धनसिंह—समीक्षा न्यूज
गाजियाबाद। उत्तराखंड की कला,संस्कृति,साहित्य और संगीत की सतरंगी छटा बिखेरता हुआ कौथिग इंदिरापुरम-2021 उत्तराखंड की सभ्यता और अपनी भव्यता के साथ समपन्न हुआ। तीन दिन तक चले इस उत्तराखंडी मेले के आखिरी दिन कड़ाके की ठंड के बावजूद भारी जनसैलाब शिप्रा माॅल के मैदान में पहाड़ी गीतों के बोल और ढोल-दमौ की थाप पर जमकर थिरकता रहा,मस्ती से झूमता रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ दूधेश्वरनाथ मठ के पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरि महाराज ने किया। इस अवसर पर महाराज ने उत्तराखंड से जुड़े अपने संस्मरण सुनाए। आखिरी के दिन के सांस्कृतिक कार्यक्रम का खास आकर्षण उत्तराखंड की मशहूर गायिका डाॅक्टर कुसुम भट्ट के गीतों का रमछौल रीमिक्स रहा। अपने स्वरचित गीतों के जरिए युवाओं के दिलों में बहुत जल्दी अपना मुकाम बना चुकी डाॅक्टर कुसुम भट्ट ने जब दर्शकों के सामने लोक की बात रखते हुए मैणा घसियारी का बहुत पुराना गीत गाया तो मैदान में मदमस्त होकर नाच रहे दर्शकों को मानों सर्दी में गर्मी का अहसास होने लगा। कुसुम ने लोकगायक स्वर्गीय चंद्र सिंह राही के सदाबहार नगमें गाकर लोगों का खूब मनोरंजन किया। डाॅक्टर कुसुम भट्ट ने कहा कि अगर आज आप जैसे अच्छा सुनने और समझने वाले श्रोता और दर्शक हैं तो स्वर्गीय राही जी और स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी जी जैसे अच्छे लिखने और गाने वाले कलाकार आज भी उत्तराखंड में हैं बशर्ते उन्हें मौका मिलना चाहिए।जी रै उत्तराखंड, जागी रै देश अखंड के संदेश के साथ कौथिग इंदिरापुरम-2021 का समापन ठेड उत्तराखंडी रीति-रिवाज के साथ हुआ। कौथिग के संयोजक और उत्तराखंड सरकार में पूर्व राज्यमंत्री सच्चिदानंद शर्मा पोखरियाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड भारत का भाल है और भारतीय संस्कृति में विश्व कल्याण की कामना की गई है। कौथिग इंदिरापुरम 2021की समस्त टीम कोरोना मुक्त विश्व की कामना बाबा केदार से करती है। कौथिक इंदिरापुरम 2021 के तीसरे और अंतिम दिन के प्रायोजित वासुकी फाउंडेशन के अध्यक्ष और कौथिग के संरक्षक पी एन शर्मा ने कहा कि साल 2022 में इंदिरापुरम कौथिग का आयोजन तीन से ज्यादा दिन का किया जाएगा जिसमें वासुकी फाउंडेशन दो दिन के मेला प्रयोजक की भूमिका अदा करेगा। कौथिग के अध्यक्ष सागर रावत ने पर्वतीय प्रवासी जनकल्याण समिति के इस पहले कौथिग को इतना भव्य आयोजन का स्वरूप देने के लिए स्थानीय जनता और कलाकारों का आभार व्यक्त किया। तीन दिन तक चले इस उत्तराखंडी मेले को सफल बनाने में कौथिग इंदिरापुरम-2021 के संरक्षक विनोद कबटियाल, जगत रावत,इंद्र सिंह नेगी,मेहरबान सिंह रावत,सौरव कबटियाल,सुनीता शर्मा,उषा ममगाईं,निर्मला रावत नेगी ने अहम भूमिका निभाई।इंदिरापुरम कौथिग-2021 के तीसरे और आखिरी दिन उत्तराखंड की साहित्यि और संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिला। मंच पर जहां थडिया,चौंफला, तांदी और झुमेलों की धूम रही तो वही साहित्यिक गतिविधियों की हलचल भी रही। इस मौके पर उत्तराखंड सरकार में पूर्व राज्यमंत्री सच्चिदानंद शर्मा पोखरियाल की पुस्तक का लोकार्पण उत्तराखंड मूल के साहित्यकारों के सानिध्य में हुआ। पुस्तक का लोकार्पण उत्तराखंड हिन्दी संस्थान से पुरस्कृत साहित्यिक प्रदीप कुमार वेदवाल, उपन्यासकार प्रीति रमोला गुसाईं 'मृणालिनी', लेखिका बीना नयाल, रंजना भारद्वाज ममगाईं,लेखिका सुनीता शर्मा,गढ़वाली गीतकार डाॅक्टर सतीश कालेश्वरी के हाथों हुआ। साहित्यिकार प्रदीप कुमार वेदवाल ने आर्य संस्कृति एवं साहित्य पुस्तक को लेखक बौद्धिक प्रतिभा की अमूल्य निधि बताते हुए कहा कि यह पुस्तक आर्य संस्कृति पर शोध कर रहे शोधार्थियों के लिए बहुत उपयोगी होगी।
महापौर आशा शर्मा , भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, भाजपा महानगर महिला मोर्चा अध्यक्ष पूनम कौशिक ने कोथिग में पहुंचकर अपनी शुभकामनाएं दी। अति आवश्यक मीटिंग के कारण कोथिग में न पहुंच पाने पर केंद्रीय मंत्री डॉ जनरल वीके सिंह ने वीडियो कॉलिंग के माध्यम से अपना वक्तव्य दिया।