Monday, 30 May 2022

किसी भी पत्रकार के साथ बदशलूकी ना हो- अमित तंवर— सम्पादक—तंवर न्यूज
















धनसिंह—समीक्षा न्यूज

गाजियाबाद। आज समाज में मीडिया की छवि कुछ खास नहीं रह गयी। जो इज्जत कर रहा है वो कर रहा है और नहीं कर रहा वो नहीं कर रहा है। मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होने के बावजूद भी अपने लिए कुछ खास पहचान नहीं बना पा रहा है। आए दिन मीडिया कर्मियों के साथ अभद्रता, गाली गलौच, मारपीट, धमकी मिलना साथ ही मीडिया क​र्मी का मर्डर होना भी आम सी बात हो गयी है। इसके साथ मीडियां कर्मियों पर झूठे मुकदमें होना, हनी ट्रैपिंग का आरोप लगाना सहित ब्लैक मेलिंग जैसे मामलों में फसाना भी आम बात हो गयी। ऐसे में मीडिया कर्मी करें तो क्या करें? जनता कहती है कि मीडिया कुछ नहीं करती। 

सोशल मीडिया पर लोगों मीडिया की धज्जियां उडाते नज़र आ रहे है। यह सब होने के बाद भी लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ मीडिया शांत है। कुछ भले मानसों की गल​त नीतियों के कारण पहले मीडिया को 3 भागों में बांटा गया जिसमें देखने वाली मीडिया इलैक्ट्रोनिक, सुनने वाली मीडिया रेडिया और पढ़ने वाली मीडिया प्रिंट में। इतने पर भी भले मानसों के मन को शांति नहीं मिली तो ​प्रिंट ​मीडिया को भी तीन भागों में बांट दिया बड़े समाचार पत्र, मध्यम समाचार पत्र और लघु समाचार पत्र। और कहते हैं न कि छोटे बड़े से ही सीखते है तो भले मानसों की सिखलाई सीख ने ऐसी रंग दिखाई कि लघु समाचार पत्र ने भी अपने आप में तीन वर्ग कर डाले जिसमें पहला वर्ग लघु रंग पेपर, दूसरा वर्ग लघु श्वेत पेपर और तीसरा वर्ग में साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक सहित अन्य वर्गों को डाल दिया।

कुछ समाचार पत्रों के सम्पादकों से इस विषय पर चर्चा हुई जिसमें प्रिंट मीडिया से जुड़े तीन सवाल किये गये कि उनके नजरियों में मीडिया की जिम्मेदारी, परेशानी एवं उनके सुझाव मांगे जिनका विवरण नीचे है:—

जिम्मेदारी: हम लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि समाज में जो भी गलत कार्य हो रहे हैं उसको अपने स्तर पर उजागर करना, लोगों को जागरूक करना साथ ही सच्चाई और नि​र्भिकता के साथ अपनी बात रखना।  

समस्या: आज मीडिया के सामने बहुत बड़ी समस्या यह है कि लोगों की नज़र में मीडिया का जो प्रभाव है वह धीरे धीरे समाप्त हो रहा है। उसके लिए कहीं न कहीं पत्रकार, सामाजिक परिस्थितियों और प्रशासन द्वारा समुचित सहयोग न मिलना बहुत बड़ा कारण बन गया है। आम आदमी के अन्दर और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के राजनीतिक परिदृश्य कहें या आर्थिक वर्चस्व दोनों कारणों से मीडिया का स्तर गिरता जा रहा है। 

सुझाव: इसके लिए पेशागत और निर्भीक पत्रकारों को एक बार भी संकल्पित होकर कार्य करना होगा ताकि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया की गरिमा को वापिस लाया सके।

—संजय त्रिपाठी, सम्पादक सर्वोदय शांतिदूत

जिम्मेदारी: समाज में स्वच्छ छवि से कार्य करते हुए पूर्ण ईमानदारी एवं निष्ठा भाव से उसे प्रकाशित करें।

समस्या: पत्रकारों के लिए यह बड़ा संकट का दौर है, जिसमें लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों का सरकार शोषण कर रही है जबकि लघु एवं मध्यम समाचार पत्र अपनी भूमिका को बड़ी ही जिम्मेदारी से निभा रही है।

सुझाव: सरकार को चाहिए कि सभी समाचार पत्रों एवं पत्रकारों को एक समान ​दृष्टि से देखना चाहिए।

—अशोक कौशिक, ​सम्पादक—हिन्द आत्मा



जिम्मेदारी: समाज में फैली कुरीतियों एवं समाज में हो रहे कार्यक्रमों सहित प्रेरणा स्रोतों को समाचार पत्र के माध्यम से जनता के समक्ष रखते हैं ताकि समाज में फैली कुरीतियों 

दूर हो सके, आयोजकों का हौसला अफजाई हो, प्रेरणा स्रोतों से अन्य लोग प्रेरणा ले सकें.,

समस्या: समाचार पत्र को चलाने में आर्थिक तंगी साथ ही कई जगह पर सम्मान ना मिलना, पत्रकारों में एकता ना हो ना औरपत्रकारों में एकता ना हो ना और शासन प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग न मिलना

सुझाव: मीडिया कर्मियों की समस्या के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए और सभी पत्रकारों को मिलकर रहना चाहिए

-प्रेम श्रीवास्तव, संपादक-आज का मतदाता



जिम्मेदारी: सामाजिक घटित घटनाओें एवं उतार चढ़ाव सत्यता के साथ समाज के जिम्मेदार नागरिकों एवं उससे सम्बंधित शासनिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाना। ताकि सम्बंधित समस्या का निवारण हो सके।

समस्या: पत्रकारों पर सम्बंधित घटनाओं को प्रकाशित करने या ना करने को लेकर दवाब बनाया जाता है। कहीं कहीं पर अपशब्दों के साथ दुव्यर्वहार भी किया जाता है।

सुझाव: पत्रकार एक सुत्रधार है जो जनता और जनता जर्नादन को जोड़ता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि वे पत्रकारों के सुरक्षा एवं सम्मान के लिए कार्य करें। साथ ही उनके साथ समन्वय बिठायें। ताकि पत्रकार समाज को सही दिशा दे सके।

—मीनाक्षी शर्मा, सम्पादक—दीपक बंधु

जिम्मेदारी: पत्रकारों पर जो लोगों का विश्वास है उसे हमें बनाये रखना है इसके लिए निश्पक्ष पत्रकारिता करना हमारा दायित्व है।

समस्या: शासन व प्रशासन के द्वारा लघु समाचार पत्रों की उपेक्षा की जाती है जबकि सभी समाचार पत्रों को सरकार ही पंजीकृत करती है।

सुझाव: पत्रकारों को एकता के साथ कार्य करना चाहिए तथा शासन प्रशासन को सभी पत्रकारों व समाचार पत्रों को सहयोग करना चाहिए।

विमल कुमार, सम्पादक— आनन्द धारा

जिम्मेदारी: मीडिया समाज का आईना है, जो दबे, कु​चले, वंचित लोगों की समस्याओं को उजागर करता है तथा समाज में फैली कुरितियों को दूर करने में मीडिया की अहम भूमिका है। अगर मीडिया ना होती तो भ्रष्टाचार की भेट चढ़ जाता देश।

समस्या: शासन प्रशासन द्वारा मीडिया का पूर्ण सहयोग नहीं किया जाता है। निश्पक्ष पत्रकारिता करने वाले कई मीडिया कर्मियों की हत्या कराई गयी है। और अनेक पत्रकारों को धमकियां मिलती रहती है।

सुझाव: सरकार को चाहिए कि मीडिया का सहयोग करे और शासन प्रशासन को आदेशित किया जाये कि मीडिया कर्मियों की बातों एवं उनकी समस्याओं का प्राथमिकता से निस्तारण किया जाये।

— प्रमोद मिश्रा, सम्पादक—लोनी उदय

जिम्मेदारी: समाज में फैली कुरूतियों को अपने स्तर पर उजागर करते हुए शासन प्रशासन तक पहुंचाना। पीड़ितों का आवाज को सरकार तक पहुंचाना।

समस्या: अनेको बार पीड़ित द्वारा बताई गयी समस्या से पीछे हटना, साथ ही शासन प्रशासन का सहयोग ना मिलना। अनेक जगहों पर पत्रकारों के साथ अभ्रदता होना। समस्या उजागर होने पर पत्रकारों पर झूटे मुकदमें होना।

सुझाव: शासन प्रशासन को सही गलत देखते हुए पत्रकारों का सहयोग करना चाहिए। साथ ही किसी भी पत्रकार के साथ बदशलूकी ना हो इसका ध्यान रखना चाहिए।

अमित तंवर— सम्पादक—तंवर न्यूज


विश्व तंबाकू निषेध दिवस(31मई) पर विशेष



समीक्षा न्यूज  

डॉ मनोज कुमार तिवारी 

तंबाकू मनुष्य ही नहीं पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए भी घातक है

डॉ मनोज कुमार तिवारी 

वरिष्ठ परामर्शदाता

ए आर टी सेंटर, एसएस हॉस्पिटल, आई एम एस, बी एच यू, वाराणसी

 

तंबाकू के दुष्प्रभाव से लोगों को जागरूक करने तथा इससे निजात पाने के प्रयासों को वढावा देने के लिए 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व तंबाकू निषेध दिवस का नारा (थीम) है- पर्यावरण की रक्षा करें तंबाकू मानव के लिए अनेक रोगों का कारण है। तंबाकू से जल, वायु, जंगल व भूमि व्यापक रूप से प्रदूषित होता है।


तंबाकू का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव:- तंबाकू की फसल के कारण जंगल कट रहें हैं। तंबाकू के सेवन से वातावरण में अनेक हानिकारक पदार्थ पैदा होते हैं। तंबाकू के निर्माण, पैकेजिंग एवं परिवहन से भी पर्यावरण में अनेक प्रकार के प्रदूषण बढ़ते हैं। तंबाकू के कारण हजारों टन जहरीले पदार्थ व ग्रीन हाउस गैसेस पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहीं हैं। तंबाकू की खेती कृषि योग्य भूमि के पोषक तत्वों को हानि पहुंचाती हैं। तंबाकू निर्माण से रासायनिक कचरा पैदा होता है।


एक और जहां पर्यावरण मंत्रालय ने तंबाकू उद्योग को अत्यधिक प्रदूषण कारी उद्योग के कैटेगरी में रखा है तो वही बीड़ी उद्योग को कुटीर उद्योग का दर्जा प्राप्त है। तंबाकू निर्माण इकाईयों से पानी दूषित होता है। सेंट्रल टोबैको रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीटीआरआई) के अनुसार आधा हेक्टेयर तंबाकू की फसल ठीक करने के लिए 1 हेक्टेयर जंगल की लकड़ी की आवश्यकता होती है। सीटीआरआई के अनुसार तंबाकू का उत्पादन करीब 3000 लाख किलोग्राम है एक किलोग्राम तंबाकू के उपयोग योग्य बनाने के लिए 8 किलोग्राम लकड़ी की आवश्यकता होती है। एक अनुमान के अनुसार हर वर्ष 24000 लाख किलोग्राम लकड़ी तंबाकू ठीक करने हेतु जलती है। 300 सिगरेट तैयार करने के लिए एक पेड़ काटा जाता है। 2010 में भारत में 10000 मिलियन सिगरेट का उत्पादन किया गया अनुमान के अनुसार लगभग 6750 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन हुआ होगा।


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू छोड़ने का निश्चय करने वालों में से केवल 30% लोग ही तंबाकू छोड़ने के उपाय को अपनाने में सफल होते हैं। एक अनुमान के अनुसार पूरी दुनिया में प्रति 6 सेकंड पर एक व्यक्ति की मौत का कारण तंबाकू होता है। भारत में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या लगभग 27 करोड़ है। ग्लोबल एडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण ( 2016-17) के अनुसार भारत में 42.47% पुरुष तथा 12.24% महिलाएं तंबाकू का प्रयोग करते हैं।


सेकंड हैंड स्मोकिंग:

 ऐसे मामले हैं जिसमें व्यक्ति स्वयं धूम्रपान नहीं करता किंतु उसके परिवार के सदस्य एवं आसपास के लोगों द्वारा धूम्रपान करने के कारण श्वांस के माध्यम से वे धूम्र ग्रहण करते हैं।सिगरेट व बीड़ी पीने वाले जो धुआं छोड़ते हैं उसमें सामान्य हवा की अपेक्षा 3 गुना ज्यादा निकोटीन,  3 गुना टार एवं 50 गुना अमोनिया होता है। बच्चों में सेकंड हैंड स्मोकिंग  के कारण  दिल का दौरा पड़ने या स्ट्रोक का खतरा बहुत अधिक रहता है। इससे महिलाओं में बांझपन का भी खतरा बढ़ जाता है। एक अनुमान के अनुसार भारत में 50% लोग सेकंड हैंड स्मोकिंग के शिकार होते हैं।


तंबाकू का दुष्प्रभाव:

# गुर्दे की बीमारी

# नेत्र रोग

# सांस की समस्याएं

# दांतों की समस्या 

# आंतों में सूजन 

# त्वचा रोग

# कैंसर 

# उच्च रक्तचाप 

# दमा


तम्बाकू के जोखिम कारक:

# माता-पिता या परिवार के सदस्यों द्वारा तंबाकू का सेवन करना।

# पालन-पोषण का अनुचित ढंग 

# रोल मॉडल के द्वारा तंबाकू का सेवन।

# अभिभावकों व शिक्षकों द्वारा बच्चों के प्रति तिरस्कार पूर्ण व्यवहार।

# भावनात्मक स्थिरता की कमी।

# समायोजन क्षमता की कमी। 

# मानसिक विकार 

# पहचान बनाने की त्रुटिपूर्ण अवधारणा

# समायोजन की क्षमता में कमी 

# जागरूकता की कमी 

# शिक्षा की कमी 

# सामाजिक सांस्कृतिक प्रथाएं

# प्रचार माध्यम

# तंबाकू का सर्व सुलभ होना 


तंबाकू छोड़ने के उपाय: 

# तंबाकू का प्रयोग करने वाला व्यक्ति छोड़ने का पक्का इरादा बनाएं।

# अचानक से बंद न करके धीरे-धीरे तंबाकू की मात्रा में कमी करें।

# तंबाकू छोड़ने में परिवार और मित्रों का सहयोग ले।

# ऐसे लोगों से संपर्क न रखें जो तंबाकू का सेवन करते हैं।

# तंबाकू की तलब महसूस होने पर मुंह में पिसी हुई काली मिर्च, लौंग, छोटी इलाची, टॉफी, च्यूइंगम का प्रयोग करें।

# अपने पास में तंबाकू कदापि न रखें।

# गुनगुने पानी में नींबू का रस व शहद मिलाकर पीने से इसके तलब में कमी आती है

# तंबाकू से होने वाली हाँनियों की सूची अपने कमरे में लगाएं।


तंबाकू निषेध से पर्यावरण को लाभ:- 

# जंगलों का कटान रुकेगा 

# वायु प्रदूषण कम होने से लोगों को सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा उपलब्ध होगी 

# जल प्रदूषण कम होने से जल जीवों की रक्षा के साथ- साथ पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

# कृषि योग्य भूमि की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी।

# तंबाकू के कचरे से मुक्ति

उपचार: 

 # व्यावहारिक मनोचिकित्सा

 # मनोवैज्ञानिक शिक्षा

# अरुचि चिकित्सा

# सामाजिक समर्थन

# निकोटीन प्रतिस्थापना उपचार


व्यक्ति दृढ़ इच्छाशक्ति, परिवार, मित्रों के सहयोग एवं समर्थन तथा मनोवैज्ञानिकों के उचित परामर्श एवं मनोचिकित्सा तथा आवश्यक होने पर चिकित्सक द्वारा प्रदत्त दवाई लेकर तंबाकू की लत पर आसानी से विजय प्राप्त कर सकता है तो आए हम सब विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर यह संकल्प लें की ना तंबाकू का सेवन करेंगे और न दूसरों को करने देंगे। अपने पर्यावरण की रक्षा कर इसे अगली पीढ़ी के उपयोग हेतु संरक्षित करने में सहयोग करें।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई पर विशेष



समीक्षा न्यूज 

तम्बाकू का त्याग करना ही होगा......

घर से बाहर निकलते ही अनेक लोग ऐसे मिल जाते हैं  , जो किसी ना किसी  रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं । उनमें कुछ तो तंबाकू प्रयोग की हानियों से अनजान होते हैं  ।  कुछ झूठी शान के लिए तंबाकू का प्रयोग करते हैं ।  कुछ लोग किसी रोग मुक्ति के लिए तंबाकू सेवन की बाध्यता का रोना रोते हैं । और कुछ अपनी विवशता  बता देते हैं । मैं प्रायः कम आय वर्ग के लोगों की बीच तंबाकू सेवन से बचने के लिए अनुरोध करता हूं । मैं  इस वर्ग विशेष का सहारा   इसलिए  लेता हूं कि यह तंबाकू से होने वाली हानिकारक बीमारियों को ठीक करने में अधिक धन खर्च नहीं कर सकते । यह अच्छी बात है कि मेरे अनुरोध पर कुछ लोग मेरी बात मान लेते हैं । इनमें कुछ पूरी तरह छोड़ देते हैं तथा कुछ धीरे-धीरे छोड़ने का प्रयास करते हैं।

पिछले दिनों कोरोना  काल  में हमारे एक निकट संबंधी की मृत्यु हुई । वे शरीर से बहुत बलिष्ठ थे बहुत व्यायाम आदि करते थे । परंतु कोरोना काल से पहले ही , उन्हें सांस फूलने की शिकायत हुई।  चिकित्सकों को दिखाया कुछ संबंधित जांचें  कराई ।  वे एक विचित्र रोग से पीड़ित पाए गए । उस रोग में  फेफड़े निचली सतह से चिपकने शुरू हो जाते हैं और धीरे धीरे एक स्थिति ऐसी आती है कि पूरे फेफड़े चिपक जाते हैं । और सांस लेना संभव नहीं होता । बहुत प्रयासों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका । लेकिन इस रोग के मूल में उनका सिगरेट पीना माना गया वे सिगरेट बहुत पीते थे । मृत्यु के बाद तो परिजनों का संताप और पश्चाताप ही बचता है  .।.... परंतु समय रहते तंबाकू के हानिकारक प्रभाव जान लिए जाएं  तो शायद मृत्यु दर कुछ कम हो सकती है ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक सर्वे के अनुसार भारत में कुल मौतों का  तिरपन प्रतिशत,  किसी न किसी रूप में तंबाकू के कारण होता है ।‌अर्थात अधिकांश मौतों के लिए तंबाकू एक जोखिम भरा घटक है  । इन मौतों  में भारत में होने वाली मौत में सामान्य रोग हृदय रोग और मधुमेह है । आंकड़ों के अनुसार तंबाकू के कारण हर  छह सेकंड में एक मौत होती है । भारत में स्थित  भयावह  है । यहां 38 प्रतिशत पुरुष और 20 प्रतिशत महिलाएं प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से तम्बाकू का सेवन करते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आवाहन पर प्रति वर्ष 31 मई को "विश्व तंबाकू निषेध दिवस" का आयोजन किया जाता है । इस दिन अनेक संस्थाएं तंबाकू सेवन के विरुद्ध लोगों को जागृत करती हैं ।लोगों को तंबाकू के हानिकारक प्रभाव को समझाया जाता है। और विडंबना देखिए कि-- तंबाकू सेवन करने वाला व्यक्ति भी जानता है कि " तंबाकू सेवन करना हानिकारक है " परंतु वह एडिक्ट (आदि )हो चुका होता है ।और जानते हुए भी तंबाकू त्याग ने  का साहस नहीं कर पाता ।    प्रतिवर्ष इस दिवस को और समुन्नत करने के लिए एक  थीम का निर्धारण किया जाता है ।वर्ष 2022 के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम है ,---" पर्यावरण की सुरक्षा करें "! वैज्ञानिकों का चिंतन और  शोधों से ज्ञात होता है ,  तम्बाकू सेवन से पर्यावरण भी प्रदूषित हो रहा है । आइये देखते हैं कि तम्बाकू नामक जहर किस तरह मनुष्य एवं पर्यावरण कोहानि पहुंचता है? तम्बाकू सेवन के दो रूप हैं ----एक प्रत्यक्ष  तंबाकू सेवन  , जिसमें लोग बीड़ी सिगरेट का हुक्का  चिलम का प्रयोग करके तंबाकू का धुआं उड़ाते हैं । कुछ लोग तंबाकू को मुंह में डालकर उसे चबाते रहते हैं और बिना किसी झिझक के यहां वहां थूकते रहते हैं । कुछ लोग तंबाकू का बारीक चूर्ण नस्य के रूप में सूंघते हैं ,और  सूंघने के कुछ देर बाद छींक मारने शुरु करते हैं । जिसमें तंबाकू मिले हजारों खतरनाक जीवाणु एक बार में तंबाकू सेवी की नाक से निकलकर , बाहर पर्यावरण में तैर ने लगते हैं । और वहां उपस्थित अन्य लोगों अथवा वस्तुओं को अपना ठिकाना बना लेते हैं  । और दूसरा है  ----"परोक्ष तंबाकू सेवन " । इसमें वह दुर्भाग्यशाली लोग और पशु-पक्षी आते हैं , जो तंबाकू सेवन करने वाले लोगों के आसपास रहते हैं । इनमें महिलाएं व छोटे बच्चे अधिक होते हैं जिन्हें मजबूरन तंबाकू का धुआं निगल ना पड़ता है। तंबाकू की दुर्गंध , सांस के साथ अंदर लेनी पड़ती है । तंबाकू चबाए जाने के बाद तंबाकू सेवी का प्रदूषित थूक सिक्के आसपास रहकर तंबाकू से होने वाले हानियां को विवशत  झेलनी पड़ती है । तंबाकू में विषैले तत्व तो बहुत होते हैं परंतु निकोटीन , कार्बन मोनोऑक्साइड   तथा टार  विशेष रुप से पाए जाते हैं । निकोटीन पदार्थ तंबाकू सेवन से कुछ ही मिनटों में,  मानसिक स्तर पर प्रभाव दिखाने लगता है।  इसका प्रभाव मस्तिष्क के न्यूरोन्स  पर पड़ता है।  जहां रासायनिक हलचल तुरंत शुरू हो जाती है,  फलस्वरुप मनुष्य में बेचैनी, चिढ़चिढ़ापन बढ़ जाता है । कार्बन मोनोऑक्साइड गैस रक्त से प्राण वायु का शोषण करती है। और शिथिलता बढ़ाती है । अधिक कार्बन मोनोऑक्साइड सेवन मृत्यु का कारण भी बनता है । टार एक काले रंग का चिपचिपा पदार्थ होता है , जो सांस के साथ शरीर में रक्त में घुल जाता है।  और रक्त को गाढ़ा तथा रक्त वाहिनी यों को कड़ा कर देता है जिससे रक्त परिसंचरण में रुकावट होती है।

उपरोक्त के अतिरिक्त , -- लगभग 44 प्रकार का कैंसर,  जिनमें मुंह, गला,  फेफड़ा ,प्रोस्टेट तथा पेट का कैंसर प्रमुख हैं , इस तंबाकू के कारण होते हैं इसके साथ ही ब्रांकाइटिस टीबी,  हृदय रोग , पक्षाघात , नपुंसकता तथा कम आयु में ही भूलने की बीमारी , मुख्यत  तंबाकू सेवन से अधिक होती हैं । गर्भवती महिलाएं यदि तंबाकू सेवन करती हैं , अथवा तंबाकू सेवन करने वालों के संपर्क में रहती हैं तो गर्भस्थ शिशु पर भी इसके कुप्रभाव 

 पड़ते हैं ---  बच्चे का वजन कम या ज्यादा हो सकता है । बच्चे में असमान्यता आ सकती है ।पिछले तीन वर्षों से कोरोना एक महामारी का रूप ले चुका है।  तंबाकू सेवन करने वालों को कोरोना  से अधिक हानि की संभावना है ।  कोरोना संक्रमण अधिकांश रूप से फेफड़ों पर आक्रमण करता है ।और तंबाकू सेवन करने वालों के फेफड़े अपेक्षाकृत कमजोर होते हैं । अपोलो अस्पताल के डॉक्टर पांडे , के अनुसार,--- धूम्रपान से "बुल्ला   रोग",  होता है जिसमें फेफड़े  फट भी सकते हैं  ।" यदि धूम्रपान से निकलने वाले धुएं का आकलन करें , जिस में विषैले तत्व तथा कार्बन मोनोऑक्साइड ऑक्साइड आदि जहरीली गैस घुली  होती है वह तो  रोजाना टनों  में होता है ।‌ जो पर्यावरण में पहुंचकर पर्यावरण को प्रदूषित करता है ।थीम के अनुसार  , पर्यावरण की सुरक्षा भी करनी है ।  तंबाकू सेवन पर राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर से भी प्रतिबंध लगाएं जाने चाहिए।् यद्यपि तंबाकू उद्योग  से राष्ट्र को राजस्व प्राप्ति होती है , जो कि  एक मृग मरीचिका  है । यदि आकलन करके देखें तो राजस्व के बदले तंबाकू प्रदूषण से उत्पन्न बीमारियों का खर्चा ,पर्यावरण प्रदूषण,  तथा सामाजिक न्यूनता कहीं अधिक भारी पड़ती है । तंबाकू उद्योग में कार्यरत लोगों को व्यवसाय  तो मिलता है लेकिन उनकी शारीरिक, मानसिक ,आर्थिक और सामाजिक क्षति का आकलन कभी नहीं किया जा सकता । यद्यपि अनेक राज्यों में तंबाकू सेवन पर प्रतिबंध है  । परंतु यह प्रतिबंध पर्याप्त नहीं है । लोग येन केन प्रकारेण तंबाकू के उत्पाद ढूंढ  ही लेते हैं।  शहरी संस्कृति में "हुक्का बार "का प्रवेश हुआ है , जिसमें हुक्का की आड में अधिक हानिकारक पदार्थ (नारकोटिक्स )का सेवन होने लगा हे ।इसमें युवा एवं किशोर वर्ग अधिक सक्रिय  हो रहा है ।जहां किशोरवर्ग नशे का आदि होगा वहां की युवा पीढ़ी निश्चित ही विनाश की राह पर चलेगी ।जो समाज और राष्ट्र के लिए एक घातक संदेश है । 

आज आवश्यकता है ,तंबाकू सेवन से बचने और बचाने की  । तम्बाकू  त्याग ने के लिए एक दृढ़ इच्छाशक्ति विकसित करने की । लोगों को तंबाकू से होने वाले रोगों के प्रति जागरुक किया जाए । कुछ ऐसे प्रयास किए जाएं जिससे तंबाकू सेवन करने वाले लोग तंबाकू त्याग को तैयार हो जाएं । संस्था अथवा मंच से तंबाकू त्यागने वाले लोगों की प्रशंसा उत्साह वर्धन किया जाए । और तंबाकू सेवन करने वालों को उससे वंचित रखा जाए । तंबाकू उत्पाद आसानी से उपलब्ध नहीं होने चाहिए । तंबाकू सेवन करने वालों से पारिवारिक जन उनके मित्र जन बार-बार  तंबाकू छोड़ने का आग्रह करें । सभी यात्राओं में तंबाकू सेवन  न करने वालों को वरीयता मिलनी चाहिए सरकारी योजनाओं में भी उन्हें लाभ मिलना चाहिए।

तंबाकू का सेवन छोड़ने के लिए किसी मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है । तंबाकू त्याग ही अपने आप में शुभ कार्य है ।.....परंतु आज 31 मई को यह दृढ़ निश्चय करें  , यह संकल्प  लें कि , ---"हमें आज से तंबाकू छोड़ना है या किसी का छुड़वाना है " ।समाज पर,  राष्ट्रपर एक उपकार  होगा । इस दिवस पर तम्बाकू त्याग के लिए कुछ न कुछ तो अवश्य करें।


--------  नरेंद्र कुमार शर्मा , राष्ट्र पुरस्कृत

समीक्षा न्यूज 

पत्रकारिता दिवस पर महिला पत्रकारों के समक्ष चुनौतियां परिचर्चा



धनसिंह—समीक्षा न्यूज

जिस प्रकार अंधेरे को प्रकाश भर देता है उसी प्रकार हर समस्या का निवारण होता है-- महंत नारायण गिरी

गाजियाबाद दूधेश्वर मंदिर में पत्रकारिता  दिवस पर  गाजियाबाद महिला पत्रकारों ने एक परिचर्चा की और पत्रकारिता दिवस मनाया। 

पत्रकार अपनी कलम से समाज में घटित हर तरह की घटनाओं को संबंधित लोगों तक पहुंचाने और समाज को नई दिशा देने का कार्य करता है जिसमें अब महिलाएं भी अपना परचम लहरा रही हैं किंतु पत्रकारिता के क्षेत्र में महिलाओं के लिए बहुत सारी चुनौतियां सर उठा कर खड़ी रहती हैं । पत्रकार मीनाक्षी शर्मा ने बताया  आज गाजियाबाद की कुछ महिलाओं ने दूधेश्वर नाथ मंदिर परिसर में पत्रकारिता में महिलाओं के समक्ष चुनौतियों पर एक परिचर्चा की और उस समस्या से निकलने का निवारण तलाश किया । परिचर्चा में सभी ने अपने अपने विचार व्यक्त किए और यह भी तय किया कि हम इस तरह की परीचर्चा व गोष्ठी आगे भी करते रहेंगे । अन्य महिलाओं को भी अपने साथ लेकर चलेंगे ताकि सभी कंधे से कंधा मिलाकर चल सके और समानता के साथ समाज में अपने कार्य क्षेत्र में मान सम्मान प्राप्त कर सके। 

कार्यक्रम की शुरुआत में दूधेश्वर मंदिर के महंत श्री नारायण गिरी जी ने  अपना आशीर्वाद देते हुए यह विचार व्यक्त किए की महिलाएं  पत्रकारिता में बहुत सारी समस्याओं का सामना करती हैं ।उन्हें बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखने पड़ते हैं ।बहुत सारी विपरीत स् परिस्थितियों में भी कार्य करना पड़ता है। महिला पत्रकारों के सामने बहुत सारी कठिनाइयां आती है। जिनका सामना करते हुए आगे बढ़ती हैं  । जैसे कमरे में कितना भी अंधेरा क्यों ना हो सिर्फ एक दिया उस पूरे कमरे को प्रकाश से भर देता है उसी प्रकार समस्या का निवारण होता है, महिलाएं भी अपने कार्य क्षेत्र में आने वाली बड़ी से बड़ी समस्याओं को अपनी शक्ति से खत्म कर देती हैं और आगे बढ़ रही हैं । महिलाए जो यह कार्य कर रही हैं यह बहुत ही दुर्लभ कार्य है । आप सब महिलाए  अपनी हिम्मत से इसमें आगे बढ़ती जा रही हैं, उसके लिए आप सभी  महिलाो पत्रकारों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।  

उसके बाद सभी महिला पत्रकारों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए इस प्रकार हैं--

कमलेश भारद्वाज ने कहा यह पुरुष प्रधान समाज है यहां पर महिलाओं को अपना स्थान बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है ।उसी तरीके से पत्रकारिता में भी पुरुष के सामने महिलाओं को कार्य करने में कठिनाइयां होती हैं जिससे आगे निकलने में और कार्य करने में बाधा उत्पन्न होती जो कि नहीं होनी चाहिए लेकिन हमें बहुत हर्ष महसूस होता है कि आज बहुत सारी महिलाएं निडर होकर पत्रकारिता कर रही हैं।  और चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ रही हैं। 

मीनाक्षी  शर्मा ने कहा महिलाओं के प्रति लोगों को अपनी सोच बदलनी चाहिए कि वह कमजोर है और कोई भी कार्य ठीक से नहीं कर सकती है। आज के युग में महिला हर तरीके से सक्षम है ,सबल है ,वह किसी भी कार्य को बहुत अच्छे से कर सकती हैं। जिसमें यदि दूसरे लोगों से, पत्रकार बंधुओं से, समाज से, सरकार से, शासन प्रशासन से सहयोग मिले तो और भी ज्यादा मजबूती आएगी । महिला पत्रकारों को समाज में  स्थान और सम्मान दोनों प्राप्त होना चाहिए ।  पत्रकारों  के ऊपर खबर छापने और ना छापने को लेकर दबाव बना रहता है जो नहीं होना चाहिए ऐसे में एक दूसरे का सहयोग समस्या का निवारण दे सकता है। 

सुनीता उपाध्याय ने कहा महिला पत्रकार को समाज अच्छी नजर से नहीं देखता यदि वह किसी कैमरामैन के साथ या किसी अपने सहयोगी के साथ जाती है तो लोग गलत सलत बातें बनाना शुरु कर देते हैं उन्हें खुलकर काम करने नहीं दिया जाता, उनके चरित्र पर और उनके कार्य पर हमेशा सवाल खड़ा किया जाता है। जो कि बहुत गलत है ।पुरुषों को आगे आकर महिला पत्रकारों का सहयोग देना चाहिए ।उन्हें शक्ति देनी चाहिए। उनका ताकि उनका मनोबल बढ़ सके और वह अपने कार्य को अच्छी तरीके से कर सके और आगे बढ़ सके। 

कल्पना आर्य ने कहा महिलाएं आज हर तरीके से सक्षम है उन्हें किसी के सहारे की आवश्यकता नहीं है बेशक यह पुरुष प्रधान समाज है ।आज भी महिला पत्रकार जब जाकर पुरुष पत्रकारों के बीच में बैठती है तो उसे हंसी का पात्र बनाया जाता है जिससे वह हीन भावना से ग्रसित हो जाती है और उसका मनोबल टूटने लगता है। ऐसे में महिलाओं को अपने अंदर मजबूती लानी चाहिए। अपनी शक्ति को पहचानना चाहिए और निडर होकर अपना कार्य करना चाहिए। आज हमें किसी के किसी भी पुरुष के सहारे की आवश्यकता नहीं है महिलाएं इतनी सफल है कि वह अपने कार्य क्षेत्र में सफलता हासिल कर सकती हैं। 

रीटा माही ने कहा  पत्रकारिता क्षेत्र को बहुत साल हो चुके हैं हम बहुत आगे बढ़ चुके हैं ।आज महिलाएं भी पत्रकारिता कर रही हैं और हर चुनौती का सामना करते हुए आगे बढ़ रही है। लेकिन असुरक्षित है उन को सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए और महिलाओं को निडर होकर अपने कार्य में आगे बढ़ते रहना चाहिए ।

नरेंद्रनगर स्थित मंडी समिति की विपणन व्यवस्था व ठोस संचालन को लेकर उच्च अधिकारियों की अध्यक्ष के साथ हुई बैठक



वाचस्पति रयाल, समीक्षा न्यूज 

नरेन्द्रनगर। कृषि के क्षेत्र में काश्तकारों को आत्मनिर्भर बनाने व नरेंद्रनगर के बगरधार स्थित कृषि मंडी को सुव्यवस्थित तौर-तरीकों से संचालित करने के मकसद से मंडी कार्यालय में मंडी समिति के अध्यक्ष वीर सिंह रावत की अध्यक्षता मेंं एक आवश्यक बैठक आहूत कु गयी।  

     इस बैठक में उत्तराखंड कृषि मंडी समिति के उपनिदेशक  विजय थपलियाल,सचिव अजय डबराल तथा मंडी समिति के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ राना मौजूद थे।

   बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंडी समिति के अध्यक्ष वीर सिंह रावत ने इस बात पर खास जोर दिया कि कृषि क्षेत्र में हो रही भारी प्रतिस्पर्धा के बीच काश्तकार अच्छी उपज पैदा करने के साथ अपने उत्पादन का उचित व लाभकारी मूल्य प्राप्त कर सकें।इस बिन्दु पर खास चर्चा उपरांत ठोस निर्णय लेने की आवश्यकता है।

   उपनिदेशक कृषि मंडी समिति उत्तराखंड विजय थपलियाल मंडी समिति के भौतिक निरीक्षण के बाद मंडी की उपयोगिता को भाँपते व समझते हुए कहा कि मंडी को फंक्शन में लाने के लिए क्षेत्र के व्यापारियों को लाइसेंस देने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, नवीन मंडी स्थल में निर्मित दुकानों में से 10 दुकानें व्यापारियों में आवंटित  कर दी जानी चाहिए।

   उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल मंडी समिति के सचिव अजय डबराल ने मंडी के प्रारंभिक संचालन के लिए प्रभावपूर्ण ढंग से काम करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि मंडी क्षेत्र में जन जागरूकता अभियान चलाकर व्यवसायियों व काश्तकारों के मध्य संवाद स्थापित करने की आवश्यकता है।

  नरेंद्रनगर मंडी समिति के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ राणा ने क्षेत्र के खाद्यान्न व फल सब्जियों के थोक व्यापारियों से संपर्क कर लाइसेंस हेतु प्रेरित करने व साथ ही सधारण व  कोल्ड स्टोर रूम अलग-अलग व्यापारियों को आवंटित करने की बात कही।

  बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी कुछ दिनों में तुरंत दुकान व्यवसायियों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया प्रारंभ करने के साथ दुकानों का आवंटन प्रारंभ किया जाएगा।

बैठक में ग्राम प्रहरियों को एसएचओ व एसआई ने दिए आवश्यक निर्देश

वाचस्पति रयाल, समीक्षा न्यूज 

किन्नरों द्वारा गांव क्षेत्र में होने वाले शुभ कार्यों पर धनराशि ऐंठने का आरोप



नरेन्द्रनगर। यहां स्थित थाना परिसर में एसएचओ प्रदीप पंत तथा एसआई शांति प्रसाद डिमरी ने ग्राम प्रहरियों की बैठक लेकर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

  बैठक में उस वक्त खामोशी छा गयी,जब ग्राम डौंर व सोनी के ग्राम प्रहरियों ने गांव क्षेत्र में होने वाले शादी,ब्याह,चूड़ा कर्म आदि उत्सवों पर किन्नरों के द्वारा गांव में जाकर सम्बंधित परिवार जनों से हजारों रुपये की माँग करने व किन्नरों के मनमाफिक धनराशि न दिए जाने पर उनके द्वारा अभद्रता करने का मामला उठाया।

  एसएचओ प्रदीप पंत तथा एसआई शांति प्रसाद डिमरी ने ग्राम प्रहरियों को निर्देश दिए कि गांव क्षेत्र में बगैर सत्यापन के किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश न करने दिया जाए, ग्राम प्रहरियों से कहा गया कि गांव क्षेत्र में फेरी वाले तरह-तरह का सामान बेचते हैं,उनसे क्षेत्र से संबंधित थाने का अनुमति पत्र मांगा जाए, बगैर अनुमति पत्र के वे गांवों में प्रवेश न करें। गांव में किसी भी तरह का विवाद का अंदेशा होने पर थाने को सूचित किया जाए।

   गांव क्षेत्र में शादी,ब्याह, चूड़ा कर्म आदि उत्सवों पर किन्नरों द्वारा गांव में जाकर संबंधित परिवार से हजारों में धनराशि ऐंठने का मुद्दा बैठक में छाया रहा।

   ग्राम प्रहरियों के मुताबिक अभी पिछले दिनों डौंर में हुई शादी के नाम पर किन्नरों की टीम 11 हजार तथा सोनी से 51 सौ रुपये ऐंठ कर ले गये।

  संबंधित परिवारों से इतनी बड़ी धनराशि न देने पर किन्नरों ने अभद्रता की है। ग्राम प्रहरियों का कहना था कि पुरानी पद्धति और परंपरा के अनुरूप गांव क्षेत्र में होने वाले उत्सवों  पर ढोल दमाऊ बजाने वाले उनके बाजी लोग इसके हकदार होते हैं।

  लेकिन किन्नरों ने मनमर्जी के मुताबिक गांव क्षेत्र में जाकर औजी और बाजी लोगों का हक छीनने का काम कर रहे हैं,जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है।

  बैठक में धर्म सिंह रावत,प्रताप पुंडीर,संजय नेगी,बालम सिंह, ममता देवी्,लक्ष्मी देवी,रेखा,मनोज,मोहन सिंह असवाल,रामप्रसाद कोठियाल, विक्रम सिंह भंडारी आदि थे।

वरिष्ठ समाज सेवी रामदुलार यादव ने मनाई चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि



समीक्षा न्यूज संवाददाता 

साहिबाबाद। ज्ञानपीठ केन्द्र 1, स्वरुप पार्क जी0टी0 रोड साहिबाबाद के प्रांगण में गाँव, गरीब, किसान मसीहा, भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री श्रद्धेय चोधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि का आयोजन लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट ने किया, कार्यक्रम में चौधरी चरण सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण कर, उनके राजनैतिक, सामाजिक, अध्यात्मिक जीवन पर चर्चा करते हुए उनके बताये मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया, इस अवसर पर कमजोर वर्गों में फल वितरित किया गया|



      कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट के संस्थापक/अध्यक्ष राम दुलार यादव ने कहा कि श्रद्धेय चौधरी चरण सिंह छोटे से गाँव से निकल कर अपनी ईमानदारी, नैतिकता, लगन और निष्ठा से देश के सर्वोच्च प्रधानमन्त्री पद को सुशोभित किया, गाँव, गरीब, किसान, शोषित तथा हर वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिए काम करते रहे| महात्मा गाँधी के सच्चे अनुयायी चौधरी चरण सिंह भारत को आजाद कराने में कई बार जेल गये और यातनाएं झेली, वे अभाव में भी कभी झुके नहीं, उन्होंने राजनीति में ईमानदारी नैतिकता से काम करने के लिए लोगों को तैयार किया, डा0 राम मनोहर लोहिया ने पिछड़ों में जो राजनैतिक चेतना पैदा की थी उसे अमली जामा पहनाया, चौधरी चरण सिंह जी ने उन्हें राजनैतिक ताकत देकर सम्मान दिलवाया, उसी का परिणाम रहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, उडीसा में पिछड़े किसान परिवार के नेता मुख्यमन्त्री बने, चौधरी साहब का कहना था सदियों से झूठे और बेईमानों का मुकाबला राजनीति में केवल ईमानदारी, नैतिक आचरण से हो सकता है, हमारे लोग राजनीतिक चकाचौध में जरा सा भी भटके तो वह उन झूठों, लम्पटों का मुकाबला नहीं कर पायेंगें| चौधरी साहब ने सिद्धांतों से समझौता कभी नहीं किया, चाहे उन्हें उसकी कितनी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी, चौधरी साहब मूर्ति पूजा, पाखण्ड, अन्धविश्वास, अधर्म और नफ़रत के घोर विरोधी थे, वह कभी भी मन्दिर नहीं गये, उन्होंने जातिवाद में कभी भी विश्वास नहीं किया, वे सभी के कल्याण के लिए सोचते थे| उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए हम सभी सार्वजनिक जीवन में कार्य करने वाले कार्यकर्ता गर्व और गौरव का अनुभव करते है, हम चौधरी साहब के बताये मार्ग पर चलने का प्रयत्न कर रहे है, उन्हें स्मरण कर रहे है, उनके प्रति यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी| 

       कार्यक्रम में शामिल प्रमुख रहे: राम दुलार यादव, अंशु ठाकुर, राम सुरेन्दर, हरी किसन, दयाचन्द, सुरेश कुमार, राज किशोर, संतलाल, शिव गणेश, सुभाष यादव, शिवा, भरत यादव, अजय, राम जी, स्वपन मजुमदार, अखिलेश कुमार शुक्ला, आशीष यादव, हरीश ठाकुर, लक्ष्मी नारायण सहगल आदि|

हिंदी पत्रकारिता दिवस (30 मई) पत्रकारों के आत्म मंथन का दिवस है – सुशील शर्मा, पत्रकार

समीक्षा न्यूज  



यह तो लगभग दो सौ वर्ष पूर्व की बात है। उस समय अखबार निकालने का कोई साधन ही नहीं था।मेरे पिता स्वर्गीय श्याम सुन्दर वैद्य (जो तड़क वैद्य के नाम से प्रसिद्ध थे) ने तो जब वर्ष 1961 में 61 वर्ष पूर्व अपना अखबार निकाला था तो तब अखबार का टाइटिल भी शिमला से मिलता था। महीनों लग जाते थे पत्र व्यवहार में ही।आज तो पूरे देश के टाइटिल आरएनआई के दिल्ली आर के पुरम कार्यालय से मिलते हैं। पहले आवेदन और आदेश मात्र पोस्ट कार्ड पर ही होते थे। आजादी के बाद रजिस्टर्ड अखबार को दो नये पैसे में पूरे देश में भेज सकते थे। मैंने अपना अखबार 1973 से संभाला। मुझे याद है मेरे सामने जब डाक टिकट दो नये पैसे से बढ़कर पांच पैसे हुआ था तो बहुत भारी पडा था। यदि अंग्रेजी काल में पंडित जुगल किशोर शुक्ल को रियायती डाक की सुविधा आजाद भारत की तरह से मिल गयी होती तो उनका अखबार इतना जल्दी बंद नहीं होता। जब पिताजी ने अपना अखबार शुरू किया तब गाजियाबाद मेरठ जिले की तहसील था।एक ही कोतवाली घंटाघर थी। तहसील तो आज भी उसी जगह है लेकिन कचहरी नवरंग सिनेमा के पीछे और सुशीला कालिज रोड पर दो जगह थी। नवरंग के पीछे की कचहरी में एस डी एम कोर्ट भी थी जहां एसडीएम बैठते थे।वही तहसील के सबसे बड़े अधिकारी होते थे।उस समय प्रिंटिंग प्रेस गिनी-चुनी ही थी। वह भी घरों में ही लगी थीं तथा कई प्रेस में तो घर के बच्चे ही अक्षर जोड़ने का काम करते थे।कागज की तो लम्बे समय तक गाजियाबाद में कोई दुकान ही नहीं थी।कागज की पहली दुकान बहुत साल बाद गाजियाबाद जिला बनने पर दिल्ली पेपर मार्ट के नाम से नई बस्ती में खुली थी।प्रेस का मैटीरियल,कागज और ब्लाक तथा ब्लाक मेकिंग सभी दिल्ली चावड़ी बाजार में था।उस जमाने में दिल्ली के लिए ट्रेन और बस गिनी-चुनी थी और उनकी छत पर भी जगह नहीं मिलती थी। पिताजी मुझे साथ ले जाते थे इसलिए मुझे सब याद है । किसी का फोटो छपना हो या विज्ञापन का ब्लाक बनना हो तो पहले दिल्ली देकर आते थे फिर एक- दो-दिन बाद का जब वह समय देता था तो लेने जाना पड़ता था। सरकारी विज्ञापन के ब्लाक सरकारी विभागों द्वारा बनवाकर भेजे जाते थे। पत्र सूचना कार्यालय शासकीय मान्यता वाले अखबारों को राष्ट्रीय नेताओं और देश की ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी और उससे संबंधित फोटो के ब्लाक पत्रकारों को भेजते थे।बाद में एमएमएच कालिज रोड पर अजंता स्टोर्स के सामने रहने वाले बी ड़ी शर्मा जी दिल्ली से ब्लाक बनवाने का काम करने लगे।वह जब तक जीवित रहे वही एकमात्र ब्लाक बनवाने का कार्य करते थे। दिल्ली के एक ब्लाक मेकर ने अम्बेडकर रोड पर हिंद ब्लाक वर्क्स ने नाम से ब्लाक बनाना शुरू भी किया था लेकिन क्वालिटी अच्छी न होने के कारण चल नहीं पाया। आज गाजियाबाद, हापुड़ आदि जिले बन गए हैं 60 वर्ष पूर्व वह तब कस्बे ही थे। कस्बों में भी गांव का माहौल था और उनसे सटे गांव ही गांव थे। मेरे पिता पैदल ही गांव दर गांव जाकर अपने अखबार के वार्षिक सदस्य बनाने जाते थे।जो पहले मात्र 25/- था बाद में मेरे समय में 50/- हो गया था। पिताजी जी वैद्य थे वह अखबार निकालने से पहले खुद दवाएं व आसव बनाकर प्रवास पेटी में भरकर गांव दर गांव मरीजों का इलाज करने जाते थे।कई -कई दिन में वह घर आते थे।एक बार वह खुद बहुत बीमार पड़े तो उनके मित्र चौधरी शिव राज सिंह एडवोकेट ने उन्हें अखबार निकालने की सलाह दी। वैद्य होने के कारण उनका सम्पर्क गांवों में दूर दराज तक था। गांवों में लोग उन्हें जानते थे और उनका सम्मान करते थे। यही सब सर्किल उनको पत्रकारिता में काम आया।मोरटा, दुहाई, मुरादनगर,पतला, निवाड़ी,भोजपुर और आसपास के दर्जनों गांवों में अखबार के वार्षिक सदस्य थे। हापुड़ रोड पर भी डासना, मसूरी गालन्द, पिलखुवा, हापुड़, असौड़ा, कुचेसर रोड,बाबूगढ़,गढ़ ,ब्रजघाट तक तथा धूमदादरी,सिकन्दराबाद तक अखबार के वार्षिक सदस्य थे।आज यह अविश्वसनीय लगे लेकिन उस समय लोगों को अखबार खरीद कर पढ़ने की आदत नहीं थी। बहुत कम घरों में दैनिक अखबार आते थे। लोगों को पब्लिक लाइब्रेरी में अखबारें पढ़ने की आदत थी।उसके बाद जब आफसैट तकनीक आ गयी तो ट्रेडल प्रेस और ब्लाक का काम ही समाप्त हो गया था। मुझे याद है गाजियाबाद में कागज की जब कोई दुकान नहीं थी तब प्रेस के कर्मचारियों को ही साईकिल से दिल्ली से कागज लाना पड़ता था। आज अखबार निकालना एक उद्योग की श्रेणी में आता है। कई बड़े अखबारों का प्रकाशन पूंजीपतियों द्वारा राजनितिक लाभ के लिए किया जा रहा है। उन अखबारों में काम करने वाले पत्रकारों को कान्टेक्ट बेस पर रखा जाता है। अखबार के लिए विज्ञापन लाने और उससे कमीशन से ही उनकी सेलरी बनती है।पहले वही अखबार निकलता था जो सामाजिक विद्रूपताओं के विरोध में कहने का साहस रखता था। लोगों की आवाज शासन-प्रशासन तक पहुंचाने का काम पत्रकार करते थे।आज जिस तरह से पत्रकारों को नजरंदाज किया जाता है हमारे समय तक ऐसी स्थिति नहीं थी। लगभग 40-45 वर्ष पूर्व हमारे समय में केन्द्रीय और प्रदेश के मंत्री की प्रेस वार्ता में भी यदि अधिक देर इंतजार करना पड़ता था तो हम वार्ता का बहिष्कार कर देते थे। अधिकारी अनुनय- विनय कर ही रोक पाते थे। आज पत्रकारों का इतना साहस नहीं है ।नाही अखबारों के मालिकों का इतना साहस है। हमारे समय का पत्रकारों की एकता का एक उदाहरण है जब गाजियाबाद जिले के सांसद बी पी मौर्य थे और विधायक प्यारे लाल शर्मा थे तब एक तेजतर्रार कलेक्टर चन्द्र पाल को एक पत्रकार की अनुपस्थिति में उसके प्रति अभद्र टिप्पणी करने पर कलेक्टर को सूचना विभाग में आकर जिले के समस्त पत्रकारों से माफी मांगने पर विवश कर दिया था।तब पत्रकारों की एक ही मुख्य संस्था गाजियाबाद जर्नलिस्ट्स क्लब होती थी।
आज के दिन पत्रकारों को आत्ममंथन जरूर करना चाहिए कि हम अपने दायित्वों का निर्वहन निस्वार्थ भाव से कर रहे हैं या नहीं। अपने पाठकों की अपेक्षाओं पर खरा उतर रहे हैं या नहीं। लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ अपना वजूद खो चुका है। मीडिया पर भांड और बिकाऊ होने के आरोप लग रहे हैं।पीत पत्रकारिता पहले भी थी लेकिन कुछ ही बदनाम चेहरे होते थे जिनकी मुहिम अखबार की आड धन कमाने की होती थी। ऐसे पत्रकारों में आज प्रतिष्ठित कई वरिष्ठ पत्रकार हैं। दुर्भाग्यवश आज पत्रकार ऐसे ही पत्रकारों को आदर्श मान उनका अनुसरण कर रहे हैं।

Sunday, 29 May 2022

बाल शोषण को रोकना ही मेरी प्राथमिकता: निधि द्विवेदी डीसीपीसीआर सदस्य




धनसिंह—समीक्षा न्यूज

बच्चों के पर हो रहे उत्पीड़न को लेकर आशादीप फाउन्डेशन में कार्याशाला आयोजित

गाजियाबाद। एनएसीजी ईवीएसी इंडिया, वर्ल्ड विजन इंडिया एंड वर्ल्ड विजन जर्मन के सौजन्य से व आशादीप फाउंडेशन द्वारा मीडिया कर्मियों के साथ बच्चों पर हो रहे यौन शोषण अत्याचार को रोकने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया तथा इसी कार्यशाला में लगभग 40 मीडिया कर्मियों ने भाग लिया पोक्सो एक्ट के अंतर्गत 5 बिंदुओं बाल यौन शोषण, भ्रूण हत्या, बाल तस्करी, बाल मजदूरी, बाल विवाह पर गंभीर रूप से चर्चा हुई, को कैसे रोके उस पर सभी ने महत्वपूर्ण सुझाव दिए मीडिया कर्मियों ने रिपोर्टिंग करते समय आने वाली चुनौतियों को साझा किया।

इस कार्यशाला में मीडिया कर्मियों ने बाल यौन शोषण, भ्रूण हत्या, बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल तस्करी आदि विषय पर आशादीप फाउंडेशन के निर्देशक एचके चेट्टी ने अपने विचार रखें वही कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में डीसीपीसीआर की सदस्य निधि द्विवेदी ने इस विषय पर खुलकर पास्को एक्ट पर विचार रखें और मीडिया कर्मियों से इस कानून के जरिए बच्चों को राहत पहुंचाने के लिए कार्य करें उन्होंने उनसे अपील की। उन्होंने बताया सरकारी मशीनरी कैसे काम करती हैं और पता लगने पर अपनी जिम्मेदारी से कैसे निभाती है। इस कार्यक्रम के दौरान बाल शोषण अत्याचार से बचाने के लिए दिए गए दिशा निर्देश वाली पुस्तक का विमोचन भी किया। इस पुस्तक को पढ़कर वह पास्को एक्ट के विषय में और अधिक जानकारी कर सकेंगे और बाल यौन शोषण अत्याचार के खिलाफ मुखरता से आवाज उठा सकेंगे।

डीसीपीसीआर की सदस्य निधि द्विवेदी ने कहा कि वे अपने जीवन के शुरूआती दौर से बाल शोषण के खिलाफ रही है और उसी सम्बंधित विभागों में वे अभी तक सेवा देती रही है। उन्होने कहा कि बाल शोषण को रोकना ही मेरी प्राथमिकता है। साथ ही उन्होने कही भी बाल शोषण से सम्बंधित कोई भी जानकारी हो उसकी शिकायत दर्ज करने के लिए नम्बर 9311551393 दिया।

कार्यक्रम के दौरान सभी पत्रकारों ने श्री चेट्टी से आग्रह किया कि वे बाल शोषण को रोकने वाली सरकारी तथा गैरसरकारी संस्थाओं सहित उनसे सम्बंधित अधिकारियों को साथ लेकर एक वाट्सअप ग्रुप बनाये और उसमें मीडिया कर्मियों को जोडा जाये ताकि किसी भी मीडिया कर्मी को कही भी बाल यौन शोषण, भ्रूण हत्या, बाल विवाह, बाल मजदूरी, बाल तस्करी आदि चीजों का ज्ञान होता है तो वह उस ग्रुप पर उसे शेयर कर सके ताकि तब उनसे सम्बंधित विभाग के अधिकारी उस पर कार्यवाही कर बाल अपराध पर रोकथाम लगा सके।

इस दौरान महिला उत्थान संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र राय भी मौजूद रहे वही आशादीप फाउंडेशन की सचिव ज्योति चेट्टी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इसी कड़ी में सभी मीडिया कर्मियों को सम्मानित किया गया।

गाँव, गरीब, किसान मसीहा, पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्र नायक, आदरणीय चौधरी चरण सिंह की पुण्यतिथि 29 मई 2022 पर विशेष



स्वामी दयानंद, महात्मा गांधी के दर्शन व विचार से प्रभावित आर्थिक, राजनीतिक चिंतक, किसानों, पिछड़ों, निर्धन व दलितों के मसीहा, देश की जनता के उत्थान के लिए संघर्षरत अद्भुत व्यक्तित्व, विलक्षण प्रतिभा के धनी स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को गाजियाबाद जनपद के नूरपुर गांव के साधारण किसान परिवार में हुआ थाI प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आप 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से इतिहास में मास्टर डिग्री, 1926 में वकालत पास की। आप शुरू से ग्रामीण  पृष्ठ  भूमि की समझ रखने वाले निर्भीकता से अपनी बात कहने वाले ईमानदार नेता के रूप में जाने जाते हैंI 1928 में गाजियाबाद में आपने वकालत शुरू की इसी बीच 1930 में गांधी जी के “सविनय अवज्ञा आंदोलन” में भाग ले, नमक कानून तोड़ते हुए गिरफ्तार हुए तथा 6 महीने जेल में रहे, 1942 में गांधीजी के आह्वान पर “अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन” में जेल चले गए तथा “करो या मरो” नारे के साथ लगातार प्रचार करते रहे, डीआईआर में बंद हुए, 1 साल जेल में रहे, 1943 में रिहा हुए, आपने जेल में ही 'शिष्टाचार' नामक पुस्तक लिखी तथा अंग्रेज लेखक स्टार्क के कथन को हवाला देते हुए कहा की शिष्टाचार अंक गणित के शून्य के समान है, चाहे वह स्वयं मूल्य ना रखता हो किंतु वह दूसरे के मूल्य को कई गुना बढ़ाने की सामर्थ्य रखता है।

शिक्षा पूर्ण करने के बाद गाजियाबाद में वकालत करते हुए आपने जिला कांग्रेस कमेटी का गठन किया, अपनी कार्यकुशलता, पूर्ण मनोयोग से कार्य करने के कारण सन 1937 में पहली बार उत्तर प्रदेश में बागपत गाजियाबाद क्षेत्र से "धारा" सभा के लिए चुन लिए गए| 1938 में धारा सभा जो आज उत्तर प्रदेश की विधानसभा है निर्वाचित हुए| चौधरी साहब ने 1939 में ‘कर्ज मुक्त विधेयक’ धारा सभा से पास कराया जिससे उत्तर प्रदेश के लाखों किसान कर्ज के जाल से मुक्त हो गए।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा में चौधरी साहब संसदीय सचिव, राजस्व मंत्री, सूचना, विधि एवं न्याय, कृषि ,वन, सिंचाई और गृह मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभागों में सफलता पूर्वक अपने दायित्व का निर्वहन किया तथा अपनी प्रशासनिक समझ से उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री बने, उत्तर प्रदेश में चौधरी साहब पक्के इरादे, दूरदृष्टि व निर्भीकता पूर्वक ऐसे उल्लेखनीय कार्य किए जिससे करोड़ों किसान गरीब   लाभान्वित  हुए।

“जमीदारी उन्मूलन, भूमि सुधार बिल” 1952 में पास करवाया, इस विधेयक के पारित हो जाने से किसान, जमीदार व बिचौलियों के शोषण से मुक्त हुए, परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश के सभी काश्तकारों को जिस जमीन में वह हल चलाते थे, एक झटके में सिरदार बना दिया, 10 गुना लगान सरकारी खजाने में जमा कर, भूमिधर खेत के मालिक बन गए| 1953 में चकबंदी कानून पास करवाकर किसान की दूर दराज पड़ी जमीन को एक जगह कर दिया, जिससे किसान, मजदूर को काम करने में सरलता हुई, अन्न का उत्पादन बढ़ने से देश व उत्तर प्रदेश की जनता को लाभ हुआ, जमींदारी उन्मूलन से उन गरीबों को लाभ हुआ, वे जहां रह रहे थे, जहां उनके पेड़ कुंवे थे, वह उनके स्वामी हो गए, उनकी आबादी दर्ज हो गई| बिचौलियों के शोषण से न केवल किसान मुक्त हुए बल्कि गांव में रहने वाले धनहीन जातियां, दलित, अति पिछड़े भी लाभान्वित हुए, चौधरी चरण सिंह जी ने दूसरा महत्वपूर्ण ऐतिहासिक कार्य पिछड़ी जातियों में राजनीतिक चेतना पैदा कर उन सोते हुए लोगों को जगा कर तथा संगठित कर राजनीति में भागीदारी दिलवाकर सत्ता का नया केंद्र स्थापित किया, जिसका परिणाम कई प्रदेशों में सरकार में अति पिछड़े, पिछड़े और दलितों का कब्जा हो गया, वह मुख्यमंत्री भी बने, आज वह राजनीति में रहकर प्रदेश व देश के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर रहे हैं|

चौधरी चरण सिंह के उपरोक्त कार्य की सराहना बहुसंख्यक जनता में हुई, लेकिन अभिजात्य वर्ग उनका इसलिए विरोधी हो गया कि एक साधारण किसान परिवार में जन्म लेकर चौधरी चरण सिंह ने इतना बड़ा कार्य कर दिया जो विश्व के इतिहास में मील का पत्थर बना। चौधरी साहब का सराहनीय कार्य उन लोगों को अच्छा भी नहीं लगा वे लोग चौधरी चरण सिंह के विरोध में खड़े हो गए तथा दुष्प्रचार में लग गए लेकिन लोह पुरुष चौधरी चरण सिंह इससे विचलित नहीं हुए तथा उनका जवाब देने के लिए उत्तर प्रदेश में "भूमि सुधार और कूलक वर्ग" नामक पुस्तक लिखी| चौधरी साहब ने दो रु० तक के किसानों के लगान माफ कर दिए तथा 6:30 एकड़ जोत पर लगान आधा कर दिया, अफसोस इस बात का रहा कि अभिजात्य वर्ग उनका विरोधी तो रहा ही लेकिन जिनके उत्थान के लिए चौधरी साहब जीवन  पर्यन्त संघर्ष करते रहे उन्होंने भी उनका पूरा साथ नहीं दिया, गांव के पटवारी किसानों का शोषण करते थे चौधरी साहब ने एक झटके में उनके बस्ते तहसील में रखवा लिया तथा उनकी जगह लेखपाल भर्ती कर दिया।  27 हजार  लेखपालों में 30 परसेंट अनुसूचित जाति के लोगों को नौकरी मिली।

25 जून 1975 को देश में आपातकाल घोषित हुआ, जेल से रिहाई के बाद 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी, आप गृह, वित्त मंत्रालय ,उप प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री बने। चौधरी चरण सिंह गांधीजी की आर्थिक नीतियों के प्रबल पक्षधर रहे। आप चाहते थे कि भारत में बेरोजगारी की समस्या भयावह है इसका निदान लघु, कुटीर तथा मझोले उद्योगों को प्रोत्साहन देकर हो सकता है| चौधरी साहब का मानना है कि जो वस्तुएं छोटे उद्योगों में बन सकती है, उन्हें बड़े-बड़े उद्योगों को बनाने के लिए लाइसेंस न दिया जाए। कई प्रख्यात विदेशी अर्थशास्त्री तथा अर्थशास्त्री जेडी सेठी ने कहा कि भारत में आर्थिक विचारधारा या तो गांधीजी की थी या चौधरी चरण सिंह की’ आर्थिक समझ बेजोड़ है, जिससे भारत का आर्थिक विकास हो सकता है| चौधरी चरण सिंह ने अपनी बात स्पष्ट करने के लिए “भारत की भयावह आर्थिक स्थिति कारण और निदान” नामक पुस्तक लिखी, चौधरी चरण सिंह, पंडित जवाहरलाल नेहरु की सामूहिक खेती के सिद्धांत के विरोधी तथा व्यक्तिगत खेती के पक्षधर रहे। चौधरी साहब धार्मिक पाखण्ड, अन्ध विश्वास के घोर विरोधी रहे, वे मूर्ति पूजा के खिलाफ थे तथा कभी मन्दिर नहीं गये| 

चौधरी साहब किसान परिवार में पैदा हुए विलक्षण प्रतिभा और कुशाग्र बुद्धि के बल पर सार्वजनिक जीवन में देश समाज के हित में कार्य किया, लेकिन कुछ  संकीर्ण  मानसिकता के लोग उन्हें समझ नहीं पाए, उनकी प्रशंशा तो दूर उनके विरोध में ही रहे, उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव जाति के उत्थान में और देश के विकास में लगाया, लेकिन उसी वर्ग के कारण चौधरी साहब को भारत रत्न जो बहुत पहले मिल जाना चाहिए था आज तक नहीं मिला, उनकी घटिया सोच को प्रदर्शित करता है।

चौधरी साहब आज हमारे बीच नहीं है लेकिन उनकी सार्वजनिक जीवन में उनकी ईमानदारी नैतिकता, सदाचार, शिष्टाचार तथा उनके भाषण और लेख लिखी गई पुस्तकें  सार्वजनिक जीवन में किए गए कार्य, करोड़ों उनके समर्थकों का मार्गदर्शन करते रहेंगे  हम शत-शत नमन, वंदन करते हैं, हम आप के बताए मार्ग पर एक कदम चल सके, यही आपके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।



लेखक:

रामदुलार यादव शिक्षाविद 

संस्थापक/अध्यक्ष

 लोक शिक्षण अभियान ट्रस्ट

सामाजिक संगठनों ने सुप्रसिद्ध घंटा कर्ण धाम परिसर व रास्ते की सफाई कर चलाया पर्यावरण संरक्षण व स्वच्छता अभियान



वाचस्पति रयाल—समीक्षा न्यूज  

नरेन्द्रनगर।समुद्र तल से 8 हजार फिट की ऊँचाई वाले क्षेत्र पट्टी क्वीली   के घंडियाल डाँडा के शैल शिखर पर विराजमान भगवान घंटाकर्ण धाम परिसर सहित मंदिर पहुंच को पैदल 4कि०मी० की खड़ी चढा़ई वाले रास्ते   पर क्षेत्र के सामाजिक संगठनों ने सफाई अभियान चलाया।

    बताते चलें कि विधानसभा नरेन्द्रनगर क्षेत्रान्तर्गत आधा दर्जन से अधिक पट्टियों के केन्द्र स्थल घंडियाल डाँडा में विराजमान भगवान घंटाकर्ण धाम में मन्नतें माँगने श्रद्धालुओं का तांता साल भर लगा रहता है।

      उल्लेखनीय है कि आगामी 31 मई से लेकर 10 जून तक भगवान घंटाकर्ण धाम में दसवें महायज्ञ व धार्मिक संस्कृति मेला के आयोजन की जोरदार तैयारियां अंतिम चरण में हैं।

    घंटाकर्ण धाम में आयोजित होने वाले इस महायज्ञ व धार्मिक-सांस्कृतिक मेले में हजारों संख्या में श्रद्धालुओं की आने की उम्मीद है।



 मंदिर परिसर के साथ ही,मंदिर पहुंच का 4कि०मी०वाला खड़ी चढ़ाई का पैदल रास्ता साफ और स्वच्छ बना रहे।

     इसी को दृष्टिगत रखते हुए क्षेत्र के बजरंगी स्वाभिमान सेवा समिति पोखरी व प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा ने संयुक्त रूप से क्षेत्र के प्रसिद्ध घंटाकरण धाम मंदिर परिसर व मंदिर में जाने वाले रास्ते के आस पास सफाई अभियान चलाया।

   उक्त दोनों संगठनों द्वारा गजा के गौंताचली स्थान से घंडियाल डांडा मंदिर को जाने वाले 4 किलोमीटर खड़ी चढ़ाई के रास्ते पर पड़े,पालीथीन,प्लास्टिक बोतलें, चिप्स के रेपर आदि अन्य कूड़े को इकट्ठा कर निस्तारण किया गया तथा मंदिर परिसर के अंदर व बाहर पड़े कूड़ा-करकट को इकट्ठा कर गड्डे में दबाया गया।

   इसके अलावा मंदिर से वापसी में कूड़ा बोरियों में इकट्ठा कर गजा नगर पंचायत के कूड़ा निस्तारण स्थान पर लाकर उसका निस्तारण किया गया।

    प्रगतिशील जन विकास संगठन गजा के अध्यक्ष दिनेश प्रसाद उनियाल व बजरंगी स्वाभिमान सेवा समिति पोखरी क्वीली के अध्यक्ष जगत सिंह असवाल ने कहा कि कूड़ा निस्तारण से ही पर्यावरण संरक्षण व साफ-सफाई बनाये रखी जा सकती है।

 पहाड़ों के गली-कूचे व कस्बों में भी कूड़े के ढेर खड़े हो जाते हैं,जिससे हमारे पर्यावरण संरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता जा रहा है।

  उनियाल व असवाल ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर उत्तराखंड राज्य में तीर्थाटन व पर्यटन को विकसित करके ही पृथक प्रदेश की अवधारणा साकार हो पायेगी।   

   उक्त सामाजिक संगठन के पदाधिकारियों तथा कार्यकर्ताओं का कहना है कि देव भूमि के नाम से विख्यात उत्तराखंड के मंदिरों में पूजा-अर्चना के साथ साफ-सफाई को अमल में लाना बेहद आवश्यक है।

 सफाई अभियान में दिनेश प्रसाद उनियाल,जगत सिंह असवाल,जोत सिंह असवाल,मुकेश थपलियाल, राजबीर सिंह चौहान,सुरेन्द्र सिंह, साहब सिंह,ज्ञान सिंह,जगदीश सिंह व कमल गुसाईं के अलावा गौरव सिंह खाती,आर्यन,कु.आइसा,कु. सिमरन,सौरभ,महेश,सचिन व स्कूली बच्चे शामिल थे।

Wednesday, 25 May 2022

छात्रवृत्ति परीक्षाओं में भिलंगना विकास खंड के बच्चों ने दिखाया हुनर

वाचस्पति रयाल—समीक्षा न्यूज  

दो प्रतियोगिताओं में जिले के हिस्से आयी 113 संख्या में भिलंगना प्रखंड के 48 बच्चों ने पायी सफलता


                                                  भुवनेश्वर प्रसाद जदली,खंड शिक्षा अधिकारी

नरेन्द्रनगर।नवोदय विद्यालय द्वारा प्रतियोगिता परीक्षाओं में अपना परचम लहराने के बाद भिलंगना विकास खंड के छात्र-छात्राओं ने मानव विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित छात्रवृत्ति परीक्षाओं में भी ना सिर्फ़ अपनी शानदार हुनर का प्रदर्शन कर सभी को चौंकाया है,बल्कि शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र में प्रदेश को प्रगति के पथ पर आगे बढा़ने का जिम्मा लिए खास लोगों का ध्यान भी अपनी ओर खींचने में बहुत हद तक सफलता पायी है।

  बताते चलें कि आर्थिक रूप से कमजोर मध्यम आय वर्ग के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं की आर्थिक सहायता के मकसद से  मानव विकास मंत्रालय द्वारा यह प्रतियोगिता आयोजित कराई जाती है। ताकि प्रतिभावान छात्र-छात्राएं अपनी आगे की पढ़ाई निरंतर जारी रख सकें।

   गौरतलब है कि यह छात्रवृत्ति शासकीय अनुदान प्राप्त एवं स्थानीय निकायों के विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए ही अनुमन्य है।



उल्लेखनीय है कि प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की पठन-पाठन के प्रति रुचि बढ़ाने को लेकर तीन तरह की छात्रवृत्ति परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं। जिनमें राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृत्ति,डॉक्टर शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति तथा श्री देव सुमन योग्यता छात्रवृत्ति शामिल है। इन तीनों छात्रवृत्ति परीक्षाओं में चयनित छात्र-छात्राओं को प्रति माह क्रमशः 1000रूपये;1500रूपये व 1000रूपये की धनराशि कक्षा 9 से 12 तक 4 वर्षों तक प्राप्त होती है।  मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार की राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृत्ति के लिए समूचे प्रदेश भर में 1048 छात्र-छात्राओं का चयन किया जाना था। टिहरी जनपद से सिर्फ 94 प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को चयनित किया जाना था, जिसमें खास बात यह है कि जिले के नौ विकास खंडों में अकेले भिलंगना विकास खंड से 37 छात्र-छात्राओं ने प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त कर बाजी मारी।

  डॉक्टर शिवानंद नौटियाल छात्रवृत्ति के लिए पूरे प्रदेश में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल से 50-50 छात्र-छात्राओं अर्थात कुल 100 छात्र -छात्राओं का चयन किया जाना था, इस छात्रवृत्ति परीक्षा में टिहरी के 19 छात्र-छात्राओं ने सफलता प्राप्त की। जिसमें अकेले भिलंगना विकास खंड से 11 छात्र- छात्राओं ने सफलता प्राप्त कर जिले भर में अपनी हुनर का डंका बजाया।

 वहीं श्री देव सुमन योग्यता छात्रवृत्ति में प्रदेश के 95 विकास खंडों से 5 प्रतिभागि के हिसाब से कुल 475 छात्र-छात्राओं का चयन किया जाना था। इस प्रतियोगिता में भिलंगना  विकासखंड के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने ब्लॉक स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। जिनमें 5 बच्चों का चयन किया गया।  इस तरह से उक्त तीनों प्रतियोगिताओं में टिहरी जिले के भिलंगना विकासखंड से 53 छात्र-छात्राओं के चयन ने न सिर्फ़ जिले में बल्कि प्रदेश में भी अपनी खास पहचान बनाने में कामयाबी हासिल की है। उक्त तीनों प्रतियोगिताओं में जिले के 9 विकास खंडों में भिलंगना विकासखंड के छात्र-छात्राओं की कामयाबी के पीछे भिलंगना विकास खंड के शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली की प्रशासनिक कार्य कुशलता व उचित मार्गदर्शन बताया गया है। बड़ी संख्या में बच्चों की सफलता के लिए खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली ने बच्चों की सफलता का श्रेय शिक्षक आशुतोष सकलानी,विनोद बडोनी,श्रीमती लक्ष्मी रावत,संदीप गैरोला व राजेंद्र रुकमणी दिया है।

  रा०इ०कालेज डाँगी नैलचामी के शिक्षक संजय गुसाईं सहित क्षेत्र के नामी-गिरामी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भिलंगना विकास खंड में छात्र-छात्राओं की सुव्यवस्थित पठन-पाठन के लिए खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली की  सराहना की है कि उन्हीं के मार्गदर्शन में ब्लॉक भिलंगना की शिक्षक-शिक्षिकाओं की टीम बच्चों के भविष्य को संवारने में निरंतर प्रयत्नशील रही है और भविष्य में भी    खंड शिक्षा अधिकारी के मार्गदर्शन में शिक्षक-शिक्षिकाएं बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण में प्रयत्नशील रह कर क्षेत्र की शिक्षा को नई ऊँचाइयों पर ले जाने को संकल्प बद्धता के साथ और दृढ़ता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।

छात्रवृत्ति परीक्षा में सफल हुए बच्चों को शुभकामनाएं देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी जदली ने शिक्षक- शिक्षिकाओं का आभार जताया और उम्मीद जाहिर की कि शिक्षक वर्ग की मेहनत को छात्र-छात्राओं ने पूरी मेहनत व मनोयोग से सीखते हुए अपनी-अपनी हुनर का प्रदर्शन कर शिक्षा उन्नयन के क्षेत्र में विकास खंड को नई पहचान देने का काम किया है।

Monday, 2 May 2022

खागरिया में कांग्रेस के डीआरओ बने ऋषभ राणा



समीक्षा न्यूज संवाददाता

गाजियाबाद। कांग्रेस के वरिष्ट नेता ऋषभ राणा को कांग्रेस हाईकमान ने बिहार राज्य के खागरिया जिले में डीआरओ की जिम्मेदारी सौंपा है। ड्रिस्टिक्ट रिटर्निंग आॅफिसर नियुक्त होने पर  ऋषभ राणा ने कांग्रेस हाईकमान का आभार जताया है। ऋषभ राणा ने बताया कि उन्हें पार्टी ने जो जिम्मेदारी सौंपी है उस पर पूरी तरह से खरा उतरने का प्रयास करूँगा। विदित हो कि ऋषभ राणा  कांग्रेस में कई जिम्मेदारी बखूभी संभाल चुके है। एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, सेवादल और मैन कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने पार्टी के लिए काम किया है।




Friday, 29 April 2022

फूड लाइसेंस कैंप का आयोजित, 100 से अधिक लाईसेंस बनायें



धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

गाजियाबाद। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल एवं भाटिया मोड़ व्यापार मंडल द्वारा फूड लाइसेंस कैंप का आयोजन किया गया जिसमें व्यापारियों के लाइसेंस बनाए गए तथा व्यापारियों को जागरूक किया गया इस मौके पर चीफ सीएफएसओ एनएन झा, एफएसओ धमे्रन्द्र सिंह, एफएसओ निधि वर्मा, एफएसओ विनिता सिंह, एफएसओ राकेश यादव, एफएसओ दिनेश कुमार सहित व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष श्री संदीप बंसल मित्तल अनिल गुप्ता अरुण गुप्ता महेंद्र कुमार आदि व्यापारी मौजूद रहे इस मौके पर 100 से ऊपर व्यापारियों के लाइसेंस बनवाए।

Friday, 22 April 2022

आगराखाल में नि: शुल्क दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन



वाचस्पति रयाल—समीक्षा न्यूज  

प्रथम दिन 166 रोगियों की जांच, 22 को पूर्ण व आंशिक दातों के सेट कराये उपलब्ध

नरेन्द्रनगर। नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन,सीमा डेंटल  कॉलेज अस्पताल एवं  टीएचडीसी के सौजन्य से आगराखाल स्थित ओंकारानंद जूनियर हाई स्कूल में नि:शुल्क दंत चिकित्सा एवं कृत्रिम दंत शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पहले दिन 166 रोगियों की नि:शुल्क जांच की गयी।

  दंत चिकित्सा शिविर का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व ब्लाक प्रमुख वीरेंद्र कंडारी ने अपने सम्बोधन में ऐसे शिविर के आयोजन को बीमारियां झेल रहे लोगों के स्वास्थ्य लाभ में मील का पत्थर बताते हुए,आयोजक संस्थाओं का समूचे क्षेत्र की तरफ से आभार व्यक्त किया।

  3 दिनों तक चलने वाले इस शिविर के पहले दिन 166 रोगियों की नि:शुल्क जांच की गई।इनमें 22लोगों को पूर्ण तथा आंशिक दांतो के सेट दिये गये। जबकि 70 रोगियों के खराब दांत निकाले गए,32 के दांतों की सफाई व 12 रोगियों की दंत पंक्तियों की फिलिंग की गयी।

   सीमा डेंटल कॉलेज के निदेशक डा० ऐरन के अनुसार कुछ मरीजों को सीमा डेंटल कॉलेज रेफर किया जा रहा है,इनमें कुछ का नि: शुल्क व कुछ का 50 प्रतिशत शुल्क सहित इलाज किया जायेगा।

 शिविर 23 अप्रैल तक चलेगा।

    रोगियों की जांच करने वाली टीम में डॉ अमित अग्रवाल,डॉ अविनाश सिंह, डॉ वरुण कुमार,डॉ पुलकित गुप्ता,डॉ गीता, डॉक्टर दिनेश भट्ट,डॉक्टर योग श्री कृष्णन, डॉ बसंत कौर, डॉ गौरव सिंह, डॉ मानस ऐरेन,डां०गौतमी,डा०नेहा सिंह रावत,डा०केदार दियोल तथा तकनीशियन विनीत शामिल थे।

   इस मौके पर उद्योग व्यापार मंडल टिहरी के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कंडारी, आगराखाल के अध्यक्ष डा० डी एन रतूड़ी, जिला पंचायत सदस्य दयाल सिंह रावत व ओंकारानंद जू०हा०स्कूल के प्राचार्य विनोद कोठियाल आदि उपस्थित थे।

वाचस्पति रयाल—समीक्षा न्यूज  

प्रथम दिन 166 रोगियों की जांच, 22 को पूर्ण व आंशिक दातों के सेट कराये उपलब्ध

नरेन्द्रनगर। नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन,सीमा डेंटल  कॉलेज अस्पताल एवं  टीएचडीसी के सौजन्य से आगराखाल स्थित ओंकारानंद जूनियर हाई स्कूल में नि:शुल्क दंत चिकित्सा एवं कृत्रिम दंत शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पहले दिन 166 रोगियों की नि:शुल्क जांच की गयी।

  दंत चिकित्सा शिविर का शुभारंभ करते हुए बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पूर्व ब्लाक प्रमुख वीरेंद्र कंडारी ने अपने सम्बोधन में ऐसे शिविर के आयोजन को बीमारियां झेल रहे लोगों के स्वास्थ्य लाभ में मील का पत्थर बताते हुए,आयोजक संस्थाओं का समूचे क्षेत्र की तरफ से आभार व्यक्त किया।

  3 दिनों तक चलने वाले इस शिविर के पहले दिन 166 रोगियों की नि:शुल्क जांच की गई।इनमें 22लोगों को पूर्ण तथा आंशिक दांतो के सेट दिये गये। जबकि 70 रोगियों के खराब दांत निकाले गए,32 के दांतों की सफाई व 12 रोगियों की दंत पंक्तियों की फिलिंग की गयी।

   सीमा डेंटल कॉलेज के निदेशक डा० ऐरन के अनुसार कुछ मरीजों को सीमा डेंटल कॉलेज रेफर किया जा रहा है,इनमें कुछ का नि: शुल्क व कुछ का 50 प्रतिशत शुल्क सहित इलाज किया जायेगा।

 शिविर 23 अप्रैल तक चलेगा।

    रोगियों की जांच करने वाली टीम में डॉ अमित अग्रवाल,डॉ अविनाश सिंह, डॉ वरुण कुमार,डॉ पुलकित गुप्ता,डॉ गीता, डॉक्टर दिनेश भट्ट,डॉक्टर योग श्री कृष्णन, डॉ बसंत कौर, डॉ गौरव सिंह, डॉ मानस ऐरेन,डां०गौतमी,डा०नेहा सिंह रावत,डा०केदार दियोल तथा तकनीशियन विनीत शामिल थे।

   इस मौके पर उद्योग व्यापार मंडल टिहरी के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कंडारी, आगराखाल के अध्यक्ष डा० डी एन रतूड़ी, जिला पंचायत सदस्य दयाल सिंह रावत व ओंकारानंद जू०हा०स्कूल के प्राचार्य विनोद कोठियाल आदि उपस्थित थे।

श्राद्ध कर्म से तृप्त पितृ अपने वंशधर को सभी सुखों का देते हैं आशीर्वाद-रमेश



वाचस्पति रयाल—समीक्षा न्यूज  


सप्ताह तक चली श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, विशाल भंडारे के साथ हुआ समापन

नरेन्द्रनगर। पांडेय परिवार द्वारा साहब नगर में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का विशाल भंडारे के साथ समापन हो गया।

   बताते चलें कि श्री भरत मंदिर संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य रहे स्व०डॉक्टर भास्कर भूषण पांडेय के वार्षिक एको दिष्ट श्राद्ध के अवसर पर  समस्त पितरों की विष्णु सायुज्य मुक्ति हेतु पांडे निवास में परिवार के आस्थावान श्रद्धालुओं श्रीमती निर्मला देवी पांडे धर्मपत्नी स्वर्गीय डॉक्टर भास्कर भूषण पांडे एवं मुख्य यजमान हेमंत भूषण पांडे परिवार के सौजन्य से श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया गया।



    व्यास गद्दी पर विराजमान मुख्य कथावाचक आचार्य रमेश उनियाल ने वार्षिक एकोदिष्ट कथा का सार समझाते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जहाँ मन का शुद्धीकरण होता है,वहीं संशय दूर होते हैं और शांति व मुक्ति का पथ प्रशस्त होता है। प्राणी मात्र का लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है।

  प्रवचन करते हुए ज्ञानी आचार्य रमेश उनियाल ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण ही ज्ञान,भक्ति व वैराग्य की अनुभूति का रसपान करा कर भवसागर तारण कराता है।

 कहा कि हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रीति-रिवाजों से कराए गए श्राद्ध कर्म से तृप्त होकर पितृ अपने वंशधर को सपरिवार सुख,समृद्धि और स्वास्थ्य का आशीर्वाद देते हैं।

 पिता,दादा व परदादा पित्रों के तारण निमित्त कराए जाने वाले श्राद्ध कर्म में उच्चारित मंत्रों और आहुतियों को ये तीनों पितृ अन्य सभी पित्रों तक ले जाते हैं। देवताओं और पितरों के कर्म में कभी आलस्य नहीं करना चाहिए।

  पितृ जिस योनि में होते हैं,श्राद्ध का अन्न उसी योनि के अनुसार भोजन बन कर उन्हें प्राप्त होता है।

   प्रत्येक मनुष्य पर तीन प्रकार के ऋण ( देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण) से मुक्ति व मोक्ष के उपाय प्रक्रिया भी उन्होंने बतायी।

  आचार्य ने श्राद्ध में काला तिल व कुशा का भी बड़ा महत्व समझाया।साथ ही श्राद्ध पक्ष में उन्होंने कौए को   पितरों का वाहक बताते हुए कहा कि इसीलिए श्राद्ध का अंश कौए के लिए निकाला जाता है।

  श्राद्ध पक्ष के समय हिंदू संस्कृति में अपने पूर्वजों एवं माता-पिता के स्मरण में असीम श्रद्धा के साथ तर्पण, पिंडदान,यज्ञ तथा ब्राह्मणों सहित उपस्थित श्रद्धालुओं को भोजन कराने का बड़ा महत्व माना गया है।

   श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आचार्य रमेश उनियाल ने गीता,सुख सागर व महाभारत जैसे ग्रंथों के सारगर्भित प्रसंग भी आस्थावान श्रद्धालुओं को समझाये।

  श्रीमद् भागवत कथा सुनने के लिए आस्था वान श्रद्धालुओं की पांडे भवन  पाँडाल में भीड़ जुटी रही।

  बताते चलें कि स्वर्गीय डॉक्टर भास्कर भूषण पांडे, उत्तराखंड के जाने-माने ज्योतिषाचार्य डॉ ललिता प्रसाद पांडे के जेष्ठ पुत्र थे,जिनकी मौत पिछले वर्ष कोरोना से हुई, तब डॉक्टर भारत भूषण 47 वर्ष के थे,

  इस देव कार्य करने के लिए क्षेत्र के लोगों ने डॉक्टर भास्कर की पत्नी श्रीमती निर्मला पांडेय व हेमंत भूषण पांडेय सहित उमा पांडेय,प्रेम लाल पांडेय,शांति प्रसाद पांडेय,दिवाकर पांडेय,भुवनी पांडेय,मनोदरी पांडेय व अनीता पांडेय की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

  आचार्य मंडली में व्यास गद्दी पर विराजमान रमेश उनियाल के अलावा प्रमोद केमनी,रवि भूषण सेमवाल, प्रमोद कुलियाल,रघुवीर रयाल,सुनील गौड़़ व विकास मैठानी थे।

 विशाल भंडारे के साथ श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद ग्रहण कर भागवत कथा का समापन हो गया।

Thursday, 21 April 2022

वैभव खंड में पार्षद द्वारा चलाया गया सफाई अभियान




धनसिंह—समीक्षा न्यूज 

गाजियाबाद। वैभव खंड में पार्षद अभिनव जैन द्वारा वैभव खंड निवासियों एवं जीडीए के सहयोग द्वारा सफाई अभियान चलाया गया। मोदी जी के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत सफाई पर विशेष ध्यान रखते हुए। वैभव खंड के निवासियों को सम्मिलित करते हुए एवं जीडीए के कर्मचारियों के सहयोग से, स्वच्छता को एक उत्सव बनाते हुए सफाई अभियान चलाया गया। ऐसे अभियानों से जनता का योगदान बढ़ता है और कर्मचारियों का भी उत्साह बढ़ता है। रोजमर्रा की सफाई में जो कोने छूट जाते हैं उन जगहों में भी सफाई की गई। ऐसे अभियान पहले भी चलाए गए हैं और आगे भी चलाएं जाएंगे। मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान और एक स्वच्छ भारत का सपने को पूरा करने के लिए वैभव खंड की जनता अपना श्रमदान दे रही है।

इस अवसर पर शलिका बब्बर, श्रीमति वाष्णे्रय, अनिता माथुर, आशू मित्तल, वर्षल सिंगला, साक्षी, भावना व राजेश, सीबी सिंह, शशी, अमित, चन्द्र शेखर, सौरभ सहित अनेक लोग मोजूद रहे।

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने हनुमान जी की छठी पर किया भंडारे का आयोजन

 


प्रशांत अग्रवाल—समीक्षा न्यूज 

गाजियाबाद। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने हनुमान जी की छटी के उपलक्ष में अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के जिला उपाध्यक्ष विनोद अग्रवाल जी के प्रतिष्ठान पर भव्य भंडारे का आयोजन किया। जिसमें अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के सभी पदाधिकारी गण शामिल  हुए।



 

जिला अध्यक्ष संदीप बंसल जी के नेतृत्व में कढ़ी चावल प्रसाद गरीबों को वितरित किया गया इस मौके पर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संदीप, बंसल युवा महानगर अध्यक्ष हेमंत सिंघल, वरिष्ठ चेयरमैन अनिल गर्ग ,जिला उपाध्यक्ष संजय गुप्ता, जिला चेयरमैन कुमुद गर्ग, अमन सिसोदिया, विकास सिसोदिया, सोनू सैनी विनोद अग्रवाल सकुल अग्रवाल ,प्रेमप्रकाश चीनी, उदित मोहन गर्ग, विपिन गोयल ,संदीप गुप्ता दीपक गर्ग, राहुल गर्ग ,विकास शर्मा, आदि सैकड़ों व्यापारी मौजूद रहे।

दीपक मिश्रा मिथिलांचल समाज के महानगर अध्यक्ष मनोनीत, पार्षद सरदार सिंह भाटी ने पटका पहनाकर किया स्वागत



धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

साहिबाबाद। भाजपा पार्षद सरदार सिंह भाटी ने बताया दीपक मिश्रा जी एवम इनका परिवार भाजपा के पुराने कार्यकर्ता समर्थक है हमें बड़ी ख़ुशी हो रही है की उन्हें मिथिलांचल समाज का साहिबाबाद विधानसभा का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है मे उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं

साहिबाबाद विधानसभा से मिथिलांचल समाज का अध्यक्ष बनने पर दीपक मिश्रा जी ने बताया कि समाज के प्रति मेरे कार्य को देखते हुए आज मुझे मिथिलांचल समाज का अध्यक्ष बनाया गया है मैं मिथिलांचल समाज के लोगों का धन्यवाद आभार व्यक्त करता हूं एवं विश्वास दिलाता हूं कि मुझे आज जो जिम्मेदारी मिली है मै इसका पूरी ईमानदारी के साथ कर्तव्य निभालूंगा एवं मिथिलांचल समाज के लोगों की आवाज बनकर ऊपर तक उठाऊंगा l

इस अवसर पर भाजपा वरिष्ठ नेता कालीचरण पहलवान, रवि भाटी क्षेत्रीय कार्यकारिणी सदस्य भाजपा, कैलाश यादव उपाध्यक्ष किसान मोर्चा भाजपा,दीपक ठाकुर महानगर मंत्री,अशोक भाटी,सुदीप शर्मा,सोमनाथ चौहान,हमीद अंसारी मंत्री अल्पसंख्यक मोर्चा भाजपा ,उदय भान तिवारी सुरेश तिवारी,कौशल झा,राजेंद्र सोलंकी,मुन्ना तिवारी आदि गणमान्य लोगो ने दीपक मिश्रा जी को अध्यक्ष मनोनीत होने पर बधाई एवम शुभकामनायें दी l

Wednesday, 20 April 2022

शिव शक्ति सन्यास आश्रम मंदिर से धूमधाम से निकाली कलश यात्रा



धनिंसह—समीक्षा न्यूज 

साहिबाबाद। शहीद नगर शिव शक्ति सन्यास आश्रम मंदिर से शांति पूर्वक व धूमधाम से मिलकर कलश यात्रा निकाली गई और कलश यात्रा के साथ मौजूद आदरणीय सीओ साहब थाना से इंस्पेक्टर साहब  पुलिस बल के साथ मौजूद रहे और यात्रा निकलवा ते  हुए महंत  गुरुजी राम पुरी  महाराज जी, नारायण पुरी जी सतीश कुमार सैन जी अनुज पंडित जी योगेश पूर्व पार्षद जी राजु भट्ट जी मंगलू जाटव जी मदन सैन जी सुंदर उपाध्याय जी राजपाल शर्मा जी अली हसन अंसारी जी गुड्डू सेफी जी तिवारी जी बिट्टू सैन जीऔर भी अन्य काफी लोग मौजूद रहे।





गुलमोहर एन्क्लेव में लगा वैक्सीनेशन कैम्प



धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

गाजियाबाद। गुलमोहर एन्क्लेव में मंगलवार को कोरोना वैक्सीनेशन कैम्प आयोजित किया गया। कैम्प में 12 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को वैक्सीन व 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी बुजुर्गों को बूस्टर डोज़ लगाई गई। सोसायटी के आरडब्ल्यूए कार्यालय में सुबह 10 बजे से लगाये गए कैम्प में डॉ आकांक्षा व डॉ भारत ने 82 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इस अवसर पर आरडब्लयूए अध्यक्ष मनवीर चौधरी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की सहयोग से समय समय पर सोसायटी में स्वस्थ्य कैम्प लगाए जाते रहते हैं। आज भी सोसायटी के सभी लोगों को वैक्सीन कैम्प की जानकारी देकर वैक्सीनेशन लगवाने के लिए कहा गया था। सभी लोगों ने अपने 12 वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों को वैक्सीन लगवाई है। साथ ही बुजुर्गों ने भी बूस्टर डोज़ लगवाई है।

24 अप्रैल को गुलमोहर एन्क्लेव में लगेगा "गूँज" कलेक्शन कैम्प



धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

-गुलमोहर एन्क्लेव राकेश मार्ग आरडब्ल्यूए के सहयोग से एकत्रित की जाएगी जरूरतमंदों के लिए सामग्री

गाजियाबाद। किसी को खुशियाँ देने के उद्देश्य से बनाई गई "गूंज" संस्था जरूरतमंदों को उनके आवश्यकता की वस्तुएं पहुंचाने की कोशिश कर रही है। संपन्न और जरूरतमन्दों के बीच एक सेतु का काम कर रही यह संस्था सामर्थ्यवान लोगों से ऐसी वस्तुएं एकत्रित करती है जो उनके किसी काम की नहीं और अन्य किसी के लिए उपयोगी है। आगामी 24 अप्रैल दिन रविवार को गुलमोहर एन्क्लेव के कम्युनिटी में हॉल सुबह 9 बजे से दोपहर 4 बजे तक गूंज कलेक्शन व आरडब्ल्यूए के संयुक्त प्रयास से एक ऐसा ही कलेक्शन कैम्प लगाया जाएगा।

    बात दें कि विगत काफी वर्षों से असहाय लोगों के लिए काम कर रही गूँज संस्था में गुलमोहर निवासी सुनीता भाटिया वॉलिंटियर का कार्य कर रही हैं। यह संस्था जरुरतमन्दों लिए खुशियों को रिसाईकल करने का काम कर रही हैं। गूँज की वॉलिंटियर सुनीता भाटिया जगह जगह कैम्प लगाकर लोगों से उनके पुराने पहनने लायक कपड़े, पुरानी पुस्तकें, शॉल, कालीन, पर्दे, साड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स, स्वेटर, जूते, लोहे के संदूक, व्हील चेयर आदि समान एकत्रित करती हैं। उनकी यही संस्था आगे किसी जरूरतमंद को यह सामान निशुल्क उपलब्ध करा देती है। ऐसा करने से न ही तो कोई सामान बेकार जाता है और किसी जरूरतमंद को उसकी आवश्यकता का सामान भी मिल जाता है। इस कलेक्शन कैम्प के बारे में जब सुनीता भाटिया से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आम तौर पर हम सभी के घरों में कपड़े, जूते, गर्म कपड़े आदि सामान पीडीए रहता है जिसकी कंडीशन ठीक होने के बावजूद भी हम उसे इस्तेमाल करना छोड़ देते हैं। जबकि यही सामान किसी जरूरतमंद के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। इसी उद्देश्य से यह संस्था बनाई गई थी। उन्होंने यह भी बताया कि गुलमोहर एन्क्लेव आरडब्ल्यूए के सहयोग से वह समय समय पर कलेक्शन कैम्प लगाती रहती हैं जिसमें लगभग सभी लोगों का सहयोग भी मिलता रहता है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से यह अपील भी की है कि जो भी सामान डोनेट करना चाहे वह साफ सुथरा हो तथा फटा हुआ न हो। इसके साथ ही उसको ठीक प्रकार से पैक भी किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सभी सामान गूँज के प्रोसेसिंग सेंटर दिल्ली भेजा जाएगा, इस सामान को दिल्ली भेजने के किराये के लिए उन्होंने लोगों से आर्थिक सहयोग की अपील भी की। गुलमोहर एनक्लेव आरडब्लूए अध्यक्ष मनवीर चौधरी ने बताया कि आपके घर व्यर्थ पड़ी वस्तु को किसी जरूरतमंद तक पहुंचाना बहुत ही नेक कार्य है। सभी लोगों को इस प्रकार के कार्य को करते हुए अपने आस पास रह रहे जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए जिससे समाज में एक अच्छा सन्देश जाए।

Tuesday, 19 April 2022

पार्षद अभिनव जैन ने कि जीडीए वीसी एवं सचिव से मुलाकात, पार्कों की स्थिति सुधारने के लिए किया विचार विमर्श



धनसिंह—समीक्षा न्यूज 

गाजियाबाद।  गाजियाबाद नगर निगम वार्ड 99 वैभव खण्ड प्रथम के पार्षद अभिनव जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि जीडीए वीसी एवं सचिव से मुलाकात कर पार्कों की स्थिति सुधारने के लिए, बड़े हुए पेड़ों के ट्रीमिंग कराने के लिए और वाकिंग ट्रेक को ठीक करवाने के लिए कहा . पेड़ों की टाइमिंग की मशीन ऋतु महेश्वरी के कार्यकाल में मेरे निवेदन पर खरीदी गई थी। ए बी सी डी डी ए एवं सचिव साहब को बताया कि यह मशीन हमेशा खराब पड़ी रहती है कभी हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट इसकी बैटरी खराब, कभी ड्राइवर की तनखा नहीं , कभी किसी और  कारण पेड़ों की ट्रीमिंग का काम नहीं कराया जा रहा जिससे सड़क को की लाइटें पेड़ों में छुपने के कारण लूटमार की वारदात भी बढ़ती है।

जीटीए सचिव को आग्रह किया कि कुछ सड़कों का काम पेंडिंग है जिसमें टेंडर काम आने के कारण वह काम नहीं हो पाया। सचिव साहब ने एग्जाम जीडीए को आदेश दिया कि वह काम तुरंत कराने की कार्रवाई की जाए। जीडीए वीसी ने आश्वासन दिया कि यह काम जल्द होगा।

Monday, 18 April 2022

दिल्ली की घटना पर राहुल प्रधान बोले-मैं इसको पत्थर जिहाद का नाम दूँगा



 ग़ाज़ियाबाद: हमेशा अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहने वाले ग़ाज़ियाबाद से भाजपा (किसान मोर्चा) पूर्व राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य:राहुल प्रधान ने हनुमान जन्मोत्सव के दौरान दिल्ली में हुई पत्थरबाज़ी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.श्री प्रधान ने कहा कि मैं इसको पत्थर जिहाद का नाम दूँगा.उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन योजनाबुद्ध तरीक़े से पत्थर चलाए गए हैं इस घटना में विपक्षी दलों का भी हाथ हो सकता है श्री प्रधान ने आगे कहा कि हिंदू-मुस्लिम एकता पर नींबू निचोड़ने का काम राजनीतिक दल कर रहे है.श्री प्रधान कहते हैं कि पत्थर फेंके जा रहे है इसलिए बुलडोजर चलाया जा रहा है.अभी तक कश्मीर के लोगों ने पत्थर फेंकते हुए देखा गया,रामनवमी के दिन पूरे देश में पत्थर फेंके जा रहे हैं. श्री प्रधान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जुम्मे की नमाज़ के दिन मस्जिद से निकलती है,तो उनके हाथ में पत्थर होते हैं क्या मस्जिदों में पत्थर फेंकना सिखाया जाता है.उन्होंने दावा करते हुए कहा कि हनुमान जी के मंदिर से निकल कर किसी ने पत्थर नहीं फेंका, दुर्गा मंदिर से निकलकर किसी ने पत्थर नहीं फेंका था,गुरूद्वारे से निकलकर किसी ने पत्थर नहीं फेंका.

मुसलमानों का एक भी त्योहारों पर हिंदुओ ने पत्थर नहीं फेंका.लेकिन रामनवमी के दिन पत्थर क्यों फेंके जाएंगे! श्री प्रधान ने कहा,अगर पत्थर फेंके जाएंगे तो बुलडोज़र भी चलेगा. लाउड्स्पीकर को लेकर  उन्होंने कहा कि लाउड्स्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ना किया की एक प्रतिकिया है. बहुत सारे देश है जहाँ पर अजान पर प्रतिबंध लगा दिया गया.मस्जिदों पर प्रतिबंध,बहुत सारे देश में मदरसों को बंद कर दिया गया.अगर परीक्षा के समय अजान से ध्वनि  प्रदूषण फैलाते हैं,तो उन्होंने लोगों से बंद कराने की माँग उठाई है.सरकार इस पर कोई नीति निर्धारित करेगी.अगर मदरसों से,मस्जिदों से आतंकी निकलेगे, सरकार जाँच कराएगी.श्री प्रधान ने कहा कि मुसलमान भारतीय जनता पार्टी के साथ खड़ा है क्योंकि हिंदू-मुसलमान करना विपक्ष का काम है.उन्होंने कहा कि मुसलमानो ने भाजपा को वोट दिया है तभी चार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है.

जनसेवा केंद्र खोलने पर दिया आशीर्वाद



अंकित राजपूत—समीक्षा न्यूज  

मुरादनगर। सोमवार कस्बा स्थित राजवीर वाली गली में भाजपा नेत्री शालिनी शर्मा के द्वारा जन सेवा केंद्र खोलने पर महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने शालिनी शर्मा को दिया आशीर्वाद और सरकार की योजनाओ के बारे मे बताया साथ ही साथ घर घर पहुँचाने का लिया वादा, इस मौके पर महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान, महानगर महामंत्री गोपाल अग्रवाल, राकेश गोयल, विजय गौड़, पंकज गर्ग, मनोज शर्मा, अनिल शर्मा जी, रोहित शर्मा, गुलशन राजपूत, विनोद पाल, विनोद धनकर, मधु, मुनेश, मालती, आरती, प्रीति, पुनम आदि लोग शामिल रहे।

अंकित राजपूत—समीक्षा न्यूज  

मुरादनगर। सोमवार कस्बा स्थित राजवीर वाली गली में भाजपा नेत्री शालिनी शर्मा के द्वारा जन सेवा केंद्र खोलने पर महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने शालिनी शर्मा को दिया आशीर्वाद और सरकार की योजनाओ के बारे मे बताया साथ ही साथ घर घर पहुँचाने का लिया वादा, इस मौके पर महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान, महानगर महामंत्री गोपाल अग्रवाल, राकेश गोयल, विजय गौड़, पंकज गर्ग, मनोज शर्मा, अनिल शर्मा जी, रोहित शर्मा, गुलशन राजपूत, विनोद पाल, विनोद धनकर, मधु, मुनेश, मालती, आरती, प्रीति, पुनम आदि लोग शामिल रहे।

अंकित राजपूत—समीक्षा न्यूज  

मुरादनगर। सोमवार कस्बा स्थित राजवीर वाली गली में भाजपा नेत्री शालिनी शर्मा के द्वारा जन सेवा केंद्र खोलने पर महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा ने शालिनी शर्मा को दिया आशीर्वाद और सरकार की योजनाओ के बारे मे बताया साथ ही साथ घर घर पहुँचाने का लिया वादा, इस मौके पर महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, महानगर महामंत्री पप्पू पहलवान, महानगर महामंत्री गोपाल अग्रवाल, राकेश गोयल, विजय गौड़, पंकज गर्ग, मनोज शर्मा, अनिल शर्मा जी, रोहित शर्मा, गुलशन राजपूत, विनोद पाल, विनोद धनकर, मधु, मुनेश, मालती, आरती, प्रीति, पुनम आदि लोग शामिल रहे।

Sunday, 17 April 2022

पार्षद मनोज गोयल ने किया प्राथमिक चिकित्सा केंद्र का शुभारम्भ




धनसिंह—समीक्षा न्यूज  

साहिबाबाद। प्राथमिक चिकित्सा केंद्र महाराजपुर एक जो पिछले 3 सालों से सेक्टर 1 हाउस नंबर 345 में चल रहा था वह अब सेक्टर 2 बी 34 साधना वैशाली में सीफ्ट  हो गया है जिसका शुभारंभ आज पार्षद मनोज गोयल द्वारा किया गया यह सेंटर पार्षद द्वारा  गोद भी लिया गया कोरोना काल में वैक्सीनेशन अभियान में यह प्रथम भी आया है इसके अलावा यहां की प्रबंधक डॉ रितु वर्मा हर रोज बड़ी संख्या में मरीजों को देखती है काफी संख्या में यहां गर्भवती महिलाओं का इलाज होता है सरकार द्वारा कई तरह के  टेस्ट भी  सेंटर पर मुफ्त में कराए जाते हैं आज इस अवसर पर समाजसेवी  श्यामवीर  भदौरिया शिव शंकर उपाध्याय सुखबीर सिंह सोलंकी  थर्ड एफ के अध्यक्ष धीरेंद्र भदोरिया पवित्रा मोहित वरुण सिंह पुंडीर कनक राय प्रेमलता अंशुल रश्मि महावीर रोशन कुसुम सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित रहे