Monday 12 October 2020

डा0 राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि 12 अक्टूबर 2020 पर विशेष:-


“डा0 राम मनोहर लोहिया संघर्षशील, विद्रोही व्यक्तित्व”
मौलिक चिन्तक, युग प्रवर्तक, बाल सत्याग्रही, सादा जीवन, संघर्षशील, विद्रोही व विलक्षण प्रतिभा के धनी कांग्रेस पार्टी के प्रबल विरोधी, डा0 राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को फ़ैजाबाद जनपद के अकबरपुर उ0प्र0 में हुआ था| उनके पिता महात्मा गाँधी की विचार धारा से ओत-प्रोत राष्ट्र प्रेमी, आदरणीय हीरालाल जी अध्यापक थे| महात्मा गाँधी द्वारा चलाये जा रहे “स्वराज” के लिए संघर्ष की रुपरेखा तैयार करने वाली बैठकों में इन्हें ले जाया करते थे| इसी का परिणाम था कि मात्र 10 वर्ष की उम्र में डा0 लोहिया सत्याग्रह में भाग ले लिया था|
   डा0 राम मनोहर लोहिया की शिक्षा बनारस, कलकत्ता व बम्बई में हुई, उच्च शिक्षा प्राप्त करने बर्लिन गये, वहां जर्मनी भाषा का भी आपने अध्ययन किया, महात्मा गाँधी द्वारा चलाये जा रहे नमक सत्याग्रह पर डा0 लोहिया ने पी0एच0डी0 किया, उनकी सामाजिक, आर्थिक, विदेशनीति बेजोड़ थी, वे शिक्षा के साथ-साथ मानव जाति में व्यक्ति विषमता, पीड़ा के बारे में अध्ययन करते रहते थे| स्वदेश लौटने के बाद सन 1934 में आप कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की तथा भारत माँ को गुलामी की बेडी से मुक्त कराने के लिए अनेंकों बार जेल गये, अपार कष्ट सहे| महात्मा गाँधी के नेतृत्व में डा0 लोहिया कार्य कर रहे थे लेकिन उनके विचार पूंजीपतियों व कम्युनिस्टों से भिन्न थे| विदेशनीति के मामले में उनका ज्ञान बेजोड़ था इसीलिए पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें विदेश नीति निर्धारण का सर्वेसर्वा बनाया, उसी के अनुरूप डा0 लोहिया विदेश नीति के कई कानून बनवाये| कांग्रेस में जो समाजवादी विचारधारा के लोग थे, वे संघर्षशील थे| डा0 लोहिया ने कहा कि “मै महात्मा गाँधी से पूर्ण और जवाहर लाल से आधा प्रभावित हूँ|
  अगस्त क्रान्ति सन 1942 में समाजवादी विचारधारा के लोगों का बड़ा योगदान रहा, महात्मा गाँधी द्वारा चलाये जा रहे “भारत छोडो आन्दोलन” “करो या मरो” में डा0 लोहिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही, वे भूमिगत होकर आन्दोलन को दिशा दे रहे थे तथा बहन उषा मेहता, अरुणा आसफ अली व अन्य साथियों के साथ अंग्रेजों भारत छोडो, भूमिगत हो रेडियो से प्रसारण कर रहे थे, इसी बीच सन 1944 में डा0 साहब को बम्बई (मुम्बई) में गिरफ्तार कर लिया गया, उन्हें लाहौर जेल में डाल दिया गया, कालकोठरी में रखा गया जो बहुत ही छोटी थी| उसी में रहना, खाना, नित्यक्रिया की व्यवस्था उसी में थी, जेलर इतना क्रूर था कि उस कोठरी में 500 वाट का रात में बल्ब जलवा देता था जिससे डा0 साहब सो न सकें| दिन में इन्हें अलग यातनाएँ दी जाती थी इन्हें जेल सुपरिंटेंडेंट के सामने खड़ा रखकर पलक नीचे न गिरे जैसे पलक ढकते वह डंडे बरसाता, इनके हाथ पैर के नाखूनों में नुकीले बांस की कील बनाकर ठोकता, इतनी असहाय व अमानवीय पीड़ा शायद ही किसी को मिली हो जो डा0 लोहिया जी ने झेली| तब भी असह्य पीड़ा झेलने वाला यह भारत माँ का अमर सपूत भारत माँ व भारतीयों के सम्मान को कभी डिगने नहीं दिया|
   डा0 लोहिया चौखम्भा राज्य के प्रबल समर्थक थे, राजनैतिक शक्ति के विकेन्द्रीकरण के साथ आर्थिक विषमता, सामाजिक गैर बराबरी के घोर विरोधी थे, वे मानव जाति के द्वारा मानव जाति के शोषण के विरुद्ध संघर्षरत थे, उनका मानना था कि “हम सम्पूर्ण बराबरी नहीं कर सकते फिर भी सापेक्ष बराबरी के लिए हमें संघर्ष करना चाहिए”, वे चाहते थे व्यक्ति-व्यक्ति की आमदनी में 01 से लेकर 10 का अनुपात होना चाहिए, इससे अधिक पूँजी असमानता, शोषण व विषमता को जन्म देती है| डा0 लोहिया दलितों, महिलाओं की लड़ाई लड़ते हुए उन्हें समान अधिकार के पक्षधर रहे इनकी दुर्दशा को देखकर वे पीड़ित व आक्रोश में रहते थे| वे जातिवाद के घोर विरोधी थे तथा भारत में रहने वाले लोगों को नि:शुल्क शिक्षा व चिकित्सा मिले, समान अवसर प्राप्त हो ऐसा चाहते थे, इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए डा0 लोहिया, डा0 भीमराव अम्बेदकर से मिले तथा कमजोर वर्ग, महिलाओं व दलितों के आर्थिक, शैक्षणिक विकास तथा सामाजिक न्याय के लिए साथ-साथ कार्य करने की मंत्रणा की, यह कार्य वह साथ चुनाव लड़कर पूरा करना चाहते थे, लेकिन सन 1956 में बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेदकर के निधन के कारण वे अपने उद्देश्य में सफल न हो सके| डा0 लोहिया राज-काज की भाषा हिन्दी हो इसके हिमायती थे, उनका मानना था कि “अंग्रेजी भाषा से कमजोर वर्ग, अनपढ़ किसान वर्ग का शोषण होता है तथा अंग्रेजी जानने वाला अपने को विशिष्ट समझकर उनके साथ दोयम दर्जे के नागरिक का व्यवहार करता है”| डा0 लोहिया ने अपने जीवन काल में कई आन्दोलनों की अगुवायी की, गोवा मुक्ति आन्दोलन, नेपाल में लोकतान्त्रिक क्रान्ति, विन्ध्य प्रदेश का आन्दोलन, एक राजस्थान की कल्पना तथा संघर्ष, मणिपुर में जनतांत्रिक आजादी पर हमले का प्रतिकार, “अंग्रेजी हटाओ”|
  डा0 राम मनोहर लोहिया द्वारा लोकसभा में दिया गया भाषण तत्कालीन प्रधानमन्त्री पं0 जवाहर लाल नेहरू को कड़ी चुनौती थी तथा कांग्रेस सरकार को राष्ट्रीय शर्म की सरकार कहा, उन्होंने प्रधानमन्त्री पर आरोप लगाया कि उत्पादन करने वाला किसान, मजदूर साढ़े तीन आने में गुजर कर रहा है वहीँ आपके कुत्ते पर प्रतिदिन 25/= रुपये खर्च हो रहे हैं, उन्होंने कहा कि आप की गलत विदेश नीति के कारण चीन ने भारत के 18000 वर्ग किमी0 भूभाग पर कब्ज़ा कर लिया, इससे अधिक शर्म की बात इस सरकार की और क्या हो सकती है|
   डा0 लोहिया का 12 अक्टूबर 1967 में अल्पकाल में निधन से समाजवादी आन्दोलन की अपार क्षति हुई| उनके लाखों अनुयायियों, सहयोगियों के आंसूं बहा उन्हें अन्तिम बिदाई दी तथा डा0 लोहिया के इस वाक्य को उद्धृत करते हुए कहा कि वे कहते थे कि “लोग मेरी बात मानेगें, मेरे मरने के बाद”| डा0 लोहिया सन्त पुरुष, राजनीतिक जीवन में रहे, उनका न घर था, न जमीन, जायदाद, न चल, न अचल सम्पत्ति, न बैंक बैलेंस, न कोई ठिकाना, सामान के नाम पर एक सूटकेश, एक बिस्तर, तीन धोतियाँ, तीन कुर्ते, छ: रुमाल, दो तौलिया, दो जाकेट, चार टोपियाँ थीं| वे भारतीय राजनीति के अद्भुत व्यक्तित्व, सृजनशील, निष्काम, कर्मयोगी, नवजवान पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है, वे सबके प्रति समान दृष्टि रखते थे, यहाँ वे भगवान बुद्ध के दर्शन से प्रभावित थे| डा0 लोहिया के प्रति आभार यदि हम उनके बताये रास्ते पर चन्द कदम चल सकें, यही सच्चा स्मरण होगा| उनकी याद में:-
“जमाना बड़े शौक से सुन रहा था,
तुम्ही सो गये दास्ता कहते-कहते”||



लेखक:
राम दुलार यादव 


जीवन में यज्ञ का महत्व विषय पर ऑनलाइन गूगल मीट पर गोष्ठी का किया आयोजन


धनसिंह—समीक्षा न्यूज    
हवन  पंच तत्वों व शरीर शुद्धि का परम साधन--- आचार्य महेन्द्र भाई
सत्यनिष्ठ व परिश्रमी व्यक्ति की भक्ति ही सार्थक होती है - विनोद त्यागी
गाज़ियाबाद। सोमवार को आर्य समाज,ए टी एस,इंदिरापुरम के तत्वावधान में "जीवन में यज्ञ का महत्व" विषय पर ऑनलाइन गूगल मीट पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। 
गोष्ठी का शुभारंभ प्रांतीय मंत्री प्रवीण आर्य ने गायत्री मंत्र व ईश्वर भक्ति के गीत से किया उन्होंने आयोजकों का सुन्दर कार्यक्रम के लिए आभार व्यक्त किया साथ ही उन्होंने उपस्थित सुमेधा जी घनश्याम जी को वैवाहिक वर्ष गांठ पर हार्दिक बधाई दी।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने आर्य समाज के अन्तर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सत्यव्रत सामवेदी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया,उन्होंने कहा कि सामवेदी जी कुशल वक्ता,संघठन कर्ता,वैदिक विद्धान,साथी ही अच्छे लेखक रहे उनके निधन से आर्य समाज की गहरी क्षति हुई है।
मुख्य वक्ता आचार्य महेन्द्र भाई ने कहा कि हवन पंच तत्वों व शरीर शुद्धि का परम साधन है।यज्ञ/हवन केवल एक कर्मकांड ही नहीं अपितु धरती,आकाश,जल,वायु, कृषि एवं शरीर शुद्धि का परम साधन है।पुष्टिवर्धक,रोगनाशक, मिष्ट व सुगंधित पदार्थ और गौ घृत जब अग्नि में डालते हैं,तब अग्नि उनको सूक्ष्म कर अणु परमाणुओं में बदल कर सम्पूर्ण वायु मण्डल में फैला देती है जो हमारे स्वास्थ्य को उत्तम बनाते हैं,औषधियों से युक्त शुद्ध वायु श्वास प्रश्वास प्रक्रिया द्वारा हमारे फेफड़ों में पहुंचती है जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बढ़ाती है और व्यक्ति स्वस्थ व दीर्घ आयु को प्राप्त करता है।इस वायु का रक्त से सीधा संपर्क होता है जिसके कारण शरीर में विद्यमान रोग के विषाणुओं को,कृमियो को या यह कहें रोगों के वायरस को निष्क्रिय या नष्ट कर देते हैं।हम यह हमेशा याद रखे कि अग्नि में डाला हुआ पदार्थ कभी भी नष्ट नहीं होता अपितु यह फैल जाता है,इससे पांचों भौतिक तत्वों की शुद्धि होती है और हम जड़ देवताओं के ऋण से मुक्त हो जाते हैं।
गायिका एवं दर्शनचार्या विमलेश बंसल,संगीता आर्या,ममता आर्या, प्रतिभा सपड़ा,सुमेधा अग्रवाल, ध्रुवा शर्मा,कुसुम आर्या,इंदिरा गुप्ता,नरेश खन्ना,नरेन्द्र आर्य सुमन आदि ने मधुर भजन प्रस्तुत किये। 
अध्यक्षता करते हुए समाज सेवी श्री विनोद त्यागी ने कहा कि ज्ञान और कर्म आत्मा के दो पहिए हैं, जैसे एक हाथ से ताली नहीं बजती या जैसे पक्षी एक पंख से नहीं उड़ सकता है वैसे ही ज्ञान व कर्म में से किसी एक के बिना मनुष्य का कल्याण सम्भव नहीं। मनुष्य को सच्ची भक्ति के लिए , सफलता के लिए शुद्ध ज्ञान,शुद्ध कर्म व शुद्ध उपासना तीनों ही की आवश्यकता होती है।एक सत्यनिष्ठ व परिश्रमी व्यक्ति ही वास्तव में ईश्वर भक्ति करके सफल हो पाता है और उसी पर ईश्वर की कृपा होती है।जो मनुष्य  केवल कर्म करता है और उसके साथ ज्ञानपूर्वक ईश्वर की आराधना,स्तुति और उपासना नहीं करता,उसके जीवन में कभी भी आनन्द की अनुभूति नहीं हो पाती है।
कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए संयोजक देवेन्द्र गुप्ता ने कहा कि ए टी एस परिवार की  यज्ञ व सत्संग की परंपरा रही है अब हम गूगल मीट के माध्यम से समाज सुधारक व समाज निर्माण का कार्य निरंतर जारी रखेंगे।
इस अवसर पर सर्वश्री पूर्णिमा शर्मा,अभिषेक गुप्ता व सुमन गुप्ता,गौरव गुप्ता आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य,


लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने मनाई डा0 राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि


हरिशंकर यादव
समीक्षा न्यूज
साहिबाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा प्रखर समाजवादी चिन्तक, समाजवाद के ध्वज वाहक, विषमता के प्रबल विरोधी, डा0 राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि ज्ञानपीठ केन्द्र के प्रांगण 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद पर आयोजित की गयी, कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी पार्टी जिला अध्यक्ष महिला सभा कमलेश चौधरी ने किया, संचालन मुकेश शर्मा, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया| समाजवादी चिन्तक तथा संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव मुख्य वक्ता रहे| कार्यक्रम को जिला महासचिव गाजियाबाद वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, अंशु ठाकुर, डी0 पी0 मौर्य ने भी सम्बोधित किया| यह कार्यक्रम, “विषमता उन्मूलन दिवस” के रूप में मनाया गया|  
  महिला उत्थान समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष बिन्दू राय ने गीत प्रस्तुत किया, कार्यक्रम में शामिल गणमान्य महिलाओं तथा समाजवादी साथियों ने डा0 लोहिया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया तथा उनके द्वारा बताये रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हुए देश में समता, सम्पन्नता के लिए संघर्ष तथा विषमता के समूल नाश का प्रण लिया|



  कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रसिद्ध समाजवादी चिन्तक राम दुलार यादव ने कहा कि डा0 लोहिया संघर्ष और चिन्तन के प्रतीक पुरुष सफ़र मैना थे, जो पहाड़ तोड़कर खुद सड़क का निर्माण कर देते है, जो स्वयं सिद्धांतों का रास्ता बनता है| वे देश, समाज में समता के प्रबल पक्षधर थे, उनका लक्ष्य हर प्रकार की गैर बराबरी को जड़-मूल से नष्ट करना था| महात्मा बुद्ध, सन्त कबीर ने जाति आधारित असमानता को तोड़ने का प्रयास किया| स्वामी दयानंद ने तर्क द्वारा जन्मना, जाति को गुलामी बताया, महात्मा गाँधी ने करुणा द्वारा, डा0 अम्बेदकर ने क्रोध और आक्रोश द्वारा जाति तोड़ने और विषमता को दूर करने का प्रयास किया| डा0 लोहिया ने स्वामी दयानंद तर्क, महात्मा गाँधी से करुणा तथा डा0 अम्बेदकर से क्रोध तीनों हथियारों का प्रयोग किया, उन्होंने सप्तक्रांति का सिद्धान्त दिया, जिसमे सामाजिक, आर्थिक, जन्म, जाति, रंग, नर-नारी, राष्ट्रों, राष्ट्र के बीच गैरबराबरी पर करारी चोट की| देश में जाति की विषमता को ख़त्म करने के लिए लगातार कोशिश की| 
  वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि डा0 राम मनोहर लोहिया ने ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध देश को आजाद कराने में पूरी ताकत लगा दी| वे महात्मा गाँधी से पूर्ण प्रभावित थे, वे सादगी, सत्य, अहिंसा, सत्याग्रह के द्वारा शोषण और अन्याय का विरोध करने के लिए लोगों को तैयार किया, उन्होंने कहा कि  “जाति तोड़ो, जमात जोड़ो” उनका मानना था कि स्वतंत्र भारत में अवसर की असमानता के कारण समता और सम्पन्नता नहीं आ रही है| उनका मानना था पहले लोगों को अवसर प्रदान करें उनमें काम करने की योग्यता अपने आप आ जायेगी| उनका मानना था कि हम सम्पूर्ण बराबरी तो नहीं दे सकते लेकिन सापेक्ष बराबरी तो मिलनी ही चाहिए| आज आर्थिक दृष्टि से भारत में अमीर-गरीब के बीच खांई बढ़ती जा रही है, 1 प्रतिशत भारतीयों के पास 73% पूँजी, 90 करोड़ पर पूरी दो जून की रोटी नहीं, इस व्यवस्था को जनता को ही बदलना होगा, जाति-धर्म की खांई को, विषमता का समूल नाश करना होगा तभी हम सद्भाव, भाईचारा, न्याय, प्रेम, सहयोग से मानव जाति का कल्याण कर सकते हैं। 



कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राम दुलार यादव, मुकेश शर्मा, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, डी0 पी0 मौर्य, संजू शर्मा, बिन्दू राय, डा0 अशोक कुमार, कमलेश चौधरी, रेनूपुरी, इशरतजहाँ, शबाना, रहीमुद्दीन, मुशीर अहमद, मंगल सिंह चौहान,मेनपाल सिंह, सुरेन्द्र सिंह, स्वाति शर्मा, राम नारायण यादव, ज्ञान नाथ यादव, पूनम तिवारी, हरभान सिंह पटेल, सोनिया सिंह, बबिता चौधरी, शायदा बेगम, दयाल शर्मा, आर0 पी0 सिंह, पतिराम पंकज, फौजुद्दीन, हाजी मोहम्मद सलाम, प्रेमचन्द पटेल, केदार सिंह, राजीव गर्ग, अंकित राय, हरिशंकर यादव, सुरेश कुमार भारद्वाज, हरिकिसन, पप्पू आदि उपस्थित रहे।


पार्षद अरविंद चौधरी ने किया विकास कार्य का शुभारम्भ


समीक्षा न्यूज संवाददाता
साहिबाबाद। नगर निगम के वार्ड 36 के वसुंधरा सेक्टर-16 में निगम पार्षद ने सोमवार को नारियल फोड़कर विकास कार्य का शुभारंभ किया। सेक्टर-16 स्थित पीपल पार्क के चारों ओर नाली का निर्माण होने से लोगों को जलभराव से निजात मिल जाएगी। निगम पार्षद अरविंद चौधरी ने बताया कि वसुंधरा सेक्टर-16 पीपल पार्क के चारों तरफ नाली न होने से मार्ग पर जलभराव की शिकायत रहती थी। लोगों ने मामले की शिकायत कर समस्या के समाधान कराने की मांग की थी। सुबह करीब दस बजे निगम पार्षद द्वारा पार्क के चारों ओर आरसीसी नाली के निर्माण कार्य का नारियल फोड़कर शुभारंभ किया गयावहीं के के शर्मा, प्रभाकर त्रिवेदी, एस सी शर्मा, संतोष यादव, कमाल, शेखर गुप्ता, पंकज गुप्ता आदि मौजूद रहे।


रोड एक्सीडेंट में घायलों को समाजसेवी गुलशन राजपूत ने पहुंचाया हॉस्पिटल


समीक्षा न्यूज   
गाजियाबाद। बीती रात मेरठ दिल्ली रोड नेशनल हाईवे 58 एसआरएम कॉलेज के सामने से गुलशन राजपूत अपने घर की तरफ लौट रहे थे रास्ते में उन्होंने देखा कि दो व्यक्ति लहूलुहान हालत में रोड पर पड़े हैं साइड में उनकी विक्की भी पड़ी है रुक कर देखने पर पता लगा कि किसी तेज रफ्तार वाहन ने दोनों युवकों को टक्कर मार दी बिना देरी किए गुलशन राजपूत ने दोनों युवकों को अपने साथ ले जाकर मुरादनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उनका इलाज करवाया पता करने पर पता लगा कि दोनों व्यक्ति मोदीनगर के बिसोखर गांव में बंजारा मोहल्ले के हैं, जो अपने परिचित को देखने अस्पताल में ही जा रहे थे



डाबर संस्था द्वारा 6 गांवों में मास्क व डाबर सेनिटाइज साबुन किए वितरित  


मनोज तोमर—समीक्षा न्यूज    
गौतम बुद्ध नगर। डाबर की सहयोगी स्वयं सेवी संस्था संदेश द्वारा  कोविड 19 महामारी से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए जन जागरूक अभियान चलाया जा रहा है। जिसके लिए संस्था गांव गांव में जाकर मास्क व डाबर  सेनिटाइज साबुन वितरित कर रही हैं।संस्था के प्रबन्धक सीएसआर सुशील कुमार ने बताया कि संस्था द्वारा प्रथम चरण में छः गांव नंगला उदयरामपुर,मुबारिकपुर बदरखा,जादौपुर,चौना व  सीदीपुर का चयन किया गया है। संदेश टीम के साथ ग्राम प्रधान व आंगनवाड़ी कार्यकत्री द्वारा घर घर जाकर प्रत्येक परिवार को मास्क, डाबर सेनिटाइज साबुन व जागरूकता सामग्री वितरित करके कोविड 19 महामारी से बचाव करने के लिये जागरूक किया गया।उन्होंने बताया कि अभी इस बीमारी की कोई दवाई नही बनी है।जब तक कोई दवा नही बन जाती तब तक हमें विशेष सावधानी जैसे समाजिक दूरी, मास्क जरूरी व साबुन से 20 सेकेंड तक हाथ धोना आदि का ध्यान रखना जरूरी है।संस्था द्वारा अभी तक छः गावों के कुल 1636 परिवारों में 8748 मास्क व 1736 डाबर सेनिटाइज साबुन निःशुल्क वितरित की गयी।


Sunday 11 October 2020

“हमें मनुष्य जन्म वेदधर्म के पालन तथा मोक्ष प्राप्ति के लिए मिला है”


संसार में बहुत कम मनुष्य ऐसे हैं जो अपने जीवन के उद्देश्य पर विचार करते हैं। यदि वह ऐसा करते हैं और उन्हें सौभाग्य से कोई सद्गुरु या सत्साहित्य प्राप्त हो जाये, तो ज्ञात होता है कि हमें हमारा यह जन्म परमात्मा ने हमारे पूर्व जन्म के कर्मों के आधार पर शुभ व अशुभ कर्मों का भोग करने सहित श्रेष्ठ कर्मों व धर्म का पालन करते हुए मोक्ष प्राप्ति के लिये दिया है। वर्तमान समय में देश देशान्तर के लोगों को मत-पन्थों का तो ज्ञान है परन्तु सद्धर्म का ज्ञान नहीं है। संसार में केवल एक ही परमात्मा है जिसने इस संसार को बनाया है। इस संसार को बनाने का कारण भी सृष्टि की तीन अनादि व नित्य सत्ताओं में से एक जीवों को उनके पूर्वजन्मों के कर्मानुसार उनके पाप व पुण्य कर्मों का फल देना होता है। मनुष्य योनि अन्य सब योनियों में श्रेष्ठ व ज्येष्ठ होती है। मनुष्य के पास परमात्मा ने कर्म करने के लिये दो हाथ तथा सोच विचार करने के लिये बुद्धि दी है। मनुष्य के शरीर की रचना भी अन्य सब प्राणियों से अनेक प्रकार से भिन्न व उत्तम है। मनुष्य ही ऐसे प्राणी हैं जो चिन्तन व मनन कर सकते हैं, अध्ययन व अध्यापन सहित सत्य व असत्य का विचार कर सत्य का ग्रहण व असत्य का परित्याग कर सकते हैं। 
परमात्मा ने कृपा करके सृष्टि के आरम्भ में अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न चार अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा आदि ऋषियों को क्रमशः ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का ज्ञान दिया था। यह ज्ञान हमें हमारी आत्मा के सत्यस्वरूप सहित ईश्वर, सृष्टि एवं हमारे कर्तव्यों का बोध कराता है। मनुष्य को वेद वर्णित ईश्वर के गुण, कर्म, स्वभाव व स्वरूप को जानकर उसकी स्तुति, प्रार्थना तथा उपासना अवश्य करनी चाहिये तथा वेद निर्दिष्ट कर्तव्यों का पालन करते हुए वेदों का स्वाध्याय एवं योगाभ्यास कर ईश्वर के साक्षात्कार का प्रयत्न करना चाहिये। मनुष्य को ऐसा करते हुए पाप कर्मों का ज्ञान व उनसे विरक्ति हो जाती है। वह वेद प्रतिपादित उत्तम श्रेष्ठ कर्मों को ही करता है तथा अशुभ व पाप कर्मों का त्याग करता है। ऐसा करते हुए जीवन व्यतीत करने से वह धर्म पालन करते हुए जन्म व मरण से होने वाले सभी दुःखों पर विजय पाकर मोक्ष को प्राप्त होता है। यही जीवन पद्धति सार्थक व उत्तम है। मत मतान्तरों की शिक्षायें अपूर्ण व अधूरी होने के कारण मनुष्य सत्यधर्म तथा मोक्ष के लिये किये जाने वाले कर्तव्यों व व्यवहारों से वंचित ही रहता है। मनुस्मृति में धर्म के जिन दस लक्षणों का विधान मिलता है वैसा मत-मतान्तरों की शिक्षाओं में कहीं एक स्थान पर सुनने व पढ़ने को नहीं मिलता। वेद एवं वैदिक साहित्य का अध्ययन कर मनुष्य धर्म को पूर्णता से जान पाता है और उसे ईश्वर के प्रति अपने उपास्य-उपासक, साध्य-साधक, स्वामी-सेवक सहित व्याप्य-व्यापक संबंधों का ज्ञान भी होता है। वैदिक साहित्य से उपासना व देवयज्ञ अग्निहोत्र सहित पंचमहायज्ञों की सत्य विधि का ज्ञान भी होता है जो मनुष्य की शारीरिक, आत्मिक तथा सामाजिक उन्नति कराकर उसके मनुष्य जीवन व उसके उद्देश्य को सफल करती व प्राप्त कराती हैं। अतः मनुष्य जन्मधारी प्रत्येक जीवात्मा को वेदों का अध्ययन कर उसकी शिक्षाओं से लाभ उठाना चाहिये। मत-मतान्तर इसमें बाधक बन रहे हैं जिससे मनुष्यों की हानि हो रही है और वह अनेक प्रकार से धर्म, ईश्वरोपासना व यज्ञादि कर्म करने तथा इनसे होनो वाले लाभों की प्राप्ति से वंचित रह जाते हैं। 
ईश्वर प्रदत्त वेद ज्ञान से हमें विदित होता है कि हम जीवात्मा हैं। हमारा आत्मा सत्य तथा चेतन है। यह एक स्वल्प अणु परिमाण, एकदेशी, ससीम, अल्पज्ञ, जन्म-मरण धर्मा, शुभाशुभ कर्मों को करने वाला तथा उनके फलों का भोक्ता है। हमारी आत्मा की सत्ता अनादि, नित्य, अमर व अविनाशी है। ईश्वर को जानकर उसकी उपासना व यज्ञादि श्रेष्ठ कर्मों को कर यह जन्म मरण के बन्धनों से छूट कर मोक्ष को प्राप्त होता है। जिस मनुष्य को जन्म मिला है यदि उसने वेदों को न जाना तो वह जीवन उत्थान विषयक आवश्यक ज्ञान तथा उसके पालन से होने वाले अनेक लाभों से वंचित रह जाता है। इस कारण उसका मनुष्य जन्म लेना सार्थक नहीं हो पाता। वेदाध्ययन तथा वैदिक ग्रन्थों से हमें ज्ञात होता है कि हम अनादि, नित्य, अमर, अविनाशी, शाश्वत तथा सनातम चेतन अल्पज्ञ सत्ता हैं। हमें पुण्य कर्मों को कर सुख प्राप्त करने चाहिये। पूर्व कृत शुभाशुभ कर्मों का भोग करते हुए मोक्ष के लिये किये जाने वाले कर्मों को भी करके हमें जन्म मरण से छूट कर मोक्ष को प्राप्त करने का प्रयत्न करना चाहिये। मोक्ष में मनुष्यात्मा को किसी प्रकार का किंचित भी दुःख नहीं होता और मुक्तात्मा हर क्षण ईश्वर के सान्निध्य में सुख व आनन्द का भोग करता है। वह ईश्वर से अनेक शक्तियों को प्राप्त होकर ब्रह्माण्ड में स्वेच्छापूर्वक विचरण करता है और मुक्तात्माओं से मिलता व उनसे वार्तालाप भी करता है। मोक्ष अवस्था में मुक्तात्मा को अपने पूर्वजन्म की स्मृति भी बनी रहती है, ऐसा हमने अधिकारी विद्वानों के उपदेशों से जाना है। यह मोक्ष की अवस्था ही सभी मनुष्यों के लिये प्राप्तव्य है। सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ में ऋषि दयानन्द ने मनुष्य जन्म एवं मोक्ष विषय पर सारगर्भित अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी विचार प्रस्तुत किये हैं।  
मनुष्य को अविद्या व विद्या के सत्यस्वरूप को जानना चाहिये। इस विषय में ऋषि दयानन्द ने सार रूप में बहुत ही उत्तम विचार प्रस्तुत किये हैं। वह कहते हैं जो मनुष्य विद्या और अविद्या के स्वरूप को साथ ही साथ जानता है वह अविद्या अर्थात् कर्मोपासना से मृत्यु को तर के विद्या अर्थात् यथार्थ ज्ञान से मोक्ष को प्राप्त होता है। अविद्या का लक्षण बताते हुए वह कहते हैं कि जो अनित्य संसार और देह आदि में नित्य अर्थात् जो कार्य जगत् देखा व सुना जाता है, सदा रहेगा, सदा से है और योगबल से देवों का यही शरीर सदा रहता है, वैसी विपरीत बुद्धि होना अविद्या का प्रथम भाग है। वह आगे कहते हैं कि अशुचि अर्थात् मलमय स्त्री आदि के शरीर और मिथ्याभाषण, चोरी आदि अपवित्र में पवित्र बुद्धि रखना, दूसरा अत्यन्त विषयसेवनरूप दुःख में सुख बुद्धि आदि तीसरा, अनात्मा में आत्मबुद्धि करना अविद्या का चैथा भाग है। यह चार प्रकार का विपरीत ज्ञान अविद्या कहलाता है। 
इस अविद्या के विपरीत अनित्य में अनित्य और नित्य में नित्य, अपवित्र में अपवित्र और पवित्र में पवित्र, दुःख में दुःख, सुख में सुख, अनात्मा में अनात्मा और आत्मा में आत्मा का ज्ञान होना विद्या है। जिससे पदार्थों का यथार्थ स्वरूप बोध होवे वह विद्या और जिस से तत्वस्वरूप न जान पड़े अन्य में अन्य बुद्धि होवे वह अविद्या कहाती है। अर्थात् कर्म और उपासना अविद्या इसलिये हैं कि यह बाह्य और अन्तर क्रिया विशेष का नाम हैं, ज्ञानविशेष नहीं। इसी कारण बिना शुद्ध कर्म और परमेश्वर की उपासना के मृत्यु दुःख से पार कोई नहीं होता। अर्थात् पवित्र कर्म, पवित्रोपासना और पवित्र ज्ञान ही से मुक्ति और अपवित्र मिथ्याभाषणादि कर्म पाषाणमूर्ति आदि की उपासना और मिथ्याज्ञान से बन्ध अर्थात् जन्म व मरण होता है। 
मुक्ति और बन्ध का वर्णन करते हुए ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश में लिखा है कि जिस से मनुष्य का छूट जाना हो उस का नाम मुक्ति है। मनुष्य जिससे छूट जाने की इच्छा करते हैं वह दुःख होता है। अतः समस्त दुःखों से छूटने का नाम मुक्ति है। मनुष्य दुःखों से छूट कर किसको प्राप्त होता है, इसका उत्तर है कि वह दुःख से छूट कर सुखों को प्राप्त होता है। दुःखों से छूट कर सुख को प्राप्त होकर मनुष्य सर्वव्यापक ईश्वर में रहता है। मुक्ति व बन्ध किन कारणों से होता है इसका उल्लेख करते हुए ऋषि कहते हैं कि परमेश्वर की आज्ञा पालने, अधर्म, अविद्या, कुसंग, कुसंस्कार, बुरे व्यसनों से अलग रहने और सत्यभाषण, परोपकार, विद्या, पक्षपातरहित न्याय, धर्म की वृद्धि करने,  वेद विधि से परमेश्वर की स्तुति प्रार्थना और उपासना अर्थात् योगाभ्यास करने, विद्या पढ़ने, पढ़ाने और धर्म से पुरुषार्थ कर ज्ञान की उन्नति करने, सब से उत्तम साधनों को करने और जो कुछ करे वह सब पक्षपातरहित न्याय-धर्मानुसार ही करें। इन साधनों से मुक्ति और इन से विपरीत ईश्वराज्ञाभंग करने आदि काम से बन्ध होता है। मुक्ति से जुड़े अन्य अनेक प्रश्नों व शंकाओं का भी ऋषि दयानन्द जी ने सत्यार्थप्रकाश में समाधान किया है। अतः सभी मनुष्यों को सत्यार्थप्रकाश व इसके सातवें से दशम् समुल्लास का अध्ययन अवश्य ही करना चाहिये। इस अध्ययन से वह लाभ होगा जो अन्य किसी साधन व उपाय से कदाचित नहीं होता।  
मुक्ति व मोक्ष के साधन क्या क्या हैं?, इसको जानना भी हमारे लिये आवश्यक है। ऋषि बताते हैं कि जो मनुष्य मुक्ति प्राप्त करना चाहें वह जीवनमुक्त अर्थात् जिन मिथ्याभाषणादि पाप कर्मों का फल दुःख है, उन को छोड़ सुखरूप फल को देने वाले सत्यभाषणादि धर्माचरण अवश्य करे। जो कोई मनुष्य दुःख से छूटना और सुख को प्राप्त होना चाहैं वह अधर्म को छोड़ धर्म अवश्य करें। क्योंकि दुःख का पापाचरण और सुख का धर्माचरण मूल कारण है। इसके साथ ही ऋषि यह भी बताते हैं कि मोक्ष चाहने वाले मुमुक्षुओं को सुखी जनों में मित्रता, दुःखी जनों पर दया, पुण्यात्माओं से हर्षित होना तथा दुष्टात्माओं में न प्रीति और न वैर करना चाहिये। नित्यप्रति नयून से न्यून दो घण्टे पर्यन्त सभी मुमुक्षु ध्यान अवश्य करें जिस से भीतर के मन आदि पदार्थ साक्षात हों। ऋषि दयानन्द ने मोक्ष विषय को समस्त वैदिक वांग्मय का अध्ययन कर अत्यन्त सरल व सुबोध शब्दों में सत्यार्थप्रकाश में प्रस्तुत किया है। इस सब वर्णन को इस लेख में प्रस्तुत करना सम्भव नहीं है। अतः सबको सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ का अध्ययन अवश्य ही करना चाहिये। यदि इसका अध्ययन नहीं किया तो मनुष्य मुक्ति से तो वंचित होगा ही, उसके ज्ञान से भी वंचित रहेगा। यदि ज्ञान ही प्राप्त कर लें तो यह भी कम बड़ी बात नहीं होगी। न जानें किसी जन्म में यह मनुष्य के काम आये व मुक्ति का लाभ प्राप्त हो सके। 
यह सुनिश्चित है कि हमें मनुष्य जन्म परमात्मा से सत्य विद्याओं को प्राप्त होकर आत्मा की उन्नति करने, श्रेष्ठ आचरणों को करने तथा मोक्ष प्राप्ति के लिये ही मिला है। कर्म फल भोग भी मनुष्य जन्म का कारण है परन्तु यह मुक्ति व मोक्ष के समस्त तुच्छ लाभ है। हम सबको मोक्ष के लिये प्रयत्न करने चाहियें और इसके लिए वेद और सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों का अध्ययन करना चाहिये।  
-मनमोहन कुमार आर्य


लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने मनाई जय प्रकाश नारायण की जयंती


धनसिंह—समीक्षा न्यूज    
साहिबाबाद। “लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट” ज्ञान पीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में लोक तन्त्र के प्रहरी, भारत रत्न, सर्वोदय नेता, स्वतंत्रता सेनानी लोक नायक “जय प्रकाश नारायण” का जन दिवस समारोह “लोक तन्त्र बचाओ” दिवस के रूप में मनाया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता संजू शर्मा ने, संचालन मुकेश शर्मा ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने किया, समाजसेविका बिन्दू राय ने जय प्रकाश नारायण के सम्मान में रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखित कविता पाठ किया, समाजवादी के जिला महासचिव जनपद गाजियाबाद वीरेन्द्र यादव एडवोकेट ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया, लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव भी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल रहे| 
   कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता राम दुलार यादव ने कहा कि जय प्रकाश नाम नहीं आन्दोलन व संघर्ष का प्रतीक है छात्र जीवन में ही गाँधी जी की किताब पढ़कर तथा अबुल कलाम आजाद का बिहार में दिये गये भाषण को सुनकर सत्याग्रही बन गये, पढाई छोड़ दी थी| उच्च शिक्षा के लिए आप अमेरिका में अध्ययन के समय आर्थिक तंगी से बचने के लिए खेतों में, रेस्टोरेंट, फैक्टरियों में काम किया यहाँ तक कि जूता पालिश की, शिक्षा प्राप्त कर स्वदेश लौट आये तथा आजादी के आन्दोलन में कूद गये, सविनय अवज्ञा आन्दोलन में पहली बार इन्हें 1 साल की जेल की सजा हुई, जेल से छूटने के बाद फिर आन्दोलन ब्रिटिश हुकूमत के विरोध में इण्डिया लीग को भारतीयों के ऊपर अत्याचार से अवगत कराया| सरकार की किरकिरी हुई इन्हें हजारी बाग जेल में डाल दिया, उधर भारत छोडो आन्दोलन में कांग्रेस के सारे नेता गिरफ्तार हो गये थे, अब नेतृत्व समाजवादियों के हाथ आ गया था योजनावद्ध तरीके से हजारी बाग जेल का साथियों सहित फांदकर जंगलों में कष्ट सहते हुए आन्दोलन को धार दे रहे थे कि लाहौर में फिर गिरफ्तार हो गये| 12 अप्रैल 1946 में रिहा हुए, देश आजाद हुआ, जवाहर लाल जी इन्हें मंत्रिमंडल में जगह  देना चाहते थे लेकिन इनमे पद की कोई लालसा नहीं थी, विनोवा जी के साथ सर्वोदय आन्दोलन में कूद गये, तथा बड़े भूस्वामियों से जमीन दान में लेकर भूमिहीनों में वितरित की, 1972 में इनकी पत्नी प्रभावती जी जो स्वयं स्वतंत्रता सेनानी थी 2 जेल की सजा काट चुकी थी उनका देहांत हो गया, उससे यह बहुत ही व्यथित हुए, लेकिन देश और समाज की सेवा के लिए फिर लग गये| तत्कालीन प्रधानमन्त्री इन्दिरा गाँधी की अलोकतांत्रिक नीतियों का विरोध किया, तथा भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनता का आह्वान किया, आपातकाल लग गया, सारे नेता जेल चले गये, 19 महीने बाद जेल से छूट जनता पार्टी बनाकर इन्दिरा गाँधी की सरकार को केन्द्र से उखाड़ दिया।
   आज यदि जय प्रकाश बाबू होते तो वर्तमान केन्द्र सरकार के विरोध में बड़ा आन्दोलन खड़ा कर देते| क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि कभी देश में लोकतंत्र कमजोर हो| वे संवैधानिक संस्थाओं, जनता के मौलिक अधिकारों तथा संविधान बचाने के लिए छात्रों, नवजवानों, किसानों, व्यापारियों, मजदूरों, रेहड़ी-पटरी वाले, छोटे दुकानदारों में चेतना पैदा कर नफ़रत, असहिष्णुता फ़ैलाने वाली ताकतों के खिलाफ सत्याग्रह कर देते, तथा देश में सम्पूर्ण क्रांति के लिए जनता का आह्वान करते कि जब तक राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, अध्यात्मिक तथा सभी को समान अवसर की आजादी नहीं मिल जाती संघर्ष करते रहिये, वे लोकतंत्र में लोकशाही की सरकार चाहते थे, हम आज सभी मिलकर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर संकल्प लेते है कि हम आप के बताये रास्ते पर चलकर देश में सद्भाव, भाईचारा, प्रेम, न्याय व सहयोग पैदाकर लोकतंत्र को मजबूत करने में पूरी ताकत लगा देंगें। 
  कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राम दुलार यादव, मुकेश शर्मा, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, संजू शर्मा, बिन्दू राय, डी0 पी0 मौर्य, शिवानन्द चौबे, सचिन त्यागी, मंगल सिंह चौहान, शिव नाथ सिंह, पण्डित विनोद त्रिपाठी, तेज बहादुर भारती, ताहिर अली, सत्यपाल चौधरी, राज पाल सिंह, विनोद बाल्मीकि, एम आर खान, अमृत लाल चौरसिया, राम नयन, शेरबहादुर, राजेश माली, राम लाल वर्मा, पुष्पेन्द्र सिंह, शबाना, मंजुला सिंह, दयाल शर्मा, राजेन्दर, पप्पू, विजय भारद्वाज, हरिशंकर यादव, सुरेश कुमार भारद्वाज, हरी किशन, सुभाष यादव आदि उपस्थित रहे।  



लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने आगजनी के पीड़ितों को पहुंचाई राहत सामग्री


धनसिंह—समीक्षा न्यूज    
साहिबाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा डा0 अशोक कुमार, डी0 पी0 मौर्य के सौजन्य से संस्था के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव, संजू शर्मा, उपाध्यक्ष महिला सभा जनपद गाजियाबाद, महिला उत्थान संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष बिन्दू राय ने 05/10/2020 को सिहानी थाना क्षेत्र, लाजवंती फार्म हाउस के पास गाजियाबाद में लगी भीषण आग से प्रभावित परिवारों में 3 क्विंटल चावल, 60 किलो दाल, 2 टीन सरसों का तेल, 200 नहाने व कपड़ा धोने का साबुन, आलू की बोरी, 2 किलो मसाले, एक कार्टून बिस्कुट का वितरण किया, वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए 250 मास्क (मुख पट्टी) पुरुषों, महिलाओं व बच्चों में वितरित किया गया, समाजवादी पार्टी जनपद गाजियाबाद के महासचिव वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने मास्क का प्रबन्ध किया। शिक्षाविद मुकेश शर्मा, पत्रकार विजय भाटी, संदीप त्यागी, दयाल शर्मा, पण्डित विनोद त्रिपाठी ने भी वितरण में सहयोग किया| इस अवसर पर सामाजिक संस्थाओं से अनुरोध किया गया कि इस भयंकर आगजनी में अपार जन-धन की क्षति को ध्यान में रखते हुए इनकी मदद करें, भगवान महाबीर, भगवान बुद्ध तथा सन्त महात्माओं, श्री गुरु नानक देव, श्री महराज ने भी यही सन्देश दिया है कि दूसरों की पीड़ा, दुःख में सहभागी बन उनकी सहायता करें, सबसे बड़ी मानवता है। खाद्य सामग्री वितरण के बाद लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि हम सब इस अपार कष्ट में आप सभी के साथ है तथा बच्ची आशिमा के निधन पर हम सभी को अपार दुःख है, बच्ची के पिता हैदर अली और उनकी पत्नी को सांत्वना देते हुए जिलाधिकारी महोदय, से मांग की गयी कि शासन स्तर से कम से कम दस लाख की राशि के साथ सांत्वना स्वरुप दी जाय, इस बात का खेद के साथ रोष भी व्यक्त लोगों के बीच में किया गया कि अब तक जिला प्रशासन गाजियाबाद इनकी सुध लेने नहीं आया कि सैकड़ों महिला, पुरुष, बच्चे खुले असमान में कैसे रह रहे है जिनके चीज, वस्त्र, सारा सामान तथा आशियाना जलकर राख हो गया, हम मानव हैं और शिक्षित भी, फिर भी यदि हममे मानवता के प्रति समर्पण भाव नहीं है तथा हम अधिकार संपन्न होते हुए भी यदि पीड़ितों की मदद नहीं कर पा रहे है तो हम अपने कर्तव्यों का सही निर्वहन नहीं कर रहे है। इसलिए हम सब घटना स्थल से प्रशासन से अनुरोध के साथ मांग करते है कि इनकी यथासंभव मदद करने में अपना पूर्ण योगदान करेंगें। घटना स्थल पर सैकड़ों लोग शामिल हो अपनी पीड़ा का बयान किया।



ग्राम नाहल में आयोजित किक्रेट टूर्नामेंट का हुआ समापन, अहमद स्टार क्लब टीम ने जीता


अनवार चौधरी     
गाजियाबाद। गाजियाबाद जिले के ग्राम नाहल मैं किक्रेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया ।जिसका समापन रविवार को हुआ।
टूर्नामेंट के फाइनल मैच में अहमद स्टार क्लब टीम ने अड्डा चैंपियंस टीम को 56 रन से हराकर टूर्नामेंट को अपने नाम कर लिया ।
अहमद स्टार क्लब के कप्तान दानिश अली टॉस जीतकर बैटिंग करने का फैसला लिया ।
पहले बल्लेबाजी करते हुए 157 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया।
जवाब में बल्लेबाजी करने उतरे अहमद स्टार क्लब के बल्लेबाज सारीम ने टीम को अच्छी शुरुआत दी। एक तरफ अड्डा चैम्पियन 99 रन पर ही आउट हो गई।अहमद स्टार क्लब टीम के कोच नोमान ने टीम को जीत का तोहफा दिया और टीम को बहुत-बहुत बधाई दी ।मैंन आफ द मैच अजहर अली को ट्रॉफी  बेस्ट बॉलर शाह नजर को ट्रॉफी
और मैन ऑफ द सीरीज में लुकमान जाफर को एक  ट्रॉफी रू.1100 का चेक देकर सम्मानित किया गया। विजेता टीम को हाजी नुरेएन के हाथों से सभी खिलाड़ियों को मेडल पहनाकर खिलाड़ियों का मान सम्मानित किया ।
ग्राम में युवाओं को फिटनेस व एक्सरसाइज के प्रति जागरूक करने तथा उन्हें शारीरिक व मानसिक रूप से फिट करने के तहत् किया गया ।


किसानों का हित नहीं चाहता विपक्ष: नंदकिशोर गुर्जर 


प्रमोद मिश्रा     
लोनी। रविवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर  और जिपं अध्यक्ष पति एवं भाजपा नेता पवन मावी ने क्षेत्र के आधा दर्जन गांव इलायाचीपुर, डुगरावाली, मीरपुर, खानपुर, पचायरा अलीपुर में किसान चौपाल का आयोजन कर कृषि सुधार कानून पर किसानों में भ्रम की स्थिति दूर करने का काम किया। चौपाल में उपस्थित किसानों ने केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानून का स्वागत करते हुए कहा कि मोदी जी की सरकार ने किसानों के हितों के लिए सदैव काम किया है वरना पूर्व की सरकारों ने किसानों को ठगने का काम किया था। इस दौरान विधायक ने कृषि सुधार कानून से संबंधित बारीकियों और भ्रम की स्थिति को दूर करने के अतिरिक्त किसानों की अन्य समस्याओं का भी निस्तारण किया। जिपं अध्यक्ष पति पवन मावी, विधायक प्रतिनिधि पं ललित शर्मा, मण्डल अध्यक्ष अशोक त्यागी और सभी गांव के प्रदान भी किसान चौपाल में मौजूद रहें।


विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने किसानों को कृषि सुधार कानून से कराया अवगत, कहा किसान विरोधी विपक्ष के झांसे में नहीं आएंगे किसान:
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने किसान चौपाल में कृषि सुधार सम्बन्धी कानून पर चर्चा करते हुए सबसे पहले किसानों को कानून संबंधी सभी जिज्ञासा और प्रश्न रखने को कहा इसके बाद विधायक ने सभी प्रश्नों और दुविधाओं का क्रमवार जवाब देते हुए भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए कहा कि इस कृषि सुधार कानून से किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। कृषि क्षेत्र में ही ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और किसानों की आय माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प के अनुसार 2022 तक दोगुनी होगी। नए कृषि कानून को लेकर विपक्ष किसानों को गुमराह कर रहा है क्योंकि विपक्षी पार्टियां किसानों का हित नहीं चाहती। 



"सीएए की तरह एमएसपी पर अफवाह फैला रहा है विपक्ष, जारी रहेगी एमएसपी और मंडी व्यवस्था"
विधायक नंदकिशोर गुर्जर के सामने किसानों ने एमएसपी और मंडी व्यवस्था पर सवाल किए तो विधायक ने बताया कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विपक्ष अपने आदत के अनुसार  झूठ बोल रहा है और मंडियों के समाप्ति पर भी हवा हवाई बात कर रहा है। कृषि सुधार कानून से किसानों का वर्षों का सपना 'एक देश-एक बाजार' पूरा होगा।  सीएए को लेकर जिसतरह से मुस्लिमों को गुमराह किया गया। अब किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म होने की बात कहकर गुमराह किया जा रहा है। सच्चाई है कि एमएसपी मिलता रहेगा। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी किसानों के सच्चे हितैषी है। सरकार ने एमएसपी में डेढ़ सौ फीसद की वृद्धि की है। किसानों को मंडी के साथ ही फसल बेचने के अन्य विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। कांग्रेस ने डॉ. स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं की थी। किसानों के हित में मोदी सरकार ने इसे लागू किया है। फसल बीमा योजना में बदलाव किए गए हैं। 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के किसानों को पेंशन की सुविधा दी गई। नीम कोटेड यूरिया ने यूरिया की कालाबाज़ारी खत्म की। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से छोटे किसानों को संबल मिला है। कोरोना काल में वर्चुअल माध्यम से किसानों की फसल खरीदी गई। पहले की तुलना में 65 फीसद ज्यादा फसल की खरीद हुई है। कृषि कानून किसानों के हित में है, लेकिन विपक्ष गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से किसानों को झूठी जानकारी देकर अपना राजनीतिक हित साधने की कोशिश में है।
वहीं गाजियाबाद जिला पंचायत अध्यक्ष पति एवं भाजपा नेता पवन मावी ने कहा कि किसानों के जीवन स्तर और ग्रामीण परिवेश में केंद्र में माननीय नरेंद्र मोदी जी की सरकार बनने के बाद से क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले है। लोनी के गांव देहात में माननीय विधायक जी के मार्गदर्शन में जिलापंचायत विकास की नई इबारत लिख रही है जिससे लोग लोनी में रहने पर गौरव महसूस करें।  देहात में सड़कों की सुगमता किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है।  माननीय विधायक जी के आदेश पर कृषि विभाग गांव-गांव निरन्तर कैंप लगाकर किसानों का मार्गदर्शन कर रहा है।लोनी के इतिहास में पहली बार किसान खुशहाल है आज किसानों को भरपूर बिजली मिल रही है। यह सब माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर जी के प्रयासों से सार्थक हुआ है।
इस दौरान हरेंद्र प्रधान, वेदु प्रधान, देवेंद्र प्रधान, ललित प्रधान, प्रधान मोनू त्यागी, प्रधान नेपाल सिंह, टीटू प्रधान, सेलक प्रधान, जगत प्रधान, भाजपा नेता प्रदीप गहलोत, वीरेश भाटी, सुबोध, महेश पचायरा, सोनू, बृजपाल त्यागी, अजय खारी आदि सैकड़ों की संख्या में किसान चौपाल में किसान मौजूद रहें।


 


महिला उन्नति संस्था भारत की टीम ने मनाया अन्तराष्ट्रीय बालिका दिवस


धनसिंह—समीक्षा न्यूज                                                    
गौतमबुद्धनगर। बेटियों के जन्म को लेकर लोगों को प्रोत्साहित करने के अभियान में जुटी सामाजिक संगठन महिला उन्नति संस्था भारत की टीम ने आज अन्तराष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला अस्पताल गौतमबद्धनगर और बिसरख स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर वहां जन्मी बच्चियों को प्रोत्साहन किट देकर उनका इस दुनिया मे आने पर स्वागत किया। इस अवसर पर उपस्थित जिला प्रोबेशन अधिकारी अतुल सोनी ने नवजात बच्चियों को प्रोत्साहन किट देते हुए कहा कि बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिये शासन प्रशासन के साथ साथ  सामाजिक संगठनो के द्वारा विभिन्न स्तर पर किये जा रहे प्रयासों का एक ही उददेश्य है कि लोग अपनी सोच मे बदलाव लायें और बेटो की भांति कन्या जन्म पर भी खुशीयां मनाये उसे भरपूर पोषण उप्लब्ध करायें  क्योकि यही बेटिया हमारे जीवन का आधार है। संस्था के संस्थापक डा राहुल वर्मा ने बताया कि बेटियों को लेकर लोगों की सोच में बदलाव को लेकर संस्था द्वारा मिशन बेटी अभियान की शुरुआत की गयी है जिसके अन्तर्गत महिलाओं के जीवन मे आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान को लेकर गोष्ठियों नुक्कड़ नाटकों और बैठकों के जरिये लोगों को जागरुक किया जायेगा इसी के तहत हर रविवार सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जन्मी नवजात बच्चियों को प्रोत्साहन किट देकर उनका स्वागत किया जाता है। इस मौके पर रणवीर चौधरी  रमनदीप कोर  सुनीता यादव अरविंद चौधरी आदि लोग मौजूद रहे।



देवी सिंह नागर के निवास पर बैठक आयोजित


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। लाइनपार क्षेत्र के सम्मानित एवं वरिष्ठ लोगों के नेतृत्व में देवी सिंह नागर के निवास पर एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के विकास के लिए एवं लोगों के सुख दुख में काम आने के लिए विस्तार से चर्चा की गई लाइनपार क्षेत्र लंबे समय से उपेक्षा का शिकार रहा है क्षेत्र में लगभग 8 लाख जनता निवास करती है लेकिन विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है क्षेत्र में पिछले काफी समय से एक कन्या विद्यालय अस्पताल डिग्री कॉलेज एवं गंगाजल वाटर की मांग जोरों से चल रही है लेकिन इस तरफ किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं है नगर निगम से जो सुविधाएं कवि नगर राज नगर शास्त्री नगर लोहिया नगर नेहरू नगर आदि क्षेत्रों को वीआईपी मिलती है ऐसी सुविधाएं विजय नगर जोन में लाइनपार क्षेत्र को नहीं मिलती जिसके कारण लोगों में काफी रोष व्याप्त है बाईपास क्षेत्र के शांति नगर भीम नगर बागू कृष्णा नगर अकबरपुर बहरामपुर आदि क्षेत्रों में विकास ना होने की वजह से लोग परेशानी से जूझ रहे है इन सभी को ध्यान में रखते हुए सभी सम्मानित लोगों ने अपने विचार प्रस्तुत किए एकता का परिचय देते हुए विकास की गति को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया गया एवं सभी कि सब सहमति से आदरणीय श्री देवी सिंह नागर जी को संस्था का संयोजक नियुक्त किया गया इस मौके पर निम्नलिखित लोग बैठक में उपस्थित रहे
देवी सिंह नागर  बलराम रावल राजेंद्र नगर रानी देवी जी आशा गोस्वामी जी ताराचंद सारस्वत जी राम सिंह नेताजी पिंकी ठाकुर कन्हैया लाल विकास त्यागी योगेश त्यागी प्रेमचंद पाल राकेश सेन अरविंद नागर मनोज कुमार दीपक पांडे अजय भाटी राजेंद्र खटीक वसीम अली हेमराज माहौर सतवीर सिंह राजेश रावत चौधरी हरेंद्र सिंह नरेंद्र सिंह चौधरी राकेश भड़ाना देवेंद्र कुमार संजीव राज आदि वरिष्ठ एवं सीनियर व्यक्तित्व उपस्थित रहे



30वां वैश्य वैवाहिक व प्रथम डिजिटल परिचय सम्मेलन पर जुड़े दस हजार से ज्यादा लोग


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। 30वां वैश्य वैवाहिक व प्रथम डिजिटल वैवाहिक परिचय सम्मेलन को अभिभावकों व प्रत्याशी युवक-युवतियों द्वारा बहुत पसंद किया गया। देश के प्रत्येक प्रांत से दस हजार से ज्यादा लोग सुबह से ही परिचय सम्मेलन के लिंक से जुड़े गये थे। वीडियो क्रांफेसिंग के माध्यम से अनेक लड़के-लड़कियों द्वारा अपना परिचय दिया गया जिसमें प्रत्याशियों ने स्वयं सामने आकर विवाह से सम्बन्धित अपनी वैवाहिक जानकारी दी। परिचय सम्मेलन में दिल्ली के अलावा गुजरात, उड़ीसा, महाराष्टÑ व छत्तीसगढ़ से भी अभिभावकों ने रूचि दिखाई। एक प्रत्याशी युवक श्री राहुल गोयल इवेंट मैनेजमेंट ने तो दुबई से जुड़कर अपना परिचय दिया।
प्रथम डिजिटल परिचय सम्मेलन की अभूतपूर्व सफलता पर आयोजकों को अभिभावकों द्वारा बधाई दी जा रही है। परिचय सम्मेलन का उद्घाटन प्रदेश खाद्य मंत्री अतुल गर्ग, अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्टÑीय चेयरमैन प्रदीप मित्तल, स्वागताध्यक्ष अजय गुप्ता, अध्यक्ष सुभाष गर्ग, महामंत्री राजीव मोहन, मुख्य संपादक वेदप्रकाश गर्ग (खादी वाले), मुख्य संयोजक बी.आर. गुप्ता ने दीप जलाकर किया। 
प्रत्याशियों द्वारा अपना परिचय देते हुए रिकॉर्ड की गयी सी.डी. का विमोचन
राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, मीडिया प्रभारी सौरभ जायसवाल, बोर्ड मेंबर पवन गोयल, वैशाली पार्षद मनोज गोयल, अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंघल, कैराना से अनिल गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता, लोकेश सिंघल, देवेन्द्र हितकारी, सम्पादक आर.के. सिंघल, उप संपादक राकेश मित्तल, उप संपादक अनुराग अग्रवाल, कोषाध्यक्ष हरिमोहन गर्ग, सह कोषाध्यक्ष राकेश अग्रवाल द्वारा किया गया।
डिजिटल परिचय सम्मेलन के लिंक पर देश-विदेश से लोग जुड़ते चले गये। आखिर में इनकी संख्या दस हजार तक पहुंच गयी। 



प्रदेश मंत्री अतुल गर्ग ने परिचय सम्मेलन के संस्थापक वी.के. अग्रवाल व उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के बावजूद भी इन्होंने परिचय सम्मेलन की परंपरा को टूटने नहीं दिया। उन्होंने अभिभावकों व प्रत्याशियों को भी शुभकामना दी।
राष्टÑीय चेयरमैन द्वारा इस परिचय सम्मेलन में उत्तम कार्य करने के लिये बुद्धगोपाल गोयल (मुरादनगर), राकेश मित्तल (बीएसएनएल), अनिल गुप्ता (कैराना) को विशेष पुरस्कार देकर उत्साहित किया। श्री मित्तल ने वीडियो कांफ्रेसिंग के द्वारा 50 प्रत्याशी युवक-युवतियों के परिचय लिये। जिसे पूरे देश में आॅनलाइन देखा गया।
संस्थापक अध्यक्ष वी.के. अग्रवाल का राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप मित्तल ने स्वयं माला व शाल भेंट कर सम्मान किया। राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने समाज में मजबूती लाने पर बल दिया। उन्होंने समाज पर हो रहे अत्याचारों व हमलों की निंदा की।
परिचय सम्मेलन की सफलता में अखिलेश अग्रवाल, सचिन गर्ग (विवेकानंद नगर), ममता गुप्ता (नशामुक्ति), यू.एस. गर्ग, राम गोपाल गर्ग, डॉ. अनिल सिंघल, बी.एस. अग्रवाल, राकेश मित्तल (पूर्व पार्षद), डॉ. नीरज गर्ग (सीएमओ), प्रभा गोयल, पूजा गुप्ता, मनीष गुप्ता, आर.पी. बंसल, डी.के. मित्तल, प्रकाश गुप्ता (शास्त्रीनगर), श्याम सुन्दर गुप्ता, अजय अग्रवाल, संदीप सिंघल (अग्रसेन रसोई), नरेन्द्र कुमार गुप्ता ‘नंदी’, राजेन्द्र मित्तल (मेदी वाले), प्रदीप सिंघल, पूर्व पाषद विजय मोहन, बी.के. शर्मा हनुमान ( राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्राह्मण सभा), अनिल सावरियां, लोकेश सिंघल, पीयूष गर्ग, वी.के. सिंघल (राजनगर), नवीन गर्ग, रमन गुप्ता, राकेश मित्तल पूर्व पार्षद, एम.पी. गुप्ता, अजय मित्तल (शाहदरा), मयंक मोहन अग्रवाल, प्रदीप गर्ग (सेक्टर 23), के.के. सिंघल मौजूद थे जिनका पूर्ण सहयोग रहा।



भाजपा प्रशिक्षण कार्यशाला को लेकर बलराम नगर मंडल की बैठक आयोजित


कपिल पांचाल—समीक्षा न्यूज
लोनी। बलराम नगर मंडल मे भाजपा के शीर्ष नेतृत्व एव जिलाध्यक्ष श्रीमान दिनेश सिंघल के दिशा निर्देश में मंडल अध्यक्ष प्रशांत कुमार की अध्यक्षा में कामकाजी बैठक की गई जिसमे मार्गदर्शन के लिए आए श्री राजेन्द्र बाल्मीकि जिला महामंत्री ने आगामी भारतीय जनता पार्टी के प्रशिक्षण शिविर को लेकर जिसमे उन्होंने इस कार्यक्रम की रूप रेखा के बारे में विस्तार से हर बिंदुओं पर जानकारी दी और इस प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने वाले अपेक्षित कार्यकर्ताओं को सूचीबद्ध किया एव तमाम जानकारी उपलब्ध कराई और साथ ही बताया कि आगामी प्रशिक्षण शिविर मे शामिल होकर किस प्रकार से भाजपा कार्यकर्ता संगठन को मजबूत कर सकते है और अपने बौद्धिक स्तर बढाने मे किस प्रकार ये प्रशिक्षण शिविर कार्यकर्ताओ मे नई ऊर्जा का संचार करेगा। जिन के निर्देश पर मंडल अध्यक्ष श्री प्रशांत कुमार जी ने सभी कार्यों को सही तरीके से करने हेतु मंडल के सभी पदाधिकारियों को जिम्मेदारी प्रदान की।
बैठक मंडल मंत्री राजेश सोम जी के संस्थान पर सम्पन्न हुई जिसका संचालन मण्डल उपाध्यक्ष ब्रह्ममेश तिवारी ने किया इस बैठक मे प्रमुख रुप से मण्डल महामंत्री राहुल श्याम सुंदर चन्द्रपाल प्रधान मण्डल उपाध्यक्ष रविन्द्र पंवार अवधेश यादव दिनेश डेढा मंडल मंत्री कपिल पांचाल विश्वकर्मा नरेन्द्र पाण्डेय डा रवीश शर्मा डा०रोहित पाल सेक्टर संयोजक एड.विकास गुप्ता मण्डल कोषाध्यक्ष संदीप शर्मा बूथ अध्यक्ष लोकेश आदि मौजूद रहे



राष्ट्रीय वाल्मीकि सेना के बैनर तले श्रद्धांजलि सभा आयोजित


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
गाजियाबाद। राष्ट्रीय वाल्मीकि सेना के बैनर तले वसुंधरा सेक्टर—4 झुग्गी झोपड़ी निवासियों ने श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम किया जिसमें दलित मजदूर वंचित समाज की आवाज उठाने वाले खाद्य पूर्ति केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान जी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई वह नमन आंखों से याद किया मुख्य रूप से मौजूद सेना अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह चंदेल ने बताया की पासवान जी दलित मजदूरों की एक आवाज थे जो समय समय पर सरकार में रहकर वंचितों की शोषित सर्वहारा समाज की हक की लड़ाई को लड़ते रहते थे आज हमारे बीच में हमारे लोकप्रिय नेता नहीं रहे हम अपने आप को अनाथ जैसा महसूस कर रहे हैं इसी कड़ी में मिंटू वैद्य उपाध्याय जी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की इसी के साथ युगपुरुष काशीराम जी को भी याद किया गया पुष्पांजलि अर्पित की काशीराम जी की नेक,कमाई जिन्होंने सोती कोम जगाई इस अवसर पर मौजूद रहे सुरेंद्र सिंह चंदेल अध्यक्ष मिंटू वेद उपाध्यक्ष कमल अग्रवाल वरिष्ठ समाजसेवी अनिल चौहान संदीप सूद प्रिंस तारावती दीपक शर्मा राजू संजय चंदेल महामंत्री आदि मौजूद रहे।


प्रहलाद मोदी एवम् श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर सरोजनी गिरी ने चलाया प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान 


प्रमोद मिश्रा
लोनी। प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवम् देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के भाई श्री प्रहलाद मोदी एवम् श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर सरोजनी गिरी जी ने चमन विहार की झुग्गियों मे हुए अग्निकांड क्षेत्र का दौरा किया जहाँ पर भाजपा नेता पं ब्रह्ममेश तिवारी एवम् जीतू भाई ने वहाँ की स्थिति से अवगत कराया जिसमे उन्होंने पिडित लोगो के लिए किए गए लोनी चेयरपर्सन रंजीता धामा जी की भोजन व्यवस्था पेयजलापूर्ति सहित उनकी समस्याएं सुनी और आश्वासन दिया कि इस घटना मे हर संभव मदद की जाएगी।
इस मौके पर प्रधानमंत्री जनकल्याणकारी योजना प्रचार प्रसार अभियान के क्षेत्रीय अध्यक्ष रामसेवक जी,जिलाध्यक्ष देवेंद्र ढाका जी,किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष सतपाल प्रधान जी,पूर्व सभासद जीतू भाई,पं ब्रह्ममेश तिवारी, विकास गुप्ता, विपिन कसाना, राजेश सोम,नीरज कुमार, नितिन गुप्ता,प्रवीन चौधरी, धर्मेंद्र भाई,रुपकिशोर जी,श्रधानंद जी,अग्रवाल साहब,शोभित मलिक, विजयराम,आदि भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।


महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा ले: मनोज धामा


प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। सम्राट अशोक बौद्ध विहार समिति के दूारा इंदिरा पुरी रोड पर परम पूज्नीय भन्ते विनयशील जी के सानिध्य मे जनकवि श्री सूरजभान आजाद एवं समाजसेवी स्व: राजपाल प्रधान जी की स्मृति कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया । 
इस अवसर पर मंच संचालन दिनेश कुमार मास्टर जी ने किया ।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप मे पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष मनोज धामा पँहुचे । 



समिति के पदाधिकारीयों दूारा मनोज धामा का फूल-माला व पटका पहनाकर पुष्प वर्षा कर अभिनन्दन किया ।
पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष ने ने स्व: राजपाल प्रधान जी एवं जनकवि श्री सूरजभान जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित किये ।
इस अवसर पर मनोज धामा ने अपने विचार रखते हुये कहा कि परम बौद्ध धाम मे अक्सर आना जाना रहा है आप लोग जागरूक समाज का हिस्सा है जो पीढी अपने बड़े -बुजुर्गों का सम्मान करना भूल जाती है वो विनाश के निकट होती है ये बहुत अच्छा है कि आज हम सभी लोग यंहा पर समाजसेवी स्व:राजपाल प्रधान जी की स्मृति मे आयोजित कवि सम्मेलन मे एकत्रित हुये है हम सभी के लिये गर्व की बात है । 
आज हमारे पीढी को आवश्यकता है  कि वो महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा ले कि किस प्रकार से उत्तम आचरण करते हुये समाज के लिये कार्य करे किसी प्रकार का भेदभाव ना करे, मानवता के गुणों को अपने जीवन मे आत्मसात कर अपना जीवन सफल बनायें । 
आज प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वो समाज के लिये उठे और अपनी तरफ से प्रयास करे कि किस प्रकार से वो समाजहित मे अपना योगदान दे ।
इस अवसर पर उपस्थित सम्मानित कवियों के दूारा बेहद सुन्दर -सुन्दर कविता पाठ किये तथा उपस्थित लोगों ने तालियाँ बजाकर कवि मंडली का उत्साह वर्धन किया ।
इस अवसर पर कवि पदम सिंह, विशाखा बौद्ध, धनदेवी, दिनेश कुमार, मुसाफिर देहलवी, जगवीर सिंह, कर्मवीर भारती, किशोरी लाल हितकारी ,छज्जू सिंह सूजान, मनोनीत सभासद दीवान सिंह गौतम, धर्मपाल नेताजी, सहित सम्राट अशोक बौद्ध समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे ।



"सकारात्मक जीवन शैली" पर आर्य गोष्ठी संपन्न


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
सकारात्मक दृष्टिकोण ही सुख का आधार -डॉ राजेश बतरा (संस्थापक,वैलनेस केअर सेंटर,दिल्ली)
क्षमा करना भी सकारात्मक जीवन शैली का अंग - राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "सकारात्मक जीवन शैली" विषय पर ऑनलाईन गूगल मीट पर आर्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे परिषद का 102वां वेबिनार था।
मुख्य वक्ता डॉ राजेश बतरा (संस्थापक,वैलनेस केअर सेंटर, दिल्ली) ने कहा कि शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जिसके पास कोई समस्या न हो।समस्या जीवन का हिस्सा है,इससे  घिरे रहने से तनाव भी होता है, इसलिए समस्या से ज्यादा समाधान पर ध्यान देना चाहिए।लोग समस्याओं के कारण घर का वातावरण भी खराब कर लेते हैं। इस सब का सीधा प्रभाव दैनिक जीवन पर पड़ता है।आप तो स्वयं परेशान होते ही हैं साथ ही आपसे जुड़े व्यक्ति भी परेशान होने लगते हैं इसलिए इस बात को स्वीकार करें कि जीवन है तो समस्याएं रहेंगी इससे कैसे निपटना है इस पर धैर्य से विचार करें।अपनी आवश्यकताओं को कम करे या साधनों के अनुसार बनाएं।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आजकल लोग अपने कार्यो में इतना व्यस्त रहते हैं कि खुद के लिए ही समय नहीं निकाल पाते है जिसके कारण से वह अकेलेपन,कैंसर,डिप्रेशन, हार्ट डिजीज,स्ट्रेस,डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर,मोटापा,आँखों में दिक्कत,सर दर्द जैसी समस्याएँ के चपेट में आ जाते है।उनकी सोचने समझने की शक्ति पूरी तरह से बदल जाती है।इन सब समस्याओं से लड़ने के लिए लोग दवाइयों पर निर्भर हो गए हैं।दवाइयां खाने की जगह अपनी जीवनशैली को सकारात्मक बनाएं और अपने जीवन को रोगमुक्त बनाएं।लोगो को क्षमा करना भी सकारात्मक जीवन शैली का हिस्सा है।इसलिए क्षमा करना भी सीखें
अध्यक्षता करते हुए जयपुर से सार्वदेशिक आर्य युवक परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष यशपाल यश  ने कहा कि यदि हम ये तय कर लें कि दिन भर हम जो भी सोचेंगे, अच्छा ही सोचेंगे तो निश्चित ही हमारा दिन अच्छा जाएगा। निराशावादी लोगों से दूरी बनाकर रहें।अच्छे काम में मन लगाएँ।हमें जीवन मे सफलता तभी मिल सकती है,जब हम अपनी नकारात्मक सोच को त्यागकर स्वयं को सकारात्मक ऊर्जा से भरें।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा आजकल की बदलती जीवन शैली के कारण लोग जंक फ़ूड की तरफ काफी आकर्षित हो रहे है।लगातार जंक फ़ूड का सेवन कर रहे है यह जानते हुए कि यह खाना यानी रोगों  को बुलावा देना है।जंक फ़ूड खाने से मधुमेह और मोटापे की समस्या होती है।इसलिए जंक फ़ूड से दूरी बना कर संतुलित भोजन करते हुए अपने जीवन को सकारात्मक बनाएं।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि नियमित योग,व्यायाम, पौष्टिक आहार आदि के सेवन व सकारात्मक दृष्टिकोण जीवन को सकारात्मक बनाती है। 
गुरुग्राम से दीप्ति सपरा,संध्या पाण्डेय,किरण सहगल,विमला आहूजा,मुकेश आर्य(छत्तीसगढ़), ईश्वर आर्या(अलवर),रविन्द्र गुप्ता (फरीदाबाद),नरेश प्रसाद(नंद ग्राम),वीना वोहरा आदि ने गीतों से सभी को भावविभोर कर दिया।
मुख्य रूप से आचार्य अखिलेश्वर आर्य जी(हरिद्वार),आनंदप्रकाश आर्य(हापुड़),देवेन्द्र गुप्ता (इंदिरापुरम),देवेन्द्र भगत,सुरेन्द्र शास्त्री,ओम सपरा,राजेश मेहंदीरत्ता आदि उपस्थित थे।


भवदीय,
प्रवीण आर्य,


हेलमेट मैन मतदाताओं को हेलमेट देकर कर रहे हैं जागरूक


समीक्षा न्यूज नेटवर्क
बक्सर। ब्लड बैंक में खून कम नहीं पड़ता जब सर में हेलमेट होता. चालान के बदले हेलमेट लिया होता तो घर का चिराग जिंदा होता.
बिहार बक्सर जिले में सड़कों पर इन दिनों बिना हेलमेट चलने वालों को हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार उन्हें रोककर हेलमेट दे रहे हैं और साथ में 5 लाख की दुर्घटना बीमा भी निशुल्क. भविष्य में कोई दुर्घटना होने पर उस परिवार को आर्थिक सहायता के लिए कष्ट ना हो.
साथ में मतदान करने की शपथ भी दिला रहे हैं. 28 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होना है बक्सर जिले में बिहार के विकास के लिए जात पात से ऊपर उठकर  जनता राज्य के विकास के लिए मतदान करें. जो आने वाली नई सरकार जनता के हित के लिए कार्य करें. हेलमेट मैन ने कहा सड़क सुरक्षा की मजबूती के लिए चालान के बदले आम जनता को सरकार हेलमेट देने का कार्य करें तो दुर्घटना के साथ मृत्यु दर में भी कमी आएगी.
हेलमेट नहीं होने की वजह से दुर्घटना होने पर अस्पताल में ब्लड की कमी हो जाती है जो आए दिन समस्या बनी रहती है.
सुविधा नहीं मिलने की वजह से लोगों की मृत्यु हो जाती है.
रक्तदान हम आसानी से करते हैं जो दूसरों की सुरक्षा के लिए वहीं दूसरी तरफ बिना हेलमेट टू व्हीलर चालक को समझाने में असफल रहते हैं. जो आए दिन दुर्घटना में बढ़ोतरी की वजह से सभी अस्पतालों में ब्लड की समस्या हमेशा बनी रहती है.
इसका एक ही समाधान है दुर्घटना में कमी लाने के लिए हेलमेट चालान वाले लोगों को राजस्व भरने की जगह उन्हें हेलमेट दिया जाए. जो कार्य सरकार या प्रशासन को करना चाहिए वह कार्य हेलमेट मैन अपने दोस्त की मृत्यु के बाद पिछले 6 साल से कार्य कर रहे हैं. जो अपने खर्च से अब तक 42000 हजार हेलमेट बांट चुके हैं, जो दूसरों के घर का चिराग बचाने के लिए कार्य करते हैं.


जन आंदोलन के अंतर्गत एनटीपीसी दादरी में कोविड-19 का प्रोटोकॉल नियमों का व्यापक प्रचार अभियान


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
दादरी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना महामारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक  करने के उद्देश्य से जन आंदोलन की शुरुआत की गई है।
इसके  तहत केंद्रीय कार्यालय के दिशा निर्देशों के अनुसार 09 अक्टूबर,2020 से शुरू किए गए  प्रचार अभियान  के अंतर्गत एनटीपीसी दादरी में  कर्मचारियों, उनके परिजनों, संविदा कर्मियों, स्टेक होल्डर्स और आसपास के क्षेत्र के लोगों को कोविड-19 से लड़ने  और इस जन आंदोलन के प्रति जागरूक करने के लिए प्लांट/टाउनशिप परिसर में बैनर भी  प्रदर्शित किये गए हैं।
जन आंदोलन से जुड़े  जन स्वास्थ्य अभियान के इन संदेशों के व्यापक प्रचार प्रसार   द्वारा लोगों से कोरोना महामारी से बचाव  करने हेतु  कोविड -19 के प्रोटोकॉल जैसे अनिवार्य रूप से मास्क पहनना, सोशल डिस्टेनसिंग का पालन करना और अच्छी तरह से हाथों  को धोना आदि  नियमों को पूर्णतया अपनाने की अपील की गयी है।


Saturday 10 October 2020

“समस्त जड़ चेतन सृष्टि को परमात्मा ने जीवों के लिये बनाया है”


हमारा यह संसार प्रकृति से बना है। प्रकृति की संसार में स्वतन्त्र सत्ता है। इस अनादि व कारण प्रकृति को परमात्मा व अन्य किसी सत्ता ने नहीं बनाया है। इस प्रकृति का अस्तित्व स्वयंभू और अपने आप है। प्रकृति की ही तरह में संसार में ईश्वर व जीव भी दो इतर सत्य एवं चेतन पदार्थ है। ईश्वर सत्य, चित्त व आनन्दस्वरूप भी है। यह तीनों पदार्थ अनादि, नित्य, अजर, अमर, अविनाशी हैं। ईश्वर सर्वातिसूक्ष्म सत्ता है। जीवात्मायें तथा प्रकृति भी सूक्ष्म सत्तायें हैं परन्तु प्रकृति से सूक्ष्म जीव तथा जीव से भी सूक्ष्मतर परमेश्वर है। परमात्मा सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सर्वव्यापक एवं सर्वान्तर्यामी सत्ता है। जीवात्मा का स्वरूप सत्य, चित्त, अल्पज्ञ, एकदेशी, ससीम, जन्म-मरण धर्मा, कर्म करने में स्वतन्त्र तथा फल भोगने में ईश्वर के आधीन व परतन्त्र है। ईश्वर संख्या में एक है तथा जीवात्मायें संख्या में अनन्त हैं। मनुष्य जीवों की संख्या को नहीं जान सकता इसलिय जीवों की संख्या को अनन्त कहा जाता है। ईश्वर जानता है कि जीवों की संख्या कितनी है और वह सब जीवों को उनके कर्मों के अनुसार जन्म व मरण तथा सुख व दुःख आदि प्रदान करता है। सुख व दुःख प्रदान करने में परमात्मा एक सच्चे न्यायाधीश का कार्य करता है। वह किसी जीव से पक्षपात नहीं करता। किसी भी जीव के पाप कर्मों को क्षमा नहीं करता। प्रत्येक जीव को अपने अपने कर्मानुसार जन्म लेना पड़ता है तथा अपने कर्मो का फल भोगना पड़ता है। यदि ईश्वर न होता और वह सृष्टि की उत्पत्ति व इसके पालन सहित जीवों को उनके कर्मानुसार फल प्रदान करते हुए जन्म व मरण की व्यवस्था न करता तो जीवों को शुभ करने का अवसर और उससे मिलने वाले सुख व आनन्द की प्राप्ति कदापि न होती। इस महान कार्य के लिये सभी जीव ईश्वर के प्रति एक विधाता, पिता व आचार्य के समान कृतज्ञ होते हैं और उसका नित्य प्रति ध्यान करना, उसकी स्तुति, प्रार्थना व उपासना करना उनका कर्तव्य होता है। 
हम अपनी आंखों से जिस संसार व इसमें सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह व उपग्रहों सहित तारों आदि को देखते हैं, पृथिवी पर अग्नि, वायु, जल, आकाश तथा समुद्र, नदी, झरने, पर्वत, रेगिस्तान, मनुष्य, पशु व पक्षी आदि प्राणियों, वृक्षों, वनस्पतियों आदि को देखते हैं, इन सबको भी परमात्मा ने ही बनाया है। यह पदार्थ अपौरुषेय कहलाते हैं अर्थात् इनकी रचना व उत्पत्ति मनुष्यों के द्वारा नहीं हो सकती मनुष्यों से महान सत्ता द्वारा होती है। जो कार्य मनुष्य नहीं कर सकता परन्तु सृष्टि में वह हमें दृष्टिगोचर होता है, वह अपौरुषेय रचनायें कहलाती हैं जिनकी रचना व पालन परमात्मा के द्वारा किया जाता है। हमारी इस सृष्टि को बने हुए 1 अरब 96 करोड़ वर्ष हो चुके हैं। अभी 2 अरब 36 करोड़ वर्षों का समय इस सृष्टि का भोग व अस्तित्व का काल है। इसके बाद इसकी प्रलय होगी। सृष्टि का काल दिन के समान तथा प्रलय का काल रात्रि के समान होता है। इसे ईश्वर का एक दिन भी कहा जाता है। सृष्टि रचना व सृष्टि संवत् विषयक गणनायें वैदिक साहित्य में उपलब्ध होती हैं जो हमारे प्राचीन ऋषियों महर्षियों के अनुसधानों का परिणाम है। उनके सभी सिद्धान्त भी सृष्टि में ठीक ठीक घट रहे हैं। सभी ऋषि सृष्टि के द्रष्टा व इसे यथार्थ रूप में जानने वाले होते थे। यह ज्ञान उन्हें वेदों के स्वाध्याय तथा योग, ध्यान व समाधि आदि को सिद्ध करने पर प्राप्त होता था। अतः किसी भी व्यक्ति को वेद एवं ऋषियों के ग्रन्थों में शंका नहीं करनी चाहिये। वेद परमात्मा से उत्पन्न व परमात्मा प्रदत्त ज्ञान हैं जिसे परमात्मा ने सृष्टि की आदि में चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को उनकी आत्माओं में सर्वान्तर्यामी रूप से उपस्थित होने से उनकी आत्माओं में प्रेरणा करके प्रदान किया था। सृष्टि के आरम्भ से ही वेद मानवजाति को उपलब्ध रहे हैं। वेदों का अध्ययन व स्वाध्याय करना तथा उसकी शिक्षाओं के अनुसार आचरण करना सभी मनुष्यों का कर्तव्य व परमधर्म होता है। जो इस शिक्षा का पालन करते हैं वह जीवन में उन्नति करते हुए सुखों को प्राप्त करते हैं तथा परजन्म में भी उन्हें ईश्वर की व्यवस्था से सुख प्राप्त होते हैं। अतः सबको वेदों की शरण लेकर सत्य ज्ञान को प्राप्त होकर व कर्तव्य धर्म का पालन करते हुए अपने जीवन की उन्नति व सुखों की प्राप्ति करनी चाहिये।  
परमात्मा ने सृष्टि क्यों बनाई इसके अनेक कारण हैं। इसका एक कारण तो परमात्मा का सच्चिदानन्दस्वरूप, अनादि, नित्य, निराकार, सर्वज्ञ सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी तथा सृष्टिकर्ता होना है। परमात्मा सृष्टि बना सकता है, बनाना जानता है, इस सृष्टि से पूर्व अनन्त बार ऐसी ही सृष्टि को बनाया है, जीवों को जन्म व मरण धारण करने के लिये इस सृष्टि की आवश्यकता भी है, तो परमात्मा सृष्टि को क्यों न बनाता? इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिलता। मनुष्य इस विषय में तरह तरह की शंकायें कर सकता है जिसका उत्तर ऋषि दयानन्द ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश में दिया है।  सृष्टि रचना पर प्रकाश डालते हुए ऋषि दयानन्द ने सांख्य दर्शन के सूत्रों को उद्धृत कर उनके अर्थों पर प्रकाश डाला है। वह सत्यार्थप्रकाश के अष्टम समुल्लास में लिखते हैं कि (सत्व) शुद्ध (रजः) मध्य (तमः) जाड्य अर्थात् जड़ता इन तीन वस्तुओं से मिलकर जो एक संघात है उस का नाम प्रकृति है। उस से महतत्व बुद्धि, उससे अहंकार, उससे पांच तनमात्रा सूक्ष्म भूत और दश इन्द्रियां तथा ग्यारहवां मन, पांच तन्मात्राओं से पृथिव्यादि पांच भूत ये चैबीस और पच्चीसवां पुरुष अर्थात् जीव (छब्बीसवां) परमेश्वर है। इन सब विकारों में प्रकृति अविकारिणी है और महत्तत्व अहंकार तथा पांच सूक्ष्म भूत प्रकृति के विकार हैं। प्रकृति इस कार्य जगत का उपादान कारण है। यह मूल अनादि तत्व प्रकृति किसी अन्य पदार्थ का कार्य नहीं हैं। 
ऋषि दयानन्द ने जगत की उत्पत्ति में सहयोगी तीन प्रमुख कारणों का उल्लेख कर उनकी व्याख्या की है। वह कहते हैं एक निमित्त कारण, दूसरा उपादान कारण तथा तीसरा साधारण कारण होता है। निमित्त कारण उस को कहते हैं कि जिसके बनाने से कुछ बने, न बनाने से न बने, आप स्वयं बने नहीं, दूसरे को प्रकारान्तर कर बना देवे। दूसरा उपादान कारण उस को कहते हैं जिस के बिना कुछ न बने। वही अवस्थान्तर रूप होके बने बिगड़े भी। तीसरा साधारण कारण उस को कहते हैं कि जो बनाने में साधन और साधारण निमित्त हो। ऋषि दयानन्द जी बताते हैं कि निमित्त कारण दो प्रकार के होते हैं। एक- सब सृष्टि को कारण से बनाने, धारने और प्रलय करने तथा सब की व्यवस्था रखने वाला मुख्य निमित्त कारण परमात्मा। दूसरा-परमेश्वर की सृष्टि में से पदार्थों को लेकर अनेक विधि कार्यान्तर बनाने वाला साधारण कारण जीव। 
उपादान कारण पर प्रकाश डालते हुए ऋषि दयानन्द बताते हैं कि प्रकृति, परमाणु जिसको सब संसार के बनाने की सामग्री कहते हैं, वह जड़ होने से आप से आप न बन और न बिगड़ सकती है किन्तु दूसरे के बनाने से बनती और बिगाड़ने से बिगड़ती है। कहीं-कहीं जड़ के निमित्त से जड़ भी बन और बिगड़ भी जाता है। जैसे परमेश्वर के रचित बीज पृथिवी में गिरने और जल पाने से वृक्षाकार हो जाते हैं और अग्नि आदि जड़ के संयोग से बिगड़ भी जाते हैं परन्तु इनका नियमपूर्वक बनना और वा बिगड़ना परमेश्वर और जीव के आधीन है। जब कोई वस्तु बनाई जाती है तब जिन-जिन साधनों से अर्थात् ज्ञान, दर्शन, बल, हाथ और नाना प्रकार के साधन और दिशा, काल और आकाश आदि को साधारण कारण कहते हैं। जैसे घड़े को बनाने वाला कुम्हार निमित्त, मिट्टी उपादान और दण्ड चक्र आदि सामान्य निमित्त, दिशा, काल, आकाश, प्रकाश, आंख, हाथ, ज्ञान, क्रिया आदि निमित्त साधारण और निमित्त कारण भी होते हैं। इन तीन कारणों के विना कोई भी वस्तु नहीं बन सकती और न बिगड़ सकती है। इसी प्रकार से परमात्मा इस सृष्टि की रचना करते हैं। परमात्मा सृष्टि रचना वा उत्पत्ति का मुख्य निमित्त कारण है और प्रकृति उपादान कारण है। जीव इस कार्य प्रकृति वा सृष्टि के भोक्ता हैं जिनके लिये इस सृष्टि को बनाया गया है। सृष्टि रचना का यही वर्णन सत्य विज्ञान से युक्त हैं। हम आशा करते हैं कि यदि वैज्ञानिक वेदों को पढ़ेंगे, समझेंगे व जानेंगे तो उन्हें ईश्वर के द्वारा सृष्टि रचना में किसी प्रकार की भ्रान्ति दृष्टिगोचर नहीं होगी। 
ऋग्वेद में वर्णन है कि यह सब जगत् सृष्टि के पहले प्रलय में अन्धकार से आवृत व आच्छादित था। प्रलयारम्भ के पश्चात् भी वैसा ही होता है। उस समय यह जगत न किसी के जानने, न तर्क में लाने और न प्रसिद्ध चिन्हों से युक्त इन्द्रियों से जानने योग्य था किन्तु वर्तमान में जाना जाता है और प्रसिद्ध चिन्हों से युक्त जानने योग्य होता और यथावत् उपलब्ध है। वेदों में सृष्टि विषयक यह वर्णन युक्ति, तर्क एवं विज्ञान के अनुरूप है। 
ईश्वर ने सृष्टि को बनाया है। उसका सृष्टि को बनाने का प्रयोजन है। इस पर लेख के आरम्भ में सृष्टि के प्रयोजन पर विचार प्रस्तुत किये हैं। कुछ लोग कहते हैं कि ईश्वर यदि सृष्टि को न बनाता तो आनन्द में रहता और जीवों को भी सुख, दुःख प्राप्त न होता। इसका उत्तर देते हुए ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश में लिखा है कि यह आलसी और दरिद्र लोगों की बातें हैं। पुरुषार्थी लोगों की नहीं और जीवों को प्रलय में क्या सुख वा दुःख है? सृष्टि के सुख दुःख की तुलना की जाय तो सुख कई गुना अधिक होता और बहुत से पवित्रात्मा जीव मुक्ति के साधन कर मोक्ष के आनन्द को भी प्राप्त होते हैं। प्रलय में निकम्मे जैसे सुषुप्ति में जीव पड़े रहते हैं वैसे रहते हैं और प्रलय के पूर्व सृष्टि में जीवों के किये पाप पुण्य कर्मों का फल ईश्वर कैसे दे सकता और जीव क्यों-कर भोग सकते? ऋषि इसके उत्तर में कहते हैं कि यदि तुम से कोई पूछे कि आंख के होने में क्या प्रयोजन है? तुम यही कहोगे देखना, तो जो ईश्वर में जगत् की रचना करने का विज्ञान, बल और क्रिया है उस का क्या प्रयोजन, बिना जगत की उत्पत्ति करने के? दूसरा कुछ भी न कह सकोगे। और परमात्मा के न्याय, धारण, दया आदि गुण भी तभी सार्थक हो सकते हैं जब वह जगत् को बनाये। उस का अनन्त सामथ्र्य जगत् की उत्पत्ति, स्थिति, प्रलय और व्यवस्था करने ही से सफल होता है। जैसे नेत्र का स्वाभाविक गुण देखना है वैसे परमेश्वर का स्वाभाविक गुण जगत् की उत्पत्ति करके सब जीवों को असंख्य पदार्थ देकर परोपकार करना है। ऋषि के यह उद्गार सृष्टि की रचना का सत्य चित्र प्रस्तुत करते हैं जिसे पढ़कर जिज्ञासु की आत्मा सन्तुष्ट व प्रसन्न होती है। 
हमने सृष्टि रचना का वैदिक सिद्धान्त प्रस्तुत किया है। यही सृष्टि की उत्पत्ति का सत्य सिद्धान्त हैं। पाठक इसे पढ़े और इससे लाभ उठाये। इसे मानने से हमारा जीवन उन्नति को प्राप्त होकर हमारे परजन्म में भी उन्नति होना निश्चित है।
-मनमोहन कुमार आर्य


“लोक नायक जयप्रकाश नारायण के जन्म-दिन 11 अक्टूबर 2020 पर विशेष”


प्रखर समाजवादी, स्वाभिमानी राजनीतिज्ञ, भारत रत्न लोक नायक जय प्रकाश नारायण का जन्म गाँव सिताब दियरा, जनपद सारण, बिहार प्रान्त में पिता हरसू दयाल माता फूलरानी के यहाँ 11 अक्टूबर 1902 को सुशिक्षित कायस्थ परिवार में हुआ| यद्यपि इनके पिता सरकारी नौकरी में थे फिर भी वे देश की आजादी के लिए कांग्रेस द्वारा आयोजित पटना सम्मेलन में सन 1912 में शामिल थे| इनकी माता फूलरानी सादगी, सरलता, निर्मलता की प्रतिमूर्ति थी, जय प्रकाश नारायण अपने माता पिता के उदात्त गुणों से बहुत ही प्रभावित रहे| गाँव की प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने के बाद आप का पटना के कालेजिएट स्कूल में सातवीं कक्षा में नामांकन कराया गया, जय प्रकाश नारायण के शिक्षक ही भविष्यवाणी कर दिये थे कि यह कुशाग्र बुद्धि बालक आगे चलकर विश्व में देश का नाम रोशन करेगा| मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की तथा उच्च अंक प्राप्त किया| 15/= रुपये प्रतिमाह छात्रवृति मिलने लगी| उन्ही दिनों असहयोग आन्दोलन देश में जोर पकड़ रहा था, हर ओर विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार हो रहा था|
    जय प्रकाश जी ने गाँधी जी उनके सिद्धान्त पर लिखी पुस्तक का अध्ययन किया तथा मौलाना अबुल कलाम आजाद का भाषण सुना, उसका गहरा प्रभाव उनके तरुण  मन पर पड़ा और वे प्रभावित हो कालेज छोड़ सत्याग्रही बन गये| राष्ट्रीय कालेजों की स्थापना  ‘बिहार विद्यापीठ’ के नाम से हुई, जय प्रकाश जी यहीं से आई0एस0सी0 की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की| इनका विवाह स्वभाव से सरल, अत्यंत मृदुल, कुशाग्र बुद्धि प्रभावती जी से हुआ, जय प्रकाश जी उन्हें साबरमती आश्रम में छोड़ दिया, वे उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका चले गये, उनकी पत्नी कस्तूरबा गाँधी के साथ रहने लगी| कैलिफोर्निया विश्व विद्यालय में प्रवेश लिया, लेकिन शिक्षा ग्रहण करते हुए इन्हें अनेकों तरह के आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा| इन्होने फार्मों, कंपनियों, रेस्टोरेंटों में काम किया तथा जूते पालिश भी किये, दृढ निश्चयी जे0 पी0 ने हार नहीं मानी परानास्तक की डिग्री प्राप्त कर 7 साल बाद स्वदेश लौट आये|
    इण्डिया लीग ने भारत में अंग्रेजी साम्राज्य की वास्तविक स्थिति जानने के लिए एक शिष्ट मण्डल भेजा, जय प्रकाश जी ने उन्हें अंग्रेजों द्वारा किये जा रहे शोषण और अन्याय, भारतीयों के साथ किये जा रहे थे, उससे बहुत ही समझदारी से अवगत कराया, ब्रिटिश सरकार की बहुत ही बदनामी हुई, सविनय अवज्ञा आन्दोलन में भाग लेने के कारण इन्हें 1 साल की जेल हो गयी  यह उनकी पहली जेल यात्रा थी| जेल में ही जय प्रकश नारायण ने कांग्रेस सोसलिस्ट पार्टी बनाने में महत्वपूर्ण  भूमिका निभायी, द्वितीय विश्व युद्ध में अंग्रेजों ने बिना किसी विचार-विमर्श के भारतीयों को युद्ध में झोंक दिया, जे0 पी0 ने कडा विरोध किया उन्हें फिर गिरफ्तार कर हजारी बाग जेल में डाल दिया गया| भारत छोडो आन्दोलन में भाग लेने के लिए योजनाबद्ध तरीके से साथियों सहित जेल की दीवार फांदकर कठिनाइयों को सहते हुए बहार आ गये, तथा जनता से अपील की कि अंग्रेजों के विरुद्ध यह अन्तिम लड़ाई है, चूँकि कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता पहले ही जेल चले गये थे, इसलिए भारत छोडो आन्दोलन का नेतृत्व जय प्रकाश जी कर रहे थे, जगह-जगह जाकर आन्दोलन में जन भागीदारी का आह्वान तथा तोड़-फोड़ के लिए लोगों को सक्रिय कर रहे थे, कि इन्हें फिर लाहौर में गिरफ्तार कर लिया गया| 12 अप्रैल 1946 को इन्हें रिहाकर दिया गया|
   15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ इनका सपना पूरा हुआ आचार्य नरेन्द्र देव के साथ मिलकर आल इण्डिया कांग्रेस सोसलिस्ट पार्टी की स्थापना की, प्रथम आम चुनाव में 12 सीटें 1952 में जीत ली, लेकिन चुनावी राजनीति में इनका मन नहीं लगा वे सर्वोदय आन्दोलन में विनोवा भावे  के साथ काम करने लगे, हजारों एकड़ भूमि बड़े भूस्वामियों से दान में लेकर भूमिहीनों में वितरित की गयी, भूमिहीनों ने जब जमीन को उपजाऊ बना दिया तो अधिकतर भूस्वामियों ने उनसे जमीन छीन ली, इससे इन्हें आलोचना भी झेलनी पड़ी, 1972 में इनकी पत्नी प्रभावती जी जो कई बार स्वतंत्रता आन्दोलन में जेल गयी थी, निधन हो गया, फिर भी व्यथित जय प्रकाश ने देश, समाज की सेवा को ही सर्वोपरि माना|
   1974 में बढ़ी फीस के विरोध में छात्रों का आन्दोलन गुजरात में चल रहा था, उसकी चिंगारी बिहार तक पहुँच गयी थी| सरकार तानाशाही पूर्ण तरीके से आन्दोलन को दबाना चाहती थी| जय प्रकाश जी को आभास हो रहा था कि इन्दिरा गाँधी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त अलोकतांत्रिक कार्य कर रही है, 1975 में राजनारायण की चुनाव याचिका में अदालत ने चुनावों में भ्रष्टाचार के आरोप को इन्दिरा गाँधी के खिलाफ फैसला सुना दिया, जय प्रकाश जी ने उनको त्यागपत्र देने को कहा लेकिन उन्होंने तानाशाही पूर्ण आचरण करते हुए 25 जून 1975 को देश में आपातकाल घोषित कर दिया, विपक्षी पार्टियों के महत्वपूर्ण नेताओं को जेल में डाल दिया गया, 19 महीने बाद जब आपातकाल समाप्त हुआ, जय प्रकाश जी के नेतृत्व में जनता पार्टी का गठन हुआ, 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी, जय प्रकाश जी में कभी पद की लालसा नही रही, वे निर्लिप्त भाव से देश की सेवा करना चाहते थे| अब वे लोक नायक से विभूषित हो गये थे, उन्होंने सम्पूर्ण क्रान्ति का आह्वान किया, कि सभी को राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, अध्यात्मिक, समान अवसर प्राप्त की स्वतंत्रता, समानता का अधिकार मिले, इनकी विलक्षण प्रतिभा, दृढ निश्चय, कर्तव्यपरायणता, निष्ठावान नैतिक आचरण की तारीफ स्वयं महात्मा गाँधी, जवाहर लाल नेहरू भी करते थे| वे सच्चे देश भक्त थे, भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपार कष्ट झेला, वे कर्मयोगी थे, उनके मन में सबके प्रति आदर का भाव था, वे ऊँच-नीच के भेद-भाव से परे एक आदर्श पुरुष थे, 8 अक्टूबर 1979 को पटना में उन्होंने अन्तिम साँस ली| 
    लोक नायक जय प्रकाश को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया, हम सभी उनके विचार के वाहक उन्हें स्मरण कर गौरव का अनुभव करते है कि उन्होंने देश और समाज के सर्वांगीण विकास के लिए सम्पूर्ण जीवन लगा दिया, यद्यपि उन्होंने सन्तान न पैदा करने का वचन ब्रह्मचर्य व्रत का पत्नी प्रभावती जी के साथ पालन करने का लिया था, लेकिन उनके विचार-आचार पर चलने वाली करोड़ों संतान उन्हें नमन, वन्दन, अभिनन्दन करते हुए स्मरण करतीं रहेंगीं| उनके सम्मान में राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर ने जय प्रकाश शीर्षक से काव्य लिखा:-


                                “वह सुनो भविष्य पुकार रहा,
                                वह दलित देश का त्राता है|
                                स्वपनों का दृष्टा जय प्रकश,
                                भारत का भाग्य विधाता है”||  



लेखक:                                                                                                                                                           राम दुलार यादव 


15 से 26 नवम्बर तक हर माह निर्धारित विषय पर डिजिटल ग्रामों में जागरूकता कार्यक्रम का होगा आयोजन


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद।उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के प्लान  एक्शन 2020- 21 के अनुपालन में माननीय जनपद न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेश पर तहसील विधिक सेवा समिति मोदीनगर के क्षेत्राधिकार में ग्राम रोरी ब्लॉक भोजपुर कॉमन सर्विस सेंटर मैं सिटीजन ड्यूटीज अवेयरनेस प्रोग्राम (सीडीएपी) प्रोजेक्ट के तहत 15 से 26 नवम्बर तक हर माह निर्धारित विषय पर डिजिटल ग्रामों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किए जाने की कार्य योजना भारत सरकार विधि एवं न्याय मंत्रालय नई दिल्ली के द्वारा प्रस्तावित की गई है।   के अंतर्गत ग्राम रोरी कॉमन सर्विस सेंटर में सिटीजन ड्यूटीज अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन जिसकी अध्यक्षता मनोज कुमार लेखपाल तहसील मोदीनगर गाजियाबा ने की संचालन शहजाद अली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद ने किया । स कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अभिषेक कुमार जिला समन्वयक अधिकारी कॉमन सर्विस सेंटर गाजियाबाद ने गांव के उपस्थित लोगों को संविधान में प्रदत्त मौलिक कर्तव्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में नागरिकों के 11कर्तव्य बताए गए हैं। भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि संविधान का पालन करें और उसके आदर्शों संस्थाओं और राष्ट्र ध्वज राष्ट्रगान का आदर करें। स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले कुछ आदर्शों को हृदय में संजोए रखें भारत की प्रभुता एकता और अखंडता की रक्षा करें। प्रत्येक माता-पिता का यह कर्तव्य है कि 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा प्रदान करें। इस कार्यक्रम में ग्राम रोरी कामन सर्विस सेंटर के बीएलई ने वीडियो के माध्यम से शिविर में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को विधिक साक्षरता शिविर की जानकारी उपलब्ध कराई का शिविर में उपस्थित बैरिस्टर गिरी परामर्शदाता अमूल्य वित्तीय साक्षरता केंद्र ने बैंक की विभिन्न जमा एवं कृषि ऋण योजनाओं तथा भारत सरकार के सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के विषय में जानकारी उपलब्ध कराई   शिविर की अध्यक्षता करते हुए मनोज कुमार लेखपाल के द्वारा प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान तथा ला मिनिस्ट्री एवं आईटी मिनिस्ट्री के संयुक्त रूप से संचालित किया टेली ला प्रोजेक्टआदि योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई गई शिविर में उपस्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गाजियाबाद  से  शहजाद अली  के द्वारा निशुल्क वकील मध्यस्था केंद्र लोक अदालत आदि के संबंध में जागरूक किया तथा महिला सशक्तिकरण एवं महिला स्वयं सहायता समूह योजना की जानकारी उपलब्ध कराई शिविर का समापन ग्राम रोरी  पंजाब नेशनल बैंक के बैंक मित्र नितेश ने धन्यवाद देकर किया शिविर में उपस्थित एवं आशा कार्यकर्ती वह स्वयं सहायता समूह की महिलाएं उपस्थित रहे।
जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद ।


विधायक नंद किशोर गुर्जर ने बदली है लोनी के स्वास्थ्य विभाग की तस्वीर: पं ललित शर्मा


प्रमोद मिश्रा   
लोनी। शनिवार को मानसिक स्वास्थ्य दिवस के मौके पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोनी में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर एवं गोष्ठी का विधायक प्रतिनिधि पं ललित शर्मा ने उद्घटान किया। इस दौरान पंडित सचिन शर्मा प्रदेश अध्यक्ष किसान यूनियन,मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ राजेश तेवतीया, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी गाजि., डॉ नीरज अग्रवाल, डॉ रवि, डॉ धर्म राज आदि उपस्थित रहें। इस दौरान शिविर में मरीजों का निशुल्क परीक्षण व उपचार, दवाओं का वितरण, मरीजों की काउंसलिंग, मानसिक दिव्यांगता प्रमाण पत्र का वितरण, जन सामान्य को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही पीड़ितों को पोष्टिक आहार का वितरण भी किया गया।


विधायक प्रतिनिधि ललित शर्मा ने कहा विधायक नंदकिशोर गुर्जर के अथक प्रयासों से बदली है लोनी के स्वास्थ्य विभाग की तस्वीर:
विधायक प्रतिनिधि पं ललित शर्मा ने कहा मौजूदा समय में लोग मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते जिसका दुष्प्रभाव जानलेवा तक होता है। ऐसे में माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर जी द्वारा लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से लगाएं गए शिविरों से समाज में जागरूकता आएगी। आज लोनी में स्वास्थ्य विभाग में पिछले 3 सालों में अभूतपूर्व सुधार आया है। स्वास्थ्य केंद्र का विस्तार का कार्य माननीय विधायक नंद किशोर गुर्जर जी के अथक प्रयासों से चल रहा है आने वाले समय में यह 100 बेड का होगा और बरसात में जलभराव की समस्या भी समाप्त हो जाएगी । पिछले जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण लोनी की जनता का दिल्ली पर अधिक निर्भरता और दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री केजरीवाल  द्वारा समय समय पर यूपी के लोगों के लिए जारी किए गए तालिबानी आदेशों के बाद माननीय विधायक जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी से भेंट कर लोनी में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 100 बेड का मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य स्वीकृत करवाया जिसका निर्माण अंतिम चरण में है। आज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कई तरह की सुविधाओं को जोड़ा गया है जिसका लाभ लोनी की जनता को मिल रहा है। अत्याधुनिक सुविधायुक्त एम्बुलेंस स्वास्थ्य केंद्र को दी गई है। दर्जनों डिस्पेंसरी लोनी में खोली गई है। आने वाले समय में दिल्ली पर लोनी के लोगों की निर्भरता खत्म हो सकें इस दिशा में माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर जी लगातार प्रयासरत है और जल्द लोनी को मेडिकल कॉलेज की भी सौगात मिलेगी। वही बिजली पानी शिक्षा चिकित्सा सड़क एवं क्राइम कंट्रोल में भी लोनी मैं पिछले 3 साल में बहुत विकसित बदलाव हुए हैं
वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर राजेश  तेवतिया ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि नींद न आना या देरी से आना, चिंता, घबराहट, तनाव रहना, काम में मन न लगना, आत्महत्या का विचार आना, याददाश्त कमी आदि के लक्षण मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बीमारियों के लक्षण है जो नियमित उपचार से ठीक हो सकते हैं।  वहीं गंभीर मानसिक विकारों में सिजोफ्रेनिया, हिस्टीरिया, पैनिक, डिस आर्डर, फोबिया, ऑर्गेनिक साइकोसिस, मिर्गी, मेनिया और गहन अवसाद से लोग पीडि़त है। इन पर निरंतर इलाज और नियमित ध्यान देने की आवश्यकता होती है।  इस दौरान मनोचिकित्सक डॉ. साकेत तिवारी, चंदा यादव, मनोसमाजिक कार्यकर्ता सोमदेव माझी, राकेंदर सिंह, आकाश त्यागी आदि उपस्थित रहें।


ठाकुर गौरव सिंह राणा बने मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव


समीक्षा न्यूज—संवाददाता
गाजियाबाद। मीडिया एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश कुमार कश्यप द्वारा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए संगठन को मजबूती के साथ आगे बढ़ाते हुए गाजियाबाद निवासी ठाकुर गौरव सिंह राणा प्रधान संपादक राष्ट्रीय दैनिक सहारा टुडे समाचार पत्र को मीडिया एसोसिएशन में राष्ट्रीय महासचिव पद पर मनोनीत किया गया है और आशा की गई कि वह संगठन को देशभर में आगे बढ़ाने के साथ देश के समस्त पत्रकारों की आवाज को शासन प्रशासन के सामने उच्च इसतर पर उठाने का काम करेंगे वह इस दौरान उनके उज्जवल भविष्य की कामनाएं भी की गई संगठन के सभी पत्रकार पदाधिकारियों ने भी राष्ट्रीय महासचिव मनोनीत किए जाने पर श्री ठाकुर सिंह गौरव राणा जी को बधाई दी।



Friday 9 October 2020

“मनुष्य का आत्मा कर्म करने में स्वतन्त्र और फल भोगने में परतंत्र है”


हमें ज्ञात है व ज्ञात होना चाहिये कि संसार में तीन अनादि व नित्य पदार्थों का अस्तित्व है। यह तीन पदार्थ ईश्वर, जीव व प्रकृति हैं। ईश्वर व जीव सत्य एवं चेतन पदार्थ हैं। ईश्वर स्वभाव से आनन्द से युक्त होने से आनन्दस्वरूप है तथा जीव आनन्द व सुख से युक्त न होने के कारण आनन्द व सुख प्राप्ति की चेष्टा करता है। ईश्वर जीव को सुख व आनन्द देने में सहायक होता है। जीवों को सुख आदि देने के लिये ही ईश्वर इस सृष्टि को रचा है व वही इसका पालन करता है जिससे सभी जीवों को उनके जन्म-जन्मान्तरों के सभी शुभ व अशुभ कर्मों का यथायोग्य सुख व दुःखी कर्मों फल प्राप्त हो सके। परमात्मा ने इस सृष्टि वा ब्रह्माण्ड को प्रकृति नामी अनादि पदार्थ से बनाया है। यदि यह तीन अनादि व नित्य पदार्थ न होते तो हम भी न होते, न ही ईश्वर होता और न ही यह संसार व ब्रह्माण्ड होता। इस ब्रह्माण्ड में ईश्वर एक मात्र सत्ता है। संसार में दूसरा व तीसरा कोई ईश्वर व इसके समान सत्ता नहीं है। जीवात्मायें सब एक समान हैं जो अपने पूर्वजन्म के कर्मों के अनुसार भिन्न-भिन्न योनियों में जन्म लेकर अपने पूर्वकृत कर्मों का सुख व दुःख रूपी फलों का भोग कर रही हैं व परमात्मा इनको भोग प्रदान कर रहा है। संसार में जीव संख्या में अनन्त हैं। इनकी संख्या इतनी अधिक है कि उसको गणित की दृष्टि से नहीं जाना व बताया जा सकता परन्तु ईश्वर के ज्ञान में जीवों की यह अनन्त संख्या भी सीमित ही मानी जाती है। इस प्रकार ईश्वर से रचित यह संसार अस्तित्व में आकर जीवों के द्वारा कर्म भोग के लिये चलता जाता है। अनादि काल से यह चल रहा है और अनन्त काल तक इसी प्रकार से चलता रहेगा। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति व प्रलय परमात्मा के द्वारा होती रहती है। एक सृष्टि की आयु 4 अरब 32 करोड़ वर्ष होती है। इसे ईश्वर का एक दिन कहा जाता है। इतनी ही बड़ी रात्रि होती है। यह दोनों मिलकर 8 अरब 64 करोड़ वर्षों का एक दिन होता है। सृष्टि के इस कल्प के 1 अरब 96 करोड़ वर्षों का भोग हो चुका है। शेष काल का भोग अभी होना है। इससे ज्ञात होता है कि अभी यह सृष्टि अपनी 4 अरब 32 करोड़ वर्ष की आयु को प्राप्त कर प्रलय को प्राप्त होगी। 
ईश्वर के सत्यस्वरूप को जानना प्रत्येक मनुष्य के लिये आवश्यक एवं अनिवार्य है अन्यथा मनुष्य का जीवन सार्थक नहीं होगा। ऋषि दयानन्द ने ईश्वर प्रदत्त वेद ज्ञान के आधार पर बताया है कि ईश्वर सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, न्यायकारी, दयालु, अजन्मा, अनन्त, निर्विकार, अनादि, अनुपम, सर्वाधार, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अजर, अमर, अभय, नित्य, पवित्र और सृष्टिकर्ता है। हमारा यह ईश्वर सर्वज्ञ है, उसी ने जीवों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल का भोग कराने व मुक्ति प्रदान करने के लिये साधन रूप में इस सृष्टि को बनाया है। ईश्वर जीवों के कर्म फलों का विधाता व व्यवस्थापक है। वह वेदज्ञान का दाता भी है। जीव सत्य व चेतन स्वरूपवाली अल्पज्ञ, अनादि, अमर, अविनाशी, एकदेशी, ससीम, जन्म-मरण धर्मा, वेदाचरण से जन्म मरण से मुक्त होने वाली तथा मोक्षानन्द को प्राप्त होने वाली सत्ता है। ईश्वर ने सृष्टि जीवात्माओं के भोग के लिये बनाई है। वेदों में ईश्वर की आज्ञा है कि जीव इस सृष्टि का भोग त्यागपूर्वक करे। वेद में यह भी बताया गया है कि मनुष्य को लोभ व लालच नहीं करनी चाहिये। मृत्यु होने पर यह सब धन व पदार्थ सभी यहीं रह जाते हैं, जीवात्मा के साथ परलोक में नहीं जाते। जीवात्मा के साथ उसके ज्ञान आदि कर्म व संस्कार ही रहते हैं व परजन्म में भी साथ जाते हैं। इसलिये विवेकशील मनुष्यों को भौतिक पदार्थों व सम्पत्ति का अधिक मात्रा में संचय न कर दैवीय गुणों का धारण व परोपकार के कार्यों को करके सद्कर्म-सम्पत्ति का संचय करना चाहिये। इसी से जीव का कल्याण होता है। ऐसा करके ही संसार के सभी जीव अपने लिये आवश्यकता की सुख की सामग्री को प्राप्त कर सकते हैं। अधिक संचय से दूसरे प्राणियों के भोग में बाधा पहुंचती हैं, इसलिये आवश्यकता से अधिक संचय का विचार व मान्यता अनुचित होने से जीवों के हित में नहीं होती। ऐसा ही वेद से भी अनुमोदित होता है। 
परमात्मा की व्यवस्था में सभी जीव कर्म करने में स्वतन्त्र हैं। कर्म का फल जीवों को अनेक जन्म लेकर भी भोगना पड़ता है। कोई भी कर्म उसका बिना भोग किये छूटता व निष्फल नहीं होता है। कर्म के फलों की प्राप्ति में सभी जीव ईश्वर के अधीन होते हैं। कोई आचार्य व धर्माचार्य भी कर्म फल भोग से अपने आप को बचा नहीं सकता। ईश्वर का कर्म फल सिद्धान्त अटल है। वह पक्षपात रहित होकर सभी जीवों, विद्वानों, आचार्यों व मत-पन्थ सम्प्रदायों के प्रवर्तकों को भी उनके कर्मों के अनुसार न्यायकर करते हुए कर्मों का फल प्रदान करता है। संसार में कुछ मतों ने यह मिथ्या सिद्धान्त प्रवृत्त है कि किसी मत विशेष को मानने से मनुष्य के पाप रूपी फल क्षमा कर दिये जाते हैं। यह सिद्धान्त मिथ्या है। इस सिद्धान्त को तर्क की कसौटी पर सत्य सिद्ध नहीं किया जा सकता। यदि इस सिद्धान्त को स्वीकार कर लिया जाये तो इसका अर्थ है कि सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक तथा सर्वज्ञ परमेश्वर की न्यायव्यवस्था का भंग होना। पाप क्षमा करने की मान्यता मत-मतान्तरों की मिथ्या कल्पना है। इसका तर्क व उचित हेतु नहीं है। सभी जीवों वा मनुष्यों को अपने-अपने कर्मों के फल भोगने ही पड़ते हैं। 
सर्वव्यापक और सर्वान्तर्यामी ईश्वर की दृष्टि से किसी जीव का कोई कर्म छुपता नही है। कोई भी जीव रात्रि के गहन अन्धकार में भी जो शुभ व अशुभ विचार करते हैं वह सर्वान्तर्यामी ईश्वर को विदित होता है। अतः ईश्वर को जीवों को उनके सभी कर्मों का फल देने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती। ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ में तर्क व युक्तियों से कर्म फल भोग व ईश्वर द्वारा पाप क्षमा न करने के सिद्धान्त को पुष्ट किया है। सत्यार्थप्रकाश का अध्ययन कर कर्म फल भोग के इस सिद्धान्त को समझा जा सकता है कि सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगने में ईश्वर की व्यवस्था में परतन्त्र हैं। उन्हें कोई भी सत्ता व साधन कर्मों का फल भोगने से बचा नहीं सकते। शुभ व पुण्य कर्मों का फल सुख तथा अशुभ व पाप कर्मों का फल दुःख सभी जीवों को भोगना ही पड़ता है। अतः सभी मनुष्यों को वेद व सत्यार्थप्रकाश आदि वैदिक साहित्य का अध्ययन करना चाहिये और भविष्य तथा जन्म-जन्मान्तर में उन्हें किसी प्रकार के दुःख न हों, इसके लिये वेदविहित शुभ कर्मों का आश्रय लेने के साथ वेद निषिद्ध अशुभ कर्मों का सर्वथा त्याग कर देना चाहिये। ऐसा करके ही जीव की उन्नति होकर उसे सुख व आनन्द की प्राप्ति होती व हो सकती है। संसार में हम मनुष्य व इतर योनियों में जीवों को जो दुःख भोगते हुए देखते हैं उनमें से उनके अनेक दुःखों का कारण पूर्वजन्म के कर्म हुआ करते हैं। पूर्वजन्म के कर्मों के कारण ही मनुष्य को नाना प्राणी योनियों में से एक योनि जिसे जाति कहा जाता है, परमात्मा से प्राप्त होती है। आयु सहित सुख व दुःख भी पूर्वजन्मों के अभुक्त कर्मों के आधार पर ही परमात्मा द्वारा प्रदान किये जाते हैं। मनुष्य स्वयं विचार कर अथवा शास्त्रों का अध्ययन कर स्वयं इन सिद्धान्तों को समझ सकते हैं। 
हमारे इस संसार का अस्तित्व परमात्मा के कारण है। परमात्मा ने ही इस जगत को बनाया है। यह संसार ईश्वर की कृति है और उसके अस्तित्व के होने का साक्षात प्रमाण है। संसार में यह सिद्धान्त भी प्रवृत्त है कि रचना को देखकर रचयिता का ज्ञान होता है। हम मनुष्य निर्मित कोई भी रचना देखते हैं तो हमें विदित होता है कि यह किसी मनुष्य ने बनाई अथवा मनुष्यों द्वारा किसी उद्योग में बनाई गई है। यदि मनुष्य न होते तो मनुष्यकृत रचनायें भी न होती। इसी प्रकार से इस सृष्टि व इसके भिन्न-भिन्न सूर्य, चन्द्र, गृह, उपग्रह, पृथिवी, अग्नि, जल, वायु, आकाश, अन्न, ओषधि, प्राणी आदि सभी को ईश्वर ने ही बनाया है। ईश्वर है इसी लिये यह बनें हैं। यदि वह न होता तो न बनते। यह सृष्टि व पदार्थ किसी अन्य सत्ता द्वारा बनायें नहीं जा सकते थे। इसलिये ईश्वर का अस्तित्व यथार्थ एवं सिद्ध है। मनुष्य योनि हो व अन्य प्राणी योनियां, सर्वत्र हम सब प्राणियों को सुख व दुःख से युक्त देखते हैं। इससे भी ईश्वर व उसकी व्यवस्था का ज्ञान होता है। यजुर्वेद में कहा गया है कि मनुष्य को वेदविहित शुभ कर्मों को करते हुए ही एक सौ व कुछ अधिक वर्ष जीनें की इच्छा करनी चाहिये। कर्मफल सिद्धान्त पर एक संस्कृत श्लोक से अच्छा प्रकाश पड़ता है। इस श्लोक के कुछ शब्द हैं ‘अवश्यमेव भोक्तव्यं कृतं कर्म शुभाशुभम्।’ अर्थात् मनुष्य को अपने किये हुए शुभ व अशुभ कर्मों के फल अवश्य ही भोगने होते हैं। यह सिद्धान्त विचार व चिन्तन करने पर सत्य सिद्ध होता है। सत्यार्थप्रकाश में ऋषि दयानन्द ने इस विषयक जो चिन्तन प्रस्तुत किया है उससे भी इस सिद्धान्त की पुष्टि होती है। 
हम जीव हैं, अनादि व नित्य सत्ता हैं, हम जन्म व मरण धर्मा हैं। हमारा अर्थात् हमारी आत्मा का जन्म व मरण होता है। मरण के बाद पुनर्जन्म होता है तथा जन्म से पूर्व मरण हुआ होता है। इन सब व्यवस्थाओं को ईश्वर भली प्रकार से क्रियान्वित करते हैं। जीव कर्म करने में स्वतन्त्र हैं। ईश्वर किसी जीव को किसी कर्म करने से रोकते नहीं हैं। हां, वह आत्मा मं। अशुभ कर्मों को न करने तथा शुभ कर्मों की प्रेरणा अवश्य करते हैं। हम जो कर्म करते हैं उसका फल हमें अवश्य ही भोगना पड़ता है। इससे हम व कोई अन्य जीव बच नहीं सकता। हम इस सिद्धान्त को समझेंगे तो हमें इससे इस जन्म व परजन्मों में भी लाभ होगा। इसी लिये हमने इस सिद्धान्त को इस लेख में प्रस्तुत किया है। सब मनुष्यों की अपनी उन्नति के लिये वैदिक धर्म की शरण में आना चाहिये। सत्यार्थप्रकाश का अध्ययन करना चाहिये। इससे वैदिक धर्म के पालन का मार्ग प्रशस्त होगा। 
-मनमोहन कुमार आर्य


11 अक्टूबर को होगा श्री वैश्य सेवा समिति का प्रथम डिजिटल परिचय सम्मेलन 


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने वह बचाने के लिए जहां सभी सामाजिक गतिविधियां बंद हो गई हैं वही विवाह योग्य वैसे युवक-युवतियों के विवाह के रिश्ते तय होते रहे हैं इसके लिए श्री वैश्य सेवा समिति ने इस वर्ष प्रथम डिजिटल वैश्य वैवाहिक परिचय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है यह अनूठा वह पहला परिचय सम्मेलन 11 अक्टूबर 2020 को दिन रविवार अग्रसेन भवन लोहिया नगर में होगा परिचय सम्मेलन के आयोजन में नाही प्रत्याशी युवक युवती होंगे और ना ही अभिभावक आ आएंगे श्री वैश्य सेवा समिति द्वारा परिचय सम्मेलन में जिन युवक-युवतियों के पंजीकरण हुए हैं वह एक वीडियो क्लिप बनाकर भेज रहे हैं जिसमें विवाह से संबंधित वैवाहिक जानकारी प्रत्याशी द्वारा स्वयं ही दी जा रही है समिति द्वारा सभी वीडियो क्लिप को संग्रहित कर के आरके सिंघल व राकेश मित्तल द्वारा एक सीडी बनाई गई है 11 अक्टूबर 2020 को परिचय सम्मेलन में पुस्तिका तथा सीडी का विमोचन किया जाएगा इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रुप में अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय चेयरमैन प्रदीप मित्तल होंगे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय श्री अनिल अग्रवाल राज्यसभा सांसद करेंगे मुख्य वक्ता उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री श्री अतुल गर्ग रहेंगे विशिष्ट अतिथि में आनंद प्रकाश लोहे वाले श्री सुरेश बंसल पूर्व विधायक श्रीमती सुनीता दयाल प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा श्री पवन गोयल वरिष्ठ भाजपा नेता श्री कैप्टन विकास गुप्ता राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री अशोक गोयल उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड श्री जितेंद्र सिंघल राष्ट्रीय मंत्री अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन श्री संजय गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष अग्रवाल संगठन सभी अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे कार्यक्रम की संपूर्ण जानकारी सौरभ जायसवाल प्रांतीय मीडिया प्रभारी अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन  द्वारा दी गई।


जीवन शैली और उच्च रक्तचाप पर गोष्ठी सम्पन्न


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
नियमित व्यायाम व पौष्टिक आहार से उच्च रक्तचाप का निदान सम्भव-डॉ सुनील रहेजा (एम एस,पंत अस्पताल, दिल्ली)
जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन आवश्यक- राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद। शुक्रवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "जीवन शैली और उच्च रक्तचाप" विषय पर ऑनलाईन गूगल मीट पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे परिषद का 101वां वेबिनार था।
मुख्य वक्ता डॉ सुनील रहेजा(एम एस,पंत अस्पताल,दिल्ली) ने कहा कि रक्तचाप की रीडिंग 140/90 mmHg या अधिक दर्शाती है तो खतरे का संकेत है। 120/80mmHg से नीचे की रीडिंग को सामान्य माना जाता है।उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है,उसको उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ जाती है।व्यक्ति अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर उच्च रक्तचाप से बच सकता है।रक्तचाप की समय समय पर जाँच आवश्यक है।साथ ही योग व नियमित व्यायाम द्वारा वजन कम करके,स्वस्थ व पौष्टिक आहार,दैनिक दिनचर्या में नमक व कैफीन की मात्रा को कम करने का परामर्श दिया।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि उच्च रक्तचाप या हाई बीपी की समस्या पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है।मुख्य रूप से हृदय रोगों,किडनी के निष्क्रिय होने जैसी अनेक समस्याओं के पीछे रक्तचाप का अधिक होना ही प्रमुख कारण है।कई रोगियों को अधिक रक्तचाप का पता ही नहीं चलता।योग,प्राणायाम,व्यायाम व जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन कर रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास कर इस प्रकार के रोगों से बचा जा सकता है। 
कार्यक्रम के अध्यक्ष नरेश खन्ना (चार्टर्ड अकाउंटेंट) ने 88वें भारतीय वायुसेना दिवस के अवसर पर शुभकामनाएं दीं और कहा कि हमे भारतीय सेना पर गर्व है।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि आज के भागदौड़ भरी जीवन शैली में फास्ट फूड और शारीरिक परिश्रम की कमी अनेक रोगों का कारण है।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि प्रतिदिन 15 मिनट नाड़ीशोधन प्राणायाम सहज गति से व मंडूकासन,शशांकासन करना उच्च रक्तचाप में लाभदायक है।
केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया।
गायिका उर्मिला आर्या,दीप्ति सपरा,मधु खेड़ा,वीना वोहरा, प्रतिभा सपरा, ईश्वर आर्या,सविता आर्या,कमलेश चांदना,द्रोपदी तनेजा आदि ने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई, के के यादव,आनंदप्रकाश आर्य, प्रकाशवीर शास्त्री,देवेन्द्र गुप्ता, देवेन्द्र भगत,सुरेन्द्र शास्त्री,ओम सपरा,महेन्द्र नागपाल,विजय हंस, संतोष शास्त्री आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य,


एक दिवसीय प्रशिक्षण हुआ संपन्न


धनसिंह—समीक्षा न्यूज    
गाजियाबाद। प्रशिक्षण में विभिन्न जिले में संचालित गैर सरकारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भाग लिया कार्यक्रम का शुभारंभ चंचल गौतम जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड शिवप्रसाद यादव जिला अग्रणी प्रबंधक केनरा बैंक एवं  संस्थान के निदेशक मनीष सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया इसके बाद चंचल गौतम जी ने कार्यक्रम की रूपरेखा से सभी को अवगत कराया और बताया कि नाबार्ड के द्वारा आयोजित आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे गैर सरकारी संगठनों के क्षेत्र कार्यकर्ताओं की क्षमता विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें कि वह अपने संगठन को और अच्छे प्रकार से चला सकें इसके बाद शिवप्रसाद यादव जिला अग्रणी मुख्य प्रबंधक केनरा बैंक ने सभी प्रतिभागियों को बैंक की विभिन्न योजनाओं की रूपरेखा बताई की इन योजनाओं के द्वारा सभी गैर सरकारी संगठन लोगों की जीवन ज्ञापन गतिविधियों को अच्छा कर सके इसके बाद रूट सेट  संस्थान के निदेशक  मनीष सिंह सभी पदाधिकारियों को संस्थान की गतिविधियों से अवगत कराया कि संस्थान स्वावलंबन के लिए विभिन्न कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करता रहता है जिसमें सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम निशुल्क होते हैं इन कार्यक्रम में रहना खाना सभी पूरी तरह से निशुल्क होता है जिनमें कोई भी व्यक्ति 18 से 45 वर्ष उम्र का प्रशिक्षण प्राप्त करके अपना रोजगार प्राप्त कर सकता है इस कार्यक्रम में दिनेश तोमर फैकल्टी रूप से संस्थान ललित त्यागी अध्यक्ष परिवार सोसायटी चंद्र प्रकाश सीएसआर हेड अंबुजा फाउंडेशन प्रवेश त्यागी प्रवेश सोसायटी आदि उपस्थित रहे।
साभार: राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


बीज जनित एवं भूमि जनित रोग फसलों को कभी कभी बहुत अधिक हानि पहुचाते है: आर एस वर्मा


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। रबी  2020-21 में बीज शोधन ध् भूमि शोधन कियान्वन के लिए रबी की प्रमुख फसलों गेहूँ, जौ, सरसो, आलू,चना, मटर, मसूर आदि फसलो में बीज शोधन एवं भूमि शोधन करना अनिवार्य है क्योकि में बीज जनित एवं भूमि जनित रोग फसलों को कभी कभी बहुत अधिक हानि पहुचाते है। बीज शोधन भूमि शोधन कार्य हेतु कृषको को प्रोत्साहित किया जाये। बीज जनित एवं भूमि जनित रोगो से आगामी बोई जाने वाली फसल के बचाव हेतु गेंहू की फसल में करनाल बन्ट अनावृत्त कण्डवा जौ में आवृत्त कण्डवा पत्ती का धारीदार रोग एवं चना, मटर, मसूर का उकठा रोग सरसों का झुलसा सफेद गेरूई तुलासिता रोग आदि फफूदी जनित रोगों में बीज शोधन का अत्यधिक महत्व है। बीज शोधन से फसलो की रक्षा कर अधिक पैदावार ली जा सकती है। इस प्रकार प्रमुख भूमि जनित कीटो जैसे दीमक, सफेद गिंडार, सुत्रकृमि, भूमि जनित कारक मिटटी में पाये जाते है। जिनका भूमि शोधन द्वारा रोकथाम किया जा सकता है जिनका उपचार  विभिन्न प्रकार से किया जा सकता है जिसमे  बीज शोधनः- रबी की फसलो में फंफुदी द्वारा लगने वाले रोगो में बीज शोधन के लिए थीरम 75 प्रतिशत डब्लू०एस० की 2.5 ग्राम मात्रा को या कार्बन्डाजिम 50 प्रतिशत डब्लू0पी0 की 2 ग्रा० मात्रा को प्रति कि0ग्रा0 बीज को उपचारित करना चाहिये या 4 ग्रा0 ट्राइकोडर्मा प्रति कि0ग्रा0 बीज के लिए प्रयोग किया जा सकता है।,भूमि शोधनः- रबी की फसलो भूमि जनित कीटो जैसे दीमक, सफेद गिंडार, सुत्रकृमि, की रोकथाम के लिए क्लोरोपाइरोफास 20 प्रतिशत की 2.5 लीटर मात्रा प्रति हेक्टेयर की दर से भूमि शोधन करना चाहिये या काब्रोफयूरान 3 प्रतिशत सी0जी0 की 25-30 कि0ग्रा0 मात्रा प्रयोग करना चाहिये या ब्यूवेरिया बेसियाना 1 प्रतिशत बायोपेस्टिसाइड का 2.5 से 5 किग्रा0 प्रति हेक्टेयर की दर से भूमि शोधन किया जाये एवं भूमि जनित रोगो की रोकथाम के लिए ट्राइको डर्मा से 2.5 कि0ग्रा0 प्रति हे0 की दर से भूमि शोधन करने की सलाह कृषको को दी जाती है।
उक्त  जानकारी  डॉ आर एस वर्मा जिला कृषि रक्षा अधिकारी गाजियाबाद ने दी है उन्होंने कहा है कि  कृषकों को इसी प्रकार जानकारी निरंतर प्रदान करते रहेंगे और कृषकों को प्रशिक्षण,साहित्य, पम्पलैट आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार के द्वारा किसानों को में बीज शोधन एवं भूमि शोधन के महत्व के विषय में बताया जायेगा।
साभार: राकेश चौहान, जिला सूचना अधिकारी


“सामाजिक न्याय” दिवस के रूप में मनाई काशीराम जी की पुण्यतिथि


धनसिंह—समीक्षा न्यूज  
साहिबाबाद। लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट द्वारा ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0 टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में “पिछड़ों, दलितों, शोषितों व वंचित वर्ग की आवाज, सामाजिक क्रान्ति के पुरोधा” मान्यवर काशीराम जी की पुण्यतिथि “सामाजिक न्याय” दिवस के रूप में मनाई गयी, उपस्थित साथियों ने मान्यवर काशीराम के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की सराहना करते हुए उन्हें स्मरण किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता समाजवादी पार्टी के वरिष्ट नेता राम दुलार यादव रहे, अध्यक्षता डा0 अशोक ने, आयोजन इंजी0 धीरेन्द्र यादव ने, संचालन मुकेश शर्मा ने किया। डी0 पी0 मौर्य ने भी विचार व्यक्त किया।
    कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि मान्यवर काशीराम जी ने बाबा साहब डा0 भीमराव अम्बेदकर के कारवां को अपनी प्रतिभा, मेहनत, लगन से आगे बढ़ाने का कार्य किया, इन्होने बामसेफ नामक संगठन बनाकर लाखों लोगों को उसका सदस्य बनाया, जो महाराष्ट्र से शुरू हो पूरे देश में फ़ैल गया, 1981 में डीएसफोर की स्थापना की, दलित, शोषित समाज संघर्ष समिति इस संगठन के माध्यम से इन्होने पिछड़ों, दलितों, शोषितों को संगठित किया ही साथ में आपने इस संगठन से अल्पसंख्यकों को जोड़ा, कुछ लोगों का कहना है कि वे बड़ी जातियों के विरोध में थे, लेकिन मेरा मानना है कि वह कट्टरवादी ताकतों के विरोधी थे, जो समाज में विषमता पैदा करती है, ऊँच-नीच फैलाती है, सत्ता पर एकाधिकार रखना चाहती है, उनका मानना था कि “जिनकी जितनी संख्या भारी, उतनी उनकी हिस्सेदारी” इससे प्रमाणित होता है कि उनके मन में सबके प्रति समानता का भाव था।
    डा0 अशोक ने कहा कि 3000 किमी0 साईकिल यात्रा कर मान्यवर काशीराम जी वंचित समाज को जागृत किया तथा 1984 में “बहुजन समाज पार्टी” की स्थापना किया, जो उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो राष्ट्रीय दल बना, अपने लोगों में राजनीतिक चेतना पैदाकर 9 अक्टूबर 2006 में उनका परिनिर्वाण हुआ, लेकिन उन्होंने भारतीय राजनीति में अकेले दम पर बहुत बड़ा परिवर्तन करके दिखा दिया। हम सभी को मिलकर सामाजिक न्याय की लड़ाई में उनके विचार से प्रेरणा लेनी चाहिए।
    वीरेन्द्र यादव एडवोकेट जिला महासचिव समाजवादी पार्टी जनपद गाजियाबाद ने कहा कि मान्यवर काशीराम जी ने सीमित संसाधनों से महाराष्ट्र में लाखों सहयोगी तैयार किया तथा राजनीति में करोड़ों पिछडे, वंचित, शोषित, पीड़ित, किसानों, मजदूरों में राजनैतिक चेतना पैदा की। समता मूलक समाज बनाने में अपना पूरा जीवन लगा दिया।
  डी0 पी0 मौर्य जी ने मान्यवर कशीराम जी के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान करते हुए कहा कि सामाजिक, राजनैतिक चेतना पैदा करने के लिए इन्होने अपना घर-बार छोड़ दिया तथा बेजबान लोगों की बहुजन समाज पार्टी बनाकर उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े राज्य में पार्टी का शासन स्थापित किया, वह उनकी दूरदृष्टि का कमाल था।
   कार्यक्रम में सभी साथियों ने पुष्प अर्पित किया, प्रमुख रहे- डा0 अशोक कुमार, राम दुलार यादव, डी0 पी0 मौर्य, वीरेन्द्र यादव एडवोकेट, मुकेश शर्मा, बिन्दू राय, संजू शर्मा, दयाल शर्मा, आर0 पी0 सिंह, मोहम्मद सलाम, श्रीपाल कश्यप, फौजुद्दीन, पण्डित विनोद त्रिपाठी, हरिशंकर यादव, प्रेम चन्द पटेल, सुरेश कुमार भारद्वाज, केदार सिंह, अंकित राय, हरिकिशन, रण बहादुर, सुभाष यादव, अमर बहादुर, विनोद बाल्मीकि आदि।



बेसिक शिक्षा अधिकारी ने प्रदान किये प्रमाण पत्र


धनसिंह—समीक्षा न्यूज
नोएडा। पंचशील बालक इंटर कॉलेज नोएडा सेक्टर 91 में स्थित जिला स्काउट मुख्यालय में बेसिक शिक्षा विभाग गौतमबुद्धनगर के लगभग 50 स्काउट मास्टर, गाइड कैप्टन, कब मास्टर एवं फ्लॉक लीडर को उनके प्रशिक्षण के प्रमाण-पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतमबुद्धनगर श्री धीरेंद्र कुमार ,खंड शिक्षा अधिकारी जेवर श्री सुनील दत्त मुद्गल जी, जिला मुख्य आयुक्त डॉ.राकेश कुमार राठी जी, जिला आयुक्त स्काउट विजेंद्र कुमार जी, जिला गाइड कमिश्नर डॉ. मिथलेश गौतम जी, जिला सचिव डॉ. शिवकुमार शर्मा जी, जिला समन्वयक (प्रशिक्षण)गौतमबुद्धनगर श्री सूर्य प्रकाश राय जी के द्वारा प्रदान किए गए।
 कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया।तत्पश्चात स्काउट गाइड प्रार्थना सभी प्रतिभागियों और कार्यक्रम आयोजकों के द्वारा की गई । इसके बाद सभी अतिथियों का स्वागत स्कार्फ पहनाकर एवं बैज लगाकर किया गया। इसके बाद सभी प्रतिभागियों ने अपने परिचय दिए। उसके बाद उपस्थित अतिथियों द्वारा सभी प्रतिभागियों को गत वर्ष (2019-2020) के प्रशिक्षण के प्रमाण पत्र प्रदान किए गए, जिन्हें पाकर सभी स्काउट, गाइड एवं फ्लॉक लीडर और कब मास्टर बहुत प्रसन्न हुए।
इस अवसर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय ने अपने उद्बोधन में उपस्थित शिक्षकों को संदेश दिया कि वे स्काउट गाइड के अनुशासन तथा अन्य मानवीय मूल्यों को बच्चों तक अवश्य पहुंचाएं और न सिर्फ़ विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को इससे लाभान्वित करें बल्कि झुग्गी झोपड़ियों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए वहीं जाकर कैंप लगाएं और बच्चों को लाभान्वित करें ।उन्होंने ऐसे किसी भी कैंप का हिस्सा स्वयं भी बनने की इच्छा जताई।
जिला मुख्य आयुक्त डॉ राकेश कुमार राठी जी ने के अध्यापक राष्ट्र निर्माता होता है और अध्यापक होने के साथ-साथ स्काउट/ गाइड का हिस्सा होने से उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। हमें बच्चों तक स्काउट गाइड की सीख को अवश्य पहुंचाना चाहिए।
 शिक्षकों द्वारा बनाई गई कैंप से संबंधित सामग्री का सभी अतिथियों ने निरीक्षण किया शिक्षकों द्वारा बनाई गई सामग्री की प्रशंसा की।  कार्यक्रम के अंत में सभी ने राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम का समापन किया।
इस कार्यक्रम का आयोजन जिला आयुक्त (स्काउट) श्री शिव कुमार और जिला आयुक्त (गाइड) सुश्री शेफाली गौतम के दिशा निर्देश में किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला गाइड कैप्टन भारती श्रीवास्तव, ब्लॉक गाइड कैप्टन आरती कुलश्रेष्ठ,श्रीमती ज्योतिर्मयी पांडे, श्रीमती रश्मि त्रिपाठी,अर्चना शिरोमणि एवं डी.टी.सी. विकास कुमार ने सहयोग दिया।


साभार: राकेश चौहान