धनसिंह—समीक्षा न्यूज
मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में पूरी पारदर्शिता के साथ, बिना किसी भेदभाव
के भर्ती प्रक्रिया संचालित हो रही : उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि मिशन रोजगार के अन्तर्गत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप नियुक्ति पत्र वितरण के आज के इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की 1,573 ए0एन0एम0 स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया जा रहा है। विगत डेढ़ वर्षों में यह 19वां नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम है, इस प्रक्रिया में लगभग 58 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी दी गई है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निर्धारित समय-सीमा में पारदर्शी चयन प्रक्रिया द्वारा स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों का चयन किया गया है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के अन्तर्गत जनपदों के लिए चयनित 1,573 ए0एन0एम0 स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 15 ए0एन0एम0 स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित किये। कार्यक्रम में सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा मिशन रोजगार पर तैयार की गयी एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज का कार्यक्रम मिशन रोजगार का कार्यक्रम होने के साथ-साथ मिशन शक्ति का भी कार्यक्रम है। एक साथ इतनी बेटियों को नियुक्ति पत्र प्राप्त हो रहा है। मिशन शक्ति का अभियान महिला सशक्तिकरण करना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी नवनियुक्त ए0एन0एम0 स्वास्थ्य कार्यकर्त्रियां पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में अभिवृद्धि करने, उसको प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने और प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को देश के लिए नजीर बनाने में अपना योगदान देंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नियुक्ति और नियुक्ति पत्र वितरण की पूरी प्रक्रिया में कहीं कोई भेदभाव नहीं है। यह प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता के साथ सम्पन्न की जा रही है। यदि कोई अभ्यर्थी उत्तर प्रदेश का निवासी है या उत्तर प्रदेश में नौकरी करना चाहता है और योग्यता रखता है, तो उसे प्रदेश में कार्य करने का अवसर मिलना ही चाहिए। उत्तर प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि विभिन्न क्षेत्रों में अभी बहुत कुछ करना शेष है। राष्ट्रीय औसत का लक्ष्य प्राप्त करने के पश्चात अब हमें अन्तरराष्ट्रीय मानकों पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए। ‘एक जनपद, एक मेडिकल कॉलेज’ जैसे प्रयास इसी दिशा में किए जा रहे हैं। प्रदेश के प्रत्येक जनपद में नर्सिंग, पैरामेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। लगातार इस दिशा में कार्य चल रहा है। इस क्षेत्र में कार्य करने की बहुत सारी सम्भावनाएं हैं। हमें अपने आपको इसके लिए तैयार करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में नियुक्ति की प्रक्रिया से जुड़े हुए जो भी आयोग और बोर्ड हैं, उन पर कोई भी उंगली नहीं उठा सकता। तकनीकी का प्रयोग करते हुए सारी प्रक्रियाएं पारदर्शी रुप से सम्पन्न की जा रही हैं। देश के नौजवानों में एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है, उनमें प्रदेश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना है। किसी भी आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया का कोई भी मामला न्यायालय में लम्बित नहीं है। प्रदेश सरकार का किसी भी आयोग या बोर्ड के कार्य में हस्तक्षेप नहीं है। नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से कराना आयोग और बोर्ड का अधिकार है। वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार विगत 06 वर्षों में उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य की श्रेणी से उबर कर विकसित राज्य बनने की ओर अग्रसर है। वर्ष 2015-16 में प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या लगभग पौने छः करोड़ थी। प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के परिणाम स्वरूप गरीबी की दर 37.68 प्रतिशत से घटकर 2019-21 के बीच मात्र 3-4 वर्षां में ही 22 प्रतिशत करने में सफलता प्राप्त की है। विगत 02 वर्षों में स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीब कल्याण आदि विभिन्न क्षेत्रों में किए गए प्रयासों के परिणाम स्वरूप गरीबी की दर लगभग 11 से 12 फीसदी रह गई है। जनपद बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बदायूं, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, सम्भल, लखीमपुर खीरी, हरदोई और बांदा आदि जनपदों में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और जल संसाधन, स्किल डेवलपमेन्ट, रोजगार जैसे विभिन्न पैरामीटर तय किए गए हैं। इन जनपदों में एक अभियान के तहत कार्य किया गया।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व और नीति आयोग के मार्गदर्शन में प्रथम 08 आकांक्षात्मक जनपदों में परिवर्तन देखने को मिला है। प्रदेश सरकार ने 100 आकांक्षात्मक विकास खण्डों को भी चिन्हित किया। इन विकास खण्डों में विभिन्न विभागों ने शत-प्रतिशत मैनपावर की आपूर्ति करते हुए आकांक्षात्मक विकासखण्डों की स्थिति से उभारने के जो प्रयास हुए हैं, उसके परिणाम सभी को देखने को मिल रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले गोरखपुर, बस्ती, देवीपाटन, आजमगढ,़ मण्डल में एकमात्र मेडिकल कॉलेज जनपद गोरखपुर में था। नेपाल और बिहार के मरीज भी इसी मेडिकल कॉलेज में चिकित्सा के लिए आते थे। उन्होंने इस दुर्व्यवस्था के लिए सड़क से लेकर संसद तक निरंतर आवाज उठाई। अब जनपद गोरखपुर के बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज में वातानुकूलित सभागार, वॉर्ड आदि हैं। इलाज के लिए आने वाले प्रत्येक मरीज के लिए एक बेड आरक्षित है।
जनपद देवरिया, सिद्धार्थनगर, बस्ती, आजमगढ,़ बहराइच, मेडिकल कॉलेजों में कार्य प्रारम्भ हो चुका है। जनपद कुशीनगर, महराजगंज में मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। जनपद मऊ में एक नया मेडिकल कॉलेज बनने जा रहा है। जनपद बलिया और संतकबीरनगर में मेडिकल कॉलेज निर्माण की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जनपद बलरामपुर में के0जी0एम0यू0 के एक सैटेलाइट सेण्टर के रूप में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की कार्यवाही आगे बढ़ रही है। विगत 06 वर्षों में अनेक मेडिकल कॉलेजों का निर्माण हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना कालखण्ड की दूसरी लहर में प्रत्येक व्यक्ति सहमा हुआ था। उस समय उन्होंने स्वयं विभिन्न जनपदों का दौरा किया। गांव में कोई न कोई ए0एन0एम0 या आशा वर्कर डोर टू डोर कार्य करती हुई दिखती थी। कोरोना के सम्भावित मरीजों की रिपोर्ट वह इन्टीग्रेटेड कमाण्ड कण्ट्रोल सेण्टर में करती थी। इसके पश्चात मरीज के इलाज की व्यवस्था की जाती थी। उस समय प्रदेश को प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। लेकिन जमीनी धरातल पर कार्य इन हेल्थ वर्करों ने ही किया। इसके परिणामस्वरूप हमनें कोरोना पर विजय प्राप्त की। कार्य करने की इच्छाशक्ति ने ही प्रदेश और देश को बचाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तपेदिक, काली खांसी, टिटनेस, इन्फ्लुएंजा, पोलियो, खसरा, रूबेला, हेपेटाइटिस बी, रोटावायरस, निमोनिया से सम्बन्धित टीकाकरण के परिणामस्वरूप प्रदेश में शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत के बराबर लाने में सफलता प्राप्त हुई है। मातृत्व मृत्यु दर को भी राष्ट्रीय औसत के समकक्ष लाने में सफलता प्राप्त हुई है। कुछ मामलों में प्रदेश की उपलब्धियां राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 के अनुसार प्रदेश में वर्ष 2015-16 में 51 फीसदी टीकाकरण के सापेक्ष वर्ष 2019-20 में 70 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2022-23 में प्रदेश में पूर्ण प्रतिरक्षण का कवरेज 98 प्रतिशत है। इसमें आपकी अहम भूमिका होने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017 में स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाकर कार्यक्रम चलाया। परिणामस्वरूप इंसेफेलाइटिस बीमारी प्रदेश से पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। एक भी बच्चे की मौत इस बीमारी से नहीं होती। जनपद गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस से कमजोर तबके के बच्चे असमय काल कवलित होते थे। इस बीमारी ने वर्ष 1977-78 में पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपने पांव फैलाए थे। वर्ष 1977-78 से लेकर वर्ष 2017 तक पूरी उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश में 50 हजार से अधिक बच्चों की मौत इंसेफेलाइटिस से हुई थी। प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम वर्ष भर निरन्तर चल रहे हैं। यूनिसेफ, डब्ल्यू0एच0ओ0 और पाथ जैसी संस्थाओं ने केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा चलाए जाने वाले इस अभियान में जुड़कर अपना योगदान किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए ए0एन0एम0, हेल्थ वर्कर, आशा वर्कर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों को घर-घर जाना पड़ा। दस्तक अभियान चलाया गया। सभी प्रकार की बीमारियों के विरुद्ध जागरूकता का विशेष अभियान चलाया गया सभी विभागों ने मिलकर कार्य किया। सर्विलांस को बेहतर किया गया। पंचायतीराज और ग्राम्य विकास विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में और नगर विकास विभाग ने नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता और स्वच्छ जल आपूर्ति जैसे अभियान में अपना योगदान किया। शिक्षा विभाग ने जागरूकता कार्यक्रम से लोगों को जोड़ा। महिला और बाल विकास विभाग ने पोषाहार के कार्यक्रम को तेजी के साथ आगे बढ़ाने का कार्य किया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मिशन रोजगार को पूरा करते हुए प्रदेश सरकार लगातार तेजी के साथ कार्य कर रही है। चयनित युवाओं को प्रति सप्ताह किसी न किसी विभाग में नियुक्ति पत्र प्रदान किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में पूरी पारदर्शिता के साथ, बिना किसी भेदभाव के भर्ती प्रक्रिया संचालित हो रही है।
कार्यक्रम को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा, निदेशक सूचना श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।