मनोज तोमर—समीक्षा न्यूज
गौतम बुध नगर। दादरी ब्लॉक के 18 गाँव को विसरख ब्लॉक में जोड़े जाने के विरोध में साठा चौरासी के ग्राम पटाडी़ मैं ठाकुर घनश्याम सिंह सिसोदिया जी के आवास पर एक मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमें अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल सिंह परमार एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष सैनिक प्रकोष्ठ कर्नल चमन सिंह सिसोदिया ने भाग लिया जिसमैं यह निर्णय लिया गया कि सभी 18 गाँव के सभी ब्यक्तियों द्वारा इसका विरोध किया जायेगा और सभी गाँव के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम जिला अधिकारी को ग्यापन दिए जाएंगे जिसमैं राष्टीय अध्यक्ष ऋषिपाल सिंह परमार ने कहा कि ये एक जानबूझ कर किया गया एक गलत परिसीमन हैं जिसके माध्यम से राजपूत समाज को कमज़ोर किया गया है और इस क्षेत्र में से राजपूतों की राजनीतिक पहचान को समाप्त करने का प्रयास है और इसके लिए जहाँ भी जाना होगा वहाँ संगठन जाने को तैयार है क्योंकि ये विषय गाँव से जुड़ा हुआ एक विषय है इसलिए गाँव वालों की समस्याओं को देखते हुए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट पूरी ताकत के साथ गाँव वालों के साथ है वहीँ कर्नल चमन सिंह सिसोदिया ने सभी को संगठित रहकर कार्य करने के हे लिए प्रेरित किया और सभी को कहा कि जब तक यह परिसीमन वापस नहीं किया जाता तब तक सभी ग्रामवासी इसका पूरी तरीके से विरोध करते रहेंगे और आने वाले समय में इसका बहुत बड़ा नुकसान वर्तमान में जो विधायक हैं जिनकी देखरेख में यह कार्य किया गया है उनको नुकसान होगा इसलिए वह जितना जल्दी हो इस परिसीमन को वापस लें,इस मौके पर ग्राम के सम्मानित लोग मौजूद रहे जिनके नाम इस प्रकार हैं कैप्टन प्रमोद कुमार सिसोदिया, चंद्रपाल सिंह, ओम दत्त शर्मा, उदयराज सिंह, सुरेंद्र शर्मा फौजी, वीर पाल सिंह एडवोकेट, अतुल शर्मा, लाल सिंह, मुकेश राणा सुधीर राणा, रंजीत सिंह, मुकेश सिंह, मुनेश राणा, छोटू चौहान, राम अवतार तोमर, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट केेेेे गौतम बुध नगर के मीडिया प्रभारी मनोज तोमर ,मनोज सिंह, प्रवीण चौहान, ओमवीर शर्मा, प्रदीप सिंह सिसोदिया, शनि राणा, दया चंद शर्मा, शिवम राणा, प्रवीण चौहान, अजेश शर्मा इत्यादि उपस्थिति रहे।
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Friday 9 October 2020
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट की पटाडी़ गाँव में बैठक आयोजित
Thursday 8 October 2020
संबंधित इकाई प्रतिदिन 200 टन आॅक्सीजन करेगी उत्पादित 150 बेरोजगार व्यक्तियों को मिलेगा रोजगार
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। मै0 आईनोक्स एयर प्रोडक्ट प्रा0लि0 मोदीनगर गाजियाबाद इकाई का आज सुबह 9रू30 बजे उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लखनऊ से विधिवत रूप से अॉनलाइन शुभारंभ किया गया। माननीय मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि गाजियाबाद के लिए यह आज सुनहरा अवसर है जो इतनी बड़ी इकाई जनपद गाजियाबाद में स्थापित हुई है, जिससे अॉक्सीजन के क्षेत्र में सभी क्षेत्रवासियों को भरपूर लाभ प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए अॉक्सीजन मिलने में भी सभी चिकित्सालयों को आसानी होगी। इस अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री ने इकाई संचालकों को इस कार्य के लिए बधाई दी है और सरकार की मंशा के अनुरूप आगे कार्य करने का आह्वान किया है। संबंधित इकाई का प्रदेश सरकार के साथ फरवरी 2018 में एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया था। इकाई में लगभग 105 करोड का पूंजी निवेश प्रस्तावित था, किन्तु वर्तमान में इकाई में 135 करोड़ का पूंजी निवेश किया गया है। सम्पूर्ण औपचारिकतायें पूर्ण होने के बाद इकाई दिनांक 08 अक्टूबर 2020 से माननीय मुख्यमंत्री जी के उद्घाटन के उपरांत उत्पादन प्रारम्भ हो गया है। इकाई प्रदेश का सबसे बड़ी एयर सैपरेशन इकाई है, जिसकी उत्पादन क्षमता 200 टन प्रतिदिन है, जिससे 150 टन लिक्विड अॉक्सीजन 45 टन लिक्चिड नाइट्रोजन तथा 5 टन लिक्विड अॉर्गन का उत्पादन करेगी। इकाई द्वारा सभी विभागों से अपेक्षित अनापत्तियांध्लाइसेंस प्राप्त कर लिये गये है। इकाई को अपर गंगा केनाल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है। इकाई की स्थापना अमेरिकन कम्पनी मै0 एयर प्रोडक्ट तथा सिद्धार्थ जैन निदेशक आईनोक्स ग्रुप की 50-50 प्रतिशत की सहभागिता से की गयी है। इकाई में 135 करोड़ का निवेश किया गया है तथा इकाई द्वारा लगभग 125-150 व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया जायेगा। इकाई प्रदेश के 27 अस्पतालों के साथ केन्द्र के अधीन 10 बड़े अस्पतालों को मेडिकल आक्सीजन की आपूर्ति करेगी। इसके अतिरिक्त प्रदेश की तथा प्रदेश के बाहर की औद्योगिक इकाईयों को भी अॉक्सीजन, नाईटोजन तथा अॉर्गन की आपूर्ति करेगी। इकाई अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित है जिसको 04 अलग-अलग मोड पर संचालित किया जा सकता है। उक्त इकाई उत्पादन क्षमता तथा भण्डारण क्षमता के आधार पर प्रदेश की सबसे बड़ी अॉक्सीजन उत्पादक इकाई होगी।
संबंधित इकाई को निर्धारित समय पर संचालित करने में जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय के द्वारा भी अहमं रोल प्ले करते हुए संबंधित इकाई का कई बार मौके पर पहुंचकर स्थल निरीक्षण किया गया था। इकाई को शीघ्र अति शीघ्र शुभारंभ कराने के संबंध में अधिकारियों के साथ समय-समय पर बैठक करते हुए संबंधित विभागों के माध्यम से जो अनापत्ति प्रमाण पत्र तथा अन्य कार्यवाही सुनिश्चित की जानी थी उन्हें सभी अधिकारियों को विशेष निर्देश देकर इस इकाई को आज माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप शुरू किया गया है। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी मोदीनगर सौम्या पांडे, उपायुक्त उद्योग वीरेंद्र कुमार, आईनोक्स रीजनल मार्केटिंग हेड विनोद सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
-भव्य सामवेद पारायण यज्ञ 2 से 8 नवम्बर 2020 तक-
“तपोवन-देहरादून में सामवेद पारायण एवं गायत्री यज्ञ का आयोजन”
वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून महात्मा आनन्द स्वामी जी की प्रेरणा से बावा गुरुमुख सिंह, अमृतसर द्वारा स्थापित वैदिक ध्यान साधना का देश का प्रमुख केन्द्र व आश्रम है। लगभग 7 दशक पहले इस आश्रम की स्थापना हुई थी। इस आश्रम का स्वर्णिम अतीत है। हम इस आश्रम से सन् 1970 से एक श्रोता व दर्शक के रूप में जुड़े रहे हैं। हमने यहां अनेक विद्वानों व साधु-महात्माओं के दर्शन किये हैं तथा उनके विद्वतापूर्ण विचारों को सुना है। स्वामी सत्यपति, स्वामी विद्यानन्द विदेह, स्वामी सोम्बुद्धानन्द सरस्वती, महात्मा दयानन्द वानप्रस्थ, महात्मा बलदेव जी (चान्दपुर-बिजनौर), ऋषिभक्त रामलाल मलिक (दिल्ली), महात्मा आर्यभिक्षु, स्वामी दिव्यानन्द सरस्वती ब्र. कृष्ण दत्त जी सहित डा. नन्दिता शास्त्री, डा. प्रियम्वदा वेदभारती, स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती, आचार्य आशीष दर्शनाचार्य, पं. सत्यपाल पथिक, श्री दिनेश पथिक, पं. नरेश दत्त आर्य, पं. सत्यपाल सरल, पं. रुहेल चन्द जी, श्री मामचन्द पथिक जी, आजाद सिंह आजाद, श्री कल्याणदेव जी, श्रीमती मीनाक्षी पंवार, श्री सारस्वत मोहन मनीषी जी आदि अनेक विद्वानों, भजनोपदेशकों तथा ऋषिभक्तों के दर्शन करने के साथ उनको सुना भी है। तपोवन आश्रम वैदिक विधि के अनुसार साधना करने वाले साधकों के लिये अत्युत्तम स्थान है। अतीत में यहां महात्मा आनन्द स्वामी जी एवं महात्मा प्रभु आश्रित जी सहित अनेक योगियों ने दीर्घ काल तक साधना कर यहां समाधि का लाभ प्राप्त किया है।
आश्रम की स्थापवा के समय से ही यहां वेद परायण यज्ञ एवं योग साधना शिविरों का समय समय पर आयोजन किया जाता रहा है। कोरोना काल से पूर्व भी यहां वर्ष में दो बार ग्रीष्मोत्सव तथा शरदुत्सव के आयोजनों सहित चतुर्वेद पारायण यज्ञ, ध्यान साधना शिविर एवं युवकों युवतियों के चरित्र निर्माण एवं उनका वैदिक धर्म से परिचय कराने के लिये अनेक शिविरों आदि का आयोजन किया जाता रहा है। आश्रम इन गतिविधियों के साथ एक जूनियर हाईस्कूल तथा गोशाला का संचालन भी करता है। आश्रम की दो इकाईयां हैं जिनके बीच की दूरी 3.00 किमी. है। प्रमुख इकाई नालापानी गांव तपोवन में स्थित है तथा दूसरी इकाई इस आश्रम से 3 किमी. दूरी पर पहाड़ियों एवं वनों से आच्छादित निर्जन एवं शान्त स्थान में हैं। दोनों ही स्थानों पर भव्य यज्ञशालायें, सभागार वा सत्संग हाल आदि सहित साधकों व विद्वानों के निवास के लिए कुटियायें उपलब्ध हैं। समय समय पर यहां उपासना व योग साधना शिविर, वेद पारायण यज्ञ, व उच्च कोटि के विद्वानों के व्याख्यान आदि आयोजित किये जाते रहे हैं। कोरोना महामारी के कारण आश्रम को सन् 2020 का अपना ग्रीष्मोत्सव एवं शरदुत्सव रद्द करना पड़ा है। इस अभाव की पूर्ति, आश्रम की गतिविधियों को नियमित करने व गति देने के लिये आश्रम के अधिकारियों व विद्वान सदस्यों ने आश्रम में ‘सामवेद पारायण यज्ञ एवं गायत्री यज्ञ’ की योजना बनाई है। यह 7 दिवसीय आयोजन 2 नवम्बर से 8 नवम्बर, 2020 तक आयोजित किया गया है। इस सामवेद पारायण एवं गायत्री यज्ञ के ब्रह्मा ऋषिभक्त एवं उच्च कोटि के विद्वान योग साधक स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी होंगे। यज्ञ में मंत्र पाठ गुरुकुल पौंधा देहरादून के ब्रह्मचारीगण करेंगे। पारायण यज्ञ में व्याख्यानों के लिये आचार्य आशीष दर्शनाचार्य एवं आर्य विद्वान पं. सूरतराम शर्मा जी प्रातः सायं दोनों समय उपलब्ध रहेंगे। व्याख्यान के लिये आचार्य डा. धनंजय आर्य, आचार्य गुरुकुल पौंधा एवं वेद विदुषी आचार्या डा. अन्नपूर्णा जी को भी आमंत्रित किया गया है। इनकी सहमति भी प्राप्त हो गई है। इनके प्रवचन भी श्रोताओं व साधकों को सुनने को मिलेंगे। इस आयोजन को भक्तिरस से सराबोर करने के लिये प्रसिद्ध ऋषिभक्त भजनोपदेशक वाणी के जादूगर तथा उदार वेद प्रचारक पं. नरेशदत्त आर्य, बिजनौर भी उपस्थित रहेंगे। वर्तमान समय में ऐसा साक्षात धार्मिक आयोजन दुर्लभ ही है। यज्ञ की व्यवस्था व संचालन पं. सूरत राम शर्मा जी द्वारा की जायेगी। आश्रम के मंत्री श्री प्रेमप्रकाश शर्मा जी ने बताया कि इस आयोजन में भाग लेने के लिये सभी ऋषिभक्त एवं आर्य देवियां, बहिन व बन्धु कोरोना निगेटिव का प्रमाण पत्र साथ लेकर आयें जिससे किसी को किसी प्रकार कष्ट न हो और सब स्वस्थ रहें।
हम यह भी उल्लेख करना चाहते हैं कि आश्रम के पास भूमि एवं भवनों की दृष्टि से वृहद परिसर है जिसकी देखरेख व रखरखाव में प्रभूत धन व्यय किया जाता है। आश्रम के पास अपनी आय के स्थाई साधन नहीं है। इस कारण आश्रम के कार्यों का व्यवस्थित संचालन करने में कई प्रकार से रुकावटें व व्यवधान आते रहते हैं। आश्रम की ओर से हम आर्य श्रेष्ठ दानी महानुभावों से विनती करते हैं कि वह सब अपनी ओर से छोटी व बड़ी जो भी धनराशि दान कर सकते हैं, अवश्य दान दें। इसी से आश्रम अपनी गतिविधियों का संचालन कर सकता है अन्यथा आर्थिक अभाव होने पर अनेक कार्यों को रोकना संचालकों की विवशता बन जाती है। हम आशा करते हैं कि सभी ऋषिभक्त उदार वैदिक धर्मी इस ओर ध्यान देंगे और आश्रम को अपना सहयोग प्रदान करेंगे। हम यह भी अनुभव कर रहे हैं वर्तमान समय में आश्रम के आयोजनों में ऋषिभक्तों की उपस्थिति उत्तरोत्तर कम हो रही है। यह भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं। आप इस पर विचार करें और अधिक से अधिक संख्या में भाग लें जिससे अधिकारियों का उत्साहवर्धन हो और यह आश्रम चिरजीवी हो सके।
जो बन्धु इस आयोजन में पधारने के इच्छुक हैं वह किसी प्रकार की भी पूछताछ व जानकारी के लिये आश्रम के मंत्री श्री प्रेमप्रकाश शर्मा जी से उनके मोबाइल नं. 9412051586 व कार्यालय नं. 0135-2787001 पर फोन कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सामवेद पारायण एवं गायत्री यज्ञ में सभी ऋषिभक्त व यज्ञ प्रेमी बहिनें व बन्धु सादर सप्रेम आमंत्रित हैं। कोरोना संबंधी सभी उपायों का ध्यान रखते हुए यदि आप आ सकते हैं तो आश्रम के इस महत्वपूर्ण आयोजन में अवश्य भाग लें।
-मनमोहन कुमार आर्य
एमएमएच कॉलेज के स्वयंसेवकों ने ली कोविड के विरूद्ध प्रतिज्ञा
रिहाना पंवार—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। एमएमएच कॉलेज में करीब 40 एनएसएस स्वयंसेवकों ने कोविड से बचाव के लिए प्रतिज्ञा शपथ ली। डाॅ अशोक श्रोती, रीजनल डायरेक्टर, लखनऊ के आदेशानुसार, कॉलेज के प्रागंण मे दोपहर एक बजे ये कार्यक्रम आयोजित हुआ।
राष्ट्रीय सेवा योजना के तीनों कार्यक्रम अधिकारियों, स्वयंसेवकों एवं अन्य प्राध्यापकों की उपस्थिति में कोविड के विरुद्ध शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ कुछ शारीरिक अभ्यास की गतिविधियों द्वारा किया गया। तत्पश्चात भूतपूर्व स्वयंसेवक टेकचंद द्वारा कोविड के विरुद्ध शपथ दिलाई गई। शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय सेवा योजना के तीनों कार्यक्रम अधिकारी- डॉ गौतम बनर्जी, श्रीमती आरती सिंह और डॉ अनुपमा गौड़ मौजूद रहे। सभी ने कोविड-19 पर अपने विचार रखे और स्वयंसेवकों से सतर्क रहने की अपील की। कोरोना से बचाव का एकमात्र हथियार मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और लगातार हाथ धोना है। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में कॉलेज के अन्य विभागों के प्राध्यापक - डॉ संजित सिंह, श्री मनोज कुमार, श्री मूलचंद वर्मा, श्री सूर्य प्रकाश, श्री इनम उर रहमान , श्री अभिषेक सिंह, डॉ शालिनी सिंह और श्री मदनलाल भी मौजूद रहे ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोविड-19 से निपटने के लिए लोगों के समुचित व्यवहार के बारे में ट्विटर पर एक ‘‘जन आंदोलन’’ की शुरुआत की - जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं। इसके तहत सभी स्वयंसेवकों ने https://pledge.mygov.in/janandolan-covid/ पर जाकर शपथ ली तथा वचनबद्धता का प्रमाण-पत्र प्राप्त किया।
Wednesday 7 October 2020
“ऋषि दयानन्द ने सत्य के निर्णयार्थ सब धर्माचार्यों से शास्त्रार्थ किये थे”
सभी मनुष्य बुद्धि रखते हैं जो ज्ञान प्राप्ति में सहायक होने के साथ सत्य व असत्य का निर्णय कराने में भी सहायक होती है। एक ही विषय में अनेक मनुष्यों व आचार्यों के विचार भिन्न-भिन्न हो सकते हैं। यह भी सत्य एवं प्रामणिक तथ्य है कि एक विषय में सत्य एक ही होता है। गणित में दो व दो चार होते हैं। कोई गणित का विद्वान व आचार्य इससे भिन्न मान्यता वाला नहीं होता है। इसी प्रकार से धर्म विषय में मुख्यतः ईश्वर के स्वरूप, गुण-कर्म-स्वभाव, आत्मा के स्वरूप व गुण-कर्म-स्वभाव तथा उपासना की विधि आदि विषयों की चर्चा करके एक सत्य सिद्धान्त स्थापित किया जा सकता है व करना भी चाहिये। वर्तमान में व महाभारत के बाद से इन विषयों में एक मत न होकर अनेक आचार्यों के भिन्न-भिन्न मत व विचार रहे हैं। महाभारत के बाद स्वामी आदि शंकराचार्य जी ऐसे आचार्य हुए हैं जिन्होंने जैन मत के आचार्यों से ईश्वर के अस्तित्व पर शास्त्रार्थ किया था और शास्त्रार्थ में जो निष्कर्ष व तथ्य सामने आये थे, वह स्वामी शंकराचार्य जी का अद्वैत मत था जिसे शास्त्रार्थ की शर्तों के अनुसार सभी आचार्यों व राजाओं आदि ने भी स्वीकार किया था। इसके बाद से यह परम्परा बन्द पड़ी थी। ऋषि दयानन्द (1825-1883) का काल आते-आते धर्म विषयक सन्देह व भ्रान्तियां अपनी चरम सीमा पर थी। इन्हें धार्मिक अन्धविश्वास भी कहते हैं। ऋषि दयानन्द अपनी बाल्यावस्था से ही जिज्ञासु थे। वह सत्य ज्ञान को प्राप्त करने के इच्छुक थे। उन्होंने शिवरात्रि, 1839 के दिन मूर्तिपूजा पर इसी कारण सन्देह किया था कि ईश्वर के जो गुण, कर्म व स्वभाव शास्त्रों में वर्णित हैं, वह मूर्ति में साक्षात दृष्टिगोचर नहीं होते थे। उन्होंने विद्वानों से शंकायें की थीं परन्तु कोई विद्वान उनका समाधान नहीं कर सकता था। इसी कारण सच्चे शिव व मृत्यु से रक्षा व विजय प्राप्त करने के लिये उन्होंने सत्य के अनुसंधान हेतु अपना पितृ-गृह छोड़कर देश भर में विद्वानों की खोज की व उन्हें प्राप्त होकर उनसे ज्ञान प्राप्ति सहित अपना शंका समाधान किया था।
ऋषि दयानन्द ने अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिये अपूर्व तप किया और बाद में वह अपनी सभी शंकाओं के उत्तर प्राप्त करने में सफल हुए। उन्हें सच्चे शिव का सत्यस्वरूप भी विदित हुआ था तथा मृत्यु पर विजय प्राप्ति के साधनों का ज्ञान भी हुआ था जिसे उन्होंने अपने जीवन में धारण कर उसका प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत किया है। ऋषि दयानन्द को सत्य ज्ञान रूपी विद्या अपने विद्यागुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी से मथुरा में 1860 से 1863 के मध्य तीन वर्ष वेदांगों का अध्ययन कर प्राप्त हुई थी। इससे पूर्व वह समाधि सिद्ध योगी भी बन चुके थे। विद्या प्राप्त कर लेने, सभी शंकाओं व भ्रमों से निवृत्त होने सहित सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी तथा सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा का साक्षात्कार कर लेने के बाद उन्होंने संसार से अज्ञान व अविद्या दूर करने के कार्य को अपना मिशन व उद्देश्य बनाया था। इसी कार्य को करते हुए ही उन्होंने अपने जीवन का उत्सर्ग किया और भारत सहित विश्व को अविद्या के कूप से निकाला। ऋषि दयानन्द ने महाभारत युद्ध से पूर्व प्रचलित ईश्वर प्रदत्त वेद ज्ञान के सत्यस्वरूप व वेदार्थों का प्रकाश किया। उन्होंने पूर्ववर्ती ऋषियों द्वारा रचित वैदिक आर्ष साहित्य के सत्य सिद्धान्तों को निश्चित कर उनकी सत्य व्याख्याओं का मार्ग भी प्रशस्त किया। उनकी ही देन है कि आज हमारे पास सभी वेदों के सत्य वेदार्थों से युक्त वेदभाष्य व सभी वैदिक ग्रन्थों व विषयों के अनेकानेक व्याख्या ग्रन्थ हिन्दी आदि भाषाओं में उपलब्ध हंै जिसको साधारण हिन्दी पठित व्यक्ति भी जान व समझ कर विद्वान एवं सत्य वैदिक धर्म का सच्चा अनुयायी बन सकता है तथा जीवन के लक्ष्य धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष को सिद्ध कर सकता है।
विद्या प्राप्त कर मनुष्य का मुख्य कर्तव्य उस विद्या की रक्षार्थ उसका मौखिक व लेखन के द्वारा प्रचार करना होता है। यही कार्य ऋषि दयानन्द ने अपने जीवन में किया। विद्वान का एक प्रमुख कार्य व कर्तव्य अज्ञान व अविद्या को नष्ट करना तथा ज्ञान व विद्या की वृद्धि करना भी होता है। इस कार्य को करने के लिये ही ऋषि दयानन्द ने अज्ञान में पड़े हुए विश्व के लोगों को अज्ञान व अविद्या के दुःखमय जीवन से बाहर निकालने के लिये अपने विद्यामृतमयी व्याख्यानों व उपदेशों से देश भर में घूम कर वैदिक सत्य मान्यताओं का प्रचार किया। वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है जिसका पढ़ना-पढ़ाना व सुनना-सुनाना सब मनुष्यों का परम धर्म होता है। वस्तुतः मनुष्य को मनुष्य इसी लिये कहा जाता है कि यह मननशील प्राणी है। मनन का अर्थ सत्य व असत्य का विचार करना तथा असत्य का त्याग और सत्य को अपनाना व स्वीकार करना होता है। मनुष्य को मनुष्य बनाने के लिये ही वस्तुतः ऋषि दयानन्द ने मिथ्या ग्रन्थों का खण्डन व सत्य ज्ञान से युक्त वेदों का प्रचार व प्रसार किया। सत्य के प्रचार के लिये असत्य का खण्डन करना आवश्यक होता। माता-पिता व आचार्य भी अपने शिष्यों व बालकों की अविद्या व असत्य बातों को दूर करने के लिये असत्य बातों के दोष बताकर अपने शिष्यों से सत्य सिद्धान्तों को ग्रहण कराते हैं। यही कार्य ऋषि दयानन्द ने भी परोपकार व परहितार्थ किया। वह अपने व्याख्यानें में सत्योपदेश करते थे। प्रसंगानुसार असत्य छुड़ाने के लिए असत्य मान्यताओं व परम्पराओं का खण्डन तथा सत्य मान्यताओं का मण्डन व समर्थन करते थे। वह सत्यासत्य पर चर्चा करने व सत्य का निर्णय करने के लिये सभी मतों के अनुयायियों व आचार्यों को निमंत्रण भी देते थे। बहुत से स्वधर्मी व परमतावलम्बी विद्वान उनके पास आकर अपनी अपनी शंकाओं का समाधान करते थे। सन् 1863 से अपनी मृत्यु 30 अक्टूबर 1883 तक उन्होंने इस कार्य को देश के अनेक स्थानों में जाकर जारी रखा और सभी लोगों को सत्य ज्ञान अमृत का पान कराकर संतृप्त किया था।
प्राचीन काल में सत्य का निर्णय करने के लिये परस्पर संवाद, लेखन तथा शास्त्रार्थ की परम्परा थी। इन विधियों से ही सत्य का निर्णय होता है। ऋषि दयानन्द ने संवाद, लेखन व शास्त्रार्थ का भरपूर उपयेाग किया। सभी मतों के आचार्य व अनुयायी उनके पास आते व अपने सन्देह दूर करते थे। उन्होंने सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, पंचमहायज्ञविधि, संस्कारविधि, आर्याभिविनय, गोकरुणानिधि, व्यवहारभानु आदि अनेक ग्रन्थों का प्रणयन व प्रचार अविद्या को दूर करने के लिये किया। संसार में उनके समय में वेद तो अत्यन्त परिश्रम करने पर उपलब्ध हो सकते थे परन्तु वेदों के सत्य वेदार्थ उपलब्ध नहीं थे। इस अभाव को भी ऋषि दयानन्द व उनके बाद उनके अनुयायी विद्वानों ने पूरा किया। ऋषि दयानन्द ने वेदकालीन परिपाटी के अनुसार वेदों के सत्य अर्थों का अपने ऋग्वेद तथा यजुर्वेद भाष्य में प्रकाश किया है। ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना भी सत्य विद्या के ग्रन्थ वेदों के प्रचार व प्रसार के लिये ही की। उन्होंने आर्यसमाज का मुख्य उद्देश्य वेदों के प्रचार प्रसार सहित अविद्या के नाश तथा विद्या की वृद्धि को बनाया है।
ऋषि दयानन्द ने अपने जीवन में अनेक शास्त्रार्थ किये। उनका काशी में 16 नवम्बर, 1869 को सनातनी पौराणिक मत के आचार्यों से मूर्तिपूजा की वेदमूलकता व तर्क एवं युक्तिसंगत होने पर हुआ शास्त्रार्थ प्रसिद्ध है। इस शास्त्रार्थ में सम्मिलित पौराणिक मत के 30 से अधिक शीर्ष विद्वान भी मूर्तिपूजा के समर्थन में वेदों का एक भी मन्त्र प्रस्तुत नहीं कर पाये थे। आज तक भी किसी पौराणिक विद्वान को वेदों में ईश्वर की मूर्तिपूजा करने का कोई संकेत उपलब्ध नहीं हुआ है। वेद ईश्वर व आत्मा के सत्यस्वरूप का प्रतिदिन करते हैं। वेदों के अनुसार ईश्वर का सत्यस्वरूप सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है। ईश्वर सर्वज्ञ है, उसने जीवों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल-भोग कराने व मुक्ति प्रदान करने के लिये साधन रूप में इस सृष्टि को बनाया है। ईश्वर जीवों के कर्म फलों का विधाता व व्यवस्थापक है। वह वेदज्ञान का दाता है। जीव सत्य व चेतन स्वरूपवाली अल्पज्ञ, अनादि, अमर, अविनाशी, एकदेशी, ससीम, जन्म-मरण धर्मा, वेदाचारण से जन्म मरण से मुक्त होने वाली तथा मोक्षानन्द को प्राप्त होने वाली सत्ता है। ईश्वर सभी जीवों हिन्दू, ईसाई, जैन, बौद्ध, सिख आदि सबका साध्य है तथा यह प्रकृति व सृष्टि सब जीवों को मुक्ति प्राप्त करने-कराने का साधन है। ऋषि दयानन्द व उनके परवर्ती विद्वानों के साहित्य सहित वेद, उपनिषद, दर्शन व मनुस्मृति आदि ग्रन्थों में भी इस पर प्रकाश पड़ता है। अतः सबको वेदों की शरण में आकर शुभकर्मों को करते हुए मुक्ति प्राप्त करने के साधनों को करना चाहिये। आर्यसमाज को जितना अपेक्षित था, वह प्रचार नहीं कर सका। जितना प्रचार किया उतनी अविद्या दूर हुई है परन्तु लक्ष्य की दृष्टि से यह उपलब्धि बहुत ही अल्प मात्रा में है। आज वैदिक धर्म व मानवता पर अनेक प्रकार के संकट मंडरा रहे हैं। इसकी ओर भी आर्यसमाज सहित सभी हिन्दु बन्धुओं को ध्यान देना चाहिये। यदि अब भी नहीं जागेंगे तो जाति का अस्तित्व समाप्त हो सकता है। अतः ईश्वर को मानने वाले सभी सच्चे आस्तिक जनों को एकजुट व संगठित होकर अपने हितों पर विचार कर सगठित होकर परस्पर सहयोग कर धर्म पर उत्पन्न सभी संकटों को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिये।
ऋषि दयानन्द ने अपने जीवन में सभी मतों के आचार्यों से सत्य के निर्णयार्थ शास्त्रार्थ व शास्त्रार्थ चर्चायें करके सबका समाधान किया था। उनके शताधिक शास्त्रों व शंका समाधानों से सम्बन्धित अनेक ग्रन्थ प्रकाशित हैं। आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट, दिल्ली ने सन् 1981 में ‘दयानन्द शास्त्रार्थ-संग्रह तथा विशेष शंका समाधान’ नाम से एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ का प्रकाशन किया था। पं. युधिष्ठिर मीमांसक जी ने भी ‘ऋषि दयानन्द के शास्त्रार्थ और प्रवचन’ नाम से एक अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी ग्रन्थ का प्रकाशन किया है। सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ से भी सभी विषयों में मनुष्यों का सन्देह निवारण होता है। अन्य विद्वानों ने इन विषयों पर अनेक ग्रन्थ थी लिखे हैं। इन ग्रन्थों का अध्ययन कर मनुष्य सभी धर्म विषयक मान्यताओं में निभ्र्रान्त हो सकते हैं। ऋषि दयानन्द ने अपने समय में शास्त्रार्थ की परम्परा का पुनद्धार किया था। उनका कार्य आज भी प्रासंगिक हैै। आर्यसमाज व सभी मतों को इसे अपनाना चाहिये। सत्यधर्म मतावलम्बियों का तो यह कर्तव्य है कि वह सत्य के प्रचारार्थ शास्त्रार्थ परम्परा को पुनर्जीवित करें। विज्ञान में भी सत्य का निर्णय संवाद, लेखन, चर्चा, गोष्ठियों व बहस करके ही होता है। विज्ञान में इसे अच्छा माना जाता है। सभी वैज्ञानिक सत्य का आदर करते हैं। इसी लिये विज्ञान आज बुलन्दियों पर पहुंचा है। मत-मतान्तर ज्ञान विषयक अपनी न्यूनताओं को जानते हैं। इसलिये वह शास्त्रार्थ करना तो दूर, शास्त्रार्थ के नाम की चर्चा करने से बचते हैं। उनके शास्त्रार्थ करने के विरुद्ध ही प्रायः है। बिना संवाद, लेख, चर्चा व शास्त्रार्थ के सत्य का निर्णय नहीं हो सकता। अतः सभी मतों के विद्वानों को मिलकर सत्य के अनुसंधान व उसके प्रचार के लिये धर्म चर्चा, संवाद व शास्त्रार्थ को अपनाना चाहिये। ऋषि दयानन्द को शास्त्रार्थ परम्परा का निर्वहन करने व सत्यार्थप्रकाश में तर्क व युक्ति से सत्य का निर्णय करने के लिये संसार द्वारा हमेशा स्मरण किया जायेगा। ऋषि दयानन्द को हमारा सादर नमन है।
-मनमोहन कुमार आर्य
महानगर महामंत्री पप्पु पहलवान ने चलाया सफाई अभियान
अनवार चौधरी—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। साहिबाबाद क्षेत्र में नगर निगम गाजियाबाद के वार्ड 78 में महानगर महामंत्री श्री पप्पु पहलवान के द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण वाले भारत के निर्माण के सपने को साकार करने के लिए निवासियो को प्रेरित करने के लिए गुलमोहर पार्क सोसाइटी मे प्लॉट नम्बर 219 से 235 तक की पीछे की सर्विस लेन मे " सफाई अभियान " चलाया गया। जिसमें आरडब्लूए अध्यक्ष गुलमोहर पार्क शत्रुघंन लाल, सुभाष त्यागी, आरपी सिंह, मित्तल, डीसी गुप्ता, दीपक जैन, सोशल वेल्फयर सोसाइटी अध्यक्ष डीएन कौल, प्रेम त्यागी, भूषण, सुमन सती, निशा चौहान, कविता, लक्ष्मण पटवाल, प्रतीक माथुर आदि निवासी सम्मिलित हुए।
हथियार चलाने की महारथी थी क्रांतिकारी दुर्गा भाभी: बीके शर्मा हनुमान
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। नवयुग मार्केट स्थित दुर्गा भाभी के चित्र पर पुष्पांजलि करते हुए विश्व ब्राह्मण संघ व अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रवक्ता बी के शर्मा हनुमान हनुमान ने बताया 7 अक्टूबर 1907 में आज ही के दिन दुर्गा देवी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था मां की मृत्यु के बाद उन्हें रिश्तेदारों ने पाला 11 साल की उम्र में उनकी शादी भगवतीचरण वोहरा से हुई जो क्रांतिकारी संगठन हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिक आर्मी के मास्टर कहीं जाते थे इसी वजह से संगठन के सदस्य उन्हें दुर्गा भाभी कहते थे उन्हें हथियार चलाने में महारत हासिल थी जब बेटे सचिंद्र का जन्म हुआ तब क्रांतिकारी गतिविधियों से दूरी बना ली आजादी के बाद वह गाजियाबाद आ गई 15 अक्टूबर 1999 को उन्होंने अंतिम सांस ली हम गाजियाबाद वासि अपने आप को गौरवान्वित महसूस करते हैं कि जिन्होंने अपने प्राण की बाजी लगाकर इस देश को आजाद कराने में अपनी भूमिका अदा की ऐसी दुर्गा भाभी को समस्त गाजियाबाद ही नहीं पूरा देश नमन कर रहा है।
‘संसार में वेदों की अप्रवृत्ति होने से अविद्यायुक्त मत उत्पन्न हुए’
संसार में वर्तमान समय में सहस्राधिक अवैदिक मत प्रचलित हैं जिनकी प्रवृत्ति व प्रचलन पांच हजार वर्ष पूर्व हुए महाभारत युद्ध के बाद हुआ है। सभी मतों का आधार चार प्रमुख मत हैं जो पुराण, जैन मत के ग्रन्थों, बाईबल तथा कुरान आदि ग्रन्थों के आधार पर प्रचलित हुए हैं। महाभारत युद्ध से पूर्व व महाभारत के दो हजार से अधिक वर्ष पश्चात तक वेद मत कुछ परिवर्तित अविद्यायुक्त मान्यताओं सहित प्रचलित था। महर्षि दयानन्द (1825-1883) धर्म के सत्यस्वरूप तथा धार्मिक इतिहास के मर्मज्ञ विद्वान थे। उन्होंने सृष्टि के आरम्भ से महाभारत महायुद्ध तक देश देशान्तर में प्रचलित रहीं वैदिक सत्य मान्यताओं का प्रकाश अपने विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश में किया है। इस ग्रन्थ में उन्होंने वेदों के पराभव तथा मत-मतान्तरों की उत्पत्ति के कारणों पर भी प्रकाश डाला है। सत्यार्थप्रकाश के ग्यारहवें समुल्लास की अनुभूमिका में वह इस विषय में बताते हैं कि यह सिद्ध बात है कि पांच सहस्र वर्षों के पूर्व वेदमत से भिन्न दूसरा कोई भी मत न था क्योंकि वेदोक्त सब बातें विद्या से अविरुद्ध हैं। वेदों की अप्रवृत्ति होने का कारण महाभारत युद्ध हुआ। वेदों की अप्रवृत्ति से अविद्यान्धकार के भूलोक में विस्तृत होने से मनुष्यों की बुद्धि भ्रमयुक्त होकर जिस के मन में जैसा आया वैसा मत चलाया। उन सब मतों में चार मत अर्थात् जो वेद-विरुद्ध पुराणी, जैनी, किरानी और कुरानी सब मतों के मूल हैं, वे क्रम से एक के पीछे दूसरा तीसरा चौथा चला है। अब इन चारों मतों की शाखायें एक सहस्र से कम नहीं हैं। इसी क्रम में ऋषि दयानन्द ने यह भी कहा है कि सब मतवादियों, इन के चेलों और अन्य सब को परस्पर सत्य और असत्य के विचार करने में अधिक परिश्रम न करना पड़े, इसलिये उन्होंने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ बनाया है। सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ सभी मत-वादियों व उनके अनुयायियों सहित सभी धर्म जिज्ञासुओं को अविद्या से मुक्त सत्य मत के निर्णय करने में सहायता करता है। अतः सभी मनुष्यों का परम कर्तव्य है कि सत्यमत को प्राप्त होने के लिये वह सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ का अवश्य ही अध्ययन करें।
ऋषि दयानन्द ने अपने उपुर्यक्त शब्दों में जो कहा है उस पर उन्होंने सत्यार्थप्रकाश के पूर्व के दस सम्मुलासों में प्रकरणानुसार संक्षेप में प्रकाश डाला है। हमारा यह संसार ईश्वर का बनाया हुआ है। ईश्वर का सत्यस्वरूप वेदों से प्राप्त होता है। इसको यदि संक्षेप में जानना हो तो वह ऋषि दयानन्द के बनाये आर्यसमाज के दूसरे नियम को पढ़कर जाना जा सकता है। इस नियम में ऋषि ने बताया है कि ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है। उसी परमात्मा की सबको उपासना करनी योग्य है। ईश्वर सर्वज्ञ है अर्थात् सर्वज्ञानमय है। वह सब जीवों को उनके जन्म जन्मान्तरों के अभुक्त कर्मों का भोग कराने वा कर्मों के अनुसार सुख व दुःख प्रदान करने के लिये इस सृष्टि की रचना व पालन करते हैं। जीव संख्या में अगणित व अनन्त हैं जो स्वभावतः जन्म-मरण धर्मा हैं। मोक्ष के उपायों को करने पर जीवात्मा की निश्चित अवधि के लिये मुक्ति हो जाती है जिसके बाद सभी जीवन पुनः मनुष्य योनि में जन्म लेते हैं। ईश्वर की उपासना से जीवन ईश्वर के आनन्द को प्राप्त कर दुःखों से सर्वथा रहित हो जाता है। मोक्ष में जीवात्मायें ईश्वर के सान्निध्य में आनन्द का भोग करती हैं। यही आनन्द समाधि अवस्था में भी योगीजनों को प्राप्त हुआ करता है। इसी के लिये जिज्ञासु व विद्वान यौगिक जीवन को महत्व देते रहे हैं व भोगों से युक्त सांसारिक जीवन को गौण समझते हैं। जैसा इस कल्प में वैसा ही सृष्टिक्रम अनादि काल से यह सृष्टि की उत्पत्ति, पालन तथा प्रलय का चला आ रहा है और भविष्य में अनन्त काल तक परमात्मा के द्वारा चलाया जाता रहेगा। इसमें किंचित भी परिवर्तन व अवरोध नहीं होगा।
महाभारत युद्ध से पूर्व के आर्यावर्त का वर्णन करते हुए ऋषि दयानन्द ने लिखा है कि यह आर्यावर्त देश ऐसा देश है कि जिसके सदृश भूगोल में दूसरा कोई देश नहीं है। इसीलिये इस भूमि का नाम सुवर्णभूमि है क्योंकि यही सुवर्णादिरत्नों को उत्पन्न करती है। इसीलिये सृष्टि की आदि में आर्य लोग इसी देश में आकर बसे। ऋषि बताते हैं कि आर्य नाम उत्तम पुरुषों का है और आर्यों से भिन्न मुनष्यों का नाम दस्यु हैं। जितने भूगोल में देश हैं वे सब इसी देश की प्रशंसा करते और आशा रखते हैं कि पारसमणि पत्थर सुना जाता है वह बात तो झूठी है परन्तु आर्यावर्त देश ही सच्चा पारसमणि है कि जिसको लोहेरूप दरिद्र विदेशी छूते के साथ ही सुवर्ण अर्था् धनाढ्य हो जाते हैं। आज भी हमारा देश सुवर्णभूमि है। ऋषि दयानन्द ने अपने समय में वेदों का प्रचार कर तथा वेदप्रचारार्थ सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, संस्कारविधि, आर्याभिविनय तथा वेदों का भाष्य करके व वेदभाष्य के सत्यार्थ की पद्धति बता कर एवं आर्य विद्वानों द्वारा उपनिषदों, दर्शनों तथा मनुस्मृति, बाल्मीकि रामायण एवं महाभारत आदि ग्रन्थों का सम्पादन कर भारत भूमि को पुनः सुवर्ण भूमि बना दिया है। आज हमारे देश में मनुष्य की आत्मा को योगी बनाने, समाधि अवस्था में ईश्वर का साक्षात्कार करने तथा मोक्ष प्राप्ति के सभी साधन करने का ज्ञान व विधि उपलब्ध है। हमारा अनुमान है कि ऋषि दयानन्द समाधि सिद्ध व ईश्वर का साक्षात्कार किये हुए योगी थे जिनको मोक्ष प्राप्त हुआ है।
प्राचीन वैदिक युग की विशेषता बताते हुए ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में लिखा है कि सृष्टि से ले के पांच सहस्र वर्षों से पूर्व समय पर्यन्त आर्यों का सार्वभौम चक्रवर्ती अर्थात् भूगोल में सर्वोपरि एकमात्र राज्य था। अन्य देशों में माण्डलिक अर्थात् छोटे-छोटे राजा रहते थे क्योंकि कौरव पाण्डव पर्यन्त यहां के राज्य और राज शासन में सब भूगोल के सब राजा और प्रजा चले थे क्योंकि यह मनुस्मृति जो सृष्टि की आदि में हुई है उस का प्रमाण है। इसी आर्यावर्त देश में उत्पन्न हुए ब्राह्मण अर्थात् विद्वानों से भूगोल के मनुष्य ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, दस्यु, म्लेच्छ आदि सब अपने-अपने योग्य विद्या चरित्रों की शिक्षा और विद्याभ्यास करें। और महाराज युधिष्ठिर जी के राजसूय यज्ञ और महाभारत युद्धपर्यन्त यहां के राज्याधीन सब राज्य थे। ऋषि लिखते हैं..... सुनों! चीन का भगदत्त, अमेरिका का बब्रुवाहन, यूरोप देश का विडालाक्ष अर्थात् मार्जार के सदृश आंख वाले, यवन जिस को यूनान कह आये और ईरान का शल्य आदि सब राजा राजसूय यज्ञ और महाभारतयुद्ध में सब आज्ञानुसार आये थे। जब रघुगण राजा थे तब रावण भी यहां के आधीन था। जब रामचन्द्र के समय में विरुद्ध हो गया तो उस को रामचन्द्र ने दण्ड देकर राज्य से नष्ट कर उस के भाई विभीषण को राज्य दिया था।
ऋषि दयानन्द ने आर्यावर्त व भारत देश की कुछ हजार वर्ष पूर्व के काल में महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया है कि स्वायम्भुव राजा से लेकर पाण्डवपर्यन्त आर्यों का चक्रवर्ती राज्य रहा। तत्पश्चात् आपस के विरोध से लड़ कर नष्ट हो गये क्योंकि इस परमात्मा की सृष्टि में अभिमानी, अन्यायकारी, अविद्वान् लोगों का राज्य बहुत दिन तक नहीं चलता। और यह संसार की स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि जब बहुत सा धन असंख्य प्रयोजन से अधिक होता है तब आलस्य, पुरुषार्थरहितता, ईष्र्या, द्वेष, विषयासक्ति और प्रमाद बढ़ता है। इस से देश में विद्या सुशिक्षा नष्ट होकर दुर्गुण और दुष्ट व्यसन बढ़ जाते हैं। जैसे कि मद्य-मांससेवन, बाल्यवस्था में विवाह और स्वेच्छाचारादि दोष बढ़ जाते हैं। और जब युद्ध विद्या कौशल और सेना इतने बढ़े कि जिस का सामना करने वाला भूगोल में दूसरा न हो तब उन लोगों में पक्षपात अभिमान बढ़ कर अन्याय बढ़ जाता है। जब ये दोष हो जाते हैं तब आपस में विरोध होकर अथवा उन से अधिक दूसरे छोटे कुलों में से कोई ऐसा समर्थ पुरुष खड़ा होता है कि उन का पराजय करने में समर्थ होवे। जैसे मुसलमानों की बादशाही के सामने शिवाजी, गोविन्दसिंह जी (व महाराणा प्रताप आदि) ने खड़े होकर मुसलामनों के राज्य को छिन्न-भिन्न कर दिया।
ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश के ग्यारहवें समुल्लास में मैत्रयुपनिषद के प्रमाण के आधार पर देश के कुछ चक्रवर्ती राजाओं के नाम भी लिखें हैं। उन्ीके यहां प्रस्तुत करने का लोभ भी हम छोड़ नहीं पा रहे हैं। वह लिखते हैं कि सृष्टि से लेकर महाभारत पर्यन्त चक्रवर्ती सार्वभौम राजा आर्यकुल में ही हुए थे। अब इनके सन्तानों का अभाग्योदय होने से राजभ्रष्ट होकर विदेशियों के पादाक्रान्त हो रहे हैं। जैसे यहां सुद्युम्न, भूरिद्युम्न, इन्द्रद्युम्न, कुवलयाश्व, यौवनाश्व, वद्ध्रयश्व, अश्वपति, शशविन्दु, हरिश्चन्द्र, अम्बरीश, ननवतु, शर्याति, ययाति, अनरण्य, अक्षसेन, मरुत और भरत सार्वभौम सब भूमि में प्रसिद्ध चक्रवर्ती राजाओं के नाम लिखे हैं वैसे स्वायम्भुवादि चक्रवर्ती राजाओं के नाम स्पष्टरूप में मनुस्मृति, महाभारत ग्रन्थों में लिखे हैं। इन को मिथ्या करना अज्ञानियों व पक्षपातियों का काम है। भारत के अतीत का यह कैसा स्वर्णिम चित्रण है जिसे हमारे देश के राजनेताओं व एक विशेष मानसिकता व विचारधारा से प्रभावित लोगों ने पक्षपात के कारण सामने नहीं आने दिया।
सृष्टि के आरम्भ से वेदों द्वारा प्रवर्तित वेद मत वैदिक धर्म ही समस्त भूगोल व विश्व में प्रचलित रहा है। वेद मत सब सत्य विद्याओं पर आधारित सत्य धर्म था तथा इससे मानव मात्र तथा विश्व का कल्याण होता था, अब भी होता है। वेद मत के मानने से देश के अन्दर व बाहर व संसार में उपद्रव या तो होते नहीं थे अथवा नाम मात्र के होते थे। महाभारत काल व उसके बाद वेदों की अप्रवृति होने से ही सब अविद्यायुक्त वेदविरुद्ध मत अस्तित्व में आयें हैं जिनसे मानवता को लाभ के स्थान पर अनेक प्रकार की हानियां ही हुई हैं। इन सब मतों का पुनः सत्य वैदिक मत में प्रवेश करने व कराने के लिये ही ऋषि दयानन्द ने मानव जाति के हित की दृष्टि से वेद प्रचार कर सबको अविद्या छोड़ने और सत्य विद्याओं से युक्त वेद मत को स्वीकार करने के लिये वेद प्रचार किया था तथा अपने अनेकानेक ग्रन्थों का प्रणयन किया थां। आज भी उनका लिखित व प्रचारित साहित्य हमें वेदों की महत्ता सहित सत्य धर्म, इसके लाभों व महत्ता को बताता है। बिना वेद मत का प्रचार किये व उसे विश्व भर में अपनाये मानव जाति का हित नहीं हो सकता और न ही विश्व में शान्ति लाई जा सकती है। सभी मतों के विद्वानों का कर्तव्य है कि वह सत्यार्थप्रकाश सहित ऋषि दयानन्द के वेद भाष्य आदि ग्रन्थों को पढ़े और अपनी विवेक बुद्धि व हिताहित को देखकर निष्पक्ष होकर सत्य धर्म का ग्रहण व इसे अपनाने का निर्णय करें।
-मनमोहन कुमार आर्य
Tuesday 6 October 2020
विधायक कार्यालय पर धूमधाम से मनाया कुलदीप कसाना का जन्मदिन
अनवार चौधरी—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। साहिबाबाद क्षेत्र में जनता के प्रिय विधायक सुनील शर्मा के कार्यालय राजेंद्र नगर सेक्टर—2 साहिबाबाद में भोपुरा मंडल अध्यक्ष कुलदीप कसाना जी का जन्मदिन बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा ने उन्हें केक खिलाकर उनकी लम्बी उम्र व उज्जवल भव्य की कामना की। इस अवसर पर मुख्य रूप से कुलदीप कसाना जी को बधाई देने वालों में महानगर उपाध्यक्ष नादिर अली, भोपुरा मंडल संयोजक अल्पसंख्यक अनवार चौधरी, हरी चंद, पार्षद पवन रेडी, विपिन डागर, राजा नरिया, पूर्व मंडल अध्यक्ष वीरेंद्र रावत, और कुलदीप गोस्वामी, अतुल पंडित सभी कार्यकर्ताओं ने कुलदीप कसाना जी को बधाई देते हुए हनुमान जी की प्रतिमा भेंट कर उन्हें शुभकामनाऐं देते हुए उनकी लम्बी उम्र की कामना की।
कोरोना काल में 100 वां वेबिनार सफलतापूर्वक सम्पन्न
समीक्षा न्यूज धनसिंह
आर्य समाज को पुनः समाज निर्माण में भूमिका निभानी होगी -रजनीश गोयनका (प्रधान,सनातन धर्म सभा)
सदैव राष्ट्र व समाज कल्याण में परिषद कृत्संकल्प है -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद। मंगलवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में कोरोना काल में "100वें वेबिनार" के उपलक्ष्य में ऑनलाईन गूगल मीट पर आर्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा की परिषद अपने उदघोष "जहाँ नहीं होता कभी विश्राम, आर्य युवक परिषद है उसका नाम" को सार्थक करते हुए इस कोरोना महामारी में जहाँ लोग निराश व अकेलापन से हताश हो रहे थे परिषद ने ऑनलाइन वेबिनारों के माध्यम से सभी मे नई ऊर्जा का संचार करने का कार्य किया है।महापुरुषों की जयंती हो या कोई भी सामाजिक विषय सभी पर परिषद ने गोष्ठी का आयोजन कर आर्य समाज का पक्ष रखा है और निरंतर इसी प्रकार जनकल्याण व समाज सुधार के कार्यों को करती रहेगी।इसके लिए परिषद सदैव राष्ट्र व समाज कल्याण में कृत्संकल्प है।
मुख्य अतिथि रजनीश गोयनका(प्रधान,सनातन धर्म सभा) ने कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता ढूंढ कर जो समाज का कल्याण करने का कार्य करे वही सच्चे अर्थों में आर्य हैं।परिषद ने कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी आर्य संस्कृति की ज्योति जला कर लोगों को उत्साहित करने का कार्य किया वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आज देश व समाज को आर्य समाज की पहले से कहीं आवश्यकता है पुनः सक्रिय भूमिका निभा कर कुरूतियों,सामाजिक बुराईयों के विरुद्ध संघर्ष करना है।
वैदिक विद्धवान आचार्य अखिलेश्वर जी(आनन्द धाम आश्रम,हरिद्वार) ने वेदों के मार्ग पर चलने का आह्वान किया कि अपना जीवन यज्ञ मय बनाये जिससे खुशबू आये।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा परिषद ने पिछले 100 वेबिनार में सामाजिक,बौद्धिक, शारीरिक,आत्मिक,आध्यात्मिक सभी विषयों पर श्रेष्ठ वक्ताओं व समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा सभी को ज्ञान से ओतप्रोत करने का सराहनीय कार्य किया।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य के मार्गदर्शन में 6 महीनों के निरंतर प्रयास व सभी के सहयोग से ये 100 वेबिनार का आयोजन सम्भव हो सका है।आर्य नेत्री उर्मिला आर्या,डॉ सुषमा आर्या, रचना चावला,ओम सपरा,बिंदु मदान,आचार्य महेन्द्र भाई,ईश आर्य ने भी विचार रखे।
सुन्दर गायन से अंकित शास्त्री (गुरुग्राम),पुष्पा चुघ,किरण सहगल,संगीता आर्य गीत,दीप्ति सपरा,संध्या पांडेय,रविन्द्र गुप्ता, कमलेश हसीजा आदि ने मधुर गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रमुख रूप से रामकुमार सिंह, संतोष शास्त्री,आनंदप्रकाश आर्य, प्रकाशवीर शास्त्री,यज्ञवीर चौहान, देवेन्द्र गुप्ता,देवेन्द्र भगत,राजेश महदीरता,अंजु बजाज,सुरेन्द्र शास्त्री,वीना वोहरा,सुषमा बुद्धिराजा,प्रतिभा सपरा,प्रोमिला गुप्ता आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य
पंचशील पार्क साहिबाबाद आरडब्लूए का चुनाव सम्पन्न, अनिल मेहता बने अध्यक्ष
अनवार चौधरी—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। साहिबाबाद क्षेत्र में पंचशील पार्क साहिबाबाद आरडब्लूए का चुनाव रविवार 4 अक्टूबर 2020 को सम्पन्न हुआ। जिसमें कॉलोनी के 70 प्रतिशत से ज्यादा निवासियों ने बढ़—चढ़ कर अपने मतदान का प्रयोग किया। कालोनी के सभी सदस्यों ने मास्क लगाकर और सोशल डिसटेंशिंग का पालन करते हुए अपना मतदान किया। चुनाव रजिल्ट आने पर आरडब्लूए की नए समिति में अनिल मेहता अध्यक्ष, अशोक वर्मा उपाध्यक्ष, सुमन चटर्जी सचिव, श्री सूर्य कांत वशिष्ठ - -कोषाध्यक्ष, सुबोध भटनागर सह-सचिव चुने गए। सदस्यों में ज्ञानेंद्र सेंगर, गौरब शर्मा, सौरभ सक्सेना, नवनीत यादव, सचिन गुप्ता और सचिन अग्निहोत्री चुने गए।
“आर्य सन्देश टीवी का वैदिक धर्म का प्रशंसनीय प्रचार कार्य”
आज का युग प्रचार का युग है। हमारे सिद्धान्त व विचारधारा भले ही सर्वोत्तम व मनुष्य की उन्नति में अद्वितीय व अपूर्व क्यों न हो, यदि इसका व्यापक रूप से प्रचार नहीं किया जायेगा तो इसके अनुयायियों की संख्या नगण्य ही रहेगी। यह हम सबका अनुभव है। हम देखते हैं संसार में अनेकानेक अविद्यायुक्त मत-मतान्तर प्रचलित हैं। वे संगठित रूप से अपनी मान्यताओं का प्रचार करते हैं। अविद्यायुक्त लोग उनसे आसानी से जुड़ आते हैं। उनमें यह भावना भी भर दी जाती है कि दूसरे मत वालों की अच्छी बातों को सुनना व विचार नहीं करना है। मत-मतान्तरों की इसी मनोवृत्ति के कारण वेद प्रचार आशातीत सफलता को प्राप्त नहीं हो सका। आजकल प्रचार के अन्य साधनों में एक साधन टीवी द्वारा प्रचार भी है। सभी मतों के अपने अपने चैनल हैं या वह किसी चैनल को शुल्क देकर किसी निर्धारित समय पर अपने मत का प्रचार करते हैं। उनके अनुयायियों की संख्या निरन्तर वृद्धि को प्राप्त होती हुई देखी जाती है। उनके कार्यक्रमों में युवा स्त्री पुरुष, वृद्ध व बच्चे सभी श्रेणियों के श्रोता आते हैं। उनको जो परोसा जाता है उसे वह स्वीकार कर लेते हैं। कारण यह है कि उनके ज्ञान नेत्र विद्या से युक्त व वैसे विकसित नहीं हैं जैसे सत्यार्थप्रकाश सहित वैदिक विद्वानों के सत्य विद्याओं के ग्रन्थों को पढ़कर मनुष्य की बुद्धि का विकास व उन्नति होती है। हम अनेक दशकों से आर्यसमाज का अपना टीवी चैनल हो, इसका स्वप्न लेते रहे हैं। अभी तक यह स्वप्न ही बना हुआ था। दो तीन दिन पूर्व हमें आर्य विद्वान श्री इन्द्रजित् देव, यमुनानगर का फोन आया। उन्होंने इस ‘आर्यसन्देश टीवी’ चैनल जो यूट्यूब द्वारा प्रसारित है, इसके विषय में हमें विस्तार बताया। इस चैनल पर प्रसारित कार्यक्रमों की हमें जानकारी भी दी। हमें इस चैनल को देखने की प्रेरणा की और प्रचारार्थ इस पर कुछ पंक्तियां लिखने का सन्देश व परामर्श दिया। उसी का परिणाम था कि हमने यूट्यूब पर आर्यसन्देश टीवी चैनल को सर्च किया और उसके अनेक कार्यक्रमों को देखा।
आर्यसन्देश टीवी पर 24 घंटे वैदिक धर्म वा वेद से जुड़े कार्यक्रमों का प्रसारण किया जाता है। भजन, व्याख्यान, सन्ध्या, हवन आदि सभी कुछ इसमें पूरा दिन भर दिखाये ंजाते हैं। कार्यक्रमों की गुणवत्ता इतनी उत्तम है, जिसका हम अनुमान भी नहीं करते थे। पाठक इस टीवी को देखेंगे तो हमारी इस अनुभूति की पुष्टि करेंगे। यह सभी कार्यक्रम महाशय धर्मपाल जी, एमडीएच व उनके सहयोग से दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा व अन्य ऋषि भक्तों के प्रयत्नों से प्रसारित हो रहे हैं। इसके लिये हम आयोजक वर्ग के सभी बन्धुओं को बधाई देते हैं। हमने पिछले दो तीन दिनों में यथासुविधा इस चैलन के अनेक कार्यक्रमों को देखा है। हमें सभी कार्यक्रम रुचिकर एवं उत्तम कोटि के लगे हैं। इन कार्यक्रमों को टीवी के साथ मोबाइल में यूट्यूब में आर्यसन्देश टीवी को सर्च कर देखा जा सकता है। टीवी का पर्दा बड़ा होता है अतः उसमें कार्यक्रम देखने पर इसका सुख कहीं अधिक होता है। हमारे पास जियो टीवी कनेक्शन है। इसमें यूट्यूब व इसके सभी कार्यक्रम उपलब्ध हैं। अतः इसी साधन से हम इन काय्रक्रमों को देखते है। आजकल दिन में 3.00 बजे डा. प्रीति विमर्शिनी जी की शतपथ ब्राह्मण की यज्ञों पर कथा का एक घण्टा प्रतिदिन प्रसारण हो रहा है। प्रातः व सायं आचार्य सत्यजित् आर्य जी, रोजड की सत्यार्थप्रकाश पर व्याख्या भी चल रही है। रात्रि 9.00 से 10.00 बजे तक इस कार्यक्रम का प्रसारण होता है। इस समय हमें समय की सुविधा होती है है तब हम इसे ध्यान से देखते हैं। यह दोनों कार्यक्रम बहुत ही लाभदायक हैं। दिन में भजन, हवन आदि अनेक कार्यक्रम भी हम अपनी सुविधानुसार देखते हैं। हम अपने सभी पाठक मित्रों से अनुरोध करते हैं कि वह इस चैनल को यथासम्भव अपनी सुविधानुसार अवश्य देखें।
हम आशा करते हैं कि जैसे जैसे लोगों को इस आर्यसन्देश टीवी की जानकारी मिलती जायेगी, लोग इसे अवश्य देखेंगे। एक बार देख लेने के बाद स्वयं ही संस्कार बन जाता है और फिर उसे देखने की इच्छा होती है। हम इस आर्यसन्देश टीवी के प्रस्तुतकर्ताओं का धन्यवाद करते हैं और उन्हें बधाई देते हैं। उन्होंने इस कार्यक्रम को इतना सुन्दर, नयनाभिराम एवं रोचक बनाया है, जिसका शब्दों में वर्णन नहीं किया जा सकता। ईश्वर करे कि वेद, ईश्वर व आत्मा विषयक सद्ज्ञान सहित आर्यसमाज की विचारधारा के प्रचार व प्रसार में यह टीवी चैनल प्रभूत ख्याति व प्रसिद्धि प्राप्त करे और इससे वैदिक धर्म व आर्यसमाज के प्रचार के सभी लक्ष्य प्राप्त हों।
-मनमोहन कुमार आर्य
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस सम्पन्न
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
कुल 173 शिकायतें हुई दर्ज, 18 शिकायतों का मौके पर निस्तारण
गाजियाबाद। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के द्वारा सदर तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करते हुए जनता की समस्याओं का अनुश्रवण किया गया। जनता की शिकायतों का त्वरित निस्तारण करने के उद्देश्य से सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद की तीनों तहसीलों में तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन संपन्न हुआ। पूरे जनपद में कुल 172 शिकायतें दर्ज हुई जिसके सापेक्ष 18 शिकायतों का निस्तारण मौके पर विभागीय अधिकारियों के द्वारा सुनिश्चित किया गया। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय के द्वारा सदर तहसील में तहसील संपूर्ण समाधान दिवस की अध्यक्षता करते हुए जनता की समस्याओं का अनुश्रवण करते हुए विभागीय अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गये। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने समस्त अधिकारियों से कहा कि सभी विभाग के अधिकारीगण सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को बहुत ही गंभीरता के साथ ले एवं जनता की समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई करें ताकि जनता को तहसील संपूर्ण समाधान दिवस का सीधे लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट करते हुए निर्देशित किया कि तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में जो शिकायतें दर्ज हो रही हैं उनका निस्तारण विभागीय अधिकारियों के द्वारा पूर्ण गुणवत्ता के साथ मौके पर जाकर सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिकायतकर्ता को भी यदि उसकी शिकायत सही पाए जाए तो निस्तारण के संबंध में उसे संतुष्ट करने की कार्यवाही भी सभी अधिकारियों के द्वारा सुनिश्चित की जाएगी और शिकायतकर्ता को भी निस्तारण के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय अवधि के भीतर सभी अधिकारियों के द्वारा दर्ज शिकायतों का निस्तारण सुनिश्चित कराते हुए उसकी सूचना तत्काल संबंधित तहसील को उपलब्ध कराएं ताकि संबंधित निस्तारण के संबंध में सूचना अपलोड की जा सके। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने इस अवसर पर सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि जनता की समस्याओं के निस्तारण को लेकर वर्तमान सरकार बहुत ही गंभीर है। सभी अधिकारीगण सरकार की मंशा को स्पष्ट रूप से दृष्टिगत रखते हुए विभिन्न माध्यमों से जनता की जो शिकायतें प्राप्त हो रही हैं उनका निर्धारित समय अवधि के भीतर निस्तारण करना सभी अधिकारी सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कार्य में किसी भी स्तर पर शिथिलता को बहुत ही गंभीरता के साथ लेकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सभी अधिकारीगण जनता की शिकायतों के संबंध में गंभीर रहकर कार्रवाई करते हुए प्राप्त शिकायतों का निस्तारण करने की कार्रवाई करें ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप जनता को सरकार के कार्यक्रमों का भरपूर लाभ प्राप्त हो सके। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में सदर तहसील में कुल 44 शिकायतें दर्ज हुई हैं जिसके सापेक्ष 07 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही विभागीय अधिकारियों के माध्यम से कराया गया है। तहसील संपूर्ण समाधान दिवस के अवसर पर वार्ड पार्षद नगर निगम संजय कुमार के द्वारा पालतू एवं लावारिस कुत्तों के संबंध में एक प्रत्यावेदन जिला अधिकारी को उपलब्ध कराया गया जिसके संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को आवश्यक कार्रवाई करने के मौके पर निर्देश दिए है। यहां पर आज नशा मुक्ति अभियान संचालित किया गया जिसके लिए हस्ताक्षर अभियान संचालित करते हुए कलाकारों के द्वारा भव्य नुक्कड़ नाटक का आयोजन कर जन सामान्य को नशा से होने वाले नुकसान के संबंध में जागरूक किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी, मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, उपजिलाधिकारी सदर डीपी सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जिला स्तर के अधिकारीगण तहसील संपूर्ण समाधान दिवस में उपस्थित रहे। इसी श्रृंखला में आज अपर जिलाधिकारी एल.ए. कमलेश बाजपेई की अध्यक्षता एवं उप जिलाधिकारी मोदीनगर सौम्या पांडेय के संचालन में मोदीनगर तहसील का संपूर्ण समाधान दिवस संपन्न हुआ, जहां पर कुल 64 शिकायतें दर्ज हुई और 07 शिकायतों का निस्तारण मौके पर कराया गया है। इसी प्रकार लोनी तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस संपन्न हुआ जिसकी अध्यक्ष उप जिलाधिकारी खालिद अंजुम के द्वारा की गई , यहां पर कुल 64 शिकायतें दर्ज हुई और 07 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही अधिकारियों के माध्यम से सुनिश्चित कराया गया है।
साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी
कोरोना महामारी के दौरान मनरेगा के अन्तर्गत श्रमिकों को रोजगार देने वाला उ0प्र0, पूरे देश में प्रथम स्थान पर
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण कृषि क्षेत्रों का पारिवारिक बंटवारा होने से छोटे-छोटे टुकड़ों में बँटी जमीन आजीविका के लिए कम पड़ने तथा भूमिहीनों को आजीविका के लिए शहरों की ओर पलायन करना पड़ा। शहरों की ओर पलायन करने से ग्रामीण कौशल, ग्रामीण संस्कृति व श्रम का भी पलायन होने लगा। इसलिए भारत सरकार ने ग्रामीणों का पलायन रोकने के लिए उनको गाँव में ही रोजगार देने के लिए महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी अधिनियम लागू कर प्रत्येक बेरोजगार को वर्ष में 100 दिन का रोजगार देने की व्यवस्था की है।
उत्तर प्रदेश में मनरेगा योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बडे़ पैमाने पर मानक एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से सम्पादित की जा रही है। कोरोना संकट के दौरान मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार देने वाला उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोरोना लॉकडाउन अवधि मंें देश के अन्य प्रदेशों में काम करने वाले कामगारों/श्रमिकों के वापस उ0प्र0 आने तथा ग्रामीणों के सामने आर्थिक संकट को देखते हुए मनरेगा के अन्तर्गत ग्राम पंचायतों में काम कराने की अनुमति दे दी। काम कराते समय सभी श्रमिकों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेसिंग बनाये रखने तथा सेनेटाइजर का प्रयोग करना जरूरी कर दिया। अन्य प्रान्तों से लौटे प्रवासी श्रमिक जिनके पास जॉबकार्ड नहीं था उनके जॉबकार्ड बनाये गये। मनरेगा में काम मिलने तक उन्हें एक-एक हजार रूपये व खाद्या उपलब्ध कराये गये।
प्रदेश सरकार गाँवों के विकास की गति और प्रवासी श्रमिकों सहित गाँव के श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश के प्रत्येक जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायतों मंे मनरेगा के अन्तर्गत कार्य कराया जा रहा है। जहाँ गाँवों के निर्माण कार्य तालाबों की खुदाई, नदियों का पुनरोद्धार, सम्पर्क मार्ग, चकरोड, नाला-नाली, चेकडेम, कूपों का पुनरोद्धार, भू-समतलीकरण, जल प्रबन्धन, आदि कार्य हो रहे हंै, वहीं गांवांे के श्रमिकों को रोजगार भी मिल रहा है। प्रदेश में 5.36 लाख से अधिक निर्माण व अन्य कार्य कराये जा रहे हैं।
कोविड-19 महामारी में लॉकडाउन अवधि में भी मनरेगा के अन्तर्गत अप्रैल, 2020 से 09 सितम्बर, 2020 तक 94.15 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया, जिसमें लगभग 12 लाख प्रवासी श्रमिक हैं। सभी श्रमिकों को 4515.32 करोड़ रू0 मजदूरी का भुगतान सीधे उनके खाते में किया गया। इतनी बड़ी संख्या में श्रमिकों को मनरेगा के अन्तर्गत रोजगार देने वाला उत्तर प्रदेश, पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। मनरेगा के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2020-21 मेंे भारत सरकार द्वारा 26 करोड़ मानव दिवस का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, किन्तु प्रदेश की मानव दिवस सृजन की प्रगति को देखते हुए भारत सरकार द्वारा प्रदेश का श्रम बजट 35 करोड़ मानव दिवस कर दिया है। 9 सितम्बर, 2020 तक विभिन्न कार्यों पर 6295.96 करोड़ रू0 व्यय करते हुए 22.51 करोड़ मानव दिवस का सृजन किया गया है। इस वर्ष अब तक 77.95 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। जिनमें 29,479 परिवार ऐसे हैं जिन्हें 100 दिन का पूर्ण रोजगार उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा से प्रदेश में ग्रामीण विकास और रोजगार का सृजन हो रहा है।
साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी
“वेद प्रतिपादित ईश्वर के सत्यस्वरूप में विश्वास से जीवन की सफलता”
मनुष्य का आत्मा सत्य व असत्य का जानने वाला होता है परन्तु अपने प्रयोजन की सिद्धि, हठ, दुराग्रह तथा अविद्या आदि दोषों के कारण वह सत्य को छोड़ असत्य में झुक जाता है। ऐसा होने पर मनुष्य की भारी हानि होती है। मनुष्य को सत्य को पकड़ कर रखना चाहिये और असत्य मार्ग पर कदापि नहीं चलना चाहिये। असत्य में झुकने के कारण मुख्यतः स्वार्थ व असत्य प्रयोजन की सिद्धि, मनुष्य का हठ, दुराग्रह, अविद्या व अज्ञान ही हुआ करते हैं। यह बात ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश की भूमिका में बताई है जो कि निर्विवाद एवं असत्य है। असत्य में प्रवृत्त होने के इन चार प्रमुख कारणों को मनुष्य को अपने जीवन से दूर करना चाहिये। इसका उपाय वेदों का अध्ययन तथा वेद प्रतिपादित ईश्वर की सत्ता में दृढ़ विश्वास रखना होता है। यदि हम वेदों का स्वाध्याय करते हैं तो इससे हम संसार की अनेकानेक सच्चाईयों से परिचित होते जाते हैं जो वेदेतर वेदों से अनभिज्ञ मनुष्यों के साहित्य में नहीं मिलती। सत्य ज्ञान की शिक्षा वही दे सकता है जो सत्य ज्ञान को प्राप्त हो। संसार में सभी जीव, मनुष्य व महापुरुष अल्पज्ञ सत्तायें हैं। सभी मनुष्य शरीरधारी मनुष्य ही हुआ करते हैं। सभी जन्मधारी मनुष्यों का ज्ञान अल्पज्ञता की कोटि का होता है। संसार में विगत 1.96 अरब वर्षों में ऐसा कोई मनुष्य उत्पन्न नहीं हुआ जो सर्वज्ञ हो अथवा जिसका ज्ञान ईश्वर के समान व तुल्य हो।
मनुष्य एकदेशी व ससीम होने से अल्पज्ञ ही रहता है, सर्वज्ञ कदापि नहीं होता। सर्वज्ञता का गुण सर्वव्यापक, सर्वान्तयामी तथा सच्चिदानन्दस्वरूप परमात्मा का है। चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का ज्ञान उसी सर्वव्यापक परमात्मा का दिया हुआ ज्ञान है। यह ज्ञान परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न मनुष्यों में से चार सर्वाधिक योग्य ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को दिया था। इन ऋषियों से ही ब्रह्माजी व इनके द्वारा सृष्टि के सभी मनुष्य ज्ञान सम्पन्न वा ज्ञानयुक्त हुए थे। परम्परा से वेदज्ञान आज भी सुलभ है जिससे आज भी करोड़ों की संख्या में मनुष्य लाभान्वित होते हैं। वेद संस्कृत भाषा में हैं। वेदों की संस्कृत लौकिक संस्कृत भाषा से किंचित भिन्न है। वेद के पद व शब्द यौगिक होते हैं। निरुक्त की वेदार्थ प्रक्रिया से वेदों के सत्य अर्थ किये जाते हैं। वेदार्थ करने के लिये मनुष्य का सर्वथा निष्पक्ष तथा प्राचीन वैदिक साहित्य सहित वेदांगों से परिचित व इनका मर्मज्ञ होना आवश्यक होता है। शुद्ध हृदय, मन, मस्तिष्क व आत्मा से युक्त ज्ञानी मनुष्य जो संस्कृत भाषा व वेदांगों का ज्ञानी है, वही वेदों के मंत्रों के सत्य अर्थ कर सकता है। इस दृष्टि से ऋषि दयानन्द ऐसे ऋषि व मनुष्य हुए हैं जो वेदोगों का ज्ञान रखने के साथ वेदार्थ करने वाले विद्वान के सभी गुणों से युक्त थे। इसलिए उनका किया वेदभाष्य ही सत्य, उत्तम व ग्राह्य है। विद्वानों का कर्तव्य है कि वह ऋषि दयानन्द के वेदभाष्य का अध्ययन करने के बाद ही वेदभाष्य करने की दिशा में कार्य करें। वेदांगों व प्राचीन वैदिक साहित्य सहित ऋषि दयानन्द के ग्रन्थों व इनमें निहित वेद विषयक मान्यताओं की उपेक्षा कर कोई मनुष्य वेदों के सत्य अर्थ व भाष्य नहीं कर सकता। मनुष्य जीवन की सार्थकता जीवन के लिये आवश्यक सभी उचित कार्यों को करते हुए वेदाध्ययन वा वेदो के स्वाध्याय सहित योगाभ्यास, ईश्वरोपासना, देवयज्ञ अग्निहोत्र, परोपकार एवं दान आदि करने में ही होती है। ऐसा करने से ही मनुष्य के जीवन का सर्वांगीण विकास होता है और वैदिक कर्म फल सिद्धान्त के अनुसार भी वह मनुष्य अपने जीवन में सुख व कल्याण को प्राप्त करने साथ परजन्म में भी आत्मा की उन्नति व उत्तम परिवेशों में मनुष्य जन्म को प्राप्त होता है।
वेदों का अध्ययन करने से मनुष्य ईश्वर के सत्यस्वरूप को प्राप्त होता है। ईश्वर का अस्तित्व भी जीवात्मा व सृष्टि की भांति ही सत्य व यथार्थ है। ईश्वर, जीव तथा प्रकृति संसार में तीन अनादि व मौलिक पदार्थ हैं। जीव व प्रकृति पर परमात्मा का पूर्ण नियंत्रण है। ईश्वर का सत्यस्रूप वेदों के अध्ययन से सामने आता है। ईश्वर के उस वैदिक स्वरूप का ऋषि दयानन्द ने अपने ग्रन्थों में अनेक स्थानों सहित वेदभाष्य में भी उल्लेख किया है। आर्यसमाज के प्रथम तीन नियमों में ईश्वर के सत्यस्वरूप पर प्रकाश पड़ता है। यह नियम हैं ‘1- सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं उनका (सृष्टिगत सभी पदार्थों का) आदि मूल परमेश्वर है। 2- ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है। उसी की उपासना करनी योग्य है। 3- वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद का पढ़ना-पढ़ाना तथा सुनना-सुनाना सब आर्यों का परम धर्म है।’ ईश्वर सर्वज्ञ अर्थात् सब विद्याओं का जानने वाला है। वह सभी जीवों का स्वामी, पिता, माता, बन्धु, सखा, हितैषी, दयालु तथा न्यायधीश है। जीवों को जन्म व मरण परमात्मा से ही प्राप्त होते हैं जिसका कारण व आधार जीवों के पूर्वजन्मों के वह कर्म होते हैं जो उसने किये तो होते हैं, परन्तु उनका भोग करना शेष रहता है। ईश्वर ही वेद ज्ञान का देने वाला तथा जीवों को मुक्ति प्रदान करने वाला है। इसके लिये जीवों को ईश्वर की वेदाज्ञाओं का पालन करना आवश्यक होता है। वेद विरुद्ध आचरण करने वाले मनुष्यों को दुःख रहित वह जीवन जो सुखों व कल्याण से पूरित हो, प्राप्त नहीं होता। वेद विरुद्ध आचरण करने से मनुष्य का परजन्म वा पुनर्जन्म भी प्रभावित होता है। अतः ईश्वर के सत्यस्वरूप को जानने से ही मनुष्य को लाभ होता है। वह सत्य वेद ज्ञान के अनुरूप ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना करते हुए सद्बुद्धि व ऐश्वर्य आदि को प्राप्त कर सकता है। इससे उसका जीवन सुखी व कल्याण को प्राप्त होता है। इससे मनुष्य निजी रूप से तो स्वस्थ, बलवान, निरोग व सुखी होता ही है, इससे समाज में भी उत्साह से युक्त स्वस्थ व उन्नति का वातावरण बनता है। इसी कारण सृष्टि के आरम्भ से वेदानुकूल वैदिक व्यवस्था प्रचलित थी जो महाभारत युद्ध तक के लगभग 1 अरब 96 करोड़ वर्षों तक प्रचलित रही। यही व्यवस्था देश व विदेशों में अविद्यावधि प्रचलित रहती यदि महाभारत युद्ध के बाद देश में अव्यवस्था उत्पन्न होकर आलस्य व प्रमाद उत्पन्न न होता और हमने वेदों के अध्ययन व उसके सत्य अर्थों के अनुसंधान के कार्य को न छोड़ा होता। महाभारत के बाद आर्यावर्त भारत में वेदों के पठन पाठन में अवरोध से ही अविद्या उत्पन्न हुई जिससे संसार में अविद्यायुक्त मत-मतान्तरों की उत्पत्ति हुई। इसी के परिणाम से संसार में समय समय पर अनेक संघर्ष हुए हैं और आज भी विश्व सर्वत्र शान्ति व सुख के लक्ष्य से कोसों दूर है।
वेदाध्ययन करने से मनुष्य की अविद्या व अज्ञान दूर हो जाता है और वह पूर्ण विद्या व ज्ञान को प्राप्त हो जाता है। उसे ईश्वर, जीवात्मा, प्रकृति व कार्य सृष्टि का ज्ञान होने सहित मनुष्य के सभी कर्तव्यों, सुखों व दुःखों के साधनों का भी ज्ञान हो जाता हैं। वेदाध्ययन से मनुष्य को अपने सभी कर्तव्यों का जो सुख प्रदान करते है, उनका भी ज्ञान होता है। वह ईश्वर की प्राप्ति हेतु प्रतिदिन अपने दैनिक कर्तव्य ईश्वर उपासना व अग्निहोत्र यज्ञ को करता है। इससे ईश्वर व आत्मा विषयक उसके ज्ञान में उत्तरोत्तर वृद्धि होती जाती है। वह ईश्वर के अस्तित्व व उसके वेद वर्णित गुण, कर्म व स्वभावों के प्रति आश्वस्त व सत्य आस्था वाला हो जाता है। उसे ईश्वर व उसके विधानों पर भी पूरा पूरा विश्वास हो जाता है। कर्म फल सिद्धान्त में भी उसकी अटूट आस्था उत्पन्न होती है। वह वेद निषिद्ध किसी अकर्तव्य को नहीं करता जिससे उसकी अशुभ व पाप कर्मों को न करने से होने वाले दुःखों की भी निवृत्ति होती है। वैदिक जीवन पद्धति के पालन से ही मनुष्य को उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त होता है। वह बलवान व दीर्घजीवी हाते है। उत्तम व शुभ कर्मों के संचय से वेद व ईश्वरवासी मनुष्य का परजन्म भी सुधरता व उत्तम होता है। मनुष्य जब तक जीवित रहता है उसका ज्ञान व अनुभव बढ़ते जाते हैं। शुभ कर्मों का संचय भी बढ़ता जाता है जिससे उसका यह जीवन सुखों से पूरित तथा मृत्यु के बाद का जीवन अर्थात् पुनर्जन्म व परजन्म भी सुखों व कल्याण से युक्त होता है। इसी मार्ग पर हमारे देश के सभी ऋषि, मुनि, विद्वान, योगी तथा सभी गृहस्थी चलते थे। हम जिस रामराज्य की कल्पना करते हैं, वह वेदों पर आधारित शासन ही था। वैदिक काल में लगभग वेदों के आधार पर ही देश व विश्व का शासन चला है जिससे सर्वत्र सुख व सन्तोष का वातावरण रहता था। आज भी वेद एवं वेदों की सभी शिक्षायें प्रासंगिक एवं आचरण करने योग्य हैं। वेद हमें ईश्वर का सत्यस्वरूप बताते हैं जिसका अध्ययन करने से मनुष्य ईश्वर सत्यस्वरूप में दृढ़ आस्थावान व स्थिर हो जाते हैं। सर्वशक्तिमान व सर्वज्ञ ईश्वर पर विश्वास करने व उसकी उपासना करने से मनुष्य का सर्वविध कल्याण होता है। अतः मनुष्य जीवन की सफलता के लिये वेदों का स्वाध्याय, वेदों के ऋषियों के ग्रन्थों यथा उपनिषद, दर्शन, विशुद्ध मनुस्मृति, सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, आर्याभिविनय सहित ऋषि दयानन्द और आर्य विद्वानों के वेद भाष्यों का अध्ययन करना चाहिये। इसी से ईश्वर व आत्मा सहित सृष्टि का सत्य स्वरूप जाना जाता है और जीवन व जन्म-जन्मान्तरों में आत्मा की उन्नति होती है। इसी के साथ इस लेख को विराम देते हैं।
-मनमोहन कुमार आर्य
चमन विहार में झुग्गियों में आगजनी की घटना पर विधायक प्रतिनिधि पण्डित ललित शर्मा ने लिया जायजा
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। नगरपालिका लोनी के वार्ड नम्बर 45 के चमन विहार की झुग्गियों में आगजनी की घटना पर विधायक प्रतिनिधि पण्डित ललित शर्मा ने पहुंचकर हालत का जायजा लिया। प्रतिनिधि पंडित ललित शर्मा ने बताया कि जरूरी बैठक के सिलसिले में माननीय विधायक जी बाहर है। उन्होंने मामलें का संज्ञान लेकर सम्बंधित अधिकारियों को पीड़ित परिवारों की हरसंभव मदद के लिए जरूरी निर्देश दिए है और दुःखद आगजनी की घटना पर दुख जताया है।
विधायक प्रतिनिधि ने बताया कि आग पर समय से काबू पा लिया गया है जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी घटित नहीं हुई है। कबाड़ आदि का कार्य यहां किया जाता है प्राथमिक सूचना के अनुसार इस कारण आगजनी की घटना बताई गई है। उपजिलाधिकारी और तहसीलदार से माननीय विधायक जी और हमारी भी बात हुई है वो पीड़ित परिवार के जरूरत का ख्याल रखेंगे, उन्हें भोजन एवं तत्काल मदद की जरूरत पूरा करेंगे। निराश्रय लोगों को शेल्टर हाउस में रहने के लिए अनुरोध किया गया है उन्होंने कहा कि हम अन्य झुग्गियों में आपस में रह लेंगे। इस दौरान विधायक प्रतिनिधि ने स्थानीय सभासद जीतू भाई द्वारा आगजनी के दौरान लोगों की मदद किये जाने पर आभार जताया।
विधायक कार्यालय, लोनी
रंजिश के चलते युवक को मारी गोली, हालात गंभीर
अली खान नहटौरी—समीक्षा न्यूज
लोनी। बार्डर थाना क्षेत्र की संतोष विहार कॉलोनी में रविवार रात रंजिश के चलते छह युवकों ने एक युवक को गोली मारकर घायल कर दिया। घायल को उपचार के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। आरोपीयो ने फोन कर युवक को बातचीत के लिए बुलाया था। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बॉडर थाना क्षेत्र की संतोष विहार कॉलोनी में अनिल तोमर परिवार समेत रहते हैं। वह दिल्ली में गाड़ी चलाने का कार्य करते हैं। उनके भाई सुनील ने बताया कि कुछ माह पूर्व कॉलोनी में रहने वाले राजेश सांसी और उसके साथियों ने उनके साथ मारपीट की थी। मामले में बार्डर थाने में मुकदमा दर्ज है। इसके चलते आरोपी पक्ष उन पर फैसले का दबाव बना रहा था। आरोप है कि इसी रंजिश के चलते रविवार रात करीब दस बजे कॉलोनी में रहने वाले एक युवक ने अनिल को फोन कर कॉलोनी में रहने वाले एक युवक के कार्यालय पर बुलाया। वहां पहले से ही पांच से छह युवक बैठे हुए थे। सभी ने अनिल पर राजेश सांसी से फैसले का दबाव बनाया। उनके भाई द्वारा फैसले से मना करने पर एक युवक ने तमंचा से अनिल की आंख के नीचे गोली मार दी। घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए। आस-पास के लोग ने स्वजनों और पुलिस को घटना की जानकारी दी। जिसपर मौके पर पहुंचे स्वजन घायल को गंभीर हालत में दिल्ली के स्वामी दयानंद अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद घायल को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया। जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। क्षेत्राधिकारी अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि पीड़ित के भाई की तहरीर पर पुलिस मामले की जांच में जुटी है। कुछ युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जल्द ही आरोपियो को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
बदमाशो में पुलिस का नही है कोई ख़ौफ़, चैकिंग पॉइंट से चंद कदम की दूरी पर फेंका युवती का शव
अली खान नहटौरी
लोनी। बेख़ौफ़ बदमाशो ने चैकिंग पॉइंट से चंद कदम की दूरी पर युवती के शव को फेंककर फरार हो गए। और पुलिस को चुनौती दे डाली। इससे साफ होता है की बदमाशो में पुलिस का कोई खोफ नही है। तभी बदमाशो घटनाओं को अंजाम दे रहे है।
बेहटा हाजीपुर नहर रोड पर अक्सर लूट, हत्या, झपटमारी की घटनाएं होती रही हैं, जिसे रोकने के लिए आलाधिकारियों ने अलग-अलग स्थानों पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश दिए। रात के समय अक्सर उत्तरांचल विहार, शिव वाटिका, शिवा गार्डन और बंथला नहर चौक पर पुलिस बल तैनात रहता है। जिनके द्वारा आने जाने वाहनों को चेक भी किया जाता है। बदमाश पुलिस के इस चेकिग प्वाइंट से चंद कदम की दूरी पर युवती का शव फेंककर फरार हो गए। पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इससे पुलिस की सतर्कता की पूरी तरह से पोल खुल गई।
-पूर्व में हुई घटनाएं:
चार स्थानों पर पुलिस की तैनात होने के बावजूद बेहटा हाजीपुर नहर रोड पर अक्सर बदमाश वारदातों को अंजाम देते हैं। 23 जुलाई को राहुल गार्डन कालोनी निवासी संजीत ने अपनी पत्नी कल्पना कौर की रोड स्थित पानी की टंकी के पास गला घोटकर हत्या कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह शव को वहीं फेंककर फरार हो गया था। आए दिन होने वाली वारदातों से लोगों में पुलिस के प्रति नाराजगी है।
-पूर्व में मिले शव:
-13 मई कोतवाली क्षेत्र के चिरोड़ी गांव के जंगल में महिला का शव बरामद
-18 मई बार्डर थाना क्षेत्र में लोनी डिपो के पीछे महिला का शव बरामद
27 मई मंडोला विहार योजना को आवंटित भूमि में महिला का जलता हुआ शव बरामद
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में नही पता लगा युवती की मौत का कारण
अली खान नहटौरी—समीक्षा न्यूज
लोनी। बॉडर थाना क्षेत्र की शिवा गार्डन कालोनी के पास रविवार सुबह युवती का शव मिलने से हड़कप मच गया था। पुलिस ने युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। और पुलिस मृतका के शिनाख्त की प्रयास कर रही है। युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत के कारणो की पुष्टि नही हो सकी है। मृतका का बिसरा सुरक्षित किया गया है। जिस जगह युवती का शव मिला था वहां से महज चंद कदम की दूरी पर ही पुलिस चैकिंग पॉइंट है। बदमाशो में पुलिस का कोई ख़ौफ़ नही है। उधर पुलिस मृतका की शिनाख्त की प्रयास में जुटी है। और आस पास के थानों में सूचना दी गयी है।अधिकारियों का कहना है जल्द ही मृतका की शिनाख्त का प्रयास किया जा रहा है।
आपको बता दें कि रविवार सुबह बेहटा हाजीपुर नहर रोड स्थित शिवा गार्डन कालोनी के सामने नहर किनारे करीब 25 वर्षीय युवती का शव बरामद हुआ था। लोगों ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर शव फेंके जाने का आरोप लगाया था। शिनाख्त न होने पर पुलिस ने शव पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेज दिया था। बार्डर थाना प्रभारी निरीक्षक ज्ञानेश्वर बौद्ध ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का पता नहीं लग सका है। मृतका का बिसरा सुरक्षित कराकर जांच को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि मौके पर लोगों द्वारा दुष्कर्म की आशंका जताई गई थी। जिसके चलते दो डाक्टर की निगरानी में स्लाइड जांच को भेजी गई है। बिसरा रिपोर्ट से मौत के कारण और स्लाइड से दुष्कर्म की पुष्टि हो सकेगी। उन्होंने बताया कि मृतका की शिनाख्त के लिए दिल्ली और आसपास के थानों में संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही म्रतका की शिनाख्त की हो जाएगी।
100 से ज्यादा झुग्गियों में लगी भयंकर आग, बाल-बाल बची सैकड़ों जान
अली खान नहटौरी—समीक्षा न्यूज
लोनी। ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र के चमन विहार में झुग्गियों में भयंकर आग लग गई है। मोके पर पहुची दमकल की 10 गाड़ियां ने आग बुझाने में मशक्कत की है। फिलहाल अभी तक घटना में किसी के घायल या हताहत होने की खबर नहीं है। झुग्गियों में मौजूद लोगों ने किसी तरह से भाग कर अपनी जान बचाई है. बताया जा रहा है कि घरेलू गैस सिलेंडर में से,गैस लीक होने की वजह से हादसा हुआ है. फिलहाल दमकल की प्राथमिकता आग बुझाने की है. मामले के कारणों की भी जांच की जाएगी. जानकारी के मुताबिक 100 से ज्यादा झुग्गियों में आग लगी है।
थाना टोनिका सिटी क्षेत्र के चमन विहार कॉलोनी में 100 से ज्यादा झुग्गियों में भयंकर आगखतरे में थी। सैकड़ों लोगों की जानघटना के समय सैकड़ों लोगों की जान खतरे में आ गई थी लेकिन जैसे तैसे वो लोग झुग्गियों से बाहर निकले और अपनी जान बचाई. झुग्गी में बच्चे भी मौजूद थे और महिलाएं भी मौजूद थी. सबसे पहले बच्चों और महिलाओं को ही झुग्गियों से बाहर निकाला गया. आग में झुग्गी वासियों का पूरा सामान जलकर खाक हो गया है. मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने झुग्गी वासियों को आश्वस्त किया है कि उनके खाने पीने की व्यवस्था की जाएगी. फिलहाल झुग्गी वासियों को मौके से दूर किया गया है. धुआं काफी ज्यादा होने की वजह से आसपास की कॉलोनी के लोग भी घरों से बाहर आ गए हैं.सोमवार को सिहानी गेट इलाके में लगी थी आगबता दें कि पांच अक्टूबर को भी गाजियाबाद के सिहानी गेट इलाके में 50 से ज्यादा झुग्गियां जलकर खाक हो गई थी जिसमें 2 बच्चों के घायल होने की भी खबर थी. उस घटना का कारण भी साफ नहीं हो पाया. ऐसे में दूसरे दिन लगातार दूसरी झुग्गियों की आग की जांच भी पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. साथ ही झुग्गी वासियों के रहने की वैकल्पिक व्यवस्था करना भी प्रशासन की जिम्मेदारी का हिस्सा है। समाचार लिखे जाने तक यह जानकारी प्राप्त हुई थी।
चौधरी राजा वर्मा ने किया किसानों के साथ कृषि यंत्र पूजा
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
साहिबाबाद। भारतीय जनता पार्टी महानगर गाजियाबाद द्वारा कृषि यंत्र पूजा का आयोजन दुहाई गांव में आयोजित किया गया जिसमें भारत सरकार द्वारा पारित किसान बिल 2020 को लेकर विपक्ष द्वारा जो भोले-भाले किसान भाइयों को भ्रमित करने का काम कर रही है और अपनी अपनी ओछी राजनीति के चलते किसान भाइयों के कृषि यंत्रों का जलाने का भी काम किया जा रहा है जिसको लेकर आज पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा द्वारा कृषि यंत्र पूजन का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष चौधरी राजा वर्मा जी द्वारा अन्नदाता किसान भाइयों के कृषि यंत्रों का पूजन किया गया और उन्होंने कहा यह जो विपक्ष कर रहा है यह उनकी सोची समझी साजिश है जिसके तहत वह भोले-भाले किसानों को बरगला रही है और उसका सही प्रचार ना करके दुष्प्रचार किया जा रहा है उन्होंने यह भी बताया कि आजादी के बाद यह पहला बिल है जिसमें किसान भाई अपने आप को स्वतंत्र महसूस कर रहा है कि वह अपनी फसल मंडी में या सीधे बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र है कार्यक्रम में किसान भाइयों द्वारा लाए गए ट्रैक्टर ट्रॉली हल एवं बुग्गी का भी पूजन किया गया कार्यक्रम में भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा पप्पू पहलवान त्रिलोक चौधरी सौरभ जायसवाल गौरव शर्मा अमरीश त्यागी अमित रंजन हरेंद्र नागर राहुल चौधरी संजीव त्यागी देवेंद्र चौधरी सतीश यादव कपिल मित्तल सत्ते मनवीर पवार केवी तेवतिया पंकज भारद्वाज नवनीत शर्मा मुकेश राणा संदीप शर्मा विनोद सक्सेना आदि कार्यकर्ता एवं किसान मौजूद रहे।
साभार: सौरभ जायसवाल
यमुना विकास प्राधिकरण के खिलाफ 12 अक्टूबर को करेंगे विशाल महापंचायत: पं. सचिन शर्मा
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। विष्णु गार्डन गॉड कान्वेंट पब्लिक स्कूल लोनी मैं भारतीय किसान यूनियन अंबावता की एक मीटिंग का आयोजन हुआ। जिसमें भाकियू अंबावता द्वारा 12 अक्टूबर को जेवर टोल प्लाजा पर विशाल धरना प्रदर्शन व महापंचायत।
भारतीय किसान यूनियन (अ) के मा० राष्ट्रीय अध्यक्ष चौ० ऋषिपाल अम्बावता के निर्देशानुसार जेवर टोल प्लाजा पर 6 सूत्रीय माँगो के लिए विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें किसानों के संबंध में माँग निम्न हैं कि सभी दुपहिया वाहन शुल्क फ्री हो। पत्रकार बंधुओं से टोल शुल्क न लिया जाए क्योकि पत्रकार देश का चतुर्थ स्तंभ हैं और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाते हैं। किसानों के ट्रैक्टर और खेती के लिए उपयोगी उपकरण के लिए टोल के लिए छुट हो। टोल प्लाजा पर 40% रोजगार क्षेत्रीय युवाओं को दिया जाए। किसानों को आईडी के आधार पर टोल प्लाजा से निकाला जाएं। 64.7% अतिकर और 10% विकसित भू- खण्ड पर मा० सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होने पर किसान आंदोलन के लिए प्रतिबंध रहेँगे।
इन सभी माँगो को संज्ञान में नही लेने पर भारतीय किसान यूनियन अम्बावता 12 अक्टूबर 2020 को धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगी। जिसकी जिम्मेदारी टोल प्लाजा अधिकारी और प्रशासन की होगी।
इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण शर्मा (नीटू) (प्रदेश महासचिव) ठाकुर मुकेश सोलंकी मास्टर राजकुमार गौड़ वकीला रिंकू हाजी नन्नू भगवानदास कश्यप संजय रामप्रकाश रणवीर सुभाष चंद जगपाल फौजी मनोज सुरेंद्र पंडित ईश्वर देव प्रमोद राजकुमार शैलेंद्र कश्यप मनोज आदि उपस्थित रहे।
हाथरस मनीषा केस में कोई भी दोषी बचना नहीं चाहिए और निरदोष फसना नहीं चाहिए: धर्मेंद्र त्यागी
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। इंदिरापुरी मैं त्यागी महासभा लोनी धर्मेंद्र त्यागी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश योगी सरकार से मांग करते हुए कहा हाथरस डीएम को भी हटाया जाए जिसके कारण वहां का माहौल खराब हुआ और इस माहौल को खराब होने से रोकने में नाकाम साबित हुए मनीषा बालमिकी बेटी के साथ जो घटना घटित हुई है वह बहुत ही निंदनीय घटना हम उसकी घोर निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कोई भी दोषी बचना नहीं चाहिए और निरदोष फसना नहीं चाहिए
मुनेश त्यागी ने कहा क्या देश में बेटी होना अपराध है आए दिन बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाओं से पूरा देश शर्मसार हो रहा है जो भी दोषी हो उसे सीधा बीच चौराहे पर फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए
उत्तर प्रदेश माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से आह्वान के साथ अपील करते हैं सीबीआई जांच और नारकोटेस्ट पीड़ित परिवार और पुलिस अफसरों का कराया जाए जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा
कांग्रेस नेता शशि थरूर जिन्होंने अपनी पत्नी को मारा था वह आज खुले तौर पर कह रहे हैं हमें उत्तर प्रदेश में राजनीति करने का मौका मिला है हम इस बेटी की लाश पर राजनीति करेंगे इससे साबित होता है विपक्ष कितना गंभीर है इस मुद्दे को लेकर कुछ मीडिया चैनल इस घटनाक्रम को लेकर अपने चैनल की टीआरपी बनाने के लिए रात दिन डटे हैं और सच्चाई को उजागर करने की बजाय झूठा प्रसारण कर रही है सफदरजंग मेडिकल हॉस्पिटल पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई और ना ही उसकी जीभ कटने का कोई जिक्र हुआ है आज बलात्कार की घटनाओं से पूरा देश और प्रदेश गुस्से में उबल रहा है हैं इसके पीछे कौन है और किस की साजिश है सीबीआई जांच की एजेंसी जांच कर इस राज से पर्दा उठाएगी देश के सामने सच उजागर होगा और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए और जो भी राजनीतिक दल या संगठन प्रदेश में माहौल बिगाड़ने के लिए साजिश विदेशी या पीएफआई फंडिंग की भी जांच हो और जो भी दोषी हो राष्ट्रद्रोह का मुकदमा दर्ज कर सख्त से सख्त सजा दी जाए जो भी धर्म और जाति की राजनीति कर रहे हैं उनके भी जांच कराई जाए और दोषियों सजा मिलनी चाहिए जिससे प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों का भरोसा और विश्वास कायम रहे इस मौके पर मुख्य रूप से मुनेश त्यागी डॉ राहुल त्यागी सतीश त्यागी मुनेश्वर त्यागी सुनील त्यागी अमित त्यागी विशेष त्यागी देवेंद्र त्यागी विकास त्यागी सचीनत्यागी प्रदीप त्यागी मास्टर शिवकुमार वशिष्ठ
कालोनीवासियों ने किया मनोज धामा का जोरदार स्वागत
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
लोनी। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा ने लोनी क्षेत्र की विभिन्न कालोनियों का दौरा किया।
गिरि मार्किट, डाबर तालाब अल्वी नगर कालोनी मे कालोनीवासियों ने मनोज धामा का ढोल-नगाडों के साथ फूल-माला पहनाकर जोरदार स्वागत किया ।
इस अवसर पर मनोज धामा जी ने सभी को संबोधित करते हुये कहा कि भारतीय जनता पार्टी के शासन काल मे लोनी मे विकास कार्य कोरोना महामारी के समय पर धीरे-धीरे लाकडाउन खुल रहा है विकास कार्यों की गति बढ रही है ।
लाकडाउन के समय मे जो ठहराव लोनी के विकास मे हुआ था वो अब खत्म हो चुका है एवं लोनी पहले की भांति तेज गति से विकास की पटरी पर चलने लगी है ।
#गिरि मार्किट मे राशन डीलर बख्तावर को किया सम्मानित
गिरि मार्केट मे राशन डीलर बख्तावर को मनोज धामा ने शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया जिसके लिये लाकडाउन के समय पर उनके दूारा गरीब व जरूरतमंद लोगों की काफी मदद की गयी थी ये बात काफी दिनों से उनकी जानकारी मे थी ।
मनोज धामा ने बख्तावर जी कौ सम्मानित करते हुये कहा कि लाकडाउन का समय देशभर मे बेहद दिक्कत व परेशानियों का समय रहा है लाखों-करोडों आम लोगों पर इसका प्रभाव पडा है रोजमर्रा मे काम करने वाले आजीविका करने वाला मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा इसका शिकार हुआ है । लेकिन कुछ नेक लोगों दूारा उस भीषण समय मे हजारों लोगों की दिल खोलकर सहायता की है ।
हम सभी देशावासियों ने ये दिखा दिया है कि हमारी संस्कृति "वसुधैव कुटुम्बकम " की संस्कृति है बहुत लोगों के दूारा इसको सार्थक किया है लाकडाउन के समय पर जरूरतमंद लोगों की सेवा करके उन्होंने जो पुण्य कार्य किया है उसकी तुलना नही की जा सकती ।
इस अवसर पर बख्तावर, हाजी नूरहसन, शकील, रहमत अली, दिलबर, अकील, जावेद, राशिद खान सहित सैकड़ों की संख्या मे कालोनी के लोग उपस्थित रहे ।
हाथरस की बेटी के साथ हुई बर्बता व हत्या के विरोध में बेटी सुरक्षा दल ने दिया ज्ञापन
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
जोधपुर। महामहिम राज्यपाल राजस्थान के नाम एडीएम के पास बेटी सुरक्षा दल ने जिला हाथरस उत्तर प्रदेश की बेटी मनीषा के हत्यारों को फांशी की मांग व बेटी मनीषा को शहीद का दर्जा दिया जाने की मांग का ज्ञापन दिया। जिसमें कहा गया कि बेटी सुरक्षा दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष बबीता शर्मा के आवाहन पर हाथरस कांड पर संस्था सम्पूर्ण भारत मे कर रही है विरोध इसी क्रम जोधपुर राजस्थान की बेटी सुरक्षा दल ने जिला अध्यक्ष जोधपुर स्नेहा भंडारी के नेतृत्व में दिया ज्ञापन ।
मोहोदया - पिछले दिनों जिला हाथरस उत्तर प्रदेश की बेटी मनीषा के साथ हुई बर्बता, बलात्कार, हत्या की घटना से देश स्तब्ध है । प्रदेश की बेटियों में असुरक्षा के कारण भय का माहौल है । सम्पूर्ण भारत मे बेटी सुरक्षा पर काम कर रही संस्था बेटी सुरक्षा दल जोधपुर राजस्थान भी अब आप से मांग करती है कि प्रदेश में बेटियो की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए । प्रदेश में बेटियों व महिलाओं पर बड़ते अपराधों के मामले बया कर रहे है। की क़ानून व पुलिस लाचार है अपराधियों व बलात्कारियो के सामने आज प्रदेश में अपराधी व बलात्कारी बे लग़ाम घूम रहे है।
उन्में प्रशासन का भय समाप्त हो चुका है। इसी कारण से आज प्रदेश में बेटीया घर मे रहने को मजबूर है। बेटियां स्कूल ,कॉलेज, छोड़ चुकी है। उन्हें हर वक्त अपने साथ अनहोनी का डर सता रहा है।
आज समाज व बेटियो में असुरक्षा की भावना है। अतः महामहिम जी से बेटी सुरक्षा दल जोधपुर राजस्थान की मांग है कि प्रदेश में बेटी सुरक्षा गारंटी क़ानून बनाया जाए।
बलात्कार ,हत्या जैसी घटनाओं पर तुरंत फांशी दी जाए
बेटी मनीषा के बलात्कारी, हत्यारों को तत्काल फांशी दी जाए।
बेटी मनीषा को शहीद का दर्जा दिया जाएं।
जिला अध्यक्ष जोधपुर स्नेहा भंडारी ,सुखदीप कोर जिला महा सचिव ,अनिकेत जिंदल जिला संग़ठन मंत्री ,अवतार प्रजापति संग़ठन मंत्री आदि उपस्थित रहे
तनाव मुक्त होने के लिए नित्य रात्रि 9 से 10 बजे हो रहे मुफ्त हीलिंग कार्यक्रम में हो शामिल
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। वर्ल्ड ऑफ़ विस्डम ग्रुप द्वारा अक्टूबर माह की मासिक पत्रिका का विमोचन किया गया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में स्वर सागर ग्रुप द्वारा एक संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसमें स्वर सागर ग्रुप की निवेदिता शर्मा ने सुन्दर- सुन्दर नए पुराने गीतो से श्रोताओं का मन मोह लिया । उनका साथ गिटार पर गौरव ने तथा काजोन पर प्रशांत ने दिया। मासिक पत्रिका का विमोचन आर्ट ऑफ लिविंग ग्रुप के वरिष्ठ शिक्षक शैलेश रडाडिया ने किया।विमोचन के बाद उन्होंने सब को ध्यान और योग करवाया।इस कार्यक्रम का संचालन वर्ल्ड ऑफ़ विस्डम ग्रुप की निदेशक मोनिका कौशल ने किया। इस अवसर पर अर्चना शर्मा ,सीमा शर्मा ,सुषमा गुप्ता,आशीष माथुर , सुनीति, आरती माथुर, दीपाली,डॉ स्मिता गोयल,डॉ रेखा,श्री संजय शर्मा, मनीष देव,शिखा वाधवा,दीक्षा आदि गणमान्य लोग शामिल हुए। इस संस्था द्वारा विभिन्न कोर्स चलाए जाते है जिसमे ज्योतिष , टैरो रीडिंग,वास्तु, रेकी आदि शामिल हैं। इस ग्रुप के संस्थापक श्री अजय कुमार हैं। उनके और मोनिका कौशल के द्वारा रोज़ रात को रेकी हीलिंग कार्यक्रम चलाया है जिसमे उनका साथ विभिन्न रेकी हीलर्स देते हैं।इस ग्रुप का मुख्य उद्देश्य है रेकी और ध्यान द्वारा तनाव मुक्त समाज का निर्माण हो सके।यह कार्यक्रम रोज़ रात को 9:00 से 10:00 बजे तक होता है जिसमे लोगो की मुफ्त हीलिंग की जाती है। कोई भी इस संस्था से जुड़कर इसका लाभ उठा सकते हैं।ग्रुप से जुड़ने के लिए 9810747142 पर संपर्क करें।
सेठ उमेश कुमार मोदी मोदी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन नियुक्त
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
मोदी नगर। मोदी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के लिए गत दिवस 5 अक्तूबर को बोर्ड आॅफ डायरेक्टरों की बैठक में सेठ उमेश कुमार मोदी को सर्व सम्मति से चेयरमैन बनाया गया है ।
श्री मोदी को चेयरमैन बनने के बाद कम्पनियों के अधिकारी, कर्मचारी एवं नगर के गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें बधाई दी । यह जानकारी मोदी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कम्पनी सचिव शोभित नेहरा ने दी , उन्होंने बताया कि 44 वर्षों के अन्तराल के बाद सेठ उमेश कुमार मोदी ने मोदी इंडस्ट्रीज लिमिटेड का चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर का पदभार संभाला है ।इससे पूर्व मोदी इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर रायबहादुर सेठ गूजर मल मोदी अपने निधन 22 जनवरी 1978 तक इस पद पर आसीन रहे । मोदी इंडस्ट्रीज लिमिटेड मोदी ग्रुप की फ्लैगशिप कम्पनी हुआ करती थी ,जो भारी घाटे के कारण नुकसान में डूब गयी ।एक ऐसा भी वक्त आया कि जब यह डर सताने लगा कि मोदी ग्रुप की अन्य इकाइयाँ की तरह यह कम्पनी बंद हो जायेगी । वास्तव में इसकी अन्य इकाइयाँ पहले ही बंद हो चुकी थी ।
कम्पनी पूर्ण रूप से अ:धरत है ।सेठ उमेश कुमार मोदी चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर जिस प्रकार लगभग 30 वर्षों से सफलता पूर्वक संचालन कर रहे हैं ।वो आगे भी कम्पनी को सफल बनाने में सक्षम होंगे ।कम्पनी सचिव ने बताया कि वास्तव में वित्तीय वर्ष में लाभ होने की उम्मीद है और मोदी इंडस्ट्रीज लि0 मोदी नगर का दिल है और मोदी इंडस्ट्रीज लि0 के विकास का अर्थ है ,मोदी नगर का विकास और मोदी इंडस्ट्रीज लि0 के विकास के साथ मोदी नगर में भी संपन्नता आयेगी ।
Monday 5 October 2020
रानी दुर्गावती व श्याम जी कृष्ण वर्मा की जयंती पर गोष्ठी सम्पन्न
समीक्षा न्यूज धनसिंह
रानी दुर्गावती का शौर्य महिलाओं के लिए आदर्श- राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
महर्षि दयानन्द के अनुगामी थे श्याम जी कृष्ण वर्मा-अजय सहगल(सीईओ,योल कैंट, धर्मशाला,हिमाचल प्रदेश)
गाज़ियाबाद। सोमवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "रानी दुर्गावती की 496वीं जयंती व श्याम जी कृष्ण वर्मा की 163वीं जयंती" पर ऑनलाईन गूगल मीट पर आर्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल परिषद का 99वां वेबिनार था।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आज रानी दुर्गावती की 496वीं जयंती है वे अपने नाम के अनुरूप तेज,साहस,शौर्य की गुणी थी।दुर्गावती को तीर तथा बंदूक चलाने का अच्छा अभ्यास था।मुगल अकबर सेना को तीन बार युद्ध मे अकेले ही बहादुरी से रानी दुर्गावती ने रौंद डाला और विशाल सेना भाग खड़ी हुई थी।आज उनकी जयंती पर उनके व्यक्तित्व से महिलाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।
अजय सहगल (सीईओ,योल कैंट, धर्मशाला,हिमाचल प्रदेश) ने कहा कि भारत के वीर सपूत महान क्रांतिकारी श्री श्याम जी कृष्ण वर्मा महर्षि दयानन्द के सानिध्य में रहकर संस्कृत व वेद शास्त्र का ज्ञान प्राप्त कर विद्वान के रूप में प्रख्यात हुए।इंग्लैण्ड में रहकर उन्होंने इंडिया हाउस की स्थापना की।भारत लौटने के बाद 1905 में उन्होंने क्रान्तिकारी छात्रों को लेकर इण्डियन होम रूल सोसायटी की स्थापना की।उस समय यह संस्था क्रान्तिकारी छात्रों के जमावड़े के लिये प्रेरणास्रोत सिद्ध हुई।क्रान्तिकारी शहीद मदनलाल ढींगरा उनके प्रिय शिष्यों में थे।उनके जयंती पर परिषद की ओर से शत शत नमन।
कार्यक्रम अध्यक्षा प्रोमिला गुप्ता ने सभी का कार्यक्रम में सम्मिलित होने पर आभार व्यक्त किया और साथ हीं इस प्रकार के आयोजन के लिए पूरी टीम की सराहना की।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा की क्रांतिकारियों व वीरांगनाओं के जीवन परिचय से युवाओं में धर्म व राष्ट्र प्रेम की भावना का विकास होगा।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि विद्यालय व विश्व विद्यालयों के पाठ्यपुस्तकों में क्रांतिकारीओं व वीरांगनाओं की गौरव गाथा को अधिक से अधिक पढ़ाया जाना चाहिए।
नरेन्द्र आर्य 'सुमन',पुष्पा शास्त्री, पुष्पा चुघ,विमलेश बंसल,उर्मिला आर्या,संगीता आर्या,दीप्ति सपरा, मधु खेड़ा,हेमलता सिशोदिया, राजेश वधवा,वीना वोहरा,सुषमा बुद्धिराजा,प्रतिभा सपरा,विमला आहूजा,संध्या पांडेय,रविन्द्र गुप्ता,ईश्वर आर्या,आदि ने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई, आनंदप्रकाश आर्य,प्रकाशवीर शास्त्री,यज्ञ वीर चौहान,देवेन्द्र गुप्ता,देवेन्द्र भगत,सुरेन्द्र शास्त्री, ओम सपरा,विचित्रा वीर आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य
बच्चों की पढ़ाई में गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में बैठक संपन्न
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पांडे की अध्यक्षता में जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति की मासिक बैठक महात्मा गांधी सभागार में संपन्न हुई। इस बैठक का आयोजन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बृज भूषण चैधरी द्वारा किया गया, जिसमें सर्वप्रथम जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा बैठक में आये सभी अधिकारियों का अभिवादन किया गया। खण्ड शिक्षा अधिकारी, मुख्यालय पवन कुमार भाटी द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों एवं बैठक के एजेन्डे से अवगत कराया गया तथा प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया गया। जिलाधिकारी द्वारा मिशन प्रेरणा लक्ष्य को पूरा करने के लिए समय-समय पर समीक्षा करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा में बच्चों की पढ़ाई में गुणात्मक सुधार लाने के उद्देश्य से सरकार का यह बहुत ही महत्वकांक्षी कार्यक्रम है। अतः शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी गण एवं अध्यापक गण इसे बहुत ही गहनता के साथ लेकर संचालित करें ताकि बच्चों की पढ़ाई में सरकार की मंशा के अनुरूप गुणात्मक सुधार संभव हो सके। जिलाधिकारी ने इस अवसर पर यह भी निर्देश दिए कि कोविड-19 महामारी को दृष्टिगत रखते हुए अभी बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं और अध्यापकों के द्वारा सरकार की मंशा के अनुरूप उन्हें अॉनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। सभी अध्यापक गण निर्धारित समय पर अपने-अपने स्कूलों में उपस्थित रहकर बच्चों की पढ़ाई में गुणात्मक सुधार लाने की कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने इस अवसर पर यह भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि विभाग में जो अध्यापक अच्छा कार्य करते हुए बच्चों की पढ़ाई में गुणात्मक सुधार ला रहे हैं उनका उत्साह वर्धन किया जाए इसके विपरीत जिन अध्यापकों के द्वारा अपनी ड्यूटी में शिथिलता बरती जा रही है उनके विरूद्ध कार्यवाही प्रस्तावित की जाए ताकि बच्चों की पढ़ाई में गुणात्मक सुधार किया जा सके। इसके उपरांत मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल द्वारा निर्देशित किया गया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों का ससमय पालन किया जाये तथा अन्य विभागों से समन्यवयन बना कर सभी योजनाओ का क्रियान्वयन किया जाये ताकि स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा, समस्त जिला समन्वयक, समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला युवा कल्याण अधिकारी के कार्यालय सहायक, प्रोजेक्ट डायरेक्टर डी0आर0डी0ए0, सी0डी0पी0ओ0 सिटी, द्वारा बैठक में प्रतिभाग किया गया।
साभार: राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी
“वेदों को अपना लेने से विश्व की सब समस्याओं का समाधान”
हमारा विश्व अनेक देशों में बंटा हुआ है। सभी देशों के अपने अपने मत, विचारधारायें तथा परम्परायें आदि हैं। कुछ पड़ोसी देशों में मित्रता देखी जाती है तो कहीं कहीं पर सम्बन्धों में तनाव भी दृष्टिगोचर होता है। दो देशों का तनाव कब युद्ध में बदल जाये इसका अनुमान नहीं किया जा सकता। दो देशों में युद्ध आदि तो होते ही रहते हैं, अतीत में दो बार विश्व युद्ध भी हो चुके हैं जिसमें जान व माल की भारी क्षति हुई थी। वर्तमान में ऐसा कोई भी देश नहीं है जिसकी अपनी कोई समस्या न हों। वेदों का अध्ययन करने पर यह ज्ञात होता है कि समस्याओं की उत्पत्ति अज्ञान के कारण होती है। जब कोई मनुष्य या देश अविद्यावश लोभ व स्वार्थ से प्रेरित होकर छल व प्रपंच करता है, तो मनुष्यों व देशों में समस्तयायें उत्पन्न हो जाती हैं। इसका कारण अविद्या, ईश्वर के सत्यस्वरूप में विश्वास न होना, लोगों में परस्पर सद्व्यवहार आदि न होना जैसी बातें ही होती हैं। यदि सभी देशों के सभी लोग सत्य ज्ञान से युक्त हों तो वह अपने सभी विवाद आपसी वार्ता व सत्य के आधार पर हल कर सकते हैं। अतीत में सभी देशों ने मिलकर विश्व शांति के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट जैसी संस्थाओं का निर्माण भी किया है परन्तु इसके बाद भी अनेक देशों में कुछ मुद्दों को लेकर युद्ध होते रहे हैं। यदि पूरे विश्व पर दृष्टि डालें तो प्रतीत होता है कि देश देशान्तर में वेदों का ज्ञान प्रवृत्त नहीं है। वेद ज्ञान की प्रवृत्ति न होने के कारण मनुष्य अविद्या के वशीभूत होकर असत्य निर्णय करता है जिससे संघर्षों में वृद्धि होती है। देशों व मनुष्यों के मध्य संघर्ष न हों, इसके लिये उभय पक्षों व बहुपक्षों की सत्य में दृढ़ आस्था रखते हुए सत्य विद्या व ज्ञान से युक्त होना आवश्यक होता है। किसी भी देश को विस्तारवादी व मतवादी शासन स्थापित करने की इच्छा नहीं करनी चाहिये। दो मतों में जब अपने अपने मत को श्रेष्ठ व उत्तम मानने की प्रवृत्ति उभरती है, तो इससे भी प्रेम व मित्रता नष्ट होकर संघर्ष उत्पन्न होता है। मनुष्यों व सभी देशों के सम्बन्ध परस्पर मधुर हों, इसके लिये विश्व में वेद प्रचार कर अविद्या का दूर किया जाना और सबका अपनी मर्यादाओं में रहना व उनका पालन करना आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाओं का महत्व निर्विवाद है परन्तु वहां सभी देश निष्पक्षता से कार्य करें, तभी पूरे विश्व में शान्ति हो सकती है। भारत के अपने अनुभव है कि संयुक्त राष्ट्र में कई मुद्दों पर कुछ देश अलग अलग बंट जाते हैं जिससे सत्यपक्ष को सबके द्वारा स्वीकार नहीं कराया जा पाता और इससे जो संकट व संघर्ष होते हैं, उसको टाला नहीं जा सकता।
वेद ईश्वर प्रदत्त सब सत्य विद्याओं से युक्त ज्ञान है। वेद डंके की चोट पर घोषणा करते हैं कि इस संसार में इस संसार को बनाने वाला, चलाने वाला तथा इसकी प्रलय करने वाला एक ईश्वर ही है। वही ईश्वर इस संसार में प्राणी जगत व कृषि से उत्पन्न होने वाले उत्पादों को उत्पन्न करता है। यह सृष्टि सहेतुक है। इसके बनाने का प्रयोजन है। यह बिना प्रयोजन के न तो बनी है और न ही चल रही है। इसके बनाने का प्रयोजन ईश्वर में सृष्टि बनाने की शक्ति होने के साथ जीवों के कर्मों का न्याय करते हुए उन्हें सुख व दुःखी फल देना रूपी वा मुक्ति की व्यवस्था करना है। इसी प्रयोजन की पूर्ति के लिये अनादि व नित्य परमात्मा अनादि व नित्य जीवों के लिये उपादान अनादि कारण प्रकृति से इस सृष्टि को बनाते व इसका संचालन एवं पालन करते हैं। मनुष्य जैसा कर्म करता है, ईश्वर अपनी न्याय व्यवस्था से, जो पूर्ण सत्य एवं पक्षपात रहित है, जीवों को उनके सभी कर्मों का जन्म व जन्मान्तरों में सुख व दुःख रूपी फल देते हैं। यह सृष्टि व व्यवस्था अनादिकाल से, जिसका कभी आरम्भ नहीं है, चल रही है और अनन्त काल, जिसका कभी अन्त नहीं होगा, चलती रहेगी। मनुष्यों का कर्तव्य है कि वह परमात्मा के द्वारा सृष्टि के आरम्भ में प्रदत्त वेदों के ज्ञान को प्राप्त करें, उसे समझे व उसके अनुसार ही आचरण करें। स्वयं के जीनें व दूसरों को जीने दो, के अधिकार का सब पालन करें। जो इसमें बाधक हों उनको कड़ा दण्ड मिलना चाहिये। किसी के ऊपर बलात् अपना मत कोई न थोपे। इस प्रवृत्ति का विश्व स्तर पर विरोध होना चाहिये। यह प्रवृत्ति स्थानीय व विश्व स्तर पर अनेक समस्याओं एवं अशान्ति को जन्म देती है। सभी मनुष्यों को सत्य मत का ही आग्रही होना चाहिये। जो संस्थायें व संगठन किसी मत व सम्प्रदाय का प्रचार करते हैं, उनका कर्तव्य है कि वह अपनी मान्यताओं को सत्य की कसौटी पर कसें और वेद के आधार पर उन मान्यताओं की परीक्षा करके असत्य मान्यताओं व परम्पराओं को छोड़कर केवल सत्य मत का ही प्रचार करें। ऐसा देखने में नहीं आ रहा है। अतः इस कारण भी विश्व स्तर पर अनेक समस्यायें सामने आती रहती हैं। यदि वेद व वेदों में निर्दिष्ट ईश्वर के सत्यस्वरूप को विश्व के सभी लोग अपना लें तो पूरे विश्व में चमत्कार हो सकता है और अनेक बड़ी समस्याओं का हल निकल सकता है। आवश्यकता केवल असत्य को छोड़ने तथा सत्य को अपनाने की है जिसके लिये सभी मनुष्यों में दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
वेदों में संसार में एक ईश्वर के अस्तित्व का प्रतिपादन है। वेद प्रतिपादित ईश्वर सत्य एवं यथार्थ सत्ता है। वह ब्रह्माण्ड व विश्व में सदा सर्वदा से है और सर्वदा रहेगा। उसी ने ही इस सृष्टि को बनाया है। वही सब मनुष्यों व प्राणियों को जन्म देता व पालन करता है। वही सब मनुष्यों व जीवों के कर्मों का न्याय करता है, सबके कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल देता तथा साधकों व मुमुक्षुओं को मुक्ति का सुख देता है। यदि सब मनुष्य वेद प्रतिपादित ईश्वर के सत्य स्वरूप को जान लें और उसे स्वीकार कर लें तो वेद मत के अतिरिक्त किसी इतर मत-मतान्तर की आवश्यकता नहीं रहती। इससे संसार के सभी मनुष्यों व देशों के अनेक संघर्ष व हिंसा आदि पर नियंत्रण किया जा सकता है। संसार के सब मनुष्य वा प्राणी एक ही ईश्वर की सन्तानें हैं। यह अकाट्य सत्य है। जब सब मनुष्य एक ईश्वर को मानेंगे, सत्य धर्म का पालन करेंगे, लोभ, स्वार्थ, इच्छा, द्वेष, काम, क्रोध आदि प्रवृत्तिों से रहित होंगे तब ऐसा होने पर मनुष्य मनुष्य में संघर्ष कम व समाप्त हो जायेंगे और भिन्न भिन्न देशों के मध्य भी ऐसा ही होगा। धर्म लोगों से प्रेम तथा सहयोग करना तथा परस्पर दुःख बांटना, किसी को दुःख न देना, दूसरों के दुःखों को दूर करना, सबका सहायक होना, अविद्या व अज्ञान को नष्ट करना, सौहार्द बढ़ाना तथा द्वेष को सर्वथा नष्ट करने आदि उत्तम दैवीय गुणों की शिक्षा देते व प्रेरणा करते हैं। यही मनुष्यों में सहअस्तित्व को कायम रखने के लिये आवश्यक भी है। इन गुणों को बढ़ाने से ही मनुष्य समाज श्रेष्ठ समाज बनता है और इन गुणों के प्रचार व आचरण में न्यूनता होने पर सुख, शान्ति व समृद्धि के लक्ष्य की प्राप्ति में हानियां होती हैं। अतः सभी मनुष्यों व विश्व को वेदों की ओर लौटना चाहिये और वेदों की शिक्षाओं का लाभ उठाना चाहिये। वेद ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ को मान्यता देते हैं। वेद मनुष्यों को मनुष्य व दैविक गुणों से युक्त मनुष्य जिसे देवता कहते हैं, बनने की प्रेरणा करते हैं और इसके साथ मनुष्य जीवन से असुरत्व व अदेवत्व के विचारों व प्रवृत्तियों को दूर करने की शिक्षा भी देते हैं। वेदों के द्वारा ही मनुष्य को सद्गुणों से युक्त तथा अवगुणों से रहित मनुष्य बनाया जा सकता है। ऐसा करने से मनुष्य लोभ रहित होकर पर द्रव्य व सम्पत्ति को मिट्टी के समान निरर्थक समझता है। यही प्रवृत्ति यदि सभी राष्ट्रों में आ जाये तो विस्तारवाद व मतवाद को बढ़ाने वाली कुचेष्टायें दूर हो सकती हैं। इस दृष्टि से वेदों का प्रचार प्रसार तथा वेदों का प्रत्येक मनुष्य को अपनाना आवश्यक है। वेदों के प्रचार से ही मनुष्य कर्म फल सिद्धान्त को समझ सकता है। असद् कर्मों के कारण ही मनुष्य को जीवन में दुःख प्राप्त होते हैं। दुःखों की निवृत्ति तथा आवागामन वा पुनर्जन्म से अवकाश भी वेदों की शरण में आकर और वेद की शिक्षाओं का पालन करने से ही प्राप्त होते हैं। अतः सत्य मार्ग को अपनाने, जीवन को दुःख मुक्त करने सहित विश्व में सुख व शान्ति का विस्तार करने तथा विश्व स्तर पर होने वाले सभी संघर्षों को समाप्त करने के लिये भी वेदों को अपनाने की आवश्यकता है। इस कार्य में वेद, विशुद्ध मनुस्मृति, रामायण, महाभारत, सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों में राजनीति के जिन सत्य सिद्धान्तों का विधान व चर्चा है, उससे भी विश्व के नेताओं को लाभ उठाना चाहिये। हमने संकेत रूप में कुछ पंक्तियां लिखी हैं। विद्वान इस विषय पर विस्तार से चर्चा करके वेदों के विश्व शान्ति के लक्ष्य को प्राप्त करने आदि महत्वपूर्ण विषयों को प्रतिपादित कर सकते हैं।
-मनमोहन कुमार आर्य
ऋषभ राणा ने दी नसीब पठान को श्रद्धांजलि
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
साहिबाबाद। कांग्रेस के दिग्गज नेता व एमएलसी रहे नसीब पठान का आकस्मिक निधन होने के बाद उनके समर्थकों में गम की लहर है। इंदिरापुरम के शिप्रा सनसिटी में दिवंगत एमएलसी को श्रद्धांजलि देने के लिये एक शोक कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस के यंग ब्रिगेड सेवा दल के जिला अध्यक्ष ऋषभ राणा के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस अवसर पर रिषभ राणा ने कहा कि दिवंगत नसीब पठान हर वर्ग में लोकप्रिय थे उनके दुनिया के चले जाने के बाद उनकी जगह को भरना आसान नहीं होगा और वह हमारे दिलों में हमेशा याद किये जायेंगे। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति के लिये प्रार्थना की। इस दौरान दर्जनों लोग मौजूद थे।
हाथरस काण्ड: सर्व समाज के लोगो ने कैंडल मार्च निकालकर दी श्रद्धांजलि
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। लोनी क्षेत्र के बलराम नगर कॉलोनी से कुलवन्त शर्मा राष्ट्रवादी ब्राह्मण महासंघ प्रदेश उपाध्यक्ष व एआईएमआरए गजियाबाद अध्यक्ष के नेतृत्व में सर्व समाज के लोगों ने निकाला शांतिपूर्ण कैंडल मार्च। कैंडल मार्च निकाल मनीषा बाल्मीकि को दी श्रद्धांजलि
बलराम नगर कॉलोनी से लेकर दो नंबर बस स्टैंड तक हाथों में सैकड़ों लोगों ने मोमबत्ती लेकर बेटी मनीषा को श्रद्धांजलि दी श्रद्धांजलि दी तमाम उन लड़कियों को जो कहीं ना कहीं शोषण के कारण यह दुनिया छोड़कर दुनिया से चली गयी इस कैंडल मार्च का समापन बाबा साहब श्री अंबेडकर जी की मूर्ति पर समापन हुआ। इस मौके पर सहयोगी बंधु गण राकेश जैन जितेन्द्र शिशोदिया, अजय गर्ग राजेश शर्मा ,हिमांशु लोहरा,राजीव पालीवाल, नौशाद सैफी फरीद अली,राज उपाध्याय, अहमद आमिर,देवेंद्, तनु शर्मा, अश्वनी कुमार ,भुवन जोशी ,कपिल कुमार , प्रकाश नेगी ,भुवन बीस्ट,संजय जिम वाले,अमित राणा,विक्की जैन, निःषु शर्मा, एडवोकेट ज्योति शर्मा, आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
दुश्मनी नहीं दोस्ती चाहिए अच्छे राजनेता चुने बिहार को विकास चाहिए: हेलमेट मैन
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
बक्सर। पूरे बिहार में मतदाता को जागरूक करने के लिए चालान की रसीद दिखाने वाले को निशुल्क हेलमेट के साथ 5 लाख की दुर्घटना बीमा दे रहे हैं.कौन है हेलमेट मैन जो बिहार की सड़कों पर मुफ्त बांट रहा है हेलमेट.
दरअसल हेलमेट मैन का असली नाम राघवेंद्र कुमार है मूल रूप से बिहार कैमूर जिला के रहने वाले हैं जो पूरे भारत में जरूरतमंद लोगों को पुस्तक और हेलमेट बांटते रहते हैं. जो भारत को 100% साक्षर बनाने के साथ सड़क दुर्घटना मुक्त बनाना चाहते हैं इसलिए पिछले 6 साल से हेलमेट बांटने का कार्य कर रहे हैं.
सरकार या लोगों द्वारा मदद नहीं मिलने के कारण दिल्ली का अपना घर बेचकर कार्य के मिशन में लगा दिया लेकिन अपने जुनून के लिए हार नहीं माने. आज भी अपने कार्य को जोशीले वर्क में अंजाम देकर लोगों को जागरूक करते रहते हैं. दरअसल इनके दोस्त की मौत 2014 में हेलमेट नहीं लगाने की वजह से हो गई थी जो इनका दोस्त अपने मां-बाप का इकलौता चिराग था. तब से राघवेंद्र कुमार दूसरे घरों का चिराग बचाने के लिए सड़कों पर हेलमेट बांटते रहते हैं. हेलमेट बांटने की वजह से लोग इन्हें हेलमेट मैन कहने लगे. जो आज पूरा भारत इन्हें हेलमेट मैन के नाम से जानता है. अब तक 42000 हेलमेट बांटकर 6 लाख बच्चों तक निशुल्क पुस्तकें पहुंचा चुके हैं. इनके कार्य की सराहना भारत के परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कर चुके हैं.
इन दिनों बक्सर की सड़कों पर प्रतिदिन दूसरों को हेलमेट देते दिख जाते हैं यह सिर्फ उन्हें हेलमेट देते है जिनका चालान हुआ है और उन्होंने राजस्व में भुगतान कर दिया है. लोगों से भुगतान की रसीद मांगते हैं और बदले में हेलमेट देते हैं. और साथ में 5 लाख की दुर्घटना बीमा भी करके देते हैं जिनके पास आधार कार्ड होता है. बदले में कुछ नहीं लेते. कोई कुछ देना भी चाहता है तो उनसे पुरानी पुस्तक मांगते हैं जो जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क किताबे देते रहते हैं.
लोगों को बड़ा आश्चर्य होता है लोग पूछते हैं हमारे प्रीमियम और हेलमेट का पैसा कौन देता है, उन लोगों से हेलमेट मैन मुस्कुरा कर कहते हैं यह सारा खर्चा मैं खुद पे करता हूं. क्योंकि सड़क दुर्घटना में मैं अपना मित्र खोया हूं. जो आपको अपना मित्र समझकर हेलमेट के साथ बीमा दे रहा हूं भविष्य में दुर्घटना होने पर मित्र के नाते आपके माता पिता को आर्थिक सहायता दे सकूं ताकि उन्हें किसी प्रकार का कष्ट ना हो.
जो मेरे दोस्त के माता-पिता को आर्थिक कष्ट झेलनी पड़ी वह आपके माता-पिता के साथ ना हो.
क्योंकि भारत में करोड़ों माता पिता अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा देने के चक्कर में एक हेलमेट नहीं दे पाते हैं क्योंकि सड़क दुर्घटना को गंभीरता से नहीं लेते हैं और इन चीजों से अनजान रहते हैं. इसी गलती के कारण भारत में प्रतिवर्ष 50 हजार माता पिता अपने घर का चिराग खो देते हैं छोटी सी गलतियों की वजह से. इसलिए अपने अभियान द्वारा भारत के सभी माता-पिता को संदेश देने के लिए सड़कों पर हेलमेट देता रहता हूं.
Sunday 4 October 2020
बेटी रक्षा दल के जिला कार्यालय का हुआ भव्य उद्धघाटन
समीक्षा न्यूज नेटवर्क
ग़ाज़ियाबाद। बेटी रक्षा दल के जिला कार्यालय का भव्य उद्धघाटन हुआ, जिसमे मुख्य अतिथि के तौर पर बेटी रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाबुद्दीन सिद्दीकी एवं व्यापारी नेता अभिषेक गर्ग ने फीता काटकर ग़ाज़ियाबाद जिला कार्यालय का उद्धघाटन किया. इस दौरान मुख्य रूप से उपस्थित रहे, लोकतंत्र सेनानी मेहबूब आलम लारी, जेड ऐ खान, परवेज़ पाशा, वीर सिंह त्यागी, बी. के. शर्मा हनुमान, मोहम्मद ग़ालिब, अर्चना शर्मा, रूचि त्यागी, डॉ शेलज़ा, मंजू शर्मा,सलमान कुरैशी, फहीम मलिक, शैलेश कुमार, पी. के. सिंह, राजकुमार राणा, रमेश चंद्र, ललिता जायसवाल, नगमा मंसूरी, विनीता पाल, डी. के. भटनागर,
पत्रकार शोहेब सलमानी पत्रकार खालिद चौधरी, आसिफ राजा, अमित बग्गा उर्फ़ सोनू, शाह नवाज़ मलिक, वसीम चौधरी , नाज़िम चौधरी एवं शाहरुख़ नूर आदि उपस्थित रहे।
आये हुए सभी अतिथियों का ग़ाज़ियाबाद बेटी रक्षा दल के जिला अध्यक्ष जावेद खान ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
महिलाओं से जुड़े अपराधों में सख्त किया जाए कानून: विधायक प्रतिनिधि पण्डित ललित शर्मा
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। रविवार को भाजपा नेता एवं लोनी विधायक प्रतिनिधि पण्डित ललित शर्मा ने राजीव गार्डन में हृदयविदारक घटना में हाथरस की मृतका मनीषा को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए शोक सभा का आयोजन किया। इस दौरान मृतका मनीषा को भावभीनी श्रधांजलि अर्पित की।
भाजपा नेता पंडित ललित शर्मा ने कहा कि बहन की नृशंस हत्या हृदयविदारक है और पूरा हिन्दू समाज इसे लेकर दुखी है। हम सभी मृतका की आत्मा की शांति के लिए परमपिता से प्रार्थना करते है। दोषी कोई भी है बक्शा नहीं जाएगा। लोनी के माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर जी के पत्र के बाद लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है। माननीय मुख्यमंत्री जी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है जो स्वागतयोग्य कदम है। जल्द सत्य सभी के सामने होगा और बहन को न्याय मिलेगा। महिला से संबंधित कानून को सख्त करने की जरूरत है और न्याय निश्चित समय में हो इस व्यवस्था को बिना दुरुस्त किये हम महिलाओं के खिलाफ अपराध नहीं रोक सकते। वहीं हाथरस के घटना पर राजनीति करने वाले नेताओं को मैं इतना कहना चाहता हूं कि यह राजनीति का नहीं संवेदना व्यक्त करने का समय है। यह समय परिवार के दुखों को बांटने का समय है लेकिन कुछ लोग राजनीतिक झंडे लहराते हुए, ठहाका लगाते हुए, पीड़िता के घर ऐसे जा रहे है जैसे प्रदेश में अपनी खोई हुई राजनीतिक ज़मीन ढूंढना चाहते है। शर्म आनी चाहिए ऐसे लोगों को जनता सब देख रही है कि कैसे राजनीतिक टूरिज़्म करने नेता हाथरस आ रहे है। श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से जितेंद्र कश्यप, नवीन जोशी, गौरव कुमार, नितिन उपाध्याय, आकाश पांचाल, अंश वाल्मीकि, दीपक पांचाल, मनीष वर्मा, निशांत कुमार, अंकित उपाध्याय, अजय शर्मा, कपिल पांचाल, राजेंद्र प्रताप, कुमार सिंह आदि सैकड़ों समाजसेवियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित कर शोक प्रकट किया
पण्डित ललित शर्मा, भाजपा नेता एवं प्रतिनिधि लोनी विधायक
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गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार, कलैक्ट्रेट में जनपद स्तर पर प्राप्त जाति से सम्बन्धित शिकायतों के सत्यापन / सुनवाई हेतु जनपद स्तर पर गठित ज...
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समीक्षा न्यूज नेटवर्क गाजियाबाद। वरिष्ठ समाजसेवी और उत्तर प्रदेश कांग्रेस सेवादल के प्रदेश कोषाध्यक्ष ऋषभ राणा ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी ...
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माननीय राज्यपाल महोदया श्रीमती आनंदीबेन पटेल द्वारा किया गया ग्राम मोरटी, ब्लॉक रजापुर, विधानसभा मुरादनगर, जनपद गाजियाबाद में देश की प्रथम ए...