प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। रविवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने प्रधानमंत्री स्वनिधी योजना के अंतर्गत बलराम नगर स्थित एसबीआई की शाखा पर 500 लाभार्थियों के बीच 5 कऱोड की राशि वितरित की। योजना के तहत 10 हजार की मदद का चेक प्रत्येक लाभार्थियों को प्रदान किया गया। इस दौरान एसबीआई शाखा के प्रबंधक जोशी व अन्य अधिकरी मौजूद रहें। जरूरतमंद लाभार्थियों को चेक मिलने पर उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विधायक नंदकिशोर गुर्जर का आभार जताया।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने बताया कि लोनी में लगभग 8 हजार रेहड़ी-पटरी, छोटे दुकानदार आदि का स्वनिधि योजना के तहत नामांकन भाजपा कार्यकर्ताओं की मदद से करवाया गया है जिन्हें कॉरोना लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ी है। आज पहले चरण में 500 से अधिक जरूरतमंदों में 5 कऱोड से अधिक की राशि वितरण की गई है। विपरीत समय में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद मोदी जी ने अपने कथनानुसार अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता से संबल प्रदान किया है जिससे ये अपना खुद का काम नए सिरे से शुरू कर पाएंगे। लोनी के असहाय और जरूरतमंद लोगों की स्वनिधि योजना के तहत मदद करने पर मैं देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार जताता हूँ।
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Sunday 18 October 2020
स्वनिधि योजना के तहत विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने रेहड़ी-पटरी वालों को बांटी 5 कऱोड रुपये की मदद
महर्षि दयानंद दर्शक दीर्घा हापुड़ की प्रथम वर्ष गांठ संम्पन्न
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
यज्ञ,योग ओर आयुर्वेद वैदिक संस्कृति के आधार स्तम्भ -स्वामी आर्य वेश(प्रधान, सार्वदेशिक सभा)
बढ़ता पाखण्ड-अंधविश्वास समाज के लिए घातक -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
हापुड़। रविवार को आर्य समाज हापुड़ में गत वर्ष स्थापित "महर्षि दयानंद दर्शक दीर्घा" जिसका उदघाटन माननीय राज्यपाल गंगाप्रसाद जी ने किया था कि प्रथम वर्ष गांठ पर ऑनलाइन गूगल मीट पर समारोह का आयोजन किया गया।
सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान स्वामी आर्य वेश ने कहा कि उदयपुर के बाद इस प्रकार का प्रचार कार्य हापुड़ आर्य समाज ने किया है जो कि अत्यंत सराहनीय है इस चित्र दीर्घा से नए लोग प्रेरणा ग्रहण करेंगे।महर्षि दयानन्द के बताए रास्ते पर चलकर ही समाज का कल्याण हो सकता है।महर्षि दयानंद युग द्रष्टा थे उन्होंने समाज में आमूल चूल परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त किया। उन्होंने एक नई सोच व वैचारिक क्रांति को जन्म दिया जिसे जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।वैदिक संस्कृति के तीन आधार स्तम्भ यज्ञ,योग ओर आयुर्वेद हैं इन तीन की रक्षा से पर्यावरण व मानव मात्र ठीक रहेगा,योग से इम्यूनिटी बढ़ाना,आयुर्वेद की ओषधियों से स्वास्थ्य ठीक रखना ओर चित्र दीर्घा यह वर्तमान में वैदिक संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु डिजिटल टेक्नोलॉजी है।
समारोह अध्यक्ष केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आज समाज में बढ़ता पाखण्ड अंधविश्वास चिंता का विषय है, पढ़े लिखे लोग भी इसमें फंस जाते है।बड़े बड़े राजनेता हो या उद्योगपति कहीं न कही इसके जाल में फंसे दिखाई देते है प्रतिष्ठित व्यक्तियों को देखकर आम व्यक्ति भी बहक जाता है ये दर्शक दीर्घा जीवन को सही मार्ग पर चलने में सहायता करेगी। सामुहिक आत्म हत्या की घटनाएं भी झंझकोर देती हैं आर्य समाज के प्रत्येक कार्यकर्ता को अब जनजागरण का कार्य करना है।
उदयपुर के सत्यार्थ प्रकाश न्यास के प्रधान अशोक आर्य ने कहा कि महर्षि दयानंद जी ने उदयपुर के नवलखा महल में बैठकर सत्यार्थ प्रकाश की रचना की थी उसी की प्रतिलिपि के रुप में आर्य समाज हापुड़ ने महर्षि दयानंद चित्र दीर्घा का निर्माण कर सराहनीय कार्य किया है,इस पर उन्होंने प्रसन्नता जाहिर की ओर कहा यह आर्यावर्त के प्रदर्शन की दीर्घा है।
गायिका संगीता आर्या,पुष्पा चुघ व आचार्य धर्मेन्द्र शास्त्री ने ईश भक्ति के गीतों से समा बांध दिया।
कुशल संचालन करते हुए आर्य नेता आनन्द प्रकाश आर्य ने कहा कि उत्तर भारत में यह दर्शक दीर्घा आकर्षण का केंद्र बनती जा रही है जो कि महर्षि दयानंद जी के विचारों को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर प्रधान नरेंद्र कुमार आर्य,मंत्री अनुपम आर्य,प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य,विश्व बंधु आर्य,ओम प्रकाश आर्य,सत्यपाल आर्य,रमाकांत सारस्वत,सौरभ गुप्ता,राधारमण आर्य,मंगलसेन गुप्ता,सुरेश सिंघल,संजय शर्मा,सुरजीत सिंह, रामपाल आर्य,युवती परिषद् की अध्यक्षता उर्मिल आर्या,मंत्री डॉ सुषमा आर्या,रजनी गोयल आदि उपस्थित थे।
भवदीय,
प्रवीण आर्य
आयुर्वेद से लीवर की समस्याओं का समाधान पर गोष्टी संपन्न
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
भारतीय रसोई है आयुर्वेदिक औषधालय -डॉ सुषमा आर्या(आयुर्वेदाचार्या)
योग व व्यायाम से रखें शरीर को स्वस्थ -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
गाज़ियाबाद। रविवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आयुर्वेद से लीवर की समस्याओं का समाधान विषय पर ऑनलाईन गूगल मीट पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे परिषद का 105 वां वेबिनार था।
आयुर्वेदाचार्या डॉ सुषमा आर्या (महामंत्री,केन्द्रीय आर्य युवती परिषद) ने कहा कि अगर भोजन ठीक प्रकार से पच नहीं रहा हैं या पेट में किसी प्रकार की परेशानी आ रही हैं तो ये लिवर की खराबी के लक्षण हैं।भारतीय रसोई औषधालय से कम नही है।लिवर को मजबूत बनाने के लिए लौकी, हल्दी,धनिया,गिलोय और काला नमक मिलाकर जूस बनाएं।इस जूस को पीने से लीवर की सारी गन्दगी अपने आप निकल जाएगी।लीवर के विषैले पदार्थ निकालने के लिए आप गाजर, आंवला और सेंधा नमक मिलाकर भी जूस बना सकते हैं।इस जूस को पीने से लीवर की सूजन मात्र 1 हफ्ते में ही कम हो जाएगी। लिवर की खराबी से ही सभी बीमारियां शुरू होती है।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा की लिवर यानी यकृत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है।इसे शरीर का इंजन कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि हम जो भी खाते-पीते हैं उसे अच्छी तरह से पचाने में लिवर का सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है, किन्तु भागदौड़ की जिंदगी में हम आमतौर पर लिवर की देखभाल पर ध्यान नही देते।लिवर हमारे खून को साफ करता है।लिवर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को निष्क्रिय करता है और प्रोटीन बनाता है जिससे हम रक्तस्त्राव और इंफेक्शन से बचे रहते हैं।प्राणायाम,आसान व दैनिक दिनचर्या में पौष्टिक आहार को सम्मिलित कर लिवर को मजबूत बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष सी ए तिलक चांदना ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति वैदिक संस्कृति की देन है इसके प्रचार प्रसार के लिए सभी को प्रयास करना चाहिए,जिससे यह एलोपैथिक की बराबरी में आ सके।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा की शरीर में पानी की मात्रा पर्याप्त रहनी चाहिए।पानी हमें हाइड्रेटेड रखता है और हमारे शरीर डिटॉक्स करने में मदद करता है।पानी का पर्याप्त मात्रा में सेवन लीवर के लिए भी अच्छा माना जाता है।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि भूख से अधिक खाना, जंक फूड खाना,संतुलित आहार नहीं लेना,व्यायाम नहीं करना आदि कारणों से हमारे शरीर में चर्बी जमा होने लगती है और हम मोटे हो जाते हैं जिससे लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।लिवर को स्वस्थ रखने के लिए वजन को संतुलित रखना अत्यंत आवश्यक है।
गायिका दीप्ति सपरा,सुषमा बुद्धिराजा,उर्मिला आर्या (गुरूग्राम),संध्या पाण्डेय, लाजवंती गिरधर,वीना वोहरा, किरन सहगल,प्रोमिला जसूजा, कृष्णा गाँधी आदि ने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से करुणा चांदना,डॉ रचना चावला,आचार्य महेन्द्र भाई, आनंदप्रकाश आर्य,देवेन्द्र गुप्ता, देवेन्द्र भगत,राजश्री यादव,ओम सपरा,संजीव आर्य,विजया रानी शर्मा,कमलेश चांदना आदि उपस्थित थे।
“वेदोद्धारक, समाज सुधारक तथा आजादी के मंत्रदाता ऋषि दयानन्द”
विश्व का धार्मिक जगत ऋषि दयानन्द का ऋणी है। उन्होंने विश्व को सद्धर्म का विचार दिया था। एस सद्धर्म की पूरी योजना व प्रारूप भी उन्होंने अपने ग्रन्थों व विचारों में प्रस्तुत किया है। उन्होंने बतया था कि मत-मतान्तर व सत्य धर्म में अन्तर होता है। मत-मतान्तर धर्म नहीं अपितु अविद्या व सत्यासत्य से युक्त मत, पन्थ व सम्प्रदाय होते हैं। सत्यधर्म तो वही होता है जो ईश्वर प्रदत्त ज्ञान से आरम्भ होकर सृष्टि की प्रलय तक विद्यमान रहता है तथा प्रायः अपरिवर्तनीय रहता है। ऐसा धर्म, धर्मग्रन्थ व मत केवल वेद व वैदिक धर्म ही हैं। वेदों की उत्पत्ति पर भी ऋषि दयानन्द ने विचार किया, उसकी खोज की थी और इससे प्राप्त तथ्यों को उन्होंने अपने व्याख्यानों तथा सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों में प्रस्तुत कर मानवजाति का उपकार किया है। मत-मतान्तरों के ग्रन्थों और वेद में मौलिक अन्तर यह है कि मत-मतान्तरों के सभी ग्रन्थ मनुष्यों के द्वारा रचित, प्रकाशित व प्रचारित हैं जबकि वेद सृष्टि के रचयिता, पालक, संहारक सच्चिदानन्दस्वरूप, सर्वज्ञ, सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक, सर्वान्तर्यामी, अनादि, नित्य, अविनाशी परमात्मा द्वारा अमैथुनी सृष्टि में उसके द्वारा उत्पन्न चार ऋषियों अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को प्रदत्त ज्ञान है।
परमात्मा सर्वव्यापक एवं सर्वान्तर्यामी होने के कारण सभी जीवों के भीतर व बाहर विद्यमान है। ज्ञानवान् एवं सर्वशक्तिमान होने के कारण वह पूर्वकल्पों की तरह अपने नित्य ज्ञान वेदों का ऋषियों की आत्माओं में प्रेरणा के द्वारा प्रकाश करता है। वेदों के द्वारा परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में, जब वर्तमान का कोई मत-मतान्तर नहीं था, धर्म व अधर्म, पाप व पुण्य, शुभ कर्म व अशुभ कर्मों, कर्तव्य तथा अकर्तव्यों सहित सत्य ज्ञान व शिक्षाओं के दान के लिये मनुष्यों को चार वेदों का ज्ञान दिया था। महाभारत युद्ध तक के 1 अरब 96 करोड़ वर्षों तक सारी सृष्टि पर वेदों की ही शिक्षाओं के अनुसार धर्म व शासन चले हैं। महाभारत युद्ध में विद्वानों की क्षति तथा अव्यवस्था के कारण वेदों का सत्यस्वरूप सुरक्षित नहीं रहा। इस कारण देश व विश्व में अज्ञान फैल गया। इसी कारण से सर्वत्र अकर्तव्य व अज्ञान की स्थिति में मत-मतान्तरों की उत्पत्ति व प्रादुर्भाव हुआ। ऋषि दयानन्द के जीवन काल में भी देश व विश्व में अज्ञान, अंधविश्वास, मिथ्या परम्परायें तथा अविद्यायुक्त मत-मतान्तर प्रचलित थे। इनका स्वरूप आज की तुलना में अधिक जटिल था। ऋषि दयानन्द ने सत्य के अनुसंधान से सत्य वैदिक मान्यताओं व सिद्धान्तों सहित चार वेदों व वेदांगों का अध्ययन कर पूर्ण विद्या को प्राप्त किया था। उन्हें विदित हुआ कि संसार को सबसे अधिक आवश्यक अविद्या का नाश करने सहित विद्या का प्रचार व वृद्धि करने की है। इस उद्देश्य की पूर्ति में ही उन्होंने अपने जीवन को समर्पित किया जिससे देश देशान्तर में वेदों के सत्यस्वरूप, सत्य विद्याओं सहित ईश्वर, आत्मा तथा प्रकृति से जुड़े सत्य रहस्यों का प्रचार प्रसार हुआ। उनके इन प्रयासों से सारा विश्व लाभान्वित हुआ है। लोगों में ज्ञान ग्रहण करने व अपने हित व अहित के अनुसार उसे स्वीकार अस्वीकार करने की अलग अलग क्षमतायें हुआ करती हैं। अनेक विधर्मियों ने वेदमत को स्वीकार भी किया है। कुछ विधर्मी विद्वानों ने वेदों प्रशंसा भी की है और भारतीय परम्परा के अनेक लोगों व विद्वानों ने शुद्ध वैदिक धर्म को स्वीकार भी किया है। स्वामी श्रद्धानन्द, पं. लेखराम, पं. गुरुदत्त विद्यार्थी, महात्मा हंसराज, स्वामी दर्शनानन्द, लाला लाजपतराय, भाई परमानन्द, पं. रामप्रसाद बिस्मिल आदि अनेक नाम हैं जिन्होंने ऋषि दयानन्द का शिष्यत्व प्राप्त कर वेदों का अध्ययन किया तथा उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण कर दिग्दिगन्त प्रचार किया।
ऋषि दयानन्द के कार्य क्षेत्र में अवतीर्ण होने के अवसर पर सारा विश्व अन्धविश्वासों व पाखण्डों से ग्रस्त था। भारत में अविद्या व अन्धविश्वास कुछ अधिक ही थे। यहां पाषाण मूर्तिपूजा, अवतारवाद की धारणा, फलित ज्योतिष, मृतक श्राद्ध, जन्मना जातिवाद आदि सामाजिक कुप्रथायें एवं अनेकानेक अन्धविश्वास तथा पाखण्ड प्रचलित थे जिससे मानव समाज असंगठित होकर दुःखी व त्रस्त था। मानव मानव में ऊंच नीच की भावनायें तथा छुआ-छूत जैसी कुप्रथायें भी प्रचलित थीं। हिन्दुओं में बाल विवाह होते थे, विधवाओं को पुनर्विवाह का अधिकार नहीं था तथा विधवाओं को नारकीय जीवन व्यतीत करना पड़ता था। ऋषि दयानन्द ने जब वेद प्रचार का कार्य आरम्भ किया तो उन्हें सत्य को स्थापित करने के लिये सत्य वैदिक मान्यताओं के प्रचार सहित असत्य व अवैदिक मान्यताओं व परम्पराओं का खण्डन भी करना पड़ा। ऋषि दयानन्द की प्रत्येक बात तर्क एवं युक्ति सहित वेद के प्रमाणों तथा सृष्टिक्रम की अनुकूलता व अनुरूपता पर आधारित होती थी। ईश्वर व आत्मा का शुद्ध व सत्य स्वरूप विश्व में अज्ञात प्रायः था। ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना की सत्य विधि व प्रणाली से भी लोग अनभिज्ञ थे। सबकी उपासना पद्धतियां अलग अलग तथा तर्क एवं युक्तियों पर आधारित नहीं थी। इस क्षेत्र में भी ऋषि दयानन्द ने वेदों की शिक्षा तथा महर्षि पतंजलि के योगदर्शन के आधार पर उपासना की सत्य व सार्थक उपासना पद्धति प्रदान की। इसके लिये उन्होंने ‘पंचमहायज्ञविधि’ एवं ‘संस्कार-विधि’ आदि ग्रन्थों का प्रणयन किया। उनके इस कार्य से देश देशान्तर में ईश्वर की सत्य उपासना विचार, चिन्तन व ध्यान-योग से युक्त उपासना पद्धति का आरम्भ हुआ।
ऋषि दयानन्द महाभारत के बाद इतिहास में प्रथम वेदज्ञ, ऋषि व महापुरुष हुए हैं जिन्होंने असत्य धार्मिक मान्यताओं व कुरीतियों का पुरजोर खण्डन किया। उन्होंने अपने जानते हुए भी अपने प्राणों को खतरे में डाला परन्तु ईश्वर की आज्ञा तथा लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए सत्य मान्यताओं, सिद्धान्तों व विद्या का निर्भीकतापूर्वक प्रचार किया। मूर्तिपूजा पर 16 नवम्बर 1869 को उनका काशी में देश के तीस से अधिक शीर्ष सनातनी विद्वानों से तथा लगभग पचास हजार लोगों की उपस्थिति में शास्त्रार्थ हुआ था। ऐसा शास्त्रार्थ महाभारत के बाद दूसरा नहीं हुआ। यह शास्त्रार्थ लिखित रूप में विद्यमान है। कोई भी व्यक्ति इसे पढ़कर स्वामी दयानन्द जी के वेदों पर आधारित वैदिक सिद्धान्तों की विजय का स्वयं ही आकंलन कर सकते हैं। ऋषि दयानन्द ने अपने जीवन में सभी अन्धविश्वासों व मिथ्या मान्यताओं को दूर करने के लिये सप्रमाण खण्डन किया तथा अपने पक्ष में प्रचुर प्रमाण दिये। उन्होंने ही स्त्रियों व शूद्र बन्धुओं को यजुर्वेद का प्रमाण देकर वेदों के अध्ययन व अध्यापन का अधिकार दिया। विधवाओं को आपदधर्म के रूप में पुनर्विवाह का अधिकार भी दिया। उनके विचारों से ही समाज में गुण, कर्म व स्वभाव पर आधारित अन्तर्जातीय विवाह व स्वयंवर विवाह होना आरम्भ होने आरम्भ हुए। सरकारी नियमों में भी विवाह सबंधी आर्यसमाजों के अनेक विचारों को मान्यता मिली है। ऋषि दयानन्द के विचारों के प्रचार से ही समाज में जन्मना जातिवाद व छुआछूत को अनुचित व मानवता के विरुद्ध माना जाने लगा। यद्यपि आज भी प्रचार द्वारा इसका समूल उच्छेद आवश्यक है परन्तु ऋषि दयानन्द ने सुधार का जो मूल कार्य किया उससे वर्तमान समय में यह समस्या काफी सीमित हो गई है। इस प्रकार देश से अन्धविश्वास दूर करने सहित समाज सुधार का कार्य करने में ऋषि दयानन्द की प्रमुख व सर्वोपरि भूमिका तथा योगदान है। हम यह अनुभव करते हैं कि यदि ऋषि दयानन्द न आते तो अन्धविश्वास व पाखण्ड के खण्डन व समाज सुधार का जो अपूर्व कार्य ऋषि दयानन्द व उनके प्रतिनिधि संगठन आर्यसमाज ने किया है, वह कदापि न होता और आर्य वैदिक धर्म व संस्कृति सुरक्षित न रहते।
ऋषि दयानन्द के समय में हमारा देश अंग्रेजों का दास, गुलाम व पराधीन था। देशवासियों पर अमानवीय अत्याचार, अन्याय व पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जाता था। देश की सम्पदा को लूट कर विदेश ले जाया जाता था। यहां के लोग अभावों तथा अनेक अव्यवस्थाओं में अपना जीवन व्यतीत करते वदुःख भोगते थे। देश को आजादी दिलाने की आवश्यकता थी। उनके समय 1825-1883 में देश की आजादी का न तो कहीं कोई विचार करता था न ही कोई इस निमित्त संगठन ही स्थापित व कार्यरत था। ऐसी स्थिति में अपने प्राणों को जोखिम में डालकर ऋषि दयानन्द ने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ की रचना की और उसमें देश के लोगों की आत्माओं को ज्ञान प्राप्ति और उनके कर्तव्य एवं अधिकारों से परिचित कराया। उनके ग्रन्थों में स्वराज्य की कल्पना व स्वप्न लिया गया है। देश की आजादी का खुलकर समर्थन भी ऋषि दयानंद ने अपने सत्यार्थप्रकाश ग्रन्थ के संशोधित संस्करण जो उन्होंने सन् 1883 में तैयार किया, प्रस्तुत किया है। सत्यार्थप्रकाश के आठवें समुल्लास में उनके शब्द हैं ‘कोई कितना ही करे परन्तु जो स्वदेशीय राज्य होता है वह सर्वोपरि उत्तम होता है। अथवा मत-मतान्तर के आग्रहरहित, अपने और पराये का पक्षपात शून्य, प्रजा पर पिता माता के समान कृपा, न्याय और दया के साथ विदेशियों (अंग्रेजों, यवनों व अन्यों) का राज्य भी पूर्ण सुखदायक नहीं है।’
इन पंक्तियों से पूर्व ऋषि दयानन्द ने लिखा है ‘अब अभाग्योदय से और आर्यों (तत्कालीन हिन्दुओं) के आलस्य, प्रमाद, परसपर के विरोध से अन्य देशों के राज्य करने की तो कथा ही क्या कहनी किन्तु आर्यावर्त में भी आर्यों (वैदिक धर्मियों) का अखण्ड, स्वतन्त्र, स्वाधीन, निर्भय राज्य इस समय नहीं है। जो कुछ है सो भी विदेशियों (मुख्यतः अंग्रेजों) के पादाक्रान्त हो रहा है। कुछ थोड़े राजा स्वतन्त्र हैं।’ आजादी की प्रेरणा देने वाली उपुर्यक्त पंक्तियों के बाद भी उन्होंने महत्वपूर्ण शब्द लिखे हैं वह हैं ‘परन्तु भिन्न-भिन्न भाषा, पृथक्-पृथक् शिक्षा, अलग व्यवहार का विरोध छूटना अति दुष्कर है। विना इसके छूटे परस्पर का पूरा उपकार और अभिप्राय सिद्ध होना कठिन है। इसलिये जो कुछ वेदादि शास्त्रों में व्यवस्था वा इतिहास लिखे हैं उसी का मान्य करना भद्रपुरुषों (निष्पक्ष श्रेष्ठ पुरुषों) का काम (कर्तव्य) है।’ ऐसी ही देश की आजादी की अनेक प्रेरणायें हमें ऋषि दयानन्द के ग्रन्थों आर्याभिविनय, वेदभाष्य तथा संस्कृतवाक्यप्रबोध आदि ग्रन्थों में भी मिलती हैं।
अनेक विद्वानों का मानना है कि ऋषि दयानन्द के इन विचारों से ही देश को आजादी के आन्दोलन की प्रेरणा मिली। आजादी के गरम व नरम दल के प्रमुख नेता यथा पं. श्यामजी कृष्ण वर्मा तथा महादेव गोविन्द रानाडे, पुणे महर्षि दयानन्द जी के ही शिष्य थे। गांधी जी का राजनीतिक गुरु पं. गोपाल कृष्ण गोखले को माना जाता है जो स्वयं महादेव गोविन्द रानाडे के शिष्य व उनके विचारों से प्रभावित थे। पं. श्यामजी कृष्ण वर्मा जी ऋषि के साक्षात् शिष्यों में से एक थे। ऋषि दयानन्द ने सभी अन्धविश्वासों, पाखण्डों सहित सामाजिक अन्याय एवं शोषण के विरुद्ध आवाज बुलन्द की व उनका डटकर विरोध किया। उनके अनुयायियों ने भी ऐसा ही किया। समाज सुधार का जो कार्य उन्होंने किया, वैसा व उस मात्रा में वह कार्य अन्य किसी महापुरुष के द्वारा नहीं हुआ। देश की आजादी व स्वतन्त्रता का विचार देने के कारण ऋषि दयानन्द की अग्रणीय व प्रमुख भूमिका है। देश के नेताओं व विद्वानों निष्पक्ष होकर उनका उचित मूल्यांकन नहीं किया है। हम समझते हैं कि यदि ऋषि दयानन्द वेदप्रचार, अन्धविश्वास व पाखण्ड खण्डन सहित समाज सुधार के कार्य न करते और देश को आजादी का मन्त्र न देते, तो न तो देश स्वतन्त्र होता और न ही समाज का वर्तमान आधुनिक स्वरूप जो पाखण्ड व अन्धविश्वासों से काफी कुछ मुक्त है, देखने को न मिलता। ऋषि दयानन्द ने देश व मनुष्य समाज की उन्नति के वह सभी काम किये जो करणीय थे। उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे देश व मनुष्यों की किसी प्रकार भी किंचित हानि हो सकती थी। अपने धर्म प्रचार, समाज सुधार, अन्धविश्वास उन्मूलन, देशहित व मानव जाति की उन्नति के कार्यों के कारण ही वह अपने विरोधियों के षडयन्त्रों का शिकार हुए जिसका परिणाम दीपावली 30 अक्टूबर, 1883 को उनकी मृत्यु के रूप में हमारे सामने आया। यदि वह कुछ समय और जीवित रहते तो वैदिक धर्म एवं मानवता के उद्धार का कहीं अधिक कार्य करते। हम ऋषि दयानन्द को श्रद्धांजलि देते हैं।
-मनमोहन कुमार आर्य
“कल्याण मार्ग के पथिक व वीर विप्र योद्धा ऋषिभक्त स्वामी श्रद्धानन्द”
स्वामी श्रद्धानन्द ऋषि दयानन्द के शिष्यों में एक प्रमुख शिष्य हैं जिनका जीवन एवं कार्य सभी आर्यजनों व देशवासियों के लिये अभिनन्दनीय एवं अनुकरणीय हैं। स्वामी श्रद्धानन्द जी का निजी जीवन ऋषि दयानन्द एवं आर्यसमाज के सम्पर्क में आने से पूर्व अनेक प्रकार के दुर्व्यसनों से ग्रस्त था। इन दुव्यर्सनों के त्याग में ऋषि दयानन्द के साक्षात दर्शनों से प्राप्त प्रेरणा एवं आर्यसमाज के सत्यार्थप्रकाश आदि ग्रन्थों के अध्ययन का बहुत महत्वपूर्ण स्थान रहा। स्वामी श्रद्धानन्द ने अपनी आत्मकथा ‘कल्याण मार्ग का पथिक’ नाम से लिखी है। इस कथा में स्वामी श्रद्धानन्द जी ने अपने जीवन के सभी पक्षों का प्रकाश किया है। उनकी आत्मकथा शायद पहली आत्मकथा है जिसमें एक महापुरुष ने अपने चारित्रिक पतन की घटनाओं का भी विस्तृत एवं समालोचनात्मक वर्णन करते हुए अपने हृदय के सभी भावों को अपने पाठकों के सम्मुख खोलकर रखा है। ऐसा साहस नगण्य लोग ही कर सकते हैं। स्वामी जी की आत्मकथा एवं उनके किये कार्यों पर दृष्टि डालने से उनके प्रति श्रद्धा एवं प्रेम उमड़ता है। आज के युग में हम किसी व्यक्ति से ऐसी कल्पना भी नहीं कर सकते कि वह अपने जीवन की अनेक बुराईयों को दूर कर स्वामी श्रद्धानन्द जी जैसा जीवन व्यतीत कर सकता है। इस लेख में हम उनके प्रमुख कार्यों व घटनाओं को स्मरण कर रहे हैं।
स्वामी श्रद्धानन्द जी का बचपन का नाम बृहस्पति था। आपका जन्म गुरुवार (फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी 1913 व्रिकमी) 3 अप्रैल, सन् 1856 को ग्राम तलवन जिला जालंधर (पंजाब) में लाला नानकचन्द जी क्षत्रिय के घर में हुआ था। पिता पुलिस विभाग में सेवारत रहे। जन्म के कुछ समय बाद पिता से आपको मुंशीराम नाम प्राप्त हुआ था जो संन्यास से पूर्व तक रहा। जन्म के तीन वर्ष बाद बरेली नगर में आपकी शिक्षा आरम्भ हुई थी। 10 वर्ष की अवस्था होने पर सन् 1866 में काशी में आपका उपनयन संस्कार हुआ था। इन दिनों आपके पिता इसी स्थान पर सेवारत व पदासीन थे। 17 वर्ष की अवस्था में आप क्वीन्स कालेज, बनारस में अध्ययन हेतु प्रविष्ट हुए थे। श्री मोतीलाल नेहरू इस कालेज में आपके सहपाठी थे। 21 वर्ष की आयु में मुंशीराम जी का विवाह हुआ। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती शिवदेवी जी धार्मिक संस्कारों से ओतप्रोत थी। अपने पतिधर्म का इतनी उत्तमता से निर्वाह किया जिसे स्वामी श्रद्धनन्द जी की आत्मकथा पढ़कर ही जाना जा सकता है। माता शिवदेवी जी के पिता सोंधी परिवार के लाला शालिग्राम थे। सन् 1879 में मुंशीराम जी के जीवन में अनेक घटनायें घटी जिन्होंने पौराणिक रीति से पूजापाठ करने वाले मुंशीराम जी को नास्तिक विचारों का युवक बना दिया था। जिन दिनों आप अपने पिता के साथ बरेली में रह रहे थे, सौभाग्य से तब वहां वेदों के अपूर्व विद्वान तथा वेदों के प्रचारक ऋषि दयानन्द का उपदेशार्थ पधारना हुआ।
स्वामी दयानन्द के उपदेशों में सुरक्षा की दृष्टि से आपके पिता नानक चन्द जी को ड्यूटी पर नियुक्त किया गया था। ऋषि दयानन्द के उपदेश सुनने उन दिनों बरेली के बड़े बड़े अंग्रेज अधिकारी भी आया करते थे। उपदेशों में सत्यधर्म व मान्यताओं का मण्डन तथा असत्य व तर्कहीन बातों का खण्डन किया जाता था। ऋषि दयानन्द ईश्वर में विश्वास रखने वाले उच्चकोटि के महापुरुष व महात्मा थे। अतः मुंशीराम जी के पिता ने मुंशीराम जी को ऋषि दयानन्द के व्याख्यान सुनने के लिए वहां जाने की प्रेरणा की। पिताभक्त मुंशीराम जी अपने पिता की प्रसन्नता के लिये ऋषि दयानन्द के प्रवचनों में गये थे। उन्होंने न केवल उनके उपदेश ही सुने थे अपितु उनसे शंका समाधान भी किया था। इसे हम नास्तिक-आस्तिक संवाद भी कह सकते हैं। ऋषि दयानन्द ने मुंशीराम जी के सभी प्रश्नों व शंकाओं का समाधान कर दिया था। इससे मुंशीराम जी के मन व आत्मा में सच्ची आस्तिकता का बीज पुनः अंकुरित हो गया। समय आने पर वह विचार फला व फूला और उसने स्वामी श्रद्धानन्द जी को भी एक आदर्श ईश्वर-भक्त तथा देश व समाज का सुधारक ही नहीं बनाया अपितु देश का निर्माता एवं वैदिक धर्म का आदर्श प्रचारक व सेवक बनने का गौरवपूर्ण अवसर भी प्रदान किया। इससे मुंशीराम जी एक आदर्श देशभक्त, समाज सुधारक तथा वैदिक धर्म के उद्धारक व प्रचारक बने। स्वामी श्रद्धानन्द जी ने अपनी आत्मकथा ‘कल्याण मार्ग का पथिक’ नाम से लिखी है। इस पुस्तक को सभी पाठकों को पढ़ना चाहिये। इससे उन्हें भी कल्याण के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त होगी।
मुंशीराम जी संन्यास धारण करने से पूर्व अपने जीवन में महात्मा मुंशीराम जी के नाम से प्रसिद्ध हुए। आप सत्यार्थप्रकाश पढ़कर व उससे प्रभावित होकर सन् 1875 में आर्यसमाज की स्थापना के 9 वर्ष बाद सन् 1884 में आर्यसमाज, जालन्धर के सदस्य बने थे। अपनी विद्वता, सामाजिक कार्यों एवं संगठन विषयक योग्यता सहित वैदिक धर्म के प्रति समर्पण के कारण आर्यसमाज का सदस्य बनने के दो वर्ष बाद सन् 1886 में ही आप आर्यसमाज जालन्धर के प्रधान चुने गये। आपकी शिक्षा मुख्तारी की परीक्षा पास करने तक हुई थी। आपने सन् 1888 में जालन्धर में वकालत करनी आरम्भ की थी। आप वही मुकदमें लिया करते थे जो सत्य हुआ करते थे। किसी मुकदमें का झूठे होना यदि आपको पता चलता तो उसे आप छोड़ देते थे। अपने ज्ञान एवं पुरुषार्थ से शीघ्र ही आप एक सफल वकील सिद्ध हुए थे। आपने अपनी आय से जालन्धर में एक बड़ी कोठी बनवाई थी जिसे बाद में आपने अपने अन्तिम सम्पत्ति के रूप में वेद प्रचारार्थ गुरुकुल कांगड़ी को दान कर दी थी। सन् 1889 की बैसाखी के दिन आपने जालन्धर से ‘सत्-धर्म प्रचारक’ नामक एक उर्दू पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया था। यह पत्र भी अत्यन्त लोकप्रिय हुआ। बाद में हिन्दी की महत्ता के कारण आपने भारी घाटा उठाकर इसका प्रकाशन हिन्दी भाषा में कर दिया। इस पत्र में प्रकाशित महात्मा मुंशीराम जी के लेख व सम्पादकीय पंजाब के पाठकों द्वारा बहुत रुचि से पढ़े जाते थे।
सन् 1890 में महात्मा मुंशीराम जी ने लाला देवराज जी के साथ मिलकर जालन्धर में एक ‘आर्य कन्या महाविद्यालय’ स्कूल व कालेज की स्थापना की थी। यह वह समय था जब माता-पिता अपनी कन्यायों को स्कूल भेजकर पढ़ाते नहीं थे। ऐसे समय में कन्यायों का विद्यालय खोलना एक क्रान्तिकारी कार्य था। वर्तमान में यह जालन्धर का कन्याओं का सबसे बड़ा महाविद्यालय है। अथर्ववेद, सामवेद भाष्यकार तथा अनेक वैदिक ग्रन्थों के लेखक पं. विश्वनाथ विद्यालंकार वेदोपाध्याय जी की धर्मपत्नी माता कुन्ती देवी इसी महाविद्यालय की छात्रा थी। हमारा सौभाग्य है कि हमें पंडित विश्वनाथ विद्यालंकार जी सहित माता कुन्ती देवी जी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त रहा है। अपने इस कार्य के कारण भी महात्मा मुंशीराम जी, जो बाद में स्वामी श्रद्धानन्द के नाम से प्रसिद्ध हुए, अमर हैं। सन् 1891 में महात्मा जी की धर्मपत्नी माता शिवदेवी जी का निधन हुआ। इस समय महात्मा ही का वय मात्र 35 वर्ष का था। इससे आप पर अपने दो पुत्रों तथा तीन पुत्रियों के पालन पोषण का भार भी आ गया था। सभी सामाजिक कर्तव्यों को करते हुए आपने इस दायित्व को भी बहुत कुशलता से निभाया और अपने बच्चों को माता पिता दोनों का ही प्यार व स्नेह दिया।
महात्मा मुंशीराम जी सन् 1892 में आर्य प्रतिनिधि सभा, पंजाब के प्रधान निर्वाचित हुए। महर्षि दयानन्द के सत्यार्थप्रकाश में वर्णित प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति के प्रतिनिधि गुरुकुलों की परम्परा को पुनर्जीवित करने के लिए आपने ऋषि दयानन्द के स्वप्नों के अनुरूप गुरुकुल की स्थापना के लिये सन् 1892 में तीस हजार रुपये एकत्र करने का संकल्प लेकर गृह त्याग कर दिया था। कुछ ही समय में आपने अपना संकल्प पूरा कर लिया और संकल्प से अधिक धनराशि प्राप्ती की थी। उन दिनों तीस हजार रूपये बहुत बड़ी धनराशि हुआ करती थी। इसी धनराशि से हरिद्वार के निकट कांगड़ी ग्राम की भूमि को दान में प्राप्त किया गया था जहां सन् 1902 में आपके स्वप्नों का प्रसिद्ध गुरुकुल कागड़ी स्थापित हुआ। आपके समर्पण व योग्यता से यह गुरुकुल दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति को प्राप्त हुआ। इसकी प्रसिद्धि को सुनकर इंग्लैण्ड श्री रैमजे मैकडानल जो बाद में इंग्लैण्ड के प्रधानमंत्री बने, गुरुकुल पधारे थे और स्वामी श्रद्धानन्द जी के साथ रहे थे। उन्होंने स्वामी श्रद्धानन्द जी की प्रशंसा की थी और उन्हें ईसाई मत के संस्थापक ईसामसीह के समान जीवित ईसामसीह बताया था। कुछ समय बाद इस गुरुकुल में भारत के वायसराय श्री जेम्स फोर्ड भी आये थे। गुरुकुल की सफलता को बताने वाले अनेक उदाहरण हैं परन्तु स्थानाभाव के कारण उनका उल्लेख नहीं कर रहे हैं। इतना अवश्य लिख देते हैं कि इस गुरुकुल से देश को वेदों के बहुत बड़े आचार्य व विद्वान, क्रान्तिकारी, देशभक्त, समाचार पत्रों के सम्पादक, इतिहासकार, आजादी के आन्दोलनकारी आदि मिले हैं। पाठको से अनुरोध हैं कि वह डा. विनोदचन्द्र विद्यालंकार लिखित ‘एक विलक्षण व्यक्तित्व: स्वामी श्रद्धानन्द’, पं. सत्यदेव विद्यालंकार लिखित ‘स्वामी श्रद्धानन्द’ तथा 11 खण्डों में प्रकाशित ‘स्वामी श्रद्धानन्द ग्रन्थावली’ का अध्ययन करें। इससे वह स्वामी श्रद्धानन्द जी के व्यक्तित्व तथा कार्यों को विस्तृत रूप से जान सकेंगे।
महात्मा मुंशीराम जी ने सन् 1917 में मायापुर, हरिद्वार में संन्यास लिया था और नया नाम स्वामी श्रद्धानन्द धारण किया था। स्वामी जी ने शिक्षा जगत सहित देश की आजादी, दलितोद्धार, शुद्धि, सामाजिक आन्दोलनों व समाज सुधार के महनीय कार्यों को किया। इनका संक्षिप्त परिचय हम इस लेख में दे रहे हैं। सन् 1901 में स्वामी जी ने अपनी पुत्री अमृत कला का जाति-बंधन तोड़कर डा. सुखदेव जी से विवाह कराया था। सन् 1907 में देश में जन-जन की भाषा हिन्दी के महत्व के कारण अपने उर्दू पत्र ‘सद्धर्म प्रचारक’ को हिन्दी में प्रकाशित करना आरम्भ कर दिया था। स्वामी श्रद्धानन्द जी सन् 1909 में आर्यसमाज की शिरोमणी सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा, दिल्ली के प्रथम प्रधान बने थे। सन् 1909 में स्वामी जी ने गुरुकुल कुरुक्षेत्र की स्थापना की थी। आज भी यह गुरुकुल फल फूल रहा है। स्वामी जी को सन् 1913 में भागलपुर (बिहार) में ‘अखिल भारतीय हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ का अध्यक्ष बनाया गया था। आजादी के इतिहास में दिल्ली में एक अद्भुत घटना घटी थी। सन् 1919 में 30 मार्च को चांदनी चैक में अंग्रेजों की गोरी सेना की संगीनों के सामने स्वामी श्रद्धानन्द ने अपना सीना तानकर सिंह-गर्जना की थी। वह बोले अंग्रेज सैनिको को बोले थे ‘हिम्मत है तो चलाओ गोली’। इस सिंह-गर्जना को सुनकर गोरे सैनिकों की संगीने नीचे झुक गयी थी। आजादी के इतिहास की यह एक दुर्लभ अद्वितीय घटना है। इस घटना से दिल्ली में सभी भारतवासी प्रसन्न, आह्लादित व रोमांचित हुए थे। इसके वीरता के लिए स्वामी जी को सम्मानित करने के लिये 4 अप्रैल, 1919 को दिल्ली की जामा मस्जिद में आमंत्रित कर उसके मिम्बर से स्वामी जी का सम्बोधन कराया गया था। यहां स्वामी जी ने वेदमंत्र बोल कर हिन्दू व मुसलमानों को देशभक्ति व परस्पर प्रेम का सन्देश दिया था। इसके बाद किसी हिन्दू विद्वान व नेता को यह जामा मस्जिद के मिम्बर से लोगों को सम्बोधन करने का सौभाग्य नहीं मिला।
सन् 1919 में बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक शान्तिपूर्ण सभा में उपस्थित सभी देशभक्त लोगों पर अंग्रेजों ने गोलियां चलाकर मार डालने का प्रयत्न किया। बड़ी संख्या में स्त्री, पुरुष व बच्चे इसमें मारे गये थे। इसके विरोध में 26 दिसम्बर, 1919 को अमृतसर में कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन हुआ था। इस अधिवेशन का स्वागताध्यक्ष स्वामी श्रद्धानन्द जी को बनाया गया था। इसकी विशेषता यह रही कि स्वामी श्रद्धानन्द जी ने कांगे्रस के मंच से प्रथमवार हिन्दी में अपना स्वागत भाषण पढ़ा। इसमें उन्होंने दलितोद्धार की भी चर्चा की थी। इसका विस्तृत विवरण स्वामी श्रद्धानन्द जी विषयक ग्रन्थों में पढ़ने को मिलता है जिसे सभी बन्धुओं को पढ़ना चाहिये। स्वामी जी ने 1920 में बर्मा की यात्रा की थी। उन्होंने नागपुर कांग्रेस में दलितोद्धार की योजना वा कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया था। दलितोद्धार के कार्यो से प्रभावित दलितों के सबसे बड़े नेता डा. भीमराव अम्बेडकर जी ने लिखा है कि स्वामी श्रद्धानन्द दलितों के सबसे बड़े हितैषी थे। दलितों के प्रति उनकी की गई सेवा का मूल्यांकन कौन कर सकता है?
स्वामी जी समाजहित के सभी कार्यों अग्रणीय भूमिका निभाते थे। सिखों के सन् 1922 के आन्दोलन ‘गुरु का बाग मोर्चा’ के अवसर पर स्वामी श्रद्धानन्द जी ‘अकाल तख्त, अमृतसर’ में भाषण देकर जेल गए थे। उनको पशुओं को रखे जाने वाले पिंजड़े में रखकर यातनायें दी गई थी। स्वामी जी ने सन् 1923 में आगरा में ‘शुद्धि सभा’ का स्थापना की थी। इसके अन्तर्गत बड़े पैमाने पर धर्मान्तरित हिन्दु बन्धुओं की शुद्धि की गई थी। स्वामी जी दलितोद्धार के मुद्दे पर कांग्रेस से अलग हुए थे। राजनीति में हिन्दू हितों की पूर्णतया उपेक्षा की जाती थी। इस कारण स्वामी श्रद्धानन्द जी ने सन् 1923 में हिन्दू महासभा में प्रवेश किया था। उन्होंने हिन्दू संगठन नाम से एक लघु ग्रन्थ भी लिखा है जो सभी हिन्दुओं के पढ़ने योग्य है। आश्चर्य है कि आज भी हिन्दू नेता, संगठन तथा विशाल हिन्दू समाज अपने हितों की स्वयं ही उपेक्षा कर रहे हंै तथा अपने भविष्य की चिन्ता नहीं करते। यदि वह स्वामी श्रद्धानन्द जी की हिन्दू-संगठन पुस्तक को पढ़ लंे तो आज भी हम हिन्दू समाज की रक्षा कर सकते हैं और इसको नष्ट करने के जो षडयन्त्र हो रहे हैं, उस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए हिन्दुओं को जागने व जगाने की आवश्यकता है।
स्वामी श्रद्धानन्द जी ने सन् 1924 में गांधी जी के निमन्त्रण पर बेलगाम-कांग्रेस में दर्शक-रूप में भाग लिया था। स्वामी जी ने सन् 1924 में वायकम (केरल) में जाति-पाँति तथा ऊंच-नीच की सामाजिक प्रथाओं के विरुद्ध सत्याग्रह का नेतृत्व भी किया था। स्वामी जी ने कर्नाटक, आंध्र तथा चेन्नई प्रान्तों व नगरों की भी ऐतिहासिक यात्रायें की थीं। सन् 1925 में मथुरा में ऋषि दयानन्द जी की जन्म शताब्दी के अवसर पर एक विशाल समारोह का आयोजन किया गया था। इसका नेतृत्व भी स्वामी जी ने ही किया। सन् 1925 में स्वामी जी दक्षिण भारत में वेद प्रचारार्थ गये थे। स्वामी जी के एक शिष्य व उच्चे कोटि के वैदिक विद्वान पं. धर्मदेव विद्यामार्तण्ड जी ने जीवन भर दक्षिण भारत में रहकर वेद प्रचार का कार्य किया।
स्वामी जी के दलितोद्धार व शुद्धि के कार्यों से विधर्मी उनके शत्रु बन गये थे। 23 दिसम्बर, 1926 को एक षडयन्त्र करके एक क्रूर हत्यारे अब्दुल रशीद द्वारा रुग्णावस्था में छल से स्वामी जी पर गोलियों का प्रहार किया गया जिससे वह वीरगति को प्राप्त हुए। ऋषि दयानन्द और पं. लेखराम जी के बाद धर्म के लिये बलिदान होने वाले वह तीसरे प्रमुख विप्र योद्धा थे। हम स्वामी श्रद्धानन्द जी के गौरवपूर्ण जीवन व कार्यों को स्मरण कर उनको श्रद्धांजलि देते हैं और स्वबन्धुओं से निवेदन करते हैं कि वह स्वामी श्रद्धानन्द जी के विस्तृत जीवन चरित्र का अवश्य अध्ययन करें जिससे वैदिक धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के साथ हिन्दू समाज से अन्धविश्वासों व कुरीतियों को दूर किया जा सके।
-मनमोहन कुमार आर्य
कुंवर अनुपम ठाकुर व धर्मेंद्र प्रजापति का मनाया जन्मदिन
दीपक सिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। बजरंगदल हिन्दुस्तान से लोनी नगर मंत्री कुंवर अनुपम ठाकुर व आर के म्युजिक चैनल के अभिनेता धर्मेन्द्र प्रजापति का जन्मदिन का आयोजन आर के म्युजिक चैनल के प्रबंधक रॉकी राज (पहलवान) के कार्यालय पर करा गया।
मुख्य तौर पर बुलाये गये राहुल गोला गौरक्षक (राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरक्षा विभाग बजरंगदल हिन्दुस्तान) ने सभी शुभकामनाएं एवं उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी, साथ ही कहा आप सभी द्वेष भावनाओं को त्यागकर आपस में इसी तरह प्रेम बनाऐ रखें। आज का युवा नशे व ग़लत रास्ते की तरफ बढ रहा है, उससे बचने के लिए सभी को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी।
राहुल गोला गौरक्षक ने शरदीय नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन नौ दिनों में आप सभी प्रण लें कि दैनिक अपने ऐसे १० परिचित लोगों को समझाये जो नशे व ग़लत रास्ते की तरफ बढ रहे। इसी तरह बजरंगदल हिन्दुस्तान के द्वारा संस्कार सप्ताह के नाम से कार्य करेंगे। जिसमें "युवा मजबूत, देश मजबूत" का नारा दिया।
वहीं आर के म्यूजिक चैनल के प्रबंधक रॉकी राज (पहलवान) व उनकी टीम ने भी नशामुक्ति व युवाओं को सुमार्ग पर लाने के लिए एक शॉर्ट फिल्म बनाने का निर्णय लिया, जो जल्द ही आप सभी बीच पहुंचाई जायेगी।
इस दौरान मोतीलाल चौरसिया(एम एल सी), प्रवीन उपाध्याय (बालाजी इलेक्ट्रॉनिक्स), रामबीर गुर्जर रॉकी राज (पहलवान), केशव पंडित, गिरिराज, कमल, नरेंद्र राजपूत, सुनील ठाकुर, नीरज पांचाल, अमृत प्रजापति, रणदीप प्रजापति, कौशल ठाकुर, रवि पंडित, अमन पंडित, सचिन पंडित, बिट्टू पंडित, पंकज ठाकुर, रितिक पांचाल, शिवा ठाकुर, रवि ठाकुर, प्रियांशु ठाकुर, सावन राजपूत, सचिन पाल, राकेश प्रजापति, रवि उपाध्याय, सचिन प्रजापति आदि मौजूद रहें।
Saturday 17 October 2020
राष्ट्रीय पोषण माह के अन्तर्गत जिला कन्वर्जेस की मासिक समीक्षा की बैठक संपन्न
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। जिला स्तरीय पोषण मिशन समिति की समीक्षा बैठक कलक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद अस्मिता लाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें सभी सम्बंधित विभागो के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग, जिला कार्यक्रम अधिकारी, आई ० सी ० डी ० एस ० विभाग , पंचायतीराज विभाग , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी - बेसिक शिक्षा विभाग , खाध एंव रसद विभाग तथा ग्राम्य विकास अभिकरण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहें। बाल विकास परियोजना अधिकारी एंव प्रभारी भी बैठक में उपस्थित रहीं। गरिमा स्वस्थ भारत प्रेरक द्वारा पी 0 पी 0 टी 0 के माध्यम से पोषण माह की प्रगति के बारे में अवगत कराया गया कि दिनांक 07.09.2020 से दिनाक 30.09.2020 तक पोषण माह का आयोजन किया जा रहा था । मुख्य विकास अधिकारी गाजियाबाद अस्मिता लाल द्वारा निर्देशित किया गया कि पोषण माह सितम्बर 2020 में जनपद गाजियाबाद में चिन्हित अतिकुपोषित बच्चों में ( 878 ) से चिन्हित 538 बालिकाओं को दिनांक 17.10.2020 से 25.10.2020 तक विशेष अभियान मिशन शक्ति के अन्तर्गत कुपोषण मुक्त कराये जाने हेतु एन 0 आर 0 सी 0 रेफल करते हुए सम्बन्धित का 100 प्रतिशत स्वास्थ्य परीक्षण कराते हुए सुपोषित किया जायें । गाय प्राप्त करने वाले इच्छुक लाभार्थियों का चयन कर सूचना प्रेषित किये जाने के भी निर्देश निर्गत है । दिनांक 24.10.2020 तक 538 में से कितने बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर सुपोषित कराया गया से संबंधित रिर्पोट प्रेषित की जायें। मिशन शक्ति योजनान्तर्गत प्रस्तावित गतिविधियों का आयोजन कराया जाना सुनिश्चित करायें। स्वास्थ्य विभाग- चिकित्सा अधिकारी प्रतिरक्षण के द्वारा अवगत कराया गया कि आयरन की टैबलेट की कोई कमी जनपद में नही है। सभी लाभार्थियो को शतप्रतिशत की आपुर्ति की जा रही है एंव लाभान्वित भी किया जा रहा है रिर्पोट में कुछ कमी हैं शिक्षा विभाग से स्वास्थ्य विभाग को रिर्पोट समय से न उपलब्ध होने के कारण प्रगति में कमी है। मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल द्वारा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया कि वह समय से सूचना उपलब्ध कराये।
जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद।
महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार के मिशन शक्ति अभियान का जनपद में हुआ आगाज
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं स्वावलंबन के लिए विशेष मिशन शक्ति अभियान 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक प्रथम चरण में प्रारंभ किया गया है। सरकार के इस महत्वाकांक्षी मिशन शक्ति अभियान का आगाज आज जनपद में आईटीएस कॉलेज मोहन नगर से एलईडी वेन एवं प्रचार वाहन को मुख्य अतिथि जनरल वी.के. सिंह मा0 राज्यमंत्री, भारतइसरकार, सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय एवं नामित इस कार्यक्रम की नोडल अधिकारी अस्मिता लाल एवं जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे के द्वारा संयुक्त रुप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। संबंधित प्रचार वाहनों के द्वारा जनपद में महिलाओं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जो महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में उनका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए जनपद की महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक बनाने की कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर नोडल अधिकारी अस्मिता लाल ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए अवगत कराया है कि सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा सम्मान एवं उनको स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से मिशन शक्ति अभियान संचालित किया गया है। इसकी सफलता में मीडिया का भी अहम भूमिका है। सभी मीडिया बंधु मिशन शक्ति के अभियान के तहत आयोजित होने वाले कार्यक्रमों को प्रमुखता के साथ प्रसारित करेंगे तो जनपद की महिलाओं एवं बालिकाओं को सरकार के इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का भरपूर लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति अभियान प्रथम चरण में 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक जनपद में संचालित किया जाएगा और इस महत्वाकांक्षी अभियान से महिलाओं बालिकाओं एवं पुरुषों की भी अहम भूमिका दर्ज कराते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि महिलाओं की सुरक्षा सम्मान एवं उन्हें स्वावलंबी बनाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। उनके द्वारा स्वयं भी आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेकर महिलाओं एवं बालिकाओं को जागरूक करने की कार्रवाई की जाएगी।अंतर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक कर सभी विभागीय अधिकारियों को उनके विभाग से किए जाने वाले कार्यों को समयबद्ध ढंग से करने हेतु निर्देशित किया । इस अवसर पर मिशन शक्ति के लोगों का अनावरण किया गया। यह १८० दिन का कार्यक्रम शारदीय नवरात्रि से वासंतिक नवरात्रि तक चलेगा। इसमें प्रति माह किसी विशेष थीम पर विशेष बल दिया जाएगा। जो महिलाओं के स्वावलंबन एवम सशक्तिकरणम में सहायक हो। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने इस अवसर पर जानकारी देते हुए बताया कि मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत संबंधित विभागीय अधिकारियों के द्वारा अपनी कार्य योजना तैयार कर ली गई है, जिसके अनुरूप जनपद में कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे। इस अवसर पर माननीय सांसद राज्यसभा अनिल अग्रवाल, जनपद गाजियाबाद की महापौर आशा शर्मा, माननीय विधायक लोनी नंदकिशोर गुर्जर, जिलाधिकारी गाजियाबाद अजय शंकर पांडे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी अस्मितालाल, अपर जिला अधिकारी नगर शैलेंद्र सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए, जिला विकास अधिकारी भालचंद्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र, खंड विकास अधिकारी भोजपुर सहित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद
श्रम आयुक्त ने दिये महिला सशक्तिकरण सप्ताह मनाये जाने के निर्देश
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। सहायक श्रमायुक्त, उप श्रमायुक्त उ०प्र० गाजियाबाद सिद्धार्थ मोदियानी ने जानकारी देते हुए बताया है कि श्रम आयुक्त, उ0प्र0, कानपुर ने अपने पत्र दिनांक 12.10.2020 के द्वारा दिनांक 17.10.2020 से दिनांक 24.10.2020 तक महिला सशक्तिकरण सप्ताह मनाये जाने के निर्देश दिये है, जिसके अनुपालन में जनपद गाजियाबाद में श्रम विभाग द्वारा दिनांक 17.10.2020 से 24.10.2020 तक विशेष अभियान संचालित किया जा रहा है। इस दौरान दिनांक 17 से 24 अक्टूबर 2020 को निर्माण स्थलो पर महिला श्रमिकों को बी0ओ0सी0 बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देने एवं उनके पंजीयन तथा योजनाओं के आवेदन प्राप्त करने हेतु कैम्प लगाये जायेगें एवं महिला सशक्तिकरण हेतु श्रम प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा अपने - अपने क्षेत्रान्तर्गत कारखानों एवं निर्माण स्थलों में विजिट कर , श्रम कल्याण परिषाद द्वारा संचालित योजनाओं , समान पारिश्रमिक अधिनियम , 1976 , महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन अधिनियम , 2013 तथा मातृका हितलाभ अधिनियम , 1961 के सम्बन्ध में जानकारी दी जायेगी । दिनांक 18.10.2020 को मा 0 मंत्री श्रम सेवायोजन उत्तर प्रदेश द्वारा विभागीय अधिकारियों से अभियान के सम्बन्ध में वर्चुअल चर्चा एवं महिला श्रमिकों को हितलाभ वितरण किया जायेगा । दिनांक 21.10.2020 को . एक कार्यशाला का आयोजन किया जायेगा , जिसमें श्रमिक संगठनों सेवायोजक प्रतिनिधियों एवं महिलाओं के सशक्तिकरण एवं उत्थान हेतु कार्य करने वाले गैर सरकारी संगठनों एवं कार्यस्थलों पर कार्य करने वाली महिला प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा।
जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद
पूर्व सैनिक जन कल्याण समिति की बैठक सम्पन्न
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। पूर्व सैनिक जन कल्याण समिति अध्यक्ष बीसी बंसल ने बताया कि सैनिक भवन कलक्ट्रेट में पूर्व सैनिक जनकल्याण समिति के तत्वधान में सैनिक परिवार गाजियाबाद की बैठक संस्था अध्यक्ष एडवोकेट बी सी बंसल की अध्यक्षता एवं चौधरी महिपाल सिंह के संचालन में आयोजित हुई। जिसमे बड़ी संख्या में उपस्थित सैनिक परिवार की ओर से मुख्य अतिथि उ.प्र. सरकार के दर्जा प्राप्त मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता को उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक कार्यालय से, सेवारत सैनिको, पूर्व सैनिको तथा उनके परिजनों की शिकायत पर स्थानीय पुलिस प्रसाशन द्वारा त्वरीत समुचित कार्यवाही एव उनके प्रति सहानभूति पूर्वक व्यवहार करने के पुनः निर्देश जारी कराने में किये गये प्रयासों की सहारना करते हुए आभार व्यक्त किया। कैप्टन विकास गुप्ता ने सैनिक परिवार के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता दोहराई। सैनिक परिवार की ओर से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व संसद सदस्य शैख़ फारुख अब्दुल्ला के देश विरोधी एव चीन के समर्थन के विषय में दिए गये बयान की भत्सर्ना करते हए उनकी संसद से सदस्यता बर्खास्तगी व देश द्रोह का मुकदमा चलाने की मांग करते हुए एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम जिला अधिकारी गाजियाबाद को सौपा गया। इस अवसर पर आर.एन. सिंह, सूबेदार डी.पी. तिवारी, ब्च्व् ब्रजमोहन वर्मा, अनिल कुमार, एसबी सिंह, कुलदीप राय, विजय कुमार, आर पी ढाका, डी.एस सिरोही ।कअ. एम.पी.कल्स, रानी शर्मा, जयपाल सिंह आदि सामिल रहे।
जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद ।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने किया जीडीए और जलनिगम के विकास कार्यों का निरीक्षण
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जीडीए व जलनिगम द्वारा लोनी में कराए जा रहे विकास कार्यों का निरीक्षण कर ठेकेदार को गुणवत्ता और समयावधि का ध्यान रखने को कहा। विधायक ने इस् दौरान जीडीए द्वारा लालबाग में निर्माणाधीन पार्क और दिल्ली सहरानपुर रोड़ को ज़ाममुक्त करने के लिए बनाए जा रहे यू-टर्न का निरीक्षण किया। वहीं विधायक ने 200 कऱोड की लागत से अमृत योजना के तहत बलराम नगर और लालबाग में जल निगम द्वारा डाले जा रहे सीवर लाइन के कार्य का भी निरीक्षण किया। इस दौरान विधायक की नाराजगी के बाद जल निगम बलराम नगर व अन्य स्थानों की सड़कों का भी निर्माण करते दिखी जिसे सीवर डालने के कार्य के कारण तोड़कर छोड़ दिया गया था।
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने अधिकारियों को दी ताकीद, कहा समयावधि और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें:
विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जीडीए और जल निगम द्वारा कराए जा रहे कार्यों का निरीक्षण करते समय अधिकारियों को कार्यों में गुणवत्ता और समयावधि में कार्य पूर्ण करने के लिए कहा है। विधायक ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा लगातार शिकायत मिल रही थी कि जल निगम द्वारा सीवर डालने के दौरान तोड़ी गई सड़कों को कार्य पूरा होने के बावजूद नहीं बनाई जा रही है। जल निगम के अधिकारियों के साथ बैठक में सभी सड़कों को एक सप्ताह में निर्माण कार्य शुरू कराने के लिए हमने कहा था वरना लापरवाह अधिकारियों व ठेकेदार पर कानूनसम्मत कार्रवाई की बात कहीं थी जिसके बाद आज सड़क निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है जिससे लोगों की परेशानी दूर हुई है।
नवरात्रि के पावन पर्व पर नहीं खोलने दी जाएंगी मांस-मीट की दुकाने: सुशील श्रीवास्तव
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। प्रवासी विकास मंच के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव द्वारा लोनी में प्रथम नवरात्रि के दिन भी खुल रही मांस की दुकानें व मीट के होटलो को लेकर दिया गया ज्ञापन, इस मौके पर संगठन के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कहा जगत जननी माँ जगदम्बा का आज प्रथम नवरात्र है, और यह 9 दिन चलने वाला पवित्र सप्ताह है, समस्त हिंदू समाज की 36 बिरादरी माँ जगदम्बा की पूजा अर्चना व व्रत रखती है, और जगह-जगह जागरण, पूजा पाठ, कीर्तन होते हैं, वही एक तरफ लोनी में जगह-जगह मीट के होटल व मीट की अवैध रूप से दुकाने चल रही है, यह कहीं ना कहीं हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कार्य कर रही हैं, बड़े ही दुर्भाग्य की बात है योगी जी की सरकार में अभी तक इनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं पहुंचा है, आज नवरात्र के प्रथम दिन भी यह दुकाने खुली हुई है, अगर अगले 2 दिन में यह दुकाने बंद नहीं होती है तो, प्रवासी विकास मंच लोनी तहसील का घेराव करेगा, मौके पर उपस्थित प्रवासी विकास मंच के अध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव, लोनी नगर मीडिया प्रभारी विक्की शर्मा, नगर कार्यकारिणी सदस्य आकाश राजपूत, वार्ड अध्यक्ष राकेश कुमार, वार्ड अध्यक्ष अमित गुप्ता, वार्ड अध्यक्ष अनिल कुमार आदि उपस्थित रहे।
“देश धर्म की उन्नति के लिए समर्पित होकर प्रचार किया ऋषिभक्त चमनलाल रामपाल जी ने”
आर्यसमाज का आठवां नियम है कि अविद्या का नाश तथा विद्या की वृद्धि करनी चाहिये। आर्यसमाज ने इस नियम का पालन करते हुए देश देशान्तर से अविद्या दूर करने के अनेक उपाय किये जिनसे देश में जागृति व परिवर्तन आया है। ज्ञान का प्रचार व प्रकाश मौखिक व्याख्यानों तथा लेखन आदि के द्वारा किया जाता है। देहरादून में वयोवृद्ध विद्वान श्री चमनलाल पाल जी ने अपने जीवन को लेखन द्वारा प्रचार के कार्यों में समर्पित किया है। इन दिनों 97 वर्ष की आयु पूरी कर वह देहरादून में अपनी धर्मपत्नी माता श्रीमती संयोगिता जी के साथ निवास करते हैं। शरीर दुर्बल हो गया है तथा एक पैर की हड्डी भी टूट गई है। अतः आपका समय बिस्तर पर लेट व बैठ कर ही व्यतीत होता है। हमने उनसे भेंट कर उनके समाचार जाने हैं। आज भी उनके अन्दर ऋषि दयानन्द व आर्यसमाज के प्रति प्रेम व कृतज्ञता सहित देशभक्ति की भावनायें भरी हुई हैं जिनकी अभिव्यक्ति उनसे बातचीत करते हुए बीच बीच में होती रहती है।
श्री चमनलाल रामपाल जी पिता पं. किशन चन्द तथा माता श्रीमती माया देवी की सन्तान हैं। आपका जन्म जिला गुरदासपुर में धारीवाल के निकट सोहल गांव में 15 दिसम्बर सन् 1922 को हुआ था। आपके पिता आढ़ती की दुकान करते थे। जब चमनलाल जी दस महीने के ही थे, तब सन् 1923 में पिता जी का देहावसान हो गया था। आपकी माता जी का देहावसान 80 वर्ष की आयु में 1 जनवरी, 1991 को हुआ। चमनलाल जी का भाई कोई नहीं था, केवल दो बहिनें थी। चमनलाल रामपाल जी के दो पुत्र व एक पुत्र हुईं। इनका एक पुत्र विद्युत इंजीनियर रहा है जो वर्तमान में कुरुक्षेत्र-हरयाणा में अपने परिवार के साथ निवास करता है। एक अन्य पुत्र अम्बाला-हरयाणा में रहते हैं और अपने कार्य से सेवानिवृत होकर किसी अन्य व्यवसायिक फर्म में कार्य कर रहे हैं। आपकी पुत्री ने भूगोल में एम.ए. पीएचडी किया था। उनका विवाह पटियाला के एक एम.बी.बी.एस., एम.डी. डाक्टर के साथ हुआ था। इन दिनों वह वहीं अपने परिवार के साथ रहती हैं। देहरादून में अपने बड़े मकान में श्री चमनलाल जी अपनी धर्मपत्नी के साथ निवास करते हैं। दोनों ही वृद्ध हैं इसलिये आपने सफाई, भोजन व स्नान आदि कराने के लिये अनेक नौकर व नौकरानियां रखे हुए हैं जो आपकी सेवा करते हैं जिससे आप 98 वर्ष करतु हुए भी जीवित हैं और अपने आवश्यक कार्य करते हैं। आप पूर्ण स्वावलम्बी हैं। आपके पास जीवन यापन के साधन हैं। अतः आप अपनी सन्तानों से जीवनयापन हुतु धन नहीं लेते हैं। पिता की मृत्यु के बाद बचपन में आपका पालन पोषण आपकी माता जी ने आपके चाचा पं. दुर्गादास जी के सहयोग से किया था।
श्री चमनलाल रामपाल जी की आरम्भिक व प्राथमिक शिक्षा सोहल गांव में ही हुई। इसके बाद आपने डी.ए.वी. स्कूल व कालेज, धारीवाल से बी.ए. पास किया था। आपने ज्ञानी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी। श्री चमनलाल जी की नियुक्ति रक्षा मंत्रालय में हुई थी। आपने यहां कार्यालय सुपरिन्टेण्डेण्ट के पद पर कार्य किया था। यहां कार्य करते हुए आपकी प्रोन्नति प्रकाशनिक अधिकारी के पद पर हुई थी। आपने सेवानिवृति की आयु से 11 वर्ष पहले ही सेवानिवृति ले ली थी। आपकी बहिन के श्वसुर उद्योगमंत्री रहे हैं। उनके परामर्श से आपने सेवानिवृत्ति के बाद 7 वर्ष तक पंजाब में रहकर साईकिल के पुर्जें बनाने का उद्योग लगाया था। चमनलाल जी पर आर्यसमाज के संस्कार डी.ए.वी. स्कूल व कालेज, धारीवाल में पड़े थे। वहां यज्ञ व हवन होता था तथा आर्य समाज के विद्वानों के प्रवचन होते थे। प्रत्येक शनिवार को आर्य कुमार सभा का अधिवेशन हुआ करता था जिसमें आप भाग लेते थे। इससे आपमें आर्यसमाज के साहित्य के स्वाध्याय की प्रवृत्ति भी उत्पन्न हुई थी। आपने वेदभाष्य सहित ऋषि के लिखे प्रायः सभी ग्रन्थों को कई बार पढ़ा है। आपने अपने सरकारी सेवा काल व उसके पश्चात दिल्ली व शिमला सहित कानपुर में तीन वर्ष निवास किया। आप शिमला तथा देहरादून में आर्यसमाज के सदस्य व अधिकारी रहे हैं।
लेखन के क्षेत्र में श्री चमनलाल रामलाल जी का उल्लेखनीय योगदान है। आपने लगभग चालीस पुस्तकें लिखी हैं। वर्तमान में भी आपकी पुस्तकें प्रकाशित होती रहती हैं। लेखन के क्षेत्र में आपने देशभक्ति व देश के हितों को ध्यान में रखकर महापुरुषों के जीवन परक साहित्य सहित इतर अनेक विषयों पर लेखनी चलाई हैं। आपकी कुछ पुस्तकों के नाम हैं 1-झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, 2- अज्ञेय योद्धा महाराणा प्रताप, 3- वीर शिरोमणि महाराजा पृथ्वीराज चैहान, 4- कृष्ण-नीति, 5- हिन्दू समाज पर बलिदान, 6- शहीदों की सुलगती राख, अतीत, वर्तमान और भविष्य का आर्यसमाज, 7- बटता पंजाब जलता शबाब, 8- भारत का मूल आधार गौवंश, 9- वीर वैरागी बन्दा बहादुर तथा 10- वीर हकीकत राय आदि। आप बताते हैं कि देश दुबारा गुलाम न हो, इसलिये आपने प्रेरक साहित्य लिखा है। श्री चमनलाल जी ने हिन्दी तथा पंजाबी में कवितायें भी लिखी हैं। आपका एक कविता संग्रह चमन-पुष्प के नाम से प्रकाशित है। इसका दूसरा संस्करण सन् 2009 में प्रकाशित हुआ था। ऋषि भक्त चमनलाल जी ने ‘बेवफा कौन’ आदि कई उपन्यास तथा नाटक भी लिखे हैं। इससे आपके बहुप्रतिभाशाली व्यक्तित्व के दर्शन होते हैं। आपने अपने ग्रन्थों को स्वस्थापित संस्था चमन प्रकाशन के नाम से प्रकाशित किया है। चमन लाल जी ने आर्यसमाज के पुराने विद्वानों को अनेकों बार सुना है। पं. रामचन्द्र देहलवी तथा महात्मा हंसराज जी आदि शीर्ष विद्वानों को आपने अनेकों बार सुना है।
चमनलाल रामपाल जी को समय समय पर देहरादून के अनेक आर्यसमाजों ने सम्मानित किया हैं। आपने बताया कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री रहे श्री नित्यानन्द स्वामी, भी भगतसिंह कोश्यारी तथा श्री भुवनचन्द खण्डूरी आदि द्वारा आपको सम्मानित किया गया है। आपको अग्निहोत्री धर्मार्थ न्यास द्वारा दिनांक 12 मई, 2013 को वेदरत्न सम्मान से भी सम्मानित किया है। चमनलाल जी ने बताया कि उन्होंने सड़कों पर खड़े होकर प्रचार किया है। उन दिनों लोग आर्यसमाज के प्रचार को बड़े उत्साह से सुनते थे। वर्तमान में आर्यसमाज का प्रचार पहले के समान नहीं हो रहा है। उनके अनुसार आर्यसमाज की वर्तमान की स्थिति निराशा उत्पन्न करती है। श्री चमनलाल रामपाल जी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कश्मीर से धारा 370 को हटाने का कार्य एक ऐतिहासिक कार्य है। वह कहते हैं श्री नरेन्द्र मोदी का देश का प्रधानमंत्री बनना भी उन्हें एक दैवीय कार्य लगता है। देहरादून के डा. वेदप्रकाश गुप्त जी श्री चमनलाल रामपाल जी के अभिन्न मित्र रहे हैं। आप दोनों आर्यसमाज के प्रचार व संगठन का कार्य उत्साह के साथ करते थे। डा. गुप्त जी ने अनेक गुरुकुल खोले हैं। उनका द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल सरकार से मान्यता प्राप्त है तथा यहां कई स्नातिकायें तैयार हुई हैं। आर्य विदुषी डा. अन्नपूर्णा जी इस गुरुकुल की आचार्या हैं। हमने श्री चमनलाल जी से उनकी इच्छायें भी पता की। उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि देश के सभी विद्वान व नेताओं को मिलकर आर्यसमाज को जीवित करना चाहिये। वह चाहते हैं कि आर्यसमाज का ऐसा प्रचार हो कि कोई मत-मतान्तर व उनके आचार्य आर्यसमाज की वैदिक मान्यताओं को अस्वीकार न कर सकें। उन्होंने कहा कि हमें आर्यसमाज को सशक्त बनाने पर विचार व कार्य करना चाहिये।
श्री चमनलाल जी ने बताया कि वह बचपन में एकबार गांघी जी से मूसरी में मिले थे। उन्होंने गांधी जी को कहा था कि उन्हें अंग्रेजों की नौकरी करना पसन्द नहीं है। इसके उत्तर में गांधी जी ने कहा था कि तुम वही काम करना जो तुम्हें ठीक लगे। नौकरी का त्याग करने का गांधी जी ने समर्थन नहीं किया था। वह बताते हैं कि उनको पांच मिनट का समय दिया गया था लेकिन एक मिनट बाद ही उनको आगे बात करने से मना कर दिया गया। इसका कारण था कि नेहरु जी गांधी से मिलने आ रहे थे। यह जानकारी उन्हें गांधी की निजी सचिव राजन्दिर कौर जी ने बताई थी। श्री चमनलाल जी दो महीने बाद 14 दिसम्बर 2020 को अपने जीवन के 98 वर्ष पूरे कर लेंगे। इस आयु में जीवन जीना कई प्रकार से कठिन होता है। इस अवस्था में परिवार के अधिक से अधिक लोग साथ हों तो समय अच्छा व सुख शान्ति से व्यतीत होता है। सौभाग्य से माता संयोगिता जी एक छाया कीतरह दिन भर उनके पास ही बैठी रहती हैं। श्री चमनलाल जी या तो लेटे रहते हैं या बैठ जाते हैं। माता सयोगिता जी कुर्सी पर उनके पास ही बैठी रहकर उनसे बातें करती रहती हैं। चमनलाल जी अपने परिचारकों वा सेवकों की सेवा से सन्तुष्ट हैं। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह और उनकी धर्मपत्नी माता संयोगिता जी दोनों स्वस्थ रहें। उनको कोई विशेष कष्ट न हो।
-मनमोहन कुमार आर्य
“वेदों में वर्णित सभी मनुष्यों के लिए नित्य करणीय पांच कर्तव्य”
मनुष्य संसार में आता है। उसकी माता उसकी प्रथम शिक्षक होती है। वह माता जो अच्छा व उचित समझती है वह ज्ञान अपनी सन्तानों को देती है। प्राचीन काल में हमारी सभी मातायें व समाज की स्त्रियां वैदिक शिक्षाओं में निपुण होती थी। उन्हें सत्य व असत्य ज्ञान का विवेक हुआ करता था। वह ईश्वर, आत्मा, संसार तथा मनुष्य के कर्तव्यों एवं अकर्तव्यों से भली प्रकार से परिचित हुआ करती थीं। महाभारत युद्ध के बाद ऋषि परम्परा समाप्त होकर देश देशान्तर में अविद्या का अन्धकार फैला। न केवल स्त्रियां अपितु हमारे ज्ञानी पण्डित आदि भी वेद की सत्य शिक्षाओं व ज्ञान से वंचित हो गये। ऐसे समय में देश में अज्ञान व अन्धविश्वास उत्पन्न हुए जिसका प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ा। महाभारत के बाद वेदों के अध्ययन व अध्यापन की प्राचीन परम्परा बन्द होने से देश देशान्तर के मनुष्य ईश्वरीय ज्ञान वेदों में बताये गये मनुष्यों के प्रमुख पांच कर्तव्यों को भी भूल गये। इस कारण ज्ञान की दृष्टि से संसार का पतन हुआ और पूरा विश्व वेद ज्ञान की अनुपस्थिति में अविद्या, अज्ञान, अन्धविश्वास, पाखण्ड व कुरीतियों में फंस गया। ईश्वर व आत्मा के सच्चे स्वरूप का ज्ञान भी भुला दिया गया था। ईश्वर, देश व समाज के प्रति कर्तव्यों सहित मनुष्य को अपने प्रति किये जाने वाले कर्तव्यों यथा ज्ञान प्राप्ति, वेदाचरण, पंचमहायज्ञ आदि का भी ज्ञान नहीं रहा था।
स्वामी दयानन्द सरस्वती (1825-1883) को अपने बाल्यकाल में अपनी आयु के चैदहवें वर्ष में मूर्तिपूजा करते हुए कुछ शंकायें उपस्थित हुई थीं। ईश्वर की मूर्ति बनाकर पूजा करने की प्रचलित पद्धति के प्रति तर्क व युक्तियों से संबंधित कारणों का ज्ञान व समाधान उन्हें अपने किसी परिवारजन व विद्वानों से भी नहीं मिला था। कालान्तर में मृत्यु के भय ने भी उनके मन में स्थान पा लिया था। इन प्रश्नों का जब उन्हें किसी से सन्तोषजनक उत्तर नहीं मिला तो उन्होंने अपने पितृगृह का त्याग कर इन प्रश्नों के उत्तर प्राप्त करने के लिए खोज की। वह देश भर के विद्वानों, योगियों व साधु-संन्यासियों से मिले। उन्होंने प्रायः सभी विद्वानों से अपनी शंकाओं के समाधान पूछे थे। इसी बीच वह उच्च कोटि के योगियों के सम्पर्क में आकर योग के सभी अंगों को भी सिद्ध करने में सफल हुए। योग का अन्तिम अंग समाधि होता है जिसमें सर्वाव्यापक, सर्वान्तर्यामी, सब जगत के आधार ईश्वर का साक्षात्कार होता है। ऋषि दयानन्द ने समाधि अवस्था को प्राप्त कर अपनी आत्मा में व आत्मा के द्वारा ईश्वर का साक्षात्कार वा प्रत्यक्ष भी कर लिया था। विद्या की तीव्र इच्छा के कारण वह प्रयत्न करते हुए वेद वेदांगों के विद्वान प्रज्ञाचक्षु गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी के सम्पर्क में आये। स्वामी दयानन्द ने स्वामी विरजानन्द जी से सन् 1860 से सन् 1863 तक लगभग तीन वर्षों तक वेद वेदांगों का अध्ययन किया। इससे उन्हें अध्यात्मिक तथा भौतिक पदार्थ विद्याओं का सूक्ष्मज्ञान हुआ था जिससे उनकी आत्मा की तृप्ति हुई थी।
स्वामी दयानन्द ने वेदों को प्राप्त कर उनकी परीक्षा की और अपनी सत्यान्वेषण बुद्धि से पाया कि चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद सृष्टि के आरम्भ में परमात्मा द्वारा चार आदि ऋषि अग्नि, वायु, आदित्य तथा अंगिरा को दिया गया अपौरुषेय सत्य ज्ञान है। उन्होंने अपने कर्तव्य पर भी विचार किया था। वेद सभी मनुष्यों को वेदाध्ययन की प्रेरणा सहित दूसरे मनुष्यों में वेद प्रचार की प्रेरणा भी करते हैं। ऐसा करने से ही संसार से अज्ञान व अविद्या दूर हो सकती है। संसार में अविद्या की अन्धकार से तथा विद्या की प्रकाश से उपमा दी जाती है जो कि वस्तुतः सत्य ही है। अज्ञानी मनुष्य का जीवन निष्फल होता है। ज्ञान से बढ़कर संसार में कोई पदार्थ, धन व सम्पत्ति नहीं है। जो काम ज्ञान से होता है वह धन सम्पत्ति से नहीं हो सकता। शास्त्रों की सत्य मान्यता है कि जो सुख व आनन्द एक धार्मिक वेदज्ञानी व सत्य का ज्ञान रखने वाले मनुष्यों को प्राप्त होता है वह अन्य अल्पज्ञानी व अज्ञानी मनुष्यों को प्राप्त नहीं होता।
वेद एवं वेद के ऋषियों द्वारा प्रणीत शास्त्रों व ग्रन्थों का अध्ययन करने पर ज्ञात होता है कि संसार के सब मनुष्य के पांच प्रमुख कर्तव्य हैं जिनका सेवन उन्हें प्रतिदिन करना चाहिये। प्रथम कर्तव्य को ईश्वरोपासना, ब्रह्मयज्ञ वा सन्ध्या के नाम से जाना जाता है। इसके अन्तर्गत वेदाध्ययन से ईश्वर का ज्ञान प्राप्त कर इस सृष्टि के रचयिता व पालक परमेश्वर की उसके सत्य गुणों, कर्मों व स्वभाव का स्मरण करते हुए उसका ध्यान करते हैं। यही ईश्वर की उपासना कहलाती है। परमात्मा ने जीवात्माओं वा मनुष्य आदि प्राणियों के लिये ही इस सृष्टि को बनाया हैं। उसी ने हमें मानव शरीर दिया है तथा हमारी आवश्यकता के सभी पदार्थ भी उसी ने बनाये हैं। ईश्वर यदि सृष्टि को न बनाता और हमें जन्म न देता तो हम सुखों का भोग नहीं कर सकते थे। हमें जो सुख प्राप्त हैं उसका कारण व आधार परमात्मा ही है, अन्य कोई नहीं। अतः हमारा कर्तव्य है कि हम उसके सत्य स्वरूप का ध्यान करते हुए उसके प्रति कृतज्ञता एवं उसका धन्यवाद करें। मनुष्य का दूसरा प्रमुख कर्तव्य मुख्यतः अपने पर्यावरण को शुद्ध रखना व शुद्ध करना होता है। हमारे कारण ही वायु, जल तथा पृथिवी आदि प्रदुषित व विकृतियों को प्राप्त होती है। इनको शुद्ध रखने के लिये ऋषियों ने देवयज्ञ अग्निहोत्र की खोज की। यह ज्ञान व विज्ञान से युक्त कार्य व अनुष्ठान होता है जिससे वायु व जल आदि सहित पर्यावरण की शुद्धि होती है। इससे मनुष्य स्वस्थ व निरोग रहता है। उसके ज्ञान विज्ञान की उन्नति होती है। सन्ध्या व देवयज्ञ को प्रातः व सायं किया जाता है। ऋषि दयानन्द ने इन दोनों यज्ञों को करने की विधियां भी लिखकर हमें प्रदान की हैं। इन विधियों से हमें लाभ उठाना चाहिये।
तीन इतर मुख्य कर्तव्य पितृयज्ञ, अतिथियज्ञ तथा बलिवैश्वदेवयज्ञ होते हैं। पितृयज्ञ में माता-पिता तथा परिवार के वृद्ध जनों की सेवा करनी होती है। हम जब वृद्ध होंगे तो हमें भी सेवा की आवश्यकता होगी। इसलिये यह सुन्दर परम्परा डाली गई है। अतिथि यज्ञ में विद्वान मनुष्यों की जो जनकल्याण की भावना से युक्त होकर हमारे घरों में यदाकदा आते हैं उनका श्रद्धापूर्वक सेवा व सत्कार किया जाता है। बलिवैश्वदेव यज्ञ में परमात्मा के बनाये पशु व पक्षियों आदि के आश्रय व पालन में सहायता की जाती है। यद्यपि सभी पशु आदि प्राणियों का पालन परमात्मा के द्वारा होता है परन्तु हमें भी इन असहाय प्राणियों की रक्षा व पालन में सहयोग करना होता है। इन पांच प्रमुख कर्तव्यों को पंचमहायज्ञ के नाम से जाना जाता है। हम सबको इन पांच कर्तव्यों व यज्ञों का अनुष्ठान करना चाहिये। यही सब मनुष्यों का धर्म है। इससे हमारा जन्म लेना सार्थक व सफल होता है। हमारी आध्यात्मिक तथा सांसारिक उन्नति होती है तथा जन्म जन्मान्तरों में हमें सुख प्राप्त होता है।
-मनमोहन कुमार आर्य
नवरात्रों में मीट की दुकान बंद करवाने को युवाओं ने दिया ज्ञापन
मनोज तोमर—समीक्षा न्यूज
गौतम बुध नगर। हिन्दू धर्म का पवित्र माने जाने वाले मां दुर्गा के पवन नवरात्रो पर अन्य क्षेत्रों में होने वाली मीट की बिक्री पर हिन्दू रक्षा दल ने प्रतिबंद लगाने की बात की क्षेत्र के चौकी इंचार्ज को ज्ञापन में युवा विभाग अध्य्क्ष सुजल सक्सेना ने कहा की क्षेत्र में किसी भी प्रकार की मीट व अंडे की दुकान न खुले यदि खुलेगी तो उसपर सख्त से सख्त कारवाई होगी और दुकान बंद करवाई जाएगी। उन्होंने ने खुले में हो रही मॉस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है उनका कहना है यदि प्रशाशन ने खुली मास की दुकानों पर कार्रवाई नहीं की और मां दुर्गा के पवित्र नवरात्रों में श्रद्धालुओं को दिक्कत होती है तो हिन्दू रक्षा दल अपने स्तर से मीट की दुकानों को बंद करवाएगा।
संदीप बंसल के नेतृत्व में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने मनाई महाराज अग्रसेन जयंती
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने हमारे कुल प्रवर्तक शिरोमणि महाराजा अग्रसेन की 5144 वीं जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जिला अध्यक्ष संदीप बंसल के नेतृत्व में पूरी टीम ने महाराज अग्रसेन के चित्र पर फूल माला चढ़ा कर दीप प्रज्वलित करके, भजन कीर्तन के साथ धूमधाम से अग्रसेन जयंती को मनाया गया। इस प्रोग्राम में अनेक गणमान्य लोग अनेक व्यापारी गण मौजूद थे। जिलाध्यक्ष संदीप बंसल, युवा महानगर अध्यक्ष हेमंत सिंघल, अनिल गर्ग, संजय गुप्ता, संजीव गर्ग, दीपक, संजय बिंदल, सोनू, मोहित सिंघल, मोहित गोयल, सचिन गर्ग, प्रशांत गुप्ता, अग्रवाल, रितेश, गौरव, जितेंद्र गोयल, गौरव बंसल, गौरव गोयल, अनुराग अग्रवाल, अमित गुप्ता, तुषार गुप्ता, शरद गुप्ता, प्रदीप गर्ग, दिनेश गुप्ता, सुशांत गुप्ता, विकास गोयल, सचिन गुप्ता, मुकेश, मूलचंद, संजय इत्यादि सैकड़ों गणमान्य वैश्य समाज के व्यक्तियों ने भाग लिया।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में कामाक्षी शर्मा ने करवाया नाम दर्ज, बेटी का बेटी सुरक्षा दल ने किया जोरदार स्वागत
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। बेटी सुरक्षा दल के केंद्रीय संयोजक डॉ.एसके शर्मा ने बेटी सुरक्षा दल की टीम के साथ गाजियाबाद की बेटी कामाक्षी शर्मा का भव्य स्वागत किया।
इस मौके पर डॉ.शर्मा ने कहां है कि हमें आप जैसी बेटियों पर गर्व है जो जिले का नाम पूरे देश में रोशन करती हैं बेटियां बेटों से कम नहीं है जब बेटी पड़ेगी तभी तो बेटी आगे बढ़ेगी।
बेटी सुरक्षा दल के केंद्रीय संयोजक डॉ एस के शर्मा जी ने कहां है कि बेटी सुरक्षा दल बहुत जल्द साइबर क्राइम पर 100000 बेटियों को अवेयर करने का काम करेगी।
इस मौके पर बेटी सुरक्षा बल के राष्ट्रीय प्रमुख सचिव डॉ.जुबेर त्यागी डॉ.राजाराम आर्य राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ.जमील खान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.आरके शर्मा डॉ.सुनील वशिष्ठ राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ.संजय, डॉ.रविंदर वर्मा, डॉ.फहीम मलिक आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।
योग निद्रा एवं ध्यान के सम्बंध में अर्चना शर्मा (योग शिक्षिका व रेकी मास्टर हीलर) की राय
सुशील शर्मा—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। आप योग निद्रा को आध्यात्मिक नींद भी कह सकते हैं। योग निद्रा सोने व जागने के बीच की ऐसी अवस्था है जिसमें आप अपने शरीर को आराम पहुंचाते हुए नवीन ऊर्जा को संरक्षित करते हैं। इसके अभ्यास के शुरूआती दौर में आप कुछ समय के लिए सो भी सकते है, परंतु धीरे-धीरे आपको इसे करने का सही तरीका आ जाएगा। इसको करते समय आप जमीन पर आराम से लेट जाएं और अपनी सांसों पर ध्यान देते हुए, अंर्तमन में झांकने का प्रयास करें। कुछ समय बाद आप शांति महसूस करने लगेंगे। इसी अवस्था को योग निद्रा कहा जाता है। कुछ समय की योग निद्रा आपकी घंटों की नींद से प्राप्त हुए आराम के सामान ही होती है। योग निद्रा को लगातार करने से आपका मस्तिष्क पहले की अपेक्षा अधिक सक्रिय हो जाता है। योग के अन्य आसनों के पश्चात् जब आप योग निद्रा करते हैं, तो आपका शरीर थकान रहित हो जाता है और आपकी ऊर्जा का स्तर नियत्रंण में आ जाता है।
ध्यान को समझने के लिए आपको समझना होगा हमारे मन में एक साथ असंख्य कल्पना और विचार चलते रहते हैं। इससे मन-मस्तिष्क में कोलाहल-सा बना रहता है। हम नहीं चाहते हैं फिर भी यह चलता रहता है। आप लगातार सोच-सोचकर स्वयं को कम और कमजोर करते जा रहे हैं। ध्यान अनावश्यक कल्पना व विचारों को मन से हटाकर शुद्ध और निर्मल मौन में चले जाना है।ध्यान जैसे-जैसे गहराता है व्यक्ति साक्षी भाव में स्थित होने लगता है। उस पर किसी भी भाव, कल्पना और विचारों का क्षण मात्र भी प्रभाव नहीं पड़ता। मन और मस्तिष्क का मौन हो जाना ही ध्यान का प्राथमिक स्वरूप है। विचार, कल्पना और अतीत के सुख-दुख में जीना ध्यान विरूद्ध है।ध्यान में इंद्रियां मन के साथ ,मन बुद्धि के साथ और बुद्धि अपने स्वरूप आत्मा में लीन होने लगती है। जिन्हें साक्षी या दृष्टा भाव समझ में नहीं आता उन्हें शुरू में ध्यान का अभ्यास आंख बंद करने करना चाहिए। फिर अभ्यास बढ़ जाने पर आंखें बंद हों या खुली, साधक अपने स्वरूप के साथ ही जुड़ा रहता है और अंतत: वह साक्षी भाव में स्थिति होकर किसी काम को करते हुए भी ध्यान की अवस्था में रह सकता है।
टैक्स की लम्बी प्रक्रिया से टैक्सदाता परेशान: प्रेमचंद गुप्ता
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। समाजवादी पार्टी के जिला कोषाध्यक्ष प्रेमचंद गुप्ता ने एक मुलाकात में कहा कि भारत सरकार ने टैक्स की कागजी कार्रवाई काफी जटिल कर दी है। जिसकी वजह से कारोबारियों को अक्सर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि कारोबारी हो या व्यापारी टैक्स देने से नहीं घबराता है। वह टैक्स प्रक्रिया की कागजी कार्रवाई से घबराता है। अगर सीए और वकीलों का सलाह ना मिले तो कारोबारी इन कागजी पहाड़ों के नीचे ही दबा रह जाए।
प्रेमचंद गुप्ता ने कहा कि सरकार चाहे तो कागजी कार्रवाई को सीमित कर सकती है। इससे सरकार और कारोबारी दोनों को फायदा होगा। सभी जानते हैं कि देश टैक्स के पैसों से ही चलता है। हर कोई देश की तरक्की चाहता है। मगर लंबी चौड़ी और जटिल कागजी कार्रवाई देखकर आधे लोग डर जाते हैं। टैक्स की सरल प्रक्रिया और कम कागजी कार्रवाई से कारोबारी राहत महसूस करेंगे। वह जान सकेंगे कि किस दर से टैक्स लिया जा रहा है। कैसे टैक्स भरना है। इसलिए देश में कारोबारी जगत को यदि सरकार इन सबसे राहत देना चाहती है तो यह उस दिशा में सबसे बड़ा कदम हो सकता है। सरकार यदि ऐसा करती है कोराबारी हमेशा उनके आभारी रहेंगे।
राज्यमंत्री अतुल गर्ग ने जलाया दीप जलाकर सर्वधर्म, समभाव के साथ मनाई महाराजा अग्रसेन जयन्ती
जाट, पंजाबी, सिख, ब्राह्मण, मुस्लिम, त्यागी, क्षत्रिय समाज के प्रतिनिधियों ने की भागेदारी
सौरभ जायसवाल—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। वैश्य शिरोमणि महाराजा अग्रसेन जी की 5144वीं जयंती कविनगर के औद्योगिक क्षेत्र स्थित महाराजा अग्रसेन वाटिका में धूमधाम से मनाई गई।
उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अतुल गर्ग, पूर्व सांसद रमेश चन्द तोमर, युग करवट के प्रधान सम्पादक सलामत मियां पूर्व पार्षद विजय मोहन, बाल भवन के राष्टÑीय उपाध्यक्ष आनन्द प्रकाश (लोहे वाले), स्वागताध्यक्ष अजय गुप्ता, संदीप सिंघल (संस्थापक), सरदार जौली जी, सरदार धर्मेन्द्र सिंह सोहल, जाट समाज से प्रो. नरेन्द्र सिंह (गणितज्ञ), त्यागी समाज से अरूण त्यागी, सुरेन्द्र पाल त्यागी, राजीव त्यागी, पंजाबी समाज से महेश आहूजा, ओ.पी. चिटकारा, ब्राह्मण समाज से राज्यमंत्री बलदेव राज शर्मा, डॉ. बी.के. शर्मा हनुमान, आर.डी. शर्मा ने महाराजा अग्रसेन को पुष्पांजलि दी।
नव मनोनीत बाल भवन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आनन्द प्रकाश (लोहे वाले), व्यापारी कल्याण बोर्ड उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष अशोक गोयल, वैश्य समाज के कर्मठ पदाधिकारी श्याम सुन्दर अग्रवाल (मोदीनगर) भी मौजूद थे।
महाराजा अग्रसेन जयंती के अवसर पर मंत्री अतुल गर्ग, पूर्व सांसद रमेश चन्द तोमर, सलामत मियां (प्रधान संपादक युग करवट), अशोक गोयल (व्यापारी कल्याण बोर्ड), आनन्द प्रकाश (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बाल भवन), महेश आहूजा, श्याम सुन्दर अग्रवाल (मोदीनगर), जौली सरदार जी ने अपने शब्दों से अग्रसेन जी को पुष्पांजलि दी।
सद्भावना दिवस के रूप में मनाई जाए अग्रसेन जयंती: अतुल गर्ग
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अतुल गर्ग ने महाराजा अग्रसेन जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए एक प्रस्ताव रखा कि पूरे देश में महाराजा अग्रसेन जयंती को ‘सद्भावना दिवस’ के रूप में पूरे देश में मनाई जानी चाहिए। क्योंकि महाराजा अग्रसेन प्रथम समाजवादी विचारों वाले प्रथम सम्राट थे। उनके राज्य में सभी नागरिकों में समानता थी।
अग्रसेन जयंती पर हो अवकाश: रमेश चन्द तोमर
पूर्व सांसद डॉ. रमेश चन्द तोमर ने वी.के. अग्रवाल द्वारा प्रत्येक वर्ष सभी धर्म व जाति वर्ग के प्रतिनिधियों के साथ महाराजा अग्रसेन जयंती मनाने की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस सभा के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को मैं एक प्रस्ताव भेज कर अग्रसेन जयंती पर सरकारी अवकाश करने की मांग करूंगा तथा अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन ने भी यह प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजने की स्वीकृति दी। अग्रसेन जयंती पर सभी जाति व धर्मों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही।
इस कार्यक्रम के आयोजन में संदीप सिंघल, राजीव गुप्ता (अध्यक्ष), पवन गुप्ता (महासचिव), मीडिया प्रभारी सौरभ जायसवाल, प्रदीप सिंघल कोषाध्यक्ष, सुरेश मित्तल, आशु बिन्दल, राजीव सिंघल, नवीन अग्रवाल, लोकेश सिंघल, प्रकाश गुप्ता, हरिश मोहन गर्ग, राकेश चन्द अग्रवाल, यू.एस. गर्ग, अनिल सिंघल, डी.के. मित्तल, वी.के. सिंघल, रामगोपाल गर्ग, अखिलेश अग्रवाल, रमा गुप्ता, स्रेहलता सिंघल, डॉ. नीरज गर्ग, अनुराग अग्रवाल, पूजा गुप्ता, प्रभा गोयल, रूबि अग्रवाल, अजय अग्रवाल, देवेन्द्र हितकारी, आशीष अग्रवाल, डॉ. संजीव गोयल, मंयक मोहन, अजय मित्तल, श्याम सुन्दर का भी सराहनीय सहयोग रहा।
पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी ने किया नारियल तोड़कर विकास कार्य का उद्घाटन
धनसिंह—समीक्षा
गाजियाबाद। वार्ड- 76, वैशाली सेक्टर 3ए के 80 वर्षीय बुजुर्ग एसपी त्यागी व पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी ने नारियल तोड़कर विकास कार्य का शिलान्यास किया।
पार्षद जी ने बताया कि मेयर आशा शर्मा के विशेष सहयोग व पार्षद शिवानी गौरव सोलंकी के कोटे से सेक्टर 3ए में मकान संख्या 256 से मकान संख्या 299 तक की क्षतिग्रस्त सड़क का निर्माण के कार्य का शुभारम्भ सम्मानित निवासियों की मौजूदगी में शुरू हुआ।
इस मौक़े पर गौरव सोलंकी के साथ आरडब्लूए अध्यक्ष श्रीमती पूनम चौधरी, श्रीमती संगीता माथुर, श्रीमती सुमन, श्रीमती रंजना, जितेंद्र, हर्ष टण्डन, श्री बिश्नोई, हरीश, श्री नोटियाल, श्री रावत, मयंक, नवीन चौहान, सुरेंद्र यादव, बंगाली बाबुजी, जगदीश प्रसाद, राकेश पाल, राकेश पाण्डेय, मोनू घंशेला आदि निवासीगण उपस्थित रहे।
नसीब पठान हमेशा हमारी यादों में जिंदा रहेंगे: ऋषभ राणा
धनसिंह—समीक्षा न्यूज
शोकसभा आयोजित कर पूर्व एमएलसी नसीब पठान को दी श्रद्धांजलि
गाजियाबाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व एमएलसी रहे नसीब पठान का कुछ दिन पहले आकस्मिक निधन हो गया। उनकी आत्मा की शांति के लिए शोक सभा का आयोजन किया गया। शोकसभा में दिल्ली, यूपी, उत्तराखण्ड सहित अन्य राज्य के कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। कांग्रेस पार्टी गाजियाबाद सेवादल यंग ब्रिगेड के जिला अध्यक्ष ऋषभ राणा ने भी शिरकत की। इस अवसर पर सभी ने दिवंगत आत्मा के लिए शांति एवं उनके परिवार के लिए सांत्वना की प्रार्थना की। इस अवसर पर ऋषभ राणा ने कहा कि दिवंगत नसीब पठान हमेशा हमारी यादों में जिंदा रहेंगे। उनके जाने का दुख हमें सदा सताता रहेगा। वे जो आदर्श वह हमारे लिए छोड़ कर गए हैं हम उनका अनुसरण करते हुए उनके मिशन को पूरा करेंगे और यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
महिला मरीज को प्रेम जाल में फंसाकर, उतार दिया मौत के घाट
साजिद खान—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। थाना मसूरी क्षेत्र में दिनांक 15.10.2020 को चांद मौहम्मद पुत्र मोला वख्स निवासी वार्ड न० आफताब कालोनी वार्ड न0 8 कस्वा डासना द्वारा थाना सूचना दी कि इस्माईल पुत्र यूसूफ निवासी काजी वाली मस्जिद डासना थाना मसूरी जिला गाजियाबाद ने उसकी बहन उम्र 25 वर्ष शबाना की हत्या कर शव को हरियाणा में कहीं फेक दिया है। इस सूचना पर तत्काल मु0अ0सं0 556/20 धारा 302,201 भादवि पंजीकृत किया गया। मृतका श्रीमति शबाना के सम्बन्ध में दिनांक 8/9/2020 को थाना हाजा पर गुमशुदगी दर्ज है।
मामले को गम्भीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद कलानिधि नैथानी ने पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नीरज कुमार जादौन को अभियुक्त इस्माईल उपरोक्त की गिरफ्तारी के लिये पुलिस टीम गठित कर आवश्यक कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के कुशल निर्देशन तथा क्षेत्राधिकरी सदर महिपाल सिंह के पर्यवेक्षण में अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु 15 अक्टूबर 2020 को थाना मसूरी में कार्यवाहक प्रभारी निरीक्षक अशोकपाल सिंह एवं उनके साथ व0उ0नि0 इसरार अहमद, का0 3143 मोहित रावत, का02749 सतीश कपासिया, का03116 राधेश्याम, का0191 गौरव शर्मा सरकारी गाडी के तुरन्त रवाना हुये। मुखबिर की सूचना पर 16 अक्टूबर 2020 को टीम द्वारा अभियुक्त इस्माईल पुत्र युसूफ नि. म0न0 155, वार्ड नं. 14 मोहल्ला काजीवाला डासना थाना मसूरी जनपद गाजियाबाद को फ्लाई ओवर इन्द्रगढी पास शराब की दुकान के नजदीक से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ पर अभियुक्त ने मृतका शबाना की जहर का इन्जेक्शन लगाकर हत्या कर दी व शव को जिला कुरूक्षेत्र हरियाणा मे सुनसान जगह पर उसके मोबाईल सहित फेंक दिया है। उपरोक्त की जानकारी पर पुलिस ने मृतका का मोबाईल मौके पर बरामद किया।
तो मेरी ये कविता है कुछ अटपटी साहब
सोम बाजार रोड का नाम बदलकर रखा स्वर्गीय समाजसेवी ब्रह्म प्रकाश चौटाला मार्ग: निर्मल जैन
मनोज गोला—समीक्षा न्यूज
दिल्ली/गाजियाबाद। स्वर्गीय समाजसेवी ब्रह्म प्रकाश चौटाला ने बाल्मिक समाज में दबे कुचले लोगों की बढ़-चढ़कर अपने जीवन में बहुत मदद की थी वह बेसहारा कन्याओं का विवाह हर वर्ष आयोजित करते थे यह जानकारी सीमापुरी के बी ब्लॉक से सी ब्लॉक सोम बाजार रोड का नामकरण की शीला पट उद्घाटन करते हुए पूर्वी दिल्ली में निर्माण जैन ने मीडिया को बताया बाल्मीकि समाज को भारतीय जनता पार्टी में बहुत सम्मान दिया है और इस समाज में पार्टी और देश की यह सेवा बहुत शिद्दत से की है मैं चौटाला परिवार को इस अवसर पर बधाई देता हूं वहीं पूर्व विधायक जितेंद्र शंटी ने स्वर्गीय समाजसेवी ब्रह्म प्रकाश चौटाला की बाल्मीकि समाज के लिए वह रात दिन काम करते थे और उनका पुत्र विकास चौटाला भी उनके नक्शे कदम पर चल कर समाज की सेवा के लिए तत्पर रहता है उनको अपने स्वर्गीय पिता का आशीर्वाद प्राप्त है पूर्व मेयर रामनारायण दुबे ने कहा कि बाल्मीकि समाज का हमारे ऊपर बहुत पुराना कर्ज था जिसके लिए हमने उसको उतारने के लिए रात दिन काम करते रहे और उसको समाज में कैसे लौट आए यह है हम सोचते रहते थे आज स्वर्गीय समाजसेवी ब्रहम प्रकाश चौटाला मार्ग का उद्घाटन होने के बाद उनका सभी वर्गों में और सम्मान बढ़ा है जय हमारा एक परिवार तथा चौटाला परिवार हमारी पार्टी के साथ हमेशा रहा है और आगे भी रहेगा मैं उनकी उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं वही भगवान बाल्मीकि जन कल्याण संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय समाजसेवी ब्रहम प्रकाश चौटाला के छोटे भाई संजय चौटाला ने कहा कि हमारे बड़े भाई समाज के सभी वर्गों के साथ दुख दर्द में कंधे से कंधा मिलाकर काम करते थे और वह हमेशा लोगों के साथ खड़े रहते थे समाज के कार्यों में वह इतने व्यस्त हो जाते थे कि वह अपने खान-पान का थी सही से ध्यान नहीं रख पाते थे वह समाज की चिंताओं में हमेशा चिंतित रहते थे और समाज के प्रत्येक व्यक्ति को भाड़ में के लिए प्रयासरत रहते थे मैं लोगों से अपील करता हूं कि समाज में रहकर उन लोगों की मदद करो जिनको मदद की आवश्यकता है और उनके साथ हमेशा खड़े रहो जिनको हम दर्दों की आवश्यकता है इस अवसर पर कभी आए अतिथियों का स्वागत शाल ओढ़ाकर किया तथा पुष्प गुच्छ देकर उनको सम्मानित किया इस अवसर पर पूर्व डिप्टी मेयर संजय गोयल जिला अध्यक्ष रामकिशन शर्मा मंडल अध्यक्ष महेंद्र दुबे पूर्व जिला अध्यक्ष विजय शंकर पार्षद इंदिरा झा तथा पार्टी के पदाधिकारी गण मौजूद रहे वही समाज के मुख्य कार्यकर्ता दिलीप ठाकुर, सतीश, राजपाल टॉक पूर्व पूर्वांचल मोर्चा जिला अध्यक्ष विकास चौटाला, शिवचरण, इंद्रपाल चौधरी, विकास चौधरी, जस्सी, रॉकी, सीमा, हरिकिशन, सुनील आदि लोग मौजूद रहे।
Friday 16 October 2020
प्रभारी मंत्री ने कहा नहीं होगा किसानों के साथ अन्याय: प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
भूमाफियाओं और अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर भूमि मुक्त करवाने के लिए विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने सौंपा प्रभारी मंत्री और जिलाधिकारी को पत्र
गाजियाबाद। शुक्रवार को लंबे अरसे से कानूनी-दांव पेंच में अटकी प्राथमिक विद्यालय में चयनित 69000 अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया के पहले चरण में 31277 शिक्षकों के नियुक्ति प्रक्रिया का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से शुभारंभ किया। गाजियाबाद प्रभारी मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने मोहन नगर गाजियाबाद में चयनित अध्यापकों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए बधाई दी। इस दौरान लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर, साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा, गाजियाबाद नगर निगम महापौर आशा शर्मा, जिलाधिकारी, एसएसपी, शिक्षा विभाग व अन्य अधिकारी मौजूद रहें।
प्रभारी मंत्री श्री सुरेश खन्ना जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यह हर्ष का विषय है कि हमने 69,000 शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। प्रथम चरण में 31,277 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किया जा रहा है। यह कार्य पूरी पारदर्शी तरीके से किया गया है। सरकार सभी वर्गों के हितों को लेकर संवेदनशील है। प्रदेश सरकार ने हर क्षेत्र में लोगों को रोजगार देने का कार्य किया है जो एक रिकॉर्ड उपलब्धि है।
वहीं लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी नवनियुक्त शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि मौजूदा समय में शिक्षकों की नियुक्ति का कार्य किया जाना बताता है कि विपरीत समय में भी सरकार रोजगार प्रदान करने की दिशा में बेहतरीन कार्य कर रही है। आप सभी जहां भी नियुक्त हो शिक्षा के गुणवत्ता को बनाएं रखें और पूरे भारत को माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश से एक आदर्श शिक्षा का मॉडल प्रदान करने की दिशा में आप सभी इसके सहभागी बनें।
विधायक के नेतृत्व में प्रभारी मंत्री से मिलें टीला गांव के किसान, मंत्री जी ने कहा किसानों का हित रखेंगे सुरक्षित:
लोनी के टीला शहबाजपुर की आबादी वाली जमीन को जीडीए द्वारा अधिग्रहण किये जाने और किसानों को ज़मीन खाली करने के नोटिस मामलें में विधायक नंदकिशोर गुर्जर के साथ टीला लोनी गांव के किसानों ने प्रभारी मंत्री श्री सुरेश खन्ना से भेंट की। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने प्रभारी मंत्री जी को बताया कि इंद्रप्रस्थ योजना के लिए 1985-86 में टीला शहबाजपुर गांव की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। उस समय किसानों ने पैसा नहीं उठाया था क्योंकि यह उनकी पुश्तैनी ज़मीन थी लेकिन जीडीए ने पिछले दिनों करीब सैकड़ों परिवार को नोटिस भेजकर जमीन खाली करने और मकान ध्वस्तीकरण का निर्देश दिया है। ऐसे में आबादी व पुश्तैनी घर होने के कारण इस जमीन का अधिग्रहण करना गलत है। प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना जी ने संबंधित विभाग को समस्या प्रेषित करते हुए विधायक को आश्वस्त किया,3 कि किसानों का हित सरकार सुरक्षित रखेगी कोई अन्याय नहीं होगा।
विधायक ने भूमाफियाओं और अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर भूमि मुक्त करवाने के लिए सौंपा प्रभारी मंत्री और जिलाधिकारी को पत्र:
वहीं दूसरी ओर भूमाफिया के खिलाफ लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर का आक्रमक रवैया शुक्रवार को भी देखने को मिला जब विधायक ने प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना जी के साथ बैठक में लोनी में वनविभाग, जीडीए और नगरपालिका की बेशकीमती ज़मीन को अधिकारियों की सांठ-गांठ से बेचे जाने का मुद्दा उठाया। विधायक ने प्रभारी मंत्री जी से सपा सरकार में वनविभाग, जीडीए और नगरपालिका के अधिकारियों द्वारा भूमाफियाओं से सांठ-गांठ कर अपने विभागों की ज़मीन बेचने वाले अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने और भूमि को कब्जामुक्त करवाने के लिए पत्र सौंपा। प्रभारी मंत्री जी ने संबंधित अधिकारियों को निष्पक्ष कार्रवाई करते हुए भूमाफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और संलिप्त अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने को कहा है। विधायक ने जिलाधिकारी को भी पत्र की कॉपी सौंपी और सभी विभागों के मुख्य सचिव को संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई हेतु भी पत्र भेजा है।
लोनी क्षेत्र में महिलाओं के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेगी आम आदमी पार्टी : भावना बिष्ट
अली खान नहटौरी—समीक्षा न्यूज
लोनी। जिले में हो रहे महिलाओं के साथ उत्पीड़न को लेकर आम आदमी पार्टी जिला उपाध्यक्ष भावना बिष्ट पीड़ित महिलाओं का साथ देने का फैसला किया है और उन्होंने कहा कि महिलाओं पर और उत्पीड़न आम आदमी पार्टी की महिला बर्दाश्त नहीं करेगी इसके लिए मुझे चाहे कितनी भी लड़ाई लड़ने पड़े।
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी की जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ तो केंद्र और राज्य सरकार कहती है कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जिले में व उत्तर प्रदेश में बहन बेटियां मां महिलाएं सुरक्षित नहीं है इसके लिए लगता है कि आम आदमी पार्टी को ही इसकी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। कल की बात है की थाना टोंनिका सिटी क्षेत्र के राम पार्क मे एक महिला को उसकी बच्ची के साथ घर से बाहर निकाल दिया गया। और हमने थाना प्रभारी उमेश पवार से बात कर समस्या को समाधान करने के लिए कहा तब भी उस महिला को न्याय नहीं मिला क्या यही है पुलिस का रवैया इन महिलाओं के साथ ऐसा ही रहेगा क्या लगता है मुझे भी एक पीड़ित महिलाओं की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर प्रशांत कॉलोनी से भी कुछ महिलाओं का फोन आया और उन्होंने हम से मदद मांगी तभी वेदर थाना प्रभारी ओम प्रकाश को कॉल करके अपना परिचय देते हुए समस्या के समाधान के लिए कहा हालांकि मुझे आश्वासन मिला और समस्या का समाधान भी हुआ। इस तरह से महिलाओं के साथ कब तक चलता रहेगा और क्षेत्र लोनी क्षेत्र की कई कॉलोनी से मेरे पास महिलाओं के कॉल आती है और वह हम से मदद की मांग की है और अक्सर कर शिकायत रहती है कि पुलिस उनकी मदद नहीं कर रही है तब मुझे किसी न किसी को फोन कर उनकी समस्या का निस्तारण करने के लिए कभी थाना प्रभारी कभी उच्च अधिकारियों को फोन करके मामले का अवगत कराना पत्थर तब जाकर कुछ की समस्याओं का समाधान हो जाता है लेकिन फिर भी भटकती रहती है। लेकिन मैं भावना की क्षेत्र में हो रही महिलाओं के साथ उत्पीड़न की समस्या को बर्दाश्त नहीं करेंगे चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़ता है इसके लिए उच्च अधिकारियों को अवगत करा कर ऐसी महिलाओं को समस्या का निदान दिलाना ही हमारा एक महिला होने का फर्ज पुरा हो पाएगा।
-भाजपा सरकार में भाजपा नेताओं की पत्नियों ही परेशान
भाजपा से ही एक महिला का जिसका नाम कल्पना त्यागी है वह अपने पति से परेशान होकर ही उसने मेरे को कॉल करके कहा कि मैडम मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है और कृपया करके आप मेरी मदद करें मैं रामलीला मैदान में धरने पर अपने समाज के साथ बैठने के लिए जा रही हो लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अगर ही चलता रहा तो आगे आने वाले समय में महिलाएं और बच्चों की क्या हालत होगी प्रदेश में यह आप अच्छी तरह से जानते हैं। क्योंकि महिला में बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और इसके अलावा भी बलात्कार कर हत्या भी कर दी जाती है यह एक जघन्य अपराध है इसको आम आदमी पार्टी बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी और ऐसे लोगों के लिए सरकार जल्द से जल्द एक अच्छा कानून बनाएं जिससे पीड़ित महिलाओं को न्याय मिल सके।
नवरात्र के चलते मार्केट में रही रौनक
-धार्मिक स्थलों को भी दिया गया अंतिम रूप
अली खान नहटौरी—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। शनिवार से आरंभ हो रहे नवरात्रे के मददेनजर मार्केट में जबरदस्त चहल कदमी रही। महिलाओं आदि ने पूजा अर्चना से जुडी सामग्री की खरीद की। वहीं धार्मिक स्थलांे को भी अंतिम रूप दिया जाता रहा। दूसरी तरफ आदि महाशक्ति की मूर्तियों को कलाकार अंतिम रूप देते हुए नजर आए। इन कलाकारों का तर्क था कि लाकडाउन अब खत्म होने के बावजूद स्थिति सुधरती हुई नहीं दिख रही है।
शनिवार से आरंभ हो रहे नवरात्रे के मददेनजर यू तो मार्केट कई दिन पहले से सजने लगे थे। खासतौर से पूजा सामग्री से जुडी दुकानों पर एक से बढकर एक नई पोशाक आदि को दुकानों पर लटकाया गया है। इसके साथ साथ कुछ दुकानदारों के द्वारा गंगाजल के साथ मिटटी आदि की उपलब्धता की भी व्यवस्था सुनिश्चित की है। चैपला बाजार,रमेतराम रोड,गोविंदपुरम एवं शहर की विभिन्न गलियों में लोगों के द्वारा पूजा के सामान की दुकानों को खासतौर से सजाया है। इसके साथ ही धार्मिक स्थलों पर भी नवरात्रे को लेकर वहां अंतिम रूप दिया जा रहा था। राजनगर एक्सटेंशन एव जीटी रोड आदि पर बहुत से कलाकार आदि महा शक्ति दुर्गा आदि की मूर्तियों को अंतिम रूप देते हुए नजर आए। हालांकि दुर्गा पंडालों की अभी तक जिला प्रशासन के द्वारा अनुमति नहीं दी है।
प्रदेश में महिला पर टूट रहा है मुसीबत का पहाड़ : कमलेश चौधरी
-मेनका त्यागी सपा महिला सभा लोनी विधानसभा अध्यक्ष मनोनित
अली खान नहटौरी—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में समाजवादी पार्टी ने अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। जिसके अंतर्गत सपा महिला सभा में विस्तार किया गया। जहां शिल्पी गर्ग और मोनिका त्यागी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। इस मौके पर सपा महिला सभा की जिलाध्यक्ष कमलेश चौधरी ने आशा व्यक्त की है कि दोनों पदाधिकारी पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने का काम करेंगे साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में महिलाओं के बीच जाकर गट अखिलेश सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को जन जन तक पहुंचाने का काम करेंगे।
इस मौके पर सपा महिला सभा की जिलाध्यक्ष कमलेश चौधरी ने कहा कि आज प्रदेश में जंगलराज है। जहां महिलाओं की इज्जत और जान दोनों सुरक्षित नहीं है। इस जंगलराज के चलते आज महिलाओं का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में प्रदेश की महिलाओं ने तय कर लिया है कि इस अत्याचारी सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में जड़ से उखाड़ कर देखने का काम करेंगे। वही नवनियुक्त लोनी विधानसभा अध्यक्ष मेनका त्यागी ने जिलाध्यक्ष राशिद मलिक, सपा जिला महिला जिला अध्यक्ष कमलेश चौधरी सहित सभी पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि वे पार्टी से मिली इस नई जिम्मेदारी का पूरी कर्मठता के साथ निर्वहन करेंगी। जबकि इसी क्रम में जिला सचिव की शिल्पी गर्ग को दी गई हैं। जिन्होंने कहा कि समाजवादी विचारधारा पर कामय करते हुए पार्टी के सभी दिशा निर्देशों का पालन करेंगे साथ ही उन्होंने आभार व्यक्त किया कि पार्टी ने उन्हें बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है जिसके लिए वे जिलाध्यक्ष राशिद मलिक, महिला सभा की जिलाध्यक्ष कमलेश चौधरी सहित सभी पदाधिकारियों की शुक्रगुजार है।
गौरतलब है कि इस मौके पर मोदीनगर शहर अध्यक्ष सोनिया सिंह,अनु गोयल,सविता गोयल,मोनिका यादव,ब्रजबाला त्यागी सहित अन्य महिला कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।
जिले में दो एडिशनल एसपी नियुक्त, एसपी क्राइम भी बदले
एसएसपी ने कानून व्यवस्था के मद्देनजर शासन को भेजा था प्रस्ताव
अली खान नहटौरी
गाजियाबाद। जिले में कानून व्यवस्था को और बेहतर करने के उद्देश्य से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी द्वारा किया गया प्रयास रंग लाया है। जिसके चलते जिले में दो एडिशनल एसपी के नए पद सृजित किये गए। इसमें एएसपी द्वितीय और एएसपी तृतीय के पद पर शासन स्तर से नियुक्ति की गई है। इसके लिए पुलिस कप्तान ने शासन से बेहतर कानून व्यवस्था की मांग को लेकर प्रस्ताव भेजा था। जिस पर शासन ने मांग मानते हुए तैनाती दी है। अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम ज्ञानेंद्र सिंह को एएसपी द्वितीय, सुभाष चंद्र गंगवार को एएसपी तृतीय नियुक्त किया गया है, जबकि अपर पुलिस अधीक्षक क्राइम के पद पर आईपीएस अतुल शर्मा को नियुक्त किया गया है। सुभाष चंद्र गंगवार को बरेली से यहां भेजा गया है। एएसपी के कार्यक्षेत्रों के निर्धारण को लेकर एडीजी जोन और आईजी समेत एसएसपी स्तर पर चर्चा होगी।
बता दें कि लॉकडाउन खुलने के बाद अपराधों का ग्राफ तेजी के साथ बड़ा है। बदमाश आए दिन पुलिस को खुली चुनौती देते हुए रात के साथ दिनदहाड़े भी लूटपाट, हत्या और अन्य वारदातों को बेखौफ होकर अंजाम दे रहे हैं। जिसको देखते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने शासन को को अधिकारियों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजा था। जिस प्रशासन ने मंथन करने के बाद अधिकारियों की नियुक्ति की है। एसएसपी का कहना है कि अधिकारियों की नई नियुक्ति के बाद संभवत जहां कानून व्यवस्था दुरुस्त होगी, वही पीड़ितों को तत्काल इंसाफ मिलने भी मिली मदद मिलेगी।
अतुल शर्मा का तबादला निरस्त होने की चर्चा
बैंच 2016 के आईपीएस अधिकारी अतुल शर्मा का तबादला निरस्त होने की चर्चा जोरों पर है। बताया गया है कि अतुल शर्मा गाजियाबाद के ही रहने वाले हैं और ऐसे में उनकी पोस्टिंग गाजियाबाद में ही कर दी गई है।
किरायेदारों के सत्यापन को लेकर पुलिस सतर्क, हुई गोष्टी
समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद।(अली खान नहटौरी)वरिष्ठ पुलिस कलानिधि नैथानी के निर्देश पर जनपद पुलिस द्वारा किरायेदारों के सत्यापन की मुहिम चलाई गई है। इसी क्रम में सभी क्षेत्राधिकारी एवं थाना प्रभारी द्वारा अपने-अपने क्षेत्र के थाना कार्यालय, यूपी 112 के कर्मियों के साथ पुलिस लाइन में सभी चौकी प्रभारी, उपनिरीक्षक, मुख्य आरक्षी, बीट कांस्टेबल के साथ गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें सभी को किरायेदार सत्यापन फार्म के पंपलेट वितरित किए गए एवं फॉर्म भरने तथा आवश्यक वांछनीय सूचनाएं प्राप्त कर सभी किरायेदारों का सत्यापन कराने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में अवगत कराया गया। साथ ही जो मकान मालिक या भूस्वामी अपने किरायेदारों की अपराधिक गतिविधियों के बारे में जानते हुए भी सही सूचना प्रदान नहीं करते हैं या जानकारी को छुपाते हैं। उनके विरूद्ध प्रभावी कार्य करने करने के कड़े आदेश दिए गए। पुलिस ने बताया कि बहुत से अपराधों में किरायेदारों का हाथ होता है। अपराध करने के बाद वह फरार हो जाते हैं।इसके लिए पुलिस को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किरायेदारों के सत्यापन से जहां पुलिस को उनकी पूरी जानकारी रहेगी, वही अपराधों में भी कमी आएगी।
आम आदमी पार्टी की महिला विंग नवरात्रि के नौ दिन सभी विधानसभाओं में चलाएगी "कोरोना जन जागरण अभियान"
मनोज तोमर — समीक्षा न्यूज
गौतम बुध नगर। इस बार नवरात्रि में आम आदमी पार्टी की महिला विंग कोरोना के संक्रमण को नियंत्रण करने के लिए सामाजिक सहभागिता निभाते हुए दिल्ली की सभी सत्तर विधानसभाओं में कोरोना जन जागरण अभियान चलाएगी।
कोरोना महामारी के प्रकोप से लोगों को बचाने व जन समुदाय को जागरूक करने के उद्देश्य से आम आदमी पार्टी की महिला विंग दिल्ली की सभी सत्तर विधानसभाओं में "कोरोना जन जागरण अभियान" शुरू कर रही है। आम आदमी पार्टी महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष श्री मति निर्मला कुमारी का कहना है कि कोरोना महामारी के संकट के बीच आने वाले नवरात्रि में आयोजित होने वाले धार्मिक आयोजन, लोगों के मंदिरों में दर्शन के चलते कोरोना संक्रमण को गति मिलने की संभावना है। इसी अंदेशे को भांपते हुए आप का महिला संगठन नवरात्रि के नौ दिन कोरोना जन जागरण अभियान चलाएगा। जिसमें संगठन की महिलाएं जगह जगह होने वाले देवी कीर्तन, माता की चौकी, देवी जागरण व मंदिरों में जाकर स्लोगन लेखन के माध्यम से एवं मौखिक रूप से लोगों को जागरूक करेंगी। भीड़ जमा न होने देने, दूरी बनाए रखने, मास्क पहनने इत्यादि एहतियात के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा तथा भीड़ से बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं व बच्चों को दूर रखने की सलाह दी जाएगी। धार्मिक स्थलों पर बिना मास्क लगाए लोगों को मुफ्त मास्क वितरण भी किया जाएगा। आप महिला विंग की दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष श्री मति निर्मला कुमारी ने बताया कि दिल्ली सरकार के निरन्तर प्रयास व जनता के सहयोग से दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी सफलता हासिल की है, हम सफलता की इस कड़ी को किसी भी हालत में कमजोर नहीं होने देना चाहते। महिला संगठन के सभी महिला सदस्य सक्रिय रूप से इस अभियान में अपनी भूमिका निभाते हुए नवरात्रि के नौ दिन कोरोना जन जागरण अभियान चलाएंगे। हमारा उद्देश्य दिल्ली में कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग जीतना है।
19 अक्टूबर से शम्भु दयाल इंटर कॉलेज को खोले जाने की तैयारी
समीक्षा न्यूज—संवाददाता
गाजियाबाद। शम्भु दयाल इंटर कॉलेज गाजियाबाद में जिला विद्यालय निरीक्षक, गाजियाबाद रविदत्त द्वारा 19 अक्टूबर को विद्यालय में भौतिक पठन-पाठन हेतु आवश्यक तैयारियों का निरीक्षण किया गया। साथ ही प्रधानाचार्य देवेंद्र कुमार द्वारा विद्यालय के शिक्षक/शिक्षिकाओं व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की मीटिंग लेकर 19 अक्टूबर को विद्यालय में पुनः कक्षाकक्ष शिक्षण हेतु शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश साझा कर रुपरेखा तैयार की। बताते चले कि कोरोना काल के चलते सभी स्कूल कॉलेज सहित अन्य संस्थाऐं बंद चल रही थी। अब सरकार के आदेश के बाद 19 अक्टूबर से कॉलेजों को खोले जाने की तैयारी चल रही है। बताते चले कि बंद के चलते शम्भु दयाल इंटर कॉलेज में जेल के कैदियों को भी रखा गया था जो कि अब भी वहीं हैं।
विश्वकर्मा महासभा के पदाधिकारियों ने की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात
कपिल पांचाल—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद लोनी: 16/10/2020 को भारत देश के रक्षा मंत्री व पूर्व गृहमंत्री माननीय राजनाथ सिंह जी भारत सरकार से उनके दिल्ली आवास पर जाकर उनसे भेंट की गई। और विश्वकर्मा समाज की भारतीय जनता पार्टी में ज्यादा से ज्यादा भाग्यदारी मिले एवम विश्वकर्मा समाज के काफी मुद्दों पर वार्ता की गई। साथ ही विश्वकर्मा समाज की बैठक हुई। जिसमें विश्वकर्मा समाज एकात्रित होकर सभी समाज की सेवा करे। एवम साथ साथ पार्टी में भाग्यदारी होने का आह्वान भी किया। जिसमें विश्वकर्मा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र विश्वकर्मा महासभा, नमामि गंगे संयोजक भाजपा लखनऊ दिवाकर विश्वकर्मा राष्ट्रीय महासचिव विश्वकर्मा महासभा उद्योगपति राजू पांचाल प्रदेश अध्यक्ष विश्वकर्मा महासभा उत्तर प्रदेश कपिल पांचाल विश्वकर्मा प्रदेश महासचिव विश्वकर्मा महासभा उत्तर प्रदेश व मंडल मंत्री भाजपा अंकुश पांचाल जिलाध्यक्ष विश्वकर्मा महासभा मंडल महामंत्री भाजपा सुभाष पांचाल ज्ञानेनेंद्र विश्वकर्मा तिलकराज विश्वकर्मा रमेश पांचाल मुकेश जांगिड़ पारुल जांगिड़ पुष्पेन्द्र विश्वकर्मा जितेंद्र विश्वकर्मा पवन विश्वकर्मा एवं सभी विश्वकर्मावंशी लोग मौजूद रहे।
अखिल भारतीय अमन कमेटी के पदाधिकारियों ने किया अधिशासी अधिकारी को सम्मानित
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। अखिल भारतीय अमन कमेटी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. आर के सक्सेना, प्रदेश उपाध्य्क्ष ओम प्रकाश कन्नोजिया, प्रदेश मुख्य महासचिव दिपान्शु राय सक्सेना और जिला गाजियाबाद के सहसचिव विवेक मौर्य ने लोनी नगर पालिका की अधिशासी अधिकारी श्रीमती शालिनी गुप्ता को उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए माला और शाल पहना कर सम्मानित किया।
पिछले 3 साल में माननीय विधायक नंदकिशोर गुर्जर जी ने बदल दी है लोनी की तस्वीर: विधायक प्रतिनिधि ललित शर्मा
प्रमोद मिश्रा—समीक्षा न्यूज
लोनी। शुक्रवार को लोनी विधायक प्रतिनिधि पण्डित ललित शर्मा ने नगरपालिका वार्ड नम्बर 5 के न्यू विकासनगर में लोगों की समस्याएं सुनी और संबंधित विभाग और विधायक नंदकिशोर गुर्जर से वार्ता कर समस्याओं का निस्तारण करवाया। इस दौरान भाजपा नेता जितेंद्र कश्यप, सुमित, धर्मपाल शर्मा, राजीव, हरेंद्र चौधरी मुकेश चौधरी मनीष गुर्जर आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहें।
विधायक प्रतिनिधि पण्डित ललित शर्मा ने जनसमस्या सुनने के दौरान दर्जनों पेंशन, राशन कार्ड, बिजली आदि से जुड़ी समस्याओं का विधायक नंदकिशोर गुर्जर से वार्ता कर संबंधित विभाग से निस्तारण करवाया। विधायक प्रतिनिधि पण्डित ललित शर्मा ने कहा कि लोनी के यशस्वी विधायक माननीय नंद किशोर गुर्जर जी लगातार 3 साल से बिना आराम किये लोनी की जनता की सेवा में दिन-रात लगे हुए हैं जिसका नतीजा है कि आज लोनी में दर्जनों डिस्पेंसरी, अत्याधुनिक अस्पताल, कन्या डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, आईटीआई कॉलेज, नया बस अड्डा, 9 बिजली घर, पुस्ता रोड, बंथला फ्लाईओवर, डिवाइडर युक्त सड़कों पर लाइट, प्राइमरी स्कूलों का कायाकल्प, म्यूजिक फॉरेस्ट सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट लोनी में आये है। लोनी की तस्वीर बदली है ।आज कानून व्यवस्था दुरुस्त है महिलाएं आधी रात भी सड़कों पर चलने से डरती नहीं है जो पहले दिन में चलने से डरती थी। भ्रस्टाचारी अधिकारियों पर माननीय विधायक जी ने कठोर कार्रवाई की है। क्षेत्र में सक्रिय प्रदूषण माफियाओं के खिलाफ माननीय विधायक जी पूरी रात लोनी में घूमते है।लोनी में मेट्रो के लिए प्रयासरत है और लोनी का नाम भगवान परशुराम नगर करवाने के लिए प्रतिबद्ध है जल्द यह भी शुभ घड़ी आएगी।
लोनी में गरीब जनता को लूटने वाले भू माफियाओं के खिलाफ माननीय विधायक जी ने अभियान चलाकर भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाई है। कठोर धाराओं में मुकदमें दर्ज हुए है।सभी ज़मीनों को खाली करवाकर माननीय जी लोनी में मेडिकल कॉलेज, मिनी स्टेडियम और शानदार पार्क बनवाएंगें क्योंकि माननीय विधायक जी का संकल्प है कि लोनी भूमाफिया और अपराध मुक्त हो। यहाँ रामराज्य की स्थापना हो।
"पारिवारिक सुख शांति का आधार" विषय पर गोष्ठी संपन्न
परिवार को सुख-शांति से परिपूर्ण रखना धर्म है - आचार्य पुनीत शास्त्री(मेरठ)
पारिवारिक सुख शांति के लिए क्षमा व सहनशीलता आवश्यक-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य
प्रवीण आर्य—समीक्षा न्यूज
गाज़ियाबाद। शुक्रवार को केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "पारिवारिक सुख शांति का आधार"विषय पर ऑनलाईन गूगल मीट पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल मे परिषद का 104वां वेबिनार था।
मुख्य वक्ता वैदिक विद्वान आचार्य पुनीत शास्त्री (मेरठ) ने कहा कि परिवार को सुख-शांति से परिपूर्ण रखना जीवन का धर्म है।संवाद, पारिवारिक शांति,खुशियां एवं उल्लास को बढ़ाने का प्रमुख साधन है,किन्तु संवाद में उपयोग में लाई गई भाषा और शैली ही मिठास और कटुता का संचार करती है।परिवार में एक दूसरे के प्रति स्नेह,सद्भाव,प्रेम के साथ संस्कारों का अपना महत्व है।हमें भाषा शैली व सम्मान रखना चाहिए।
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा की हमारा आचरण परिवार की सुख-शांति का आधार है। आनंद पाने से अधिक सुख आनंद बांटने में है।घर को स्वर्ग या नरक बनाना हमारे हाथ में है।उन्होंने उल्लास एवं शांति से परिपूर्ण करने मन,वचन और कर्म से परिवार में भाषा,कर्म और व्यवहार को विवेक पूर्ण प्रयोग करने की प्रेरणा दी।उन्होंने कहा कि गलतियों पर क्षमा करना व सहनशील रहना पारिवारिक सुख शांति के लिए आवश्यक है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष राजेश सेठी(प्रधान,आर्य समाज थापर नगर,मेरठ) ने अपनी शुभ कामनाएं प्रदान की।
प्रान्तीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा की परिवार समाज की एक इकाई है।परिवारों से मिलकर ही समाज का निर्माण होता है।अगर परिवार के सभी सदस्य स्वस्थ व खुशहाल होंगे,तो समाज भी खुशहाल होगा।
प्रधान शिक्षक सौरभ गुप्ता ने कहा कि पारिवारिक सुख और शांति के लिए परिवार के सदस्यों के मध्य आपसी स्नेह,विश्वास और सम्मान आवश्यक है।
पूर्व मेट्रो पोलिटेंन मैजिस्ट्रेट ओम सपरा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये व आर्य संन्यासी व मिलाप अखबार के संस्थापक महात्मा आनन्द स्वामी जी की जयंती पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
युवा गायिका दीप्ति सपरा,सुषमा बुद्धिराजा,उर्मिला आर्या (गुरूग्राम),संध्या पाण्डेय,कमलेश चांदना,लाजवंती गिरधर,वीना वोहरा,सुनीता बुग्गा,द्रोपदी तनेजा,ईश्वर आर्या(अलवर), संतोष आर्या(राजपुरा,पंजाब), रविन्द्र गुप्ता(फरीदाबाद),वीना वोहरा,पुष्पा शास्त्री आदि ने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य रूप से आचार्य महेन्द्र भाई, संतोष शास्त्री,आनंदप्रकाश आर्य, देवेन्द्र गुप्ता,डॉ रचना चावला, नरेश प्रसाद,प्रकाशवीर शास्त्री, देवेन्द्र भगत,राजेश मेंहदीरत्ता आदि उपस्थित थे ।
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