मुख्य रूप से पंडित अशोक भारतीय राकेश शर्मा प्रवीण बत्रा राघव गोयल राजेश वर्मा आशु पंडित वीरेंद्र कंडेरे अमित वर्मा दीपक गोयल मंजूर भाई बाल किशन सिसोदिया अमन शर्मा आदि उपस्थित थे।                               निवेदक पंडित अशोक भारतीय जिला चेयरमैन संयुक्त व्यापार मंडल गाजियाबाद


1 सितम्बर को होगा कराटे प्रतियोगिता का आयोजन, इच्छुक है तो भाग लें


गाजियाबाद। गाजियाबाद कराटे स्कूल द्वारा आयोजित अन्तर स्कूल ओपन कराटे चैमपयनशिप स्थानीय एस. एस.के. पब्लिक स्कूल, प्रताप विहार, गाजियाबाद में दिनांक 01.09.2019 को आयोजित की जाएगी जिसमें लगभग 500 महिला एवं पुरूष खिलाड़ियों के भाग लेने का अनुमान हैप्रतियोगिता आयोजक शिहान नरेन्द्र सिंह ने प्रोग्राम की जानकारी देते हुए बताया कि सेठ धर्मेन्द्र अग्रवाल जी इस प्रतियोगिता का उदघाटन करेंगे, श्री गुलशन भॉवरी जी अध्यक्षता करेंगे एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में शिदोषी (हानसी) अनिल कौशिक जी होंगे। मुख्य रेफरी सचिन त्यागी, तुषार सिंह, अंजु सिंह, पुष्पेन्द्र रावत तथा रानी मुंडेलवाल होंगे तथा आफिशियल के रूप में अनिकेत सिंह, निखिल सिंह, रिया सिंह, संजय सिंह, आदेश शर्मा, नीरज भारती होंगे। खिलोड़ियों के भोजन, आवास, मैडल, सर्टिफिकेट आदि की पूर्ण व्यवस्था कर ली गई हैपुरस्कार वितरण श्रीकान्त शर्मा, आर.के.सप्रू, बिटू वर्मा, जेगसन यादव, लक्ष्मीकान्त तिवारी, डा0 फिरोज खान राणा, बोबी चढ्ढा, राहुल सिंह, उदयवीर सिंह, सचिन शर्मा आदि करेंगे


दीपावली कौन से वर्ण का पर्व है हिन्दू धर्म में? जानिये!


“ऋषि दयानन्द और दीपावली पर्व”
दीपावली वैश्य वर्ण का पर्व है जिसे सामाजिक समरसता की दृष्टि से सभी देशवासी मिलकर प्राचीन काल से मनाते आ रहे हैं।
-मनमोहन कुमार आर्य
वेद मनुष्यों को ज्ञानी बनकर देश व समान को ज्ञान से लाभान्वित करने की प्रेरणा देने के साथ उसकी अन्याय व शोषण आदि से रक्षा करने तथा अन्नादि पदार्थों के देश में अभावों को दूर करने के लिये किसी एक कार्य को चुनने व करने की प्रेरणा देने हैं। कृषि व वाणिज्य आदि कार्यों को करके देश से अभाव दूर करने वाले मनुष्यों को वैश्य वर्ण में सम्मिलित किया जाता है। दीपावली वैश्य वर्ण का पर्व है जिसे सामाजिक समरसता की दृष्टि से सभी देशवासी मिलकर प्राचीन काल से मनाते आ रहे हैं। कार्तिक महीने की अमावस्या के दिन इस पर्व को मनाये जाने के अन्य कारण भी हैं। यह पर्व वर्षा ऋतु की समाप्ति के बाद मनाया जाता है। वर्षा ऋतु के कारण गृहों के भवनों में नमी व सीलन आ जाती है। भवनों में लिपाई पुताई सहित मरम्मत आदि की भी आवश्यकता होती है। दीपावली से पूर्व इन कार्यों को करके गृहों को स्चच्छ व सुन्दर बनाया जाता है। अशिक्षित लोगों में यह जनश्रुति है कि इस दिन घर को लीप-पोत कर उसके लक्ष्मी पूजा करने से धन की लक्ष्मी घर में प्रवेश करती है और परिवार धन सम्पन्न होता है। हमने अपने परिवार में बचपन में ही इस प्रकार की भावनाओं को देखा है। यहां तक की रात्रि में घर के मुख्य द्वार को खोलकर सोते थे जिससे लक्ष्मी दरवाजे को बन्द देखकर लौट न जाये। समय के साथ मनुष्य अपनी सोच एवं विद्या आदि के द्वारा अपने पर्वों में भी सुधार करता रहता है। महर्षि दयानन्द (1825-1883) के प्रादुर्भाव और उनके वेद प्रचार के कार्यों से देश में जागृति आयी और लोग पर्व का महत्व समझने लगे। पर्व का अर्थ मनुष्य के जीवन में निराशा को दूर कर उत्साह एवं उमंग का संचार करना होता है। इसके साथ प्रमुख धार्मिक पहलुओं को भी जोड़ दिया जाता है जिससे हम अपने धर्म व संस्कृति को जानकर उससे जुड़े रहें और हमारी आस्था व निष्ठा धर्म व संस्कृति के मूल तत्चों सदाचार, अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह, शौच, सन्तोष, तप, स्वाध्याय एवं ईश्वर प्रणिधान आदि में बनी रहे। ऋषि दयानन्द ने हमें बताया था कि मनुष्य को सभी शुभ अवसरों पर सन्ध्या एवं देवयज्ञ अग्निहोत्र का अनुष्ठान अवश्य करना चाहिये। इससे हम ईश्वर से जुड़ते हैं और जीवन के सभी छोटे व बड़े कार्यों में हमें ईश्वर का सहाय प्राप्त होता है। ईश्वर की स्तुति व प्रार्थना करने का एक लाभ यह भी होता है कि हम अहंकार से बचते हैं। ईश्वर सबसे महान है और वही हमारे कर्मों के आधार पर हमें सुख व दुःख प्रदान करता है। यदि हम कुछ भी अनुचित करेंगे तो ईश्वर उसका दुःख रूपी दण्ड अवश्य देगा। इस ज्ञान से हम पक्षपात व अन्याय रूपी कर्मों से बच कर अपने जीवन को दुःखों से बचाते और सुखों से युक्त रखते हुए धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष के मार्ग पर आगे बढ़ते हैं। 
दीपावली पर्व पर खरीफ की फसल किसान के घर में आती है। चावल इस फसल का प्रमुख अन्न होता है। इसे प्रतीक मानकर इसको भून कर खील बनायी जाती है और इससे यज्ञ सम्पन्न कर इसका पड़ेसियों में वितरण कर भक्षण किया जाता है। हम बचपन में खील को चाय में डालकर खाते थे और इसके साथ चीनी से बने बतासे तथा खिलौने साथ में खाते थे तो यह अत्यन्त स्वादिष्ट लगता था। आज के बच्चे सम्पन्नता आदि के कारण इसका सेवन छोड़ चुके हैं। नई फसल के स्वागत के लिये ही किसान व अन्य सभी मनुष्य मिलकर इस दीपावली के पर्व को मनाते हैं। यही दीपावली पर्व का मुख्य आधार है। मनुष्य के जीवन में सबसे अधिक महत्व वायु, जल और अन्न का होता है। परमात्मा ने वायु और जल को सर्वत्र सुलभ बनाया है। मनुष्य को इनको उत्पन्न नहीं करना होता। अन्न उत्पन्न किया जाता है। किसान व सारा देश अन्न पर ही आश्रित है। यदि अन्न न हो तो यह संसार नहीं चल सकता। अन्न मनुष्य जीवन की प्राथमिक अनिवार्य आवश्यकता है। पर्याप्त अन्न न मिले तो मनुष्य कुपोषण से ग्रस्त होकर शीघ्र ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है। अतः किसान द्वारा खरीफ की फसल की प्राप्ति पर समस्त देशवासियों में प्रसन्नता, उत्साह एवं उमंग का वातावरण होना स्वाभाविक होता है। इसी की अभिव्यक्ति दीपावली पर्व के रूप में होती है। 
एक किंवदन्ती यह भी प्रचलित है कि दीपावली के दिन ही मर्यादा पुरुषोत्तम राम लंका में रावण का वध कर सीता और लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। अयोध्यावासी राम के आगमन से अतीव प्रसन्न थे। सबसे अधिक प्रसन्नता भरत जी को थी जिन्होंने राम के वियोग में 14 वर्ष बहुत ही कष्टों एवं तपस्यापूर्वक व्यतीत किये थे। अतः राम के 14 वर्षों बाद अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में दीपावली के द्वारा अपनी प्रसन्नता को व्यक्त किया गया था। बाल्मीकि रामायण के अनुसार रामचन्द्र जी ने वर्षा ऋतु की समाप्ती के बाद सीता जी की खोज आरम्भ कराई थी। उसके बाद रामेश्वरम से लंका तक सेतु तैयार किया गया था। सेतु तैयार होने के बाद सेना लंका पहुंची थी और राम-रावण युद्ध हुआ था। आजकल तो छोटे-छोटे सेतुओं में वर्षों लग जाते हैं। इस सेतु के बनने में कितना समय लगा होगा, इसका अनुमान करना कठिन है। रामायण के विवरण से स्पष्ट अनुमान होता है कि कार्तिक अमावस्या के अवसर पर तो सीता माता की खोज हो रही थी अथवा खोज हो जाने के बाद समुद्र पर सेतु बन्धन का कार्य आरम्भ किया गया होगा। अतः दीपावली के अवसर रामचन्द्र जी के अयोध्या लौटने की बात ऐतिहासिक दृष्टि से युक्त नहीं है तथापि रामचन्द्र जी के महान् व्यक्तित्व के कारण यदि हम इस पर्व पर उनको भी स्मरण करते हैं तो हमारी दृष्टि में ऐसा करना अच्छी बात है। ऐसा करने से हमारे धर्म और संस्कृति की रक्षा होती आयी है। 
दीपावली के अवसर पर कुछ अनुचित प्रथायें भी प्रचलित हैं। द्यूत या जुआ खेलना निन्दनीय परम्परा है। वैदिक धर्म में द्यूत को बहुत बुरा बताया गया है। मनुष्य को कभी भी इसका सेवन नहीं करना चाहिये। दीपावली के अवसर पर बम व पटाखे फोड़ने का औचीत्य समझ में नहीं आता। ऐसा करके हम अपनी प्राण चवायु को दूषित करने के अपराधी बनते हैं। इसका त्याग करना ही श्रेयस्कर है। दीपावली पर मिठाईयों का आदान-प्रदान भी खूब होता है। देश के मांसाहारियों के कारण आज शुद्ध दुग्ध मिलना दुष्कर है। अतः देश में कृत्रिम दूध व मावे से मिठाईयां बनाई जाती है जो विष का काम करती हैं। मिठाईयों का सेवन भी स्वास्थ्य के लिये अहितकर होता है। मिठाईयों के सेवन व इसके वितरण से बचने का भी प्रयत्न करना चाहिये। खील, बतासे और चीनी के बने खिलाने हमारी पुरानी परम्परा में आते हैं। इसी का सेवन एवं वितरण उचित प्रतीत होता है। मिठाईयों के वितरण में धन-शक्ति के दिखावे से संस्कृति व परम्पराओं की रक्षा नहीं हो सकती। दीपावली को एक धार्मिक पर्व के रूप में मनाना उचित है। इस अवसर पर वेद पाठ एवं वेदों का स्वाध्याय करना चाहिये। ईश्वर का ध्यान एवं वृहद यज्ञ का आयोजन कर वायु शुद्धि करनी चाहिये। राम, कृष्ण एवं दयानन्द जी भी सन्ध्या व यज्ञ करते कराते थे। वह हमारे धर्म व संस्कृति के मूर्तरूप हैं। उनका स्मरण और उनके अनुरूप जीवन बनाना हमारा कर्तव्य है। हम प्रतिदिन ईश्वर व अपने इन महापुरुषों को स्मरण करेंगे तो हम आज भी इनसे सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा ग्रहण कर सकेंगे जिससे हमारा जीवन सार्थक होगा और हम धर्म के मार्ग पर चलकर मोक्ष के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश लिखकर वैदिक धर्म एवं संस्कृति के प्रचार व प्रसार का चिरकाल के लिये प्रबन्ध कर दिया है। आर्यसमाज सत्यार्थप्रकाश का प्रचार करता है। आर्यसमाज से इतर जिज्ञासु बन्धु भी इस ग्रन्थ को प्राप्त कर वैदिक धर्म में दीक्षित हो सकते हैं। ऐसे बहुत से विद्वान हुए हैं जिनका जीवन सत्यार्थप्रकाश से ही बदल गया तथा वह इसके द्वारा ईश्वर के भक्त और वैदिक धर्म के अनुयायी बने। 
ऋषि दयानन्द ने जीवन से जुड़े सभी महत्वपूर्ण प्रश्नों का समाधान वेद से प्राप्त किया था। वेद ज्ञान के भण्डार हैं जिनका आविर्भाव सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा से हुआ है। इसका उद्देश्य मनुष्यों को सन्मार्ग बताना और दुःखों से पृथक रखकर उन्हें सुख प्रदान करने सहित धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष प्राप्त करना है। वेद एवं वेदों पर आधारित ऋषियों के दर्शन, उपनिषद, मनुस्मृति, सत्यार्थप्रकाश एवं ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका आदि ग्रन्थ ही ऐसे ग्रन्थ हैं जो मनुष्य की सभी शंकाओं का समाधान करते हैं और उन्हें दुष्कर्मों से बचाते तथा उन्हें ईश्वर का सान्निध्य प्रदान कराते हैं। वेदाध्ययन एवं तदनुरूप आचरण करने से मनुष्य सुखों से युक्त होकर अभ्युदय को प्राप्त होता है तथा भावी जन्मों उसकी आत्मा की उन्नति होकर वह मोक्ष के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होता है। ऋषि दयानन्द ने मथुरा में सन् 1863 में अपने गुरु प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती की पाठशाला में विद्या पूरी कर देश भर में घूमकर वैदिक ज्ञान का प्रचार व प्रसार किया। उनके समय में हमारे देश व विश्व में सर्वत्र अविद्या का प्रसार था। विद्या के प्रसार से अविद्या के पोषक अज्ञानी व स्वार्थी लोग उनके शत्रु बन गये थे। इस कारण जोधपुर में उन्हें विषपान कराने का षडयन्त्र किया गया था। यह विषपान ऋषि दयानन्द जी की मृत्यु का कारण बना। दीपावली 30 अक्टूबर सन् 1883 के ही दिन सायं लगभग 6.00 बजे उन्होंने मृत्यु का वरण करते हुए अपने प्राणों का उत्संर्ग किया था। ऋषि दयानन्द के दीपावली के दिन अपने प्राणों का उत्सर्ग करने से दीपावली पर्व में एक प्रमुख रूप में यह घटना भी जुड़ गई। वैदिक धर्मी आर्यों के लिये दीपावली का महत्व जहां एक प्राचीन पर्व के रूप में हैं वहीं ऋषि दयानन्द के बलिदान पर्व के रूप में भी है। 
यह अवसर ऋषि दयानन्द के वेदोद्धार के महान कार्यों को स्मरण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने का दिवस भी होता है। यदि वह न आते तो यह कहना कठिन है कि हमारा धर्म व संस्कृति विधर्मियों के प्रहारों व षडयन्त्रों से बच पाती अथवा नहीं। देश भी आजाद होता, इसकी भी सम्भावना नहीं थी। महर्षि दयानन्द ने समाज को सद्ज्ञान देकर लोगों को उनके कर्तव्यों का बोध कराया था। उन्होंने ईश्वरोपासना एवं देवयज्ञ के प्रचार सहित स्त्रियों के सम्मान, शिक्षा व विद्या के विस्तार एवं देश की उन्नति सहित देश को स्वराज्य की प्राप्ति का मन्त्र व प्रेरणा भी की थी। ऋषि दयानन्द ने देश व विश्व में समग्र आध्यात्मिक एवं सामाजिक क्रान्ति की थी। उन्होंने देश में प्रचलित सभी अन्धविश्वासों, मिथ्या परम्पराओं व प्रथाओं पर वैदिक ज्ञान के अनुसार प्रहार कर उनका निवारण करने का अभूतपूर्व एवं प्रभावशाली प्रयत्न किया था। राम व कृष्ण के बाद दयानन्द जैसा महान पुरुष इस धरती पर कहीं उत्पन्न नहीं हुआ। ऋषि दयानन्द ने ही ईश्वर का हमसे परिचय कराया है। वैचारिक धरातल पर उन्होंने हमें ईश्वर का प्रत्यक्ष भी कराया। हम ईश्वर के गुण, कर्म, स्वभाव व स्वरूप से परिचित होने सहित उसकी प्राप्ति के साधन सन्ध्या-उपासना एवं योगाभ्यास आदि से परिचित हुए। उनसे प्राप्त ज्ञान से ही हमारी आत्मा उन्नत होकर ज्ञान के आलोक से प्रकाशित हुई है। हम जन्म व मृत्यु के रहस्य को जान पाये हैं। सद्कर्मों के महत्व एवं दुष्कर्मों के परिणामों से भी उन्होंने ही हमें अवगत कराया था। उनके समस्त मानव जाति पर अगणित ऋण है जिन्हें चुकाया नहीं जा सकता। उन्होंने ही आध्यात्मिक उन्नति के लाभों को बताकर भौतिक उन्नति से जुड़ी जीवन को पतित व भविष्य को अन्धकारयुक्त करने वाली चेष्टाओं से भी सबको सावधान किया है। हम सत्यार्थप्रकाश व वेद की सहायता से सत्यासत्य का निर्णय कर सत्य का अनुसरण करें और अपने जीवन सहित अपने देश का भी कल्याण करें। अन्धविश्वासों व अविद्या से बचे रहे। यही उनके जीवन का सन्देश है। दीपावली मनाते हुए हमें उनको स्मरण कर उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये और अपने जीवन को अध्यात्म एवं सामाजिक उन्नति से युक्त करना चाहिये। ओ३म् शम्। 
-मनमोहन कुमार आर्य
पताः 196 चुक्खूवाला-2
देहरादून-248001


साहिबाबाद पुलिस एसटीएफ के संयुक्त प्रयास से 50000 का इनामी गिरफ्तार


राजेश भास्कर—
गाजियाबाद। स्पेशल टास्क फोर्स फील्ड यूनिट नोएडा एवं थाना साहिबाबाद पुलिस के चौकी प्रभारी सीमा प्रवेंद्र सिंह सिंह चौहान द्वारा 50,000 रुपये का पुरस्कार घोषित बदमाश गिरफ्तार उसके कब्जे से अवैध असलहा बरामद किया गया।
एसटीएफ नोएडा यूनिट द्वारा थाना साहिबाबाद पुलिस के सहयोग से खजूरी पार्क के पूर्वी कोने से अभियुक्त धर्मराज सैनी उर्फ़ सुरेंद्र पुत्र दयानंद सैनी निवासी म0न0 4ए शांति नगर नियर थाना मॉडल टाउन जनपद पानीपत, हरियाणा को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त थाना सरोजनी नगर, जनपद लखनऊ के मु0अ0सं0- 451/17 धारा 302 भादवि (शराब कारोबारी विनोद की हत्या में वांछित) में 50,000 रुपये का पुरस्कार घोषित अपराधी है। जिसके कब्जे से 01 तमंचा 315 बोर मय 05 जिंदा कारतूस बरामद हुए है।


Thursday 29 August 2019

भारत को जानो एवं विज्ञान को जानो सेंट हुड कॉन्वेंट स्कूल में परीक्षा आयोजित


अजय सोलंकी—
दादरी। भारत विकास परिषद दादरी द्वारा आज  दादरी के 18 विद्यालयों में भारत को जानो एवं विज्ञान को जानो लिखित परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें लगभग 1650 विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया।
दादरी के लगभग सभी विद्यालयों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। उनमें मुख्य रूप से दादरी पब्लिक स्कूल, सेंट हुड कॉन्वेंट स्कूल, सिटी हर्ट एकेडमी, नवोदय विद्यालय, होली चाइल्ड एकेडमी, ब्लू डायमंड पब्लिक स्कूल, शैफाली पब्लिक स्कूल, कौशल्या वर्ल्ड स्कूल  ने अधिकतम विद्यार्थियों को परीक्षा में सम्मिलित कराया।
परीक्षा के लिए भारत विकास परिषद दादरी शाखा के कार्यक्रम संयोजक एन के शर्मा, मनोज मित्तल, एवं महेश सिंघल ने महती भूमिका अदा की। साथ ही शाखा अध्यक्ष प्रमोद बंसल, सचिव अशोक गोयल, जिला संयोजक रविंद्र गोयल आदि सदस्यों ने इसे सफ़ल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारत विकास परिषद दादरी शाखा के संयोजक एन के शर्मा ने सभी विद्यालयों के प्रबंधकों का परीक्षा पूर्ण होने पर आभार व्यक्त किया।


 


फिट इंडिया मूवमेंट का सैंट हुड कान्वेंट स्कूल में सीधा प्रसारण का आयोजन


अजय सोलंकी—
गौतम बुद्ध नगर। विद्या नगर स्थित सैन्ट हुड कान्वेंट स्कूल में भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय एवं शिक्षा और साक्षरता विभाग नई दिल्ली के सौजन्य से ' फिट इंडिया मूवमेंट ' कार्यक्रम का सहभागी बनाकर मेजर ध्यानचंद जी को श्रद्धांजलि दी गई। 
राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर फिट इंडिया अभियान की शुरुआत की गई जिसका उद्देश्य भारत के सभी लोगों को शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ करना है स्पोर्ट्स का सीधा संबंध फिटनेस से है यदि हम स्वस्थ हैं तो सभी कार्य सही ढंग से संपन्न होते हैं । सैंट हुड कान्वेंट स्कूल के प्रांगण में प्रात: कालीन सभा में विद्यालय के शारीरिक शिक्षा के अध्यापक संकेत भाटी ने बच्चों को खेल दिवस के अवसर पर मेजर ध्यानचंद के जीवन की प्रेरणा लेते हुए बच्चों को फिटनेस का संकल्प दिलाया और स्वस्थ रहने के तरीके समझाए । विद्यालय के शारीरिक शिक्षक सौरभ चौधरी , अश्वनी यदुवंशी एवं संकेत भाटी ने विद्यालय के सभी विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें फिट इंडिया मूवमेंट आंदोलन से जोड़ने का संकल्प लिया। विद्यालय प्रधानाचार्या आशा शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की " फिट रहें हिट रहे " के माध्यम से संपूर्ण विद्यालय को स्वस्थ रखने के लिए विभिन्न योजनाओं की रूपरेखा तैयार की । विद्यालय प्रबंधक संदीप शर्मा एवं निदेशक अर्पित शर्मा जी ने विद्यार्थियों को खेल दिवस की बधाई देते हुए पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने के लिए कहा। 
इस अवसर पर उपप्रधानाचार्या नीलम शर्मा, एक्टिविटी इंचार्ज हेमलता शिशौदिया, मीनल मैम,आयुषि गोयल,प्रवेश राघव आदि शिक्षक गण भी मौजूद रहे।


सदैव राष्‍ट्रीय सुरक्षा के प्रति सावधान रहना चाहिए: उपराष्‍ट्रपति


नई दिल्ली। उपराष्‍ट्रपति  श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत को सदैव राष्‍ट्रीय सुरक्षा को होने वाले खतरों के प्रति सावधान रहना चाहिए क्‍योंकि भारत ने तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर अर्थव्‍यवस्‍था  को नई गति प्रदान करने में उल्‍लेखनीय प्रगति की है।
उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि विकास एवं तरक्‍की के लिए सुरक्षित माहौल एक नितांत आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि हमें अपनी रक्षा तैयारियां सदैव दुरुस्‍त रखनी चाहिए।
श्री नायडू ने आज आंध्र प्रदेश के विशाखापत्‍तनम में सोसायटी फॉर अप्‍लायड माइक्रोवेव इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) की इलेक्‍ट्रोमैग्नेटिक पल्‍स (ईएमपी) और ईएमआई यूनिटों का दौरा करने के बाद प्रौद्योगिकी और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचागत प्रणालियों को ईएमपी से होने वाले नुकसान का उल्लेख किया।
श्री नायडू ने कहा कि मानव अथवा प्राकृतिक तौर पर उत्‍पन्‍न ईएमपी से विशाल भौगोलिक क्षेत्रों के प्रभावित होने का अंदेशा है। इससे राष्‍ट्र की सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि के लिए महत्‍वपूर्ण माने जाने वाले अवयवों के बाधित होने की आशंका है। यही नहीं, इससे वैश्विक स्‍तर पर वाणिज्‍य और स्थिरता भी व्‍यापक रूप से प्रभावित हो सकती है। उन्‍होंने विशेष जोर देते हुए कहा, 'यह अत्‍यंत आवश्‍यक है कि देश अत्‍याधुनिक रक्षा व्‍यवस्‍था विकसित करे और ईएमपी-रोधी बुनियादी ढांचागत सुविधाएं सृजित करे, ताकि ईएमपी हमले जैसे खतरों को टाला जा सके।' 
श्री नायडू ने कहा कि ईएमआई, ईएमसी और ईएमपी के क्षेत्रों में अपने व्‍यापक अनुभवों की बदौलत सोसायटी फॉर अप्‍लायड माइक्रोवेव इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (समीर) अपनी विशेषज्ञता की बदौलत रक्षा सेवाओं, शैक्षणिक संस्‍थानों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों के काम आ सकती है।
उपराष्‍ट्रपति ने रेडियो फ्रीक्‍वेंसी/माइ्क्रोवेव, इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक इंटरफ्रेंस, अनुकूलता और पल्स (ईएमआई/ईएमसी/ईएमपी), मिलीमीटर वेव टेक्‍नोलॉजी, संचार इत्‍यादि क्षेत्रों में उन्‍नत अनुसंधान के लिए समीर की सराहना की।
उपराष्‍ट्रपति ने आंध्र प्रदेश के आधिकारिक तेलुगू भाषा दिवस का उल्‍लेख करते हुए लोगों से अपनी मातृभाषा का संरक्षण एवं संवर्धन करने का आह्वान किया। उन्‍होंने यह सुझाव दिया कि प्राथमिक स्‍तर तक शिक्षा स्‍थानीय भाषा में दी जानी चाहिए।


प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी संबोधित करेंगे ‘मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव 2019’


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी कल यानी 30 अगस्‍त, 2019 को प्रात: 10 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 'मनोरमा न्यूज कॉन्क्लेव 2019' को संबोधित करेंगे। यह कॉन्क्लेव मलयाला मनोरमा कंपनी लिमिटेड द्वारा कोच्चि में आयोजित किया जा रहा है।


फिट इंडिया मूवमेंट के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ 

 


नई दिल्ली। मंत्रिपरिषद के मेरे सहयोगी श्रीमान नरेंद्र सिंह जी तोमर, डॉक्‍टर हर्षवर्धन जी, रमेश पोखरियाल निशंक जी और इस पूरे अभियान का जो नेतृत्‍व संभाल रहे हैं, श्रीमान किरेन रिजिजू जी, यहां उपस्थित सभी वरिष्‍ठ महानुभाव, खेल जगत के सारे सितारे और मेरे प्‍यारे विद्यार्थी भाइयो और बहनो,
कुछ लोगों को लगता होगा कि हम तो स्‍कूल जाते नहीं हैं, कॉलेज जाते नहीं हैं, लेकिन मोदी जी ने सिर्फ विद्यार्थियों को क्‍यों कहा। आप लोग यहां आए हैं, उम्र कोई भी हो, लेकिन मुझे विश्‍वास है आपके भीतर का विद्यार्थी जिंदा है।
आप सभी को National Sports Day की अनेक-अनेक शुभकामनाएं। आज के ही दिन हमें मेजर ध्‍यानचंद के रूप में एक महान sports person मिले थे। अपनी fitness, stamina और hockey stick से दुनिया को उन्‍होंने मंत्रमुग्‍ध कर दिया था। ऐसे मेजर ध्‍यानचंद जी को मैं आज आदरपूर्वक नमन करता हूं।
आज के दिन Fit India Movement, ऐसा initiative launch करने के लिए एक Healthy India की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण कदम और इस concept से movement के लिए, मैं खेल मंत्रालय को, युवा विभाग को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
यहां जो आज प्रस्‍तुति हुई, इस प्रस्‍तुति में हर पल fitness का कोई न कोई मैसेज था। परम्‍पराओं का स्‍मरण कराते हुए सहज रूप से हम अपने-आपको फिट कैसे रख सकते हैं, बहुत उत्‍तम तरीके से इन चीजों को प्रस्‍ततु किया। और ये चीजें इतने बढ़िया ढंग से प्रस्‍तुत हुई हैं कि मुझे मेरे भाषण की कोई जरूरत नहीं लगती है। यहां प्रस्‍तुति में जितनी बातें बताई गई हैं, उसी को अगर हम गांठ बांध लें और एकाध-दो, एकाध-दो को जिंदगी का हिस्‍सा बना लें; मैं नहीं मानता हूं कि फिटनैस के लिए मुझे कोई उपदेश देने की आवश्‍यकता पड़ेगी।
इस उत्‍तम कार्य रचना के लिए, इस उत्‍तम प्रकार की प्रस्‍तुति के लिए, जिन्‍होंने इसको conceptualize किया होगा, जिन्‍होंने इसमें नए-नए रंग-रूप भरे होंगे, और जिन्‍होंने परिश्रम करके इसको प्रस्‍तुत किया है; आप सभी बहुत-बहुत अभिनंदन के अधिकारी हैं। मैं भविष्‍य में चाहूंगा कि इसी में से एक अच्‍छा professional video बना करके सभी school, collages में दिखाया जाए ताकि सहज रूप से, क्‍योंकि एक जनआंदोलन बनना चाहिए।
सा‍थियो,
आज का ये दिन हमारे उन युवा खिलाड़ियों को बधाई देने का भी है, जो निरंतर दुनिया के मंच पर तिरंगे की शान को नई बुलंदी दे रहे हैं। बेडमिंटन हो, टेनिस हो, एथलेटिक्स हो, बॉक्सिंग हो, कुश्ती हो या फिर दूसरे खेल, हमारे खिलाड़ी हमारी उम्मीदों और आकांक्षाओं को नए पंख लगा रहे हैं। उनका जीता हुआ मेडल, उनके तप और तपस्या का परिणाम तो है ही, ये नए भारत के नए जोश और नए आत्मविश्वास का भी पैमाना है। मुझे खुशी है कि बीते पांच वर्षों में भारत के sports के लिए बेहतर माहौल बनाने के जो प्रयास हुए हैं, उसका लाभ आज हमें दिखाई दे रहा है।
साथियो, Sports का सीधा नाता है Fitness से। लेकिन आज जिस Fit India Movement की शुरुआत हुई है, उसका विस्तार Sports से भी बढ़ करके आगे जाने का है। Fitness एक शब्द नहीं है बल्कि स्वस्थ और समृद्ध जीवन की एक जरूरी शर्त है। हमारी संस्‍कृति में तो हमेशा से ही Fitness पर बहुत ज्‍यादा जोर दिया गया है। किसी बीमारी के बाद परहेज से हमने ज्‍यादा बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य के लिए किए जाने वाले उपायों को प्राथमिकता दी है, उनको श्रेष्‍ठ माना है। Fitness हमारे जीवन का सहज हिस्‍सा रही है। और हमारे यहां तो हमारे पूर्वजों ने, हमारे साथियों ने बार-बार कहा है –
व्यायामात् लभते स्वास्थ्यं दीर्घायुष्यं बलं सुखं।
आरोग्यं परमं भाग्यं स्वास्थ्यं सर्वार्थसाधनम्॥
यानी व्‍यायाम से ही स्‍वास्‍थ्‍य, लम्‍बी आयु, शक्ति और सुख की प्राप्‍त होती है। निरोगी होना परम भाग्‍य है, और स्‍वास्‍थ्‍य से अन्‍य सभी कार्य सिद्ध होते हैं। लेकिन समय रहते-रहते परिभाषाएं बदल गईं- पहले हमें सिखाया जाता था, हमें सुनने को मिलता था कि स्‍वास्‍थ्‍य से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं, अब सुनने को मिलता है स्‍वार्थ से ही सभी कार्य सिद्ध होते हैं। और इसलिए ये स्‍वार्थ भाव को स्‍वास्‍थ्‍य भाव तक फिर से वापिस ले जाने का एक सामूहिक प्रयास आवश्‍यक हो गया है।
साथियो,
मैं जानता हूं कि कुछ लोग ये सोच रहे होंगे Fitness जरूरी है ये तो हमें भी पता है, फिर अचानक इस तरह की movement की जरूरत क्‍या है? साथियो, जरूरत है और आज शायद बहुत ज्‍यादा जरूरत है। Fitness हमारे जीवन के तौर-तरीकों, हमारे रहन-सहन का अभिन्‍न अंग रहा है, लेकिन ये भी सच है कि समय के साथ Fitness को लेकर हमारे समाज-जीवन में, हमारी सोसायटी में एक उदासीनता आ गई है।
समय कैसे बदला है, उसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं। कुछ दशक पहले तक एक सामान्य व्यक्ति एक दिन में 8-10 किलोमीटर पैदल चल लेता था, कुछ एकाध घंटे भर साइकिल चला लेता था, कभी बस पकड़ने के लिए भागता था। यानी जीवन में शारीरिक गतिविधि सहज हुआ करती थी। फिर धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बदली, आधुनिक साधन आए और व्यक्ति का पैदल चलना कम हो गया। Physical activity कम हो गई। और अब स्थिति क्या है? टेक्नोलॉजी ने हमारी ये हालत कर दी है कि हम चलते कम हैं और वही टेक्नोलॉजी हमें गिन-गिन के बताती है कि आज आप इतने steps चले, अभी 5 हजार steps नहीं हुए, 2 हजार steps नहीं हुए, और हम मोबाइल फोन देखते रहते हैं। यहां मौजूद आप में से कितने लोग 5 हजार, 10 हजार steps वाला काम करते हैं? कई लोग होंगे जिन्‍होंने इस प्रकार की watch पहनी होगी या मोबाइल फोन पर एप डालकर रखी होगी। मोबाइल पर चैक करते रहते हैं कि आज कितने steps हुए।
साथियो,
आप में से बहुत से लोग सजग हैं, सतर्क हैं, लेकिन देश में बहुत बड़ी संख्‍या ऐसे लोगों की भी है जो अपनी daily life में इतना मशगूल हैं कि अपनी Fitness पर ध्‍यान ही नहीं दे पाते। इनमें से कुछ लोग तो और भी विशेष हैं। और आपने देखा होगा कुछ चीजें फैशन स्‍टेटमेंट हो जाती हैं। और इसलिए Fitness की जरा बात करना दोस्‍तों में- भोजन की टेबल पर बैठे हैं, भरपूर खा रहे हैं, आवश्‍यकता से डबल खा चुके हैं और बड़े आराम से डायटिंग की चर्चा करते हैं। महीने में कम से कम दस दिन आपको अनुभव होता होगा कि आप डायनिंग टेबल पर बैठे हैं, भरपूर खा रहे हैं और बड़े मजे से डायटिंग पर बढ़िया-बढ़िया उपदेश दे रहे हैं। यानी ये लोग जोश में आकर बातें भी करते हैं और इससे जुड़े गैजेट खरीदते रहते हैं और उनको ध्‍यान में रहता है ऐसे कोई नया गैजेट होगा, शायद मेरा Fitness ठीक हो जाएगा। और आपने देखा होगा, घर में तो बहुत बड़ा जिम होगा, Fitness के लिए सब कुछ होगा, लेकिन उसकी सफाई के लिए भी नौकर रखना पड़ता है क्‍योंकि कभी जाते नहीं है और कुछ दिन बाद वो सामान घर के सबसे किनारे वाले कमरे में रख दिया जाता है। लोग मोबाइल पर Fitness वाले एप भी डाउनलोड करने में सबसे आगे होते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद उस एप को कभी देखते भी नहीं हैं, यानी ढाक के तीन पात।
मेरा जन्‍म गुजरात में हुआ। हमारे यहां गुजरात में एक ज्योतीन्द्र भाई दवे करके बहुत ही उत्‍तम प्रकार के हास्‍य लेखक थे। व्‍यंग्‍य लिखते थे और बड़ा interesting लिखते थे। और ज्‍यादातर वो अपने खुद पर व्‍यंग्‍य करते थे। अच्‍छा, उनके शरीर का वो वर्णन करते – वो कहते थे मैं कहीं खड़ा रहता हूं, दीवार के पास खड़ा हूं तो लोगों को लगता था कि हैंगर पर कुछ कपड़े टंगे हुए हैं, यानी वो इतने दुबले थे कि ऐसा लगता था कि जैसे हैंगर पर कपड़े टंगे हैं, तो कोई मानने को तैयार नहीं होता था कि मैं कोई इंसान वहां खड़ा हूं। फिर वो लिखते थे कि मैं घर से निकलता हूं तो मेरी जेब में पत्‍थर भर के चलता हूं। वो कोट पहनते थे, सभी जेब के अंदर पत्‍थर भरते थे। तो लोग मुझे मानते थे शायद मैं हिंसा कर बैठूंगा, मार दूंगा। तो लोग मुझे पूछते थे- इतने सारे पत्‍थर लेकर क्‍यों चलते हो? तो उन्‍होंने कहा कि मुझे डर लगता है कहीं हवा आए उड़ न जाऊं। ऐसी बड़ी मजेदार चीजें लिखते थे वो। एक बार किसी ने उनको कहा कि पत्‍थर-वत्‍थर ले करके घूमने के बजाय आप थोड़ा जरा व्‍यायाम करते रहिए, व्‍यायामशाला में जाइए। तो उन्‍होंने उस सज्‍जन को पूछा कि कितना व्‍यायाम करना चाहिए, बोले बस पसीना हो जाए इतना तो शुरू करो पहले। व्‍यायामशाला में जाओ और पसीना हो जाए, उतना करिए। तो बोले- ठीक है, कल से जाऊंगा। तो दूसरे दिन बोले- मैं व्‍यायामशाला पहुंच गया और ये हमारे जो कुश्‍तीबाज होते हैं, वो लोग अखाड़े में अपनी कुश्‍ती कर रहे थे। बोले- जा करके मैं देखने लगा और देखते ही मेरा पसीना छूट गया, तो मुझे लगा कि मेरी exercise को गई। यानी ये बात हंसी की जरूर है, मजाक अपनी जगह है, लेकिन स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा भी है, लेकिन कुछ चिंताएं इससे भी बड़ी हैं।
आज भारत में diabetes, hypertension जैसी अनेक lifestyle diseases बढ़ती जा रही हैं। कभी-कभी तो सुनते हैं परिवार में 12-15 साल का बच्‍चा diabetic patient हो गया है। अपने आसपास देखिए, तो आपको अनेक लोग इनसे पीड़ित मिल जाएंगे। पहले हम सुनते थे कि 50-60 की उम्र के बाद हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन आज कभी-कभी खबर आती है 30 साल, 35 साल, 40 साल का नौजवान बेटा-बेटी चले गए, हार्ट अटैक आ रहा है। ये स्थिति वाकई बहुत चिंताजनक है, लेकिन इन सारी स्थितियों में भी उम्‍मीद की एक किरण भी है। अब आप सोचेंगे कि इन बीमारियों के बीच भी उम्‍मीद की किरण की बात कैसे कह रहा हूं। मैं स्‍वभाव से बहुत ही positive thinking करने वाला इंसान हूं। इसलिए मैं उसमें से भी कुछ अच्‍छी चीजें ढूंढकर निकालता हूं।
साथियो,
Lifestyle disease हो रही है lifestyle disorder की वजह से। अब Lifestyle disorder को हम lifestyle बदल के, उसमें बदलाव करके, उसको ठीक भी कर सकते हैं। तमाम ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें हम अपने daily routine में छोटे-छोटे बदलाव करके, अपनी lifestyle में बदलाव करके उससे हम बच सकते हैं, उसको दूर रख सकते हैं। इन बदलावों के लिए देश को प्रेरित करने का नाम ही Fit India Movement है। और ये कोई सरकारी Movement नहीं है। सरकार तो एक catalytic agent के रूप में इस विषय को आगे बढ़ाएगी, लेकिन एक प्रकार से हर परिवार का एजेंडा बनना चाहिए, ये हर परिवार की चर्चा का विषय बनना चाहिए। अगर व्‍यापारी हर महीने हिसाब लगता है कितनी कमाई की, शिक्षा में रुचि रखने वाले परिवार में चर्चा करते हैं बेटों को कितने marks आया; उसी प्रकार से परिवार के अंदर सहज रूप से शारीरिक श्रम, शारीरिक व्‍यायाम, physical fitness, ये रोजमर्रा की जिंदगी की चर्चा के विषय बनने चाहिए।
और साथियो, भारत में ही अचानक इस तरह की जरूरत महसूस हुई हो, ऐसा नहीं है। समय के साथ ये बदलाव सिर्फ भारत में ही आ रहा है, ऐसा भी नहीं है। पूरे विश्‍व में आज इस तरह के अभियानों की जरूरत महसूस की जा रही है। अनेक देश अपने यहां fitness के प्रति awareness बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े अभियान चला रहे हैं। हमारे पड़ोस में चीन- Healthy China 2030, इसको mission mode में काम कर रहा है। यानी 2030 तक China का हर नागरिक तदुरुस्‍त हो, इसके लिए उन्‍होंने पूरा टाइम टेबल बनाया है। इसी तरह ऑस्‍ट्रेलिया अपने नागरिकों की physical activity बढ़ाने और inactive यानी आलसीपन जो है, कुछ करना-धरना नहीं, उस स्‍वभाव को बदलने के लिए उन्‍होंने ल्‍क्ष्‍य तय किया है कि 2030 तक देश के 15 प्रतिशत नागरिकों को आलस से बाहर निकाल करके fitness के लिए, activeness के लिए हम काम करेंगे। ब्रिटेन में जोर-शोर से अभियान चल रहा है कि 2020 तक पांच लाख नए लोग daily exercise के routine से जुड़ें, ये उन्‍होंने target तय किया है। अमेरिका 2021 तक अपने एक हजार शहरों को free fitness अभियान से जोड़ने का काम कर रहा है। जर्मनी में भी fit instead of fat, इसका बड़ा अभियान चल रहा है।
साथियो, मैंने आपको कुछ ही देशों के नाम गिनाए हैं। अनेक देश बहुत पहले से इस पर काम शुरू कर चुके हैं। इन सारे देशों में लोग fitness की जरूरत को समझते हैं, लेकिन फिर भी उन्‍होंने अपने यहां विशेष अभियान शुरू किए हैं। सोचिए- आखिर क्‍यों? क्‍योंकि सिर्फ कुछ लोगों को फिट रहने से नहीं, बल्कि पूरे देश के फिट रहने से ही देश का फायदा होगा। नए भारत का हर नागरि‍क फिट रहे, अपनी ऊर्जा बीमारियों के इलाज में नहीं बल्कि खुद को आगे बढ़ाने में, अपने परिवार, अपने देश को आगे बढ़ाने में लगाए, इस दिशा में हमें आगे बढ़ना होगा।
सा‍थियो,
जीवन में जब आप एक लक्ष्‍य तय कर लेते हैं तो उस लक्ष्‍य के अनुसार ही हमारा जीवन ढलना शुरू हो जाता है। जीवन ढल जाता है, हमारी आदतें वैसी बन जाती हैं, हमारी दिनचर्या वैसी बन जाती है। हमको सुबह आठ बजे उठने की आदत हो, लेकिन कभी सुबह 6 बजे अगर जहाज पकड़ना है, 6 बजे ट्रेन पकड़नी है, तो हम उठते ही हैं, तैयार होकर चलते ही हैं। किसी student ने अगर ये तय किया कि मुझे 10वीं या 12वीं के बोर्ड में कम से कम इतने पर्सेंट लाने ही हैं, तो आपने देखा होगा कि वो अपने-आप, अपने में एक बहुत बड़ा बदलाव लाना शुरू कर देता है। अपने लक्ष्‍य को हासिल करने की धुन में उसका आलस खत्‍म हो जाता है, उसकी sitting capacity बढ़ जाती है, उसकी concentration capacity बढ़ जाती है, वो दोस्‍तों से समय धीरे-धीरे कम करता जाता है, थोड़ा खाने की आदत कम करता जाता है, टीवी देखना बंद कर देता है, यानी जीवन को ढालने लग जाता है क्‍योंकि मन में लक्ष्‍य हो गया कि मुझे ये करना है।
इसी तरह कोई अगर अपने जीवन का लक्ष्‍य wealth creation बनाता है तो उसका जीवन भी बदल जाता है। वो चौबीसो घंटे अपने लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने में जुटा रहता है। ऐस ही जब जीवन में fitness के प्रति awareness आती है, health consciousness आती है, मन एक बार तय करे कि भाई मैं बिल्‍कुल ही कभी थकूंगा नहीं, कभी सांस फूलेगी नहीं, चलना पड़ेगा तो चलूंगा, दौड़ना पड़ेगा तो दौड़ूंगा, चढना पड़े तो चढूंगा, रुकूंगा नहीं। आप देखिए, धीरे-धीरे-धीरे आपकी जीवन दिनचर्या भी वैसी बनना शुरू हो जाती है। और फिर ऐसी चीजें जो शरीर को नुकसान करती हैं, उससे वो व्‍यक्ति दूर रहता है क्‍योंकि उसके अंदर एक consciousness आ जाती है, जागरूक हो जाता है। जैसे वो drugs की गिरफ्त में कभी नहीं आएगा, उसके लिए कभी drugs cool नहीं होगी, style statement नहीं बनेगी।
साथियो,
स्‍वामी विवेकानंद जी भी कहते थे कि अगर जीवन में purpose हो, पूरे passion के साथ उसके लिए काम किया जाए तो अच्‍छा स्‍वास्‍थ्‍य, सुख-समृद्धि उसके by-product के रूप में आपके जीवन में आ जाते हैं। अपने जीवन के उददेश्‍य को हासिल करने के लिए हमारे भीतर एक जुनून, एक इच्‍छाशक्ति, एक लगन का होना भी उतना ही जरूरी है। जब एक purpose के साथ, passion के साथ हम काम करते हैं, आगे बढ़ते हैं तो सफलता हमारे कदम चूमने के लिए तैयार हो जाती है। और सफलता पर आपने वो कहावत भी सुनी होगी- There is no elevator to success, you have to take the stairs. यानी इस कहावत में भी आपको सीढ़ी के कदम चढ़ने के लिए ही कहा गया है। Step तो आप तभी चढ़ पाएंगे जब फिट होंगे, वरना लिफ्ट बंद हो गई तो सोचेंगे यार आज नहीं जाएंगे, कौन चौथी मंजिल पर जाएगा।
भाइयो और बहनो,
सफलता और फिटनेस का रिश्ता भी एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। आज आप कोई भी क्षेत्र लीजिए, अपने icons को देखिए, उनकी success stories को देखिए, चाहे वो Sports में हों, फिल्मों में हों, बिजनेस में हों, इनमें से अधिकतर फिट हैं। ये सिर्फ संयोग मात्र नहीं है। अगर आप उनकी lifestyle के बारे में पढ़ेंगे तो पाएंगे कि एक चीज, ऐसे हर व्यक्ति में Common है। सफल लोगों का Common character है - Fitness पर उनका फोकस, Fitness पर उनका भरोसा। आपने बहुत से डॉक्‍टरों को भी देखा होगा, बहुत popular होते हैं और दिन में 10-10, 12-12 घंटे अनेक patients के ऑपरेशन करते हैं। बहुत से उद्यमी सुबह एक मीटिंग एक शहर में करते हैं, दूसरी मीटिंग दूसरे शहर में करते हैं, उनके चेहरे पर शिकन तक नहीं आती। उतनी ही alertness के साथ काम करते हैं। आप किसी भी प्रोफेशन में हों, आपको अपने प्रोफेशन में efficiency लानी है तो मेंटल और फिजिकल फिटनेस बहुत जरूरी है। चाहे Boardroom हो या फिर Bollywood, जो फिट है वो आसमान छूता है। Body fit है तो Mind hit है।
सा‍थियो,
जब फिटनेस की तरफ हम ध्यान देते हैं, हम फिटनेस पर ध्‍यान देते हुए अपने आपको फिट करने की कोशिश करते हैं, तो इससे हमें अपनी बॉडी को भी समझने का मौका मिलता है। ये हैरानी की बात है, लेकिन हम अपने शरीर के बारे में, अपनी ताकत, अपनी कमजोरियों के बारे में बहुत ही कम जानते हैं। इसलिए जब हम Fitness की अपनी यात्रा पर निकलते हैं तो अपनी बॉडी को बेहतर ढंग से समझना शुरु करते हैं। और मैंने ऐसे कई लोगों को देखा है जिन्होंने ऐसे ही अपनी Body की शक्ति को जाना है, पहचाना है। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है, जिससे एक बेहतर व्यक्तित्व के निर्माण में उन्हें मदद मिली है।
साथियो,
Fit India अभियान भले ही सरकार ने शुरु किया है, लेकिन इसका नेतृत्व आप सभी को ही करना है। देश की जनता ही इस campaign को आगे बढ़ाएगी और सफलता की बुलंदी पर पहुंचाएगी। मैं अपने निजी अनुभव से कह सकता हूं कि इसमें Investment Zero है, लेकिन Return असीमित हैं।
यहां मंच पर मानव संसाधन विकास मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री भी हैं। मेरा उनको विशेष आग्रह है कि देश के हर गांव में, देश की हर पंचायत में, देश के हर स्‍कूल में ये अभियान पहुंचना चाहिए। ये अभियान सिर्फ एक मंत्रालय का नहीं है, सिर्फ सरकार का नहीं है, ये सरकार चाहे केंद्र की हो, राज्‍य की हो, नगर पालिका हो, पंचायत हो, कोई भी दल हो, कोई भी विचारधारा हो, फिटनेस के संबंध में किसी को कोई problem नहीं होना चाहिए। पूरा देश, हर परिवार इस पर बल दें। अभी हमने कार्यक्रम में देखा, हमारे यहां फिटनेस के साथ वीरता का भी माहात्म्य है, लेकिन दुर्भाग्‍य से सीमित सोच के कारण, पूर्ण सोच के अभाव के कारण हमने हमारी परम्‍पराओं से ऐसी गाड़ी derail कर दी है, जैसे कभी हमारे यहां जो 60-70-80 साल के उम्र के लोग होंगे, जब वो स्‍कूल में पढ़ते तो तब तलवार का 'त'पढ़ाया जाता था। 'त' तलवार का 'त'। बाद में कुछ बुद्धिमान लोगों ने विवाद खड़ा किया, सीमित सोच का परिणाम था कि भाई तलवार बच्‍चों को पढ़ाने से उसके अंदर हिंसक मनोवृत्ति आती है। तो क्‍या करें, तो तलवार को निकाल दो, 'त' तरबूज का 'त' पढ़ाओ। यानी हमने किस प्रकार से मनोवैज्ञानिक रूप से भी हमारी महान परम्‍पराओं से वीरता को भी, शारीरिक सामर्थ्‍य को भी, फिटनेस को भी बहुत गहरी चोट पहुंचाई है।
और इसलिए मैं चाहूंगा कि हर प्रकार से हम फिटनेस को एक उत्‍सव के रूप में, जीवन के एक हिस्‍से के रूप में, परिवार के सफलता के जितने भी मानक हों, उसमें फिटनेस भी एक परिवार की सफलता का मानक होना चाहिए। व्‍यक्ति के जीवन की सफलताओं में भी फिटनेस उसका एक मानक होना चाहिए। अगर इन भावों को ले करके हम चलते हैं और राज्‍य सरकारें हो, मैं उनको भी कहूंगा कि Fit India Movement को ज्‍यादा से ज्‍यादा विस्‍तार देने, इसे देश के दूर-दराज वाले क्षेत्रों में पहुंचाने के लिए हर कोई आगे आए। अपने स्‍कूलों में, अपने कार्यालयों में, अपने राज्‍य के लोगों में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ाकर, उनके लिए आवश्‍यक संसाधन जुटाकर हमें ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को daily अपना कुछ समय फिटनेस को देने के लिए प्रेरित करना होगा। स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति, स्‍वस्‍थ परिवार और स्‍वस्‍थ समाज, यही नए भारत को श्रेष्‍ठ भारत बनाने का रास्‍ता है। जैसे आपने स्‍वच्‍छ भारत अभियान को अपने जीवन का हिस्‍सा बनाया है, उसी तरह Fit India Movement को भी अपने जीवन का हिस्‍सा बनाना है।
आइए, आप आज ये संकल्‍प लें, ये प्रतिज्ञा लें कि आप खुद भी फिट रहेंगे, अपने परिवार, मित्रों, पड़ोसियों, और जिनको भी आप जानते हैं, उन सभी को फिट रहने के लिए प्रोत्‍साहित करेंगे। मैं फिट तो इंडिया फिट।
इसी एक आग्रह के साथ एक बार फिर इस अभियान के लिए देशवासियों को मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं हैं और समाज के हर तबके में नेतृत्‍व करने वाले लोगों से मेरा आग्रह है कि आप आगे आइए, इस movement को बल दीजिए, समाज के स्‍वस्‍थ होने में आप भी हिस्‍सेदार बनिए। इसी एक अपेक्षा के साथ, अनेक-अनेक शुभकामनाओं के साथ आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद।


नया भारत फिट भारत होना चाहिए - प्रधानमंत्री   


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आज नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में फिट इंडिया अभियान की शुरूआत की। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे फिटनेस को अपनी जीवन शैली का हिस्सा बनाएं।
मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस पर जन अभियान की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने अपने खेल और तकनीक से दुनिया का दिल जीतने वाले भारत के खेल प्रतिमान मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देश के उन युवा खिलाड़ियों को बधाई दी जिन्होंने अपने प्रयासों से विश्व मंच पर तिरंगा लहराया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन खिलाड़ियों के पदक न केवल उनके कठोर परिश्रम का परिणाम है बल्कि नए भारत के जोश और नए विश्वास की झलक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 'फिट इंडिया अभियान' राष्ट्रीय लक्ष्य और उसकी महत्वकांक्षा बनना चाहिए। देश को उत्साहित करने का प्रयास करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट इंडिया अभियान को सरकार द्वारा शुरु तो किया जा सकता है लेकिन इसकी अगुवाई लोगों को करनी होगी और इसे सफल बनाना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सफलता का संबंध फिटनेस से है औऱ जीवन के किसी भी क्षेत्र में प्रतिमान स्थापित करने वाले लोगों की सफलता में एक समानता है और उनका फिट रहना, फिटनेस पर ध्यान देना और फिटनेस की चाहत रखना।
प्रधानमंत्री ने कहा “प्रौद्योगिकी ने हमारी शारीरिक क्षमता कम कर दी है और हमारी फिटनेस की आदत छीन ली है तथा आज हम अपनी परंपरागत कार्यप्रणालियों और जीवनशैली से अनभिज्ञ हो गए हैं, जो हमें स्वस्थ रख सकती हैं। समय के साथ हमारे समाज ने फिटनेस को कम महत्व देकर खुद से दूर कर दिया है। पहले एक व्यक्ति कई किलोमीटर पैदल अथवा साइकिल पर चलता था, आज मोबाइल ऐप हमें बताता है कि हम कितने कदम चले हैं।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत में आज जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं और उससे युवा भी प्रभावित हो रहे हैं। डायबिटीज और हाइपरटेंशन के मामले बढ़ रहे हैं और यहां तक की भारत में बच्चों में भी यह बीमारियां देखने को मिल रही हैं। लेकिन जीवनशैली में मामूली बदलाव से जीवनशैली से जुड़ी इन बीमारियों से बचा जा सकता है। फिट इंडिया अभियान जीवनशैली में मामूली बदलाव लाने का एक प्रयास है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि किसी भी पेशे से जुड़े लोग अपने पेशे में और प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं यदि वे मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहे। यदि शरीर फिट है तो आप मानसिक रूप से भी फिट हैं। खेलों का फिटनेस से सीधा संबंध है। लेकिन फिट इंडिया अभियान का उद्देश्य फिटनेस से भी आगे बढ़कर है। फिटनेस केवल एक शब्द नहीं है बल्कि एक स्वस्थ और समृद्ध जीवन का आवश्यक स्तंभ है। जब हम लड़ाई के लिए खुद को तैयार करते हैं, हम देश को लोहे की तरह मजबूत बनाते हैं। फिटनेस हमारी ऐतिहासिक विरासत का हिस्सा है। भारत के हर कोने में फिटनेस से जुड़े खेल और खेल-कूद होते हैं। शरीर को तैयार करते समय शरीर के अंगों पर अधिक ध्यान देकर और शरीर के हिस्सों के बीच तालमेल बनाकर दिमाग को भी शिक्षित किया जाता है। नए भारत को फिट भारत बनाने के लिए एक स्वस्थ व्यक्ति, एक स्वस्थ परिवार और एक स्वस्थ समाज आवश्यक है।
प्रधानमंत्री ने कहा स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ परिवार और स्वस्थ समाज यही नए भारत को श्रेष्ठ बनाने का रास्ता हैं। आज राष्ट्रीय खेल दिवस पर हम फिट इंडिया अभियान को मजबूत बनाने की प्रतिज्ञा करते हैं।


प्रधानमंत्री करेंगे 12 आयुष स्‍मारक डाक टिकट जारी करेंगे, 10 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का शुभारंभ करेंगे


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी कल नई दिल्‍ली के विज्ञान भवन में योग के संवर्धन और विकास में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्‍कार के विजेताओं को पुरस्‍कार प्रदान करेंगे। इन पुरस्‍कारों की घोषणा रांची में अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर की गई थी। आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पिछले साल के दो विजेताओं को भी पुरस्‍कार प्रदान किये जायेंगे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री विद्वानों, चिकित्‍सकों और आयुष प्रणालियों से इलाज करने वालों के सम्‍मान में 12 स्‍मारक डाक टिकटें जारी करेंगे। इन स्‍मारक डाक टिकटों पर आयुष प्रणालियों के इन इलाज करने वालों के महान कार्यों पर प्रकाश डाला जाएगा तथा उनकी उपलब्धियों का अभिनंदन किया जाएगा।
योग के संवर्धन और विकास में उल्‍लेखनीय योगदान के लिए प्रधानमंत्री पुरस्‍कार की स्‍थापना और घोषणा 21 जून, 2016 को दूसरे अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की गई थी। तब से यह पुरस्‍कार इस क्षेत्र में योगदान देने वाले प्रमुख व्‍यक्तियों को दिया जाता है। वर्तमान वर्ष में 79 नामांकनों और पिछले साल के 186 नामांकनों में से विभिन्‍न श्रेणियों के अनतर्गत विजेताओं का चयन किया गया। विजेताओं की घोषणा रांची में अन्‍तर्राष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान की गई थी। प्रत्‍येक पुरस्‍कार विजेता को 25 लाख रुपये का नकद पुरस्‍कार, ट्रॉफी और प्रमाण पत्र से नवाजा जाएगा।
वर्ष 2019 के योग पुरस्‍कार विजेता हैं,- व्यक्तिगत-राष्ट्रीय श्रेणी में लाइफ मिशन, गुजरात के स्वामी राजर्षि मुनि, , व्‍यक्तिगत-अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में इटली की सुश्री एंटोइत्ता रोजी, संगठन-राष्ट्रीय श्रेणी में, बिहार स्कूल ऑफ योग, मुंगेर, बिहार और अंतर्राष्ट्रीय संगठन श्रेणी में जापान योग निकेतन, संगठन जापान तथा वर्ष 2018 के योग पुरस्कार के विजेता हैं- व्यक्तिगत-राष्ट्रीय श्रेणी में श्री विश्वास मांडलिक, नासिक और संगठन - राष्ट्रीय श्रेणी में  योग संस्थान, मुंबई।
प्रधानमंत्री हरियाणा में 10 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों  का भी शुभारंभ करेंगे और यह अगले तीन वर्षों में 12,500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों को चालू करने की आयुष मंत्रालय की प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं। समग्र प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत के तहत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में आयुष संघटकों को सम्मिलित किया गया है। ये केंद्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 को पूर्णता प्रदान करेंगे, जिसमें पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की आयुष सेवाओं को सम्मिलित किए जाने और मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया गया है। यह व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने के लिए समग्र, निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वास और प्रशामक आयुष को मुख्यधारा में लाने की एक ऐतिहासिक शुरुआत होगी। इन स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में मुख्‍य रूप से समाज को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए आयुष आधारित स्वस्थ भोजन और जीवनशैली, सामाजिक व्यवहार और औषधीय पौधों के उपयोग को आत्‍मसात कर 'स्‍वयं की देखभाल' करने में समर्थ बनाने पर ध्‍यान केन्द्रित किया जाएगा। विभिन्‍न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के निदान और दवाओं के लिए भी प्रावधान किये जायेंगे। ये सेवाएं वर्तमान में जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अलावा होंगी।


100 प्रतिशत एफडीआई से देश में सृजन होगा: श्री प्रह्लाद जोशी


नई दिल्ली। कोयला क्षेत्र में संबंधित प्रसंस्करण, बुनियादी ढांचे सहित कोयला खनन गतिविधियों के लिए स्‍वत: रूट के तहत 100 प्रतिशत एफडीआई (प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश) का निर्णय मोदी सरकार का सबसे बड़ा सुधार है जिससे सभी को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने एक वक्‍तव्‍य में कहा, '100 प्रतिशत एफडीआई हमारे समय का सबसे बड़ा सुधार है और अंतरराष्‍ट्रीय कंपनियों के आगमन से भारत में एक दक्ष एवं प्रतिस्‍पर्धी कोयला बाजार का सृजन होगा। यह उम्‍मीद की जा रही है कि देश में अत्‍याधुनिक कोयला खनन प्रौद्योगिकी आएगी जिससे पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ खनन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। इस निर्णय से कोयला भंडार वाले क्षेत्रों में प्रत्‍यक्ष एवं अप्रत्‍यक्ष रोजगार भी सृजित होंगे और इसका इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास पर सकारात्‍मक असर पड़ेगा।' उन्‍होंने कहा कि इस सुधार से कोयला भंडार वाले राज्‍यों को और ज्‍यादा राजस्‍व प्राप्‍त होने में काफी मदद मिलने की संभावना है। इसके साथ ही एक दक्ष एवं प्रतिस्‍पर्धी कोयला बाजार के सृजन के लिए कई और कंपनियों का आगमन होने की उम्‍मीद है।
उन्‍होंने इस कदम को 'कारोबार में सुगमता' सुनिश्‍चि‍त करने का एक हिस्‍सा बताते हुए कहा कि इससे अर्थव्‍यवस्‍था के विकास को नई गति मिलेगी। श्री जोशी ने यह बात दोहराई कि इस कदम से देश में ऊर्जा सुरक्षा का मार्ग भी प्रशस्‍त होगा क्‍योंकि भारत में 70 प्रतिशत बिजली ताप विद्युत संयंत्रों से उत्‍पादित होती है।


प्रहलाद सिंह पटेल ने किया जल संरक्षण प्रणाली एवं शिशु देखभाल एवं स्तिनपान कक्ष का उद्घाटन


नई दिल्ली। केन्‍द्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज आगराके ताजमहल परिसर में जल संरक्षणप्रणाली एवं शिशुदेखभाल एवं स्‍तनपान कक्ष का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने देश की जनता से जल संरक्षण के कार्य में हाथ बंटाने तथा स्‍वच्‍छ भारत मिशन की ही तरह जन-आंदोलन शुरू करने का अनुरोध किया है। तद्नुसार, श्री पटेल ने जल संरक्षण प्रणाली का उद्घाटन किया, जिसने आरओ सिस्‍टम से आये लगभग 10000 लीटर प्रदूषित जल को इस ऐतिहासिक स्‍थल के परिसर में स्थित एक पुराने कुंए तक पहुंचाया। इस अवसर पर श्री पटेल ने महिला पर्यटकों की सुविधा के लिए ताजमहल परिसर में शिशु देखभाल एवं स्‍तनपान कक्ष का भीउद्घाटन किया।
कार्यक्रम के दौरान श्री पटेल ने ताजमहल परिसर के भीतर स्थित संग्रहालय का भी दौरा किया और बहुमूल्‍य कलाकृतियों, पेंटिंग्‍स और अन्‍य कार्यों को संरक्षित करने वाली गैलरियों को देखा। इस अवसर पर उनके साथ आगरा के सांसद श्री एस पी सिंह बघेल और फतेहपुर सिकरी के श्री राजकुमार चहर तथा एएसआई के अधिकारी भी थे। इस अवसर पर श्री पटेल ने सभी अधिकारियों और नागरिकों से अनुरोध किया कि वे महत्‍वपूर्ण ऐतिहासिक स्‍थलोंको साफ-सुथरा रखें और उन्‍हें आगंतुकों के लिए सुगम्‍य बनायें।


पाकिस्तान का कश्मीर पर कोई अधिकार नहीं: राजना​थ सिंह


नई दिल्ली। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर में दखल करने का कोई अधिकार नहीं है और उसे भारत के आंतरिक मामलों में बयान देना बंद कर देना चाहिए। आज रक्षा मंत्री ने उच्च उन्नतांश रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआईएचएआर) द्वारा लेह में आयोजित 26वें किसान जवान विज्ञान मेले का शुभारंभ किया और किसानों, जवानों एवं वैज्ञानिकों को संबोधित किया।  
रक्षा मंत्री ने कहा, ' मैं पाकिस्तान से पूछना चाहता हूं कि कश्मीर उसके पास कब था?  कश्मीर हमेशा से ही भारत का एक अंग है।'  
रक्षा मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में हमारा रवैया हमेशा स्पष्ट रहा है। उन्होंने आगे कहा कि फरवरी 1994 में संसद ने बिना विरोध के जम्मू एवं कश्मीर पर एक प्रस्ताव पास किया था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि गिलगिट-बाल्टिस्तान समेत पूरे पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर पाकिस्तान ने गैर कानूनी कब्जा जमाया हुआ है। उन्होंने कहा कि कश्मीर पर बात करने के बजाय पाकिस्तान को पाक अधिकृत कश्मीर के नागरिकों के मानवाधिकारों के हनन पर ध्यान देना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने कहा, ' सरकार ने लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया, तो हमने यहां की जनभावना का सम्मान किया है और इसके साथ ही यहां की समस्याओं का भी समाधान किया है। हमारे प्रधानमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि भारत के सामरिक महत्व के क्षेत्र के लिए हम स्थानीय समाधान लेकर आएंगे।'  
इससे पहले रक्षा मंत्री ने मुख्य कार्यकारी सलाहकार, लद्धाख स्वायत्‍त  पर्वत विकास परिषद (एलएएचडीसी) लेह, श्री जामयांग शेरिंग नामग्याल,  सचिव, आर एंड डी रक्षा विभाग एवं डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. सतीश रेड्डी और लद्दाख के अन्य वरिष्ठ नागरिकों एवं थलसेना के कार्मिकों की उपस्थिति में 'किसान जवान विज्ञान' मेले का शुभारंभ किया।  
राजनाथ सिंह ने डीआईएचएआर के परीक्षण संबंधी उन क्षेत्रों का दौरा भी किया जहां गुणवत्तापूर्ण जैविक फलों एवं सब्जियों के उत्पादन की प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने ग्रीन हाउस प्रौद्योगिकी, भूमिरहित खेती प्रौद्योगिकी, आलू भंडारण प्रौद्योगिकी और शीतल जलवायु परिस्थितियों में खरबूजे उगाने की प्रौद्योगिकी का निरीक्षण भी किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस मेले से किसानों, जवानों और वैज्ञानिकों को आपस में संवाद करने के लिए मंच की सुविधा मुहैया हुई है और इस मेले से जय-जवान, जय-किसान, जय-विज्ञान और जय-अनुसंधान थीम जुड़ी हुई है। उन्होंने लद्धाख क्षेत्र में सैनिकों और समाज के बीच संपर्क बनाए रखने में डीआईएचएआर द्वारा अदा की जाने वाली भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह मेला लद्धाख में सामरिक महत्व के पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
श्री राजनाथ सिंह ने डीआईएचएआर के वैज्ञानिकों से कहा कि तीन वर्ष के अंदर जब इसकी स्थापना के 60 वर्ष पूरे हो जाएंगे,  तो उच्च उन्नतांश यानी ज्‍यादा ऊंचाई वाले क्षेत्र में जीवित बने रहने का एक ऐसा मॉडल विकसित करें जिससे हमारे देश की सेना में और अधिक ताकत एवं साहस पैदा हो जाए और जो कठोरतम परिस्थियों में भी जवानों का मनोबल बनाए रखे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना उच्च उन्नतांश क्षेत्र के युद्ध में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ सेना बनने की काबलियत रखती है।
रक्षा मंत्री ने एलएएचडीसी की लेह को वर्ष 2025 तक प्रमाणित जैविक जिला बनाने की नवीनतम पहल की भी सराहना की। उन्‍होंने यहां के जैविक मिशन में सरकार की तरफ से मदद का भी भरोसा दिलाया।
लद्दाख क्षेत्र के कठिन भूभाग में तैनात सैनिकों की ताजा भोजन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए डीआईएचएआर प्रयोगशाला की नींव वर्ष 1962 में रखी गई थी। यह संस्थान उन्नत प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्थानीय तौर पर थलसेना जैविक कृषि से ताजा उत्पाद प्राप्त कर रहा है। विकसित प्रौद्योगिकी के चक्रीय रूप में लद्दाख के किसान विभिन्न किस्मों के फल और सब्जियां पैदा कर रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप उनकी सामाजिक एवं आर्थिक दशा में सुधार हो रहा है।


11 जिलों में 300,000 परिवारों की आजीविका में सुधार


नई दिल्ली। पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना (एनईआरएलपी) ने मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के 11 जिलों के 58 विकास खंडों के अंतर्गत 1,645 गांवों में गरीबों को सशक्त बनाया और 300,000 परिवारों की आजीविका में सुधार किया। इस परियोजना के अंतर्गत कौशल विकास और नियोजन में 10462 लड़के/लड़कियों को विभिन्न कौशलों का प्रशिक्षण दिया गया और आज उनमें से 5494 को रोजगार मिला हुआ है।
एनईआरएलपी विश्व बैंक से सहायता प्राप्त पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अंतर्गत 683 करोड़ रुपये (144.4 मिलियन अमरीकी डॉलर) की बहु-राज्यीय आजीविका परियोजना है जिसकी शुरुआत 2012 में हुई थी। इस परियोजना को मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के 11 जिलों में लागू किया गया था परियोजना का उद्देश्य चार पूर्वोत्तर राज्यों के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं, बेरोजगार युवकों और वंचितों सी आजीविका में सुधार लाना है।
परियोजना में सामाजिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण, साझेदारी विकास परियोजना प्रबंधन और आजीविका तथा मूल्य श्रृंखला विकास पर मुख्य रूप से ध्यान दिया गया है।


डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने पूर्वोत्‍तर में जारी परियोजनाओंऔर भावी योजनाओं की समीक्षा की


नई दिल्ली।  केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने आज नई दिल्‍ली में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय तथा पूर्वोत्‍तर परिषद(एनईसी) के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इस बैठक में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव, एनईसी के सचिव और अन्‍य अधिकारी मौजूद थे।
अधिकारियों ने डॉ. सिंह को पूर्वोत्‍तर क्षेत्र(एनईआर) में जारी परियोजनाओं में हुई प्रगति की जानकारी दी। बैठक के दौरान डॉ. सिंह को बताया गया कि सभी पूर्वोत्‍तर  राज्‍यों ने शिक्षा एवंअनुसंधान नेटवर्क (ईआरएनईटी) के आंकड़े उपलब्‍ध कराये हैं, जिससे एनईआर को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत लाने का मार्ग प्रशस्‍त हो गया है। डॉ. सिंह ने इस दिशा में मंत्रालय की उपलब्धियों की सराहना की।
डॉ. सिंह को जानकारी दी गई कि दिल्‍ली-एनसीआर में पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के छात्रों के लिए दिल्‍ली के जेएनयू परिसर में एक छात्रावास का निर्माण कराया जा रहा है।छात्रावास की इमारत के निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और सितम्‍बर 2019 के प्रथम सप्‍ताह में इस पर काम शुरू हो जाने की संभावना है। छात्रावास में 408 छात्र रह सकेंगे। इसके अलावा 24 कमरे एनईआर के दिव्‍यांग छात्रों के लिए निर्धारित किए गए हैं।
बैठक में द्वारका में बनने वाले नॉर्थ ईस्‍टर्न कल्‍चरल एंड कन्‍वेंशन सेंटर की स्थिति के बारे में भी चर्चा की गई। इस परियोजना पर लगभग 94.00 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
बैठक के दौरान डॉ. सिंह ने प्रदर्शनियां और पूर्वोत्‍तर के उत्‍पादों तथा जम्‍मू कश्‍मीर के हस्‍तशिल्‍पों के मंडप लगाने का इंतजाम करने का सुझाव दिया ताकि पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और जम्‍मू कश्‍मीर के बीच सम्‍पर्क बढ़ाया जा सके।
क्षेत्र में की जा रही पहलों और कार्यान्वित की जाने वाली परियोजनाओं का जायजा लेते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि एनईआर का विकास प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की प्राथमिकता रहा है। उन्‍होंने कहा कि पूर्वोत्‍त्‍र क्षेत्रमेंजारी विकास परियोजनाओं को कार्यान्वित करने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठायेगी तथा पूर्वोत्‍तर की जनता के लाभ के लिए नई परियोजनाएं शुरू करने के उपाय करेगी।
डॉ. सिंह को 8-9 सितम्‍बर 2019 को गुवाहाटी में होने वाले पूर्वोत्‍तर परिषद के 68वें पूर्ण सम्‍मेलन की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। सरकार के 100 दिनों की रिपोर्ट की रिपोर्ट के बारे में भी बैठक में चर्चा की गई।


विभि‍न्‍न राज्‍यों में वनीकरण के लिए केन्‍द्र ने 47,436 करोड़ की राशि जारी की


नई दिल्ली। वनीकरण को बढ़ावा देने और देश के हरित उद्देश्यों की प्राप्ति को प्रोत्‍साहन देने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज सीएएमपीए को 47,436 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री बाबुल सुप्रियो भी उपस्थित थे। नई दिल्ली में आयोजित राज्य के वन मंत्रियों और अधिकारियों की एक बैठक के दौरान पर्यावरण मंत्री ने कहा, “वनों के लिए राज्य का बजट अप्रभावित रहेगा और हस्तांतरित की जा रही धनराशि राज्य के बजट के अतिरिक्त होगी तथा आशा है कि सभी राज्य इस धनराशि का उपयोग वन और वृक्षों का आवरण बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्‍तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के उद्देश्‍यों की पूर्ति के लिए वानिकी कार्यकलापों में करेंगे, जिससे वर्ष 2030 तक 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के समान अतिरिक्त कार्बन सिंक (यानी वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण) होगा।” पर्यावरण मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि सीएएमपीए कोष का उपयोग वेतन के भुगतान, यात्रा भत्ते, चिकित्सा व्यय आदि के लिए नहीं किया जा सकता है।
वन संपदा और देश की पारिस्थितिकी की सुरक्षा में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों को रेखांकित करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा, “जिन महत्वपूर्ण गतिविधियों पर इस धन का उपयोग किया जाएगा उनमें -  क्षतिपूरक वनीकरण, जलग्रहण क्षेत्र का उपचार, वन्यजीव प्रबंधन, सहायता प्राप्त प्राकृतिक सम्पोषण, वनों में लगने वाली आग की रोकथाम और उस पर नियंत्रण पाने की कार्रवाइयों, वन में मृदा एवं आद्रता संरक्षण कार्य, वन्‍य जीव पर्यावास में सुधार, जैव विविधता और जैव संसाधनों का प्रबन्‍धन, वानिकी में अनुसंधान तथा सीएएमपीए कार्यों की निगरानी आदि शामिल हैं।
सीएएमपीए की पृष्‍ठभूमि
राज्‍यों में क्षतिपूरक वनीकरण के लिए एकत्र धनराशि का राज्‍यों द्वारा अल्‍प उपयोग किये जाने संबंधी शुरूआती अनुभव के साथ माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने 2001 में क्षतिपूरक वनीकरण कोष एवं क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्‍धन एवं योजना प्राधिकरण (सीएएमपीए) की स्‍थापना का आदेश दिया। 2006 में पृथक बैंक खाते खोले गए और क्षतिपूरक लेवी उनमें जमा कराई गई तथा क्षतिपूरक वनीकरण कोष के प्रबन्‍धन के लिए तदर्थ सीएएमपीए की स्‍थापना की गई। 2009 में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने राज्‍यों/संघशासित प्रदेशों को क्षतिपूरक वनीकरण तथा अन्‍य गतिविधियों के लिए प्रति वर्ष 1000 करोड़ रुपए की राशि जारी करने की अनुमति दी। सीएएफ नियमों की अधिसूचना जारी होने के बाद 28 जनवरी, 2019 को सर्वोच्‍च न्‍यायालय की मंजूरी से तदर्थ सीएएमपीए से 54,685 करोड़ रुपए की राशि भारत सरकार के नियंत्रण में लाई गई। अब तक 27 राज्‍य/संघशासित प्रदेश केंद्र सरकार से धनरााशि प्राप्‍त करने के लिए अपने खाते खुलवा चुके हैं और आज उन राज्‍यों को 47,436 करोड़ रुपये की राश‍ि‍ स्‍थानांतरित की गई। इस राशि का उपयोग सीएएफ अधिनियम एवं सीएएफ नियमों के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।


पंडित दीनदयाल उपाध्याय और महात्मा गांधी के बारे में पढ़ने से भारत को जान सकेंगे: अमित शाह


नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने एक नया विचार, एक नया दर्शन देकर देश को आगे बढ़ाने का काम किया था | उनका कहना था कि गांधी का दर्शन शाश्वत है और उनके 150वें जन्मवर्ष पर प्रत्येक देशवासी को एक संकल्प लेना चाहिए जिससे 130 करोड़ देशवासियों का संकल्प एक मजबूती के साथ नए भारत का निर्माण करने में सहायता करेगा |
श्री अमित शाह ने कहा कि डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र आज से एक नई शुरुआत कर रहे हैं और उन्हें देश के विकास में योगदान सुनिश्चित करना चाहिए | उन्होने कहा कि आप का भविष्य अपार संभावनाओं से भरा है और संभावनाओं का दोहन वही कर सकता है जिसमें हौसला होता है|
श्री शाह ने छात्रों को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ओर से शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज पर्यावरण का जमाना है और हमें ग्लोबल वॉर्मिंग और क्लाइमेट चेंज की चिंता कर उचित उपाय करने होंगे | वर्तमान में इन समस्याओं के रूप को देखते हुए श्री शाह ने सिंगल यूज प्लास्टिक तथा ईको फ्रेंडली से संबन्धित कोर्स शुरू करने का भी सुझाव दिया | इससे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के गुजरात को भारत की पेट्रोल राजधानी बनाने का सपना भी पूरा होगा |
श्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के 73 साल हो चुके हैं और 2014 तक देश की सरकारों ने बहुत तरह के कार्य किए किन्तु देश में सुधार कार्यों में पहल मोदी जी के नेतृत्व में हुई | उन्होने कहा कि आजादी के बाद 2014 तक जहां देश में 3000 से कम स्टार्टअप थे लेकिन 2019 में इनकी संख्या 20000 से ज्यादा है |
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी जी देशहित में कठिन से कठिन फैसले लेने में पीछे नहीं हटते | श्री शाह ने कहा कि धारा 370 तथा 35 ए हटाने का फैसला कर मोदी जी ने कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया जिससे वहाँ विकास के कार्य सुनिश्चित होंगे तथा पहले से अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था और शिक्षा उपलब्ध कराई जा सकेगी |
श्री अमित शाह ने कहा कि भारत की जनता ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी पर भरोसा कर दोबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई इसका परिणाम है कि भारत दुनिया में आज सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है| उन्होने भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संदर्भ में कहा कि इसमें ऊर्जा और पेट्रोलियम की भूमिका महत्वपूर्ण होगी | श्री शाह का कहना था कि बढ़ते शहरीकरण के साथ हम ऊर्जा के मामलों में बहुत आगे निकल रहे हैं किन्तु भारत की प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत काफी कम है जिसे ध्यान में रखकर भविष्य की रूपरेखा तैयार करनी होगी | उन्होने आगे कहा कि श्री नरेंद्र मोदी वैश्विक स्तर पर सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में भारत की नई छवि का निर्माण कर रहे हैं |
कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रुपाणी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम विश्वविद्यालय के चेयरमैन श्री मुकेश अंबानी, गुजरात सरकार के मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह, श्री सौरभ पटेल सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे |


गुजरात इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन बढ़ाने में देश की अगुवाई करेगा : मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी


नई दिल्ली। जम्‍मू-कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 370 के विभिन्‍न प्रावधानों को हटाने के बाद गुजरात के अपने पहले दौरे पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज 'मिशन मिलियन ट्री' कार्यक्रम के समापन समारोह में भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन अहमदाबाद नगर निगम ने किया। विश्‍व पर्यावरण दिवस यानी 5 जून, 2019 को शुरू किए गए इस मिशन का समापन अहमदाबाद में 10,87,000 पौधों के रोपण के साथ हुआ।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने महिलाओं से किराने के सामान और सब्‍जी की खरीदारी के लिए प्‍लास्टिक की थैलियों का इस्‍तेमाल न करने का आह्वान किया। श्री शाह ने लोगों को पेरिस जलवायु समझौते का स्‍मरण कराते हुए विश्‍व भर में कार्बन डाई ऑक्‍साइड और कार्बन मोनो ऑक्‍साइड के उत्‍सर्जन के कारण ओजोन की परत के क्षय से जुड़े खतरे को रेखांकित किया।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने वर्ष 2019 में दूसरी बार सत्‍ता संभालने के समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 'जल शक्ति' के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किए जाने का जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि यह कदम आने वाले दिनों में जल संरक्षण, जल संचयन, अपशि‍ष्‍ट जल के शोधन और सिंचाई संबंधी नवाचारों सहित पर्यावरण संरक्षण के विभिन्‍न मोर्चों पर पूरी दुनिया का मार्गदर्शन करेगा।
श्री शाह ने शहर में 8 एसी इलेक्ट्रिक बसों को झंडी दिखाकर रवाना किया और इसके साथ ही एक बैटरी चार्जिंग केंद्र का उद्घाटन भी किया। अहमदाबाद नगर निगम के प्रयासों की सराहना करते हुए श्री शाह ने कहा कि अहमदाबाद ने देश में निर्मित बसों के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन बढ़ाने में अगुवाई की है। उन्‍होंने नागरिक निकायों से तकनीकी जरूरतों जैसे कि बैटरी बदलने के ऐसे उपयुक्‍त केंद्रों की स्‍थापना करने की दुरुस्‍त तैयारी करने की अपील की जिससे समय की बचत हो और इसके साथ ही ऊर्जा किफायती भी हो।
उल्‍लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की आवासीय सोसायटियों के अध्‍यक्षों/सचिवों को अपनी-अपनी सोसायटियों में कम से कम ऐसे 5 पौधे लगाने के लिए एक विशेष पत्र लिखा है जो 100 साल से भी अधिक समय तक जीवित रहते हैं। इनमें बरगद के पेड़, पीपल के पेड़ इत्‍यादि शामिल हैं। इस बारे में मिली प्रतिक्रिया पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि उन्‍हें ऐसे 3216 सकारात्‍मक जवाब प्राप्‍त हुए हैं जिनमें सोसायटियों ने पेड़ों में नियमित रूप से पानी देने के साथ-साथ उनका समुचित रख-रखाव करने की भी व्‍यवस्‍था करने की जानकारी दी है।
इस अवसर पर गुजरात के मुख्‍यमंत्री श्री विजय भाई रूपाणी ने केंद्रीय गृह मंत्री को आश्‍वासन दिया कि गुजरात इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन बढ़ाने में देश की अगुवाई करेगा। उन्‍होंने कहा कि फिलहाल अहमदाबाद में 50 इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन का प्रावधान किया गया है, लेकिन जल्‍द ही अकेले अहमदाबाद शहर में 500 इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। उन्‍होंने गुजरात राज्‍य को हरित, स्‍वच्‍छ, पर्यावरण अनुकूल और प्रदूषण मुक्‍त बनाने की बात दोहराई।
श्री रूपाणी ने जानकारी दी कि इलेक्ट्रिक बसें स्‍वदेश में ही निर्मित की गई हैं जो 'मेक इन इंडिया' की अवधारणा के अनुरूप है। इस वर्ष पर्याप्‍त वर्षा होने पर संतोष व्‍यक्‍त करते हुए श्री रूपाणी ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्‍य सरकार की ओर से अनेक चेक डैम एवं तालाबों के साथ-साथ कई अन्‍य जल संरक्षण प्रयास किए गए हैं जिनके अच्‍छे नतीजे अब सामने आ रहे हैं।
अहमदाबाद की महापौर सुश्री बिजल पटेल, गुजरात सरकार के गृह मंत्री श्री प्रदीपसिंह जड़ेजा, गुजरात के कृषि मंत्री श्री आर.सी. फालदू, गुजरात के राजस्‍व मंत्री श्री कौशिक भाई पटेल और अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


अमित शाह ने जिले में केंद्रीय योजनाओं की समीक्षा की


नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमितभाई शाह ने आज अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र गांधीनगर जिले में विभिन्‍न केंद्रीय योजनाओं के लिए समीक्षा बैठक की। उन्‍होंने विभाग-वार प्रस्‍तुतियों के जरिये विभिन्‍न योजनाओं की प्रगति का जायजा लिया।
निर्वाचन क्षेत्र के विधायकों की मौजूदगी में श्री शाह ने 'दिशा' के तहत समीक्षा समिति के अध्‍यक्ष के रूप में अधिकारियों को तय लक्ष्‍यों की प्राप्ति करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही श्री शाह ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि निर्धनतम लोगों तक लाभ अवश्‍य पहुंच जाने चाहिए।
उन्‍होंने कहा कि 31 अक्‍टूबर, 2019 तक उज्‍ज्‍वला योजना के लाभ प्रत्‍येक परिवार तक पहुंच जाने चाहिए। जिलाधीश श्री एस.के.लांघा ने गृह मंत्री को आश्‍वासन दिया कि उज्‍ज्‍वला योजना और 'नल से जल' स्‍कीम के लक्ष्‍यों की प्राप्ति इससे पहले ही हो जाएगी।
अमित शाह ने जिले के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि जिले में कोई भी घर बिजली कनेक्‍शन के बिना नहीं होना चाहिए। सांसद श्री हसमुखभाई पटेल भी इस अवसर पर उपस्थित थे।


सूचना एवं प्रसारण मंत्री की टिप्‍पणी के संबंध में स्‍पष्‍टीकरण


नई दिल्ली। कुछ समाचार माध्‍यमों में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर का एक वक्‍तव्‍य संदर्भ से हटकर उद्धृत किया गया है। श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा उक्‍त वक्‍तव्‍य कल राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान दिया गया था, जिसमें वे संचार की शक्ति और सामुदायिक रेडियो के महत्व पर प्रकाश डाल रहे थे।
इसी कार्यक्रम में श्री जावड़ेकर ने सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 75 दिनों में सरकार द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णयों पर आधारितएक बुकलेट "जन कनेक्ट" काभी विमोचन किया था। इसके बारेमें बात करते हुए उन्होंने अनुच्छेद 370 को निरस्‍त करने के ऐतिहासिक निर्णय सहित,कई प्रमुख फैसलों की चर्चा की थी।
इस संदर्भ में, श्री जावड़ेकर ने आजकहा कि "मीडिया के एक‍वर्ग ने सामुदायिक रेडियो और संचार के महत्व के बारे में मेरी सामान्‍यटिप्पणी को जम्मू एवं कश्मीर क्षेत्र कीस्थिति के साथ अनावश्यक रूप सेजोड़ने का प्रयास किया है, जो गैर-जिम्मेदाराना और अनैतिक पत्रकारिताका परिचायक है।"


तीन दिवसीय राष्‍ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्‍मेलन का समापन


नई दिल्ली। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा नई दिल्‍ली में आयोजित सातवें राष्‍ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्‍मेलन का आज समापन हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अमित खरे ने समापन भाषण देते हुए यह जानकारी दी कि दूरसंचार विभाग (डॉट) ने सामुदायिक रेडियो स्‍टेशनों के संचालन के लिए 89.6 और 90.0 मेगाहर्ट्ज की दो अतिरिक्‍त विशेष फ्रीक्‍वेंसी आवंटित करने पर अपनी सहमति दे दी है। उन्‍होंने यह भी घोषणा की कि प्रिंट एवं इलेक्‍ट्रॉनिक मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में हाल ही में की गई बढ़ोतरी की तर्ज पर सामु‍दायिक रेडियो के लिए विज्ञापन दरों को दो माह के भीतर आउटरीच एवं संचार ब्यूरो (बीओसी) द्वारा संशोधित किया जाएगा।
श्री खरे ने यह भी घोषणा की कि शिकायत निवारण और हितधारकों से प्राप्‍त कार्रवाई योग्‍य सुझावों के संकलन के लिए मंत्रालय में एक सामुदायिक रेडियो प्रकोष्‍ठ स्‍थापित किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि सरकार के सभी मंत्रालयों की मीडिया एवं संचार योजना में सामुदायिक रेडियो को भी अवश्‍य शामिल किया जाना चाहिए, ताकि जमीनी स्‍तर पर इन स्‍टेशनों की अच्‍छी पैठ एवं पहुंच से लाभ उठाया जा सके। उन्‍होंने यह भी कहा कि देश भर में सामुदायिक रेडियो स्‍टेशनों पर प्रसारित किए जा रहे सभी कार्यक्रमों के सार-संग्रह को सभी जिलाधीशों के बीच वितरित किया जाएगा, ताकि इन्‍हें अपने स्‍थानीय संचार प्रयासों के तहत सामुदायिक रेडियो के उपयोग के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके। यह सार-संग्रह इस सम्‍मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा जारी किया गया था।
श्री खरे ने घोषणा की कि अब से राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन हर वर्ष आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही क्षेत्रीय सम्‍मेलन देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में आयोजित किए जाएंगे। श्री खरे ने कहा कि मंत्रालय का लक्ष्‍य प्रत्‍येक जिले में कम से कम एक सामुदायिक रेडियो स्‍टेशन स्‍थापित करना है जिसकी शुरुआत आकांक्षी जिलों से की जाएगी। श्री खरे ने देश में सामु‍दायिक रेडियो से जुड़े अभियान के व्‍यापक प्रसार की उम्‍मीद जताई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपर सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि सामुदायिक रेडियो की जीवंत संस्‍कृति के विकास से जमीनी स्‍तर पर सूचनाओं का और ज्‍यादा प्रसार सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी जिससे लोगों का और भी अधिक सशक्तिकरण संभव होगा। उन्‍होंने तीन दिवसीय सम्‍मेलन के दौरान आयोजित विभिन्‍न सत्रों का सार प्रस्‍तुत किया और पूरे उत्‍साह के साथ इसमें भाग लेने वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति का धन्‍यवाद किया।


युवाओं को नए अवसरों का लाभ उठाना चाहिए : डॉ. जितेन्द्र सिंह  


नई दिल्ली। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के इलाकों के नई दिल्ली में पढ़ रहे छात्रों के साथ आज बातचीत की।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को समाप्त करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के निर्णायक कदम पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र के युवाओं को इस कदम से लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि छात्रों से जमीनी जानकारी मिलना सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस तरह की बैठकें नियमित आधार पर भविष्य में भी होंगी। ताकि जमीन पर हो रहे विकास की गति के बारे में राज्य के युवकों से जानकारी मिल सके।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस तरह की बातचीत और छात्रों से प्राप्त जमीनी जानकारी से निहित स्वार्थों वाले व्यक्तियों द्वारा फैलाई जा रही ऐसी मनगढ़ंत बातों को खत्म किया जा सकता है कि भारत का हिस्सा होने के नाते जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद-370 अनिवार्य है और राज्य के युवक इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि समाज विरोधी कुछ तत्वों द्वारा गलत व्याख्या करने और नकारात्मक प्रचार के कारण जम्मू कश्मीर के युवा विकास के लाभ से वंचित रहे गए जो देश के अन्य भागों के युवाओं के लिए उपलब्ध थे। अनुच्छेद-370 की मौजूदगी के कारण राज्य आतंकवाद से घिरा रहा। अब समय आ गया है जब जम्मू-कश्मीर के युवाओँ को वास्तविकता समझनी चाहिए और देश के विकास और वृद्धि का हिस्सा बनना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अब युवाओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, रोजगार के अवसर, वेतन मान का बेहतर ढांचा और केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के समान राज्य सरकार के सरकारी कर्मचारियों को लाभ उपलब्ध होंगे। धर्म-जाति और संप्रदाय के भेदभाव के बिना यह लाभ दिए जाएंगे। डॉ. सिंह ने युवकों को कड़ी मेहनत करने और उनके लिए उपलब्ध लाभों का फायदा उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि युवकों को अपने दिमाग से हर तरह का भय निकाल देना चाहिए।
डॉ. सिंह ने कहा कि अनुच्छेद-370 जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा थी। उन्होंने आईआईटी जम्मू का उदाहरण दिया जिसकी केन्द्र ने मंजूरी दी थी। लेकिन राज्य में उत्पन्न परिस्थितियों के कारण उसे निदेशक नहीं मिल सका। इसी तरह की स्थिति एम्स के साथ भी हुई। आईआईएम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि छात्र बेहतर अवसरों की खोज में राज्य से चले जाते थे क्योंकि बाहरी व्यक्ति जमीन नहीं खरीद सकता था और जम्मू-कश्मीर में उद्यम शुरू नहीं कर सकता था। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आश्वासन दिया कि यह स्थिति अब बदलेगी।
डॉ. सिंह ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के युवाओं का आईक्यू स्तर अधिक है लेकिन वह अवसरों से वंचित है। उनमें मौजूद अन्तर्निहित संभावनाओं को बाहर निकालने की जरूरत है।
बातचीत के दौरान छात्रों ने राज्य में उनके क्षेत्र में विकास के अभाव से जुड़े उदाहरण दिए और बताया कि किस प्रकार बेहतरी के लिए बदलाव की शुरुआत हो रही है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के छात्रों को सरकार के सहयोग के लिए मंत्री महोदय को धन्यवाद दिया जिसके कारण उन्हें प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत प्रमुख विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ने का अवसर मिला है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में जमीनी स्तर पर किए गए विकास कार्यों की जानकारी दी जिनमें नए मेडिकल कॉलेज, राष्ट्रीय राजमार्गों, बैंक शाखाओं, स्कूलों आदि को खोलना शामिल है जो इससे पहले एक स्वप्न था।
छात्रों ने आशा व्यक्त की कि राज्य से विस्थापित लोगों को एक बार फिर अपनी जड़ों में वापस जाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अनुच्छेद-370 के समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सामाजिक-आर्थिक विकास देखने को मिलेगा और लोग आतंकवाद की बुराई से मुक्त हो सकेंगे।


एक मजबूत और प्रगतिशील भारत की मांग है फिट इंडिया : किरेन रिजिजू   


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में लाखों लोगों की मौजूदगी में फिट इंडिया अभियान की शुरूआत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट इंडिया अभियान एक राष्ट्रीय लक्ष्य बनना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि फिट इंडिया अभियान को सरकार द्वारा शुरु तो किया जा सकता है लेकिन इसकी अगुवाई लोगों को करनी होगी और इसे सफल बनाना होगा।
इस अवसर पर केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक', केंद्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू मौजूद थे। इस कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के कारण देशभर के लोगों की इसमें भागीदारी सुनिश्चित हो गई।
केंद्रीय युवा कार्य और खेल मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि इस अभियान की प्रेरणा वही हैं। प्रधानमंत्री ने 25 अगस्त, 2019 को मन की बात कार्यक्रम के नवीनतम संस्करण में फिट इंडिया अभियान का जिक्र किया था। श्री रिजिजू ने कहा एक मजबूत और प्रगतिशील भारत की मांग है फिट इंडिया। सभी को मानसिक और शारीरिक रूप से फिट रहने की आवश्यकता है।
उद्घाटन भाषण के बाद जोश और उत्साह से भरा आधे घंटे का एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें खेलों और नृत्य के रूप में भारत की समृद्ध स्वदेशी विरासत का प्रदर्शन किया गया और फिटनेस को बढ़ाने के लिए उसके महत्व पर जोर दिया गया। कुश्ती, कबड्डी, गट्का, खो-खो, मलखम्ब, कलीरयापट्टू और अनेक अन्य खेल भारतीयों की फिटनेस सुधारने में महत्वपूर्ण रहें। इसके अलावा त्यौहारों के दौरान पुरुष और महिलाएं परंपरागत तरीके से विभिन्न क्षेत्रीय नृत्यों में भाग लेती हैं, जो फिटनेस बढ़ाने में योगदान देते हैं। प्रौद्योगिकी के उन्नत होने के साथ, तेजी से आगे बढ़ती जीवनशैली मोबाइल फोन के आने से, फिटनेस का स्वदेशी स्वरूप तेजी से अपनी लोकप्रियता खो रहा है, लेकिन ये फिट रहने के शानदार तरीके हो सकते हैं। इस कार्यक्रम में सुस्त जीवनशैली को छोड़ने और दैनिक जीवन में सक्रिय होने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
प्रधानमंत्री की संकल्पना के अनुरूप राष्ट्रव्यापी फिट इंडिया अभियान का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय को रोजमर्रा के जीवन में फिट रहने के साधारण और आसान तरीके शामिल करने के लिए प्रेरित करना है। इस समारोह की विशेषता राष्ट्रीय फिटनेस के प्रतिकों की उपस्थिति रही, जिनका उनकी आयु के बावजूद फिटनेस की दिशा में लगातार उनकी निष्ठा के लिए युवा कार्य और खेल मंत्रालय द्वारा चयन किया गया था। 101 वर्षीय मन कौर, जो अभी भी दौड़ सकती हैं, 81 वर्षीय ऊषा सोमन जो दंड-बैठक कर सकती हैं और अपने लड़के साथ दौड़ सकती हैं, ऐसे 20 फिटनेस प्रतीक थे जिन्हें फिट जीवन जीने के लिए नागरिकों को प्रेरित करने के उद्देश्य से चुना गया था। इस अवसर पर इस वर्ष के खेल पुरस्कार विजेता भी मौजूद थे।
कार्यक्रम की भावना को ध्यान में रखते हुए, हजारों स्कूली बच्चों, साइकिल सवारों, धावक, एरोबिक डांसर सुबह ही इंडिरा गांधी स्टेडियम के मैदान में एकत्रित हो गए और उन्होंने फिटनेस से जुड़े अनेक क्रियाकलापों का प्रदर्शन किया।


सीएसएचपी पब्लिक स्कूल में राष्ट्रीय खेल दिवस पर कार्यक्रम आयोजित


गाजियाबाद। वकील कॉलोनी स्थित सीएसएचपी पब्लिक स्कूल मे  राष्ट्रीय खेल दिवस और हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद  के जन्मदिवस पर  अंतर सदऩीय़ खेल प्रतियोगिताएं कराई गई ।  इस अवसर पर स्कूल की डायरेक्टर श्रीमती सविता गुप्ता जी ने बच्चों को बताया कि आज के समय में हम खेलों द्वार ही स्वस्थ रह सकते हैं ओर देश आगे प्रगति के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं क्योकि  स्वस्थ शरीर मे ही स्वस्थ मस्तिष्क  वास करता है । इस अवसर पर स्कूल की शैक्षिक प्रमुख श्रीमती तानिया जी ने बच्चों को अपने जीवन मे खेलों सामिल करने  व खेलेंगे और खेलना सिखाएंगे कि सपथ दिलाई  तथा प्रतियोगिता में जीते बच्चों को पुरस्कार वितरित किए । इससे पहले बच्चों द्वार  राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्व व  हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जिनके जन्मदिवस पर राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया जाता है उनके बारे मे बच्चों द्वारा विस्तार पूर्वक बताया गया । इस अवसर पर अनेक  प्रतियोगिताएं कराई गई जैसे  टेबल टेनिस, योगा, दौड़ व फ्लाइंग टेनिस प्रमुख थी । प्रतियोगिताओं के रिजल्ट इस प्रकार रहे  
सब जूनियर बालक टेबल टेनिस शौर्य सिंह पटेल सदन प्रथम, राघव कुमार नेहरू सदन द्वितीय व तुषार कुमार सदन  तृतीय स्थान पर रहे ।
सब जूनियर बालिका वर्ग में य़सी शर्मा पटेल सदन प्रथम, जानवी सिंह नेहरू सदन द्वितीय वानी सुभाष सदन तृतीय स्थान पर रही ।जूनियर बालक वर्ग:-हिमांशु राजपूत सुभाष  सदन प्रथम, शिवांश राजपूत पटेल सदन दितीय अक्षत शर्मा गांधी सदन तृतीय स्थान पर रहे!  
जूनियर बालिका:- यससवी सिंह पटेल सदन प्रथम आराध्या यादव गांधी सदन दितीय वंदना चौहान नेहरू सदन तृतीय स्थान पर रही ।
योगा प्रतियोगिता में सार्थक प्रथम ऋषभ यादव दितीय चेतन सिंह तृतीय स्थान पर रहे आकांक्षा  प्रथम मुसलमान यादव दितीय शालनी यादव  तृतीय स्थान पर रही। 100 मीटर दौड मे  बालक वर्ग में हर्ष राठौर प्रथम चेतन सिंह दितीय व  मयंक वशिष्ठ तृतीय स्थान पर रहे।
बालिका वर्ग में आराध्या यादव प्रथम सानवी शर्मा दितीय  शालीन  यादव तृतीय स्थान पर रहीं है।


त्यौहारों की तैयारियों में जुट जाये: जिलाधिकारी


गाजियाबाद। जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने दशहरा, दीपावली, छट पूजा आदि त्यौहारों की तैयारी में सभी सम्बन्धित विभागों को जुटने के निर्देश दिये है। त्यौहारों में आमजन को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो, इसके लिए उन्होंने न केवल बैठक की है, बल्कि विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किये है। बरसात समाप्ति पर है, जिलाधिकारी ने निर्माण से जुडे़ विभाग यथा-एन0एच0ए0, पी0डब्लू0डी0, आर0ई0डी0, जिला पंचायत, आवास विकास परिषद, यू0पी0एस0आई0डी0सी0, नगर निगम, डूडा और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण विभागों को यह निर्देश दिये है कि वह सड़कों की टूटफूट का सर्वेक्षण करा लें और सर्वेक्षण के लिए 10 दिनों का समय निर्धारित किया गया है। सर्वेक्षण की रिपोर्ट नव गठित जिला सड़क नियन्त्रण समिति (क्पेजतपबज त्वंक ब्वदजतवस ब्वउउपजजमम) को प्रस्तुत करने के लिए कहा है। सर्वेक्षण के तत्काल बाद सड़कों की मरम्मत अभियान चलाकर दिनांक 10 सितम्बर, 2019 से प्रारम्भ करने के निर्देश दिये है। यही नही जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों को ड़िवाईड़रों की मरम्मत, उनकी रंगाई-पुताई एवं उन्हें आकर्षित बनाने के निर्देश दिये है। साईनबोर्ड, रिफलेक्टर इत्यादि को एजेण्डे़ में शामिल किया गया है। शहरी क्षेत्र में विकास विभागों के उद्यान खण्ड़ों को सेन्ट्रलवर्ज एवं पार्काे को सुसज्जित करने के भी निर्देश दिये है। बिजली के पोल्स की रंगाई, पेन्टिग व पोल पर लगी लाईट्स को भी आगामी 20 दिवसों में ठीक कराने के निर्देश जारी किये है। जिलाधिकारी ने बताया कि आगे आने वाले त्यौहारों के दृष्टिगत नगर निगम, नगर पालिका/नगर पंचायतों, पी0डब्लू0डी0, आवास विकास परिषद, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, बिजली विभाग इत्यादि को उच्चस्तरीय तैयारी किये जाने के निर्देश दिये गये है। 


स्वस्थ्य रहना है तो मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें: धर्मवीर प्रजापति


 

मेरठ। गुरूवार को कलक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों व माटी कला से जुड़े कामगारों के साथ बैठक करते हुए प्रजापति ने कहा कि प्रदेश सरकार माटी कला को आगे बढ़ाने को लेकर गंभीर है। इसके लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में माटी कला बोर्ड का गठन किया गया है। प्रदेश के 12 हजार गांवों का आंकड़ा अभी पहुंचा है, जिनमें माटी कला का कार्य किया जाता है। माटी कला बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि सरकारी कार्यालयों और बैठकों में मिट्टी से बने बर्तनों का प्रयोग होना चाहिए। माटी कला से जुड़े लोगों को अधिक काम देकर उनके रोजगार में बढ़ोतरी करनी होगी। प्रदेश सरकार इसे लेकर गंभीर है। अध्यक्ष ने कहा कि अगर कही पट्टे पर अवैध कब्जा है तो तत्काल उसे कब्जामुक्त कराया जाए। अगर मछली पालन करने वाला माटी कला से जुडे़ लोगों को तालाब से मिट्टी नहीं निकालने दे रहा है तो ऐसे पट्टे तत्काल निरस्त किए जाएं।
उन्होंने कहा कि मिट्टी में 26 पोषक तत्व मौजूद होते हैं। अगर हम मिट्टी से बने बर्तनों का प्रयोग करेंगे तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा। संपूर्ण समाधान दिवस पर मिट्टी के बर्तनों को एक टेबल पर रखवाने की व्यवस्था कराई जाए।जनपद में एक दुकान ऐसी हो, जिसमें मिट्टी के बर्तन को रखा जाए, ताकि कोई भी वहां से इन्हें खरीद सके। उन्होंने कहा कि भविष्य में रोडवेज बस स्टैंड पर भी एक दुकान में मिट्टी के बर्तन प्रदर्शित किए जाने का प्रयास है। उन्होने बताया कि प्रदेश में 2300 माटी कला का कार्य करने वाले लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

लूटेरे गैंग का सरगना/गैंगस्टर एक्ट में वांछित अभियुक्त संदीप वर्मा गिरफ्तार 


राजेश भास्कर—


गाजियाबाद। नगर अभियुक्त श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक नगर व क्षेत्राधिकारी नगर तृतीय महोदय द्वारा गैगस्टर एक्ट के वांछित अपराधियों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान में प्रभारी निरीक्षक इंदिरापुरम के कुशल नेतृत्व में थाना इंदिरापुरम पुलिस टीम द्वारा दिनाक 29.08.19 का गैंगस्टर एक्ट में फरार चले रहे एक शातिर अभियुक्त को मैट्रो स्टेशन वैशाली से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई हैं। गिरफ्तार किये गये अभियुक्त का नाम पता निम्न प्रकार है गिरफ्तार अभियुक्त का नाम व पता संदीप वर्मा पुत्र राजपाल वर्मा निवासी म0न0-241 गली न0-1 गांव जीतपुर रावली रोड थाना मुरादनगर जनपद गाजियाबाद। 
गैंग का अपराध करने का तरीका में बताया कि अभियुक्तगण एक शातिर लूटपाट करने वाले गैंग का सरगना है जो कि पेश से मुरादनगर मे सुनार का काम करता है जो प्रायोजित तरीके से लूटपाट/स्नैचिंग करवाता हैं तथा लूटपाट करने वाले अपराधियों का गैंग बनाकर उनको संसाधन मुहैया कराकर लूटपाट करने के लिए एनसीआर क्षेत्र में भेजता है तथा लूटे गये सामान को अपने पास मंगवा लेता है तथा उन लोगों को लूटे गये समान के बदले में उनको खर्चा पानी के नाम पर कुछ रुपये दे देता हैं। अगर लूटपाट के दौरान सोना/चांदी/हीरा आदि का सामान मिलता है तो उक्त शातिर अभियुक्त अपनी दुकान पर लूटे गये सामान को गलाकर नया आभूषण तैयार कर बेच देता है इसी क्रम में 15.05.19 को चैकिंग के दौरान वैषाली क्षेत्र से दो शातिर लूटेरों किषोर व मुन्ना निवासी मुरादनगर गाजियाबाद को मय माल व एफजेड मोटर साईकिल के साथ गिरफ्तार किया गया था। उक्त लुटेरों से पूछताछ के दौरान पता चला था कि मुरादनगर निवासी संदीप वर्मा नाम का व्यक्ति जो कि मुरादनगर में ही सुनार का काम करता है हम लोगों को लूटपाट करने के लिए मोटर साईकिल व अन्य संसाधन उपलब्ध कराकर लूटपाट करने के लिए भेजता है तथा हमारे द्वारा लूटे गये सामान को उसके द्वारा ही खपाया जाता है। इसी क्रम में जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि उक्त एफजेड मोटर साइकिल भी संदीप वर्मा की पत्नी के नाम से पंजीकृत थीपूर्व में अभियुक्त संदीप वर्मा की गिरफ्तारी के दौरान लूटी गयी एक सोने की चैन भी बरामद हुई थी अभियुक्त संदीप द्वारा पूर्व में जनपद गाजियाबाद में कई घटनाओं को अपने साथियों द्वारा कारित कराने व माल खपाने के जुर्म का इकबाल किया गया था। 
गिरफ्तार करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक दीपक शर्मा, उ0नि0 इजहार अली, चौकी प्रभारी रामप्रस्था, हे0का0 कृष्णवीर सिंह, हे0का0 राजकुमार सिंह, का0 योगेन्द्र सिंह, का0 अशोक कुमार थे।


वीरता की जुबानी थी


 


चन्देलों की बेटी तो वो गोंडवाना की रानी थी
रूप सुन्दरता की मूरत वीरता की जुबानी थी


वीर नारयण की माँ कहलाती वो काली रुपा
दुर्गावती नाम लेकर पैदा हुई वह क्षत्राणी थी


हरम आये दुर्गा अकबर चाहता ये चाहता था
नहीं वो शायद दुर्गा के हाथ तीर कमानी थी


एक लिंग का नारा था बुलंद हुआ इतना कि
काली का रूप धर आई जैसे दुर्गा भवानी थी


वीरता थी उसमें कूट कूट कर भरी हुई यारोँ
ऐतिहासिक युद्ध मे स्वर्ग को गई महारानी थी


प्रणाम कर महारानी दिल्ली वाले की क़लम
हमदर्द अशोक ने लिखा यूँ किस्सा कहानी थी


कभी रज़िया कभी रानी लक्ष्मीबाई बन आई
शायद बेटो से ज्यादा उनमें जोश जवानी थी


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,कल्पना सी उड़ाओ
हिमा दास सी दौड़ाओ, इतनी बात बतानी थी


अशोक सपड़ा हमदर्द


न्यूज़ पोर्टल सच्चाई, फर्जी होते है या...!


न्यूज पोर्टल पूर्णत: वैध है और इसमें कार्यरत संवाददाता पत्रकार हैं.



आज के तकनिकी युग में हर क्षेत्र में क्रांति आयी. जिसमे पत्रकारिता भी पीछे नहीं रही. पत्रकारों को अपने विचारों व अभिव्यक्ति को व्यक्त करने के लिए एक नया क्रन्तिकारी मंच मिला जिसे आज हम “न्यूज पोर्टल” के नाम से जानते है. दुनिया भर में न्यूज पोर्टल की शुरुआत बड़ी तेजी से हुई. न्यूज पोर्टल्स की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कई पुराने अख़बार व टीवी चैनलों ने भी अपना-अपना वेब पोर्टल शुरू किया. लेकिन जहाँ एक ओर न्यूज पोर्टल से पत्रकारिता में एक नयी क्रांति आ रही है वहीँ दूसरी ओर कई बार ये खबर फैलती रहती है कि न्यूज पोर्टल फ़र्ज़ी है और न्यूज पोर्टल पर काम करने वाले संवाददाताओं /कार्य कर्ताओं को सरकार पत्रकार नहीं मानती.
इस तरह कि भ्रामक और झूठी खबरे आये दिन सोशल मीडिया में देखने को मिल जाती है. इतना ही नहीं कई सरकारी अधिकारी भी इन ख़बरों पर सही कि मुहर लगा बैठते है.
ये जो लोग या अधिकारी गण ये मानते और कहते हैं कि न्यूज पोर्टल फ़र्ज़ी है और इनमे कार्यरत संवाददाताओं को सरकार पत्रकार नहीं मानती है, दर असल इन लोगों/ अधिकारीयों को न ही पत्रकारिता के विषय में कोई ज्ञान है और न ही पत्रकारिता के संघर्ष कि जानकारी.
*ये पहली बार नहीं है जब किसी ऐसे मंच को मौन रखने कि साजिश रची जा रही है जिसका सम्बन्ध पत्रकारिता से हो.*
*न्यूज पोर्टल्स फर्जी है या नहीं ये जानने से पहले एक नजर डालते है भारत में पत्रकारिता के इतिहास पर.* 
भारत में पत्रकारिता का इतिहास बहुत ही उपेक्षा पूर्ण रहा है. अगर हम इतिहास को देखें तो पाएंगे कि अंग्रेजी शाशकों ने पत्रकारों को दबाने का बहुत प्रयास किया है. अंग्रेजी हुक्मरानो ने पत्रकारों कि आवाज दबाने के लिए भारतीय प्रेस पर तरह तरह के एक्ट पारित किये. अंग्रेजों को सबसे ज्यादा तकलीफ हिंदी में प्रकाशित समाचार पत्रों से होती थी.
अंग्रेजी शाशन काल में प्रेस पर क़ानूनी नियंत्रण की शुरुआत सबसे पहले तब हुई जब लॉर्ड वेलेजली ने प्रेस नियंत्रण अधिनियम द्धारा सभी समाचार- पत्रों पर नियंत्रण (सेंसर) लगा दिया.
इसे प्रेस नियंत्रण अधिनियम,1799 के नाम से जाना जाता है.
*हिंदुस्तानी पत्रकारिता पर पूर्ण प्रतिबंध: गवर्नर जरनल जॉन एडम्स ने सन् 1823 में भारतीय प्रेस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया. इस नियम के अनुसार मुद्रक तथा प्रकाशक को मुद्रणालय स्थापना करने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था , कि वजह से राजा राम मोहन रॉय को अपनी पत्रिका 'मिरात-उल-अख़बार' का प्रकाशन बंद करना पड़ा.
 मुंह बून्द करने वाला अधिनियम या वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट,1878: लॉर्ड लिटन ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट लागू किया इस एक्ट के प्रमुख प्रावधान थे:
>प्रत्येक प्रेस को यह लिखित वचन देना होगा कि वह (अंग्रेजी) सरकार के विरुद्ध कोई लेख नहीं छापेगा.
>प्रत्येक मुद्रक तथा प्रकाशक के लिए जमानत राशि जमा करना आवश्यक होगा।
इस संबंध में जिला मजिस्ट्रेट का निर्णय अंतिम होगा तथा उसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकेगी।
ये कुछ ऐसे एक्ट थे जिनका मुख्य उद्देश्य भारतीय प्रेस को पूर्ण रूप से मौन करना था.
आजादी के बाद सन 1966 में भारतीय प्रेस परिषद् कि स्थापना हुई.जिसका उद्देश्य भारत में प्रेस के मानकों को बनाए रखने और सुधार की स्वतंत्रता का संरक्षण है.
 लेकिन भारत में एमर्जेन्सी के दौरान एक बार फिर से पत्रकारिता को काले दिन देखने पड़े. सरकारी तानाशाही कि वजह से बहुत से समाचारों पत्रों ने दम तोड़ दिया. फ़िलहाल किसी तरह से पत्रकारिता ने खुद को संभाला और तमाम सरकारी और कॉरपरेट दबाव के बावजूद भी पत्रकारों ने पत्रकारिता के वजूद को जिन्दा रखा. इस दौरान टीवी का युग आया और फिर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का जन्म हुआ. शुरुआत में इलेक्ट्रिक मीडिया को भी तरह तरह कि उपेक्षाएँ सहनी पड़ीं. लेकिन धीरे धीरे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने प्रिंट मीडिया को पीछे छोड़ दिया.
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के आने से भारत में जहाँ एक ओर नई क्रांति आई वहीँ दूसरी ओर निजी /व्यवसाई कंपनियों के हस्तक्षेप से पत्रकारिता का स्तर भी गिरा. इस सम्बन्ध में प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष रहे जस्टिस काटजू ने कहा था कि भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकारिता कि गरिमा को भूल बैठा है. उसे जन सरोकार से कोई मतलब नहीं बल्कि वो कॉपोरेट और सरकारी प्रचारक कि तरह काम कर रहा है.
यह वह समय था जब भारतीय पत्रकारिता वाकई बुरे दौर से गुजर रही थी. इस समय हम एक नए युग में आ गए थे, जिसे आज हम इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का युग के नाम से जानते है. 
इस तकनिकी युग के आने के कुछ ही वर्षों के बाद न्यूज पोर्टल्स कि शुरुआत हुई. न्यूज पोर्टल्स ने काफी हद तक पत्रकारिता से सरकारी व् कॉर्पोरेट दबाव का कम किया.
क्यों उड़ती है न्यूज पोर्टल्स के सम्बन्ध में अफवाहें:
सरकारी व् कॉपोरेट दबाव न होने कि वजह से न्यूज पोर्टल के संवादाता व संपादक स्वतंत्र हो कर सरकारी व् निजी कंपनियों कि खामियों को लिखते व् दिखाते है. जिस वजह से न्यूज पोर्टल्स इन लोगों को नहीं भाता इसलिए समय समय पर न्यूज पोर्टल के सम्बन्ध में फ़र्ज़ी अफवाहें उड़ाई जाती है.
कौन उड़ाते है फर्जी अफवाह  न्यूज पोर्टल्स के आने से सबसे ज्यादा नुकसान चाटुकार पत्रकारों व् भृष्ट सरकारी कर्मचारियों और अवैध व्यापार करने वालों को हुआ है. पहले भृष्टाचार, किसी विभाग कि कमी या फिर किसी अवैध व्यापार कि जानकारी किसी कलमचोर टाइप के पत्रकार को हो जाती थी तो वो खबर लिखने से पहले उस अधिकारी/व्यापारी से बात करके मोटी रकम वसूल लेते थे और खबर गायब कर जाते थे. लेकिन न्यूज पोर्टल के समय में इन दलाल पत्रकारों व् भृष्ट अधिकारीयों कि दाल नहीं गल पाती है. क्यूंकि कलमचोर पत्रकारों कि सेटिंग होने से पहले ही वह खबर न्यूज पोर्टल/सोशल मीडिया में वायरल हो जाती है.
सरकार ने कभी नहीं कहा कि न्यूज पोर्टल का संवाददाता पत्रकार नहीं है वैसे तो कई बार देखने को मिलता है बहुत से अधिकारी गण भी ये फरमान जारी कर देतें है कि न्यूज पोर्टल को सरकार फ़र्ज़ी मानती है. कई जनपदों में सूचना अधिकारी भी यही राग अलापते मिल जायेंगे. लेकिन यदि इनसे मांग कि जाय कि “क्या इनके पास सरकार/ मिनिस्ट्री ऑफ़ इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग, प्रेस कौंसिल ऑफ़ इंडिया या प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो द्वारा जारी किया गया ऐसा कोई भी आदेश है जिसमे ये कहा गया हो कि सरकार न्यूज पोर्टल के संवाददाता को पत्रकार नहीं मानती.” तो ये न तो आपको कोई लिखित आदेश दिखा पाएंगे और न ही कोई जिओ.
न्यूज पोर्टल्स पूर्णत: वैध भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 में दिए गए स्वतंत्रता के मूल अंधिकार को प्रेस की स्वतंत्रता के समकक्ष माना गया है. भारतीय नागरिक को न्यूज पोर्टल शुरू और संचालित करने कि स्वतंत्रता है.
*सरकार जल्दी ही लागू करने वाली है न्यूज पोर्टल हेतु नियमावली     न्यूज पोर्टल के पत्रकार भी असली पत्रकार है    न्यूज पोर्टल कि बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए 4 अप्रैल 2018 को सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि देश में चलने वाले टीवी चैनल और अखबारों के लिए नियम कानून बने हुए हैं और यदि वह इन कानूनों का उल्लंघन करते हैं तो उससे निपटने के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) जैसी संस्थाएं भी हैं, लेकिन ऑनलाइन मीडिया के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है. इसे ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन मीडिया के लिए नियामक ढांचा बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जायेगा.दस लोगों की इस कमेटी के संयोजक सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव होंगे. इस कमेटी में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और एनबीए के सदस्य भी शामिल होंगे. गृह मंत्रालय और कानून मंत्रालय के सचिव भी इस कमेटी का हिस्सा होंगे.
अब जब दस लोगों कि एक टीम निर्धारित कि गयी जो न्यूज पोर्टल को रेगुलेट करने सम्बन्धी नियम बना रहे तो इस नियम के बनने के पहले ही यदि कोई यह फरमान जारी करे कि न्यूज पोर्टल फर्जी है तो या तो वह अलप ज्ञानी है या तो सरकार से ऊपर.
सरकार ने न्यूज पोर्टल्स को कभी भी फ़र्ज़ी नहीं माना यही कारण है कि दस सद्द्स्यीय समिति न्यूज पोर्टल हेतु नियमावली बना रही है. 
न्यूज पोर्टल के विषय में किसी भी प्रकार कि अफवाह में न पड़ें. न्यूज पोर्टल पूर्णत: वैध है, और इसमें कार्यरत संवाददाता पत्रकार हैं.