Tuesday 15 September 2020

समाधान दिवस जनपद की तीनों तहसीलों में सफलतापूर्वक संपन्न


धनसिंह—समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। कोरोना काल के चलते जहां एक और तमाम अॉफिस, फैक्ट्री, व्यापार आदि बंद कर दिए गए थे, ऐसे में प्रशासनिक बैठकों को भी विराम दे दिया गया था। लेकिन अनलॉक 5 होने के बाद से अब धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आने लगी है। बात अगर प्रशासनिक कार्य की जाए तो हर मंगलवार को लगने वाला संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन भी अब आज से शुरू हो गया है। हालांकि सोशल डिस्टेंसिंग का बेहद ही ज्यादा ध्यान रखते हुए पालन भी किया जा रहा है। साथ ही सम्पूर्ण समाधान दिवस में जिस तरीके से लोगों की समस्याएं सुनकर उनका निस्तारण किया जाता था वह भी  पूर्व की भांति जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता मे आज से लोनी तहसील में शुरू कर दिया गया तहसील समाधान दिवस। जनता की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के उद्देश्य से सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम के अंतर्गत आज जनपद की तीनों तहसीलों में तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन संपन्न हुआ। पूरे जनपद में कुल 113 शिकायतें दर्ज हुई जिसके सापेक्ष 11 शिकायतों का निस्तारण मौके पर विभागीय अधिकारियों के द्वारा सुनिश्चित किया गया। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के द्वारा लोनी तहसील में तहसील संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करते हुए जनता की समस्याओं का अनुश्रवण करते हुए विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गये।



इस अवसर पर जिला अधिकारी ने समस्त अधिकारियों से कहा कि सभी विभाग के अधिकारीगण सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को बहुत ही गंभीरता के साथ ले एवं जनता की समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई करें ताकि जनता को तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का सीधे लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट करते हुए निर्देशित किया कि तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में जो शिकायतें दर्ज हो रही हैं उनका निस्तारण विभागीय अधिकारियों के द्वारा पूर्ण गुणवत्ता के साथ मौके पर जाकर सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता को भी यदि उसकी शिकायत सही पाए जाए तो निस्तारण के संबंध में उसे संतुष्ट करने की कार्यवाही भी सभी अधिकारियों के द्वारा सुनिश्चित की जाएगी और शिकायतकर्ता को भी निस्तारण के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय अवधि के भीतर सभी अधिकारियों के द्वारा दर्ज शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित कराते हुए उसकी सूचना तत्काल संबंधित तहसील को उपलब्ध कराएं ताकि संबंधित निस्तारण के संबंध में सूचना अपलोड की जा सके। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि जनता की समस्याओं के निस्तारण को लेकर वर्तमान सरकार बहुत ही गंभीर है।  सभी अधिकारीगण सरकार की मंशा को स्पष्ट रूप से दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न माध्यमों से जनता की जो शिकायतें प्राप्त हो रही हैं उनका निर्धारित समय अवधि के भीतर निस्तारण करना सभी अधिकारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कार्य में किसी भी स्तर पर शिथिलता को बहुत ही गंभीरता के साथ लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।  सभी अधिकारीगण जनता की शिकायतों के संबंध में गंभीर रहकर कार्रवाई करते हुए प्राप्त शिकायतों का निस्तारण करने की कार्रवाई करें ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप जनता को सरकार के कार्यक्रमों का भरपूर लाभ प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में लोनी तहसील में कुल 48 शिकायतें दर्ज हुई हैं जिसके सापेक्ष 04 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कराया गया है। इस अवसर पर जनपद की मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, उप जिला अधिकारी खालिद अंजुम तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जिला स्तर के अधिकारीगण तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में उपस्थित रहे। इसी श्रंखला में आज अपर जिला अधिकारी प्रशासन संतोष कुमार वैश्य की अध्यक्षता में मोदीनगर तहसील का संपूर्ण समाधान दिवस संपन्न हुआ, जहां पर कुल 46 शिकायतें दर्ज हुई और 03 शिकायतों का निस्तारण मौके पर कराया गया है। इसी प्रकार सदर तहसील में  संपूर्ण समाधान दिवस संपन्न हुआ  जिसकी अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव  के द्वारा की गई , यहां पर कुल  33 शिकायतें दर्ज हुई और 06 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही अधिकारियों के माध्यम से सुनिश्चित कराया गया है।



साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी


वादा किया पूरा, पेच वर्क का कार्य शुरू


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। वार्ड 76 वैशाली के अंतर्गत आने वाली विभिन्न विभिन्न सड़कों पर बरसात के मौसम में जलभराव के कारण जगह जगह से गहरे खड्डे हो गए थे। उसको भरवाने (पेच वर्क) का कार्य शुरू कराया जोकि कल तक पूर्ण हो जाएगा। क्षतिग्रस्त सड़कों की वजह से आए दिन स्थानीय  नागरिक शिकायत करते थे। हमने बरसात के बाद जल्द से जल्द सड़कों में हुए गड्ढों को भरवाने का वादा किया था। उसी वायदे के चलते पाषर्द शिवानी गौरव सौलंकी द्वारा उसको भरवाने (पेच वर्क) का कार्य शुरू कराया। स्थानीय लोगों ने उनका तहदिल से शुक्रिया अदा किया।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक भारत का 'विश्वकर्मा': विधायक नंदकिशोर गुर्जर


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
लोनी। भारतीय जनता पार्टी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन को सेवा सप्ताह के तौर पर मना रही। 14 सितंबर से 20 सितंबर तक यानी पूरे सप्ताह देश भर में रक्तदान, वृक्षारोपण, दिव्यांगजन व असहाय जरुरतमंदों की सहायता आदि का अभियान चलाया जा रहा है। इस क्रम में नोएडा महानगर में अन्य पिछड़ा वर्ग मोर्चा भाजपा और व्यापार मंडल ने भी सेवा सप्ताह कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने दिव्यांगजनों, नेत्रहीनों को श्रवण यंत्र, चश्मा और अन्य उपकरण वितरित किये। विधायक ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आधुनिक भारत का शिल्पकार बताया।


धरातल पर उतरी है केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाएं, सशक्त हुआ है अन्य पिछड़ा वर्ग और दिव्यांगजन:
सेवा सप्ताह के दूसरे दिन भाजपा के आधार स्तंभ पण्डित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामाप्रसाद मुखर्जी को पुष्प अर्पित कर विधायक नंदकिशोर गुर्जर और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मनोज गुप्ता ने कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने दर्जनों मूक-बधिर व नेत्रहीन लोगों को श्रवण यंत्र, चश्मा आदि का वितरण किया। विधायक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कॉरोना काल में भाजपा कार्यकर्ताओं ने देशभर में जरूरतमंदों को भोजन, आश्रय, कपड़े, दवाइयों, प्रवासियों की मदद करके स्वर्णिम अक्षरों में नाम दर्ज करवाया है और पार्टी के अंत्योदय के भाव को पुनः चरितार्थ किया है। कॉरोना उपरांत भी उसी क्रम में भाजपा और संगठन द्वारा शुरू की गई 'सेवा सप्ताह' देश के जरूरतमंदों को आत्मनिर्भर बनाएगा उन्हें संबल प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा निर्मित जनकल्याणकारी योजनाओं का सर्वाधिक रूप से लाभ  जरूरतमंद अन्य पिछड़ा वर्ग और पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजनों को मिला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वृद्धजनों व दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में जोडऩे व उनके सम्मान के लिए अनेक योजनाएं चलाई है ताकि समाज का कोई भी गरीब व्यक्ति धन की कमी के कारण अपने शरीर की कमी को बोझ ना समझे।
पिछली सरकार के कार्यकाल में 7 प्रकार के दिव्यांगों को ही लाभ दिया जाता था,अब उसे बढ़ाकर 21 प्रकार की दिव्यांगता के पात्रों को लाभ दिया जा रहा है। इसके आशीर्वाद स्वरूप आज अन्य पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजनों और पिछड़ा वर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आंख बन्दकर भरोसा करता है, उन्हें अपना अभिभावक मानता है। आज सभी जातियों ने भाजपा और संगठन में अपना विश्वास जताया है।  



विधायक ने बताया प्रधानमंत्री मोदी को आधुनिक भारत का निर्माता, कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत बन रहा है विश्वगुरु:
लोनी विधायक में कहा कि आज के आधुनिक भारत के शिल्पकार प्रधानमंत्री है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पहली बार आज हम हर क्षेत्र में विकसित देशों के समकक्ष है। कॉरोना काल में भी भारत के प्रदर्शन की विश्व सराहना कर रहा है। कृषि, सेवा, रक्षा, आधारभूत संरचना आदि सभी क्षेत्रों में भारत ने मजबूत स्थिती दर्ज की है। कॉरोना संक्रमण नहीं होता तो आज भारत विश्वगुरु होता क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देशवासियों ने बदलाव को महसूस किया है इसलिए मोदी जी इस विकसित एवं सुपर पावर देश के आधुनिक निर्माता है।
वहीं लोनी में 14 तारीख को ही जिला अध्यक्ष दिनेश सिंघल के नेतृत्व में सेवा सप्ताह की शुरुआत रक्तदान शिविर के आयोजन से किया गया जिसका उद्घटान विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जगमाल डायग्नोस्टिक सेन्टर में किया था जिसमें दर्जनों कार्यकर्ताओं ने रक्तदान और प्लाज़्मा दान किया था। वहीं दिव्यांगजनों की मदद हेतु आयोजित कार्यक्रम में राम यादव, यशपाल भाटी, पूर्व महानगर अध्यक्ष सजंय बाली, मोर्चा अध्यक्ष उमेश पहलवान, अजित गोयल, रमाकांत गर्ग, नरेश  बंसल समेत भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।


सेवा सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म दिन


दीपक सिंह
गाजियाबाद। भाजपा द्वारा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिन को सेवा सप्ताह के रूप मे मनाया जा रहा है जिस कड़ी में दूसरे दिन चश्मा वितरण का कार्यक्रम पिछड़ा वर्ग मोर्चा जिला गाजियाबाद द्वारा लोनी विधानसभा में राम विहार मंडल के कारवां बैंकट हॉल में किया गया।


दिनेश सिंघल भाजपा जिला अध्यक्ष गाजियाबाद का इन्टरव्यू— रिपोर्ट दीपक सिंह


https://www.youtube.com/watch?v=VlU52eXQzBo


जिस के मुख्य अतिथि छपरौली विधायक सहेंद्र रमाला, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी पिछड़ा वर्ग मोर्चा महेंद्र सिंह प्रजापति, जिला अध्यक्ष दिनेश सिंघल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ  परमेंद्र जांगड़ा, संचालन जिला महामंत्री अनूप बैसला, जितेंद्र चितौड़ा, जिला उपाध्यक्ष चेन पाल,  समापन मंडल अध्यक्ष राहुल बैंसला, किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष सतपाल प्रधान,जिला मंत्री आकाश गौतम ,सुदेश भारद्वाज, राहुल बैसला, ईश्वर मावी, मंडल महामंत्री सुनील, अंकुर पांचाल,  ब्रह्मेश तिवारी, मंडल मंत्री संतोंष  मिश्रा,  मंडल उपाध्यक्ष अरूण वरमा, राजवीर, दीपक, रिंकू गुर्जर, सुनील उपाध्याय, बलराज सैन आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे उपाध्यक्ष अंकुर पांचाल,  ब्रह्मेश त्यागी, मंडल मंत्री कपिल पांचाल, मंडल महामंत्री श्याम सुंदर मंडल उपाध्यक्ष रविंद्र पवार, राजवीर प्रजापति, विपिन मावी,  रकम सिंह बूथ अध्यक्ष, दीपक राजपूत, अरविंद गुर्जर, रिंकू गुर्जर, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे! इस कार्यक्रम के संयोजक गजब पावी थे!



“सृष्टि, प्राणी-जगत, भाषा एवं ज्ञान की उत्पत्ति किससे हुई?”


हम संसार में रहते हैं और सृष्टि वा संसार को अपनी आंखों से निहारते हैं। सृष्टि का अस्तित्व प्रत्यक्ष एवं प्रामणिक है। हमारी यह सृष्टि कोई अनुत्पन्न, अनादि व नित्य रचना नहीं है। इसका अतीत में आविर्भाव व उत्पत्ति हुई है। इसके अनेक प्रमाण है। यह सर्वसम्मत सिद्धान्त है कि सृष्टि सहस्रों व करोड़ों वर्ष पूर्व उत्पन्न हुई थी। सृष्टि में हम वनस्पति, अन्न एवं प्राणि जगत को भी देखते हैं। इनका भी आरम्भ सृष्टि उत्पन्न होने के बाद हुआ। सृष्टि में मनुष्य भी एक प्रमुख प्राणी है। यह पृथिवी में अनेक स्थानों पर रहते हैं और ज्ञान तथा भाषा से युक्त हैं। सृष्टि के उत्पन्न होने के बाद ही जल, वायु, अग्नि आदि पदार्थों की उत्पत्ति हुई और इसके बाद अन्न, वनस्पतियां तथा प्राणी जगत की उत्पत्ति हुई। सृष्टि में मनुष्यों के उत्पन्न होने पर उनके जीवन निर्वाह हेतु भाषा एवं ज्ञान की आवश्यकता आरम्भ से ही थी। यह भाषा व ज्ञान भी मनुष्य अपने साथ लेकर उत्पन्न नहीं हुए थे अपितु यह उनकी उत्पत्ति के बाद ही उत्पन्न हुआ। यह सब पदार्थ किससे उत्पन्न हुए, यह जानना आवश्यक एवं स्वाभाविक है। यदि इस विषय में हम साधारण व विशेष ज्ञानी मनुष्यों से प्रश्न करें तो इसका समुचित उत्तर नहीं मिलता। इस विषय में लोग नाना प्रकार की कल्पनायें कर उत्तर दिया करते हैं। इन प्रश्नों के सही उत्तर वैदिक धर्म एवं संस्कृति से इतर किसी भी परम्परा, मत व संस्कृति यहां तक की आधुनिक विज्ञान के पास भी उपलब्ध नहीं हैं। वैदिक धर्म व परम्पराओं में ही इनके यथार्थ उत्तर मिलते हैं। यह उत्तर महाभारत युद्ध के पश्चात के वर्षों में विस्मृत हो गये थे जिन्हें ऋषि दयानन्द ने अपने अदम्य साहस एवं पुरुषार्थ से खोज निकाला और उनका प्रचार कर उसे जन-जन तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त की। हमारा सौभाग्य है कि हम इन सभी प्रश्नों के यथार्थ उत्तर जानते हैं। 
ऋषि दयानन्द ने ईश्वर के सत्यस्वरूप को जानने सहित मृत्यु पर विजय प्राप्त करने के लिये अपने पितृ गृह का सन् 1846 में त्याग किया था और देश में घूम घूम कर उन दिनों के ज्ञानी पुरुषों, विद्वानों, धर्माचार्यों, योगियों आदि की संगति कर तथा उन दिनों उपलब्ध समस्त साहित्य का अवलोकन कर अपनी शंकाओं व प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के प्रयत्न किये थे। लगभग 16 वर्ष के उनके प्रयत्नों का परिणाम यह हुआ था कि उन्हें अपने सभी प्रश्नों व शंकाओं के यथार्थ समाधान मिल गये थे। इसके अतिरिक्त वह योग विद्या सीख कर उसमें प्रवीण होकर ईश्वर का साक्षात्कार करने में भी सफल हुए थे। ईश्वर सिद्धि एवं ईश्वर का साक्षात्कार जीवन में प्राप्त की जाने वाली सबसे बड़ी सफलतायें होती है। इस अवस्था को प्राप्त होकर मनुष्य संसार के विषय में जो भी जानना चाहता है, वह उपलब्ध ज्ञान के चिन्तन-मनन व अपनी ऊहा, ध्यान व विवेक से जान लेता है। ऋषि दयानन्द ने योग के सभी आठ अंगों को सफलता पूर्वक जाना व प्रायोगिक दृष्टि से भी सिद्ध किया था और इसके साथ ही ज्ञान के प्रमुख ग्रन्थ ईश्वरीय ज्ञान वेद को वेदांगों वा व्याकरण सहित जाना था। इससे वह अज्ञान व अन्धविश्वासों से सर्वथा मुक्त तथा सभी विद्याओं को बीज रूप में जानने में सफल हुये थे। इस स्थिति को प्राप्त होकर उन्होंने वेदों सहित ईश्वर व आत्मा संबंधी रहस्यों का प्रचार करते हुए इन सभी प्रश्नों के उत्तर अपने व्याख्यानों तथा बाद में वेद प्रचार एवं मत-मतान्तरों की समीक्षा का अपूर्व ग्रन्थ ‘सत्यार्थप्रकाश’ लिखकर प्रस्तुत किये थे। उनके दिये उत्तर ज्ञान व तर्क की कसौटी पर सत्य व खरे हैं। इसको जानने के लिये सभी मनुष्यों को ऋषि दयानन्द जी के सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, संस्कारविधि, आर्याभिविनय, ऋग्वेद-यजुर्वेद भाष्य, ऋषि जीवन चरित्र सहित वैदिक विद्वानों के वेदभाष्यों का अध्ययन करना चाहिये। ऐसा करने से मनुष्य की सभी शंकायें व भ्रम दूर हो जाते हैं और वह ईश्वर व आत्मा के ज्ञान सहित सांसारिक ज्ञान से भी युक्त हो जाता है। यही मनुष्य जीवन का प्रमुख उद्देश्य भी है। अतः संसार के सभी लोगों को वेद व सत्यार्थप्रकाश की शरण में आना चाहिये। इससे उन्हें वह लाभ होगा जो अन्यत्र कहीं से नहीं हो सकता और हानि किसी प्रकार की नहीं होगी। यही नहीं, यदि इन ग्रन्थों का अध्ययन कर योग साधना नहीं की तो जन्म व परजन्मों में सर्वत्र हानि ही हानि होना निश्चित है। 
सब मनुष्य यह जानना चाहते हैं कि यह संसार किससे उत्पन्न हुआ? इसका उत्तर वैदिक साहित्य से यह मिलता है कि यह संसार सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा ने बनाया है। वह इस जगत् का सर्वज्ञान व सर्वशक्तियों से युक्त निमित्त कारण है। अनादि त्रिगुणात्मक सत्व, रज व तम गुणों से युक्त सूक्ष्म प्रकृति इस जगत का उपादान कारण है जो कि एक जड़ पदार्थ है। इस प्रकृति का उपयोग ही परमात्मा इस सृष्टि को बनाने के लिये करते हैं। यदि प्रकृति न होती तो यह संसार बन नहीं सकता था। यदि इस प्रकृति में सत्व, रज व तम गुण न होते तो भी यह सृष्टि अस्तित्व में नहीं आ सकती थी। यह प्रकृति अनादि, नित्य, अविनाशी, ईश्वर व जीव से पृथक सत्ता होने सहित ईश्वर के पूर्ण नियंत्रण में रहती है। यह प्रकृति अपने आप संयोग व वियोग करने तथा नये पदार्थों को उत्पन्न करने में सर्वथा असमर्थ है। अतः जो वैज्ञानिक प्रकृति से स्वतः सृष्टि का निर्माण स्वीकार करते हैं, परमात्मा को सृष्टिकर्ता न मानने के कारण, प्रकृति से स्वयं सृष्टि रचना होने का उनका सिद्धान्त खण्डित हो जाता है। सृष्टि रचना का वर्णन वेद, दर्शन, उपनिषद आदि ग्रन्थों के आधार पर सत्यार्थप्रकाश में भी पढ़ने को मिलता है। सत्यार्थप्रकाश के आठवें समुल्लास में इन सभी ग्रन्थों के आधार पर अत्यन्त संक्षिप्त वर्णन ऋषि दयानन्द ने किया है। उस वर्णन को सभी मनुष्यों को पढ़कर हृदयंगम कर लेना चाहिये और निभ्र्रान्त हो जाना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश में सृष्टि उत्पत्ति के प्रकरण में ऋषि दयानन्द ने लिखा है कि प्रकृति, जीव और परमात्मा, यह तीनों अज अर्थात् अजन्मा व अनुत्पन्न हैं अर्थात् जनका का जन्म कभी नहीं होता और न कभी जन्म लेते हैं अर्थात् ये तीन सब जगत् के कारण वा आधार हैं। इन का उत्पत्तिकर्ता, कारण व आधार कोई नहीं है। इस अनादि प्रकृति का भोग अनादि जीव करता हुआ इसमें फंसता है अर्थात् बन्धन में पड़ता है और इस प्रकृति में परमात्मा न फंसता और न उस का भोग करता है। प्रकृति के लक्षण व रचना पर प्रकाश डालते हुए ऋषि दयानन्द कहते हैं कि सत्व, रजः तथा तम अर्थात् जड़ता यह तीन वस्तु मिलकर जो एक संघात है उसका नाम प्रकृति है। उससे महतत्व बुद्धि, उससे अहंकार, उससे पांच तन्मात्रा सूक्ष्म भूत और दश इन्द्रियां तथा ग्यारहवां मन उत्पन्न होता है। पांच तन्मात्राओं से पृथिव्यादि पांच भूत ये चैबीस और पच्चीसवां पुरुष अर्थात् जीव और परमेश्वर हैं। इन में से प्रकृति अविकारिणी और महतत्व अहंकार तथा पांच सूक्ष्म भूत प्रकृति का कार्य और इन्द्रियों, मन तथा स्थूलभूतों का कारण हैं। पुरुष अर्थात् जीवात्मा और परमात्मा न किसी की प्रकृति अर्थात् उपादान कारण हैं और न किसी पदार्थ के कार्य हैं। इस प्रकार परमात्मा ने प्रकृति से जीवों के लिये इस सृष्टि की रचना की है तथा वही इस समस्त सृष्टि को धारण कर संसार व सभी प्राणियों का पालन कर रहा है। 
संसार में हमें जो प्राणी जगत दिखाई देता है वह भी परमात्मा ने ही उत्पन्न किया वा रचा है। परमात्मा का सत्यस्वरूप भी सबके जानने योग्य है। परमात्मा का स्वरूप सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है तथा सभी मनुष्यों के उपासना करने योग्य है। ईश्वर की उपासना में ईश्वर के सत्यस्वरूप को जानना, उसके उपकारों पर विचार व ध्यान करना तथा उसी में मग्न होकर उसका धन्यवाद करते हुए उससे एकाकार होने का प्रयत्न करना होता है। ऐसा करते हुए ही दीर्घकाल की साधना के बाद मनुष्य को ईश्वर का प्रत्यक्ष व साक्षात्कार होता है। यही मनुष्य के जीवन का परम व चरम लक्ष्य होता है। ईश्वर के विषय में यह भी जानना चाहिये कि वह सभी जीवों के कर्मों का साक्षी होता है तथा जीवों को उनके कर्मों का फल प्रदाता होता है। वह जीवों को उनके सभी कर्मों का फल भुगाता है। मनुष्य अपने किसी एक कर्म का भोग किये छूटता नहीं है। अतः मनुष्य को सावधानी पूर्वक ही अपने प्रत्यक कर्म को करना चाहिये। इसका कारण यह है कि उसे कालान्तर में अपने सभी शुभ व अशुभ कर्मों का फल सुख व दुःख के रूप में अवश्य ही भोगना पड़ेगा। तब उसे अपने अशुभ कर्मों के कारण मिलने वाले दुःख से पश्चाताप होता है। इस प्रकार हमें सृष्टि की रचना तथा प्राणी जगत की उत्पत्ति परमात्मा से ही होने का समाधान वैदिक साहित्य से प्राप्त होता है जिसे हमारी आत्मा सत्य स्वीकार करती है। यही भ्रान्ति रहित सत्य ज्ञान है। इसे सब मनुष्यों को स्वीकार करना चाहिये और इसका प्रचार भी करना चाहिये। 
संसार में आदि भाषा संस्कृत, जैसी की वेदों में है, तथा समस्त सत्य ज्ञान भी परमात्मा से ही प्राप्त हुआ है। वेद परमात्मा प्रदत्त वह ज्ञान है जो उसने सृष्टि की आदि में अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य और अंगिरा को प्रदान किया था। यही ज्ञान इन ऋषियों से ब्रह्मा जी को प्राप्त होकर परम्परा से अद्यावधि 1.96 अरब वर्ष बाद भी उपलब्ध है और मनुष्य की सभी शंकाओं व भ्रमों को दूर करता है। परमात्मा यदि भाषा व वेद में निहित सभी सत्य विद्याओं का ज्ञान न देता तो मनुष्य आज तक अज्ञानी ही रहते। मनुष्यों में यह सामथ्र्य नहीं है कि वह स्वयं आदि व प्रथम भाषा, जो कि संस्कृत है तथा जो परमात्मा ने वेदों के द्वारा दी है, उसका निर्माण कर सके। मनुष्य आदि भाषा सहित ज्ञान की उत्पत्ति करने में असमर्थ हैं। मनुष्यों की स्थिति तो यह है कि आज भी वह वेदों की विशिष्ट मान्यताओं को जानकर उससे लाभ नहीं उठा पा रहे हैं तथा भ्रमों व अन्धकार में जी रहे हैं। अतः मनुष्य आदि काल व कालान्तर में भाषा व वेद ज्ञान के समान किसी ज्ञान की उत्पत्ति कर सकते थे, ऐसा करना असम्भव है। भाषा व ज्ञान भी सृष्टि की आदि में वेदों के रूप में परमात्मा से ही मिला है। यही सत्य एवं यथार्थ तथ्य है। 
हमने ऋषि दयानन्द द्वारा उद्धाारित वैदिक साहित्य से मनुष्य जीवन की मौलिक शंकाओं के समाधान संक्षेप में अपनी मति से दिये हैं। पाठक महानुभाव वेद व सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों का अध्ययन कर इन विषयों में विस्तृत ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। 
-मनमोहन कुमार आर्य


अन्य कार्य करते हुए ईश्वर के उपकारों का चिन्तन आवश्यक है


मनुष्य को जीवन में अनेक कार्य करने होते हैं। उसे अपने निजी, पारिवारिक व सामाजिक कर्तव्यों की पूर्ति के लिये समय देना पड़ता है। धनोपार्जन भी एक गृहस्थी मनुष्य का आवश्यक कर्तव्य है। इन सब कार्यों को करते हुए मनुष्य को अवकाश कम ही मिलता है। अतः सभी कामों को समय विभाग के अनुसार करना चाहिये जिससे किसी अनावश्यक कार्य में हम अधिक समय न लगायें और कोई आवश्यक काम छूट न जायें। सांसारिक काम कितने भी महत्व के हों परन्तु इन सबसे महत्व का कार्य है इस संसार के रचयिता व पालक ईश्वर के सत्यस्वरूप, गुण, कर्म व स्वभाव सहित उसके उपकारों का चिन्तन एवं ध्यान तथा उसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उसका धन्यवाद करना। जो मनुष्य ईश्वर के प्रति अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करते हैं उनको बहुत भारी हानि उठानी पड़ती है। इसका अनुमान हम इस विषय का चिन्तन कर जान सकते हैं। ईश्वर का चिन्तन व ध्यान क्यों करें? इस प्रश्न पर विचार करने पर हमें ज्ञात होता है कि हमारा अतीत, वर्तमान एवं भविष्य में मनुष्य व अन्य किसी प्राणी के रूप में जो अस्तित्व होना है, वह हमें ईश्वर से ही प्राप्त हुआ व होना है। 
ईश्वर ने हमें व सब प्राणियों को इस जन्म में मनुष्य व अन्यान्य योनियों में उत्पन्न किया है। इसके बदले में उसने हमसे कोई मूल्य नहीं लिया। हम किसी मनुष्य से छोटी से छोटी सेवा भी लेते हैं तो हमें उसका मूल्य देना होता है। घर में हम जिन व्यक्तियों से किसी प्रकार की सेवा लेते हैं, तो उसका उनकी सेवा के अनुरूप धन तय करके भुगतान करना होता है। कोई मनुष्य बिना किसी लाभ, हित व स्वार्थ के किसी अन्य व्यक्ति को अपनी सेवायें नहीं देता है। परमात्मा ने हमारे व हमारे समान अन्य जीवों के सुख व कल्याण के लिये इस संसार की रचना लगभग 1.96 अरब वर्ष पूर्व की है। यह संसार व ब्रह्माण्ड कितना विशाल है, नियमों के अन्तर्गत व्यवस्थित रूप से चल रहा है, इसका हम अनुमान ही कर सकते हैं। परमात्मा का यह कार्य ऐसा है जिसे संसार में उसके अलावा कोई नहीं कर सकता। यह सृष्टि परमात्मा ने हमारे सुख व उन्नति के लिए बनाई है। उसी ने इस सृष्टि व इसके अनेक प्रकार के पदार्थों को बनाकर हमें माता-पिता के द्वारा यह मानव की श्रेष्ठ देह प्रदान की है। इस देह के माध्यम से ही हम सुखों का अनुभव करते हैं। हमारे सुख के सभी पदार्थ भी परमात्मा ने बना रखे हैं। हम जब कोई अनैतिक व बुरे काम करते हैं तो उससे हमें दुःख होता है। कुछ ही समय बाद परमात्मा हमें उस दुःख से भी मुक्त करा देते हैं और हम पुनः स्वस्थ व शक्ति से युक्त हो जाते हैं। हम पुनः सुख प्राप्ति के कार्यों में लग जाते हैं। विचार करने पर ज्ञात होता है कि हमेें जो भी सुख, आनन्द वा कल्याण की प्राप्ति होती है वह सब परमात्मा द्वारा हमारे पुरुषार्थ के अनुरूप प्रदान की जाती है। ऐसे परमात्मा के, न केवल इस जन्म में अपितु इससे पूर्व के ऐसे असंख्य जन्मों में भी, हमारे ऊपर इतने उपकार है जिनकी गणना भी नहीं की जा सकती। परमात्मा के उन ऋणों व उपकारों से उऋण होने के लिए हमारे पास कोई साधन व उपाय भी नहीं हैं। अतः हमारा कर्तव्य बनता है कि हम प्रतिदिन प्रातः व सायं न्यूनतम एक घंटा स्वच्छ होकर, संसार से अपने मन को हटा कर, ईश्वर के सत्यस्वरूप व उसके उपकारों का स्मरण करें व स्तुति वचनों से उनके गान से, भक्ति व उपासना से उसका ध्यान करें। ऐसा करने से हम कृतघ्ना के पाप से मुक्त हो सकते हैं। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो हमें सबसे कृतघ्नता का बड़ा दोष लगता है जिसके परिणाम हमारे भविष्य के जीवन में दुःख, रोग, तनाव व विफलताओं के रूप में सामने आते हैं। 
ईश्वर व संसार के प्रति अपने कर्तव्यों का ज्ञान प्राप्त करने के लिये हमें वेदों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान होने से उनका अध्ययन व अध्यापन हमारा कर्तव्य व परम धर्म है। वेदों का अध्ययन करने से हमें ईश्वर व आत्मा सहित संसार का सत्यस्वरूप समझ में आ जाता है। वेदों के अध्ययन के लिये हम वेदों के हिन्दी, अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में वैदिक विद्वानों की टीकाओं की सहायता ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी वेदों के आशय को जानने व अनेकानेक विषयों पर ज्ञान लाभ करने के लिये हम उपनिषद, दर्शन, मनुस्मृति, सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, संस्कारविधि सहित आर्य वैदिक विद्वानों के वेदविषयक ग्रन्थों का अध्ययन कर सकते हैं। रामायण तथा महाभारत प्राचीन भारतीय वैदिक इतिहास के ग्रन्थ हैं। इनके अध्ययन से भी लाभ होता है। यह हम इस साहित्य को अपने जीवन में नियमित रूप से पढ़ते हैं तो हमारा जीवन ज्ञान की दृष्टि से सफल हो सकता है। हम ईश्वर, आत्मा व संसार के बारे में इतना ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं जो अनेक मत-मतानत्रों के आचार्यों तक को नहीं होता। ज्ञान को प्राप्त होकर ज्ञान के अनुरूप ही हमारे कर्म होने चाहियें। अधिकांश स्थिति में ऐसा होता भी है। अतः हमें ज्ञान प्राप्ति पर ध्यान देना चाहिये और अपने जीवन के सभी कार्यों की प्राथमिकतायें निर्धारित कर सबको उचित समय देना चाहिये जिसमें हमें स्वाध्याय व सन्ध्या (ईश्वर का ध्यान, चिन्तन, मनन, विचार, स्तुति, प्रार्थना, उपासना व भक्ति आदि) सहित अपने शरीर को स्वस्थ रखने के सभी उपाय भी करने चाहियें। ईश्वर का ध्यान करने के लिये भी हमें सन्ध्योपासना विधि तथा ऋषि दयानन्द के अन्य ग्रन्थों में अनेक स्थानों में उपलब्ध उपासना विषयक महत्वपूर्ण वचनों से सहायता लेनी चाहिये। ऐसा करने से निश्चय ही हमारा कल्याण होगा और इसकी उपेक्षा करने से निश्चय ही हमें हानि होगी जिससे हमें बचना चाहिये। 
ईश्वर का सत्यस्वरूप कैसा है, इस पर हम सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ में ऋषि दयानन्द के दिये कुछ वचनों को प्रस्तुत कर रहे हैं। वह कहते हैं कि जो सब दिव्य गुण, कर्म, स्वभाव, विद्यायुक्त और जिसमें पृथिवी सूर्यादि लोक स्थित हैं और जो आकाश के समान व्यापक सब देवों का देव परमेश्वर है, उस को जो मनुष्य न जानते, न मानते और उस का ध्यान नहीं करते, वे नास्तिक मन्दमति सदा दुःखसागर में डूबे ही रहते हैं। इसलिये सर्वदा उसी को जानकर सब मनुष्य सुखी होते हैं। ऋषि दयानन्द ने यह भी बताया है कि वेदों में अनेक ईश्वरों का नहीं अपितु केवल एक ही ईश्वर का वर्णन उपलब्ध होता है। उनकी दृण आस्था है कि संसार में केवल और केवल एक ही ईश्वर का अस्तित्व है और इसे वह युक्तियों व प्रमाणों से सिद्ध भी करते हैं। कुछ वेदमन्त्रों का अर्थ करते हुए वह कहते हैं हे मनुष्य! जो कुछ इस संसार में जगत् है उस सब में व्याप्त होकर जो नियन्ता है वह ईश्वर कहाता है। उस से डर कर तू अन्याय से किसी के धन की आकांक्षा मत कर। उस अन्याय के त्याग और न्यायाचरण-रूप धर्म से अपने आत्मा से आनन्द को भोग। वह कहते हैं कि ईश्वर सब को उपदेश करता है कि हे मनुष्यों! मैं ईश्वर सब के पूर्व विद्यमान सब जगत् का स्वामी हूं। मैं सनातन जगत्कारण और सब धनों का विजय करनेहारा और दाता हूं। मुझ ही को सब जीव जैसे पिता को सन्तान पुकारते हैं, वैसे पुकारें। मैं सबको सुख देने वाले जगत् के लिए नाना प्रकार के भोजनों वा खाद्य पदार्थों का विभाग पालन के लिये करता हूं। एक वेदमन्त्र का अर्थ करते हुए वह बताते हैं कि परमेश्वर कहता है कि मैं परमेश्वर परमैश्वय्र्यवान् हूं, सूर्य के सदृश सब जगत का प्रकाशक हूं। कभी पराजय को प्रापत नहीं होता और न कभी मृत्यु को प्राप्त होता हूं। मैं ही जगत रूप धन का निर्माता हूं। सब जगत् की उत्पत्ति करने वाले मुझ ही को जानो। हे जीवों! ऐश्वर्य प्राप्ति के यत्न करते हुए तुम लोग विज्ञानादि धन को मुझ से मांगों और तुम लोग मेरी मित्रता से अलग मत होवो। ऋषि के इन वचनों से ईश्वर के सत्यस्वरूप, उसके गुण, कर्म व स्वभाव तथा उसकी भक्ति आदि पर प्रकाश पड़ता है। 
ईश्वर की सगुण व निर्गुण स्तुति पर प्रकाश डालते हुए ऋषि दयानन्द बताते हैं कि वह परमात्मा सब पदार्थों व जगत् में व्यापक, शीघ्रकारी और अनन्त बलवान् है। वह शुद्ध, सर्वज्ञ, सब का अन्तर्यामी, सर्वोपरि, विराजमान, सनातन, स्वयंसिद्ध, परमेश्वर अपनी जीवरूप सनातन अनादि प्रजा को अपनी सनातन विद्या से यथावत् अर्थों का बोध वेद द्वारा कराता है। यह सगुण स्तुति कहलाती है अर्थात् जिस-जिस गुण से सहित परमेश्वर की स्तुति करते है वह सगुण स्तुति होती है। उसी एक परमात्मा की निर्गुण स्तुति का उल्लेख कर वह बताते हैं कि ईश्वर कभी शरीर धारण व जन्म नहीं लेता, जिस में छिद्र नहीं होता, नाड़ी आदि के बन्धन में नहीं आता और कभी पापाचरण नहीं करता, जिसमें क्लेश, दुःख, अज्ञान कभी नहीं होता, इत्यादि जिस-जिस राग, द्वेषादि गुणों से पृथक मानकर परमेश्वर की स्तुति करना है वह निर्गुण स्तुति है। इस दोनों प्रकार की स्तुति का फल यह है कि जैसे परमेश्वर के गुण हैं वैसे गुण, कर्म व स्वभाव उपासक को अपने भी करना। जैसे वह न्यायकारी है तो हम भी न्यायकारी होवें। और जो केवल भांड के समान परमेश्वर के गुण कीर्तन करता जाता है और अपने चरित्र को नहीं सुधारता उसका स्तुति करना व्यर्थ है। इसी प्रकार से प्रार्थना करने से मनुष्य में निरभिमानता आती है। वह विनम्र होता है एवं दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा ग्रहण करता है। उपासना से मनुष्य के दुःख, दुर्गुण व दुव्र्यस्न दूर होते हैं और कल्याणकारक गुण, कर्म, स्वभाव व पदार्थों की प्राप्ति होती है। ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना का स्वरूप सहित इसके अनेकानेक लाभ को जानने के लिये सत्यार्थप्रकाश का सातवां समुल्लास अवश्य पढ़ना चाहिये। 
हमने ईश्वर के प्रति मनुष्य के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला है। हम आशा करते हैं कि पाठक ऋषिकृत ग्रन्थों का अध्ययन कर इस विषय को विस्तार से जानने व समझने का प्रयत्न करेंगे और अपने जीवन को सुखी व कल्याण से युक्त करेंगे। ऐसा करने से सबको धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष का ज्ञान व लाभ प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे व उनकी उन्नति होगी। हम ईश्वर से सबके कल्याण की कामना करते हैं।  
-मनमोहन कुमार आर्य


हरनंदेश्वर महादेव के आचार्य पंडित मनीष शर्मा ने किया बीके शर्मा हनुमान को सम्मानित


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। श्री धार्मिक रामचंद्र सीता देवी हरनंदी सेवा संस्था हरनंदेश्वर महादेव हिंडन मोक्षधाम गाजियाबाद समाज सेवक विश्व ब्राह्मण संघ के प्रवक्ता बी के शर्मा हनुमान का हरनंदेश्वर महादेव पधारने पर सम्मान करते आचार्य पंडित मनीष शर्मा ने कहा कि हमेशा अपने बड़ों का आदर सम्मान करना चाहिए कहा जाता है कि हम भले ही जीवन में सफल हो जाएं परंतु हमारे बड़ों का आशीर्वाद अगर साथ न हो  उनका प्यार अगर न हो तो सब अधूरे हैं सम्मान  योग्य व्यक्ति जो हमारे माता-पिता, दादा-दादी, काका काकी, नाना-नानी, भैया, शिक्षक, बड़ों का सम्मान करना चाहिए इस अवसर पर  बी के शर्मा हनुमान ने कहा कि दूसरे के भावनाओं का हमेशा सम्मान करना चाहिए, जहां सम्मान न हो वहा कभी भी जाना नहीं चाहिए, जब तुम खुद का सम्मान करोगे तभी दूसरे भी तुम्हारा  सम्मान करेंगे, अपमान का अमृत पीने से तो अच्छा है सम्मान का विष पीना अच्छा होता है, मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं आज मेरे भाई ने  मुझ को सम्मान दिया मैं  आभार व्यक्त करता हूं


हिन्दी दिवस पर 'नन्हें कदम ऊँची उड़ान' द्वारा काव्य गोष्ठी का आयोजन


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
नोएडा। "निज भाषा उन्नति अहै, सबु उन्नति कै मूल " भारतेन्दु जी की इन पंक्तियों के प्रकाश में हिन्दी दिवस पर 'नन्हें कदम ऊँची उड़ान' समूह की संस्थापिका अभिलाषा विनय ने काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला समन्वयक प्रशिक्षण श्री सूर्य प्रकाश राय जी ने की। मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी वेद प्रकाश गुप्ता रहे, व विशिष्ट अतिथि के रूप में तड़िता छंद के जनक, वरिष्ठ साहित्यकार श्री सच्चिदानन्द तिवारी 'शलभ', लखनऊ, ने कार्यक्रम को सुशोभित किया। जिसमें कविता भटनागर के संचालन में बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी।
कुसुम कौशिक (प्रधान अध्यापिका -खोदना खुर्द) "हिन्दी, हिन्दू, हिन्दुस्तान मेरी शान" इन पंक्तियों से कार्यक्रम को हिन्दीमय बना दिया। "जब जब भारतीय भाषाओं को खुले दिल से स्वीकार करने के लिए आवाज सुनाई पड़ती है।"इन पंक्तियों से डॉ सीमा श्रोत्रिय,जूनियर हाईस्कूल हरौला ने हिन्दी की वर्तमान स्थिति को सुन्दरता से दर्शाया। "आज सूर सी हिन्दी की रसधार"से वातावरण को हिन्दीमय बनाते हुए निर्मला त्यागी( सहायक अध्यापिका) कंपोजिट स्कूल लडपुरा, ब्लॉक -दनकौर( गौतम बुध नगर)ने अपनी प्रस्तुति दी। "मैं हिन्दी हूँ ।। मैं सूरदास की दृष्टि बनी तुलसी हित चिन्मय सृष्टि " से कवयित्री आरती कुलश्रेष्ठ ने अत्यन्त सारगर्भित प्रस्तुति दी। "संस्कृत भाषा के कोख से  जन्मीं, संस्कारी और साहित्यिक भाषा हिन्दी ।"इन पंक्तियों से अनीता पाठक (जूनियर हाई स्कूल सैक्टर 12 ) से कार्यक्रम को सजीव कर दिया। हिंदी से ही हिन्द है, और हिन्द से ही हिंदी यहाँ, हिंदी ही तो पूरा हिंदुस्तान होना चाहिए," कंचन वर्मा की कलम से निकले ये शब्द सभी को मन्त्रमुग्ध कर गए। "राष्ट्र रूपी प्रांगण में हिन्दी। "इन पंक्तियों से सारगर्भित प्रस्तुतिकरण किया। "हम मात्र भाषा हिंदी को अपना बना रखे सदा त्याग दे उस वाणी को जो छीन ले पहचा यहां"इन पंक्तियों से श्वेता कनौजिया( प्र. अ.) कम्पोजिट स्कूल लडपुरा ने प्रभावकारी प्रस्तुति दी। "प्राण सलिला, वाकसलिला, छंद, लय संगीत धारी। मातृभाषा हृदय झंकृत, वंदना करती तुम्हारी" इस कृति से वरिष्ठ कवयित्री अभिलाषा विनय ने सभी को अभिभूत कर दिया। मेरा गौरव मान है हिंदी, हम सब की पहचान है हिंदी.. से ऋचा त्रिपाठी अतीव मनोहारी प्रस्तुति दी। "हिंदी है हिंदुस्तान की जननी, हिंदी पहचान हमारी है।" बिधु सिंह ए आर पी हिंदी बिसरख ने, "है सुंदर देश यह मेरा, मधुर है इसकी हर भाषा, वतन हिंदुस्तान मेरा, और हिंदी है राष्ट्रभाषा" से दीपशिखा (उच्च प्राथमिक विद्यालय छलेरा) ने मोहक प्रस्तुति  दी। कवयित्री रति गुप्ता ने हिन्दी का श्रृंगारमयी प्रस्तुति कर " हाथ की चूड़ी हिन्दी।"इन पंक्तियों से सभी को अभिभूत कर दिया।      
आयोजन का समापन जिला समन्वयक श्री सूर्य प्रकाश राय ने सभी काव्य साधकों को "भाषा सारथी" की उपाधि से अलंकृत कर, सम्मान पत्र प्रदान कर किया।


अनिल डागर व अनवार चौधरी सहित अन्य लोगों ने दी संजीव शर्मा को जन्मदिन की बधाई


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
साहिबाबाद। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के जन्मदिन पर महानगर कार्यकारिणी सदस्य अनिल डागर महानगर उपाध्यक्ष नादिर अली अल्पसंख्यक मोर्चा भोपुरा मंडल संयोजक अल्पसंख्यक अनवार चौधरी ने अध्यक्ष जी को राम दरबार की तस्वीर भेंट कर उनके जन्मदिन की बधाई दी।


फीस जमा ना करनें पर विद्यार्थियों को आनलाईन क्लासेंस से रोका, अभिभावकों ने किया हंगामा 


अतुल त्यागी
हापुड़। स्कूल संचालकों को फीस के संबंध में निर्देश देनें के बावजूद भी स्कूल संचालक ने स्टूडेंटस को आनलाइन क्लास लेनें से रोक दिया। मामलें को लेकर मंगलवार को मानवाधिकार सुरक्षा स़गठन व अभिभावकों ने तहसील दिवस पर हंगामा कर कार्यवाही की मांग की।
मंगलवार को आयोजित तहसील दिवस में मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के कार्यकत्ताओं व अभिभावकों ने एसडीएम सत्यप्रकाश को हापुड़ के प्रीत विहार स्थित संस्कार स्कूल प्रशासन द्वारा एडमिशन व तीन माह की एंडवास फीस देनें के बावजूद आगे की फीस जमा ना करनें पर छात्र छात्राओं को आनलाईन क्लासेंस से रोक दिया गया।
मानवाधिकार सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष पंकज राणा ने एसडीएम से कहा कि चूंकि वर्तमान सत्र में विद्यालय में कोई भी कार्य शिक्षा से संबंधित नही हो रहा है एवं कोई भी अन्य खर्चा जैसे बिजली पानी, बिल्डिंग मेंटीनेंस आदि विद्यालय द्वारा नहीं किया जा रहा है तो निर्धारित फीस में कुछ छूट या केवल ट्यूशन फीस लेने का फैसला ले, परंतु विद्यालय द्वारा प्रार्थी की बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया व फीस को “कंपोजिट फीस” बताकर संपूर्ण फीस वसूलने व जमा ना करने पर परिणाम भुगतने की बात कही गई।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी कई आदेश इस परिप्रेक्ष्य में जारी किए गए हैं कि कोरोना महामारी संकट के दौर में किसी भी विद्यालय द्वारा छात्रों के परिजनों से फीस जमा करने के लिए दबाव नही डाला जाएं, एवं फीस जमा ना होने की स्थिति में किसी भी छात्र को आनलाइन क्लास से वंचित नही किया जाएं।
उन्होंने कहा कि उपरोक्त स्कूल द्वारा 14 सितंबर, 2020 को जिन छात्र छात्रा की फीस जमा नहीं की गई है उन्हें आनलाइन क्लास लेने से रोक दिया गया है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि उक्त स्कूल के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही कर आदेशित करे कि फीस जमा ना होने की स्थिति में किसी भी छात्र छात्रा को आनलाइन क्लास लेने से वंचित ना करें।
ज्ञापन देनें वालों में बार अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, पीयूष सक्सेना, गजेन्द्र त्यागी, राजवीर सिंह,सूर्यकांत शर्मा आदि शामिल थे। उधर इस.संबंध में जब स्कूल संचालक से वार्ता करनें का प्रयास किया गया,तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।


Monday 14 September 2020

उ0प्र0 माटी कलॉ बोर्ड के अन्तर्गत जनपद में नौकरी


धनसिंह—समीक्षा न्यूज   
गाजियाबाद। उ0प्र0 माटी कलॉ बोर्ड के अन्तर्गत जनपद में माटी कला में टूलकिटस/इलैक्ट्रिक चाक आदि पर कार्य करने के इच्छुक ( 18 वर्ष से कम व 55 वर्ष से अधिक न हो ) पात्र व्यक्तियों से सीधे ऑॅफ लाईन / ऑन लाईन आमन्त्रित किये जा रहे है। वे व्यक्ति आवेदन कर सकते है जिनकी (1)-आर्थिक दषा कमजोर, (2)-माटी कला का अनुभव, (3)-तकनीकी ज्ञान, व (4)-विपणन योग्यता इत्यादि ,माटी कला विद्या के तहत प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त हो /माटी कला की परम्परागत जानकारी हो। इच्छुक व्यक्तियों को माटी शिल्पकार हेतु 15 दिवसीय प्रशिक्षण की निःशुल्क व्यवस्था विभागीय प्रशिक्षण केन्द्रों पर होगी । जिसमें खाना, चाय, नास्ता तथा प्रशिक्षार्थियों के ठहरने की व्यवस्था होगी। आवेदकों को पात्रता के आधार पर निःशुल्क टूल किट वितरित की जायेगी ।
अतः उपरोक्तानुसार पात्रता रखने वाले इच्छुक ग्रामीण व शहरी माटीकला के कारीगर दिनांक 20.09.2020 उक्त पते पर सम्पर्क कर योजना का फार्म प्राप्त कर जमा कर सकते है।
साभार—राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


 


जनपद में कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था मानकों के अनुसार कायम कराएं पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी: प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद में कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत प्रत्येक क्षेत्र में लॉकडाउन समाप्त होने के उपरांत जनपद की अर्थव्यवस्था पूर्व की भांति पटरी पर लाने तथा विकास कार्यक्रमों में गतिशीलता लाने एवं कानून तथा शांति व्यवस्था मानकों के अनुसार कायम करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना के द्वारा आज कलेक्ट्रेट के सभागार में दोपहर मैराथन बैठक करते हुए संबंधित अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। माननीय मंत्री ने प्रथम चरण में जनपद की आर्थिक व्यवस्था राजस्व वसूली एवं विकास कार्यक्रमों की समीक्षा बैठक करते हुए करकरेत्तर की समीक्षा में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को स्पष्ट रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद की अर्थव्यवस्था को पूर्व की भांति पटरी पर लाने के उद्देश्य से जहां जहां से भी राजस्व प्राप्ति की संभावना बने वहां पर लगातार संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित करते हुए राजस्व प्राप्ति एवं राजस्व वसूली को सुनिश्चित कराते हुए जनपद की आर्थिक व्यवस्था पटरी पर लाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को लेकर अब सरकार के द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में लॉक डॉन को खोलने की कार्यवाही कर दी गई है। अतः प्रत्येक क्षेत्र में राजस्व प्राप्ति एवं राजस्व वसूली बढ़ाने औद्योगिक विकास को गतिशीलता देने के क्षेत्र में सभी प्रशासनिक एवं उद्योगों से जुड़े हुए अधिकारियों के द्वारा विशेष प्रयास करते हुए जनपद की आर्थिक व्यवस्था को मजबूत बनाने में अभियान चलाकर विशेष कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि जनपद गाजियाबाद की अर्थव्यवस्था पूर्व की भांति और अधिक मजबूत बन सके। उन्होंने अवैध खननध्परिवहन के संदर्भ में प्रगति के कम पाए जाने पर संबंधित विभागीय अधिकारी के विरुद्ध असंतोष प्रकट करते हुए जनपद में कार्यवाही बढ़ाने के निर्देश दिए गए और इस क्षेत्र में अधिक से अधिक राजस्व वसूली करने के संबंध में निर्देशित किया गया। माननीय मंत्री जी ने विद्युत विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि जनपद में औद्योगिक इकाइयों को अनवरत रूप से विद्युत आपूर्ति एवं विद्युत से संबंधित उनकी समस्याओं का तत्काल प्रभाव से निराकरण सुनिश्चित किया जाए ताकि जनपद का औद्योगिक विकास और अधिक तेजी से आगे बढ़ सके। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग की ओर से एक आकर्षित योजना प्रारंभ की गई है जिसमें एक व्यक्ति को एक बिल जमा करने पर ₹20 की धनराशि उपलब्ध कराई जा रही है इसका व्यापक स्तर पर जनपद में प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। इस महत्वपूर्ण योजना से जहां एक और बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर विद्युत विभाग को राजस्व प्राप्ति भी निर्धारित समय पर उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि विभागीय अधिकारियों के द्वारा अभियान संचालित करते हुए सड़कों को निर्धारित समय अवधि के भीतर गड्ढा मुक्त बनाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन सड़कों में जहां पर जलभराव हो रहा है वहां पर सीसी रोड बनाने को विभागीय अधिकारियों के द्वारा प्राथमिकता दी जाए। कार्य प्रारंभ होने से पूर्व संबंधित जनप्रतिनिधि को भी होने वाले कार्यों की सूचना विभागीय अधिकारियों के द्वारा दी जाए ताकि सभी कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे और सरकार की मंशा के अनुरूप जनपद में सड़कें तैयार हो सकें। मंत्री जी ने नगर निगम एवं जनपद की नगर क्षेत्रों की समीक्षा करते हुए अमृत योजना के अंतर्गत कहा कि सभी नागरिकों को मानकों के अनुसार जलापूर्ति करने की दिशा में अधिकारियों के द्वारा विशेष प्रयास सुनिश्चित किए जाएं। मंत्री ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र एवं नगरपालिका क्षेत्रों में जहां जहां पर भी हैंडपंप खराब हो  उन्हें तत्काल  रिबोर कराकर ठीक कराने की कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि सभी नागरिकों को स्वच्छ पेयजल  उपलब्ध हो सके। उन्होंने नगर निगम एवं नगरपालिका क्षेत्रों में अनुमान के आधार पर स्ट्रीट लाइटों का विद्युत विभाग को भुगतान किए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि ऐसा करने से नगर निगम एवं नगर पालिकाओं को विशेष घाटा हो रहा है। अतः नगर निगम तथा जनपद के सभी नगर क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट के संबंध में विद्युत विभाग के माध्यम से मीटर लगाकर उसके आधार पर भुगतान करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ऐसा करने पर नगर निगम अभी एवं सभी नगर क्षेत्रों को लाभ प्राप्त होगा। इसी प्रकार उन्होंने स्वच्छता पर भी विशेष जोर दिया जनपद गाजियाबाद को विगत वर्षों में स्वच्छता कार्यक्रम में हमेशा अच्छी श्रेणी प्राप्त हुई है। अतः आगामी नवंबर में  बृहद स्तर पर स्वच्छता रैली आयोजित करते हुए जनपद के सभी वर्गों को इस कार्यक्रम से जोड़ा जाए ताकि जनपद और अधिक स्वच्छ एवं सुंदर बन सके और इस कार्यक्रम में जनपद आने वाले समय में कीर्तिमान स्थापित करें। उन्होंने समीक्षा के दौरान कहा कि सरकार के द्वारा विभिन्न विकास से जुड़ी हुई योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्हें संबंधित अधिकारियों के द्वारा सर्वोच्च प्राथमिकता देकर आगे बढ़ाने की दिशा में विशेष प्रयास किए जाएं ताकि सभी विकास   कार्यक्रमों का लाभ जनसामान्य सामान्य को सरलता एवं समय बद्धता के साथ प्राप्त हो सके। दूसरे चरण में मंत्री जी ने जनपद के कानून एवं शांति व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ गहनता के साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने समीक्षा के दौरान पाया कि विगत वर्ष की भांति जनपद में सभी अपराधों में कमी आई है। आगे भी अधिकारियों के द्वारा इसी क्षमता के साथ अपने कार्य को अंजाम दिया जाए ताकि जनपद में अपराधों पर नियंत्रण किया जा सके। उन्होंने लंबित विवेचना में तत्परता के साथ कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्तियों तथा भू माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही करने के लिए भी संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए। बैठक समाप्ति के उपरांत प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना के द्वारा विकास भवन में पहुंचकर कोविड-19 कमांड कंट्रोल सेंटर का स्थल निरीक्षण किया गया जहां पर  कोरोना के नियंत्रण को लेकर की जा रही कार्रवाई के संबंध में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस के अधिकारियों के कार्यों की सराहना की गई। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री अतुल गर्ग, नगर निगम की महापौर आशा शर्मा, सभी विधायक गण जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी, नगर आयुक्त, उपाध्यक्ष जीडीए मुख्य विकास अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे। 
साभार—राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


कोविड-19 महामारी को लेकर जनपद में ऑक्सीजन की कालाबाजारी पर जिला प्रशासन सख्त


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। जनपद में कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए सभी जनपद वासियों को कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षित बनाने एवं संभावित कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की यथा समय खोज करते हुए उनका कोविड-19 के  प्रोटोकॉल के अनुरूप तत्काल इलाज संभव कराने के संबंध में जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के द्वारा आज कलेक्ट्रेट के सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। इस अवसर पर जनपद के सरकारी तथा निजी कोविड चिकित्सालय के प्रभारी अधिकारियों के साथ बैठक की गई। बैठक में  जिलाधिकारी द्वारा चिकित्सालयों में ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता इकाइयों तथा ऑक्सीजन उत्पादक इकाई के साथ कोविड़ अस्पतालों में ऑक्सीजन गैस की निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने के लिए विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी द्वारा सभी निजी अस्पतालों से यह जानकारी प्राप्त की गई कि उनको ऑक्सीजन गैस मांग के अनुरूप ऑक्सीजन गैस समय से उपलब्ध हो रही है अथवा नहीं। बैठक में गणेश हॉस्पिटल के प्रतिनिधि द्वारा अवगत कराया गया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति में पूर्व की तुलना में थोड़ा सा अधिक समय लग रहा है जबकि ली क्रस्ट हॉस्पिटल के प्रतिनिधि डॉ शरद अग्रवाल द्वारा अवगत कराया गया कि उनको मांग के अनुरूप ऑक्सीजन की आपूर्ति आपूर्तिकर्ता नहीं दे पा रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष के द्वारा अवगत कराया गया कि कुछ आपूर्तिकर्ताओं द्वारा ऑक्सीजन के रेट में भी वृद्धि की गई है। उक्त सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए जिलाधिकारी द्वारा ऑक्सीजन उत्पादक इकाई गोयल एमजी गैस प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अजय सक्सेना को निर्देशित किया गया कि शासन द्वारा मेडिकल ऑक्सीजन आपूर्ति की प्राथमिकता पर स्पष्ट निर्देश निर्गत किए गए हैं कि ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की आपूर्ति प्राथमिकता पर कराना सुनिश्चित कराएं। अत: आवश्यकता के अनुरूप जनपद की सभी कोविड चिकित्सालयों को निर्बाध आपूर्ति शासन द्वारा निर्धारित दरों पर ही उपलब्ध कराई जाए। जिलाधिकारी द्वारा सभी को स्पष्ट एवं कड़े निर्देश दिए गए कि शासन द्वारा निर्धारित दरों के विपरीत ऑक्सीजन आपूर्ति किए जाने एवं निर्धारित दरों से अधिक पर इलाज किए जाने की शिकायत पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध एनडीएमए एक्ट के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी द्वारा सभी चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए कि वह अपनी वेबसाइट पर तथा चिकित्सालय में सभी जगह शासनादेश के साथ निर्धारित दरों की सूची प्रदर्शित किया जाना सुनिश्चित करें जिसकी छाया प्रति संबंधित को अनिवार्य रूप से प्रदान की जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए कि निजी चिकित्सालय अपनी आवश्यकता के अनुरूप अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करें। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा यह भी सुझाव दिया गया कि निजी चिकित्सालय अपने परिसर में छोटा ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित कराएं तथा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की भी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं, जिससे आने वाले समय में भी कॉविड के मरीजों को ऑक्सीजन की उपलब्धता सुगमता से सुनिश्चित कराई जा सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल द्वारा औषधि निरीक्षक को निर्देश दिए गए कि शासन से प्राप्त निर्देशानुसार जनपद में जो भी औद्योगिक ऑक्सीजन की आपूर्तिकर्ता इकाइयां हैं उनको 2 दिन के अंदर औषधि लाइसेंस हेतु आवेदन सुनिश्चित कराते हुए नियमानुसार अनुज्ञापन निर्गत कराया जाना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी द्वारा उपायुक्त उद्योग बीरेंद्र कुमार को ऑक्सीजन की आपूर्ति हेतु नोडल अधिकारी नामित करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाने के निर्देश दिए गए जिसका निरंतर अनुश्रवण अपर जिलाधिकारी नगर द्वारा प्रतिदिन प्राथमिकता पर   करते हुए जिलाधिकारी को प्रतिदिन की कार्य प्रगति से अवगत कराया जाए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी नगर गाजियाबाद सहित सभी कोविड हॉस्पिटल के प्रबंधक गण उपस्थित रहे।



साभार—राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


एनटीपीसी दादरी में मनाया गया हिंदी दिवस


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
दादरी। “हमें अपने कार्यालय के कामकाज में अधिक से अधिक हिंदी का प्रयोग करना चाहिए और अपने सहयोगियों को भी हिंदी में काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए“। यह विचार समूह महाप्रबंधक (दादरी) सी. शिवकुमार द्वारा एनटीपीसी दादरी में हिंदी दिवस समारोह के उदघाट्न के अवसर पर व्यक्त किये गये। समूह महाप्रबंधक ने कहा कि हिंदी जैसी सरल-सहज भाषा मे काम करने में सम्मान और गौरव का अनुभव  होता है।
इससे पूर्व हिंदी दिवस समारोह का शुभारंभ समूह महाप्रबंधक (दादरी) सी. शिवकुमार द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया और हिंदी अपील जारी की गयी। स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत करतेह हुए अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) श्रीमती विजय लक्ष्मी मुरलीधरन ने राजभाषा नीति के अनुपालन एवं हिंदी के अधिकाधिक प्रयोग में सभी के सहयोग की अपेक्षा की। इस अवसर पर हाल ही में विज्ञान भवन, नई दिल्ली में  संसदीय राजभाषा समिति की दूसरी उपसमिति द्वारा एनटीपीसी दादरी के सफल निरीक्षण के उपरांत समिति से प्राप्त प्रमाण पत्र समूह महाप्रबंधक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपे गए।
कोविड -19 के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के अंतर्गत समारोह में अधिकारियों और कर्मचारियों की संख्या सीमित रखी गयी और हिंदी दिवस समारोह का ऑनलाइन प्रसारण वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर किया गया।



समारोह में महाप्रबंधक (गैस) पी के उपाध्याय, महाप्रबंधक (कोल) देबाशीष दास, महाप्रबंधक (एफ़एम) पीके मोहन्ती, महाप्रबंधक (प्रचालन) विधान चट्टोपाध्याय, डा. बी सी चतुर्वेदी एवं वरिष्ठ कमांडेंट निर्विकार ने विचार व्यक्त करते हुए हिंदी के प्रयोग और व्यापक प्रचार-प्रसार करने का अनुरोध किया। देबाशीष दास ने हरिवंशराय बच्चन की कविता प्रस्तुत की।
हिंदी दिवस समारोह में एस के तिवारी, दिनेश रौतेला, आशुतोष श्रीवास्तव, अखिलेश जोशी, दिपेन्द्र शर्मा एवं  पंकज सक्सेना द्वारा स्वरचित कवितायें प्रस्तुत की गयीं। हिंदी दिवस समारोह का कुशल संचालन करते हुए उप प्रबंधक (राजभाषा) आलोक अधिकारी ने राजभाषा गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए 14 से 28 सितंबर, 2020 के दौरान हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत ऑनलाइन आयोजित की जाने वाली विभिन्न प्रतियोगिताओं की जानकारी दी।
अंत में उप महाप्रबंधक (मानव संसाधन) संतोष कुमार उपाध्याय ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।


विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने किया आधुनिक पुस्तकालय का उद्घाटन


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
लोनी। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लोनी देहात के ग्राम गनोली में ग्रामीण के युवाओं द्वारा निर्मित ग्राम पुस्तकालय का उद्घाटन विधिवत रूप से किया। इस दौरान ग्रामीण युवाओं ने विधायक को पटका पहनाकर स्वागत किया।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि जरूरतमंद बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सभी विषयों व पाठ्यसाम्रगी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से ग्राम के ही विभिन्न सरकारी क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे एवं चयनित युवाओं द्वारा एक आधुनिक निशुल्क पुस्तकालय का निर्माण किया गया है। मेरी नज़र में पूरे गाजियाबाद में हमने ऐसी शानदार व्यवस्था नहीं देखी है जहां एकेडमिक के अतिरिक्त प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पठन-पाठन की सामग्री उपलब्ध हो, वातानुकूलित और आरामदेह बैठने की व्यवस्था हो। गांव के युवाओं के सकरात्मक सोच के पीछे विधायक ने इसे  क्षेत्र के महात्म्य से जोड़ते हुए कहा कि गनोली गांव एक सिद्ध एवं पवित्र भूमि पर बसा हुआ है जहां सिद्ध शिव मंदिर, बाबा मुक्खानाथ अन्य सिध्द महापुरुषों के तपोबल और आशीर्वाद से गांव के युवाओं ने पढ़ाई से लेकर खेल जगत तक में गांव का नाम रौशन किया है।



विधायक ने कहा अन्य गांव और कॉलोनी भी लें प्रेरणा, की जाएगी हरसंभव मदद
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा युवाओं द्वारा पुस्तकालय की स्थापना एक अच्छे और बौद्धिक समाज की पहचान है। शिक्षा शेरनी का वो दूध है जिसे पीकर आदमी दुनिया के किसी भी कोने में दहाड़ सकता है। इसके अभाव में सभ्य समाज की कल्पना शायद ही की जा सकती है। पुस्तकालय  वो जगह है जहां से एक अच्छे समाज निर्माण की नींव तैयार होती है। ग्रामीण क्षेत्र में काफी समय से एक अच्छे लाइब्रेरी की जरूरत भी थी। यहां आकर युवा एकेडमिक, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर इसका लाभ ले सकते हैं।  मैं सभी गांव और कॉलोनी के सक्षम एवं सफल हो चुके युवाओं से आग्रह करता हूँ कि वे लोग अगर समाज को कुछ लौटाना चाहते है तो जगह-जगह पुस्तकालय की स्थापना करें। मेरे द्वारा भी इस पुनीत कार्य में यथासम्भव मदद की जाएगी।


हिन्दी दिवस पर आर्य गोष्ठी सम्पन्न

सांस्कृतिक चेतना का आधार है हिन्दी-डॉ रामचंद्र (विभागाध्यक्ष,कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय)
हिन्दी हमारी अस्मिता व स्वाभिमानका प्रतीक है- डॉ महेश चंद शर्मा(पूर्व महापौर, दिल्ली)
स्वामी विरजानन्द व्याकरण के सूर्य थे-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य


समीक्षा न्यूज नेटवर्क


गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में "राष्ट्रीय एकता की सूत्रधार हिन्दी" विषय पर ऑनलाइन आर्य गोष्ठी का आयोजन गूगल मीट पर किया गया साथ हीं आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के गुरु स्वामी विरजानन्द की 152वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।यह कोरोना काल मे परिषद का 89वां वेबिनार था।



मुख्य वक्ता डॉ रामचंद्र (अध्यक्ष, संस्कृत विभाग,कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय) ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती पहले महामानव थे जिन्होंने गुजराती होते हुए भी वेद व संस्कृत के ग्रन्थों का हिन्दी में अनुवाद किया व अपने प्रवचन हिन्दी मे देकर हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार में योगदान दिया।उन्होंने कहा कि आज न्याय व चिकित्सा के क्षेत्र में हिन्दी का अभाव दिखाई देता है जिसे दूर करने की आवश्यकता है।यदि हम सही अर्थों में हिन्दी को राजभाषा बनाना चाहते हैं तो हमे हिन्दी को सम्पूर्ण देश के चिन्तन का विषय बनाना होगा।हिन्दी राष्ट्र की सांस्कृतिक चेतना का आधार है।आज का दिन हमारे हिन्दी भाषा के प्रचार प्रसार के लिए गहन चिंतन करने का दिन है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आज आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती के गुरु स्वामी विरजानन्द की 152वीं पुण्यतिथि है वे संस्कृत व वेदों के प्रकाण्ड विद्वान थे।उन्होंने महर्षि दयानन्द जैसे वेद प्रचारक तैयार किये।यदि स्वामी दयानन्द ने आर्ष ग्रंथों व हिन्दी भाषा का प्रचार प्रसार न किया होता तो आज हिन्दी को जो सम्मान मिला है वह संम्भव न था।उन्होंने कहा कि हिन्दी हीं राष्ट्र को एकता अखंडता के सूत्र में बांध सकती है।
मुख्य अतिथि कवयित्री सविता चड़ढा ने कहा कि हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिलवाने में राजभाषा समिति व संविधान निर्माताओं का विशेष योगदान रहा है लेकिन आज हमें इसे आचरण में अपना कर जन जन की भाषा बनाने का संकल्प लेना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व महापौर,डॉ महेश चंद शर्मा ने कहा कि विश्व मे कोई भी ऐसा देश नही है जिसने अपनी मातृभाषा को छोड़ विदेशी भाषा को अपनाया हो।हिन्दी हमारी अस्मिता व स्वाभिमान का प्रतीक है।हिन्दी के लिए महर्षि दयानन्द सरस्वती को स्मरण करते हुए हिन्दी को स्थापित करने के लिए आर्य समाज के द्वारा किए गए संघर्ष को भी स्मरण कराया।आजादी की लड़ाई हिन्दी के आधार पर लड़ी गयी।हिन्दी को नहीं जानने वाले हमारे युवक जो अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ते हैं उन्हें हमारी संस्कृति का बोध कैसे होगा।हिन्दी को अनिवार्य कर उन्हें सुसंस्कार देने का प्रयास किया जाना चाहिए।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि हिन्दी मात्र एक भाषा नहीं,बल्कि हमारी संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है।हिंदी हमारे राष्ट्र की एकता और अखण्डता की महत्वपूर्ण कड़ी है।हम अपने दैनिक व्यवहार में हिन्दी भाषा का अधिक से अधिक उपयोग कर इसके गौरव को बढ़ाने में योगदान दें।
कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया व विश्व हिन्दू परिषद के नेता गुरदीन प्रसाद रस्तोगी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
गायिका संगीता आर्या,नरेन्द्र आर्य सुमन,दीप्ति सपरा,प्रतिभा सपरा, सुमन चांदना आदि ने गीत संगीत से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
साहित्यकार ओम सपरा व डॉ सुषमा आर्या ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई,वीरेन्द्र आहूजा,अभिमन्यु चावला,प्रवीन भाटिया,विजय हंस,सुषमा बुद्धिराजा,देवेन्द्र गुप्ता,सुनीता बुग्गा,ओम सपरा,शशी चोपड़ा, नित्यानंद (असम),डॉ करुणा चांदना,उर्मिला आर्या(गुरुग्राम), राजश्री यादव,वीना वोहरा,गीता गर्ग आदि उपस्थित थे।


पार्षद सरदार सिंह भाटी ने किया लाखों के विकास कार्य का शुभारम्भ


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
ग़ाज़ियाबाद। साहिबाबाद क्षेत्र के वार्ड 37 मे महापौर श्रीमती आशा शर्मा के प्रयासो से और पार्षद सरदार सिंह भाटी ने सीमापुरी क्षेत्र से लगे शालीमार गार्डन मैन मे महाराणा प्रताप द्वार से भारत माता चौक के मुख्य मार्ग से होते हुए मैन नाले तक नाले निर्माण का शुभारम्भ नारियल फोड़कर  किया।



 पार्षद श्री सरदार सिंह भाटी ने बताया की इस नाले का निर्माण 30 लाख की लागत पार्षद निधि से कार्य होगा जो आर सी सी से बनेगा नाला 700 मीटर लम्बा 2.50 मीटर चौड़ा बनेगा जो बड़े नाले मे जाकर मिलेगा l मेरा प्रयास रहता है की मे अपने वार्ड को पुरे ग़ाज़ियाबाद मे एक आदर्श वार्ड के रूप मे स्थापित कर निवासियों के दैनिक जीवन को सुगम और सुखद बना सके,बहन आशा शर्मा जी के सहयोग एवं तत्परता के लिए मे हार्दिक आभार प्रकट करता हूं| टीएसी सदस्य (संचार मंत्रालय , भारत सरकार )श्री रवि भाटी ने कहा की इस निर्माण कार्य से वार्ड 37 के 4 कम्पाउंडों श्री राम एन्क्लेव, गौरी शंकर एन्क्लेव, विवेकानंद एन्क्लेव, विजय पार्क एन्क्लेव एवं जवाहर पार्क से लगे हुए एरिया को जलभराव की समस्या मे कमी आएगी, श्री रवि भाटी जी ने समस्त निवासियों से आग्रह किया की सभी आमजन पॉलिथीन, कांच की बोत्तले, कचरा नालों मे ना फेके जिससे सफाईकर्मचारियों को भी सफाई सम्भंदित कार्यों मे समस्या ना आये, आगे भी महापौर आशा शर्मा जी के सहयोग से वार्ड 37 मे विकास कार्य करवाते रहेंगे l इस मोके पर कालीचरण पहलवान,सुदीप शर्मा,कैलाश यादव,शिवम् चौधरी,गुरुदास पाल, छुट्टन तोमर,धर्मेंद्र चौधरी,अशोक भाटी,पी पी सरदार जी, दीपक, हरीश, साहिल ठाकुर, कपिल चौधरी आदि लोगो  नाले निर्माण कार्य प्रारभ्म होने पर आपस मे मिठाई बाटकर ख़ुशी मनाई l



श्राद्ध,तर्पण का वैदिक स्वरूप कार्यक्रम ऑनलाइन सम्पन्न

श्रद्धा पूर्वक जीवित माता पिता की सेवा ही  श्राद्ध  है---डा.आर.के.आर्य  
मृतकों का श्राद्ध अशास्त्रीय एवं वेद विरुद्ध होने से त्याज्य कर्म --सत्यवीर चौधरी
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाज़ियाबाद। आर्य केंद्रीय सभा महानगर के तत्वावधान में वर्चुअल श्राद्ध तर्पण का वैदिक  स्वरूप कार्यक्रम भव्यता के साथ मनाया गया जिसकी अध्यक्षता करते हुए डॉ.आर के आर्य पूर्व प्रधान भूड  भारत नगर  ने बताया की श्रद्धा पूर्वक जीवित माता पिता आचार्य अर्थात जो हमारी रक्षा करते हैं उनकी सेवा करना ही सच्चा श्राद्ध है जो हमें प्रतिदिन करना चाहिए।



मुख्य वक्ता आचार्य वीरेंद्र शास्त्री सहारनपुर ने अपने उद्बोधन में बताया कि आज देश में पाखंड अंधविश्वास चरम पर है जिसके कारण व्यक्ति बिना सोचे समझे अज्ञानता के साथ जीवित माता के पिता के साथ दंगम दंगा और मरे पीछे पहुचाये गंगा अर्थात जीवित माता-पिता के साथ  लडाई झगड़ा उनका सम्मान ना करना और मरने के बाद आश्विन माह के 16 दिनों में जिस तिथि में उनका देहांत हुआ है उसी तिथि में पंडित इत्यादि को बुलाकर खीर पूरी हलवा इत्यादि खिला कर के दान देकर  श्राद्ध करते हैं जोकि अंधविश्वास है,जो भी रक्षा करते हैं वे सब पितर हैं अर्थात हम अपने रक्षा करने वालों की श्रद्धा पूर्वक सेवा प्रतिदिन करें चाहे रक्षा करने वाले माता पिता,  आचार्य,गुरु हो और पति-पत्नी भाई बहन जो भी हमारी रक्षा करते हैं उन सब की हम सेवा करें और जिस चीज को खाने से जिस वस्तु को लेने से वह तृप्त होते हो उसी को उनको देंगे तो यह तर्पण है।
मुख्य अतिथि दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री श्री विनय आर्य ने बताया की यदि इन दिनों के अंदर हम गुरुकुल मंदिर इत्यादि में भी कोई दान या खाद्य पदार्थ देते हैं तो यह भी अंध विश्वास  है।
विशिष्ट अतिथि श्री सुभाष गर्ग प्रसिद्ध उद्योगपति समाजसेवी ने बताया की मुझे आज यह कहते हुए बड़ी प्रसन्नता हो रही है मैंने कभी भी अंधविश्वास पाखंड नहीं किया जब मेरे जीवित माता-पिता थे पूरी श्रद्धा के साथ उनकी सच्ची सेवा करता था।
सभी विद्वानों का और श्रोताओं का धन्यवाद आर्य केंद्रीय सभा के प्रधान श्री सत्यवीर चौधरी ने किया ओर कहा कि आश्विन मास का कृष्ण पक्ष मृत पितरों का श्राद्ध कर्म करने के लिए प्रसिद्ध सा हो गया है।इन दिनों पौराणिक नाना प्रकार के नियमों का पालन करते हैं।अनेक पुरुष दाढ़ी नहीं काटते,बाल नहीं कटाते,नये कपड़े नहीं खरीदते व सिलाते,यहां तक की विवाह आदि का कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं।कहा जाता है कि इन दिनों मृतक माता-पिता, दादी-दादा और परदादी-परदादा अपने अपने परिवारों में भोजन के लिए आते हैं और भोजन करके सन्तुष्ट होते हैं।आज के वैज्ञानिक युग में यह देखकर आश्चर्य होता है। कि लोग मध्यकालीन इस मिथ्या परम्परा को बिना सोचे विचारे मानते व पालन करते आ रहे हैं।महर्षि दयानन्द ने मृतक श्राद्ध के विरुद्ध अनेक शास्त्रीय विधान भी दिये थे जिससे यह सिद्ध होता था कि श्राद्ध मृत पितरों का नहीं अपितु जीवित माता-पिता,दादी-दादा व अन्य वृद्धों का किया जाना चाहिये। मृतक का तो दाह संस्कार कर देने से उसका शरीर नष्ट हो जाता है।उस मृतक का उसके कुछ समय बाद ही पुनर्जन्म हो जाता है।वह अपने कर्मानुसार मनुष्य या पशु-पक्षी आदि अनेक योनियों में से किसी एक में जन्म ले लेता है व यही क्रम चलता रहता है।आरम्भ में वह बच्चा होता है और समय के साथ उसमें किशोरावस्था,युवावस्था,वृद्धावस्था आती है और उसके बाद उसकी पुनः मृत्यु होकर पुनर्जन्म होता है।अतः हो सकता है कि वर्तमान में वह किसी अन्य प्राणी योनि में वह जीवन निर्वाह कर रहा होगा।जिस प्रकार हम अपने पूर्व जन्मों के परिवारों में श्राद्ध पक्ष में नहीं जा सकते,उसी प्रकार हमारे मृत पितर भी हमारे यहां भोजन करने नहीं आ सकते।यह भी असम्भव है,धार्मिक व वैज्ञानिक दोनों दृष्टियों से,की जन्मना ब्राह्मण का खाया हुआ हमारे पितरों को प्राप्त हो जाये।अतः किसी के भी द्वारा अपने मृत पितरों का श्राद्ध करना अनुचित व अवैदिक कार्य होने से अधार्मिक कृत्य ही है जिसका कोई तर्क, युक्ति व वैज्ञानिक आधार नहीं है। यह असत्य व अविवेकपूर्ण है एवं अन्धविश्वास से युक्त कृत्य है।
सभा का कुशल संचालन आर्य केंद्रीय सभा के मंत्री श्री नरेंद्र पांचाल ने किया।
इस अवसर पर सर्वश्री श्रद्धानन्द शर्मा,ओमप्रकाश आर्य,सुभाष गुप्ता,सन्त लाल मिश्रा,कोशल गुप्ता,विजय आर्य,देवेन्द्र गुप्ता आदि उपस्थित रहे।


कश्यप एकता क्रांति मिशन द्वारा पदाधिकारियों की नियुक्ति


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। कश्यप एकता क्रांति मिशन संगठन को आगे बढ़ाने की दिशा में कार्य करते हुए संगठन के जिला अध्यक्ष जितेंद्र कश्यप द्वारा अपने आवास वार्ड नंबर 8 में बैठक का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता श्रीमान देवेंद्र कश्यप द्वारा करते हुए टीम का गठन किया गया।
संगठन के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कश्यप द्वारा जिला लोनी विधानसभा एवं वार्डों में पदाधिकारियों की नियुक्ति की और समस्त नवनियुक्त पदाधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
जिला स्तर पर नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में एडवोकेट अनिल कश्यप को जिला उपाध्यक्ष पिंकू कश्यप को जिला सचिव और विधानसभा स्तर पर सोनू कश्यप को लोनी विधानसभा अध्यक्ष लोकेश कश्यप को कोषाध्यक्ष अवधेश कश्यप को मीडिया प्रभारी बिट्टू कश्यप को कार्यकारिणी सदस्य और वार्ड स्तर पर विजेंद्र कश्यप को अध्यक्ष वार्ड नंबर 8 
डॉ महेश कश्यप को अध्यक्ष वार्ड नंबर 19 सोनवीर कश्यप को अध्यक्ष वार्ड नंबर 21 और रवि कश्यप को अध्यक्ष वार्ड नंबर 29 घोषित किया गया।
जिला अध्यक्ष जितेंद्र कश्यप ने नवनिर्वाचित सभी पदाधिकारियों से निवेदन करते हुए कहा कि आप संगठित एवं अनुशासित होकर संगठन को मजबूत करते हुए समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक संगठन की विचारधाराओं को पहुंचाने का कार्य करेंगे।



पार्षद आनन्द गुप्ता ने संजीव शर्मा को जन्मदिन की शुभकामनाएं, साथ में किया पौधारोपण


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा को जन्मदिवस के शुभ अवसर पर उनके निवास पर जाकर वार्ड 86 राजेन्द्र नगर सैक्टर—5 के पार्षद आनन्द गुप्ता सहित अन्य लोगों तुलसी का पौधा भेँट कर शुभकामनाएँ दी।
इसके उपरांत पार्षद जी के साथ अध्यक्ष जी ने वार्ड 86 में जीटी रोड,  ग्रीन बेल्ट में पौधारोपण किया।



न्याय नहीं मिलने पर एसपी के दरबार पहुंचा पीड़ित


अतुल त्यागी
हापुड़। पिलखुवा की मारवाड़ चौकी पर न्याय नहीं मिलने पर एसपी के दरबार पहुंचा पीड़ित न्याय की लगाई गुहार एसपी ने दिए पिलखुवा सीओ को जांच के आदेश।
मामला जनपद हापुड़ के थाना पिलखुवा क्षेत्र के मोहल्ला भीकनपूरा महामाया मंदिर के पास रहने वाले महेंद्र सिंह 56 वर्षीय का है पीड़ित ने कुछ दूरी पर में रहने वाली एक महिला से किसी कार्य के लिए रूपये 50000 लिए थे पीड़ित ने कुछ दिन बाद 42000 रूपये 100 बैंक के माध्यम से दे दिए रूपये 8000 उसके घर जाकर पति और बेटे के सामने दे दिए लेकिन महिला की बदनियती और पैसे हड़पने की थी पीड़ित के घर पर शादी का कार्य चल रहा था तभी महिला ने अपने पति और कुछ दबंग साथियों के साथ मिलकर मेहमानों के सामने गाली गुप्ता करनी शुरू कर दी पीड़ित ने अपनी इज्जत की वजह से 22 हजार रुपये मेहमानों के सामने महिला को दे दिए उसके बाद भी महिला अपने साथियों के साथ मिलकर फोन पर फंसाने की धमकी देती रही पैसों की मांग करती रही इसकी शिकायत पीड़ित ने मारवाड़ चौकी पिलखुवा में दे दी चौकी इंचार्ज ने पीड़ित की मदद करने के बजाय आरोपों के साथ मिलकर पीड़ित कोचौकी में बंद कर के बुरी तरह पीटा फोन पर पीड़ित की महिला को अपशब्द बोले और पीड़ित का 151 में चालान कर दिया पीड़ित ने इसकी शिकायत एसपी हापुड़ से की है एसपी हापुड़ ने पिलखुवा सीओ को जांच करने के आदेश दिए हैं देखना यह है आरोपियों के खिलाफ पुलिस क्या कार्रवाई करती है या पीड़ित ऐसे ही दर दर की ठोकर खाता रहेगा।
बाईट-पीड़ित महेंद्र सिंह


विद्युत ट्रांसफार्मर आग लगने से फटा, 4 लोग घायल


अतुल त्यागी
हापुड़। जनपद हापुड़ में विद्युत ट्रांसफार्मर आग लगने से फटा 4 लोग घायल एक की गंभीर हालत, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया।
मामला जनपद हापुड़ के थाना हाफिजपुर क्षेत्र के गांव हरसिंहपुर का है जहां विद्युत ट्रांसफार्मर में आग लगने से ट्रांसफार्मर फट गया उसी दौरान एक बुजुर्ग महिला सहित तीन लोग आग से झुलस गए सूचना पाकर मौके पर पहुंची थाना हाफिजपुर पुलिस ने सभी को कराया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती।
एक महिला की हालत नाजुक डॉक्टरों ने मेरठ के लिए किया रेफर अधिकारी मामले की जांच पड़ताल में जुटे समय रहते अगर हाफिजपुर पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती तो हो सकती थी कोई बड़ी घटना पुलिस की तत्परता से सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।



“अन्य कार्य करते हुए ईश्वर के उपकारों का चिन्तन आवश्यक है”


मनुष्य को जीवन में अनेक कार्य करने होते हैं। उसे अपने निजी, पारिवारिक व सामाजिक कर्तव्यों की पूर्ति के लिये समय देना पड़ता है। धनोपार्जन भी एक गृहस्थी मनुष्य का आवश्यक कर्तव्य है। इन सब कार्यों को करते हुए मनुष्य को अवकाश कम ही मिलता है। अतः सभी कामों को समय विभाग के अनुसार करना चाहिये जिससे किसी अनावश्यक कार्य में हम अधिक समय न लगायें और कोई आवश्यक काम छूट न जायें। सांसारिक काम कितने भी महत्व के हों परन्तु इन सबसे महत्व का कार्य है इस संसार के रचयिता व पालक ईश्वर के सत्यस्वरूप, गुण, कर्म व स्वभाव सहित उसके उपकारों का चिन्तन एवं ध्यान तथा उसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उसका धन्यवाद करना। जो मनुष्य ईश्वर के प्रति अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करते हैं उनको बहुत भारी हानि उठानी पड़ती है। इसका अनुमान हम इस विषय का चिन्तन कर जान सकते हैं। ईश्वर का चिन्तन व ध्यान क्यों करें? इस प्रश्न पर विचार करने पर हमें ज्ञात होता है कि हमारा अतीत, वर्तमान एवं भविष्य में मनुष्य व अन्य किसी प्राणी के रूप में जो अस्तित्व होना है, वह हमें ईश्वर से ही प्राप्त हुआ व होना है। 
ईश्वर ने हमें व सब प्राणियों को इस जन्म में मनुष्य व अन्यान्य योनियों में उत्पन्न किया है। इसके बदले में उसने हमसे कोई मूल्य नहीं लिया। हम किसी मनुष्य से छोटी से छोटी सेवा भी लेते हैं तो हमें उसका मूल्य देना होता है। घर में हम जिन व्यक्तियों से किसी प्रकार की सेवा लेते हैं, तो उसका उनकी सेवा के अनुरूप धन तय करके भुगतान करना होता है। कोई मनुष्य बिना किसी लाभ, हित व स्वार्थ के किसी अन्य व्यक्ति को अपनी सेवायें नहीं देता है। परमात्मा ने हमारे व हमारे समान अन्य जीवों के सुख व कल्याण के लिये इस संसार की रचना लगभग 1.96 अरब वर्ष पूर्व की है। यह संसार व ब्रह्माण्ड कितना विशाल है, नियमों के अन्तर्गत व्यवस्थित रूप से चल रहा है, इसका हम अनुमान ही कर सकते हैं। परमात्मा का यह कार्य ऐसा है जिसे संसार में उसके अलावा कोई नहीं कर सकता। यह सृष्टि परमात्मा ने हमारे सुख व उन्नति के लिए बनाई है। उसी ने इस सृष्टि व इसके अनेक प्रकार के पदार्थों को बनाकर हमें माता-पिता के द्वारा यह मानव की श्रेष्ठ देह प्रदान की है। इस देह के माध्यम से ही हम सुखों का अनुभव करते हैं। हमारे सुख के सभी पदार्थ भी परमात्मा ने बना रखे हैं। हम जब कोई अनैतिक व बुरे काम करते हैं तो उससे हमें दुःख होता है। कुछ ही समय बाद परमात्मा हमें उस दुःख से भी मुक्त करा देते हैं और हम पुनः स्वस्थ व शक्ति से युक्त हो जाते हैं। हम पुनः सुख प्राप्ति के कार्यों में लग जाते हैं। विचार करने पर ज्ञात होता है कि हमेें जो भी सुख, आनन्द वा कल्याण की प्राप्ति होती है वह सब परमात्मा द्वारा हमारे पुरुषार्थ के अनुरूप प्रदान की जाती है। ऐसे परमात्मा के, न केवल इस जन्म में अपितु इससे पूर्व के ऐसे असंख्य जन्मों में भी, हमारे ऊपर इतने उपकार है जिनकी गणना भी नहीं की जा सकती। परमात्मा के उन ऋणों व उपकारों से उऋण होने के लिए हमारे पास कोई साधन व उपाय भी नहीं हैं। अतः हमारा कर्तव्य बनता है कि हम प्रतिदिन प्रातः व सायं न्यूनतम एक घंटा स्वच्छ होकर, संसार से अपने मन को हटा कर, ईश्वर के सत्यस्वरूप व उसके उपकारों का स्मरण करें व स्तुति वचनों से उनके गान से, भक्ति व उपासना से उसका ध्यान करें। ऐसा करने से हम कृतघ्ना के पाप से मुक्त हो सकते हैं। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो हमें सबसे कृतघ्नता का बड़ा दोष लगता है जिसके परिणाम हमारे भविष्य के जीवन में दुःख, रोग, तनाव व विफलताओं के रूप में सामने आते हैं। 
ईश्वर व संसार के प्रति अपने कर्तव्यों का ज्ञान प्राप्त करने के लिये हमें वेदों का ज्ञान प्राप्त करना चाहिये। वेद ईश्वर प्रदत्त ज्ञान होने से उनका अध्ययन व अध्यापन हमारा कर्तव्य व परम धर्म है। वेदों का अध्ययन करने से हमें ईश्वर व आत्मा सहित संसार का सत्यस्वरूप समझ में आ जाता है। वेदों के अध्ययन के लिये हम वेदों के हिन्दी, अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में वैदिक विद्वानों की टीकाओं की सहायता ले सकते हैं। इसके अतिरिक्त भी वेदों के आशय को जानने व अनेकानेक विषयों पर ज्ञान लाभ करने के लिये हम उपनिषद, दर्शन, मनुस्मृति, सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, संस्कारविधि सहित आर्य वैदिक विद्वानों के वेदविषयक ग्रन्थों का अध्ययन कर सकते हैं। रामायण तथा महाभारत प्राचीन भारतीय वैदिक इतिहास के ग्रन्थ हैं। इनके अध्ययन से भी लाभ होता है। यह हम इस साहित्य को अपने जीवन में नियमित रूप से पढ़ते हैं तो हमारा जीवन ज्ञान की दृष्टि से सफल हो सकता है। हम ईश्वर, आत्मा व संसार के बारे में इतना ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं जो अनेक मत-मतानत्रों के आचार्यों तक को नहीं होता। ज्ञान को प्राप्त होकर ज्ञान के अनुरूप ही हमारे कर्म होने चाहियें। अधिकांश स्थिति में ऐसा होता भी है। अतः हमें ज्ञान प्राप्ति पर ध्यान देना चाहिये और अपने जीवन के सभी कार्यों की प्राथमिकतायें निर्धारित कर सबको उचित समय देना चाहिये जिसमें हमें स्वाध्याय व सन्ध्या (ईश्वर का ध्यान, चिन्तन, मनन, विचार, स्तुति, प्रार्थना, उपासना व भक्ति आदि) सहित अपने शरीर को स्वस्थ रखने के सभी उपाय भी करने चाहियें। ईश्वर का ध्यान करने के लिये भी हमें सन्ध्योपासना विधि तथा ऋषि दयानन्द के अन्य ग्रन्थों में अनेक स्थानों में उपलब्ध उपासना विषयक महत्वपूर्ण वचनों से सहायता लेनी चाहिये। ऐसा करने से निश्चय ही हमारा कल्याण होगा और इसकी उपेक्षा करने से निश्चय ही हमें हानि होगी जिससे हमें बचना चाहिये। 
ईश्वर का सत्यस्वरूप कैसा है, इस पर हम सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ में ऋषि दयानन्द के दिये कुछ वचनों को प्रस्तुत कर रहे हैं। वह कहते हैं कि जो सब दिव्य गुण, कर्म, स्वभाव, विद्यायुक्त और जिसमें पृथिवी सूर्यादि लोक स्थित हैं और जो आकाश के समान व्यापक सब देवों का देव परमेश्वर है, उस को जो मनुष्य न जानते, न मानते और उस का ध्यान नहीं करते, वे नास्तिक मन्दमति सदा दुःखसागर में डूबे ही रहते हैं। इसलिये सर्वदा उसी को जानकर सब मनुष्य सुखी होते हैं। ऋषि दयानन्द ने यह भी बताया है कि वेदों में अनेक ईश्वरों का नहीं अपितु केवल एक ही ईश्वर का वर्णन उपलब्ध होता है। उनकी दृण आस्था है कि संसार में केवल और केवल एक ही ईश्वर का अस्तित्व है और इसे वह युक्तियों व प्रमाणों से सिद्ध भी करते हैं। कुछ वेदमन्त्रों का अर्थ करते हुए वह कहते हैं हे मनुष्य! जो कुछ इस संसार में जगत् है उस सब में व्याप्त होकर जो नियन्ता है वह ईश्वर कहाता है। उस से डर कर तू अन्याय से किसी के धन की आकांक्षा मत कर। उस अन्याय के त्याग और न्यायाचरण-रूप धर्म से अपने आत्मा से आनन्द को भोग। वह कहते हैं कि ईश्वर सब को उपदेश करता है कि हे मनुष्यों! मैं ईश्वर सब के पूर्व विद्यमान सब जगत् का स्वामी हूं। मैं सनातन जगत्कारण और सब धनों का विजय करनेहारा और दाता हूं। मुझ ही को सब जीव जैसे पिता को सन्तान पुकारते हैं, वैसे पुकारें। मैं सबको सुख देने वाले जगत् के लिए नाना प्रकार के भोजनों वा खाद्य पदार्थों का विभाग पालन के लिये करता हूं। एक वेदमन्त्र का अर्थ करते हुए वह बताते हैं कि परमेश्वर कहता है कि मैं परमेश्वर परमैश्वय्र्यवान् हूं, सूर्य के सदृश सब जगत का प्रकाशक हूं। कभी पराजय को प्रापत नहीं होता और न कभी मृत्यु को प्राप्त होता हूं। मैं ही जगत रूप धन का निर्माता हूं। सब जगत् की उत्पत्ति करने वाले मुझ ही को जानो। हे जीवों! ऐश्वर्य प्राप्ति के यत्न करते हुए तुम लोग विज्ञानादि धन को मुझ से मांगों और तुम लोग मेरी मित्रता से अलग मत होवो। ऋषि के इन वचनों से ईश्वर के सत्यस्वरूप, उसके गुण, कर्म व स्वभाव तथा उसकी भक्ति आदि पर प्रकाश पड़ता है। 
ईश्वर की सगुण व निर्गुण स्तुति पर प्रकाश डालते हुए ऋषि दयानन्द बताते हैं कि वह परमात्मा सब पदार्थों व जगत् में व्यापक, शीघ्रकारी और अनन्त बलवान् है। वह शुद्ध, सर्वज्ञ, सब का अन्तर्यामी, सर्वोपरि, विराजमान, सनातन, स्वयंसिद्ध, परमेश्वर अपनी जीवरूप सनातन अनादि प्रजा को अपनी सनातन विद्या से यथावत् अर्थों का बोध वेद द्वारा कराता है। यह सगुण स्तुति कहलाती है अर्थात् जिस-जिस गुण से सहित परमेश्वर की स्तुति करते है वह सगुण स्तुति होती है। उसी एक परमात्मा की निर्गुण स्तुति का उल्लेख कर वह बताते हैं कि ईश्वर कभी शरीर धारण व जन्म नहीं लेता, जिस में छिद्र नहीं होता, नाड़ी आदि के बन्धन में नहीं आता और कभी पापाचरण नहीं करता, जिसमें क्लेश, दुःख, अज्ञान कभी नहीं होता, इत्यादि जिस-जिस राग, द्वेषादि गुणों से पृथक मानकर परमेश्वर की स्तुति करना है वह निर्गुण स्तुति है। इस दोनों प्रकार की स्तुति का फल यह है कि जैसे परमेश्वर के गुण हैं वैसे गुण, कर्म व स्वभाव उपासक को अपने भी करना। जैसे वह न्यायकारी है तो हम भी न्यायकारी होवें। और जो केवल भांड के समान परमेश्वर के गुण कीर्तन करता जाता है और अपने चरित्र को नहीं सुधारता उसका स्तुति करना व्यर्थ है। इसी प्रकार से प्रार्थना करने से मनुष्य में निरभिमानता आती है। वह विनम्र होता है एवं दूसरों की सहायता करने की प्रेरणा ग्रहण करता है। उपासना से मनुष्य के दुःख, दुर्गुण व दुव्र्यस्न दूर होते हैं और कल्याणकारक गुण, कर्म, स्वभाव व पदार्थों की प्राप्ति होती है। ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना का स्वरूप सहित इसके अनेकानेक लाभ को जानने के लिये सत्यार्थप्रकाश का सातवां समुल्लास अवश्य पढ़ना चाहिये। 
हमने ईश्वर के प्रति मनुष्य के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला है। हम आशा करते हैं कि पाठक ऋषिकृत ग्रन्थों का अध्ययन कर इस विषय को विस्तार से जानने व समझने का प्रयत्न करेंगे और अपने जीवन को सुखी व कल्याण से युक्त करेंगे। ऐसा करने से सबको धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष का ज्ञान व लाभ प्राप्त करने के अवसर मिलेंगे व उनकी उन्नति होगी। हम ईश्वर से सबके कल्याण की कामना करते हैं। 
-मनमोहन कुमार आर्य


Sunday 13 September 2020

आजाद समाज पार्टी का बढ़ता जनाधार 

गरीब राज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुंदर सिंह जाट ने किया अपनी पार्टी का विलय
ललित चौधरी—समीक्षा न्यूज
मुरादनगर/गाजियाबाद। रविवार को आजाद समाज पार्टी की एक बैठक राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य एवं मेरठ बनारस संभाग के प्रभारी निजाम चौधरी के कार्यालय पर हुई जिसमें आजाद समाज पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ता व पदाधिकारी मौजूद रहे इस मौके पर गरीब राज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुंदर सिंह जाट अपने कार्यकर्ता व पदाधिकारियों के साथ निजाम चौधरी के कार्यालय पहुंचे और निजाम चौधरी के नेतृत्व में अपनी पूरी पार्टी का विलय आजाद समाज पार्टी में करने की घोषणा की चौधरी सुंदर सिंह जाट ने कहा कि आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के विचारों से प्रेरित होकर आज हमने अपनी पूरी पार्टी का विलय आजाद समाज पार्टी में कर दिया है आज से हम श्री आजाद के नेतृत्व में कार्य करेंगे और आजाद समाज पार्टी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद जी के विचारों का प्रचार प्रसार करते हुए संगठन को मजबूती देंगे उन्होंने कहा कि आज चारों तरफ अराजकता का माहौल है जनता परेशान हैं ना रोजगार है ना काम है बहन बेटियों सुरक्षित नहीं है सारा समाज त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहा है ऐसे में जनता आजाद समाज पार्टी को एक उम्मीद की नजर से देख रही है क्योंकि एकमात्र आजाद समाज पार्टी ही आज दबे कुचलो की आवाज बन रही है जनता को आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद जी से काफी उम्मीदें हैं कि वो बदलाव लाएंगे और कमजोर व पिछड़ों को आगे लाएंगे आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद जी को मजबूती देते हुए आज हम अपनी पार्टी गरीब राज पार्टी का पूर्ण रूप से विलय करते हैं।



इस मौके पर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य निजाम चौधरी ने कहा कि आजाद समाज पार्टी हर वर्ग के लोगों का स्वागत करती है आज जिस प्रकार से गरीब राज्य पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुंदर सिंह जाट ने अपनी पार्टी का विलय आजाद समाज पार्टी में साथ किया है हम उनका स्वागत करते हैं अभिनंदन करते हैं जल्द ही चौधरी सुंदर सिंह जाट को संगठन की तरफ से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी।निजाम चौधरी ने कहा कि आजाद समाज पार्टी केवल एक राजनीतिक पार्टी नहीं। बल्कि यह ऐसा आंदोलन है जिससे प्रत्येक नागरिक विशेष तौर पर दलितों, हाशिए पर आए समुदायों तथा महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाए। इसकी जड़ें डा. भीमराव अम्बेदकर तथा कांशीराम के राजनीतिक दृष्टिकोण ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ के विचारों पर आधारित हैं। ए.एस.पी. का गठन ऐसे समय में हुआ है जब हमारा संविधान संकट से जूझ रहा है। वर्तमान सरकार की नीतियों के चलते देश की अर्थव्यवस्था आर्थिक संकट से गुजर रही है। युवा वर्ग सड़कों पर है, बेरोजगारी चरमसीमा पर है, कीमतें आसमान को छू रही हैं, भ्रष्टाचार व्याप्त है तथा लोगों पर अत्याचारों के साथ अत्याचार किया जाता है। राष्ट्र के लिए भाजपा का कोई ठोस एजैंडा नहीं है। इसका एजैंडा तो मात्र चुनाव जीतने का है, फिर वह चाहे किसी भी तरह से जीता जाए। ऐसे लक्ष्य को पाने के लिए भाजपा हिन्दू-मुस्लिम का कार्ड खेल रही है और लोगों के बीच नफरत का बीज बो रही है । इस राष्ट्र के विकास के लिए यह महत्वपूर्ण है कि पूंजीपतियों और पैसे वाले लोगों की राजनीति को गरीब और बहुजन की राजनीति से बदल दिया जाए। हम सरकारों को दिखाएंगे कि लोकतंत्र होने का क्या मतलब है और सामाजिक परिवर्तन कैसे लाया जाए।
इस अवसर पर गरीब राज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुंदर जाट के साथ आए महावीर सैनी चौधरी रहीस सलाम मलिक मौर्य कुमार गौतम कपिल सैनी डॉ राणा प्रेम सिंह जाटव समेत सैकड़ों लोगों ने आजाद समाज पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।


वार्ड—78 में करोड़ो रूपये के विकास कार्य का लोकार्पण और उद्घाटन


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
साहिबाबाद। नगर निगम वार्ड-78 की शालीमार गार्डन कॉलोनी में रविवार को गाजियाबाद सांसद एवं केंद्रीय सड़क परिवहन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, संजीव शर्मा, पप्पू पहलवान, श्रीमती ओमवती ने तीन करोड़ 17 लाख रुपये के विकास कार्यो का लोकार्पण और उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने लोगों की शिकायतें भी सुनीं।



नगर निगम द्वारा वार्ड-78 में तीन करोड़ 17 लाख 35 हजार 767 रुपये की लागत से पार्को का सुंदरीकरण, सड़क, गलियों, नालियों का निर्माण कराया गया था। रविवार को गाजियाबाद सांसद वीके सिंह ने विकास कार्य का लोकार्पण किया। वहीं कुछ नए विकास कार्यो को नारियल फोड़कर उद्घाटन किया। इस दौरान रोज पार्क के सुंदरीकरण, साई पार्क और सूर्य पार्क में नाली और सड़क के कार्य, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-एक में नाली निर्माण व इंटरलॉकिग सड़क निर्माण कार्यो का लोकार्पण किया। इस दौरान लोगों ने सांसद के समक्ष अपनी बिजली, पानी आदि की समस्याएं रखीं। उन्होंने समस्याओं का जल्द समाधान कराने का आश्वासन दिया। इस मौके पर उनके मीडिया कॉर्डिनेटर धीरज अग्रवाल, नगर निगम पार्षद ओमवत्ती देवी, दीपक राघव, प्रतीक माथुर आदि लोग मौजूद रहे।



गैंगस्टर एक्ट का वांछित आरोपी गिरफ्तार, कब्जे से अवैध असलाह बरामद


अतुल त्यागी
हापुड़। गौकशी के मामले में गैंगस्टर एक्ट के वांछित आरोपी को चैकिंग के दौरान हापुड़ नगर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से अवैध असलाह बरामद हुआ।
कोतवाली हापुड़ नगर निरीक्षक सुबोध कुमार सक्सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि क्षेत्राधिकारी नगर हापुड़ के नेतृत्व में वांछित चल रहे अपराधियों की धरपकड़ हेतु उनि सरवन गौतम प्रभारी क्राइम डिटेक्शन टीम द्वारा तीन माह से भी अधिक समय से वांछित चल रहे गैंगेस्टर एक्ट का आरोपी नदीम पुत्र अब्दुल रशीद निवासी मोहल्ला नवाजोपुरा थाना हापुड़ नगर जिला हापुड़ को मोती कॉलोनी गंदे नाले की पुलिया हापुड़ से गिरफ्तार किया गया जो
किसी अपराधिक घटना को अंजाम देने की फिराक में घूम रहा था। उक्त आरोपी की तलाशी के दौरान एक तमंचा व एक जिंदा कारतूस भी बरामद हुआ।


राष्ट्रीय सैनिक संस्था व पूर्व सैनिक संघ की हुई बैठक, जताया दुःख


अतुल त्यागी
हापुड़। राष्ट्रीय सैनिक संस्था व पूर्व सैनिक संघ की संयुक्त बैठक बाबूगढ़ छावनी स्थित सूबेदार रतन पाल सिंह के आवास पर हुई जिसकी अध्यक्षता कैप्टन उदय वीर सिंह व संचालन पूर्व वायु सेनाधिकारी एवं अध्यक्ष प0उ0प्र0 राष्ट्रीय सैनिक संस्था मनवीर सिंह द्वारा किया गया। 
सभा मे दु:ख व्यक्त करते हुए कहा गया कि देश मे पूर्व सैनिकों/किसानों व पत्रकारों पर आए दिन हमले हो रहे हैं व उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन इस विषय में उदासीन है। हाल में उत्तर प्रदेश में पत्रकारों का कत्ल,हरियाणा के पीपली में किसानों पर लाठीचार्ज,महाराष्ट्र व नोएडा में
पूर्व सेनाधिकारी व वायु सेनाधिकारी पर हमला ज्वलंत उदाहरण है। पूर्व सैनिक इस प्रकार के किसी भी कृत्य की निंदा करते हैं तथा सरकार व प्रशासन को चेतावनी देते हैं कि भविष्य में अगर इस प्रकार की कोई घटना होती है तो पूर्व सैनिक शांत नहीं रहेंगे व शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।
बैठक में उपस्थित वायु सेना अधिकारी मनवीर सिंह, सूबेदार एसबी सिंह, चमन सिंह, चंद्रवीर सिंह, किरण पाल, राजेश, गोपीचंद, कप्तान सिंह व ओमकारा आदि उपस्थित रहे।


श्री राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा ने फूंका उद्धव ठाकरे और संजय राउत का पुतला


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
रांची। फिरायालाल चौक पर श्री राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के संथापक एवम राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री देवेंद्र सिंह राणा के निर्देश पर, क्षत्रिय प्रतिनिधि महासभा के संरक्षक श्री ललन सिंह एवम प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह उर्फ बिनु सिंह जी के संयुक्त नेतृत्व में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना नेता संजय राउत का पुतला दहन किया गया।
 पद्म श्री से सम्मानित अभिनेत्री कंगना राणावत , जो अपने स्वतंत्र विचारों के लिए जानी जाती हैं उन पर अवैध तरीके से, अलोकतांत्रिक तरीके से अन्याय पूर्ण कार्यवाही करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने विगत दिनों उनके कार्यालय पर बुलडोजर चलाया और अभी झूठे केस में फंसाने की तैयारी की जा रही है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कंगना राणावत पर पर बहुत ही अभद्र टिप्पणी की थी, जो कि महिला अधिकार, सम्मान के लिए बाधक है।



यह एक अकेली महिला पर अन्याय करने जैसा है और यह तरीका लोकतांत्रिक नहीं है संवैधानिक नहीं है इसी के विरोध में श्री राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा,झारखंड के द्वारा फिरायालाल चौक पर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का पुतला जलाया गया।
इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री विनय कुमार सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी राणा चन्दन सिंह, मनीष सिंह,कमलेश सिंह,पंकज सिंह, सहित विभिन्न संगठनों के सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे।
रांची। फिरायालाल चौक पर श्री राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा के संथापक एवम राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री देवेंद्र सिंह राणा के निर्देश पर, क्षत्रिय प्रतिनिधि महासभा के संरक्षक श्री ललन सिंह एवम प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह उर्फ बिनु सिंह जी के संयुक्त नेतृत्व में उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री महाराष्ट्र सरकार और शिवसेना नेता संजय राउत का पुतला दहन किया गया।
 पद्म श्री से सम्मानित अभिनेत्री कंगना राणावत , जो अपने स्वतंत्र विचारों के लिए जानी जाती हैं उन पर अवैध तरीके से, अलोकतांत्रिक तरीके से अन्याय पूर्ण कार्यवाही करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने विगत दिनों उनके कार्यालय पर बुलडोजर चलाया और अभी झूठे केस में फंसाने की तैयारी की जा रही है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने भी कंगना राणावत पर पर बहुत ही अभद्र टिप्पणी की थी, जो कि महिला अधिकार, सम्मान के लिए बाधक है।
यह एक अकेली महिला पर अन्याय करने जैसा है और यह तरीका लोकतांत्रिक नहीं है संवैधानिक नहीं है इसी के विरोध में श्री राष्ट्रीय क्षत्रिय महासभा,झारखंड के द्वारा फिरायालाल चौक पर महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का पुतला जलाया गया।
इस अवसर पर प्रदेश संगठन मंत्री विनय कुमार सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी राणा चन्दन सिंह, मनीष सिंह,कमलेश सिंह,पंकज सिंह, सहित विभिन्न संगठनों के सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे।


संसदीय राजभाषा समिति की दूसरी उप समिति द्वारा एनटीपीसी दादरी का हुआ निरीक्षण

धनसिंह—समीक्षा न्यूज
दादरी। संसदीय राजभाषा समिति की दूसरी उप समिति के माननीय सांसदों एवं अधिकारियों द्वारा 12 सितंबर, 2020 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन नीति के कार्यान्वयन और प्रगति का निरीक्षण किया गया । 
इस अवसर पर उप समिति के उपाध्यक्ष एवं माननीय सांसद श्री भर्तहरि महताब ने राजभाषा नीति के समुचित अनुपालन एवं हिन्दी के उत्तरोत्तर प्रयोग की दिशा में एनटीपीसी दादरी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की । समिति में माननीय सांसद श्री प्रदीप टम्टा, श्री बालू माऊ धानरोकर उर्फ सुरेश नारायण, श्री मनोज तिवारी, श्री दुर्गा दास उईके सहित समिति के सचिव श्री गोपी चन्द्र छावनिया एवं अवर सचिव डॉ.आर. एल. मीना की गरिमामयी उपस्थिति रही।  माननीय सांसद श्री सुशील कुमार गुप्ता एवं माननीया सांसद श्रीमती रंजनबेन  धनंजय भट्ट  निरीक्षण बैठक  में  वर्चुअल प्लेटफॉर्म के माध्यम  से जुडे़ ।
निरीक्षण बैठक में समिति के माननीय सदस्यों ने अपने बहुमूल्य सुझावों से राजभाषा नीति के अनुपालन और कार्यालय के काम काज में हिन्दी के निरंतर प्रयोग को प्रोत्साहित करने के लिए कुशल मार्गदर्शन किया। संसदीय राजभाषा समिति ने एनटीपीसी दादरी के राजभाषा कार्यों का सफल निरीक्षण और समीक्षा करने के उपरांत एनटीपीसी दादरी प्रबंधन की सराहना की और प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर माननीय समिति सदस्यों ने प्रदर्शित  राजभाषा रिकॉर्ड,उपलब्धियों एवं पुरस्कारों का अवलोकन भी किया।



उप समिति के निरीक्षण के दौरान  एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (डीबीएफ) श्री के के सिंह, केन्द्रीय कार्यालय से कार्यकारी निदेशक (मानव संसाधन) श्री ए. एन.वर्मा, समूह महाप्रबंधक (दादरी) श्री सी.शिवकुमार, अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन) ,श्रीमती विजय लक्ष्मी मुरलीधरन, उप प्रबन्धक (राजभाषा) श्री आलोक अधिकारी सहित केन्द्रीय कार्यालय और विद्युत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे । समूह महाप्रबंधक (दादरी) श्री सी. शिवकुमार ने उप समिति के सदस्यों को एनटीपीसी दादरी  में राजभाषा नीति के अनुपालन में राजभाषा प्रगति एवं गतिविधियों से अवगत कराया। 
इस दौरान संसदीय राजभाषा समिति द्वारा एनटीपीसी दादरी सहित वैट्रीनरी काउंसिल ऑफ इंडिया (नई दिल्ली), नेशनल टेस्ट हाउस (गाजियाबाद), नेशनल को.ओपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (नई दिल्ली) तथा एनिमल क्वारंटाइन एंड सर्टिफिकेशन सर्विसेज (नई दिल्ली) कार्यालयों का निरीक्षण भी किया गया । संसदीय राजभाषा समिति द्वारा निरीक्षण के आयोजन का कुशल समन्वय एनटीपीसी दादरी द्वारा किया गया ।


पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी ने नारियल तोड़कर किया विकास कार्य का शिलान्यास


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। वार्ड- 76, शिवानी गौरव सोलंकी निगम पार्षद, वैशाली-गाजियाबाद में सेक्टर 3ए के 76 वर्षीय बुजुर्ग रामपाल सिंह व पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी ने नारियल तोड़कर विकास कार्य का शिलान्यास किया।
पार्षद जी ने बताया कि मेयर आशा शर्मा जी के विशेष आशीर्वाद व पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी जी के कोटे से सेक्टर 3ए में मकान संख्या 48/1 से मकान संख्या 200 तक की श्रतिग्रशत सड़क का निर्माण व नालियों का सुधार कार्य एवं साइडपटरियों का इंटर्लॉकिंग टाइल्स द्वारा निर्माण के कार्य का शुभारम्भ सम्मानित निवासियों की मोजूदगी में हुआ। 
इस मौक़े पर गौरव सोलंकी जी के साथ भाजपा बूथ अध्यक्ष श्रीमती राखी गर्ग जी, श्रीमती दीप्ति जी, श्री अग्रवाल जी, श्री दिनेश सिंह जी, श्री चड्डा जी, श्री प्रदीप सोम जी,, श्री बृजमोहन जी, श्री श्याम कनौजिया जी, श्री मोहित माथुर जी, श्री एससी शर्मा, श्री अमरनाथ जी, श्री पंकज सिंह जी, नवीन चौहान, सुरेंद्र यादव, श्री केके गोयल जी, जगदीश प्रसाद, राकेश पाल जी, आशीष पाण्डेय, मोनू घंशेला आदि निवासीगण उपस्थित रहे।



दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है जनता की सस्याओं को सुनकर हल करना: गौरव सोलंकी


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। वार्ड- 76, वैशाली में शिवानी गौरव सोलंकी के पति गौरव सोलंकी की  दैनिक दिनचर्या के हिस्से में शामिल है वार्ड में जगह जगह जाकर आमजन की समस्याओं को सुनना और उनका निदान करना अथवा करनवा वे विभिन्न गालियों में जाकर जनता दर्शन करते हैं। इसी के मद्देनजर वे सेक्टर 3ए की पीएनबी रोड वेल्फ़ेर सोसाइटी के सम्मानित निवासियों के साथ तात्कालिक निस्तारण योग्य समस्याओं का हल करते हुए व शेष बची समस्याओं को सुनकर हल निकालने का प्रयास किया।


विधायक द्वारा सिंचाई विभाग की बैठक के बाद तैयार किया गया है लोनी के बॉर्डर क्षेत्र के विकास का नक्शा


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
लोनी। रविवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सिंचाई एवं जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह को लोनी के बॉर्डर क्षेत्र से गुजरने वाली बेहटा नहर (EYC) के पक्कीकरण और सौंदर्यीकरण हेतु निर्मित की गई डीपीआर की स्वीकृति के लिए पत्र लिखकर निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए कहा है।
साथ ही विधायक ने अधीक्षण अभियंता यमुना ओखला, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, अधीक्षण अभियंता, ड्रेेनेज मंडल, गाजियाबाद, अधीशासी अभियंता सिंचाई निर्माण खंड, गाजियाबाद को भी  तत्काल डीपीआर की स्वीकृति हेतु निश्चित एक सप्ताह की समयावधि में आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के लिए कहा है।



विधायक ने पत्र में कहा पक्कीकरण से लोनी के लिए बायपास का काम करेगी बेहटा नहर मार्ग, रुकेंगे हादसे, सुधरेगा जीवनस्तर:
विधायक ने सिंचाई मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि विधानसभा लोनी में बेहटा हाजीपुर नहर (पूर्वी यमुना नहर बड़ौत) लोनी के दोनों तरफ घनी आबादी वाला क्षेत्र है जिसमें करीब नगरपालिका परिषद् लोनी के 15 से अधिक वार्ड में रहने वाले लाखों लोग निवास करते है। वर्तमान में नहर एक बड़े नाले का रूप ले चुकी है जिस कारणवश नहर के दोनों तरफ रहने वाले लाखों लोगों का जीवन यापन तक दुर्भर होे गया है। नाले में परवर्तित हो चुकी नहर के दोनों तरफ बिना पक्कीकरण के मार्ग एवं खुले हुए नाले के कारण अक्सर छोटे बच्चों के डूबने और कई बार गाड़ियों के गिरने से दुखद हादसे में दर्जनों लोग अबतक जान गंवा चुके है। साथ ही अवगत कराना है कि यह मार्ग दिल्ली और गाजियाबाद जाने के लिए बायपास का भी काम करता है। मार्ग के पक्कीकरण एवं सौंदर्यीकरण होने से यह मार्ग क्षेत्र के लिए बायपास का कार्य करेगा और मुख्य मार्गो से जाम का दबाव भी कम होगा जिससे लाखों लोगों का आवागमन भी सुगम होगा। 


विधायक ने कहा बेहटा नहर के पक्कीकरण से बहुरेंगे लोनी बॉर्डर क्षेत्रों के दर्जनों वार्डों के दिन, विकास को मिलेगी नई रफ्तार:
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने बताया कि देश की आज़ादी के बाद से ही  इस महत्वपूर्ण कार्य की मांग लोनी बॉर्डर क्षेत्र की सैकड़ों कॉलोनी के लाखों लोग कर रहे थे जो नाले में तब्दील हो चुकी नहर के कारण विभिन्न तरीके की समस्याओं का सामना कर रहे थे। इसका ध्यान रखते हुए हमने सिंचाई विभाग के अधिकारियों के साथ कॉरोना से पूर्व  बैठक कर डीपीआर बनाने के लिए कहा था। डीपीआर तैयार की जा चुकी है। अब स्थिति पुनः सामान्य हो रही है तो हमने पुनः इस कार्य में तेजी लाने का कार्य शुरू कर दिया है। इससे हमारे नगर पालिका क्षेत्र के दर्जनों वार्डों को फायदा पहुंचेगा और लोनी के विकास को नई रफ्तार मिलेगी।



11 कऱोड की लागत से नहर के लाइनिंग और सौंदर्यीकरण से दर्जनों वार्ड और इन कॉलोनियों को पहुंचेगा लाभ:
अनुमानित 6 करोड़ की लागत से बंथला नहर से गोकलपुर तक पक्कीकण (लाइनिंग) व 5 करोड़ की लागत से नहर की दोनों तरफ दीवार एवं जाल लगाने हेतु डीपीआर तैयार की गई है। इससे करीब नहर के दोनों तरफ बसने वाले करीब 15 वार्डों की सैकड़ों कॉलोनियों को फायदा होगा जिसमें बेहटा गांव, सोसाइटी, उत्तरांचल कॉलोनी, विकास कुंज, गुलाब वाटिका, संगम विहार, शिव वाटिका क्षेत्रों को फायदा पहुंचेगा और दिल्ली गाजियाबाद के बीच यात्रा भी सुगम होगी।