Sunday 20 September 2020

स्वस्थ शरीर के लिये आवश्यक है व्यायाम: मनोज धामा


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
लोनी। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा ने राणप गांव मे किया जिम का उद्घाटन ।
इस अवसर पर उपस्थित मातृ शक्ति ने मनोज धामा का टीका लगाकर एवं फूल-माला पहनाकर  स्वागत किया ।
मनोज धामा ने जिम ( THE KING FITNESS POINT)  का रिबन काटकर उद्घाटन किया तथा जिम संचालक राजेश प्रताप को शुभकामनाएं दी ।
इस अवसर पर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि व्यायाम करना आज की भागदौड़ भरी दिनचर्या मे कितना आवश्यक हो गया है शरीर को स्वस्थ रखना प्रत्येक व्यक्ति के लिये बेहद आवश्यक है । 
हम सभी ने अपने जीवन को इतना व्यस्त कर लिया है कि अपने शरीर पर ध्यान ही नही दे पा रहे हैं ना ही भागदौड भरे जीवन मे इतना समय है कि हम एक्सरसाइज कर सके जिसको कारण हम युवावस्था मे ही ना-ना प्रकार की बिमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं मोटापा, रक्तचाप, मधुमेह इन बिमारियों ने शरीरों को जकड लिया है जिस कारण व्यक्ति की औसत आयु भी कम हो रही है । 
आज की युवा पीढ़ी मे एक्सरसाइज को लेकर बढते रुझान को देखकर मुझे बेहद प्रसन्नता होती है कि युवा शक्ति नशा पत्ती से दूर होकर अपने शरीर को चुस्त दुरुस्त रखने के लिये घंटों जिम मे पसीना बहा रहे हैं ये अच्छा संकेत है । 
मनोज धामा ने युवा पीढ़ी को जागरूक करते हुये कहा कि हम सभी को अपने शरीर को अच्छा बनाने के लिये नियमित रूप से अच्छी एक्सरसाइज करनी चाहिए तथा धैर्य के साथ संबे समय तक मेहनत करनी चाहिए ताकि शरीर को मनचाहा आकार मिल सके । लेकिन कुछ युवा जानकारी के अभाव मे या बहकावे मे आकर जल्द शरीर बनाने के लिये विभिन्न प्रकार कै स्टेरॉयड का सेवन करते हैं जो कि कभी कभी शरीर के लिये घातक सिद्ध होता है इसलिये प्रयास करे कि किसी भी प्रकार के स्टेरॉयड का सेवन ना करे शरीर के साथ मेहनत करे तथा धैर्य के साथ लगे रहे ।
इस अवसर पर राजेश प्रताप, दीपक पीलवान गुर्जर,मोनू गुर्जर, कपिल गुर्जर, मोहित प्रजापति,नीरज प्रजापति, अरूण, मनोज कटारिया, सचिन प्रजापति ,अजय सहित सैकड़ों की संख्या मे युवा उपस्थित रहे ।



साभार: शोभित मलिक


सेवा सप्ताह के दौरान पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। रविवार को नेहरू नगर सेकंड ब्लॉक में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिवस के अवसर पर सेवा सप्ताह में पौधारोपण का कार्यक्रम किया गया जिसमें नीम पीपल और औषधियों के पौधे रोपित किए गए कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि श्री रमेश चंद तोमर पूर्व सांसद और अतिथि पार्षद राजेंद्र तितोरिया क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी किसान मोर्चा सौरभ जायसवाल रहे कार्यक्रम का संयोजन सोनू सिंघल द्वारा किया गया पौधारोपण में नेहरू नगर के स्थानीय लोग भी मौजूद रहे।
साभार: सौरभ जायसवाल


ब्राह्मण पंचायत आयोजित


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। भगवान परशुराम वंशज कुल ब्राह्मणों का हुआ संगम एक स्वर में सभी ब्राह्मणों ने अपने आप को भगवान परशुराम वंशज कुल ब्राह्मणों की मान मर्यादा को जीवित रखने के लिए कहां धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणास्रोत भगवान परशुराम महर्षि थे तथा उच्च संस्कृति के प्रतिनिधि भी थे और बलि, भयंकर ,दुर्जेय, प्रतापी, और दृढ़ विजेता थे ।इस वीर जामदगगेय से इतनी प्रभावित हुई कि अनेक गुण लक्षण और पराक्रम के प्रयायवाची परशुराम बन गये। उन्होंने पृथ्वी को 21 बार राक्षसी वृत्ति के क्षत्रियों से विहीन किया और समस्त वसुंधरा यज्ञ के समय दान में दे डाली ।धर्म की रक्षा के लिए प्रेरणा स्रोत भगवान परशुराम का स्मरण कर  यहां का ब्राह्मण वर्ग अपने आपको गौरवान्वित अनुभव करता है  परंतु क्या अपने प्रेरणास्रोत भगवान परशुराम जैसा तेज और त्याग आज  इनमें कहीं है  क्या अपने बच्चों में ऐसे संस्कार पुल पल्लवित करते हैं जो  उस ऋषि कुल परंपरा में हो ।हम यज्ञ  और अनुष्ठान भूल गए हैं । यज्ञोपवीत की तेजस्विता हमसे लुप्त हो गई है  हो भी क्यों न   हम यगोपवित धारण ही नहीं करते । शनेःशनेः  दूर भाग रहे हैं ।हम अपने तेजस्वी धार्मिक कर्तव्ययो से ।हमारे  भगवान परशुराम का नाम लेकर राजनैतिक बाजार में हमारी भावनाओं का दोहन कर रहे है ।कारण स्वयं उनमे तेजस्विता के संस्कार नहीं है।  कुछ ब्राह्मण नेता जाति के नाम को भुनाते हैं, परंतु जब जब अवसर आया ब्राह्मणों के हितों की रक्षा का तब तब उन्होंने ब्राह्मण विरोधी कार्य किए हैं। ऐसे अनेक दलाल मिल जाएंगे जो संस्कारहीन होकर भी अपने स्वार्थ के लिए ब्राह्मणों के नाम पर अपनी रोटी सेक रहे हैं।



हमें प्रण नहीं करना चाहिए कि श्रेष्ठजनों पर जो दमनचक्र चल रहा है हम उनकी रक्षा के लिए उसी तरह से आगे आएं जैसे भगवान परशुराम आए थे। परंतु सत्ता के उन दलालों से सावधान रहने की आवश्यकता है जो ब्राह्मण का मुखौटा लगाकर ब्राह्मणों से ही ठगी कर रहे हैं। स्मरण  संस्कार रखिए हममे कुछ संस्कार शेष हैं चाहे कितने  ही मिथ्या प्रचार बाण चलाएं ये संस्कारहीन राक्षसी वृत्ति के लोग। परंतु हमारा शाश्वत, निरंतर  उद्घोष भगवान परशुराम की तरह दिग दिगंत मे  उद्घोषित रहेगा ।जो प्राणी अपने स्वार्थ के लिए सब को मिटाना चाहता है कि मैं सुखी रहू ,संसार चाहे रसातल में चला जाए ,वही असुर है तथा अपने को जो कष्ट पहुंचाकर भी दूसरों का हित करता है वही देव है ।निजी स्वार्थ के लिए दूसरों का अहित करने वाला ही असुर है तथा दूसरों के लिए कष्ट सहकर भी सहायता करने वाला ही देव है ।अपने स्वार्थवस दूसरों को मारने वाला ही असुर है। अरे  ब्राह्मणों उठो जागो एक साथ चलो, एक साथ बोलो हम सबका एक मन हो, एक आवाज हो, ये वाक्य हजारों वर्ष पहले हमारे ऋषि-मुनियों ने वेदों में समुद्घोष किया था। संभवत आज के कलिकाल के संरक्षक  ईर्ष्या  द्वेष कालुस , मालिनय, कट्टरवाद राजनेतिक नेताओं की उठापटक देखते हुए वेद मुनियों के माध्यम से आगामी समय के बारे में चेताया था अन्यथा ब्राह्मणों के ब्रह्मत्व,अस्तित्व एवं अस्मिता पर गहरा कुठाराघात किया जाएगा ।अतः हम सभी ब्राह्मणों को एकता सूत्र में  आबध होना होगा। अन्यथा जातिगत आरक्षण राजनेताओं की सत्तालोलुपता का जाति विद्वेष हम सभी ब्राह्मण विभूतियों में, फूट डालो राज करो की नीति अनुसरण करते हुए एक ब्राह्मण नेता को गोद बैठाना तथा एक को बहिष्कार करने का चक्रव्यूह में फंसा कर हम सभी अपनी फूट वाली राजनीति में उलझ कर  निरंतर सत्ता का उपयोग करते हुए हम सब को कमजोर करेंगे हमें एकत्रित संगठित नहीं होने देंगे ।अतः समय आ गया है कि हम सब ब्राह्मण समय की नाजुकता  को समझें और एकत्रित एवं सुसंगठित हो जाएं ।इसके लिए हमारा सार्वभौमिक, सार्वदेशिक एक मंच हो, एक नेता हो। वह जो आवाज दे हम उसके साथ एक आवाज में खड़े हो। यदि अब भी हम न चेते तो। दैवों दुरबल घातक अर्थात भाग्य दुबलों को ही मारता है ।यह उक्ति हम ब्राह्मणों पर चरितार्थ होगी ।बीके शर्मा हनुमान ने कहा कि ।,अर्जितः पूजितो  विप्रो गौरिव सीदति। जिस ब्राह्मण की पूजा, प्रतिष्ठा तथा सम्मान किया जाता है, वह दुही हुई गो की तरह सूख जाता है ।हमारा  शास्त्र पुकार पुकार कर कह रहा है कि हमें हमारे समाज को कभी विचलित नहीं होना चाहिए ।



हमारा इतिहास त्याग और तपस्या का इतिहास है। हम तुछ संसासारिक कार्यों के लिए उत्पन्न नहीं हुए, अपितु अपने प्रकाश से दूसरे को प्रकाशित करते रहने के लिए हमने जन्म लिया है। दृढ़ प्रतिज्ञ होकर अपने धर्म ध्वज को फैलाते हुए अपने समाज को उन्नति के सोपान पर ले जाना है, तो सबको मिलकर अपनी आभा मंडल पर फैले भ्रम, जाल आवरण को खंडित करना होगा आज ब्राह्मण पंचायत में मुख्य बिंदु नंबर 1 फेसबुक व्हाट्सएप पर ब्राह्मणों व अन्य सामाजिक व्यक्तियों द्वारा अंदर विचार नंबर2  बिना सिर पैर की राजनीति का अखाड़ा बनाना नंबर 3 ब्राह्मणों पर होने वाले कटाक्ष नंबर 4 ब्राह्मणों में एकता देश का बढ़ना तथा आपसी सद्भाव एवं प्रेम की कमी नंबर 5 ब्राह्मणों की युवा पीढ़ी का दिशाहीन होना नंबर 6 समाज वह सरकार द्वारा ब्राह्मण की उपेक्षा व अनदेखी आदि आज पंचायत में पंच के रूप में पंडित बालकिशन शर्मा पंडित प्रमोद शर्मा पंडित आर डी शर्मा पंडित के के शर्मा पंडित नानक चंद शर्मा पंडित राकेश शर्मा पंडित अशोक भारतीय  अध्यक्षता आचार्य मनीष शर्मा मंच का संचालन वेब पंचायत का आयोजक बीके शर्मा हनुमान ने किया  ब्राह्मण पंचायत में पंडित श्री भगवान  ने सभी का आभार प्रकट किया इस अवसर पर सैकड़ों ग्रामीणों की उपस्थिति थी।


किसान विरोधी ऑर्डिनेंस के खिलाफ भारतीय युवा कांग्रेस का सड़कों पर आंदोलन हुआ शुरू


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। किसान विरोधी ऑर्डिनेंस पास होने के बाद देश में व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन होना शुरू हो गया है | मोदी सरकार ने इन किसान विरोधी बिलों के खिलाफ देश भर में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बावजूद, लोक सभा में प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स और प्राइस एश्योरेंस और फार्म सर्विसेज बिल पारित किए।सरकार द्वारा लाए गए ये कानून हरित क्रांति के उद्देश्य को पराजित करते हैं और खेती के भविष्य के लिए एक मौत की घंटी होगी और मोदी सरकार किसान को नष्ट करने के लिए नरक में लेकर जा रही है और मुट्ठी भर पूंजीपतियों के लिए किसानों पर वार कर रही है।  मंडी प्रणाली को समाप्त करने से लाखों मजदूरों, कमीशन एजेंटों, मुनीम, लोडर, ट्रांसपोर्टर्स, विक्रेताओं आदि की रोटी और जीविका के साधन छिन जाएंगे। अनाज मंडी-सब्जी मंडी यानी एपीएमसी की व्यवस्था को समाप्त कर दिया जाएगा।  कृषि उपज खरीद प्रणाली।  ऐसे परिदृश्य में, किसानों को बाजार मूल्य के अनुसार न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और न ही उनकी फसल का मूल्य। दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ अनिल कुमार मीणा ने  बताया कि भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास के नेतृत्व में युवा कांग्रेस द्वारा देश के कोने कोने में किसान विरोधी बिल का विरोध करने के लिए मोर्चा खोल दिया है |   नरेंद्र मोदी  लच्छेदार भाषणों से देश के लोगों को लोक लुभावनी बातों में  उलझा कर रखता है लेकिन जमीनी धरातल पर देखे तो उनकी सरकारी नीतियों में समाज का शोषण छुपा हुआ है| इससे पहले भी किसानों को अनेक तरीके वादे किए गए लेकिन आज उन तमाम नीतियों में शोषण व्यवस्था बलवती होने के कारण किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो गया | मोदी सरकार द्वारा किसानों के लिए संसद में जो वादा किया था वो पूरा कर दे तो किसान इस कृषि बिल का समर्थन कर देंगे| जैसे 2022 तक किसानों की आय दुगनी कर देने के लिए कहा था लेकिन 2014 मे किसानों की आय 6500₹ महीना थी, आज 1400₹ महीना | इन्फ्लेशन जोड़ देंगे तो 2022 तक ये आय 1000₹ महीने से नीचे रहेगी |  वादे में उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में किसी भी किसान को आत्महत्या नहीं करने दूंगा ऐसी व्यवस्था स्थापित कर दूंगा लेकिन किसानों की आत्महत्या बढ़ गई इस पर सरकार का कोई जवाब नहीं है| चुनावी रैलियों में उन्होंने कहा था कि खाद, बीज, पानी, बिजली वगैरह किसानों को मुफ्त दूंगा| 6 साल में क्या किया? किसानी में लागत बढ़ गई |



भाषणों में कहा था कि कृषि में 25 लाख करोड़ का सरकारी निवेश होगा| किसानों के लिए यह वादे पूरे होते तो आज भी आत्महत्या करने के लिए मजबूर नहीं होते | फिलहाल मोदी सरकार द्वारा किसान विरोधी ऑर्डिनेंस संसद में पास कर दिया है | जिसमें कृषि बिल में मूलभूत मुद्दों पर एक शब्द भी नही है | भारत मे किसानों की समस्या पर सरकार को जानकारी होने के बावजूद भी वह गैर जिम्मेदाराना सौतेला व्यवहार कर रही है | 62 करोड़ किसान और खेतिहर मजदूर भारत भर में आंदोलन कर रहे हैं | 250 से अधिक किसान संगठन भूख हड़ताल पर हैं | इस देशव्यापी बिल के खिलाफ भारत के किसान एकता के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं | लेकिन सरकार ने संसद और संसद के अंदर किसानों की आवाज बंद करने का काम किया। भाजपा शासित राज्यों में प्रदर्शनकारी कृषक समुदाय बेरहमी से पिट रहे हैं। डॉ अनिल मीणा ने कहा कि   सरकार अपने पूंजीपति उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के चक्कर में देश के  अन्नदाता ऊपर पुलिस प्रशासन के माध्यम से लाठीचार्ज करवा कर दमन कर रही है| देश का पालन पोषण करने वाला किसान मोदी सरकार की दमनकारी नीतियों से डरने वाला नहीं है| भारतीय युवा कांग्रेस किसान विरोधी ऑर्डिनेंस का विरोध करने के लिए किसानों के संघर्ष के साथ भागीदार बना रहेगा जब तक सरकार  इस बिल को वापस नहीं ले लेती |
 डॉ. अनिल कुमार मीणा 
प्रभारी दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस


आर्य समाज हापुड़ का ऑनलाइन साप्ताहिक सत्संग सम्पन्न


आनन्द प्राप्ति परमात्मा के सानिध्य से संभव ---धर्मेंन्द्र शास्त्री
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
हापुड़। आर्य समाज हापुड़ का साप्ताहिक सत्संग श्री नरेन्द्र आर्य की अध्यक्षता में आनन्द प्राप्ति के उपाय विषय पर हर्षोल्लास के साथ संम्पन्न हुआ।
हापुड़ आर्य समाज के पुरोहित श्री धर्मेन्द्र शास्त्री ने गायत्री मंत्र व ईश्वर स्तुति प्रार्थना से सत्र को प्रारम्भ किया।आपने कहा कि आज के व्यस्त जीवन मे हम आनंद की खोज में भटकते रहते हैं।वेद के अनुसार यदि हम अपने अंतः करण से काम,क्रोध,लोभ को दूर करने का प्रयत्न धीरे धीरे अभ्यास कर करने लगे तो हंमे आनंद की अनुभूति होने लगेगी।जो व्यक्ति राग,द्वेष से दूर होकर अपनी इंद्रियों को वश में रखकर अंतःकरण को शुद्ध करके संसार मे विचरते हुए भी आनंद को प्राप्त कर सकता है।व्यक्ति भोग विलास में रहकर दुःखो से दूर नही हो सकता है इसके लिए हमें अपने गृहस्थ जीवन मे रहकर अपने कर्तव्य का पालन करते हुए सत्यता पूर्वक शुद्ध आचरण करके आनंद को प्राप्त कर सकते हैं।जरूरी नही है कि संसार से भागकर जंगल मे जाकर तपस्या ही तपस्या,साधना करके आनंद की खोज करें।महर्षि दयानंद सरस्वती इसके अनुपम उदाहरण है,जिन्होंने सन्सार में रहकर अनेकों बुराइयो के विरुद्ध संघर्ष किया और ईश्वर की उपासना करके सिद्धि प्राप्त कर परमानंद को भी प्राप्त किया।जिंदगी का महल,आहार,व्यवहार, विचार की मजबूत नींव पर ही टिका है।अतः आनंद को प्राप्त करने के लिए शुद्ध मन से जीवन में पवित्र कर्म करते हुए व ईश्वर की आराधना करते रहना चाहिये,तभी आनन्द की प्राप्ति सम्भव है।
गायिका श्रीमती बिन्दु मदान, वीना आर्या आदि ने ईश्वर भक्ति के गीतों से ऑनलाइन उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
यशस्वी मंत्री अनुपम आर्य ने कार्यक्रम का कुशल संचालन किया व उपस्थिति श्रोताओं का ऑनलाइन उपस्थित रहने पर आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य,ओम प्रकाश आर्य, वीरेन्द्र आर्य,शशि अग्रवाल,पुष्पा आर्या,वीना आर्या,रेखा गोयल, रमाकांत सारस्वत,मायाराम शास्त्री,सोहन लाल आर्य,सतीश अग्रवाल,राकेश शर्मा,विजय गर्ग, आनन्द प्रकाश आर्य आदि उपस्थित रहे।


भवदीय,
प्रवीण आर्य


“सत्संग स्वर्ग और कुसंग नरक है”


किसी भी विषय के प्रायः दो पहलु होते हैं, एक सत्य व दूसरा असत्य। सत्य व असत्य का प्रयोग ईश्वर व जीवात्मा से लेकर सृष्टि के सभी पदार्थों व व्यवहारों में सर्वत्र किया जाता है। ईश्वर निराकार है, यह सत्य है और निराकार नहीं है अथवा साकार है, यह असत्य है। निराकार अर्थात् आकार रहित होने से उसका चित्र व मूर्ति नहीं बन सकती। जिस प्रकार आकाश व वायु की मूर्ति व चित्र नहीं बनाये जाते उसी प्रकार निराकार होने से ईश्वर का चित्र व मूर्ति भी नहीं बन सकती अर्थात् ऐसा होना असम्भव है। यदि कोई मूर्तिकार व तथाकथित विद्वान किसी मूर्ति को बनाकर कहे कि यह ईश्वर की मूर्ति है तो वह असत्य होगा। बुद्धिमान व ज्ञानी लोग इस बात को समझते हैं परन्तु अज्ञानी व भोले लोग इसको न समझकर अन्धपरम्पराओं जो विगत दो या ढाई हजार पहले आरम्भ हुईं, उसी को परम्परा मानकर उसका अनुगमन करते हैं। सत्य को जानना व उसे जीवन में धारण करना ही सत्संग है। असत्य के लिए अधिक पुरुषार्थ व तप करने की आवश्यकता नहीं होती। असत्य अज्ञान की वह अवस्था होती है जिसके लिए मनुष्य को कुछ करना ही नहीं होता। सत्य के लिए अवश्य ही अध्ययन, विद्वानों के उपदेश, सद्ग्रन्थों का स्वाध्याय, विचार व चिन्तन करना होता है। किसी को गुरु बनाते समय यह देखना होता है कि वह वस्तुतः सच्चा ज्ञानी, निर्लोभी व सदाचारी है वा नहीं। आजकल अज्ञानी और छल व कपट से युक्त स्वार्थी व्यक्ति भी स्वयं को गुरु बनाये हुए हैं और अपने छल व कपट से अपने अनुयायियों के जीवन का शोषण कर खिलवाड़ करते हैं। अतः किसी एक व्यक्ति को गुरु कभी नहीं बनाना चाहिये परन्तु गुरु बदलते रहें और जहां जिससे जितना ज्ञान मिले उसे प्राप्त करते रहना चाहिये, यही उचित प्रतीत होता है। संसार में गुरू स्थानीय सत्ता के रूप में परमात्मा सर्वोपरि है और उसके बाद स्वाध्याय के लिए परम प्रमाणित वेद सहित महर्षि दयानन्द व आर्यविद्वानों द्वारा रचे वेदभाष्य व सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थ हैं। इनके द्वारा कोई भी साधारण अक्षरज्ञानी व भाषाज्ञानी व्यक्ति ईश्वर, जीवात्मा व संसार के विषय में सत्य ज्ञान से परिचित हो सकता है।  
आर्य समाज में आचार्य भद्रसेन जी के नाम से एक सच्चे ब्राह्मण, पण्डित व विद्वान हुए हैं। आपने अपने जीवन में स्वामी सर्वदानन्द जी की सहायता व पं. ब्रह्मदत्त जिज्ञासु जी के आचार्यत्व में संस्कृत व वैदिक साहित्य का गहन अध्ययन किया। आप योग के भी आचार्य थे और इसके साथ आर्ष विधि से पुरोहित के रूप में गृहस्थियों के सोलह संस्कार भी कराते थे। आपके एक योग्यतम पुत्र कैप्टेन देवरत्न आर्य हुए हैं जो आर्यजगत् में अत्यन्त यशस्वी व सम्मानित रहे हैं। कैप्टेन देवरत्न आर्य जी ने अपने जीवन में आर्यसमाज के प्रचार प्रसार में उल्लेखनीय योगदान किया। वह सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधी सभा के प्रधान भी रहे। आचार्य भद्रसेन जी ने स्वाध्याय के लिए एक प्रसिद्ध पुस्तक ‘‘प्रभु भक्त दयानन्द तथा उनके आध्यात्मिक उपदेश” लिखी। इसका एक अध्याय सत्संग-कुसंग पर है। इसी के आधार पर हम सत्संग व कुसंग विषयक कुछ प्रसंग व उपदेश पाठकों के लाभार्थ प्रस्तुत कर रहे हैं। ‘योग एवं स्वास्थ्य’ नाम से योग पर भी आचार्य भद्रसेन जी का एक बहुत महत्वपूर्ण ग्रन्थ है तथा अन्य कुछ ग्रन्थ भी उन्हें रचे व प्रकाशित कराये हैं।
आचार्य भद्रसेन जी लिखते हैं कि गृहस्थियों को चाहिये कि वह सत्कारपूर्वक दूरस्थ उत्तम विद्वान अतिथि महानुभावों को सुविधाजनक वाहनों, रथ आदि सवारियों पर बैठा कर उपदेश के लिए अपने निवासों पर लावें और अन्नादि वा स्वादिष्ट भोजन आदि से उनका स्वागत सत्कार करें। (आधार ऋग्वेद भाष्य 5/1/1)
बादल स्वयं छिन्न-भिन्न होकर भी दूसरों का सदा उपकार ही करते हैं। उसी प्रकार से सच्चे विद्वान् दूसरों के अपकार करने से छिन्न-भिन्न होकर भी उनका सदा उपकार ही करते हैं। 
जो लोग उस परमात्मा और आप्त विद्वानजनों को छोड़कर दुष्ट मनुष्यों का संग करते हैं, वे हमेशा दुःखी ही रहते हैं। (आधार ऋग्वेद भाष्य 6/29/8)
जो जन अपवित्र आहार-विहार करनेवाले, विषय-लम्पट, दूसरों की चुगली करनेवाले और असत्पुरुषों का संग करनेवाले हैं, उनको कभी भी विद्या प्राप्त नहीं होती और जो पवित्र आहार-विहार वाले, जितेन्द्रिय, यथार्थ-वक्ता, सत्पुरुषों का संग करनेवाले और पुरुषार्थ-परायण हैं, उनको सब प्रकार की विद्या प्राप्त होती है। ऐसा अवश्य निश्चय जानों। (आधार ऋग्वेद भाष्य 6/28/41)
कभी नास्तिक, लम्पट, विश्वासघाती, मिथ्यावादी, स्वार्थी कपटी, छली आदि दुष्ट मनुष्यों का संग न करंे और जो सत्यवादी, परोपकार-प्रिय आप्त जन हैं, उनका सदा संग करें। (सत्यार्थप्रकाश समुल्लास 10)
परमेश्वर और परमेश्वर के तुल्य धार्मिक विद्वानों के बिना संसार में कोई सब पदार्थों और सब प्रकार के सुखों का देनेवाला और कोई नहीं है। (आधार ऋग्वेद भाष्य 5/20/2)
गृहस्थ स्त्री-पुरुष कार्यकत्र्ता सद्धर्मी, लोकप्रिय, परोपकारी सज्जन, विद्वान् व त्यागी पक्षपातरहित संन्यासी जो सदा विद्या की वृद्धि और सब के कल्याणार्थ वर्तनेवाले हों, उनका नमस्कार, आसन, अन्न, जल, वस्त्र, पात्र, धन आदि के दान से उत्तम प्रकार से यथासामथ्र्य अवश्य सत्कार करें। (सत्यार्थ प्रकाश)
विद्वानों के संग और सेवा से क्या-क्या प्राप्त होता है इसका उल्लेख महर्षि दयानन्द जी ने ऋग्वेद भाष्य के 6/2/2 मन्त्र में किया है। वह लिखते हैं कि जो मनुष्य विद्वानों की सेवा से शुभ गुण, कर्म, स्वभावों को प्रापत करते हैं, वे वृद्धजनों को (अपनी सेवा द्वारा) सुख पहुंचानेवाले दीघार्यु और सुन्दर गृहस्थवाले बनकर शरीर और आत्मा से सदा बलवान् और पुष्ट हो जाते हैं। (ये मनुष्या विद्वत्सेवया शुभ, गुण, कर्म, स्वभावान् प्राप्नुवन्ति ते वृद्धरक्षा चिरंजीविनः सुन्दर गृहाश्च भूत्वा शरीरात्मभ्यां पुष्टा जायन्ते।)।
ऋग्वेद मंत्र 7/15/2 के भाष्य में कहा गया है कि संन्यासी महात्मा हमेशा सर्वत्र भ्रमण करता रहे और गृहस्थ इन्हें (अपने गृह पर बुलाकर) इनका सदैव सत्कार करे तथा इनके सदुपदेशों को ग्रहण करें। 
सत्यप्रिय मनुष्यों को सदैव (वेद के) विद्वानों का सत्कार करना चाहिये। जो सत्य, विद्या और धर्म के प्रकाश करनेवाले, सकल वेदों के ज्ञाता, विद्वान, अध्यापक और उपदेशक जगत् में मनुष्यादिकों को अपने सदुपदेशों द्वारा सब प्रकार से उन्नत करते हैं, वे ही सब प्रकार से सब के द्वारा सत्कार करने योग्य हैं। यजुर्वेद मन्त्र 3/42 में विद्वानों से प्रीति तथा उनका संग करने की शिक्षा देते हुए कहा गया है कि गृहस्थों को सब धार्मिक अतिथि लोगों के वा अतिथि लोगों को गृहस्थों के साथ अत्यन्त प्रीति रखनी चाहिए, किन्तु दुष्टों के साथ नहीं। अतिथि विद्वानों के संग से परस्पर वार्तालाप कर विद्या की उन्नति करनी चाहिए। जो परोपकार करनेवाले विद्वान, अतिथि लोग हैं, उनकी सेवा गृहस्थों को निरन्तर करनी चाहिए। 
इन पंक्तियों को लिखते हुए हमें एक प्रेरणादायक घटना स्मरण हो आयी है। आर्यसमाज के एक प्रसिद्ध संन्यासी, महात्मा व अनेक गुरुकुलों के संचालक पिछले दिनों देहरादून आये हुए थे। उन्हें पता चला कि एक आर्यविद्वान की धर्मपत्नी किसी अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती हैं। उनके शिष्य अस्पताल पहुंचें और रोग की स्थिति आदि का पता किया और कहा कि धन की चिन्ता न करें। कुछ सहस्र रूपये भी हमारी उपस्थिति में उन्होंने प्रदान किये। कुछ कारणों से अस्पताल में उचित चिकित्सा न होने के कारण एक अन्य प्राइवेट नर्सिंग होम में ले जाकर उनका आपरेशन कराया गया। वहां अगले दिन स्वामीजी पहुंचे और उनका हाल पूछकर उन्हें चिकित्सा सहायतार्थ बिना मांगे ही कुछ सहस्र रूपये देवीजी के हाथ में अपने आशीर्वाद सहित प्रदान किये। इससे लगभग 15 वर्ष पूर्व भी एक बार उन्होंने कैन्सर से पीड़ित हमारे एक आर्य विद्वान मित्र के परिवार को दिल्ली के पंत चिकित्सालय में पहुंचकर एक लाख रूपयों की धनराशि प्रदान करते हुए उनकी धर्मपत्नी को उनकी चिकित्सा किसी अच्छे चिकित्सक वा चिकित्सालय में कराने को कहा था और आश्वासन दिया था कि उनसे जो हो सकेगा, वह और सहायता करेंगे। हमने इन आर्य विद्वान संन्यासी में वेद वर्णित सभी गुण प्रत्यक्ष देखें और अनुभव किये हैं। वस्तुतः ऐसे विद्वान महात्मा और संन्यासी ही सत्संग, सेवा व सत्कार के पात्र होते हैं। हमारा सौभाग्य है कि हमें इन स्वामीजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। 
यह भी निवेदन है कि आजकल देशभर में कुछ कथावाचक बड़ी बड़ी जनसभायें करते हैं। इनमें सत्य के साथ बड़ी मात्रा में असत्य भी परोसा जाता है जिससे समाज में अन्धविश्वास बढ़ रहे हैं। हम इन्हें सत्संग नहीं मानते और वस्तुतः यह सत्संग हैं भी नहीं। जो विचार वेदों से प्रमाणित हैं, वही सत्संग की कोटि में आते हैं अन्यथा वह कुसंग ही होते हैं। इन जनसभाओं के विपरीत आर्यसमाज व इसकी संस्थाओं गुरुकुल आदि के अधिवेशनों व समारोहों में होने वाले यज्ञ एवं धार्मिक प्रवचनों को सत्संग कहा जा सकता है क्योंकि यहां सभी बातें वेदों पर आधारित वा वेदों से पुष्ट कही जाती है। हम आशा करते हैं कि सत्संग विषय में जो संक्षिप्त विचार व कथन लेख में प्रस्तुत किये हैं, उनसे पाठकों को लाभ मिलेगा।   
-मनमोहन कुमार आर्य
पताः 196 चुक्खूवाला-2
देहरादून-248001
फोनः09412985121 


 


शिवानी गौरव सोलंकी पार्षद के साथ—साथ हैं एक जागरूक समाजसेवक

धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। सेक्टर 1 की "MERA RWA"  के सम्मानित निवासियों के साथ तात्कालिक निस्तारण योग्य समस्याओं का हल करते हुए व शेष बची समस्याओं को सुनकर हल निकालने का प्रयास करते हुए।



सेक्टर 2E कामना के कुछ सम्मानित निवासियों के साथ तात्कालिक निस्तारण योग्य समस्याओं का हल करते हुए व शेष बची समस्याओं को सुनकर हल निकालने का प्रयास करते हुए।



शिवानी गौरव सोलंकी निगम पार्षद, वैशाली-गाजियाबाद अपनी दैनिक दिनचर्या में अपने वार्ड की गली गली, नुक्कड नुक्कड जाकर सभी की समस्याओं को सुनते हैं और उनकी परेशानियों को समाधान करते हैं।


पार्क के र्सौदर्यकरण के कार्य का पार्षद आनन्द गुप्ता ने किया शुभारम्भ


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। वार्ड—86 के शिव शक्ति पार्क जिसमें 20 वर्षों में कभी कोई काम नही हुआ था आज उसके सौंदर्यकरण के निर्माण कार्य का शुभारम्भ पार्षद आनंद गुप्ता ने स्थानीय निवासी पर्यावरण प्रेमी पंडित शरद शर्मा जी से करवाया। जिसमें मुख्य रूप से निरंजन, मुकेश, प्रवीण, अशोक, देवेंद्र, राजीव, अखिलेश इत्यादि स्थानीय निवासीगण उपस्थित रहे।



ताहिर चौधरी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का धूमधाम से मनाया 70वां जन्मदिन


धनसिंह-समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। साहिबाबाद क्षेत्र स्थित पसौन्डा गांव, टीला मोड, बजीराबाद रोड़ स्थित कार्यालय पर माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ताहिर चौधरी ने केक काटकर व फल वितरित कर जन्मदिन मनाया।
बताते चले कि प्रधानमंत्री जन कल्याण योजना प्रचार प्रसार अभियान के क्षेत्रीय अध्यक्ष प.उ.प्र. (अल्पसंख्यक) ताहिर चौधरी ने केक काटकर प्रधानमंत्री जी का जन्मदिन मनाया और बच्चोें को फल, बिस्कुट आदि खाद्यय सामग्री वितरित की। तदोपरान्त क्षेत्रीय अध्यक्ष ताहिर चौधरी ने उपस्थित लोगों को माननीय प्रधानमंत्री जी की योजनाओं और विकास कार्याें से अवगत कराया। कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखा गया। 
इस अवसर पर मुख्य रूप से चौधरी युनूस, सोयब चौधरी, सुहैल चौधरी, चौधरी यामीन, चौधरी नफीस, चौधरी नासिर समेत बड़ी संख्या में युवा एवं बच्चें उपस्थित रहे।


Saturday 19 September 2020

नकली वाशिंग पाउडर की फैक्ट्री का भंड़ाफोड़


अतुल त्यागी
हापुड़ पश्चिमी उ.प्र. के आसपास के गावों में सप्लाई होनें वालें कपड़ें धोनें वालें वाशिंग पाउडर की एक फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ कर पुलिस ने दो.आरोपियों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में पाउडर की थैलियां बरामद की।
जानकारी के अनुसार बहादुरगढ़ पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गांव पलवाड़ा के मकान में छापा मारकर एक नकली वाशिंग पाउडर बनानें की फैक्ट्री का भंड़ाफोड़ किया।
थाना प्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि पुलिस ने दो.आरोपियों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में नकली वाशिंग पाउडर से भरी थैलियां भी बरामद की।
उन्होंने बताया कि आरोपी मिट्टी व कैमिकल मिलाकर टाईगर एक्शल नाम से नकली वाशिंग पाउडर बनाकर आसपास के गांवों में सप्लाई कर रहे थे।


पूर्व मंत्री के नाम पर साढ़े पांच करोड़ की ठगी


अतुल त्यागी
हापुड़ फैक्टियों के लाईसेंस दिलानें के नाम पर एक व्यापारी से एक सपा नेता ने 5.50 करोड़ की ठगी कर ली। व्यापारी ने सपा नेता पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवाया है। उधर आरोपी ने भी व्यापारी पर धोखाधड़ी व जानलेवा हमलें का मुकदमा दर्ज करवाया हैं।
जानकारी के अनुसार हापुड़ के बुलन्दशहर रोड़ निवासी व व्यापारी हाजी शाहिद की डासना व मुरादाबाद में फैक्टियां हैं। जिसके लाईंसेस व अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए उन्होंने मजीदपुरा निवासी बाबू खां से सम्पर्क किया।
रिपोर्ट के अनुसार बाबूखां ने सपा के तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शाहिद मंजूर से काम करवाने के नाम पर एंडवास 5.50 करोड़ रुपये ठग लिए और काम ना होनें पर वापस रुपये मांगें ,तो टालता रहा।
हाजी शाहिद ने बताया कि मामलें को लेकर दो बार बैठकर फैसला हुआ ,परन्तु बाबूखां ने रूपयें नहीं लौटाएं और पुत्र के अपहरण की धमकी देकर जान से मारनें को कहनें लगा। पुलिस ने बाबूखां के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया है।
उधर बाबूखां ने भी जमीन के कमीशन मांगनें पर 21 अगस्त 20 को मजीदपुरा स्थित मकान पर हाजी शाहिद व चार पांच व्यक्तियों के विरुद्ध घर में घुसकर मारपीट व जानलेवा हमलें की रिपोर्ट दर्ज करवाई हैं।
शहर कोतवाल सुबोध सक्सेना ने बताया कि दोनों मामलों में जांच की जा रही हैं।


देवर ने किया भाभी से हथियार के बल पर बलात्कार


अतुल त्यागी
हापुड़ एक देवर ने रिश्तें को कंलकित करते हुए अपनी सगी भाभी से तंमचें के बल पर बलात्कार कर फरार हो गया। पीड़िता ने पति सहित चार सुसरालियों पर मुकदमा दर्ज करवाया हैं।
जानकारी के अनुसार धौलाना के एक गांव निवासी युवती की शादी धौलाना के गांव नरैना निवासी गुलशन गोल्ड़ से हुई थी। शादी के बाद से ही देवर अंकुश अपनी भाभी पर गलत निगाह रखता था।
गत् दिनों परिजनों के बाहर जानें पर देवर अंकुश ने अपनी भाभी से छेड़खानी शुरु कर दी। विरोध करनें पर देवर ने भाभी से मारपीट कर तंमचें के बल पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए विवाहिता ने पति व देवर सहित चार पर रिपोर्ट दर्ज करवाई हैं।


आत्म निर्भर भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत व्यटीशियन प्रशिक्षण केन्द्र का उद्घाटन


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। आत्म निर्भर भारत के अन्तर्गत युवाओं में विभिन्न प्रकार की दक्षता के लिए प्रशिक्षण दिलाना बहुत ही उत्कृष्ट कार्य है, उक्त विचार आज महिला उन्नति प्रशिक्षण संस्थान मुरादनगर सम्बद्ध नेहरू युवा केन्द्र गाजियाबाद व्दारा आयोजित व्यटीशियन प्रशिक्षण के उद्घाटन कार्यक्रम में नेहरू युवा केन्द्र गाजियाबाद के लेखाकार मुकन्द वल्लभ शर्मा ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
कार्यक्रम में नेहरू युवा केन्द्र के जिला युवा समन्वयक श्री देवेन्द्र कुमार ने कहा कि लडकियों को स्वावलम्बी बनाना महिला सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट प्रयास है। महिला उन्नति प्रशिक्षण संस्थान मुरादनगर की अध्यक्ष श्रीमती दुर्गेश शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण संस्थान पूरे जनपद में विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण संचालित कर महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने का प्रयास कर रहा है।
इस अवसर पर प्रशिक्षण केन्द्र की प्रशिक्षिका श्रीमती पवित्रा चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम का संचालन ब्लाक मुरादनगर की एनवाईवी कु दया ने किया।
इस अवसर पर श्री परविंदर कादियान, तनू श्री, मुस्कान,  उर्वसी, अनु, खुशबू रानी, रेनू और शिवानी एवं सुमित त्यागी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।


सेवा सप्ताह कार्यक्रम के अन्तर्गत संजीव शर्मा के नेतृत्व में किया वृक्षारोपण


अनवार चौधरी—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। भोपुरा मंडल में महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष में सेवा सप्ताह के अंतर्गत वृक्षारोपण किया गया । महानगर अध्यक्ष श्री संजीव शर्मा जी व मंडल अध्यक्ष कुलदीप कसाना, उपाध्यक्ष विपिन डागर ने सिकंदरपुर गांव शिव मंदिर परिसर में, भोपुरा मंडल प्रभारी एवं दर्जा प्राप्त मंत्री आदरणीय श्री बलदेव राज शर्मा जी वह पार्षद हरवीर प्रधान ने पंचशील कॉलोनी में, भाजपा युवा नेता संदीप पाल, पार्षद चतर सिंह प्रजापति, मंडल उपाध्यक्ष उदयवीर भोला ने गगन विहार व कोयल एनक्लेव में वृक्षारोपण किया। वृक्षारोपण में मुख्य रूप से मंडल उपाध्यक्ष बलवंत रावत, राजकुमार चंदेला, महामंत्री वीरेंद्र मिश्रा, मंडल मंत्री स्वीटी शर्मा, गुड्डू पांडे, हरपाल परेवा, सेक्टर संयोजक अनिल कुमार विकास माथुर, अमित कल्याणी, बूथ अध्यक्ष दीपक परेवा, सुबोध चौधरी, जितेंद्र कसाना, मीना चौहान, संजय चौहान, पवन बब्बर, मीडिया प्रभारी आनंद गौतम सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया।



महिला उन्नति संस्था भारत द्वारा प्रधानाचार्य मास्टर वीरेंद्रपाल सिंह राणा को संस्था का संरक्षक मनोनीत


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गौतमबुद्धनगर। ग्रामीण क्षेत्र में महिला एवं बच्चियों की शैक्षिक स्थिति में सुधार हेतु सामाजिक संगठन महिला उन्नति संस्था भारत ने जारचा निवासी और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े जनपद गौतमबुद्धनगर के कलौंदा स्थित वत्सराज स्वतंत्र भारत इंटर कालेज के प्रधानाचार्य मास्टर वीरेंद्रपाल सिंह राणा को संस्था का संरक्षक मनोनीत किया। मास्टर जी को संस्था का संरक्षक मनोनीत किये जाने पर ख़ुशी जताते हुए संस्था के संस्थापक डा राहुल वर्मा ने कहा कि मास्टर जी ने पिछले काफी सालों में शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किये है उनका अनुभव संस्था के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा। इस अवसर पर महासचिव अनिल भाटी, विजय तवर, रवि कुमार, हरेंद्र आनंद और उपेंद्र राणा आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।


पार्षद सरदार सिंह भाटी ने जोनल अधिकारी शिव कुमार गौतम को अतिक्रमण सम्बधिंत विभिन्न बिंदुओं को लेकर दिया ज्ञापन


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
साहिबाबाद। पार्षद श्री सरदार सिंह भाटी के नेतृत्व मे मोहन नगर जोनल अधिकारी शिव कुमार गौतम जी से वार्ड 37, 80 फूट रोड शालीमार गार्डन पर अवैध कबाड़ियों के गोदामो से हो रहे अतिक्रमण सम्भंदित विभिन्न बिंदुओं को लेकर ज्ञापन दिया।
अतिक्रमण को लेकर विचार विमर्श हुआ जिसमे मुख्य रूप से 80 फूटा रोड पर अवैध अतिक्रमण एवं कबाड़ियों के गोदाम, अवैध गाड़ियों की पार्किंग समस्या, अवैध मेटीरियल को मुख्य रूप से रखा गया, जोनल प्रभारी श्री गौतम जी ने इस विषय पर स्वयं संज्ञान लेने का आश्वाशन एवं अतिक्रमण सम्भंदित समस्या का शीघ्रता से समाधान करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने बताया पार्षद सरदार सिंह भाटी ने 80 फूट रोड शालीमार गार्डन साहिबाबाद पर अतिक्रमण होने की गंभीर समस्या बताई है जिसे हम पुलिस बल एवम प्रशानिक अधिकारियो के साथ मिलकर विशेष अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाया जायेगा। इस मोके पर रवि भाटी टीएसी सदस्य संचार मंत्रालय भारत सरकार, कालीचरण पहलवान, कैलाश यादव, सुदीप शर्मा, सोमनाथ चौहान आदि लोग मौजूद रहे।


आर्य समाज का कायाकल्प कैसे हो पर विचार गोष्ठी संम्पन्न

आर्य समाज की संख्या बल से नहीं अपितु सिद्धान्तों की दृढ़ता से पहचान बनी -आचार्य विद्या प्रसाद मिश्र
आर्य समाज सार्वभौमिक संस्था है -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य



धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "आर्य समाज का काया कल्प कैसे हो?" विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी गूगल मीट पर आयोजित की गई।आर्य समाज का वर्तमान समय में योगदान पर चर्चा हुई। कोरोना काल में परिषद का यह 91वां वेबिनार था।
वैदिक विद्वान आचार्य विद्या प्रसाद मिश्र ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने आर्यसमाज की स्थापना ईश्वरीय ज्ञान वेदों के प्रचार प्रसार के लिए की थी।ज्ञान से बढ़कर संसार में दूसरा कोई धन या महत्वपूर्ण पदार्थ नहीं है। शरीर व आत्मा की उन्नति के लिए विद्या वा ज्ञान की आवश्यकता होती है।आज उन्हीं सिद्धान्तों पर चलने की आवश्यकता है।ऋषि के इन वचन को न भूलें ‘‘जो उन्नति चाहते हो,तो आर्यसमाज के साथ मिलकर कार्य करो,नहीं तो कुछ हाथ न लगेगा।उन्होंने कहा कि आर्यो को वैदिक सिद्धान्तों की जानकारी व जीवन में पालन करना आवश्यक है।भीड़ में अकेला व्यक्ति भी पहचाना जाता है और सम्मान पाता है यदि वह सिद्धान्तों पर अटल हो। 
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि वैदिक संस्कृति इस देश का मूलाधार है और स्वयं वेद के सम्बन्ध में आर्यसमाज के अतिरिक्त और किसी का चिंतन ही नहीं है।आर्यसमाज अपनी शक्ति अनुसार इस बृहत् कार्य के लिए प्रतिबद्ध है,वेद सम्बन्धी अनुसन्धानात्मक पुस्तकें,वेदों का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद, वेद-प्रचार आदि यह आर्यसमाज के माध्यम से हीं सम्भव हो पाया है।आर्य समाज के सिद्धांत सार्वकालिक व सार्वभौमिक हैं इससे आम जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय बौद्धिकाध्यक्ष आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने कहा कि आर्य संस्कृति को यदि बचाना है तो नवयुवकों को संस्कारित कर आर्य मान्यताओं का बोध करवाना  होगा।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रान्तीय अध्यक्ष आनन्द प्रकाश आर्य ने कहा कि हम आर्यसमाज के महत्व को समझें और अपने अहं की बलि देकर इसे सुदृढ़,सशक्त तथा संगठित बनाने के लिए कार्य करें।
आर्य नेता ठाकुर विक्रम सिंह जी (अध्यक्ष,राष्ट्र निर्माण पार्टी) के 78 वें जन्मदिन पर सभी ने स्वस्थ व दीर्घ आयु की कामना की।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि आर्य समाज के नियम सर्वोत्तम है यदि केवल उन नियमों को ही आधार मान कर कार्य किया जाए तो आर्य समाज सदैव  गतिशील रहेगा।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि आज युवाओं को शारीरिक क्रियाकलापों व सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से आर्य समाज से जोड़ा जा सकता है।
गायिका दीप्ति सपरा,वीना वोहरा,उर्मिला आर्या,संध्या पाण्डेय आदि ने गीत सुनाये ।
आचार्य महेन्द्र भाई,राजेश मेहंदीरत्ता,देवेन्द्र भगत,अनुपम आर्य,राजीव आर्य,यज्ञवीर चौहान, देवेन्द्र गुप्ता,राजश्री यादव, प्रकाशवीर शास्त्री,सुरेन्द्र शास्त्री, नरेश प्रसाद,नित्यानंद आर्य (असम) आदि उपस्थित थे।
भवदीय: प्रवीण आर्य, मीडिया प्रभारी


“देश के कर्णधार हमारे शिक्षक व शिष्य कैसे हों?”


शिक्षा देने व विद्यार्थियों को शिक्षित करने से अध्यापक को शिक्षक तथा शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को शिष्य कहा जाता है। आजकल हमारे शिक्षक बच्चों को अक्षर व संख्याओं का ज्ञान कराकर उन्हें मुख्यतः भाषा व लिपि से परिचित कराने के साथ  गणना करना सिखाते हैं। आयु वृद्धि के साथ साथ बच्चा भाषा, कविता, गणित सहित विज्ञान व कला आदि विषयों को भी अपने शिक्षकों से पढ़ता है और आगे चल कर वह पुस्तकें पढ़कर व शिक्षकों के मार्गदर्शन से चिकित्सक, इंजीनियर, कम्प्यूटर प्रयोग कर्मी, अध्यापक, व्यापारी व उद्योगपति आदि बन जाता है। हमारी वर्तमान जो शिक्षा प्रणाली है, उसमें बहुत कम लोग ही सत्य व चारित्रिक नियमों का पालन करने वाले बनते हैं। आजकल देखा जाता है कि बात-बात पर झूठ बोलना एक आम बात हो गई है। यदि यह कार्य अशिक्षित करते होते तो समझ में आता, परन्तु बड़ी बड़ी उपाधि के धारणकर्ता व उच्च पदों पर प्रतिष्ठित लोग प्रायः असत्य बोलते हैं व अपने अपने कार्यों में मिथ्याचार व भ्रष्टाचार आदि में लिप्त पाये जाते हैं। इस असत्य व्यवहार व मिथ्याचार का कारण हमें एक ओर शिक्षा प्रणाली व दूसरी ओर शिक्षकों का निजी आचारण, जीवन व चरित्र अनुभव होता है। जैसा शिक्षक होगा, माता-पिता व परिवार के लोग हांेगे, वैसे ही कुछ व अधिक प्रायः शिष्य व सन्तानें बनती हैं। 
हमारा देश ज्ञान की दृष्टि से अन्य देशों से अधिक भाग्यशाली रहा है। प्राचीन काल में हमारे देश के लोगों के जीवन व चरित्र आदर्श व महान होते थे जिसका प्रमुख कारण वेदों का ज्ञान, विद्यार्थियों द्वारा उसका अध्ययन व आचार्यों के उच्च जीवन एवं चरित्र होते थे। आज 135 करोड़ से अधिक जनसंख्या हो जाने पर भी किसी के बारे में यह कहना कठिन है कि अमुक व्यक्ति सत्य का ही व्यवहार करता है एवं असत्य का किंचित व्यवहार नहीं करता तथा इसका चरित्र आदर्श व बेदाग है। इसका कारण हमें शिक्षा में वैदिक मूल्यों की उपेक्षा व पाश्चात्य मूल्यों की बहुलता सहित हमारे शिक्षकों का ज्ञान व अज्ञानवश पाश्चात्य मूल्यों के प्रति प्रेम अनुभव होता है। इसके अविद्या आदि अनेक कारण और भी हैं। आईये, वैदिक काल में अध्यापक और अध्यापिकायें कैसे होते थे व होने चाहिये, यह वेदों के मर्मज्ञ, आदर्श जीवन व चरित्र के धनी महर्षि दयानन्द के शब्दों में जानते हैं। 
महाभारतान्तर्गत उद्योगपर्व विदुरप्रजागर के अध्याय 33 के 6 श्लोकों को प्रस्तुत कर वह सत्यार्थ प्रकाश के चतुर्थ समुल्लास में लिखते हैं कि जिस को आत्मज्ञान सम्यक् हो अर्थात् जो निकम्मा आलसी कभी न रहे, सुख दुःख, हानि लाभ, मान-अपमान, निन्दा स्तुति में हर्ष शोक कभी न करे, धर्म ही में नित्य निश्चित रहे, जिस के मन को उत्तम-उत्तम पदार्थ अर्थात् विषय सम्बन्धी वस्तुयें आकर्षित न कर सकें, वही पण्डित वा शिक्षक कहाता है। सदा धर्मयुक्त कर्मों का सेवन, अधर्मयुक्त कामों का त्याग, ईश्वर, वेद, सत्याचार की निन्दा न करनेहारा, ईश्वर आदि में अत्यन्त श्रद्धालु हो, वही पण्डित वा अध्यापक-अध्यापिका का कर्तव्य-अकर्तव्य अथवा कर्म है। जो कठिन विषय को भी शीघ्र जान सके, बहुत कालपर्यन्त शास्त्रों को पढ़े सुने और विचारे, जो कुछ जाने उस को परोपकार में प्रयुक्त करे, अपने स्वार्थ के लिये कोई काम न करे, बिना पूछे वा विना योग्य समय जाने दूसरे के अर्थ में सम्मति न दे, ऐसा व्यक्ति ही प्रथम प्रज्ञान पण्डित, शिक्षक, अध्यापक व अध्यापिका को होना चाहिये। अध्यापक व अध्यापिका ऐसे हों कि जो प्राप्ति के अयोग्य की इच्छा कभी न करे, नष्ट हुए पदार्थ पर शोक न करे, आपत्काल में मोह को न प्राप्त हों अर्थात् व्याकुल न हों। यह गुण बुद्धिमान पण्डित के हैं और ऐसे ही अध्यापक व अध्यापिकायें होंवे। जिसकी वाणी सब विद्याओं और प्रश्नोत्तरों के करने में अतिनिपुण व विचित्र, शास्त्रों के प्रकरणों का वक्ता, यथायोग्य तर्क और स्मृतिमान्, ग्रन्थों के यथार्थ अर्थ का शीघ्र वक्ता हो वही पण्डित वा अध्यापक कहलाता है। जिस व्यक्ति की प्रज्ञा सुने हुए सत्य अर्थ के अनुकूल और जिस का श्रवण बुद्धि के अनुसार हो, जो कभी आर्य अर्थात् श्रेष्ठ धार्मिक पुरुषों की मर्यादा का छेदन न कर,े वही पण्डित वा अध्यापक आदि संज्ञा को प्राप्त होवे। प्रकरण की समाप्ति पर महर्षि दयानन्द लिखते हैं कि जहां ऐसे-ऐसे स्त्री पुरुष पढ़ाने वाले होते हैं वहां विद्या धर्म और उत्तमाचार (सत्य भाषण एवं मिथ्याचार-भ्रष्टाचार रहित व्यवहार आदि) की वृद्धि होकर प्रतिदिन आनन्द ही बढ़ता रहता है। हमारे शिक्षक और बुद्धिमान लोग स्वयं जान सकते हैं कि शिक्षक व अध्यापक-अध्यापिकाओं के इन गुणों में से कितने गुण आजकल के शिक्षकों में पाये जाते हैं? क्या शिक्षकों के महर्षि दयानन्द वर्णित यह गुण आज अप्रासंगिक हो गये हैं? ऐसा नहीं है। इसका प्रथम कारण तो हमारे शिक्षाविदों की इनसे अनभिज्ञता व दूसरा पाश्चात्य मूल्यों के प्रति गहन प्रेम है और इसके अतिरिक्त शिक्षण व्यवसाय से जो सुख सुविधायें उन्हें मिल रही है, उनका राग भी एक प्रमुख कारण है। हम महर्षि दयानन्द के प्रति इन वैदिक, सनातन व भारतीय मूल्यों को महाभारत से निकाल कर हिन्दी में अर्थ सहित जनसाधारण में प्रस्तुत करने के लिए सभी देशवासियों पर उनका उपकार मानते हैं। महर्षि द्वारा प्रस्तुत विचारों पर ध्यान देने पर हमें उनके गुरू प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती और स्वयं स्वामी दयानन्द ही सच्चे अध्यापक, शिक्षक, गुरु व आचार्य और इन सभी गुणों से सम्पन्न दिखाई देते हैं।
अध्यापकों के गुणों का वर्णन करने के बाद वह पढ़ाने में अयोग्य मूर्ख शिक्षकों का वर्णन भी करते हैं जिसका आधार भी उन्होंने महाभारत के उद्योगपर्व के अध्याय 33 के दो श्लोकों संख्या 30 व 36 को बनाया है। वह लिखते हैं कि जिसने कोई शास्त्र न पढ़ा न सुना, अतीव घमण्डी, दरिद्र होकर बड़े-बड़े मनोरथ करनेहारा, विना कर्म से परार्थों की प्राप्ति की इच्छा करने वाला हो, उसी को बुद्धिमान लोग मूढ़ कहते है। ऐसे लोग पढ़ाने योग्य नहीं होते। आजकल समाज में ऐसे बहुत से अध्यापक हमें देखने को मिल जाते हैं। दूसरे श्लोक का अर्थ करते हुए वह लिखते हैं कि जो विना बुलाये सभा वा किसी के घर में प्रविष्ट हो, उच्च आसन पर बैठना चाहे, विना पूछे सभा में बहुत सा बोले, विश्वास के अयोग्य वस्तु वा मनुष्य में विश्वास करे, वही मूढ़ और सब मुनष्यों में नीच मनुष्य कहाता है। इन 2 श्लोकों के अर्थांे पर टिप्पणी कर दयानन्द जी कहते हैं कि जहां ऐसे पुरुष अध्यापक, उपदेशक, गुरु और माननीय होते हैं वहां अविद्या, अधर्म, असभ्यता, कलह, विरोध और फूट बढ़ कर दुःख ही बढ़ता जाता है। शिक्षक दिवस अभी 3 दिन पूर्व ही व्यतीत हुआ है। हम समझते हैं कि प्रत्येक शिक्षक दिवस पर शिक्षक के इन गुणों व अवगुणों पर विचार कर अवगुणों के त्याग व गुणों के ग्रहण की सभी शिक्षकों को प्रतिज्ञा लेनी चाहिये। 
विद्यार्थियों के लक्षण भी महर्षि दयानन्द ने महाभारत के आधार पर लिखे हैं। वह हैं कि शरीर और बुद्धि में जड़़ता, नशा, मोह, किसी वस्तु में फंसावट, चपलता और इधर-उधर की व्यर्थ कथा करना सुनना, पढ़ते पढ़ाते रुक जाना, अभिमानी, अत्यागी होना ये सात दोष विद्यार्थियों में होते हैं। जो ऐसे दोषों से युक्त विद्यार्थी होते हैं, उनको विद्या कभी नहीं आती। सुख भोगने की इच्छा करने वाले को विद्या कहां? और विद्या पढ़ने वाले को सुख कहां? क्योंकि विषय-सुखार्थी विद्या को और विद्यार्थी विषयसुख को छोड़ दें। ऐसा किये विना विद्या कभी नहीं आ सकती। कैसे विद्यार्थियों को विद्या आती है, इसका उत्तर है कि जो सदा सत्याचार में प्रवृत्त, जितेन्द्रिय और जिन का ब्रह्मचर्य सच्चा व अखण्डित हो, वे ही विद्वान होते हैं। इसलिये शुभ लक्षणयुक्त अध्यापक और विद्यार्थियों को होना चाहिये। महर्षि दयानन्द अपने विचार व मान्यतायें बताते हुए लिखते हैं कि अध्यापक लोग ऐसा यत्न किया करें कि जिससे विद्यार्थी लोग सत्यवादी, सत्यमानी, सत्यकारी सभ्यता, जितेन्द्रिय, सुशीलतादि शुभगुणयुक्त शरीर और आत्मा का पूर्ण बल बढ़ा के समग्र वेदादि शास्त्रों में विद्वान् हों। सदा उन की कुचेष्टा छुड़ाने में और विद्या पढ़ाने में चेष्टा किया करें और विद्यार्थी लोग सदा जितेन्द्रिय, शान्त, पढ़ानेहारों में प्रेम, विचारशील, परिश्रमी होकर ऐसा पुरुषार्थ करें जिससे पूर्ण विद्या, पूर्ण आयु, परिपूर्ण धर्म और पुरुषार्थ करना आ जाय। यह कार्य व इनको करके अध्यापक ब्राह्मण वर्ण के कहलाते है। 
हम समझते हैं कि महर्षि दयानन्द के उपर्युक्त विचारों व मान्यताओं में आदर्श गुंरु व शिष्य का चित्र उपस्थित हुआ है। हमारे शिक्षाविदों को इस पर विचार कर इसका शिक्षा प्रणाली में समावेश करना चाहिये। कम आयु के बच्चों में सदाचार व सदग्रन्थों वेद, दर्शन, उपनिषद, मनुस्मृति एवं सत्यार्थप्रकाश आदि की शिक्षा आवश्यक है। इनको पूर्ण वा आंशिक ही पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया जाना चाहिये तभी हमें अच्छे शिक्षक व शिष्य प्राप्त होंगे। समूचे देश में संस्कृत अनिवार्य विषय के रूप से पढ़ाई जाये, इससे शिक्षा की बहुत सेवा होगी। इसी के साथ लेख को विराम देते हैं। 
-मनमोहन कुमार आर्य
पताः 196 चुक्खूवाला-2
देहरादून-248001
फोनः09412985121


 


“माता पिता की सेवा से ही सन्तान का जीवन सुखी व सफल होता है”


हम इस संसार में माता-पिता के द्वारा जन्म प्राप्त पर यहां आये हैं। यदि हमारे माता-पिता न होते तो हमारा जन्म नहीं हो सकता था। हमारे जन्म की जो प्रक्रिया है उसमें हमारे माता-पिता को अनके प्रकार के कष्ट उठाने तथा पुरुषार्थ करने पड़ते हैं। यह ऐसा कार्य है कि जो कोई किसी दूसरे के लिये नहीं करता व कर सकता है। हमारा जन्म पूर्वजन्म में मनुष्य या किसी अन्य योनि में मृत्यु होने के पश्चात अपने कर्माशय को भोगने के लिये होता है। ईश्वर का विधान है कि मृत्यु होने पर जीवात्मा पुराना शरीर त्याग कर सूक्ष्म शरीर सहित शरीर से बाहर आ जाती है और जन्म प्राप्ति हेतु ईश्वर की प्रेरणा से अपने कर्माशय के योग्य माता-पिता के शरीरों में मनुष्यादि किसी योनि में ईश्वर की प्रेरणा से प्रवेश करती है वा माता के गर्भ में स्थित होती है। माता को अपनी सन्तान की रक्षा में अनेक प्रयत्न करने पड़ते हैं जिससे स्वस्थ शिशु का जन्म हो सके। यदि माता से कोई असावधानी हो जाये तो इससे भावी सन्तान को अनेक प्रकार की हानियां हो सकती हैं। दस मास गर्भ में रहकर मनुष्य का जन्म शिशु के रूप में होता है। नवजात शिशु रोने के अलावा अपना कुछ काम नहीं कर सकता। माता को अपनी सन्तान की आवश्यकताओं का ज्ञान होता है। वह उसे दुग्धपान कराने सहित उसको स्नान व निद्रा कराके उसका पोषण आदि करती है। उसका मल-मूल साफ करती है तथा अनेकानेक विघ्नों से उसकी रक्षा करती है। 
दस माह तक अपने गर्भ में रखकर अपनी सन्तान को रखने से माता को अनेकानेक कष्ट उठाने पड़ते हैं जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। यह सब मातायें अपनी सन्तान के सुख व उन्नति के लिये करती हंै। उसके बाद भी सन्तान की शिक्षा, रक्षा व पालन पोषण करने में माता को विशेष ध्यान देना पड़ता है। वर्षों तक की माता-पिता की तपस्या के बाद सन्तानें कुछ ज्ञान व धनोपार्जन का कार्य करने में समर्थ होती हैं। ऐसा करते हुए माता-पिता की आयु बढ़ती जाती है और वह प्रौढ़ व वृद्ध हो जाते हैं। उनके जीवन का युवावस्था का स्वर्णिम समय सन्तान की रक्षा, पालन पोषण व उनकी शिक्षा-दीक्षा में ही व्यतीत हो जाता है। आयु बढ़ने के साथ माता पिता के शरीर भी बलहीन होते जाते हैं और आजकल अनेक रोग भी कुछ माता-पिताओं को हो जाते हैं। प्रौढ़ व रुग्ण अवस्था में उनको अपने युवा सन्तानों की सहायता व सेवा की आवश्यकता पड़ती है। यह सहायता व सेवा सन्तान का भी कर्तव्य व धर्म होता है। प्राचीन काल से हमारे देश में वैदिक संस्कारों का प्रचलन रहा है। सब देशवासी संयुक्त परिवार में रहते थे और किसी को किसी प्रकार का कष्ट व दुःख होने पर एक दूसरे की सेवा करते थे। सन्तानें भी अपने माता-पिता की सेवा को अपना मुख्य धर्म व कर्तव्य समझती थीं परन्तु देश की आजादी के बाद देश मंग जो अंग्रेजी व स्कूली शिक्षा को लाया गया उससे सन्तानों में अपने कर्तव्यों की उपेक्षा भी देखने को मिलती है। आजकल सन्तानें माता-पिता की वह सेवा नहीं कर पाती जैसी कि उनसे अपेक्षा की जाती है। जो कुछ करती हैं वह धन्य हैं और जो नहीं करती उन्हें अपने आचार व विचारों में सुधार करना चाहिये। 
जो सन्तानें वर्तमान समय में अपने माता-पिता की सेवा व सहायता की उपेक्षा करती हैं, उनसे अच्छा व्यवहार नहीं करतीं, उन्हें याद रखना चाहिये कि भविष्य में उन्हें भी माता-पिता बनना है और उनके साथ भी वैसा कुछ हो सकता है जैसा कि वह अपने माता-पिता आदि की उपेक्षा करके करते हैं। अतः संतानों को आरम्भ से ही उनके कर्तव्यों का बोध घरेलु व स्कूली शिक्षा में कराया जाना आवश्यक है। यदि उन्हें माता-पिता की सेवा विषयक संस्कार नहीं दिये जायेंगे तो बड़े होने पर कुछ कानून आदि बनाकर भी उनसे सेवा नहीं कराई जा सकती। जो सन्तानें अपने माता पिता की सेवा के स्थान पर उनकी उपेक्षा करती ह,ैं उनसे माता-पिता को सामथ्र्यवान होते हुए भी अनेक प्रकार के क्लेश होते हैं जिससे उनका जीवन चिन्ताओं व कष्टों में व्यतीत होता है। अतः धर्म व समाज शास्त्रियों को इस समस्या पर विचार कर उसके निवारण में कार्य करना चाहिये जिससे प्रौढ़ व वृद्धावस्था में माता-पिता सुख का जीवन व्यतीत कर सकें। 
वैदिक धर्म एवं संस्कृति संसार की सबसे प्राचीन वा आदि संस्कृति है। वैदिक धर्म का प्रादुर्भाव ईश्वरीय ज्ञान वेदों से हुआ है। वेदों में माता, पिता तथा आचार्य को देवता कहा गया है। देवता वह होता है जो अनायास, बिना किसी प्रत्युपकार की भावना से दूसरों को कुछ न कुछ देता है। जड़ देवताओं पर विचार करें तो अग्नि, वायु, जल, अन्न, भूमि, गो आदि पशुओं से हमारा जीवन चलता है। यदि यह पदार्थ न हों तो हम जीवित नहीं रह सकते। इस लिये वेदों में इन सब पदार्थों को जिनसे हमें सुख प्राप्ति व पोषण होता है, देवता कहा जाता है। जड़ देवताओं के अतिरिक्त चेतन देवताओं में परमात्मा के बाद माता, पिता तथा आचार्य आदि का स्थान आता है। जीवित देवताओं में सन्तानों के सर्वाधिक पूजनीय, आदरणीय व आज्ञाओं का पालन करने योग्य माता, पिता व आचार्यों का स्थान होता है। मनुस्मृति के एक श्लोक में कहा गया है कि जहां नारियों वा माताओं के प्रति सद्व्यवहार होता है, वहां नारियां प्रसन्न व सन्तुष्ट रहती हैं तथा वहां उन परिवारों में सन्तान के रूप में देवता निवास करते हैं। यह देवता बचपन से ही देव बनकर आजीवन वृद्धावस्था पर्यन्त भी देव बने रहते हैं। अतः नारी जाति को वैदिक शिक्षाओं से युक्त, धर्म पारायणा तथा अपने कर्तव्यों के पालन में सजग व जागरुक रहना आवश्यक होता है। तभी वह गरिमा को प्राप्त हो सकती हैं। 
वेदों की एक अत्यन्त उपादेय शिक्षा है कि भाई को भाई से, बहिन को बहिन से तथा भाई व बहिनों को भी परस्पर द्वेष भाव नहीं रखना चाहिये। सब भाई बहिन आपस में मित्रवत् प्रेम व स्नेह के व्यवहार से आबद्ध रहें। ऐसा करने पर ही मनुष्य व परिवार की उन्नति व सुखों में वृद्धि होती है। इस बात को सिद्धान्त रूप में प्रत्येक मनुष्य स्वीकार करता है परन्तु यह व्यवहार में देखने में नहीं आतीं। इसका कारण यही प्रतीत होता है कि मनुष्यों को अपने वैदिक कर्तव्यों व उनके महत्व का ज्ञान नहीं है। यदि ऐसा हो और वह इनका अवश्य पालन करें जिससे मनुष्य जीवन से अनेक दुःखों का निवारण हो सकता है। इस अभाव को दूर करने के लिये हमें सबसे अच्छा उपाय यही लगता है कि सभी आर्य व हिन्दू परिवारों में सत्यार्थप्रकाश, वेद, उपनिषद, दर्शन, विशुद्ध मनुस्मृति, चतुर्वेद भाष्य तथा आर्य विद्वानों के वेद विषयक व्याख्या ग्रन्थों की प्रतिष्ठा होनी चाहिये। सबको नियमित एक से दो घण्टे इन ग्रन्थों का स्वाध्याय करना चाहिये और आर्यसमाज के सत्संगों में भी सबको जाना चाहिये जहां वैदिक विद्वानों के जीवन के उत्थान व देश की उन्नति के उपदेश होते हैं। सत्पुरुषों वा ज्ञानियों की संगति से मनुष्य को अकथित लाभ होता है। इससे अज्ञानी व निरक्षर मनुष्य भी प्रेरणा ग्रहण कर उच्च कोटि का विद्वान बन सकता है। हमने यहां तक पढ़ा है कि श्मशान घाट में काम करने वाला एक बालक गुरुकुल के आचार्य के सम्पर्क में आकर कालान्तर में बहुत बड़ा विद्वान बन गया जिसकी संगति करने में विद्वान लोग भी अपना गौरव समझते थे। अतः न केवल माता-पिता की सेवा एवं कृतघ्नता से बचने के लिये स्वाध्याय व सत्संग की आवश्यकता है वहीं जीवन का सर्वविध कल्याण करने के लिये भी स्वाध्याय व सत्संग सहित ईश्वरोपासना आदि पंच महायज्ञों का किया जाना आवश्यक सिद्ध होता है। 
माता-पिता की आदर्श सेवा का उदाहरण हमें बाल्मीकि रामायण ग्रन्थ का अध्ययन करने से भी मिलता है। राम वैदिक धर्म व संस्कृति के मूर्तरूप थे। उन्होंने वैदिक धर्म की शिक्षाओं को आत्मसात किया था। वह प्रातः व सायं अपनी सभी माताओं व पिता की चरण वन्दना व उनका सत्कार किया करते थे। उनका आचरण व व्यवहार आदर्श व्यवहार था। उन्होंने जीवन में अपने पिता व किसी माता को अपने किसी व्यवहार से शिकायत व आलोचना का अवसर नहीं दिया। इस कर्तव्य परायणता के लिये उन्हें अनेक कष्ट भी उठाने पड़े जिन्हें उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। पिता के वचनों का पालन करने तथा माता कैकेयी को सन्तुष्ट करने के लिये ही उन्होंने चैदह वर्ष वन में साधु वेश में रहना स्वीकार किया था। उन्होंने सहर्ष अपने छोटे भाई भरत को अपना राज्य प्रदान किया था जिसके वह स्वयं अधिकारी थे और प्रजा व भाई भी उनको ही राजा के रूप में देखना चाहते थे। ऐसा उदाहरण विश्व के इतिहास में मिलना असम्भव है। राम के द्वारा अपने पिता को कहे यह वचन सुनकर तो उनके प्रति श्रद्धा कई गुणा बढ़ जाती है जब वह पिता को कहते हैं कि आप मुझे अपने दुःख का कारण बताईये। यदि आप कहेंगे तो मैं बिना सोचे विचारे जलती हुई चिता में भी कूद कर अपने प्राण दे सकता हूं। क्या इससे बड़ा अपने पिता को सुख देने वाला सर्वस्व त्याग का उदाहरण कहीं मिल सकता है? जो सन्तानें अपने माता-पिता की सेवा-शुश्रुषा से दूर हैं, उन्हें अवश्य ही रामायण व इस प्रकार के उदाहरणों पर ध्यान देना चाहिये। माता-पिता ने उनके पालन पोषण में दुःख सहन किये हैं उन पर भी सन्तानों को विचार करना चाहियें। 
आज के समाज में हम देखते हैं कि शिक्षा व संगति के कारण सन्तानों वा युवा पीढ़ी को माता-पिता के प्रति अपने कर्तव्यों का यथोचित ज्ञान नहीं है। वह प्रायः स्वच्छन्द जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। ऐसा सोचना व करना भारतीय वैदिक संस्कृति के सर्वथा विपरीत तथा भोगवादी पश्चिमी संस्कृति की देन है। ऐसा करना जीवन के उत्तर काल में अवश्य दुःख वा क्लेश देता है। अतः हमें अपनी संस्कृति पर पुनः लौटने की आवश्यकता है। हमने अनेक परिवारों में वृद्ध माता-पिताओं से उनके सन्तान-मोह व सन्तानों के माता-पिता के प्रति अप्रिय व्यवहार के कृत्यों को देखा, सुना व अनुभव किया है। इसी कारण हमने इस लेख की इन पंक्तियों को लिखा है। लेख को समाप्त करने से पूर्व हम महाभारत में यक्ष के प्रश्नों के उत्तर में कहे गये युधिष्ठिर जी के वचनों को उद्धृत करना चाहिते हैं। राजा युधिष्ठिर में यक्ष को कहा था कि माता पृथिवी से भारी है। पिता आकाश से भी ऊंचा है। मन वायु से भी अधिक तीव्रगामी है और चिन्ता तिनकों से भी अधिक असीम विस्तृत व अनन्त है। युधिष्ठिर के वचन हैं ‘माता गुरुतरा भूमेः पिता चोच्चतरं च खात्।’ शास्त्र माता को सन्तान की निर्माता बताते हैं। महाराज मनु ने कहा है कि दस उपाध्यायों से एक आचार्य, सौ आचार्यों की अपेक्षा एक पिता और हजार पिताओं की अपेक्षा एक माता गौरव में अधिक वा बड़ी है। वैदिक संस्कृति में प्रति दिन जीवित माता-पिताओं की पूजा व सेवा-सुश्रुषा करने का विधान है। हमने इन श्रेष्ठ परम्पराओं को छोड़कर अपनी भारी क्षति व परजन्म के सुखों का नाश किया है। हमें पुनः वैदिक धर्म व संस्कृति को प्रवृत्त कर जन्म व परजन्म में होनेवाली हानियों से बचना चाहिये।
-मनमोहन कुमार आर्य
पताः 196 चुक्खूवाला-2
देहरादून-248001
फोनः09412985121 


 


जनपद के शासकीय और अर्ध शासकीय भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग होना अनिवार्य: अजय शंकर पाण्डेय


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पाण्डेय के द्वारा जनपद के समस्त शासकीय एवं अर्द्ध शासकीय भवनों में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना सुनिश्चित कराने के लिए निर्देश देते हुए कहा कि वर्षा जल संचयन प्रदेश सरकार की प्राथमिकता के कार्यों में सम्मिलित है और इस दृष्टि से जल संचयन के विविध कार्यों के साथ-साथ शासकीयध्अर्ध शासकीय भवनों पर रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली के माध्यम से अधिक से अधिक जल का संचयन किया जा सकता है। अतः इस संबंध में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दिशा निर्देश जारी किया गया है तथा समय-समय पर माननीय मुख्यमंत्री तथा माननीय जल शक्ति मंत्री के द्वारा भी जल संचयन के लिए ध्यानाकर्षण किया गया है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि जिन विभागों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना कराई जा चुकी है वह निर्धारित प्रारूप पर अपनी सूचना कार्यालय सहायक अभियंता लघु सिंचाई विभाग गाजियाबाद एवं ईमेल आई डी ंमउपहीं्रपंइंक120@हउंपस.बवउ पर तीन दिवस में अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए और जिन विभागों में अभी तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना नहीं कराई गई है वह भी जल्द से जल्द स्थापना कराते हुए निर्धारित प्रारूप पर सूचना उपलब्ध करायेंद्य।
उन्होंने यह भी बताया कि जनपद गाजियाबाद के शासकीयध् अर्ध शासकीय कार्यालय एवं आवासीय भवनों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना की प्रगति के अनुश्रवण के लिए लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मनोज कुमार जायसवाल को नोडल अधिकारी नामित किया गया है और भूजल प्रबंधन एवं विनियमन के लिए उत्तर प्रदेश (भूगर्भ भूजल प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम 2019 संबंधी अधिसूचना दिनांक 7-8-2019( उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या 13,2019) प्रदेश में दिनांक 02-10-2019 से प्रभावी है। उत्तर प्रदेश भूगर्भ (प्रबंधन एवं विनियमन) नियमावली 2020 के नियम 26(2) में वर्णित है कि प्रथम चरण में प्रदेश के प्रत्येक सरकारी ध्अर्द्ध शासकीय विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि अधिनियम के प्रारंभ होने के दिनांक से 1 वर्ष के भीतर वर्षा जल संचयन संरचनाएं समुचित रूप से उनके परिसरों में निर्मित कर दी गई हैं। अतः आप को निर्देशित किया जाता है कि आपके विभाग के नियंत्रणाधीन शासकीय कार्यालयध्आवासीय भवनों पर प्राथमिकता के आधार पर वर्ष 2020-21 में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना का कार्य सुनिश्चित किया जाए। 
साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद।


छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का वैच देकर किया सम्मानित 


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल के नेतृत्व में महिला कल्याण विभाग के अन्तर्गत जिला प्रोबेशन कार्यालय गाजियाबाद से संचालित भारत सरकार की ष् बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ श् योजना के अन्तर्गत इग्राहम , इन्टर कॉलेज में दिनांक 17.07.2020 को करायी गई अॉनलाईन चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम , द्वितीय , तृतीय चतुर्थ एवं पंचम स्थान प्राप्त बालिका ध् बालकों , क्रमशः मनष्वी शर्मा , हर्ष , सौम्या अग्रवाल , बालक सनी सैनी एवं नेहा सैनी को जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चन्द्र द्वारा प्रमाण पत्र एवं बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का वैच देकर सम्मानित किया गया । इस अवसर पर उक्त बालकों के अभिभावकों के साथ ही इंग्राहन इन्टर कॉलेज के प्रिंसीपल राजीव मैसी,  नेहा वालिया, महिला कल्याण अधिकारी ( एम 0 एस 0 के 0 ),  लोकन्द्र सिंह , विधि सह परिवीक्षा अधिकारी,  जितेन्द्र कुमार , संरक्षण अधिकारी उपस्थित रहे ।  कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बालक ध् बालिकाओं को सम्बोधित करते हुये उक्त सभी बालक ध् बालिकाओं को आगे भी इसी तरह मेहनत एवं लगन के साथ आपने कार्य को करने तथा जनपद एवं अपने अभिभावको का नाम रोशन करने की प्रेरणा दी गयी ।
साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी


Friday 18 September 2020

विकास कार्यों के लिए धनराशि की कोई कमी नहीं होगी: योगी आदित्यनाथ


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद।  मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी द्वारा आज शाम 06ः00 बजे वीडियो कान्फेंस के माध्यम से मेरठ मण्डल के अंतर्गत जिलों में संचालित विकास कार्यक्रम एवं योजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की गई। इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री जी ने विकास की गति को और तेज किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि परियोजनाओं और विकास कार्यों को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण ढंग से मानकों के अनुसार पूर्ण किया जाए। निर्धारित अवधि में कार्य के पूर्ण होने पर लागत में कमी आती है और जनता को विकास योजनाओं का समय से लाभ मिलता है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार विकास एवं जनकल्याणकारी माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्बन्ध स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बरते जाने पर जवाबदेही तय की जाएगी।उन्होंने निर्देश  दिए की संचालित निर्माण कार्य तत्काल पूर्ण कर संबंधित विभागों को हैंडओवर किए जाएं , कार्यों की गुणवत्ता , मानकों पर विशेष ध्यान दिया जाए । समस्त ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय , पंचायत भवनों का निर्माण तत्काल कराया जाए । कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाए , कोरोना प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो- मुख्यमंत्री जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित कार्यों को समय से पूरा करते हुए सांसद , विधायक निधि का जनहित में सदुपयोग किया जाए- सीएम लाभार्थीपरक योजनाओं में लाभार्थियों के चयन में पूरी पारदर्शिता बरती जाए । उन्होंने कहा कि हमें कोविड-19 वैश्विक महामारी से भी लड़ना है और तेजी से विकास कार्य को भी संचालित करना है, इसके दृष्टिगत वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए पूरी सतर्कता व सावधानी अपनाते हुए विकास कार्यों को तीव्र गति से पूर्ण किया जाए। कोविड-19 से बचाव के लिए व्यापक जागरूकता कार्यक्रम संचालित कराए जाएं। दो गज की दूरी, मास्क है जरूरीश् का पालन प्राथमिकता  पर कराया जाए। इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के साथ-साथ एल-2 कोविड हॉस्पिटल को निरन्तर सक्रिय रखा जाय। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय द्वारा जनपद गाजियाबाद में संचालित विकास कार्यक्रम एवं योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर मा0 मुख्यमंत्री जी को जिलाधिकारी द्वारा जनपद में संचालित विकास कार्यक्रमों एंव योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि जनपद गाजियाबाद में कानून व्यवस्था एवं विकास कार्यों के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण कार्यों के अन्तर्गत जनपद गाजियाबाद मार्च-2020 तक की प्रगति के आधार पर प्रदेश में चैथे स्थान पर एवं मण्डल में प्रथम स्थान पर रहा। रू0 50 करोड से अधिक लागत की कुल 3 परियोजनायें जिनकी स्वीकृत लागत रू0 298.600 करोड है जिनमें से 02 परियोजनायें पूर्ण हैं तथा 01 परियोजना का कार्य प्रगति पर है। रू0 10 करोड से 50 करोड लागत तक की कुल 6 परियोजनायें जिनकी स्वीकृत लागत रू0 157.76 करोड है, जिनमें से 05 परियोजनायें माह-दिसम्बर 2020 तक पूर्ण कर ली जायेंगी तथा 01 परियोजना माह मार्च-2022 तक पूर्ण किया जाना सम्भावित है। डूडा द्वारा समस्त 09 नगरीय निकाय क्षेत्रों में 31221 लाभार्थियों का चयन कर निर्धारित लक्ष्य 15157 के सापेक्ष 14680 प्रधानमन्त्री आवास (शहरी) पूर्ण कराये जा चुके हैं। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की कुल 20188 भवनों की डी0पी0आर0 शासन से स्वीकृत हो चुकी है, जिसके सापेक्ष 4553 भवनों का निर्माण कार्य प्रगति में है। 856 भवनों का आवंटन लाभार्थियों का चयन कर किया जा चुका है। उ0प्र0 आवास एवं विकास परिषद, निर्माण खण्ड-16, गाजियाबाद द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के अन्तर्गत वर्ष 2019-20, 2020-21 में कुल 9000 आवास बनाये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। शासन के निर्देशानुसार 01 सितम्बर, 2020 से 15 अक्टूबर, 2020 तक अॉफलाईन पंजीकरण खोला गया है।दिनांक-17.09.2020 तक कुल 10 आवेदन प्राप्त हुये हैं।  नई सड़कों के निर्माणध्चैड़ीकरण के अन्तर्गत कुल 04 सडक (लम्बाई 4.56 किमी0) लागत रू0 2.49 करोड़ के सापेक्ष रू0 1.95 करोड अवमुक्त हुई है। 02 कार्य पूर्ण हो गये हैं, 02 कार्य प्रगति पर हैं। सड़कों के सुदृढ़ीकरण के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के 02 सडक (लम्बाई 12.95 किमी0) लागत रू0 87.09 करोड़ के सापेक्ष रू0 65.09 करोड अवमुक्त हुई है। 01 कार्य पूर्ण हो गया है तथा 01 कार्य प्रगति पर है। ओ0डी0आर0ध्एम0डी0आर0ध्राज्य मार्गों के अनुरक्षण के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग के 28 सडक (लम्बाई 106.43 किमी0) लागत रू0 35.41 करोड़ के सापेक्ष रू0 34.61 करोड अवमुक्त हुई है। स्वीकृत कार्यों के सापेक्ष 12 कार्य पूर्ण हो गये हैं, अवशेष 16 कार्य प्रगति पर हैं जो दिसम्बर, 2020 तक पूर्ण कर लिये जायेगें। जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत घर-घर नल योजना में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 02 नग नई पाईप पेयजल योजनायें तथा 11 नग पूर्व से निर्मित पाईप पेयजल योजनाओं में रेट्रोफिटिंग के कार्य निर्माणाधीन हैं जिनके माध्यम से कुल 5240 नग पेयजल गृह संयोजन दिये जाने हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल रू0 14.09 करोड आवंटित हैं। विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि योजनान्तर्गत 05 मा0 विधायकगण एवं 06 मा0 विधान परिषद सदस्यगण तथा 01 आंशिक विधान सभा क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए उपलब्ध धनराशि रू0 2155.10 लाख से 73 कार्यों हेतु रू0 1227.53 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी है। सभी कार्य प्रगति पर हैं। जनपद में रू0 927.58 लाख की धनराशि अवशेष हैं। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के अन्तर्गत मा0 सांसदगणों की निधि में रू0 757.70 लाख की उपलब्ध धनराशि के सापेक्ष 33 कार्यो पर रू0 570.11 लाख की धनराशि स्वीकृत की गयी है। जनपद में रू0 187.59 लाख की धनराशि अवशेष है।मनरेगा योजना के अन्तर्गत लेबर बजट शून्य होने के कारण तथा मजदूरों के द्वारा रोजगार की मांग न करने के कारण प्रगति शून्य है।कर-करेत्तर एवं राजस्व संग्रह के अन्तर्गत माह अगस्त-2020 तक क्रमिक लक्ष्य रू0 7191.40 करोड रू0 के सापेक्ष रू0 4278.38 करोड राजस्व संग्रह प्राप्त हआ है, जो लक्ष्य का 59.44 प्रतिशत है। जनपद की 161 ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। लक्ष्य 161 के सापेक्ष 51 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। अवशेष 110 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। स्वच्छ भारत मिशन(नगरीय) के अन्तर्गत 9 नगर निकायों के 286 वार्डों के सापेक्ष 286 वार्डों को ओ0डी0एफ0 घोषित किया गया है। नगर निगम, गाजियाबाद द्वारा रू0 39.70 करोड की लागत से नेहरू नगर अॉडिटोरियम, सिटीजन क्लब, स्वीमिंग पूल, कार पार्किंग का निर्माण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।नगर निगम, गाजियाबाद द्वारा अवस्थापना निधिध्14वां वित आयोग के अन्तर्गत रू0 122.25 करोड की लागत से 138 कार्यों में से 07 कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं। अवशेष कार्य दिसम्बर-2020 तक पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। जनपद गाजियाबाद में उर्वरक यूरिया, डी0ए0पी, एन0पी0के, एम0ओ0पी0 आदि की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है तथा लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत वितरण किया गया है। मेरठ रोड से आउटर रिंग रोड तक 3.50 कि0मी0 नार्दन पेरीफेरल रोड तथा आउटर रिंग रोड से अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम होते हुए बन्धा रोड तक 6.26 कि0मी0, 45 मीटर चैडी, 4 लेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है जिसकी लागत रू0    242.47 करोड़ है। प्रथम चरण में 4 लेन सड़क के निर्माण पर रू0 66.02 करोड़ का व्यय होना प्रस्तावित है। कार्य पर रू0 4.73 करोड का व्यय एवं लगभग 17.76 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। बुनकर समुदाय के कल्याण हेतु गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा मधुबन-बापूधाम योजना में 38340 वर्ग मीटर भूमि पर बुनकर मार्ट-कम-कल्चरल सेन्टर का निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी लागत रू0 152.56 करोड़ है। मधुबन बापूधाम योजना के अन्तर्गत एन0एच0-58 से एन0एच0-9 को लिंक करने हेतु 4 लेन आर0ओ0बी0 के निर्माण कार्य हेतु दोनों ओर आर0ई0 वॉल आदि का निर्माण उ0प्र0 राज्य सेतु निगम एवं रेलवे लाईन के ऊपर आर0ओ0बी0 का निर्माण रेलवे विभाग द्वारा कराया जाना है, जिसकी कुल लम्बाई 751.33 मीटर है, जिसकी लागत रू0 61.70 करोड़ है। गौवंशों के आश्रय हेतु नगर निगम की 14000 वर्ग मीटर भूमि पर गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है, जिसकी लागत रू0 636.46 लाख है। गाजियाबाद शहर में दिल्ली मेरठ राष्ट्रीय राजमार्ग सं0-58 ई के कि0मी0 17 पर पुराने क्षतिग्रस्त पुल के स्थान पर 2 लेन के नये सेतु का निर्माण उ0प्र0 राज्य सेतु निगम के माध्यम से कराया जा रहा है, जिसकी लागत रू0 21.53 करोड़ है।कोविड-19 के संक्रमण के दृष्टिगत जनपद में अद्यतन 249390 टैस्ट कराये गये जिसमें 11433 पॉजिटिव केस पाये गये। 74 संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है।जनपद में बेहतर सुविधा के लिये शासन के निर्देशानुसार निम्नलिखित स्थलों को कोविड-19 चिकित्सालयों के रूप में चिन्हित कर समस्त आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की गई जिनका विवरण निम्नवत् है। स्1कोविड केयर सेन्टर- एस0आर0एम0 इन्स्टिट्यूट (350 बैड), स्2 ई0एस0आई0सी0 अस्पताल, राजेन्द्र नगर- (76 बैड), स्2 संयुक्त जिला चिकित्सालय, संजय नगर -(100 बैड), स्3 संतोष मेडिकल, अस्पताल -                   (400 बैड), 10 च्ंपक प्राइवेट कोविड अस्पताल-           (663 बैड), जनपद में 1096 आक्सीजन - (व्2 बैड), कोविड अस्पतालों में 135 आई0सी0यू0 बैड। जनपद में प्रशासन के प्रयासों से कोविड-19 में मा0 प्रधानमन्त्री (पी0एम0केयर) फण्ड में रू0 18.64 लाख एवं मा0 मुख्यमन्त्री फण्ड में रू0 23.90 लाख एवं जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण, गाजियाबाद फण्ड में 25.76 लाख रू तथा उत्तर प्रदेश कोविड केयर फण्ड में रू0 19.93 लाख की धनराशि जमा करायी गयी है, कुल रू0 88.23 लाख की धनराशि जमा करायी गयी है। पावर फाइनेन्स कारपोरेशन लि0 नई दिल्ली, रूरल इलैक्ट्रिफिकेशन नई दिल्ली, टाटा स्टील बी0एस0एल0 गाजियाबाद के सी0एस0आर0 फण्ड एवं मा0 विधायक गणों की धनराशि से बेसिक शिक्षा विभाग के कुल 93 विद्यालयों में लगभग 5.00 करोड की धनराशि से कायाकल्प का कार्य कराया गया। समीक्षा के उपरांत मा0 मुख्यमंत्री द्वारा स्थानीय विधायकों से जिले में संचालित विकास योजनाओं एंव कार्यक्रमों की गुणवत्ता एवं प्रगति के सम्बन्ध में पुष्टि की गई, जिस पर विधायकगणों द्वारा जिला प्रशासन को भरपूर सहयोग और शासकीय योजनाओं को पूर्ण गुणवत्ता के आधार पर संचालित करने तथा जन प्रतिनिधियों को विकास योजनाओं के अवसरों पर निमंत्रण देने की बात कहीं गई
इस अवसर पर मा० स्वस्थ राज्यमंत्री गाजियाबाद अतुल गर्ग जी, मा० विधायक लोनी नन्द किशोर गुजर्र जी, मा० विधायक साहिबाबाद सुनील शर्मा जी, मा० विधायक मुरादनगर अजीत पाल त्यागी जी, जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, पीडी क्त्क्। पी0एन0 दीक्षित, के अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।



साभार: राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


श्रीमती सुषमा सिंह की अध्यक्षता में महिला उत्पीड़न के प्रकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। जिला प्रोबेशन अधिकारी गाजियाबाद विकास चन्द्र ने जानकारी देते हुए बताया है कि मा० उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग उ 0 प्र 0 श्रीमती सुषमा सिंह द्वारा पी 0 डब्लू 0 डी 0 गैस्ट हाउस गाजियाबाद में महिला उत्पीड़न के प्रकरणों की समीक्षा बैठक की गई । बैठक में मा 0 उपाध्यक्षा द्वारा महिला आयोग से सम्बन्धित मामलों के सम्बन्ध में निर्देश दिये गये कि सम्बन्धित मामलों में त्वरित कार्यवाही करते हुये निस्तारण किया जाये । बैठक के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी , श्री विकास चन्द्र , क्षेत्राधिकारी ( अपराध ) श्रीमती आलोक दुबे , महिला थानाध्यक्षा , श्रीमती प्रतिभा सिंह , सेंटर मेनेजर वन स्टाप सेंटर , श्रीमती निधि मलिक , एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे । इसके उपरान्त मा 0 उपाध्यक्ष महोदया द्वारा राजकीय सम्प्रेक्षण गृह ( किशोरी ) का निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के दौरान मा 0 उपाध्यक्षा द्वारा संस्था में निवासरत किशोरियों से वार्ता की गई और मा 0 प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में किशोरियों को हैण्ड वॉस , सेनेटाइजर व मास्क वितरण किया गया । निरीक्षण के समय मा ० उपाध्यक्षा द्वारा संस्था प्रभारी को निर्देश दिये गये कि संस्था में साफ - सफाई के साथ - साथ कोविड -19 की रोकथाम हेतु उपाय किये जायें 1 इसके उपरान्त मा ० उपाध्यक्षा द्वारा बाल कल्याण समिति गाजियाबाद का निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के दौरान बाल कल्याण समिति द्वारा बालको को उनके माता पिता ध् अभिभावकों को सौपे जाने की कार्य प्रणाली पर असंतोष व्यक्त किया गया तथा बाल कल्याण समिति को निर्देश दिया गया कि किसी भी दशा में कार्य दिवस वाले दिन बाल कल्याण समिति के कार्यालय पर ताला न लगा हों एवं कमसे कम एक सदस्य उपस्थित रहे ताकि बालकों के अभिभावकों को कोई असुविधा न हो । निरीक्षण के समय जिला प्रोबेशन अधिकारी,  विकास चन्द्र एवं विधि सह परिवीक्षा अधिकारी लोकेन्द्र सिहं उपस्थित रहे।
साभार: राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


प्राथमिक विद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। उत्तर  प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्लान एक्शन 2020-21 के अनुपालन में माननीय जनपद न्यायाधीशध् अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में माननीय सचिव मंजू कुमारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश पर तहसील विधिक सेवा समिति मोदीनगर के क्षेत्राधिकार में ग्राम बसंतपुर सैंतली प्राथमिक विद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता प्रभारी निरीक्षक  राकेश शर्मा ने की संचालन शहजाद अली ने किया शिविर में उपस्थित पूर्व वरिष्ठ शाखा प्रबंधक सिंडिकेट बैंक बैरिस्टर गिरी वित्तीय साक्षरता केंद्र भारत सरकार वह राज्य सरकार द्वारा बैंकों के माध्यम से चलाई जा रही वित्तीय सहायता योजना जानकारी उपलब्ध कराई शिविर में उपस्थित अभिषेक कुमार डिस्ट्रिक्ट कोअॉर्डिनेटर सीएससी गाजियाबाद के द्वारा प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान तथा सीएससी पर संचालित आदि योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई गई तहसील विधिक सेवा समिति मोदीनगर से उपस्थित महेश कुमार यादव नामित अधिवक्ता के द्वारा निशुल्क वकील मतदाता केंद्र लोक अदालत आदि के संबंध में जागरूक किया शिविर का समापन ग्राम प्रधान अपर्णा त्यागी ने किया शिविर में उपस्थित प्रीति चैधरी एवं आशा कार्यकर्ती वह स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहे।
साभार: राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


344 करोड़ की लागत से तैयार कोविड अस्पताल में आने वाले समय में 400 बेड की होगी व्यवस्था: योगी आदित्यनाथ


धनसिंह: समीक्षा न्यूज
गौतमबुद्धनगर। प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के द्वारा वीडियांे कान्फ्रेंस के माध्यम से मेरठ मण्डल के जनपद गौतमबुद्धनगर के विकास कार्यो एवं कोविड-19 की गहन समीक्षा की गयी। इस अवसर पर उन्होंने जनपद से सम्बन्धित सांसद एवं विधायकगण से निर्माणाधीन विकास परियोजनाओं की प्रगति आदि के सम्बन्ध में फीडबैक प्राप्त की। उन्होंने विकास की गति को और तेज किये जाने के निर्देश देते हुये कहा कि परियोजनाओं और विकास कार्याे को समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण तरीके से मानकों के अनुरूप पूर्ण किया जायें। कार्यदायी संस्थाओं को कार्य किये जाने के समय यह सुनिश्चित किया जायें  कि उनके पास उचित मैन पावर है या नही। इसके आधार पर ही कार्य आंबटित किये जाये। निर्धारित अवधि में कार्य के पूर्ण होने पर लागत में कमी आती है और आमजन को विकास योजनाओं का समय से लाभ प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि विकास के कार्यो के लिए शासन स्तर पर धनराशि की कोई कमी नही होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार विकास एंव जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रदेश की जनता को लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सम्बन्ध में किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा शिथिलता बरते जाने पर जवाबदेही तय की जायेगी। हमें कोरोना से लड़ना भी है और तेजी से विकास कार्य भी संचालित करने हैं। इसके दृष्टिगत वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए पूरी सतर्कता व सावधानी अपनाते हुय विकास कार्याे को तीव्र गति से पूर्ण किया जायें। कोविड-19 से बचाव के लिए सोशल डिस्टेंसिंग व दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी स्लोगन का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार कराते हुये जनता को जागरूक किया जायें। इण्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेन्टर के साथ-साथ कोविड अस्पतालों को निरन्तर सक्रिय रखा जाये।
मुख्यमंत्री जी ने वीडियांे कान्फ्रेंस के माध्यम से मेरठ मण्डल के अन्तर्गत जनपद गौतमबुद्धनगर में संचालित विकास कार्यक्रमों, जन कल्याणकारी योजनाओं, निर्माणाधीन परियोजनाओं आदि की समीक्षा के दौरान निर्देश देते हुये कहा कि एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत जनपद के विशिष्ट उत्पादकों को बढ़ावा देकर इनके प्रोडक्शन एवं मार्केटिंग सम्बन्धित आधारभूत सुविधा उपलब्ध करायी जायें। ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय, ग्राम सचिवालय भवनों के निर्माण कार्याे को गति प्रदान कर गुणवत्ता के साथ निर्माण कराया जायें। प्रधानमंत्री शहरी, ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत आबंटित आवासों को तत्काल पूर्ण कराया जायें। उन्होंने कहा कि किसानों को समय से खाद, बीज, सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जायें। उन्होंने कोविड-19 के प्रोटोकाॅल का पालन कराते हुये सम्पूर्ण समाधान दिवस आयोजित किये जाने के निर्देश देते हुये कहा कि तहसील समाधान दिवस के अवसर पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण समयबद्धता व गुणवत्तापरक रूप से करते हुये, शिकायतकर्ता को अवगत भी कराया जायें।
जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर सुहास एल0वाई0 नेे मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि जनपद गौतमबुद्धनगर में 10 करोड़ से 50 करोड़ के मध्य की 11 परियोजनायें स्वीकृत है, जिनकी कुल लागत 337 करोड़ 86 लाख है, जिसके सापेक्ष 187 करोड़ 45 लाख की धनराशि अवमुक्त हुयी है, जिसमें से 154 करोड़ 53 लाख रूपये वर्तमान तक व्यय करते हुये 82.44 प्रतिशत कार्य में प्रगति है। स्वीकृत परियोजनाओं में राजस्व विभाग एवं न्यायिक अधिकारियों के आवास, मलकपुर स्टेेडियम निर्माण कार्य, वाणिज्य कर कार्यालय, दादरी सूरजपुर मार्ग पर, दादरी रेलवे स्टेशन पर पुल का निर्माण तथा डी0एफ0सी0सी0 के छः कार्य सम्मलित है। उन्हांेने बताया कि प्रधानमंत्री आवास शहरी योजना के अन्तर्गत 1112 लक्ष्य के सापेक्ष 1111 आवास पूर्ण कर लिये गये है। नयी सड़को का निर्माण एवं चैड़ीकरण तथा गड्डामुक्ति के सम्बन्ध में कार्य प्रगति पर है। घर घर नल योजना के अन्तर्गत 88 ग्रामों में 2728 नल स्थापित है तथा 20 पाईप पेय जल योजना क्रियाशील है। कर करेत्तर राजस्व संग्रह में 1807200.540 लाख वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष 354675.450 लाख का राजस्व प्राप्त किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन नगरीय के अन्तर्गत 6 नगर निकाय के क्षेत्र में 84 वार्डो को ओ0डी0एफ0 कराते हुये शत्प्रतिशत पूर्ति कर ली गयी है। इसी प्रकार स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अन्तर्गत एल0ओ0बी0 प्रथम चरण में जनपद में 1870 शौचालयों का निर्माण एवं एन0ओ0एल0बी0 के तहत 441 शौचालयों का निर्माण करते हुये जियो टेगिंग का कार्य शत्प्रतिशत पूर्ण कर लिया गया। सामुदायिक शौचालयांे में 86 ग्रामसभाओं में 64 सामुदायिक शौचलय निर्माण लक्ष्य के सापेक्ष 33 की पूर्ति कर ली गयी है, 31 शौचालयों का निर्माण कार्य सितम्बर माह के अन्त तक पूर्ण कर लिया जायंेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में किसानों के लिए खाद्य एवं उर्वरक की उपलब्धता मानकों के अनुसार सुनिश्चित है। विगत माह माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा 344 करोड़ रूपये की लागत से तैयार कोविड-19 अस्पताल का उद्घाटन किया गया था, जिसका सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है और आमजन को उसका लाभ प्राप्त हो रहा है। जनपद गौतमबुद्धनगर में कुल 248547 सैम्पल लिये गये, जिसमें से 10532 पाॅजिटिव केस प्राप्त हुये जिसमें 8617 लोगों की रिकवरी हो चुकी है और वर्तमान में जनपद गौतमबुद्धनगर में कोविड के 1867 मामलें सक्रिय है। जनपद मे पोजिटिव दर 4.25 प्रतिशत है और रिकवरी दर 81.81 है। कुल मृतकों की संख्या 48 है, जो 0.45 प्रतिशत है। सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि योजना के अन्तर्गत कुल उपलब्ध धनराशि 480.76 लाख रूपये है, जिसमें 432.33 लाख रू0 की धनराशि स्वीकृृत कर दी गयी है। कार्यदायी संस्थाओं को अवमुक्त धनराशि 264.73 लाख रूपये है, जिसके सापेक्ष 133.95 लाख रूपये व्यय कर लिये गये है। निर्माणाधीन कार्यो की संख्या 41 है। विधानमण्डल क्षेत्र विकास निधि योजना के अन्तर्गत 938.44 लाख रू0 की धनराशि उपलब्ध है, जिसके सापेक्ष 848.06 लाख रूपये की योजना स्वीकृत है। 589.28 लाख रू0 कार्यदायी संस्थाओं का अवमुक्त कर दिये गये है, जिसके सापेक्ष 346.61 लाख रू0 व्यय कर लिया गया है। निर्माणाधीन कार्यो की संख्या-98 है। महात्मा गांधी रोजगार गारण्टी योजना मनरेगा के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 का भौतिक लक्ष्य 11049 मानव दिवसों के सृजन के सापेक्ष माह अगस्त 2020 तक 13765 मानव दिवसों का सृजन किया जा चुका है, जिसका प्रतिशत 216.77 है। वित्तीय लक्ष्य रू0 32.46 लाख के सापेक्ष माह अगस्त 2020 तक 27.86 लाख व्यय किया जा चुका है। उन्हांेने बताया कि जनपद में 04 परियोजनाओं में 03 परियोजनओं के अन्तर्गत पुनरीक्षित लागत की धनराशि शासन से अवमुक्त किया जाना अपेक्षित है तथा 02 कार्यो में स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष अवशेष धनराशि स्वीकृत किया जाना अपेक्षित है। बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी ग्रेटर नोएडा एवं कोविड-19 के नोडल अधिकारी नरेंद्र भूषण, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा विकास प्राधिकरण ऋतु महेश्वरी, जिला अधिकारी सुहास एल.वाई. मुख्य विकास अधिकारी अनिल कुमार सिंह तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। जनप्रतिनिधियों के द्वारा ऑनलाइन इस बैठक में प्रतिभाग किया गया है। 



साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी गौतम बुध नगर।


 


 


 


 


 


 


जनपद हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र में दो पक्षों में मारपीट


अतुल त्यागी—समीक्षा न्यूज
हापुड़। जनपद हापुड़ के थाना धौलाना क्षेत्र में दो पक्षों में मामूली सी कहासुनी को लेकर जमकर चले लाठी-डंडे और ईंट पत्थर इतना ही नहीं दोनों पक्ष एक दूसरे की जान पर उतारू हो गए।
बड़े ही बेखौफ तरीके से लाठी-डंडे और ईट पत्थरों से लैस होकर दोनों पक्ष सड़क पर उतर आए और आपस में भिड़ गए इस दौरान दोनों पक्षों में जमकर चले लाठी-डंडे और ईंट पत्थर जिसमें दोनों तरफ से कई लोग घायल हो गए।


श्रीमान क्षेत्राधिकारी पिलखुवा महोदय, बाईट-डॉ.तजवीर सिंह


https://www.youtube.com/watch?v=XgKSSDkzfGE
इसी दौरान किसी ने दोनों पक्षों की मार पिटाई का वीडियो बना लिया। थाना धौलाना क्षेत्र के गांव दहरा का मामला सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया अब बड़े ही तेजी से लाठी-डंडों से लैस सड़क पर दोनों पक्षों पर वार करते हुए वीडियो वायरल हो रहा है।


फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर ठगी करने महिला समेत दो गिरफ्तार


अतुल त्यागी—समीक्षा न्यूज
हापुड़। जनपद हापुड़ की थाना पिलखुवा पुलिस को मिली बड़ी सफलता फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर ठगी करने वाले महिला सहित दो ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
फेसबुक पर फर्जी आईडी बनाकर युवकों से दोस्ती करके उनको अपने जाल में फंसा कर दुष्कर्म का लगाते थे आरोप सीधे साधे भोले भाले लोगों को फंसाते थे अपने जाल में और करते थे ठगी।
पिलखुवा पुलिस ने ठगी करने वालों का पर्दाफाश करते हुए महिला सहित दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है पुलिस ने इनके कब्जे से 50 हजार रुपए भी बरामद किए हैं बाकी फरार आरोपियों की पुलिस तलाश कर रही है।


कच्छा बनियान धारी बदमाशों ने की दो घरो में लूट


अतुल त्यागी—समीक्षा न्यूज
हापुड़। कच्छा बनियान धारी आधा दर्जन से भी ज्यादा बदमाशों ने दो घरों को बनाया अपना निशाना क्षेत्र में दहशत का माहौल।
लाखों रुपए की कीमत के जेवरात और नकदी कच्छा बनियान धारी बदमाश बड़े ही शातिर तरीके से घटना को अंजाम देकर मौके से फरार हुए।
हापुड़ के थाना सिंभावली पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल पुलिस गश्त की खुली पोल व्यापारियों से लेकर आम जनता तक घर से लेकर बाहर तक नहीं सुरक्षित।
हापुड़ में कहीं ना कहीं रोज हो रही है लूट और डकैती जैसी वारदातें घर से लेकर बाहर तक कोई भी अपने आप को सुरक्षित नहीं समझ रहा पुलिस गश्त की खुल रही है पोल लोगों में दहशत का माहौल।


मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सर्व शिक्षा अभियान की कार्य परिषद की 54वीं बैठक सम्पन्न


दीपेन्द्र सिंह—समीक्षा न्यूज
लखनऊ। सर्व शिक्षा अभियान की कार्य परिषद की 54वीं मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें वर्ष 2020-21 के लिए स्वीकृत कार्य योजना एवं बजट धनराशि रु0 9007.88 करोड़ के प्रस्तावों को अनुमोदित किया गया। प्रारंभिक शिक्षा हेतु 8609.62 करोड़, शिक्षक प्रशिक्षण हेतु 109.52 करोड़ तथा माध्यमिक शिक्षा हेतु 288.73 करोड़ रूपये के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गयी।
26729 परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के बैठने हेतु फर्नीचर की व्यवस्था, 1160 विद्यालयों में पीने के पानी की सुविधा हेतु सबमर्सिबल पंप व टैंक तथा फिटिंग, 6686 विद्यालयों का विद्युतीकरण, 688 विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षों का निर्माण तथा 975 प्राथमिक तथा 219 उच्च प्राथमिक जर्जर विद्यालयों के भवनों का पुनः निर्माण कराया जाएगा। उक्त कार्य के लिए रु0 757.57 करोड़ अनुमोदित किये गए जो कि गतवर्ष की तुलना में 1298.50 प्रतिशत अधिक है। 
इसके अतिरिक्त कक्षा 01 से 08 तक के अध्ययनरत लगभग 179.32 लाख छात्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, 154.50 लाख बच्चों को निःशुल्क यूनिफाॅर्म उपलब्ध कराया जायेगा। 1,59,665 विद्यालयों तथा प्रबन्ध समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण व सशक्तीकरण के कार्यक्रम और जन पहल रेडियो के कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। उक्त के साथ-साथ आउट आॅफ स्कूल बच्चों का चिन्हीकरण, पंजीकरण एवं नामांकन हेतु 7-14 आयु वर्ग के 107190 बच्चों हेतु 09 माह का गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। उक्त कार्यों हेतु रु0 1606.67 करोड़ के प्रस्तावों का अनुमोदन प्रदान किया गया। यह धनराशि गत वर्ष से 51.98 प्रतिशत अधिक है। 
इसके अलावा प्री-प्राइमरी हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए 1,46,286 प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण, बायोमैट्रिक उपस्थिति, डिजिटल लर्निंग तथा माॅनिटरिंग हेतु परिषदीय विद्यालयों तथा सभी एकेडमिक रिसोर्स पर्सन्स को टेबलेट की व्यवस्था, 949 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में आईसीटी इंटीग्रेटेड स्मार्ट क्लास, बुनियादी शिक्षा के अन्तर्गत इंटरएक्टिव लर्निंग मटेरियल तथा न्यूमेरिकल लिटरेसी के लिए कार्यक्रम, आॅनलाइन शिक्षक-प्रशिक्षण हेतु दीक्षा कन्टेन्ट क्रिएशन सेल की स्थापना, कक्षा 3-8 के 1,06,75,162 विद्यार्थियों हेतु सीसीई कार्ड्स की व्यवस्था, 1,54,590 शिक्षकों को आईडी कार्ड तथा सभी शिक्षकों को शिक्षक डायरी, 1,88,978 अध्यापकों के लिए आॅनलाइन सेवारत प्रशिक्षण, 1,58,877 वि़द्यालयों में कम्पोजिट ग्रान्ट की स्वीकृति, सभी छात्र-छात्राओं का आधार कार्ड बनवाने का आधार आॅथेन्टिकेशन तथा कोविड-19 के दृष्टिगत छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों की सुरक्षा हेतु जागरूकता/प्रशिक्षण के कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। इन कार्यों हेतु 5121.67 करोड़ की धनराशि अनुमोदित की गयी जो कि गतवर्ष की तुलना में 7.52 प्रतिशत अधिक है।
बैठक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों हेतु गार्ड रूम के निर्माण, फर्नीचर, किचन के उपकरणों तथा छात्राओं की बेयडिंग रिप्लेसमेन्ट की व्यवस्था, छात्राओं को विशिष्ट कौशल प्रशिक्षण, शारीरिक शिक्षा, चिकित्सा सुविधा तथा शिक्षिकाओं के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। आत्मरक्षा प्रशिक्षण, बालिकाओं में आत्म विश्वास विकसित करने तथा आत्मरक्षा कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए आत्मरक्षा कार्यक्रम तथा किशोर-किशोरियों के लिए जीवन कौशल शिक्षा कार्यक्रम, किशोर-किशोरियों के लिए जेण्डर इक्विटी पर आधारित विभिन्न माध्यमों से सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किये जाएंगे। इन कार्यों हेतु 629.13 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।
इसके अतिरिक्त 480 मेडिकल एसेसमेन्ट कैम्प, 277 मेजरमेन्ट एवं डिस्ट्रिब्यूशन कैम्प, 18323 दिव्यांग बच्चों हेतु निःशुल्क उपकरण व उपस्कर, दृष्टिबाधित बच्चों के लिए 3008 ब्रेल पाठ्य पुस्तकें तथा 2086 इन्लार्ज प्रिन्ट टेक्स्ट बुक्स, 9108 दिव्यांग बालिकाओं को 200 रुपये प्रतिमाह स्टायपेन्ड तथा 6384 दिव्यांगों को 500 रुपये प्रतिमाह माह एस्काॅर्ट एलाउन्स देने का प्रस्ताव किया गया है। दृष्टि दिव्यांग एवं वाक श्रवण दिव्यांग बच्चांे के लिए 08 माह के 85 आवासीय एक्सीलरेटेड लर्निंग कैम्प संचालित किये जाएंगे। इन कार्यों हेतु 56.81 करोड़ रुपये अनुमोदित किये गये जो कि गत वर्ष की तुलना में 20.51 प्रतिशत अधिक है। 
बैठक में सभी डायट्स में आधारभूत सुविधाओं के लिए 109.52 करोड़ रुपये के प्रस्तावों का अनुमोदन प्रदान किया गया। गत वर्ष की इन्हीं कार्यों के लिए करीब 102 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गए थे। कराये जाने वाले कार्यों में डायट्स में फर्नीचर, कम्प्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास रूम, वाई-फाई, टाॅयलेट्स, शुद्ध पेयजल, निर्बाध विद्युत आपूर्ति, पर्यवेक्षणीय कार्यों हेतु वाहन तथा सभी डायट्स में खेलकूद व कला/संगीत की सुविधा प्रदान किये जाने का प्रस्ताव किया गया है। 
बैठक में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार, राज्य परियोजना निदेशक सर्व शिक्षा अभियान विजय किरन आनन्द, निदेशक बेसिक शिक्षा डाॅ0 सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।  
साभार: पत्र सूचना शाखा (मुख्य सचिव मीडिया कैम्प) सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उ0प्र0


पार्षद जाकिर सैफी ने किया विद्यालय का निरीक्षण


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। वार्ड संख्य 95 के पार्षद मोहम्मद जाकिर अली सैफी और नगर निगम निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर मोहीनुद्दीन द्वारा कैला भटटा (लालटेन फैक्टरी) स्थित ऐ.पी.जे अब्दुल कलाम कैला जनरल प्राइमरी पाठशाला प्रथम में व विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती तबसुम के साथ विद्यालय का निरीक्षण किया।
पार्षद मोहम्मद जाकिर अली सैफी ने कहा कि जल्द ही यह सरकारी विद्यालय प्राइवेट स्कूलों से ज्यादा अच्छा बनेगा में इस विद्यालय के सौन्दर्यकरण के लिए काफी समय से प्रयास कर रहा हूँ आपकी दुआ से जिसमें जल्द ही सफलता मिलेगी शिक्षा में भागीदारी से ही समाज का उत्थान होता है।


पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी के निवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। वार्ड 76, वैशाली प्रथम में पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी के निवास पर महानगर महामन्त्री पप्पू पहलवान, वार्ड 89 से पार्षद राजकुमार सिंह, वसुन्धरा मंडल अध्यक्ष सत्येंद्र चौधरी व मंडल की पूरी टीम सहित अन्य भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठक हुई।



केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार देवस्थानम बोर्ड एवं मास्टर प्लान वापस ले: पं प्रवेश दत्त भारद्वाज


प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार ने निजी स्वार्थ के लिए चारों धामों के ऊपर से पुरानी परंपराओं को हटाते हुए नए ढंग से जोकि सनातन संस्कृति के खिलाफ है ऐसी नीतियां बनाई है जिसके लिए महापंचायत हक हक उधारी चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों द्वारा लगभग 55 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है जिसका पता चलते ही 17 सितंबर 2020 दिन बृहस्पतिवार को राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ ने बाबा श्री केदारनाथ धाम पहुंच करके महापंचायत एवं अनिश्चितकालीन हड़ताल को राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित प्रवेश दत्त भारद्वाज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित अजय शर्मा एवं प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड अरुण शर्मा के नेतृत्व में अपना पुरजोर समर्थन चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों को दिया देवस्थानम बोर्ड,मास्टर प्लान के चलते हमारी प्राचीन परंपराओं से छेड़छाड़ की जा रही है जिसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा इसी कड़ी में केदारनाथ धाम सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला जी ने राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समस्त पदाधिकारियों का बाबा श्री केदारनाथ धाम में अभिनंदन एवं धन्यवाद किया।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पं प्रवेश दत्त भारद्वाज जी का कहना है कि केंद्र एवं उत्तराखंड सरकार या तो होश में आ जाए अन्यथा पूरे देश प्रदेश में उग्र आंदोलन होगा चौकी सदियों से चली आ रही हिंदुओं की परंपराओं से छेड़छाड़ करना मानव सांप के मुंह में हाथ डालने जैसा है क्योंकि अगर हिंदू राम है तो जब उसे छोड़ोगे तो वह परशुराम भी है जिस तरीके से प्राचीन समय में पृथ्वी पर अन्याय बढ़ने के कारण देव अवतरित हुए थे इसी प्रकार अगर दोबारा पाप बढ़ेगा तो कोई ना कोई हल भगवान श्री राम एवं भोले बाबा निकालेंगे और फिर दोबारा ऐसे महापुरुषों का जन्म होगा जो अपनी परंपराओं को पुनः स्थापित करेंगे।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय शर्मा मैं अपने विचार रखते हुए केंद्र सरकार एवं उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधा और कहा सरकारें तो पहले भी थी पर पहले सरकारों में और अब की सरकार में फर्क इतना है कि पहले सरकार में ब्राह्मण एवं साधु संतों पर इतने अत्याचार नहीं हुए जो आए दिन आजकल हो रहे हैं अगर सरकारें हमारी बातों को गंभीरता से नहीं लेगी तो पूरा ब्राह्मण समाज एवं संत समाज एक बैनर के नीचे आकर के वर्तमान सरकार की नीव हिलाने का कार्य करेगा।
जिसमें मुख्य रुप से प्रवेश दत्त भारद्वाज राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय शर्मा,विनोद शुक्ला श्री केदारनाथ धाम सभा अध्यक्ष,राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अरुण शर्मा प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड,सौरव शुक्ला तीर्थ पुरोहित केदारनाथ,पं तनु शर्मा युवा जिलाध्यक्ष, शांतनु शर्मा, अभय शर्मा,यश शर्मा, दिग्विजय सिंह माथुर,हिमांशु तिवारी व्यापारी केदारनाथ, चंद्रशेखर भट्ट पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ब्राह्मण महासभा श्रीमती सुभागा देवी, महेश बगवाड़ी निवासी केदारनाथ, सुबोध बगवाड़ी आदि सैकड़ों की तादाद में केदारनाथ धाम तीर्थ पुरोहित राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


प्रधानमंत्री जन्मदिन: सेवा सप्ताह में चलाया पॉलिथीन मुक्त समाज कार्यक्रम


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जन्मदिवस पर पूरे देश में सेवा सप्ताह मनाया जा रहा है। इसी के चलते गाजियाबाद साहिबाबाद तिकोना पार्क श्याम पार्क मैन में पॉलिथीन मुक्त समाज कार्यक्रम संपन्न हुआ।



जिसमें कार्यक्रम प्रमुख राजेश्वर प्रसाद पूर्व डिप्टी मेयर मंडल अध्यक्ष नीरज वर्मा मंडल उपाध्यक्ष राजेश सिंह  महानगर कार्यालय प्रमुख दीपक राघव मंडल महामंत्री आतिश शर्मा छन्नू सिंह लोधी रविदत्त निमेष भाजपा नेता विनीत चौधरी रोहित जैन गुरदीप सलूजा तुषार राणा सत्य प्रकाश सिंह पुष्पा झा पुष्पेंद्र चौधरी अमरजीत झा नितेश शर्मा चिराग कौशिक विनीत मिश्रा राजकुमार खन्ना मनोज बोरा महिपाल चौधरी आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस अवसर पर नगर निगम सुपरवाइजर राकेश और उनकी टीम कार्यक्रम को सफल बनाने में काफी सहयोग किया। 



सीओ सिटी राजेश कुमार सिंह का विदाई कार्यक्रम आयोजित


अतुल त्यागी—समीक्षा न्यूज
हापुड। हापुड़ में सीओ सिटी राजेश कुमार सिंह की पुलिस ऑफिस से हुई विदाई हापुड़ संजीव सुमन एसपी सर्वेश कुमार मिश्रा सहित सभी अधिकारियों ने दी सीओ राजेश कुमार सिंह को विदाई सीओ राजेश कुमार सिंह का झांसी हुआ तबादला झांसी में सीओ राजेश कुमार सिंह को मिला सीओ सिटी का चार्ज।




अवैध शस्त्र धरपकड़ अभियान में तीन गिरफ्तार, एक मौके से हुआ फरार


अतुल त्यागी—समीक्षा न्यूज
हापुड़। जनपद हापुड़ में पुलिस अधीक्षक महोदय संजीव सुमन की टीम वांछित अपराधियों और अवैध शस्त्र धरपकड़ अभियान में पिलखुवा पुलिस को सफलता प्राप्त हुई। आपको बता दें पिलखुवा थाना प्रभारी नरेश कुमार की टीम कस्बा चौकी इंचार्ज सुमित तोमर को सफलता प्राप्त हुई है। सूचना मिली कि रात्रि में गश्त के समय परतापुर चौराहा गैस एजेंसी के पास चार व्यक्ति लूट की योजना बनाकर किसी संगीन अपराधिक घटना करने की फिराक में है तभी उप निरीक्षक सुमित तोमर अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गये और चारो व्यक्ति को घेर घोटकर पकड़ने में सफलता प्राप्त हुई। मौका देख कर एक व्यक्ति अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से एक तमंचा 315 बोर एक जिंदा कारतूस 315 बोर एक चाकू एक मोटरसाइकिल प्लैटिना बाइक फर्जी नंबर प्लेट पाई गई है। फरार अभियुक्त की तलाश में पिलखुवा पुलिस लगी है। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम साकिर पुत्र नन्हे रिजवान पुत्र जाहिद अली कमर पुत्र तनवीर निवासी गण ग्राम खेड़ा थाना पिलखुवा अभियुक्तों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेजा जा रहा है।


Thursday 17 September 2020

प्रदेश सरकार के विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से पारम्परिक कारीगरों का हो रहा है आर्थिक विकास


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद/गौतमबुद्धनगर। मनुष्य के जीवन में विविध भौतिक वस्तुओं की आवश्यकता होती है और उन वस्तुओं की आपूर्ति समाज के विभिन्न पारम्परिक कारीगरों, हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित वस्तुओं से होता है। आज के मशीनरी एवं वैज्ञानिक युग में औद्योगिकीकरण से प्रदेश की परम्परागत शिल्प का ह्मस होता जा रहा है। जबकि परम्परागत शिल्पियों की दैनिक जीवन में अति आवश्यकता है। प्रदेश में विभिन्न वर्गों के परम्परागत कारीगरी, शिल्प को बढ़ावा देने तथा लोगों को स्वरोजगार देने के उद्देश्य से ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के पारम्परिक कारीगरों बढ़ई, लोहार, दर्जी, टोकरी बुनकर, नाई, सुनार, कुम्हार, हलवाई, जूते-चप्पल बनाने वाले आदि स्वरोजगारियों तथा पारम्परिक हस्तशिल्पियों की कलाओं के प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन तथा उनकी आय में वृद्धि के अवसर उपलब्ध कराने हेतु प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू किया है।
कोरोना काल में अन्य प्रदेशों में काम करने वाले उ0प्र0 के कारीगरों/श्रमिकों के वापस आने पर अब उन्हें बेरोजगारी की समस्या न आये, इसके लिए प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है। लाखों की संख्या में वापस आये प्रदेश के श्रमिकों को काम-काज मिल सके इसें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना बड़ी मददगार साबित हो रही है। कोरोना वायरस के चलते किये गये लाॅकडाउन के कारण लाखों कुशल अकुशल श्रमिक प्रदेश में आ गये हैं। अब ऐसी स्थिति में यह लोग उन प्रदेशों/शहरों में वापस न जायं, प्रदेश में ही उनके कौशल का उपयोग करते हुए योगी आदित्यनाथ जी की सरकार विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत 06 दिन का निःशुल्क प्रशिक्षण देकर उनके स्वयं के कारोबार स्थापित करने के लिए सहायता दे रही है।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न परम्परागत उद्यमों तथा आधुनिक तरीकों के उद्यमों के लिए बढ़ईगीरी, दर्जी का कार्य, टोकरी बनाने, बाल काटने हेतु नाई का कार्य, गहने आभूषण बनाने वाले सुनार, लोहार, कुम्हारीकला, हलवाई का कार्य, जूता-चप्पल बनाने हेतु मोची का कार्य तथा अन्न हस्तशिल्प की कला को सीखने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने यह योजना संचालित की है। इस योजना का उद्देश्य है कि प्रदेश के सभी छोटे-बडे़ वर्ग के बेरोजगार लोगों को बेहतर प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें सम्बंधित उद्यम स्थापित कराकर आत्मनिर्भर बनाना है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो और वे काम-काज व रोजगार के लिए अन्य राज्यों में न जायंे। उनके कामकाज करने से उनकी और प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी की पात्रता भी है। इसके अन्तर्गत आवेदन करने वाला व्यक्ति उ0प्र0 का मूल निवासी हो और कम से कम 18 वर्ष का होना जरूरी है। इसमें शैक्षिक अनिवार्यता नहीं है। आवेदन करने वाला व्यक्ति बीते दो वर्षों में इस तरह की किसी अन्य योजना का लाभ न लिया हो। पंजीकरण कराने के लिए इस योजना से जुड़ी आधिकारिक साइट पर कम्प्यूटर में जाकर लिंक http//diupmsm&uosdc.gov.in पर क्लिक कर आवेदन पत्र भरा जा सकता है आवेदन पत्र भरते समय आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर, बैंक पासबुक खाता नम्बर की कापी, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड प्रति जैसे दस्तावेज साथ में संलग्न करने होंगे।
प्रदेश सरकार इस योजनान्तर्गत लाभ लेने वाले कारीगरों, श्रमिकों को तहसील अथवा मुख्यालय पर लघु या मध्यम उद्यम विभाग द्वारा 06 दिन की मुफ्त टेªनिंग दी जाती है। यह टेªनिंग इस तरह प्रैक्टिकल रूप में दी जाती है कि लाभार्थी आसानी से सीख लेता है। टेªनिंग के दौरान खाने-पीने, रहने की व्यवस्था सरकार द्वारा वहन किया जाता है। लाभार्थियों को सरकार की तरफ से मजदूरी दर के समान कारीगरों को वित्तीय मदद भी दी जाती है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद लाभार्थियों को उनके द्वारा चुने गये ट्रेड के अनुसार टूल किट भी प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण प्राप्त कर अपना उद्यम, कारोबार स्थापित करने वाले अभ्यर्थियों को 10 हजार रू0 से लेकर 10 लाख रू0 तक की बैंकों के माध्यम से ऋण दिलाते हुए आर्थिक सहायता की जाती है। योगी सरकार इस योजना के अन्तर्गत हजारों लोगों को स्वयं का कारोबार स्थापित कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है।
साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी


भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस अभियान पर देश के युवाओं का मिला खुला समर्थन


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
दिल्ली। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर मजबूरन देश के युवाओं ने राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस के रूप में मनाया गया | आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर देश का युवा इतना आक्रोशित क्यों है ? दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ. अनिल कुमार मीणा ने बताया कि भारतीय युवा कांग्रेस ने देश के युवाओं में फैली बेरोजगारी की समस्या को महसूस किया है|  पिछले कई दिनों से भारतीय युवा कांग्रेस ने महा अभियान रोजगार दो का कार्यक्रम चला रखा है|  फिलहाल देश एक तरफ जहां करोना महामारी से त्रस्त है|  युवा बेरोजगार है | GDP लगातार गिरती जा रही है |  चीन भारत की सीमाओं में घुसकर पिकनिक मना रहा है, वहीं दूसरी ओर आज भाजपा प्रधानमंत्री के जन्मदिवस को हर्षोल्लास के साथ मना रही है | डॉ. अनिल मीणा ने कहा कि  देश में बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ती जा रही है, युवा आत्महत्या कर रहा है | देश के कई युवाओं ने आत्महत्या करने से पहले अपने सुसाइड नोट में बेरोजगारी  को आत्महत्या का कारण बता रहे हैं , सीधे गुनाहगार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं |  उद्योगपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के चक्कर में देश के करोड़ों युवाओं का रोजगार चला गया है | डॉ. बाबा साहब अंबेडकर के संविधान में जहां लोकतंत्र में सबको अपनी आवाज रखने का अधिकार मिला हुआ था सरकार उसको भी लगातार कुचल रही है | लोकतांत्रिक तरीको से कहने पर भी युवाओं को पीटा गया और असंवैधानिक तरीके से इन्हें गिरफ्तार किया गया, बर्बर तरीके इसे इन्हें घसीटा गया | 
 प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने से पहले कहा था कि युवाओं को प्रतिवर्ष 2 करोड रोजगार दूंगा। आपके शहर में नौकरी मिलेगी, शाम को आप घर जाकर अपने मां बाप के पास बैठ सकेंगे।  किंतु मोदी के गैर जिम्मेदाराना  फैसलों से नोटबंदी से दो करोड़ युवाओं की नौकरी गई, जीएसटी से करोड़ों कारोबार तबाह हो गए, बिना प्लान के लॉकडाउन से अब तक 15 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरियां जा चुकी है। ऐसे में युवा कांग्रेस ने फैसला लिया है कि मोदी जी के जन्म दिवस को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रुप में मनाया जाए क्योंकि मोदी जी सही मायने में देश में फैली बेरोजगारी के लिए विशुद्ध रूप से जिम्मेदार हैं।  भारत में बेरोज़गारी की दर पिछले 6 सालों में इतनी बढ़ा दी जो पिछले 46 सालों में नहीं थी। मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण आज लोग बेरोज़गारी का भीषण दंश झेल रहे हैं।  लघु उद्योग, मध्यम उद्योग और प्रतिदिन काम करके आजीविका पाने वाले लोग रोजगार बंदी के कगार पर हैं|  भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास ने कहा कि भर्तियां आती ही नहीं, भर्तियां आती है और अटक जाती हैं। कई भर्तियों के रिजल्ट आ जाते हैं मगर ज्वाइनिंग नहीं होती है। सरकारी नौकरियों में संविदा का प्रावधान लाकर 5 साल युवाओ को बंधुवा मजदूर बना कर रखेगी  सरकार, फिर भी नौकरी की गारंटी नहीं दे रही है |   50 साल की आयु से वॉलंटियरी रिटायरमेंट प्लान की तलवार लटकेगी तो एक साधारण व्यक्ति 10-15 साल की सरकारी नौकरी के लिए अपने 50 साल लगा देगा |  देश का बेरोजगार युवा, लघु और मध्यम उद्योगपति ,खुदरा व्यपारी और निजीकरण की तलवार के नीचे काम कर रहे पब्लिक सेक्टर में काम कर रहे कर्मचारियों की रोजगार  निश्चित  नहीं है | भारतीय युवा कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा  जी ने कहा कि मोदी सरकार के कारनामे बड़े अजीब हैं बुलेट ट्रेन लाते-लाते  रेलवे को उद्योगपति  मित्रों को  बेच दिया, रोजगार लाते-लाते नौकरियां खत्म, महंगाई दूर करते-करते सब्सिडी खत्म, सबका साथ सबका विकास करते-करते भाईचारा खत्म, स्वास्थ्य बीमा देते-देते जीवन बीमा खत्म 
और अब नई शिक्षा नीति लाकर शिक्षा को खत्म कर रहे हैं |एक कहावत तो सुनी होगी ' ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी' अर्थात समाज में ना शिक्षा रहेगी और ना देश के युवा रोजगार मांगेंगे| आज भारतीय जनता पार्टी ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के जश्न को सोशल मीडिया पर जोर शोर से चलाया वहीं भारतीय युवा कांग्रेस ने बेरोजगारी को लेकर राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस का टि्वटर हेस्टैक चलाया जिसका देश के युवाओं ने पूरा समर्थन किया | भारतीय युवाओं द्वारा चलाया गया बेरोजगारी का मुद्दा विश्व स्तर पर प्रथम स्थान पर रहा | डॉ अनिल मीणा ने कहा कि यह देश के बेरोजगार युवाओं की आवाज को जन्मदिन से नहीं दबाया जा सकता|  युवा आक्रोश ने यह तय कर दिया है कि आगामी चुनाव में रोजगार का मुद्दा अहम रहेगा |
साभार: डॉ. अनिल कुमार मीणा 
प्रभारी दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस