-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।
हमारा यह जगत सूर्य, चन्द्र, पृथिवी सहित अनेकों ग्रह व उपग्रहों से युक्त है। इस समस्त सृष्टि में हमारे सौर्य मण्डल के समान अनेक व अनन्त सौर्य मण्डल हैं। इतने विशाल जगत् को देखकर जिज्ञासा होती है कि यह संसार किससे, क्यों, कैसे व कब अस्तित्व में आया और इसका भविष्य क्या है? हमारे पूर्वजों ने इन सभी प्रश्नों पर विचार किया था और उनके उत्तर भी उन्होंने प्राप्त किये थे। यह उत्तर हमें वैदिक साहित्य वा ऋषि दयानन्द के अमर ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश का अध्ययन कर प्राप्त होते हैं। प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है कि वह इन प्रश्नों की जिज्ञासा करें और इनके उत्तर जानकर उन्हें आने वाली पीढ़ियों को प्रदान करें जिससे सभी मनुष्य अपने कर्तव्य व लक्ष्य का बोध प्राप्त कर उनके अनुसार अपना जीवन व्यतीत करते हुए उन्हें प्राप्त होकर अपने जीवन को सफल कर सकें और अकर्तव्य-कर्मों को करने से बच कर उनके परिणाम दुःखों से भी बच सकें। ऐसा करके ही हम अपने मनुष्य जीवन वा मनुष्य को परमात्मा से प्राप्त हुई बुद्धि का सदुपयोग कर अपनी आत्मा व जीवन की रक्षा कर सकते हैं और अपने दुःखों को दूर कर दूसरों को भी दुःखों से रहित सन्मार्ग का ज्ञान करा सकते हैं।
वेद संसार में तीन अनादि सत्ताओं का होना बताते हैं। यह सत्तायें हैं ईश्वर, जीव और प्रकृति। इन तीन सत्ताओं से ही यह संसार बना है व चल रहा है। इनमें से यदि एक सत्ता का भी अभाव होता तो यह संसार न तो बन सकता था न ही यह सृष्टि चल सकती थी। ईश्वर संसार को बनाने व चलाने वाला है। जिसके लिये संसार बनाया गया है वह ‘‘जीव” नामी अनादि व नित्य सत्ता है। जिस पदार्थ से यह संसार बना है वह जड़ प्रकृति है जो सूक्ष्म एवं सत्व, रज व तम गुणों वाली त्रिगुणात्मक प्रकृति कहलाती है। यह ज्ञान ईश्वर ने वेदों में कराया है और जिन ऋषियों ने अपने उपदेशों व दर्शन आदि ग्रन्थों द्वारा इसका प्रचार किया है वह भी उन्होंने वेदों सहित अपनी ईश्वर उपासना, चिन्तन-मनन तथा आपसी चर्चा से प्राप्त किया था। इन तीन सत्ताओं का विस्तृत ज्ञान भी वेदों में प्राप्त होता है। हमारी यह सृष्टि 1.96 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आई है। सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि हुई थी जिसमें अनेक स्त्री व पुरुष परमात्मा द्वारा युवा अवस्था में उत्पन्न किये गये थे। इन स्त्री पुरुषों को ज्ञान की आवश्यकता थी जिसे ईश्वर ने इन्हें चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा को उत्पन्न कर प्रदान कराया था। वेदोत्पत्ति का प्रकरण ऋषि दयानन्द ने अपने अनुसंधान एवं विवेक से अपने अमर ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश एवं ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका में प्रस्तुत किया है। वहां इसे देखा जा सकता है और इस विषयक अपनी सभी भ्रान्तियां दूर की जा सकती हैं। यह ऐसा ज्ञान है जिसे जान लेने से मनुष्य को अपने जीवन में लाभ होता है। जिस मनुष्य को इस विषय का ज्ञान नहीं है, उसका मनुष्य जीवन प्राप्त करना पूरी तरह सार्थक नहीं कहा जा सकता। मनुष्य को जन्म ज्ञान प्राप्ति और ज्ञान के अनुसार कर्म करने के लिये ही मिला है। ज्ञान से ही मनुष्य की मुक्ति होती है। मुक्ति दुःखों व जन्म-मरण से होती है, जिसके लिये वेद व वैदिक साहित्य के अध्ययन व अभ्यास के अतिरिक्त मनुष्य के पास अन्य कोई साधन नहीं है। अतः संसार के सभी मनुष्यों को वेद व वैदिक साहित्य की शरण में आकर अपने जीवन के यथार्थ रहस्य व उसके धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति के विषय में ज्ञान अर्जित करना चाहिये। सभी ऋषि मुनि, ज्ञानी व ध्यानी तथा योगी इसी वैदिक जीवन को जीते थे तथा अपने अभीष्ट मुक्ति पथ के पथिक बन कर आत्मा के लक्ष्य ज्ञानोन्नति, दुःखनिवृत्ति तथा मोक्ष को प्राप्त करते थे।
ईश्वर संसार की सर्वोत्तम, प्रमुख, सृष्टि को रचने व इसका पालन करने वाली सत्ता है। वेदों के अनुसार इसका स्वरूप, गुण, कर्म व स्वभाव बताते हुए ऋषि दयानन्द ने कहा है कि ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है। इस स्वरूप वाले सत्तावान ईश्वर की ही सब मनुष्यों को स्तुति, प्रार्थना व उपासना करनी चाहिये। ईश्वर से इतर कोई मनुष्य, महापुरुष व सत्ता मनुष्य के लिये ईश्वर के समान उपासनीय व पूजनीय नहीं है। ईश्वर की उपासना से जो लाभ प्राप्त होते हैं वह अन्य किसी आचार्य व सन्देशवाहक की उपासना, उनके प्रति श्रद्धा व अज्ञान पालन से नहीं होते। इसका विस्तृत अध्ययन भी ऋषि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों से किया जा सकता है। ऋषि दयानन्द ईश्वर के विषय में लिखते हैं कि ईश्वर वह है जो सब दिव्य गुण, कर्म, स्वभाव, सब विद्याओं से युक्त और जिसमें पृथिवी सूर्यादि सब लोक स्थित हैं। ईश्वर आकाश के समान व्यापक है और सब देवों का देव है। उस परमेश्वर को जो मनुष्य न जानते न मानते और उस का ध्यान नहीं करते वे नास्तिक मन्दमति सदा दुःखसागर में डूबे ही रहते हैं। इसलिये सर्वदा उसी को जानकर सब मनुष्य सुखी होते हैं। ऋषि दयानन्द ने यह भी बताया है कि संसार में ईश्वर केवल एक ही है अर्थात् एक से अधिक ईश्वर नहीं हैं। देवताओं के विषय में ऋषि दयानन्द ने बताया है कि देवता दिव्य गुणों से युक्त जड़ पदार्थों यथा अग्नि, वायु, जल, आकाश व पृथिवी आदि को कहते हैं। ईश्वर देव और महादेव भी है। महादेव केवल एक सच्चिदानन्दस्वरूप ईश्वर ही होता है। जड़ देवों व परमात्मा से मनुष्य को यथायोग्य उपकार लेना चाहिये परन्तु कोई भी जड़ पदार्थ वा देवता उपासनीय नहीं है। कोई भी जड़ देवता हमारी किसी प्रार्थना को अनुभव नहीं कर सकते और न ही उसे पूरा कर सकते। यह काम ईश्वर की उपासना से ही होता है। इस विषय को विस्तार से ऋषि दयानन्द के सभी ग्रन्थों का अध्ययन कर जाना जा सकता है।
ईश्वर से इतर दूसरी मुख्य सत्ता ‘‘जीव” है। यह जीव चेतन गुण वाली सत्ता है जिसमें स्वाभाविक आनन्द का अभाव है। जीव में आनन्द ईश्वर के सान्निध्य से प्राप्त होता है। इसके लिये मनुष्य योनि में होते हुए वह जीव उपासना कर ईश्वरीय आनन्द को प्राप्त कर सकता है। भौतिक पदार्थों से इन्द्रियों के द्वारा मनुष्य सुख की अनुभूति कर सकते हैं परन्तु इन्द्रिय सुख एवं ईश्वर के आनन्द में अन्तर है। ईश्वर के आनन्द के समान संसार का कोई सुख नहीं है। ईश्वर का आनन्द अनुभव की वस्तु है जिसे योगी ध्यान व समाधि की अवस्था में ही अनुभव करते हैं। हम इसे ऋषियों के ग्रन्थों के आधार पर कह रहे हैं। अतः ईश्वर के आनन्द की प्राप्ति के लिये प्रत्येक मनुष्य को ऋषि प्रणीत वैदिक सन्ध्या प्रतिदिन प्रातः व सायं करनी चाहिये। इससे आत्मा में उत्तरोत्तर ईश्वर के ज्ञान का प्रकाश बढ़ता जायेगा और आनन्द की उपलब्धि भी होगी। जीव के विषय में ऋषि दयानन्द सत्यार्थप्रकाश के सप्तमसमुल्लास में लिखते हैं कि ईश्वर व जीव दोनों चेतनस्वरूप हैं। दोनों का स्वभाव पवित्र, अविनाशी और धार्मिकता आदि है। परमेश्वर के सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय, सब को नियम में रखना, जीवों को पाप पुण्यों के फल देना आदि धर्मयुक्त कर्म हैं। जीव के सन्तानोत्पत्ति, उन का पालन, शिल्पविद्या आदि अच्छे बुरे कर्म हैं। ईश्वर में नित्यज्ञान, आनन्द, अनन्त बल आदि गुण जीव से अतिरिक्त हैं। ऐसी संसार की दो अनादि सत्तायें ईश्वर व जीव हैं।
जीव के लक्षण व सत्ता पर प्रकाश डालते हुए ऋषि ने बताया है कि जीव में पदार्थों की प्राप्ति की अभिलाषा, दुःखादि की अनिच्छा, वैर, पुरुषार्थ, बल, सुख व आनन्द, दुःख, विलाप अप्रसन्नता, विवेक, पहिचानना ये गुण-दोष हैं। इसके अतिरिक्त प्राण वायु को बाहर निकालना, प्राण को बाहर से भीतर को लेना, आंख को मींचना, आंख को खोलना, प्राण का धारण करना, निश्चय, स्मरण और अहंकार करना, चलना, सब इन्द्रियों को चलाना, भिन्न-भिन्न क्षुधा, तृषा, हर्ष, शोकादियुक्त होना, ये जीवात्मा के गुण हैं। जीवात्मा के यह गुण परमात्मा से भिन्न हैं। इन गुणों से ही जीवात्मा की प्रतीती होती है। यह भी जानना चाहिये कि जीवात्मा स्थूल नहीं है। जब तक आत्मा देह में होता है तभी तक यह गुण देह में प्रकाशित रहते हैं और जब शरीर छोड़ कर चला जाता है तब ये गुण शरीर में नहीं रहते। जिस के होने से जो हों और न होने से न हों वे गुण उसी ़(प्रस्तुत प्रकरण में आत्मा) के होते हैं। जैसे दीप और सूर्यादि के न होने से प्रकाशादि का न होना और होने से होना है, वैसे ही जीव और परमात्मा का ज्ञान व विज्ञान इनके गुणों द्वारा होता है।
जगत् में तीसरा पदार्थ है प्रकृति। प्रकृति को ऋषि दयानन्द जी ने सांख्य सूत्रों के आधार पर वर्णित किया है। वह लिखते हैं कि सत्व वा शुद्ध, रजः अर्थात् मध्य तथा तमः अर्थात् जाड्य यह तीन वस्तु मिलकर जो एक संघात है उस का नाम प्रकृति है। उस प्रकृति से महतत्व बुद्धि, उस से अहंकार, उस से पांच तन्मात्रा सूक्ष्म भूत और दश इन्द्रियां तथा ग्यारहवां मन, पांच तन्मात्राओं से पृथिवी आदि पांच भूत ये (तेईस), चैबीस और पच्चीसवां पुरुष अर्थात् जीव और परमेश्वर हैं। इन में से प्रकृति अविकारिणी और महतत्व अहंकार पांच सूक्ष्म भूत प्रकृति का कार्य और इन्द्रियां मन तथा स्थूलभूतों का कारण हैं। पुरुष न किसी की प्रकृति, न उपादान कारण और न किसी का कार्य है।
हमारा यह संसार प्रकृति नामी जड़ पदार्थ से बना है। बनाने वाला परमात्मा है तथा जिसके लिये बनाया गया है वह ‘‘जीव” हैं। सृष्टि की रचना लगभग दो अरब वर्ष पूर्व हुई और इस समय मनुष्योत्पत्ति का काल 1,96,08,53,120 वर्ष व्यतीत हुआ है। यह सृष्टि प्रवाह से अनादि है अर्थात् अनादि काल से यह सृष्टि प्रकृति नामी उपादान कारण से बनती आ रही है और सर्ग काल की समाप्ति पर परमात्मा इसको इसके कारण मूल प्रकृति में विलीन कर देती है। प्रलय की अवधि पूर्ण होने पर पुनः सृष्टि की रचना होती है। इस प्रकार सृष्टि उत्पत्ति, स्थिति तथा प्रलय का यह कार्य अनादि से चल रहा है तथा अनन्त काल तक चलता रहेगा। जीव अपने अपने कर्मों के अनुसार अनेक प्राणी योनियों में जन्म लेकर सुख व दुःख पाते रहेंगे और वेदानुसार जीवन व्यतीत करने सहित ईश्वर का साक्षात्कार कर मोक्ष व मोक्ष के बाद पुनः जन्म प्राप्त करते रहेंगे। सभी मनुष्यों को इन रहस्यों को जानना चाहिये तभी मनुष्य जीवन की सार्थकता है।
हमने संक्षेप में सृष्टि के तीन अनादि पदार्थों की चर्चा की है। पाठक मित्रों से निवेदन है कि वह सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ के सप्तम्, अष्टम् तथा नवम् समुल्लास को पढ़कर सृष्टि के रहस्यों को विस्तार जानें और अपने कर्तव्यों सहित जीवन लक्ष्य व उसकी प्राप्ति के उपायों व साधनों को भी जानें।
"समीक्षा न्यूज" is the place where you will find all types of samikshanews & samiksha news & sameekshanews for beginners. If you are interested in samiksha newspaper then this Blog is for you.
Saturday 8 August 2020
हमारा यह संसार तीन अनादि व नित्य सत्ताओं की देन है
पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी ने नारियल तोड़कर किया "गार्बेज ई-रिक्शा" का उद्घाटन
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। महापौर श्रीमती आशा शर्मा तथा नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने हमारे वार्ड 76 वैशाली के लिए गार्बेज ई-रिक्शा का तोहफा दिया जिसका उद्घाटन स्थानीय पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी जी ने नारियल तोड़कर व मिठाई बांटकर किया। पार्षद जी ने बताया कि झाड़ू लगाने के बाद कर्मचारी को कूड़ा निस्तारण के लिए हाथठेले से बहुत दूर लेकर जाना पडता था जो ठीक प्रकार से सम्भव नहीं हो पाता था। अब गलियों के अंदर से कूढ़े का निस्तारण ठीक से होगा व गार्बेज ई रिक्शा से हमारे वार्ड में सफाई व्यवस्था अच्छी रहेगी। गार्बेज ई रिक्शा गलियों में आसानी से आ जा सकेगा और कोई पोलूशन भी नहीं करेगा। गार्बेज ई-रिक्शा को सफाई टूल्स में जगह देने के लिए नगर निगम गाजियाबाद का आभार। इस दौरान सफाई नायक पूरन सिंह तथा उनकी टीम उपस्थित रही।
21वीं सदी के भारत की नींव तैयार करने वाली नीति है: राहुल प्रधान
गाजियाबाद: वरिष्ठ समाजसेवी एवं भाजपा(किसान मोर्चा) राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य: राहुल प्रधान ने कहां कि नई पीढ़ी किसानों मजदूरों का सम्मान करना सीखें, इसके लिए डिग्निटी ऑफ लेबर पर ध्यान दिया गया है। अब वाॅट टू थिंक नहीं बल्कि हाऊ टू थिंक पर फोकस किया जा रहा है। ३-४ साल के व्यापक विचार-विमर्श और लाखों सुझावों के बाद एजुकेशन पॉलिसी मंजूर की गई है। देश के किसी भी वर्ग से यह बात नहीं उठी की किसी तरह का भेदभाव हुआ है। ये एक इंडिकेटर भी है कि लोग वर्षों से चली आ रही शिक्षा व्यवस्था में जो बदलाव चाहते थे, वो उन्हें मिले हैं। मोदी जी मैं शिक्षा नीति बनाने वाले एक्सपर्ट से कहा कि यह सवाल उठाना स्वाभाविक है कि कितना बड़ा रिफॉर्म जमीन पर कैसे उतारा जाए। इस चैलेंज को देखते हुए व्यवस्थाओं को बनाने में जहां कहीं कुछ सुधार की जरूरत है, वह हम सभी को मिलकर करना है। आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में सीधे तौर पर जुड़े हैं। इसलिए आप सब्जी भूमिका बहुत अहम है। जहां तक पॉलीटिकल विल की बात है, मैं पूरी तरह कमिटेड हूं आपके साथ हूं। एक नई विश्व व्यवस्था खड़ी हो रही है। एक नया स्टैंडर्ड भी तय हो रहा है। इसके हिसाब से भारत का एजुकेशन सिस्टम खुद में बदलाव करें, यह भी किया जाना बहुत जरूरी था। स्कूल कीर करिकुलम के 10 +2 से आगे बढ़ना इसी दिशा मैं एक कदम है। हमे अपने स्टूडेंट्स को ग्लोबल सिटीजन भी बनाना है, साथ ही ध्यान रखना है कि वे जड़ों से भी जुड़े रहे। घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक होने से सीखने की गति बेहतर होगी। जहां तक संभव हो 5 वी बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही बढ़ाने पर सहमति दी है। इससे उनकी नींव मजबूत होगी और आगे की पढ़ाई के लिए बेस भी मजबूत होगा। अभी तक की व्यवस्था में वाॅट यू थिंक पर फोकस रहा है, जबकि नई नीति में हाऊ टू थिंक पर जोर दिया जा रहा है। हर तरह की जानकारी आपके मोबाइल पर है, लेकिन जरूरी यह है कि क्या जानकारी अहम है। नई नीति में इस बात पर ध्यान रखा गया है। ढेर सारी किताबों की जरूरत को खत्म करने पर जोर दिया गया है। इंन्क्वायरी, डिस्कवरी, डिस्कशन और एनालिसिस पर जोर दिया जा रहा है। इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी। हर छात्र को यह मौका मिलना ही चाहिए कि वह अपने पैशन को फॉलो करें। अक्सर ऐसा होता है कि कोई कोर्स करने के बाद स्टूडेंट जॉब के लिए जाता है तो पता चलता है कि जो पढ़ा वो जोक की जरूरतों को पूरा नहीं करता। इन जरूरतों का ख्याल रखते हुए मल्टीपल एंट्री-एग्जिट का ऑप्शन दिया गया है।
Friday 7 August 2020
मृतक श्राद्ध का विचार, वैदिक सिद्धान्त पुनर्जन्म के विरुद्ध
मनमोहन आर्य, देहरादून
महाभारत युद्ध के बाद वेदों का अध्ययन-अध्यापन अवरुद्ध होने के कारण देश में अनेकानेक अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न र्हुइं। सृष्टि के आरम्भ ईश्वर से प्राप्त वैदिक सत्य सिद्धान्तों को विस्मृत कर दिया गया तथा अज्ञानतापूर्ण नई नई परम्पराओं का आरम्भ हुआ। ऐसी ही एक परम्परा मृतक श्राद्ध की है। मृतक श्राद्ध में यह कल्पना की गई है कि हमारे मृतक पूर्वज व पितरों को वर्ष में एक बार आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष में आवाहन कर भोजन एवं उनकी प्रिय वस्तुओं के दान से उन्हें सन्तुष्ट करना चाहिये। यह उच्च मानवीय भावना तो है परन्तु यह सत्य पर आधारित न होने से एक आधारहीन व अनावश्यक परम्परा व कार्य है। इससे मनुष्य जाति की उन्नति न होकर अवनति होती है। इसे व्यवहारिक रूप दिया ही नहीं जाता अर्थात् मृतक पितरों को भोजन कराया ही नहीं जा सकता। यह एक ऐसा अन्धविश्वास है जिसे हम अपनी आंखें मूंद कर करते है। मृतक श्राद्ध करने पर कोई मृतक पितर व पूर्वज सशरीर भोजन करने श्राद्ध स्थान पर उपस्थित नहीं होता। उनके नाम पर जन्मना ब्राह्मण कहे जाने वाले लोगों को पकवान व भोजन परोसे जाते हैं, दान दक्षिणा दी जाती है और यह मान लिया जाता है कि हमारे मृतक पितर व पूर्वज हमारे कराये भोजन से सन्तुष्ट हो गये हैं। यह एक ऐसी परम्परा व धारणा है जिसे हम ज्ञान व विज्ञान के आधार पर प्रस्तुत नहीं कर सकते। वेदों में इसका कहीं विधान नहीं है।
वेद व वैदिक परम्परा में हम परिवार के जीवित माता, पिता, पितामह, पितामही, प्रपितामह तथा प्रपितामही की ही श्रद्धापूर्वक सेवा करने तथा उन्हें अपने आचरण एवं व्यवहार से सन्तुष्ट रखने का विधान है। मध्यकाल के जिन दिनों में इस परम्परा को आरम्भ किया गया, उस अवसर पर इस बात को विस्मृत कर दिया गया कि घर के जीवित पितरों माता, पिता से प्रपितामह व प्रपितामही का श्राद्ध तो प्रतिदिन करने की आवश्यकता व विधान है। मृतक पितरों पर यह लागू ही नहीं होता। मृतक परिजनों के मरने के बाद कुछ ही दिनों व महीनों में ईश्वर की व्यवस्था से वह अपने जीवन के शुभ व अशुभ अथवा पुण्य व पाप कर्मों का फल भोगने के लिये कर्मानुसार नये जीवन व जन्म को प्राप्त हो जाते हैं। वहां उनकी व्यवस्था सर्वव्यापक, सबके आधार तथा सबके धारणकर्ता परमात्मा की कृपा से वह स्वयं व उन जीवात्माओं के नये जीवन के परिवारजन करते हैं। हमारे भोजन कराने से हमारे मृतक किसी पितर को भोजन पहुंचना सर्वथा असम्भव है। अतः वेदों के शीर्ष वेदाचार्य ऋषि दयानन्द ने इस वेदविरुद्ध प्रथा को अस्वीकार कर पंचमहायज्ञों के अन्तर्गत पितृ-यज्ञ करते हुए अपने घर के सभी जीवित पितर व वृद्धों की आदर व सम्मान से सेवा करने व उन्हें भोजन, वस्त्र एवं ओषधि आदि से सन्तुष्ट रखने का विधान को जारी रखा है और जीवित पितरों की सेवा व उनको सन्तुष्ट रखने को ही वैदिक सत्य परम्परा का श्राद्ध कर्म माना है।
मनुष्य व सभी प्राणी एक सत्य व चेतनता के गुण से युक्त एकदेशी, ससीम, अनादि, नित्य, अल्पज्ञ, कर्म-फल के भोक्ता, मनुष्य योनि में कर्म करने में स्वतन्त्र तथा कर्मों के फल भोगने में परतन्त्र जीवात्मा होते हैं। कर्म ही जन्म का परिणाम होते हैं। हमारा वर्तमान जन्म भी हमारे पूर्वजन्म के पाप-पुण्य कर्मों का फल भोगने के लिये हुआ है और हमारी मृत्यु हमारे शरीर की जन्म, वृद्धि व नाश के सिद्धान्त के आधार पर वार्धक्य में रोग आदि कारणों से होती है। ‘जातस्य हि ध्रुवो मृत्यु ध्रुवं जन्म मृतस्य च’ सिद्धान्त के अनुसार जिस जीवात्मा का जन्म हुआ है उसकी मृत्यु और जिसकी मृत्यु होती है उसका जन्म होना निश्चित व धु्रव सत्य है। इस सिद्धान्त के अनुसार मृत्यु के बाद जीवात्मा का नया जन्म हो जाता है। नये जन्म में उसे माता, पिता, भाई, बन्धु व परिजन सब प्राप्त होते हैं और वह स्वयं व परिवार के सहयेाग से भोजन सहित अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। उसे अपने पुराने जन्म स्थान के सम्बन्धियों से भोजन प्राप्त करने की किंचित भी आवश्यकता नहीं है। मृतक श्राद्ध विषयक विचार व मान्यतायें काल्पनिक हैं। वेदों व ऋषियों के ग्रन्थों में इस मान्यता का कहीं आधार नहीं है। अतः इस वेद-विरुद्ध कार्य को हमें करना नहीं चाहिये। यह अविद्यायुक्त कार्य है। इसे हम वेद, वैदिक साहित्य सहित ऋषि दयानन्द के द्वारा अपने अमर ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत विचारों व वैदिक सिद्धान्तों का अध्ययन कर जान सकते हैं व सभी अवैदिक कृत्यों को करना छोड़ सकते हैं। अविद्या दूर करने का यही उपाय है कि वेद व वैदिक साहित्य सहित सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ का अध्ययन किया जाये और प्रत्येक कार्य को सत्य व असत्य का विचार कर, उसकी परीक्षा कर, उसके तर्क एवं युक्तिसंगत होने के साथ वेद से पुष्ट होने पर ही स्वीकार किया जाये। ऐसा करने से हम अपने मनुष्य जीवन को सार्थक कर जीवन के लक्ष्य धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष को प्राप्त हो सकते हैं। ऐसा न करने से हम अपने जीवन के लक्ष्य आत्मोन्नति व मोक्ष से दूर होते जाते हैं जिसे करना किसी भी मनुष्य के लिये के उचित नहीं है। अतः मृतक श्राद्ध को करने से पूर्व इस विषय का विशद अध्ययन कर इसकी आवश्यकता, इससे सम्भावित लाभों की पूर्ति तथा मृतक पितरों की अवस्था एवं आवश्यकताओं पर वेद के परिप्रेक्ष्य तथा सामान्य ज्ञान के अनुसार भी विचार कर लेना चाहिये। ऐसा करने से हम सत्य निर्णय कर एक सत्य परम्परा का निर्वहन करने में समथ होंगे जिसका करना हमारे मनुष्य होने अर्थात् मननशील होने व सत्य का ग्रहण करने तथा असत्य का त्याग करने की दृष्टि से आवश्यक है।
सनातन वैदिक धर्म आत्मा के जन्म व मरण के सिद्धान्त अर्थात् पुनर्जन्म को स्वीकार करता है। जन्म के समय हमारे सभी संबंध बनते हैं तथा मृत्यु होने पर सभी सम्बन्ध समाप्त हो जाते हैं। मृत्यु होने पर न तो मृतक आत्मा को अपने पूर्व संबंधों व संबंधियों का ज्ञान रहता है और न ही जीवित परिजनों को आत्मा का पता होता है कि मृत्यु के बाद उसका कहां, किस योनि व अवस्था में जन्म हुआ है अथवा उसका मोक्ष हुआ या नहीं हुआ है। ऐसी अवस्था में अपने परिजनों की मृत्यु के बाद उनका वर्ष में एक बार आश्विन माह में मृतक श्राद्ध करना उचित नहीं है। जब हमारा दूसरों को कराया भोजन सम्मुख उपस्थित मनुष्य तक ही नहीं पहुंचता, तो मरे पीछे वह उन आत्माओं तक किसी रीति से पहुंच सकता है, ऐसा मानना कल्पना मात्र है। बिना वेद विधान व ऋषियों की सत्योक्त बातों के हमें किसी भी अन्धविश्वास व परम्परा को न तो मानना चाहिये न ही उसका समर्थन करना चाहिये। हमारी आर्य जाति का पतन इन व ऐसी काल्पनिक मान्यताओं व सिद्धान्तों का अनुसरण तथा सत्य वैदिक सिद्धान्तों को छोड़ देने के कारण से ही हुआ है। अतः सत्यासत्य का विचार कर सत्य सिद्ध कार्यों को ही करना मनुष्यों के लिए उचित व विपरीत का छोड़ना आवश्यक है।
हमारा सौभाग्य है कि आर्यजाति को पांच हजार वर्षों के बाद ऋषि दयानन्द नाम के एक सच्चे योगी व वेद ऋषि प्राप्त हुए थे। उन्होंने वेदों का उद्धार कर वेद के सत्य अर्थों का प्रचार किया था। उनकी सभी मान्तयायें वेद तथा तर्क व युक्ति पर आधारित हैं। उन्होंने ही हमें ईश्वर के सच्चे स्वरूप के दर्शन कराये और ईश्वर का ध्यान करने की विधि तथा वेद व ऋषियों की आज्ञाओं का पालन करते हुए प्रतिदिन पंचमहायज्ञों को करने की आज्ञा से परिचित कराया। हमारा सौभाग्य है कि हम आर्यों के पांच महाकर्तव्य रूप पंचमहायज्ञों को करते हैं जिसका परिणाम मनुष्य की शरीरिक, आत्मिक एवं सामाजिक उन्नति होती है और वृद्धावस्था में मृत्यु व शरीर परिवर्तन होने सहित जन्म व मरण से अवकाशरूप मोक्ष प्राप्ति के रूप में होती है। हमें न केवल स्वयं ही वेदों का पालन व आचरण करना है अपितु अपने परिवार व संबंधियों सहित सृष्टि के जन-जन में वेद प्रचार कर उनसे भी वेदाचरण करवाना है। ऐसा करने से ही हमारा जीवन सार्थक व सफल होगा। हमारी यह पृथिवी देवों की धरा व धाम में परिणत हो सकेगी। मृतक श्राद्ध व जड़ पूजा जैसे अवैदिक कृत्यों से मुक्ति मिलेगी और देश व समाज उन्नति को प्राप्त होंगे।
Monday 11 May 2020
सी.एस.एच.पी. पब्लिक स्कूल का एक और सफल प्रयास मनाया ऑनलाइन मातृ दिवस का उत्सव
गाजियाबाद। —हजारों उलझनें राहों में और कोशिशें बेहिसाब इसी का नाम है जिंदगी, चलते रहिए जनाब— जी हां यह कहावत सही लगती है यह देख कर कि इस संकट की घड़ी में विद्यालय की प्रधानाचार्या सुश्री ममता शर्मा के मार्गदर्शन में ऑनलाइन मदर्स डे मना कर कैसे असंभव को भी संभव किया जा सकता है।
लॉक डाउन ने भले ही मानव की जीवन चर्या में मुश्किलें खड़ी की हो किंतु यह लॉकडाउन सी.एस.एच.पी. पब्लिक स्कूल के बुलंद इरादों की दीवार को नहीं गिरा पाया। समय-समय पर ऑनलाइन शिक्षा व सभी प्रकार की प्रतियोगिताओं का प्रतिभागी बनकर दिनांक 10.05. 2020 को मातृ दिवस (मदर डे ) के कार्यक्रम से सबको यह बता दिया कि इंसान अगर मन में ठान ले तो क्या नहीं कर सकता।
विद्यालय निर्देशिका श्रीमती सविता गुप्ता जी को समर्पित इस कार्यक्रम में विद्यालयों के छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम जैसे कविताएं गीत व नृत्य आदि प्रस्तुत कर मातृ-भक्ति के जज्बे को दर्शाया और नाटिका द्वारा दिखाया कि किस प्रकार मां एक शिक्षिका के रूप में व परिचायिका के रूप में हर सुख-दुख में अपने संतान के लिए ढाल बनकर खड़ी रहती है।
अंत में विद्यालय निर्देशिका श्रीमती सविता गुप्ता जी, मैनेजर तुषार गुप्ता एवं श्रीमती मेघना गुप्ता जी शैक्षिक प्रमुख श्रीमती तान्या कौशिक ने प्रधानाचार्या सुश्री ममता शर्मा जी के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि मदर्स डे का ये ऑनलाइन कार्यक्रम उनके जीवन का अत्यधिक रोमांचित कार्यक्रम था।
Wednesday 29 January 2020
डीके ठाकुर का 1 फरवरी को रिलीज होगा नया गाना योद्धा राजपूत
संवाददाता
गाजियाबाद। हरियाणवी सिंगर डीके ठाकुर अब जल्द ही एक गाना योद्धा राजपूत ला रहे हैं जो कि 1 फरवरी को रिलीज होगा।
जिसमें मुख्य रूप से राहुल राजपूत, शेर सिंह राणा, सुखदेव सिंह गोगामेडी, सूरजपाल अम्मू, वह राजपूताना कम्युनिटी भूमिका निभा रही है इस अवसर पर गुलशन राजपूत ने बताया कि इस गाने का ट्रेलर आते ही इसे एक लाख से ज्यादा लोगों ने पसंद किया है वह टिक टॉक पर 12 सौ से ज्यादा वीडियो बन चुकी हैं और यह भी बताया कि इस गाने से बहुत से राजपूत एक होंगे, और यह गाना 1 फरवरी को रिलीज होगा।
डीके ठाकुर से बातचीत मे पता चला कि इस गाने के द्वारा बहुत से बिखरे हुए राजपूतों को एक किया जा रहा है उनके इस गाने के लिए फैन्स उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं।
Friday 17 January 2020
19 जनवरी को होगा सदभावना पद यात्रा का आयोजन
मानव उत्थान सेवा समिति एक अखिल भारतीय सामाजिक व आध्यात्मिक संस्था: महात्मा जतनानन्द
सद्गुरुओं ने समाज को प्रेम, सद्भावना व आध्यात्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी: स्वामी जतनानन्द
संवाददाता
साहिबाबाद। मानव उत्थान सेवा समिति के तत्वावधान में शुक्रवार को स्थानीय प्रेमपुरी आश्रम (शिव हनुमान मंदिर) पर एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर आश्रम प्रभारी महात्मा जतनानन्द ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि समाज में आज चारों तरफ अशांति का वातावरण व्याप्त है, अपराध और वैमनष्य चरमसीमा पर है। भाई-चारा व सद्भावना लुप्त हो रही है। यह सब मानव की चंचलता व भौतिकवाद की चकाचौंध के कारण है।
उन्होंने कहा कि जब-जब समाज में ऐसी स्थिति बनी है, तब-तब सन्तों व सद्गुरुओं ने समाज को प्रेम, सद्भावना व आध्यात्म मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। इसी संदर्भ में 19 जनवरी 2020 (रविवार) को प्रातः 7 बजे एक सदभावना पद यात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जो आश्रम से आरम्भ होकर विधानसभा साहिबाबाद भ्रमण के पश्चात आश्रम पर ही समापन होगा। तत्पश्चात एक विशाल सदभावना सत्संग का आयोजन किया जाएगा।
संस्था की जानकारी देते हुए महात्मा जी ने कहा कि मानव उत्थान सेवा समिति एक अखिल भारतीय सामाजिक व आध्यात्मिक संस्था है। जिसके मार्ग दर्शक सुविख्यात समाज सेवी व आध्यात्मिक गुरू श्री सतपाल महाराज हैं। महाराज श्री के दिशा निर्देश में भारत में ही नहीं अपितु विश्व भर में संस्था के महात्माओं द्वारा आध्यात्म ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वार्ता में मुख्य महात्मा, योगानन्द जी, सहित संस्था के अन्य कार्यकर्तागण राजवीर शर्मा, मोहित कसाना, खुशाल सिंह, विमल कुमार आदि उपस्थित थे।
Thursday 2 January 2020
तस्करी कर लायी जा रही 10 पेटी शराब से भरी कार बरामद, एक अभियुक्त गिरफ्तार
समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह द्वारा अवैध शराब तस्करी करने वालो के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के दौरान पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नीरज कुमार जादौन व क्षेत्राधिकारी सदर सुश्री अंशु जैन के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार सिंह व उनकी टीम को उस समय सफलता प्राप्त हुई, जब मसूरी हाईवे पर चैकिंग के दौरान एक क्वीड कार जिस पर आगे की नम्बर प्लेट यूपी-16-बीयू-1572 तथा पीछे की ओर नम्बर प्लेट न0 यूपी-14-डीयू-7215 लगी पायी गयी तथा इस कार की तलाशी पर उसमे रखी 10 पेटिया जिसमें कुल 480 पव्वे बिना मार्का शराब बरामद हुई।
कार पर फर्जी नम्बर प्लेट लगाकर तस्करी कर ला रहे ड्राईवर राहुल पुत्र रामकिशन निवासी ग्राम सलेमपुर गुर्जर थाना कासना जिला गौतमबुद्धनगर को गिरफ्तार किया गया। जिसने पूछने पर बताया कि इस शराब को हरियाणा से सस्ते दामो में खरीदकर हापुड खादर में महंगे दामो में बेचने जा रहा था। आपने पकड लिया। जिसके विरुद्ध मु0अ0सं0 07/20 धारा 482/420 भादवि व 60/63 आबकारी अधिनियम का अभियोग पंजीकृत कर जेल भेजा जा रहा है। अवैध शराब बरामद करने वाली टीम में प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार सिह थाना मसूरी, उ0नि0 प्रदीप कुमार थाना मसूरी, उ0नि0 मनीष कुमार थाना मसूरी व का0 सन्दीप कुमार आबकारी गाजियाबाद थे।
Tuesday 31 December 2019
लोकबन्धु श्रद्धेय राजनारायण जी की पुण्यतिथि 31 दिसम्बर 2019 पर विशेष
ड़ा0 राम मनोहर लोहिया के अति प्रिय सहयोगी खाँटी समाजवादी, संघर्ष की प्रतिमूर्ति, अन्याय, अनाचार, असमानता व शोषण के विरोधी श्रद्धेय लोकबन्धु राजनारायण का जन्म 15 नवम्बर 1917 को एक धनी बड़े जमींदार परिवार मे हुआ था| उनका गाँव जनपद वाराणसी का मोटी कोट गंगापुर है। उनकी उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से पूर्ण हुई, उन्होने स्नातकोत्तर डिग्री के साथ वकालत भी पास की। इनके विचार बड़े ही क्रांतिकारी रहे। शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप भारत माँ को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने के लिए स्वतन्त्रता आंदोलन मे कूद पड़े तथा भारत को स्वतंत्र कराने मे अपना अमूल्य योगदान दिया।
लोकबन्धु राजनारायण जी को कम लोग ही जानते है कि वे महान स्वतन्त्रता सेनानी थे। 1942 मे आप छात्र कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 9 अगस्त 1942 जिसे अगस्त क्रांति के नाम से जाना जाता है जनपद वाराणसी मे क्रांति का आप ने नेतृत्व किया, उनके नेतृत्व मे वाराणसी रेलवे स्टेशन को आग के हवाले कर दिया गया, विरोध प्रदर्शन धरना जबरदस्त रहा यह क्रांति देश के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ क्रांति थी, उनके उग्र प्रदर्शन से ब्रिटिश सरकार बौखला गयी तथा उन्हे मुर्दा या जिंदा पकड़ने के लिए पाँच हजार का पुरस्कार देने की घोषणा की थी। राज नारायण जी, ड़ा0 राम मनोहर लोहिया और जयप्रकाश नारायण के साथ-साथ भारत मे समाजवादी आन्दोलन के स्तंभों मे एक थे। डा0 लोहिया ने कहा था कि “राज नारायण जैसे दो लोग और पैदा हो जाय तो लोकतन्त्र व समाजवाद को कोई भी खतरा पैदा नहीं हो सकता न कोई तानाशाह पनप सकता है, राज नारायण अपने संघर्ष से तानाशाही का सर्वनाश कर समाजवादी समाज बनाने व लोकतन्त्र की रक्षा करने मे स्वंय सफल होंगें”। स्वतंत्र भारत के इतिहास में उन्होंने अनेकों आंदोलनों का नेतृत्व किया तथा कई बार जेल गये|
राज नारायण जी का मानना था कि सत्याग्रह व संघर्ष के बिना लोकतन्त्र बेजान है। वे लम्बे संघर्ष के ही परिणाम थे, उनका सारा जीवन जन साधारण के लिए समर्पित था। उन्हे कार्यकर्ता नेताजी के नाम से जानते थे। नेताजी ने जहां राजनैतिक संघर्ष को विचारधारा स्तर पर धार दी, वहीं अपने विचार व व्यवहार से कार्यकर्ताओं मे अपनत्व पैदा किया, जो उनसे एक बार मिलता वह उनका प्रसंशक बने नहीं रह सकता था अपने जीवन काल मे उन्होने अनेकों आन्दोलन किए, 1956 मे काशी विश्वनाथ मंदिर मे “हरिजन प्रवेश आन्दोलन” महारानी विक्टोरिया की मूर्ति भंजन आन्दोलन, गरीबों को रोटी मिले, विधान-सभा मे सत्याग्रह। जो जमीन को जोते बोये वह जमीन का मालिक बने उसके लिए सत्याग्रह, अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन प्रमुख है। पुलिस बर्बरता व जुल्म के विरुद्ध माया त्यागी कांड का नेतृत्व किया, आन्दोलन के पक्ष में हजारों-हजारों लोग जेल गये जिसमे जुल्म करने वालों को सजा हुई। 1971 मे आम चुनाव हुए इन्दिरा गांधी को विशाल बहुमत मिला यह चुनाव “गरीबी हटाओ” नारे के साथ लड़ा गया था राज नारायण जी राय बरेली मे इन्दिरा गांधी से चुनाव हार गये, लेकिन उन्होने हार नहीं मानी, चुनाव रद्द कराने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट मे चुनाव याचिका दाखिल की। न्याय मूर्ति जग मोहन लाल सिन्हा ने सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के कारण श्रीमति इन्दिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित कर रद्द कर दिया। लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने के साथ 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी। बढ़ी फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए छात्रों ने गुजरात व बिहार मे समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण जी के नेतृत्व मे 1974 मे आन्दोलन कर रखा था, वह पूरे देश में फ़ैल रहा था जिससे तत्कालीन केंद्र सरकार घबराई हुई थी, उधर राज नारायण जी का हाई कोर्ट का फैसला इन्दिरा गांधी को झकझोर दिया वह घबरा गयी तथा 25 जून 1975 को देश मे आपातकाल घोषित कर दिया। जयप्रकाश नारायण, मोरार जी देसाईं, राजनारायण, चौधरी चरणसिंह, चन्द्रशेषर, अटल बिहारी वाजपेयी व सभी विपक्ष के नेताओं को गिरफ्तार कर जेल मे डाल दिया गया स्वतंत्र भारत के इतिहास मे यह सबसे विवादास्पद व अलोकतान्त्रिक कार्य था। चुनाव स्थगित, तथा नागरिक अधिकारों को समाप्त कर दिया गया प्रेस पर भी प्रतिबन्ध लग गया। विदेशी दबाव, देश मे विद्रोह की सम्भावना को ध्यान मे रखकर 21 मास बाद आपातकाल समाप्त किया गया तथा आम चुनाव की घोषणा हो गई, जनता पार्टी का गठन हुआ। राज नारायण जी ने राय बरेली से ही इन्दिरा गांधी को लोकसभा मे पराजित कर दिया तथा संघर्ष से सत्ता के हीरो हो गये, स्वास्थ्य मंत्री केंद्र सरकार मे बने लेकिन सरकार मे शामिल आरएसएस के जनसंघ घटक को दोहरी सदस्यता के नाम पर ललकारते रहे, पार्टी मे विद्रोह के कारण प्रधान मंत्री मोरार जी भाई की सरकार गिर गई, तथा चौधरी चरण सिंह को भारत का प्रधान मंत्री बनवाने मे राज नारायण जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कुछ समय बाद आपका चौधरी चरणसिंह जी से भी मतभेद हो गया। राज नारायण जी ऐसे समाजवादी योद्धा थे जो सिद्धान्तों से समझौता नहीं करते थे इसी का दुष्परिणाम हुआ कि इनके सहयोगी जिन्हें राजनीति मे इन्होने शीर्ष पर पहुंचाया था इनसे दूर हो गये। 31 दिसम्बर 1986 को यह स्वतन्त्रता सेनानी, क्रांतिकारी योद्धा, भारत भूमि से सदैव के लिए विदा हो लिए।
आपका संघर्ष, सत्याग्रह, त्याग और बलिदान आपके समर्थकों को ताकत प्रदान करेगा। आज जिस स्थिति से देश गुजर रहा है, आर्थिक मन्दी है, विश्वविद्यालयों में छात्र आन्दोलन कर रहे उनके साथ पुलिस अमानवीय व्यवहार कर रही है, जबकि वे फीस वृद्धि को वापस लेने के लिए संघर्षरत हैं उनके नेतृत्व के लिए श्रद्धेय राजनारायण जैसे नेता की कमी महसूस की जा रही है।
लेखक: रामदुलार यादव (समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व चिन्तक है।)
Thursday 19 December 2019
वृंदा वूमेंस क्लब ने मनाया अपना दूसरा स्थापना दिवस
Saturday 14 December 2019
विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन
गौतम बुद्ध नगर। ग्राम भट्टा, दनकौर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन माननीय जनपद न्यायाधीश गौतम बुद्ध नगर के दिशा निर्देशन मैं किया गया तथा श्रीमती मिनाक्षी सिन्हा की अध्यक्षता में साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के माध्यम से ग्रामीण जनसामान्य को विशेषतः मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य, शिक्षा का अधिकार, भ्रूण हत्या, तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजना निशुल्क विधिक सहायता, लोक अदालत , मीडिशन आदि संबंध में विस्तार से योजनाओं के संबंध में बताया गया
उक्त विधिक साक्षरता शिविर में श्री हरिओम शर्मा अध्यक्ष एनजीओ पंचशील नोएडा, श्री प्रदीप कुमार, अध्यक्ष ,निवल समुदाय कल्याण संघ के सौजन्य से उक्त कार्यक्रम का आयोजन किया गया अधिक संख्या में ग्रामीण उपस्थित हुए। तथा ग्रामीणों के चिकित्सीय परीक्षण हेतु साथ ही एक चिकित्सीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया जिसमें प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा उपस्थित ग्रामीणों का चिकित्सीय परीक्षण किया तथा उनकी समस्याओं अनुसार उन्हें दवाई आदि वितरित की गई। उक्त कार्यक्रम अत्यंत सफल रहा।
Thursday 12 December 2019
पुलिस ने किया शातिर चोर गिरफ्तार
विधिक साक्षरता शिविर आयोजित
नोएडा। ग्राम खाजपुर जेवर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन माननीय जनपद न्यायाधीश गौतम बुद्ध नगर के दिशा निर्देशन मैं किया गया तथा श्रीमती मिनाक्षी सिन्हा की अध्यक्षता में साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर के माध्यम से ग्रामीण जनसामान्य को विशेषतः मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य, शिक्षा का अधिकार, भ्रूण हत्या, तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित योजना निशुल्क विधिक सहायता, लोक अदालत , मीडिशन आदि संबंध में विस्तार से योजनाओं के संबंध में बताया गया इसके अतिरिक्त नायब तहसीलदार जेवर द्वारा किसान काश्तकारों के लिए संचालित योजनाओं के संबंध में बताया गया उक्त समस्त योजनाओं को सुनकर क्षेत्रवासी लाभान्वित हुए तथा उक्त योजना का लाभ पात्रता के आधार पर पाने के लिए भी उत्सुकता दिखाई तथा ग्राम वासियों ने अपने क्षेत्र से संबंधित कुछ समस्याएं मौखिक रूप में बताई गई, जिस पर मंचासीन द्वारा अपनी समस्याएं लिखित रूप में पहुंचाए जाने के लिए ग्राम वासियों से कहा गया।
भाजपा नेता ईश्वर मावी ने मृतकों के घर पहुँच कर जताया शोक
11 दिसंबर की खुली चुनौती देकर उतरी
Wednesday 11 December 2019
पुलिस मुठभेड़ में 02 बदमाशों में से एक बदमाश (घायल) गिरफ्तार
फिल्म के खिलाफ जाट समाज ने दिया उपजिलाधिकारी को ज्ञापन
खेल कूद और योगा में अपनी प्रतिभागिता अधिक करनी चाहिए: श्रीमति रंजीता धामा
फिल्म इंडस्ट्री लगातार कर रही है सनातन धर्म, संस्कृति और महापुरूषों का गलत चित्रण: नंदकिशोर गुर्जर
सेवक अशोक त्यागी ने भाजपा द्वारा कराये गये विकास कार्यों को जन—जन को कराया अवगत
लोनी। ग्राम स्वराज अभियान के तहत लोनी देहात मंडल के इलाइचीपुर, नसीब विहार, अमनगार्डन आदि गांवों में ग्रामवासियों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा कराए गए विकास कार्यों एवं आगामी योजनाओं के विषय में समझाया। इस अवसर पर महीला मोर्चा की जिला अध्यक्ष कोमुदी चौधरी, उपाध्यक्ष आरती मिश्रा, महामंत्री मनीष चौहान, सैक्टर सैयोजक आदित्य मिश्रा, बूथ अध्यक्ष शंकर, पप्पू सैकड़ों महिलाएं ग्रामीण उपस्थित रहें।
सेवक अशोक त्यागी (मंडल अध्यक्ष भाजपा)
Saturday 16 November 2019
अपने ही आदेशों की धज्जियां उड़ा रही है प्रदेश सरकार
30 वर्षों से नहीं खुला सब रजिस्ट्रार कार्यालय
दो-दो मुख्यमंत्रियों की घोषणा के बावजूद आज भी ठंडे बस्ते में है मामला
वाचस्पति रयाल
नरेंद्र नगर। तहसील मुख्यालयों में सब रजिस्ट्रार कार्यालय स्थापित करने के सरकारी आदेश के बावजूद नरेंद्र नगर स्थित तहसील खुले 30 वर्षों के लंबे अर्से के बाद भी यहां आज तक सब रजिस्ट्रार कार्यालय न खोले जाने से सरकार अपने ही आदेश की धज्जियां उड़ाती नजर आ रही है।
वर्ष 1989 तक यहां जिला मुख्यालय होने के फलस्वरूप जिला अधिकारी ही रजिस्ट्रार होने के कारण भूमि संबंधी सहित तमाम अन्य दस्तावेजों के पंजीकरण यहीं हुआ करते थे।
टिहरी डैम निर्माण के फल स्वरुप पुरानी टिहरी के पुनर्वास के लिए नई टिहरी का निर्माण किया गया था, नरेंद्र नगर पुनर्वास नीति में ना होने के बावजूद भी तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने तुगलकी नीति अख्तियार करते हुए नरेंद्र नगर से जिला मुख्यालय सहित अन्य कार्यालयों को आनन-फानन में 70 किमी से अधिक दूर नई टिहरी अंतरित कर दिया।
नरेंद्र नगर से जिला मुख्यालय नई टिहरी अंतरित होने के बाद नरेंद्र नगर विकासखंड को तहसील का दर्जा देते हुए,
नरेंद्र नगर में तहसील मुख्यालय स्थापित किया गया था, किंतु यहां सरकारी मानकों के अनुरूप सब रजिस्ट्रार कार्यालय नहीं खोला गया जिसके कारण आम जनता को भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करने के साथ समय की बर्बादी करते हुए लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर देवप्रयाग जाने को मजबूर होना पड़ता है।
इससे कई गरीब अपनी रजिस्ट्री करने से वंचित रह जाते हैं।
सीनियर एडवोकेट और पूर्व पालिका अध्यक्ष सोबन सिंह नेगी, एडवोकेट शंभू प्रसाद चमोली, एडवोकेट भगवान सिंह चौहान तथा अखिल भारतीय पंचायत विकास संगठन के प्रदेश प्रवक्ता वाचस्पति रयाल ने प्रदेश में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी सरकार और इससे पूर्व सत्ता में रही कांग्रेस सरकार पर आरोप जड़ते हुए कहा है कि विगत वर्षों में यहां कुंजापुरी मेले में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नरेंद्र नगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय खोलने की घोषणा की थी जो अभी तक हवा हवाई ही साबित हुई है और मामला अभी भी ठंडे बस्ते में कैद है ।
कहा कि जब प्रदेश के मुखियाओं की घोषणायें ही इस प्रदेश में धरातल पर नहीं उतर पा रही हैं तो जनता सरकार और नौकरशाहों पर कैसे विश्वास करेगी।
उक्त सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से नरेंद्र नगर में सब रजिस्ट्रार कार्यालय खोले जाने की पुरजोर मांग की है।
Tuesday 12 November 2019
अखिल भारतीय खत्री युवा महासभा द्वारा 13 नवम्बर को होगी पत्रकार वार्ता
संवाददाता
गाजियाबाद। खत्री समाज के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह एवं कार्यकारिणी सदस्य सूची की घोषणा को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष खत्री अरविन्द अरोड़ा ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम चन्द्र जी के आशीर्वाद से खत्री समाज के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह एवं कार्यकारिणी सदस्य सूची की घोषणा का कार्यक्रम का आयोजन (बुधवार दिनांक 13 नवम्बर 2019 समय सुबह 11.00 बजे) को कृष्णा सागर होटल आर.डी.सी. राज नगर गाजियाबाद में होगा।
इस शुभ अवसर पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन भी रखा गया है। हम आपसे विनम्र निवेदन करते हैं कि इस कार्यक्रम को कवर करें और अपने प्रतिष्ठित संस्थान में प्रकाशित एवं प्रसारित करने की कृपा करें। हम आशा करते हैं कि गाजियाबाद की समस्त प्रेस मीडिया इसमे शामिल होगी और आपके माध्यम से इस कार्यक्रम की जानकारी जन-जन तक पहुंचेगी।
Saturday 9 November 2019
अमर भारती साहित्य संस्करण संस्थान द्वारा 17 नवम्बर को होगा सम्मान समारोह
रामदेव धुरंधर, विभूति नारायण राय, डॉ. सुभाष जैन, प्रताप सोमवंशी प्रदान करेंगे सम्मान
गाजियाबाद। अमर भारती साहित्य संस्कृति अलंकरण सम्मान- 2019" के लिए उपन्यासकार श्री गंगा प्रसाद विमल, कथा लेखन के लिए प्रियदर्शन, कविता के क्षेत्र में श्री अतुल सिन्हा, बहुमुखी प्रतिभा के क्षेत्र में डॉ. मुक्ता को प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा इस वर्ष का युवा प्रतिभा सम्मान कविता के नव हस्ताक्षर श्री आशीष मित्तल एवं विधि क्षेत्र में प्रतिभा प्रदर्शित करने वाली सुश्री समृद्धि अरोड़ा को दिया जाएगा। निर्णायक मंडल की ओर से शनिवार को मीडिया को बताया गया कि रविवार 17 नवंबर को सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में आयोजित एक भव्य समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। समारोह की अध्यक्षता महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्व विद्यालय वर्धा के पूर्व कुलगुरू एवं चर्चित उपन्यासकार विभूति नारायण राय करेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध शिक्षाविद एवं पूर्व रोटरी इंटरनेशनल के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डॉ. सुभाष जैन होंगे।
संस्था के अध्यक्ष गोविंद गुलशन ने मीडिया को बताया कि समारोह में देश विदेश के प्रतिष्ठित साहित्यकार भी अतिथि के रुप में शामिल हो रहे हैं। मॉरीशस के अंतर्राष्ट्रीय हिंदी रचनाकार रामदेव धुरंधर समारोह के विशेष आमंत्रित अतिथि के तौर पर आमंत्रित हैं। सुप्रसिद्ध कवि एवं पत्रकार प्रताप सोमवंशी, सुप्रीम कोर्ट के चर्चित अधिवक्ता एवं चिंतक श्री मकरंद प्रताप सिंह, शिक्षाविद व अंतर्राष्ट्रीय उद्योग रत्न श्री हरविलास गुप्ता, वरिष्ठ कवि एवं प्रशासनिक अधिकारी श्रीविलास सिंह, उर्दू अदब का जाना माना नाम श्री कुमैल रिज़वी, प्रसिद्ध गजलगो एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राकेश कुमार मिश्रा "तूफान", सुप्रसिद्ध चिकित्सक एवं समाजसेवी डॉ. दिनेश अरोड़ा, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद श्रीमती संतोष ओबराय, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड धारक, कवि एवं वरिष्ठ ईएनटी सर्जन डॉ. बृजपाल सिंह त्यागी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती स्मिता सिंह, सुप्रसिद्ध कवि, लेखक, गीतकार एवं प्रशासनिक अधिकारी सुश्री मनु लक्ष्मी मिश्रा, सुप्रसिद्ध शिक्षाविद् डॉ. मंगला वैद एवं व्यंग्यकार शिवराज सिंह भी अलंकरण समारोह की अतिथि सूची में शामिल हैं।
गौरतलब है कि संस्था विगत 6 वर्षों से साहित्य के उन्नयन हेतु प्रति वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर अलंकरण समारोह का आयोजन कर रही है। संस्था द्वारा अब तक सुप्रसिद्ध लेखक से.रा. यात्री व श्रीमती चित्रा मुद्गल, महेश दर्पण, रिफ़अत शाहीन, गीतकार डॉ. कुंअर बेचैन, बाल स्वरूप राही व माहेश्वर तिवारी, व्यंग्यकार आलोक पुराणिक एवं सुभाष चंदर, ग़ज़लकार बिजेंद्र परवाज़, कवि लालित्य ललित, अमर नाथ अमर, सुश्री आशा शैली, सुधाकर पाठक, सुश्री ममता किरण, सुश्री प्रमिला भारती, सुश्री सुधा उपाध्याय, आलोचक बुद्धिनाथ मिश्रा को सम्मानित कर चुकी है। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी गोविंद गुलशन, तरुणा मिश्रा, आलोक यात्री, प्रवीण कुमार, सुरेंद्र शर्मा, पराग कौशिक, डॉ.ब्रजपाल सिंह त्यागी, हिमांशू वर्मा सहित अन्य लोग भी मौजूद रहे।
प्रेस वार्ता में दा पायनियर के पश्चिमी यूपी के ब्यूरो चीफ, अशोक निर्माण, संवाददाता फरमान अली, सम्पादकों में समीक्षा न्यूज से धनसिंह, जीएनए से विजय भाटी, गगन टाइम्स से सीपी सिंह, तंवर न्यूज से अमित तंवर, संवाददाता ललित चौधरी सहित अन्य दैनिक समाचार पत्रों के संवाददाता मौजूद रहे।
Friday 8 November 2019
सपा कार्यकर्ताओं ने नोटबन्दी दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया
संवाददाता
साहिबाबाद। सपा साहिबाबाद विधानसभा द्वारा नोटबन्दी दिवस को काला दिवस के रूप में समाजवादी पार्टी साहिबाबाद ने मनाया। बैंक की लाईन में ही जन्म लिए खजांची जी का 3 तीसरा जन्मदिन केक काटकर धूम धाम से मनाया गया एवं खजांची के लंबी उम्र एवं उज्वल भविष्य की कामना समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी ने किया,
केक काटने से पूर्व समाजवादी पार्टी साहिबाबाद निवर्तमान अध्यक्ष पं मनमोहन झा गामा ने कहा कि नोट बंदी का निर्णय देश हित मे नही रहा आज नही आतंकवाद कम ,न ही कालाधन आया,न ही वेरोजगारो को रोजगार मिला न किसानों को उचित मूल्य मिला,आज देश का रुपया डॉलर के मुकाबले बहुत पीछे हो चुका है हम देश के नौजवानों को सोचना होगा,
काय॔क्रम मे मुख्यरूप से सपा पाष॔द दल के नेता मौ कल्लन मीडिया प्रभारी जब्बार मलिक वरिष्ठ सपा नेता अरविंद कठेरिया ट्रांस हिन्डन अध्यक्ष अजय कुमार सचिव मुज्जू चौधरी वसीम इदरीशी ताजीन मन्सूरी समीर मन्सूरी शोभा पाठक अख्तर मलिक इरफान खान रंजीत कुमार सोनू चन्द्रशेखर विपिन मिश्रा राहुल नजर ताहिर नाजीम आदि लोग उपस्थिति थे
भवदीय =जब्बार मलिक पूर्व मीडिया प्रभारी साहिबाबाद विधान विधान सभा समाजवादी पार्टी गाजियाबाद
पार्षद श्रीमती माया देवी ने एक नुक्कड़ सभा का किया आयोजन
संवाददाता
गाजियाबाद। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी एवं प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी कार्यक्रम के क्रम में वार्ड नंबर 6 नंद ग्राम में महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष एवं वार्ड 6 की पार्षद श्रीमती माया देवी ने एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया नुक्कड़ सभा में प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी विधायक पंकज मलिक एवं प्रदेश महासचिव वीरेंद्र कुमार गुड्डू मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए इस अवसर पर मुख्य अतिथि पंकज मल्लिक ने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार गुंडागर्दी एवं अधिकारियों द्वारा गरीब व निर्दोष लोगों को जेल भेजा जा रहा है उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष करें इस अवसर पर सभा में जिला अध्यक्ष हरेंद्र कसाना विधान परिषद के पूर्व नेता नसीब पठान पूर्व सांसद सुरेंद्र गोयल पूर्व मंत्री सतीश शर्मा पूर्व विधायक केके शर्मा वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजा राम भारती सतीश त्यागी त्रिलोक सिंह जिला प्रवक्ता प्रेमप्रकाश चीनी लालमन सिंह लोकेश चौधरी हाजी लियाकत अलीपीएन शर्मा प्रदेश महिला सचिव उमासोनी महिला महानगर अध्यक्ष पूजा चड्डा अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष नसीम खान कमलेश कुमारी एडवोकेट सविता गौतम मांगेराम त्यागी सुभाष शर्मा वरिष्ठ कांग्रेसी पवन शर्मा राकेश गोयल अभय त्यागी राजू सुनील शर्मा सुरेश शर्मा महेंद्र गौतम सुशील गुप्ता बीएस वोहरा नीरज कुमार पार्षद विनोद कुमार बाबूराम कलवा मदन लक्ष्मी पंकज योगेंद्र तुषार गौतम महाराज सिंह आरडी त्यागीआसिफ सिद्दीकी फरीदा बेगम सुमन आदि सहित सैकड़ों कांग्रेसजनउपस्थित थे।
तेजपाल राणा ने की समाज में आपसी भाईचारा, अमन, शान्ति, सदभाव बनाये रखने की अपील
संवाददाता
साहिबाबाद। गरिमा गार्डन स्थित तेजपाल सिंह राणा निगम पार्षद वार्ड 64 गरिमा गार्डन ने अपने कार्यालय पर अपने क्षेत्र के हिंदू-मुस्लिम समाज के जिम्मेदार लोगों को बुलाकर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा अयोध्या के फैसले को लेकर समाज में आपसी भाईचारा,व अमन शान्ति सदभाव बनाये रखने की अपील की गई। सभी समाज के लोगों ने अपने अपने विचार रखे और समाज का माहौल खराब करने वाले असमाजिक तत्वों से निपटने के लिए रणनीति तैयार की। माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करने का संकल्प लिया। समाज के सैकड़ों जिम्मेदार लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर हाजी इस्लाम, इक़बाल सैफी, नूर मोहम्मद, सिराज अहमद, इदरीश,जमालुद्दीन कुरैशी, रहीश कुरैशी, आकिल, नईमुद्दीन, राजकुमार चौ, बाबू यादव, कुलदीप, नीरज गौतम,धीरज,उमेश चौधरी, राजीव चौधरी, विक्रांत,प्रददुम, सियाराम सिंह, सुक्रमपाल सैन, सौरव त्यागी, सागर जांगिड़ आदि काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे।
महिलाओं में बढ़ रही है अंडाणु कम होने की समस्या
8 अक्टूबर 2019 मोदी नगर जिला गाजियाबाद में फ्री मेडिकल कैम्प सम्पन्न
संवाददाता
गाजियाबाद। प्राइवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन एवं एस सी आई -आई.वी.एफ हॉस्पिटल नोएडा द्वारा यूनिक इंटरनेशनल स्कूल कैम्पस राज चौपला मोदी नगर में निःसंतान दंपतियों के लिए एक फ्री मेडिकल चेकअप कैम्प का आयोजन किया ।
इस कैम्प में 55 निःसंतान दम्पतिओ की फ्री जांच की गई जिनको फ्री परामर्श दिया गया एवं 10 पुरुष मरीज़ो में शुक्राणुओं की कमी पाई गई व 15 महिलाओं में अंडाणुओं की कमी पाई गई ।
इस अवसर पर आई.वी.एफ विशेषज्ञ डॉ शिवानी गोर ने बताया कि वर्तमान में 50 फीसदी पुरूष ऐसे है जिनमे या तो शुक्राणु बहुत कम है या है ही नही ।
सम्पूर्ण विश्व मे ये चिंता का विषय है । आज के कैम्प में जिन लोगो की जांच की गई ।उनमे 50 फीसदी में शुक्राणुओं व अण्डाणुओं की कमी पाई गई ।
20 फीसदी पुरूष ऐसे थे । जिनमें शुक्राणु थे ही नही । ऐसे लोगो मे बच्चा पैदा करने की क्षमता नगण्य होती है । डॉ शिवानी गोर ने बताया कि ये समस्या मोदी नगर की नही है या भारत की नही है ये समस्या पूरे विश्व की समस्या लोगो के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है । इस पर WHO भी शुक्राणुओं की लगातार घट रही संख्या पर चिंता व्यक्त कर चुका है । पहले जिन पुरुषों के स्पर्म में दो करोड़ शुक्राणु होते थे उन्हें स्वस्स्थ माना जाता था पर अब यह संख्या डेढ करोड़ कर दी गई है । डॉ शिवानी ने बताया कि SCI IVF हॉस्पिटल नोएडा 8 वषों में विश्व के 55 देशों में 2000 से अधिक बच्चे IVF तकनीक द्वारा जन्म ले चुके है । अब ये तकनीक सस्ती ओर शुलभ हो चुकी है ताकि कमजोर परिवार भी इस तकनीक का लाभ ले सके बस जरूरत है तो केवल सही मार्गदर्शन की इस लिए हम प्राईवेट चिकित्सक मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एस के शर्मा व उनकी पूरी टीम का सहयोग लेकर सम्पूर्ण भारत में जगह जगह जाकर लोगो का कैम्प के जरिये मार्गदर्शन कर रहे है । इस अवसर पर पी सी एम ए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एस के शर्मा ने अपनी पूरी टीम के साथ डॉ शिवानी गोर जी का बुके देकर सम्मानित किया । एवं डॉ शिवानी गोर जी द्वारा ये प्रयास निसंतान दम्पतिओ को के लिए एक सपने को सच करने जैसा होने पर बधाई दी । इस मौके पर डॉ शिवानी ने यूनिक ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ सुधा सिंह जी व pcma की पूरी टीम का सहयोग के लिए धन्यवाद किया।
सम्मलित रहे
डॉ जमील खान राष्ट्रीय महा सचिव PCMA डॉ संजय सिंह जिला अध्यक्ष PCMA डॉ सुनील उपाध्यक्ष डॉ जुबेर त्यागी प्रदेश प्रभारी It सेल डॉ रेखा सिंह डॉ विनीत आदि उपस्थित थे।
निवेदक: डॉ अनिल कुमार मीडिया प्रभारी गा. बाद
साधना का गुर सिखाते हैं साज: मीरा पेंटल
इंटर स्कूल बैंड प्रतियोगिता में एमिटी इंटरनेशनल स्कूल ने बाजी मारी
ब्रिगेडियर तरुण मदान ने सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल के छात्रों में भरा देशभक्ति का जज्बा
संवाददाता
गाजियाबाद। आज के बच्चे कल देश की सीमा और समाज के प्रहरी बनते हैं। संस्कार, अनुशासन और टीम भावना ही एक अच्छे नागरिक का निर्माण करती है। सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल में 'बैंड ओ मेनिया' प्रतियोगिता की मुख्य अतिथि सुश्री मीरा पेंटल ने उक्त उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि यह प्रतियोगिता भले ही साज बजाने की हो, लेकिन यह हमारे सधने की प्रथम सीढ़ी है। प्रतियोगिता में करीब एक दर्जन स्कूलों की बैंड टीम ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में पहला स्थान एमिटी इंटरनेशनल स्कूल, वसुंधरा ने हासिल किया।
सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल की बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित शाखा में पुरस्कार वितरण करते हुए विशिष्ट अतिथि अवकाश प्राप्त ब्रिगेडियर तरुण मदान ने कहा कि सेना में बैंड महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। युद्ध काल में बैंड के जरिए ही सैनिकों को युद्ध के लिए प्रेरित किया जाता है। शिक्षाविद संतोष ओबरॉय ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों में देश भावना जागृत करने के लिए इस तरह की प्रतियोगिताएं आवश्यक हैं। सेना और जवानों के प्रति हमारा जज्बा आजादी के सात दशक बाद भी जस का तस बना हुआ है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर जुटने वाली भीड़ इसका प्रमाण है। निर्णायकों में पूर्व डीआईजी वी. के. शेखर, संगीतज्ञ ऋत्विक दास भी शामिल थे। स्पर्धा में दूसरा स्थान सिल्वर लाइन प्रेस्टीज स्कूल एवं डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल ने संयुक्त रूप से हासिल किया। श्री ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्पर्धा में दिल्ली पब्लिक स्कूल, ग्रीन फील्ड पब्लिक स्कूल, रैली इंटरनेशनल स्कूल, वनस्थली पब्लिक स्कूल, के. आर.एम. स्कूल, सी. एस.एच.पी. पब्लिक स्कूल की टीम ने भी हिस्सा लिया। स्कूल चेयरमैन रो. डॉ. सुभाष जैन, डायरेक्टर प्रिंसिपल डॉ. माला कपूर, वाइस प्रिंसिपल डॉ. मंगला वैद ने भी छात्रों को संबोधित किया। इस अवसर पर रो. बबीता जैन, प्रवीण कुमार, आलोक यात्री समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Thursday 7 November 2019
राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी के तत्वाधान में पत्रकार सम्मान समारोह आयोजित
समीक्षा न्यूज के सम्पादक धनसिंह व संवाददाता राजेश भास्कर को प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित
संवाददाता
गाजियाबाद। साहिबाबाद क्षेत्र के अन्तरर्गत गरिमा गार्डन वजीराबाद रोड़ स्थित न्यू इंडिया कैम्पस के प्रांगण में राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी के सहयोग से मीडियाकर्मियों की ऑनलाइन संस्था मीडिया फैमिली ने गत मंगलवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें मीडिया जगत की कई नामी हस्तियों के साथ ही कई बड़े समाजसेवी और राजनेता मौजूद थे।
इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपलब्धियों से वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में स्थान बनाने वाले चर्चित न्यूज एंकर श्रीवर्धन त्रिवेदी, अमर भारती मीडिया के समूह संपादक शैलेन्द्र जैन, मैनेजिंग एडिटर आलोक वर्मा, चीफ मैनेजिंग एडिटर देवनाथ, गोपालगंज कॉलेज ऑफ ऐजुकेशन के चेयरमैन मनीष सिन्हा, पूर्व विधायक बीएन जयसवाल, प्रख्यात ज्योतिषी सी के झा, विख्यात समाजसेवी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बेहद करीबी रहे पंडित शिवकुमार शर्मा ने युवा पत्रकारों का हौसलावर्धन करते हुए अपनी बात रखी।
इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए महेन्द्र कुमार राजपूत राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी ने कहा कि आरएसवीपी का जैसा नाम है वैसा ही काम है। हमारा एक ही लक्ष्य है वो है सर्वजन विकास। इस नारे और सोच के साथ हम कार्य कर रहें है और कार्य करते रहेंगे। इसके साथ ही उन्होने कहा कि यदि हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो उनके पार्टी द्वारा जारी सात सूत्रीय घोषणाओं को वे पूरा करेंगे।
समीक्षा न्यूज के संवाददाता राजेश भास्कर को प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित
सम्मान समारोह के दौरान मीडिया फैमिली की डायरेक्टर माही यशोधर और विकास मिश्रा ने बताया कि अगले वर्ष भी मीडिया फैमिली ऐसे कई कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। कहा कि मीडिया फैमिली का उद्देश्य देश भर के पत्रकारों को एक ऐसा मंच प्रदान करना है। जहां उनकी प्रतिभा का समुचित सम्मान हो।
मीडियाकर्मियों की ऑनलाइन संस्था मीडिया फैमिली की तरफ से डीजिटल, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े कई पत्रकारों को प्रतीक चिन्ह देकर मुख्य अतिथियों ने सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में पधारे वर्धन त्रिवेदी एबीपी एंकर ने कहा कि एक अच्छी सोच के साथ ही एक अच्छे समाज व अच्छे देश का निर्माण होता है। हमे हमेशा सकारात्मक सोच रखते हुए कार्य करना चाहिए। समय का सदुपयोग करना चाहिए। साथ ही उन्होने सभी पत्रकारों को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के उदघोषक एसपी शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी मीडिया फैमली के साथ हर वर्ष पत्रकारों का सम्मान कार्यक्रम रखेगी। मीडिया फैमिली श्रेष्ठ सम्मान के समापन पर राष्ट्रीय सर्वजन विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र कुमार राजपूत ने समस्त आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि उनकी पार्टी देश हित में लगातार काम करती रहेगी।
मंच संचालन पंडित सूर्य प्रकाश शर्मा ने किया।
समीक्षा न्यूज के सम्पादक धनसिंह को प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित
इस अवसर पर सम्पादकों में समीक्षा न्यूज से धनसिंह, गाजियाबाद किंग से रविदत्त निमेश, ग्रेट नेशनल अचीवमेंट से विजय भाटी, गगन टाइम्स से सीपी सिंह, तंवर न्यूज से अमित तंवर सहित अन्य एवं संवाददाताओं में समीक्षा न्यूज से राजेश भास्कर, अटल इंडिया से रामकरन जायसवाल, लोनी उदय से विजय मिश्रा, मीडिया सार से सरताज खान, ब्रहम पोस्ट से साजिद खान सहित अन्य समाचार पत्रों खबरों का कहर, सच्चाई की रोशनी, आनंद धारा, भावना—ए—हिन्द, सत्ता बंधु आदि सहित अमर उजाला, दैनिक जागरण, जन सागर टुडे सहित अन्य समाचार पत्रों के संवाददाताओं को भी सम्मानित किया गया।
समाजसेविका बिन्दु राय और सटरडे स्कूल के प्रोफेसर सुरेश सैनी ने किया कन्यादान
रामराज ट्रस्ट अनाथ आश्रम में समाजसेविका बिन्दु राय और सटरडे स्कूल के प्रोफेसर सुरेश सैनी कन्यादान करते हुए।
राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर सामाजिक संगठन महिला उन्नति संस्था द्वारा बैठक आयोजित
संवाददाता
नोएडा। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस के अवसर पर सामाजिक संगठन महिला उन्नति संस्था (भारत ) द्वारा ग्रेटर नोयडा स्थित शारदा स्कूल ऑफ नर्सिग शारदा यूनिवर्सिटी में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया ।गोष्ठी में अपने विचार रखते हुए संस्था के संस्थापक डा राहुल वर्मा ने बताया कि कैंसर एक घातक जानलेवा बीमारी का रुप धारण कर चुका है जिसने आज पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर वर्ष 85 लाख मौतें कैंसर के कारण हो जाती है । जिसमें भारत में लगभग पांच लाख मौतें कैंसर के कारण हो रही है । उन्होने बताया कि भारत में मुख्यतःपाये जाने वाले कैंसर में से चार मुंह के कैंसर के मरीज ज्यादा होते है जिसका एकमात्र कारण तम्बाकू का सेवन है । इस अवसर पर..शारदा नर्सिग कि प्रिन्सिपल श्रीमती पॉलिन शर्मिला ने विचार गोष्ठी बोलते हुए कहा कि कैंसर से बचने का एकमात्र उपाय समय पर कैंसर की पहचान कर उसका नियमित इलाज कराना है इसके लिये शासन-प्रशासन द्वारा नुक्कड़ नाटक और स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों को कैंसर के प्रति ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की आवश्यकता है । उन्होने बताया कि महिलाओं में आजकल स्तन कैंसर के मामले बढ़ रहे है । शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ होने पर तत्काल उसकी जांच करायी जानी चाहिये ताकि समय रहते कैंसर की पहचान की जा सके । गोष्ठी के अंत में छात्रओं को केंसर के लिए जागरूक किया .गोष्टी में ..डा शिल्पी मित्तल ,डाo रेखा डाo देविका ,आदि ने अपने विचार रखे ।
Monday 7 October 2019
तेजपाल सिंह राणा हुये भण्डारे में शामिल
संवाददाता
साहिबाबाद। पुलिस चौकी तुलसी निकेतन में महानवमी के उपलक्ष्य में भंडारे का आयोजन किया गया। क्षेत्राधिकारी बॉर्डर राकेश मिश्र, साहिबाबाद कोतवाल जे.के. सिंह, चौकी प्रभारी सलाउद्दीन के साथ तेजपाल सिंह राणा पार्षद नगर निगम गाजियाबाद ने भी प्रसाद वितरित किया और महानगर अध्यक्ष मानसिंह गोस्वामी, महाराज मछंदर पुरी के साथ प्रसाद ग्रहण किया।
महानवमी के अवसर पर भण्डारे का आयोजन, तेजपाल राणा ने की पूजा
महानवमी के महापर्व पर गरिमा गार्डन की मास्टर कॉलोनी में माता सिद्धिदात्री की विधि पूर्वक पूजा अर्चना की गई, हवन और भंडारे का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में तेजपाल सिंह राणा निगम पार्षद मौजूद रहे।
माता रानी के जागरण में सम्मिलित हुए तेजपाल सिंह राणा
आज सातवें नवरात्रि को शालीमार गार्डन में माता रानी के जागरण में सम्मिलित हुए तेजपाल सिंह राणा नगर निगम गाजियाबाद और प्रसाद ग्रहण किया।
और गरिमा गार्डन के लक्ष्मण गार्डन में बैठायी गयी माता रानी की चौकी पर जाकर आशीर्वाद प्राप्त किया।
Saturday 5 October 2019
प्रेमचंद गुप्ता को प्रतीक चिन्ह देकर किया सम्मानित
विजय नगर सनातन धर्म रामलीला में राम वनवास लीला पर लीला कमेटी ने प्रेमचंद गुप्ता दुर्गा वाशिंग पाउडर गाजियाबाद प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया।
सोहेब सलमानी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय दद्दू प्रसाद को शॉल ओढ़ाकर जन्मदिन की बधाई
दिनांक 5 अक्टूबर सन 2019 को गाजियाबाद विजयनगर एल ब्लॉक यू रिच हेयर स्टूडियो पर सत्य विद्या विकास सेवा समिति अध्यक्ष सोहेब सलमानी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय दद्दू प्रसाद जी को शॉल ओढ़ाकर जन्मदिन की बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सत्य विद्या विकास सेवा समिति अध्यक्ष सोहेब सलमानी रामनारायण सचान गुरुजी वरिष्ठ समाजसेवी सनी राणा शोएब अल्वी जगदीश भाकुनी ईश्वर लाल आदि लोग उपस्थित रहे माननीय मंत्री जी के जन्मदिन पर माननीय पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद जी से चर्चा करते हुए
-
गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार, कलैक्ट्रेट में जनपद स्तर पर प्राप्त जाति से सम्बन्धित शिकायतों के सत्यापन / सुनवाई हेतु जनपद स्तर पर गठित ज...
-
समीक्षा न्यूज नेटवर्क गाजियाबाद। वरिष्ठ समाजसेवी और उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश कोषाध्यक्ष ऋषभ राणा ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ...
-
माननीय राज्यपाल महोदया श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया ग्राम मोरटी, ब्लॉक रजापुर, विधानसभा मुरादनगर, जनपद गाजियाबाद में देश की प्रथम ए...